Demat Account in Hindi – यदि आप economics या commerce के student रहे हैं या share market में दिलचस्पी रखते है तो आपने Demat Account का नाम जरूर सुना होगा। कई बार negative वजहों की वजह से भी share market चर्चा में रहा है, जैसा कि share घोटाले की वजह से। जिसमें आरोपी हर्शद मेहता को सजा हुई। एक वक्त था जब shares के लेन देन की प्रक्रिया थोडी जटिल थी। कागजी कार्रवाई भी लंबी थी और उसमें समय भी लंबा लगता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया digitize होने के बाद से shares की खरीद, बेच, इन्हे store करना आसान हो गया है। यह संभव हुआ है Demat Account के जरिये।
क्या आप जानते हैं कि Demat Account आखिर है क्या? यदि नहीं भी जानते हैं तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं। आज इस post के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि Demat Account क्या है? इस Account की जरूरत क्यों पडती है? इसके क्या फायदे या नुकसान हैं? तो आइए शुरू करते हैं पहले step Demat Account क्या है के question के answer के साथ।
Demat Account क्या है? What Is Demat Account –
जैसा कि आपको नाम से स्पष्ट हो रहा होगा कि यह एक भी एक Account यानी खाता है। Demat शब्द Dematerialized से लिया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ अभौतिक है। यानी यह एक अभौतिक खाता है। जिस तरह bank Account में आप पैसे रखते हैं, उसी तरह Demat Account में आप shares रखते हैं। जिस तरह हम अपने bank Account के जरिये लेन देन कर सकते हैं, ठीक उसी तरह हम अपने डीमैट खाता के जरिये shares की खरीद फरोख्त कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में आप इसे यूं समझ सकते हैं कि Demat Account में shares को digitally यानी electronically रखने की सुविधा होती है। इससे इनके चोरी होने, खोने का भय भी नहीं रहता।
Demat Account से सुविधाजनक हुआ काम –
Demat Account से काम बेहद सुविधाजनक हो गया है। इससे पहले यह प्रक्रिया मुश्किलों भरी थी। जब भी कोई shares खरीदे जाते थे तो कंपनी उन shares से जुड़े कागजात भेजा करती थी, जो इस बात का प्रूफ था कि आपने shares में invest किया है। यह प्रक्रिया थोडी मुश्किल थी, जिसकी वजह से लोग shares में invest करने से बचते थे।
लेकिन Demat Account के बाद से shares खरीदने बेचने की प्रक्रिया आसान हो गई है। जैसे ही आप shared खरीदते हैं। वह कुछ समय बाद आपके डीमैट खाता में show करने लगते हैं। और इसी तरह जब आप shares बेचते हैं तो उसका पैसा कुछ ही समय में आपके Account में आ जाता है। कुछ समय पहले तक यह काम computers के जरिये हो रहा था। लेकिन अब जब से Android mobile phones आए हैं। तब से mobile phones के जरिये भी Demat Account को संचालित किया जा सकता है।
सामान्य Account की ही तरह होती है Password की जरूरत –
जिस तरह आपको अपने सामान्य Account को operate करने के लिए password की जरूरत होती है। उसी तरह आपको अपनेे Demat Account को संचालित करने के लिए भी एक password की आवश्यकता होती है। इसके अलावा आपको इसमें transaction के लिए भी password की जरूरत पडती है।
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Demat Account की देख रेख करती हैं यह संस्थाएं –
अपने देश में Demat Account की देख रेख का जिम्मा जिन संस्थाओं पर है, वह दो संस्थाएं हैं NSDL और CSDL। NSDL की full form है-National securities depositary limited जबकि CSDL को पुकारा जाता है-Central securities depositary limited। हमारे देश में ज्यादातर बैंक इनके depositary paricipent यानी DP की तरह काम करते हैं। इनकी संख्या 500 से भी ज्यादा है। दूसरे शब्दों में इन्हें agent भी पुकारा जाता है।
यह agent bank और संस्थाएं Demat Account खोलने की सुविधा shares में invest करने वालों को देती हैं। इनमें online trading, brokerage और share investment companies जैसे कि zerodha, sharekhan, motilal oswal वगैरह वगैरह शामिल हैं।
Demat Account खोलने के लिए क्या Documents चाहिए? क्या Pan Card जरूरी है –
आपको अपना Demat Account खोलने के लिए वही Documents चाहिए, जो कि साधारणतया एक bank Account खोलने के लिए होने चाहिए। मसलन आपका address proof, आपका id proof, आपके 2 photograph और आपका pan card। दोेस्तों, यहां आपको बता दें कि बगैर आपके pan card के आपका डीमैट खाता नहीं खुल सकेगा। यह सबसे जयादा जरूरी है। आपके पास एक कैंसिल चेक या savings bank passbook भी होनी चाहिए।
Demat Account खोलने के लिए identity proof या address proof के रूप में जो Documents जमा किए जा सकते हैं, वह इस तरह हैं-
Identity Proof रूप में चलेंगे यह Documents –
- Pan card
- Voter ID
- Passport
- Driving license
- Electricity bill
- Telephone bill
- ID card (केंद्र या राज्य सरकार की ओर से जारी परिचय पत्र)
Address proof के तौर पर जमा किए जा सकते हैं यह Documents –
- Ration card
- Passport
- Voter ID
- Driving license
- Bank Passbook
- Electricity bill
- Telephone bill
- ID card (केंद्र या राज्य सरकार की ओर से जारी परिचय पत्र)
Account opening, maintaining और transaction fee देनी होगी –
आपको Demat Account open करने के वक्त तो fee चुकानी ही पडती है, इसके अलावा Account maintain करने के लिए एक सालाना fee भी देनी होती है। इसके अलावा आपको shares से जुडे transactions के लिए भी एक fee चुकानी पडती है। कई बार यह shares की संख्या पर निर्धारित होती है। Fee हर transaction पर लगती है। यह अलग बात है कि इन दिनों कई बैंक बहुत कम fee लेकर या महज 0 fee (कुछ शर्तों के साथ) पर भी Demat Account खोलने की सुविधा अपने customers को दे रहे हैं।
Demat Account कैसे खोलें? DEMAT अकाउंट कहाँ और कैसे खोले –
यदि आप भी अपना Demat Account खोलना चाहते हैं तो किसी भी DP यानी बैंक के साथ खोल सकते हैं। इन दिनों कई निजी बैंक भी जीरो fee पर डीमैट खाता खोलने की सुविधा दे रहे हैं। आप चाहें तो इन बैंकों की ओर से दी जा रही online सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको
- संबंधित बैंक की website पर जाकर open your Demat Account के option पर click करना होगा।
- click करते ही आपके सामने एक application form खुल जाएगा। इसमें आपको name, email ID, 10 digit mobile phone number, city की details भरनी होगी।
- इसके बाद आपको एक captcha code भरने को कहा जाएगा।
- इसके बाद आप submit के option पर click कर दें
- इसके पश्चात आपको आपके DP यानी बैंक की ओर से contact किया जाएगा
- इसके पश्चात आपको अपने Documents submit करने होंगे
- इतना करने के बाद आपका In person verification किया जाएगा, जिसके लिए आपका DP यानी बैंक की ओर से आपको call करके पूछा जाएगा।
- प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको आपका Account number और customer ID मुहैया करा दी जाएगी।
- इसके बाद आप अपने Demat Account के जरिये shares में trading, investment शुरू कर सकते हैं।
3-in-1 Account, Intraday trading की भी सुविधा –
कई बैंक और shares trading, investment की सुविधा देने वाली कंपनियां और DP Demat Account खोलने पर 3-in-1 Account की भी सुविधा देते हैं। जैसे कि savings bank Account, trading Account और डीमैट खाता। Savings bank Account के जरिये जहां पैसों का लेन देन होता है वहीं, shares, securities, debenture आदि fund से जुडे trade के लिए trade और shares store करने के लिए Demat Account खोलने की जरूरत पडती है।
इसके अलावा कई DP intraday trading की भी सुविधा देते हैं। यानी कि विशेष दिन होने वाली transaction के लिए कोई brokerage charge नहीं लिया जाता। कई जगह करीब एक हजार रूपये +tax पर सालाना recurring fee पर भी depositary paricipent यह सुविधा customer को मुहैया कराते है।
Demat Account के लाभ क्या क्या हैं –
इसका सबसे बडा फायदा तो यही है कि Demat Account के जरिये shares को electronically store किया जाता है। ऐसे में इनके खोने या चोरी होने की आशंका एकदम खत्म हो जाती है। इसके साथ ही shares संबंधी कागजातों में धोखाधडी की आशंका नहीं रह जाती, क्योंकि दस्तावेज रखने की जरूरत ही खत्म हो जाती है। जबकि ऐसा न होने पर shares से जुडे कागजात की स्थिति में धोखाधडी की आशंका रहती है।
इसके अलावा कई बार यह भी होता है कि आप पेपर कहीं रखकर भूल जाते हैं या उनके खोने की आशंका रहती है। Demat Account होने से यह चिंता दूर हो जाती है। Shares उसमें एक जगह सुरक्षित store रहते हैं। एक बडा लाभ यह भी है कि समय बीतने के साथ साथ कागज तो नश्ट हो जाता है, जबकि Demat Account के जरिये transaction का permanent, digital record रहता है। Certificate भी साथ रहते हैं।
एक और सबसे बडा लाभ यह है कि इससे share trading में बहुत सुविधा हो गई है। इस प्रक्रिया में अब बहुत ही कम समय लगता है। Online trading पर निगाह बनाए रखना भी बेहद आसान है और share market trend से update रहना भी। साथ ही shares को बेचने, खरीदने के त्वरित निर्णय लेना भी आसान हो गया है। पहले इस प्रक्रिया में बहुत समय लग जाता था। SEBI यानी Securities and exchange board of India की guidelines के अनुपालन में ही यह डीमैट खाता खोले जाते हैं। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं इन Accounts पर NSDL और CSDL की नजर रहती है।
Benefits Of Demat Account
ऐसा नहीं कि Demat Account के केवल लाभ ही लाभ हैं। इसका कोई नुकसान या दिक्कत नहीं। इसके भी अपने कई नुकसान हैं। सबसे बडा तो यह ही है कि इसमें आपको सालाना fee चुकानी ही होती है। चाहे आपके Demat Account में कोई share हो या न हो। या केवल एक ही share क्यों न हो।ऐसे में कई बार होता यह है कि आपको share की value से भी ज्यादा Account maintenance fee चुकानी पड जाती है।
इसके अलावा आपके broker के काम पर लगातार नजर रखनी पडती है कि कहीं वह कोई बेजा transaction तो नहीं कर रहा। इसके अलावा यदि आपने कभी computer या mobile पर बहुत work नहीं किया है तो आपको मुश्किल पेश आएगी। इसके लिए भी आपको skills की जरूरत होती है।
Demat Account से जुडी इस जानकारी से अब तक आप निश्चित रूप से यह तो समझ ही चुके होंगे कि यदि आप भी shares में deal करना चाहते हैं या shares की खरीद, बिक्री से जुडना चाहते हैं तो आपको Demat Account बनाना ही होगा। आप अपने इस डीमैट खाता में कितने shares रखना चाहते हैं? इसका फैसला आपका अपना होगा, क्योंकि इस Account में न्यूनतम shares कितने रखे जा सकते हैै इसकी कोई limit निर्धारित नहीं की गई है। ऐसे में आप अपनी जेब और सुविधा के हिसाब से shares store कर सकते हैं और बेहतर value दिखने पर बेच सकते हैं। अपनी कमाई कर सकते हैं। और यदि सीधे शब्दों में कहें तो आप घर बैठे अपनी income बढा सकते हैं।
तो दोस्तों यह था डीमैट खाता से जुडा वह विवरण, जो आप जानना चाहते हैं। हम आपको यह भी बता दें कि जैसे जैसे वित्तीय साक्षरता में इजाफा हुआ है। वैसे वैसे लोग share market trading को लेकर जागरूक हुए हैं। लिहाजा, Demat Account रखने वालों की तादाद में भी इजाफा हुआ है। अब share market को लेकर उनकी वह सोच भी बदली है। जिसमें लोग इस बाजार की अनिश्चितताओं को देखते हुए इसमें invest करने से हिचकते थे। इसमें risk महसूस करते थे।
Demat Account Related FAQ
Demat Account क्या हैं?
शेयर मार्किट में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला अकाउंट डीमेट अकाउंट कहलाता है। इस डीमेट अकाउंट में हम अपने शेयर को रखते हैं।
क्या SBI बैंक में Demat Account ओपन करा सकते हैं?
जी हां अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अपना डिमैट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो आप एसबीआई बैंक वेबसाइट पर जाकर अपना डिमैट अकाउंट ओपन करा सकते हैं
क्या डीमेट अकाउंट किसी भी बैंक में खोल सकते हैं?
जी हां डीमैट अकाउंट को आप किसी भी बैंक बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ओपन कर सकते हैं।
डीमेट अकाउंट खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज कौन से हैं?
डीमेट खाता खोलने के लिए आपके पास आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, बिजली बिल आदि जैसे दस्तावेज होने चाहिए।
डीमेट अकाउंट कितने दिन में खुल जाता है?
डिमैट अकाउंट ऑनलाइन बैंक की वेबसाइट पर जाकर ओपन करा सकते हैं यह अकाउंट 10 से 15 दिन के बीच ओपन हो जाता है
संक्षेप में –
अब लोग किसी भी कंपनी का portfolio देखकर ही उसके shares में investment करने को कदम आगे बढाते हैं। उसकी past performance नजर में रखते हैं और future potential जांचते हैं। इतना ही नहीं, वह किसी अच्छे वित्तीय जानकार से सलाह लेकर अपना investment portfolio तैयार करते हैं ताकि risk कम से कम हो और वह gain अधिक से अधिक कर सकें। लेकिन आपको बता दें कि आज भी अपने देश में बहुत संख्या उन लोगों की है, जो अभी भी share market और इसकी vocabulary से दूर की दुनिया में रह रहे हैं। Share, debenture, equity, dividend, investment, Demat Account जैसे शब्द अभी तक उन्होंने दूसरों के मुंह से सुने हैं, वह खुद अभी इनके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं।
कई ऐसे हैं, जो इन्हें केवल share brokers की दुनिया की terms मानते हैं। तो दोस्तों आज के इस समय में जरूरत है कि हर कोई, चाहे वह छोटी बचत करता हो या फिर बडी बचत करता हो, कुछ न कुछ invest करे, जो भविष्य में उसके काम आ सके। समझदारी से investment होगा तो पैसा कम से कम डूबेगा नहीं। इसके लिए जरूरत है कि वित्तीय रूप से साक्षर बनें। अपनी धनराशि का समझबूझ दिखाते हुए किसी वित्तीय सलाहकर की मदद से बेहतर तरीके से निवेश करें ताकि अच्छी कमाई के साथ बेहतर भविश्य भी बना सकें।