डिप्रेशन क्या है? | डिप्रेशन कब, क्यों और किसे होता है? | Depression in Hindi

|| Depression kaise hota hai | Depression ke bare mein jankari | डिप्रेशन क्या है? | Depression in Hindi | Depression ke karan kya hai | Depression kise hota hai | डिप्रेशन का ईलाज | Depression ka ilaj | Depression kise kehte hai ||

Depression in Hindi :- आज के समय में नयी नयी बीमारियाँ आ चुकी है लेकिन उसमे से जो सबसे गंभीर बीमारी है और जो आसानी से दिखती भी नहीं है, वह होती है डिप्रेशन की बीमारी। इस शब्द का नाम आपने अक्सर ही आजकल न्यूज़, सोशल मीडिया, आसपास के लोगों इत्यादि से सुन लिया (Depression kaise hota hai) होगा। कोई सोशल मीडिया पर डिप्रेशन का रोना रो रहा होता है तो कोई अपनों के सामने तो कोई कैसे। हालाँकि जो लोग सच में डिप्रेशन के शिकार होते हैं वे बोल कर इसका कारण नहीं बताते हैं और उन्हें हमें खुद ही पहचानना होता है।

तो आज का यह लेख डिप्रेशन के ऊपर ही है। यदि आप डिप्रेशन के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं। आज हम इसी डिप्रेशन की जड़ तक पहुंचेंगे और इसके बारे में शुरू से लेकर अंत तक पूरी जानकारी (Depression ke bare mein jankari) जुटाएंगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि इस लेख में आपको डिप्रेशन क्या है, उसके क्या लक्षण है, उससे बचाव के क्या कुछ उपाय हो सकते हैं इत्यादि हर विषय के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

डिप्रेशन क्या है? (Depression in Hindi)

सबसे पहले बात करते हैं कि आखिरकार यह डिप्रेशन होता क्या है या फिर इसका क्या ही मतलब होता है। तो यहाँ हम आपको एक बात पहले ही स्पष्ट कर दें कि यह एक बीमारी तो जरुर है और छोटी मोटी नहीं बल्कि एक गंभीर बीमारी है लेकिन यह किसी मेडिकल टेस्ट में नहीं पकड़ी जा सकती (Depression kya hai) है। अब यदि किसी व्यक्ति को कोई भी बीमारी होती है तो वह उसके मेडिकल टेस्ट के जरिये पकड़ी जा सकती है और फिर डॉक्टर उसकी रिपोर्ट के अनुसार ही आपका ईलाज करता है।

डिप्रेशन क्या है डिप्रेशन कब क्यों और किसे होता है Depression in Hindi

वहीं यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन से जूझ रहा है तो वह किसी भी मेडिकल टेस्ट में सामने नहीं आएगी क्योंकि यह शारीरिक बीमारी है ही नहीं। यह तो मानसिक बीमारी होती है जो आपके मन में होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से अवसाद में है और बहुत ज्यादा दुःख में जा चुका है तो उसे ही डिप्रेशन होना कहते हैं। अब मानसिक बीमारी से मतलब आप पागलपन या ऐसी हरकतें करने वाले लोगों से मत लगा लीजिए क्योंकि यह उससे बिल्कुल अलग होता (Depression kise kehte hai) है।

दरअसल डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति आपके और हमारे जैसा नार्मल ही होता है लेकिन उसमें कुछ ऐसा होता है जो हर किसी में नहीं होता है और वह होता है असीम दुःख। यह दुःख ऐसा होता है जिसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती (Depression kya hota hai) है। अब यह जरुरी नहीं है कि यह दुःख ही हो, यह भय भी हो सकता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि ऐसी कोई भी भावना जो मनुष्य को नकारात्मकता की ओर ले जाए तो उसे ही डिप्रेशन की संज्ञा दी जाती है।

डिप्रेशन को हिदी में क्या कहते हैं? (Depression ko Hindi me kya kehte hai)

अब यदि हम डिप्रेशन के हिंदी नाम की बात करें तो उसे हिंदी में अवसाद कह कर संबोधित किया जाता है। एक तरह से इसका डिप्रेशन नाम ही सबसे ज्यादा चलन में है क्योंकि अवसाद के बारे में बहुत ही कम लोग जानते (Depression ka Hindi meaning) हैं। साथ ही पहले के समय में जीवन बहुत ही खुशहाल था और लोगों में डिप्रेशन नाम की बीमारी होना बहुत ही कम मात्रा में पायी जाने वाली चीज़ थी। किंतु जैसे जैसे जीवन आगे बढ़ रहा है और तकनीक आ गयी है तभी से ही यह बीमारी अत्यधिक बढ़ गयी है।

डिप्रेशन किसे होता है? (Depression kise hota hai)

अब आप सोच रहे होंगे कि यह डिप्रेशन किसे किसे हो सकता है या इसके पीछे की मूल उम्र क्या है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि इसकी कोई उम्र सीमा नहीं है और यह छोटे बच्चे से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक में हो सकता है। यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि यह एक बहुत ही गंभीर बीमारी है जो किसी को भी अपनी जकड़ में ले सकती है। आज के दौर में तो 3 वर्ष के बच्चे से लेकर 80 वर्ष के बूढ़े तक में डिप्रेशन की शिकायत देखने को मिल रही है।

डिप्रेशन के कारण (Depression ke karan)

अभी तक आपने डिप्रेशन की परिभाषा के बारे में जानकारी ले ली है किंतु अब हम बात करने वाले हैं डिप्रेशन के कारणों के बारे में अर्थात यह किस कारण से हो सकता है, उसके बारे में। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यह किसी भी कारण से हो सकता है क्योंकि सभी के व्यक्तिगत कारण अलग अलग होते (Depression ke karan kya hai) हैं। किसी का कोई कारण होता है तो किसी का कोई और इसका कोई स्थायी कारण नहीं है।

अब किसी को अपने के मर जाने से इतन गहरा सदमा पहुँचता है कि वह डिप्रेशन में चला जाता है तो किसी को अपने प्रेमी के बिछड़ने का इतना अधिक भय होता है कि वह डिप्रेशन में चला जाता (Depression reason in Hindi) है। फिर भी हम डिप्रेशन के कुछ मूल कारणों को आपके सामने रखने जा रहे हैं ताकि आपको इसे समझने में कोई दिक्कत ना होने पाए।

  • सबसे ज्यादा डिप्रेशन उन लोगों में देखने को मिलता है जो अपने के जाने से या उनके मर जाने से बहुत ज्यादा दुखी हो जाते हैं और इसी कारण तनाव में चले जाते हैं। अब यदि आप किसी को बहुत चाहते थे या आपके परिवार का वह सदस्य था या मित्र था और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद आप अवश्य ही डिप्रेशन में जा सकते हैं।
  • डिप्रेशन का दूसरा सबसे बड़ा शिकार प्रेम प्रसंग होता है। अब लोग अपने करियर या परिवार पर ध्यान देने की बजाए प्रेम प्रसंग में पड़ जाते हैं और जब उन्हें दूसरी ओर से धोखा मिलता है या कुछ अनहोनी होती है तो वे डिप्रेशन में चले जाते हैं।
  • इसका तीसरा बड़ा कारण करियर की चिंता भी होती है। ऐसे बहुत से छात्र होते हैं जिनकी शिक्षा पूरी हो चुकी होती है लेकिन उनकी कहीं नौकरी नहीं लग रही होती है या वे बार बार परीक्षा में फेल हो रहे होते हैं तो उनमे भी डिप्रेशन की समस्या देखी जाती है।
  • इसमें पढ़ाई का दबाव भी डिप्रेशन की वजह बन जाता है और वे परीक्षा में अच्छे नंबर लाने या क्लास में टॉप करने के चक्कर में डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
  • परिवार या अपनों का किसी चीज़ को लेकर बहुत ज्यादा दबाव भी डिप्रेशन का एक मुख्य कारण उभर कर सामने आया है। अक्सर यह देखने को मिलता ही कि माता पिता या उसके अपने उस पर इतना अधिक दबाव बना देते हैं कि वह डिप्रेशन का शिकार हो जाता है।
  • बिज़नेस में या नौकरी में हुआ किसी तरह का घाटा या अनहोनी भी डिप्रेशन का कारण हो सकती है। अब यदि किसी व्यक्ति का व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था लेकिन अचानक से ही उसमे बहुत बड़ा घाटा लग जाता है या किसी व्यक्ति की नौकरी चली जाती है तो भी वह डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
  • इसके अलावा किसी भी तरह का अन्य दुःख जिसे व्यक्ति झेल नहीं पाता है या उसके बारे में ही सोचता रहता है तो इसका अर्थ है वह डिप्रेशन का शिकार हो चुका है।

डिप्रेशन के लक्षण (Depression ke lakshan kya hai)

अभी तक आपने डिप्रेशन के कई तरह के अलग अलग कारणों के बारे में जानकारी ले ली है लेकिन इसके लक्षण किस किस तरह के हो सकते हैं, इसके बारे में भी तो जानना उतना ही जरुरी है। अब कोई व्यक्ति डिप्रेशन में है भी या नहीं, इसके बारे में कैसे पता चल पाएगा क्योंकि यह कोई ऐसी बीमारी तो है नही जो किसी मेडिकल टेस्ट के द्वारा पकड़ में आ (Depression ke lakshan in Hindi) जाए। इसके लिए तो इसके लक्षण ही सबसे ज्यादा जरुरी होते हैं और उन्हीं से पता चल पाता है कि फलाना व्यक्ति डिप्रेशन में है या नहीं।

तो अब हम डिप्रेशन के अलग अलग लक्षणों के बारे में ही बात करने वाले हैं और उसके बारे में एक एक करके जानकारी देने वाले (Depression symptoms in Hindi) हैं। इन्हें अच्छे से पढ़ें और यदि आपको अपने किसी भी जानने वाले या पहचान के किसी मित्र या सगे संबंधी में ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत समझ जाइएगा कि वे डिप्रेशन से गुजर रहे हैं और उन्हें मदद की बहुत ज्यादा जरुरत है।

  • जो व्यक्ति डिप्रेशन से गुजर रहा होता है वह अक्सर सभी के साथ चिडचिडा सा व्यवहार करने लग जाता है। उससे कोई भी बात कर ली जाए वह हमेशा ही चिड़ा हुआ सा ही उत्तर देगा या उस बात से खीज जाएगा।
  • ऐसा व्यक्ति बहुत बार अकेले में रोता हुआ दिखाई देता है या किसी किसी के सामने फुट फुट कर रोने लगता है या कोने में छुप जाता है या बात बात में इमोशनल हो जाता है।
  • यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो चुका है तो उसे भूख बहुत कम लगती है या उसकी भूख बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि वह सामान्य तरीके से भोजन नहीं करता है, या तो वह बहुत कम खाता है या बहुत ज्यादा खाता है।
  • जो डिप्रेशन का शिकार हो चुका है वह स्वयं को अपराधी जैसा महसूस करने लगता है। वह हर चीज़ के लिए खुद को ही दोष देने लगता है और स्वयं को चोट भी पहुंचा सकता है। उसके साथ जो भी घटना हुई है वह उसके लिए खुद को ही दोषी समझता है।
  • ऐसा व्यक्ति ज्यादातर अकेले रहना ही पसंद करता है और उसे किसी का भी साथ पसंद नहीं आता है। एक तरह से कहा जाए तो ऐसा व्यक्ति किसी के साथ भी जल्दी से घुलता मिलता नहीं है या वह यह चाहता ही नहीं है और किसी पार्टी इत्यादि में नहीं जाता है।
  • ऐसा व्यक्ति नशे की आदत का भी शिकार हो जाता है और वह हर दूसरे दिन या हर दिन सिगरेट या शराब पीता हुआ दिख जाता है या फिर हमेशा ही नशे में चूर रहता है। इसलिए आप ऐसे लोगों को बेवडा समझने की बजाए उनकी मनोदशा का पता लगाएं क्योंकि क्या पता यह उनका जीवन बदल दे।
  • डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति किसी भी चीज़ को देख कर खुश नहीं होता है और उनके चेहरे पर हमेशा ही मायूसी ही छाई रहती है। जिस बात पर सभी लोग हंस रहे हैं, उस बात पर वह सामान्य ही रहेगा या दूसरों को दिखाने के लिए नकली स्माइल कर देगा।

इस तरह डिप्रेशन के कई तरह के अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। कुल मिलाकर जो व्यक्ति बहुत ही दुःख में है और हमेशा ही दुःख में रहता है तो इसका मतलब होता है कि वह अवश्य ही डिप्रेशन का शिकार हो चुका है और उसे अब आपकी बहुत ज्यादा जरुरत है। तो यदि आप वाकई में किसी अपने की मदद करना चाहते हैं जो डिप्रेशन का शिकार हो चुका है तो इसके लिए हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख पूरा पढ़ें।

डिप्रेशन का ईलाज (Depression ka ilaj)

अब यदि आप डिप्रेशन के कारण व लक्षण दोनों के बारे में जान चुके हैं तो बारी आती है इसका ईलाज किये जाने की। अब यदि आप सोच रहे हैं कि यह तो एक बीमारी है और इसका ईलाज करने के लिए किसी डॉक्टर के पास जाना होगा जो कुछ दवाइयां देगा और यह बीमारी ठीक हो जाएगी तो आप बिल्कुल गलत (Depression ke upay in Hindi) हैं। यह कोई शारीरिक बीमारी नहीं है जो किसी दवाई से ठीक हो जाए और ना ही किसी डॉक्टर में इतनी शक्ति है कि वह डिप्रेशन का ईलाज कर सके।

तो यदि आप वाकई में डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति का ईलाज करना चाहते हैं तो उसके लिए मनोचिकित्सक अर्थात साइकोलोजिस्ट के पास जाना होता है जो दिमाग का डॉक्टर होता (Depression se bachne ke liye kya kare) है। वह उस व्यक्ति के दिमाग को पढ़ता है, उसके दिमाग के साथ खेलता है और उसे अपने इशारों पर चलाते हुए उसका डिप्रेशन ठीक कर देता है। जो भी व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है उसे बिना सोचे समझे ही साइकोलोजिस्ट या दिमाग वाले डॉक्टर के पास जाना (Depression ke gharelu upay) चाहिए।

अब यदि वह नहीं जाता है तो आप उसे पकड़ कर डॉक्टर के पास लेकर जाएं और उसका ईलाज करवाएं। वह एक सप्ताह से भी कम समय में उसे ठीक कर देगा और फिर धीरे धीरे उसे खुशनुमा इंसान बना (Depression ke upchar) देगा। अब यदि वह डिप्रेशन वाला व्यक्ति डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहता है या उसका डिप्रेशन इतना बड़ा नहीं है तो आप घर पर ही या अन्य माध्यम से खुद का या उसका ईलाज कर सकते हैं। आइए जाने इसके तरीकों के बारे (Depression ke upay bataye) में।

  • सबसे पहले तो उस व्यक्ति से खुल कर बात करें जो डिप्रेशन का शिकार हो चुका है। ऐसे लोग इसलिए ही डिप्रेशन का शिकार होते हैं क्योंकि इनकी बात समझने वाला कोई भी नहीं होता है या फिर ये किसी से खुल कर अपनी बात कह नहीं पाते हैं। अब यदि वे मन में ही सारी बात रख लेंगे और किसी को कुछ नहीं कहेंगे तो अवश्य ही वे अंदर ही अंदर घुटते चले जाएंगे।
  • तो ऐसे में उस व्यक्ति से बात की जानी और ना केवल बात की जानी बल्कि उसे सुना जाना जरुरी होता है। ऐसे व्यक्ति को आपको अपने पूरे भरोसे में लेना चाहिए और उसकी बात को तसल्ली से सुनना चाहिए। आपको उसे जज नहीं करना चाहिए और ना ही उसके बारे में कोई राय बनानी चाहिए। आपको बस पूरे मन से और अच्छे से उसकी बात को सुनना चाहिए।
  • अब जब आप उसकी बात को ध्यान से सुन लें तो उससे बचने के या उसके लिए क्या कुछ उपाय हो सकते हैं जिससे कि वह व्यक्ति उस सदमे से बाहर निकल सके, वह उपाय किये जाने चाहिए। यह उपाय कुछ भी हो सकते हैं जो उस व्यक्ति की स्थिति, डिप्रेशन के प्रकार इत्यादि कई कारकों पर निर्भर करते हैं।
  • ऐसे व्यक्ति को जो डिप्रेशन का शिकार हो चुका है, उसे नियमित रूप से योग करना शुरू कर देना चाहिए। योग से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और चित्त शांत होता है। यदि वह एक घंटा भी नियमित रूप से योग करना शुरू कर देगा तो इसका परिणाम एक माह से भी कम समय में निकल जाएगा। इससे ना केवल पीड़ित व्यक्ति का डिप्रेशन दूर होगा बल्कि उसे आगे की राह भी दिखाई देगी।
  • यदि आप या आपका कोई जानकार डिप्रेशन से पीड़ित है तो आपको अपनी उसी जगह या उसी लाइफस्टाइल में रहने की बजाए कुछ दिन का ब्रेक लेना चाहिए और नयी चीजों को एक्स्प्लोर करना शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए यदि आप कुछ दिनों की कोई ट्रिप प्लान कर लेते हैं तो अवश्य ही आपके लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होने वाली है। आप किसी ऐसी जगह पर जाएं जहाँ पर आप कभी पहले ना गए हुए हों।
  • जिस भी चीज़ से आपको डिप्रेशन हो रहा है उस चीज़ को खुद से दूर कर दें या उसकी यादों को मिटा दें, इससे भी आपकी बहुत सहायता होगी। उदाहरण के लिए यदि आपका प्रेम संबंध को लेकर डिप्रेशन है तो आपको अपने प्रेमी की हर याद और गिफ्ट को मिटा देना होगा और उन्हें अपने जीवन से पूर्णतया निकाल देना होगा।
  • आपको अपने परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए और उनके साथ कोई ना कोई गतिविधि करते रहना चाहिए। यदि आप घर से दूर रहते हैं तो आपको बिना देर किये आज ही अपने घर के लिए निकल जाना चाहिए और अपने माता पिता को गले लगाना चाहिए। इससे आपका डिप्रेशन बहुत हद्द तक दूर हो जाएगा और आप तरोताजा महसूस करेंगे।
  • आपको अपने जीवन का कोई लक्ष्य बनाना चाहिए और उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। अक्सर यह देखने को मिलता है कि जो भी डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं उनके जीवन का कोई लक्ष्य नहीं बचता है और वे बिना किसी राह के इधर उधर ही भटक रहे होते हैं। तो यदि आप अपने जीवन का कोई लक्ष्य निर्धारित कर लेंगे तो अवश्य ही बहुत मदद मिल जाएगी।
  • ऐसे लोगों को फॉलो करना शुरू करें जो बहुत ही खुशमिजाज थे या हैं। ऐसे लोगों के जीवन से प्रेरणा लेकर आप बहुत कुछ सीख सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। इसलिए आप अपने जीवन की जो भी प्रेरणा फिर चाहे वे आचार्य चाणक्य हो या स्वामी विवेकानंद, उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य बनाएं।
  • आपको अपनी मित्र मंडली को भी बदलने की जरुरत है और ऐसे लोगों का साथ चाहिए जो आपके साथ पॉजिटिव रूप से रहें और वैसा ही व्यवहार करें। ऐसे लोगों के साथ समय व्यतीत करने से बहुत कुछ अच्छा देखने को मिलता है और आपकी भी बहुत हद्द तक मदद हो जाती है।

तो इस तरह से कई उपाय हैं जो आप खुद को डिप्रेशन से निकालने में या किसी अन्य जानकार को डिप्रेशन से दूर करने में अपना सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यह कोई निर्लज बीमारी नहीं है और यदि सच्चे मन से और पूरी मेहनत के साथ इसका ईलाज किया जाए तो अवश्य ही कुछ ही दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ जाएंगे।

डिप्रेशन क्या है – Related FAQs

प्रश्न: डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

उत्तर: डिप्रेशन के शुरुआती लक्षणों में व्यक्ति ठीक से सो नहीं पाता है या क्रोध करता है या कम खाता है।

प्रश्न: डिप्रेशन क्या है कैसे होता है?

उत्तर: डिप्रेशन के बारे में संपूर्ण जानकारी हमने विस्तृत रूप से इस लेख में दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: डिप्रेशन में आदमी क्या क्या करता है?

उत्तर: डिप्रेशन में आदमी दुखी रहता है, उदासीन रवैया अपनाता है या हमेशा अकेला अकेला महसूस करता है।

प्रश्न: डिप्रेशन की सबसे अच्छी दवा क्या है?

उत्तर: डिप्रेशन की सबसे अच्छी दवा योग है।

इस तरह से आज का यह लेख आपको यह समझाने के लिए था कि यह डिप्रेशन होता क्या है और इसका ईलाज कैसे किया जा सकता है। तो अब आप इस डिप्रेशन की बीमारी को हल्के में लेने का प्रयास बिल्कुल भी ना करें क्योंकि यह यदि अपनी चरम सीमा तक पहुँच जाए तो एक व्यक्ति का दिमाग काम करना बंद कर सकता है या वह स्वयं को चोट पहुंचा सकता है।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment