DGP कौन होता है? DGP कैसे बनें? योग्यता, सैलरी, तैयारी कैसे करें? DGP Full form In Hindi

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ग्रेजुएशन तक पहुंचते-पहुंचते छात्र-छात्राओं के दिमाग में यह बात साफ होने लगती है कि वह क्या बनना चाहते हैं। या वह पढ़ लिखकर अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं। ज्यादातर घरों में उन पर यह दबाव होता है कि वह पढ़ लिखकर कोई बड़ी नौकरी पर जाएं या कुछ ऐसा बड़ा करें जो औरों से हटकर हो। कुछ छा छात्रा ऐसे होते हैं, जो बचपन से ही अफसर बनना चाहते हैं तो कुछ इंजीनियर बनने का सपना ना देखते हैं। कुछ डाक्टर बनना चाहते हैं तो ऐसे भी युवाओं की कमी नहीं है, जो कि आगे चलकर पुलिस में अफसर बनना चाहते हैं। इनमें से कई ऐसे होते हैं, जो एक दिन कंधों पर तीन स्टार लगे होने का ख़्वाब देखते हैं, यानी वह पुलिस महानिदेशक मतलब कि DGP बनना चाहते हैं।

DGP पद ही ऐसा होता है। दोस्तों, क्या आप जानते हैं DGP क्या होता है? DGP कैसे बना जा सकता है? अगर नहीं तो भी परेशान न हों। DGP क्या है? DGP कैसे बनते हैं? इस बारे में हम आपको इस post के माध्यम से पूरी जानकारी देंगे। आपको बस करना इतना है कि इस post को पूरा पढ़ जाना है। इसके बाद ही आप इस पद से जुड़ी बारीक या कह लीजिए कि छोटी से छोटी जानकारी ग्रहण कर सकेंगे। आइए यहां से शुरू करते हैं –

DGP क्या है?

सबसे पहले आपको बताएंगे कि DGP क्या होता है। दरअसल, DGP Full form In Hindi –  Director General Of Police है। इसे हिंदी में पुलिस महानिदेशक पुकारा जाता है। एक DGP ही किसी भी राज्य में पुलिस का मुखिया होता है। हालांकि दिल्ली आदि कई राज्यों में पुलिस कमिश्नर का प्रावधान है। दोस्तों, यह भी जान लीजिए कि DGP थ्री स्टार रैंक और कैबिनेट के बराबर का पद होता है। इस पद का जलवा ही अलग होता है, जो खास तौर पर युवाओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो जाता है।

DGP कौन होता है? DGP कैसे बनें? योग्यता, सैलरी, तैयारी कैसे करें? DGP Full form In Hindi

DGP कैसे बन सकते हैं?

सबसे पहले यह साफ कर दें कि DGP के पद के लिए सीधी भर्ती नहीं होती। भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस में अधिकारी के पद पर भर्ती के बाद प्रमोशन के जरिए इस पद तक पहुंचा जा सकता है। सेवा की चयन प्रक्रिया थोड़ी मेहनत जरूर मांगती है, लेकिन बेहतर तैयारी और जज्बे से लक्ष्य पाया जा सकता है। आइए आपको बताएं कि आईपीएस बनने के लिए आपको क्या करना होगा।

DGP बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी होगी –

आईपीएस अधिकारी बनने के लिए सबसे पहले संघ लोक सेवा आयोग यानी कि UPSC की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। इसमें लिखित परीक्षा के साथ ही इंटरव्यू होगा। इसके बाद शारीरिक परीक्षा देनी होगी। लिखित में प्रारंभिक के साथ ही मुख्य परीक्षा होगी।

DGP के लिए प्रारंभिक परीक्षा –

प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं। पहला पेपर 200 अंको का होता है। इसके लिए दो घंटे की अवधि निर्धारित की गई है। इसमें national current affairs, national history, राष्ट्रीय आंदोलन, भारत और विश्व का भूगोल, सिस्टम गवर्नेंस (संविधान, योजनाएं, public policy), आर्थिक-सामाजिक विकास (गरीबी, जनसंख्या), environmental ecology, biodiversity, climate change के साथ ही General science पर objective सवाल पूछे जाएंगे।

इसका दूसरा पेपर भी 200 अंकों का ही होता है। इसके लिए भी दो घंटे की अवधि निर्धारित की गई है। इसमें logical reasoning, analytical ability, decision making, problem solving, general and mental ability, basic maths और data interpretation से जुड़े सवाल होंगे।

DGP के लिए मुख्य परीक्षा –

अब आपको मुख्य परीक्षा के बारे में बता दें। इसमें नौ पेपर होते हैं, जिसमें से दो qualifying पेपर होते हैं। यह दोनों 300-300 अंकों के होते हैं। इनमें से एक भारतीय और एक अंग्रेजी भाषा का होता है। इसके अलावा एक पेपर essay यानी निबंध का होता है। इसके लिए 250 अंक रखे गए हैं। इसके बाद चार पेपर general studies के होते हैं। यह भी 250-250 अंकों के होते हैं। जबकि दो optional subjects के पेपर होते हैं।

इन विषयों में physics, chemistry, botany, law, management आदि विषय शामिल होते हैं, जो अभ्यर्थी अपनी इच्छा से चुनता है। इस तरह कुछ 1750 अंकों के यह सभी पेपर होते हैं।

DGP के लिए इंटरव्यू –

मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने के पश्चात इंटरव्यू होता है। यह पूरी चयन प्रक्रिया का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। उसके लिए 45 मिनट का समय और 275 अंक निर्धारित किए गए हैं। इस तरह परीक्षा कुल 2025 अंकों की होती है। आपको यह भी साफ कर दें कि प्रारंभिक परीक्षा में पास होने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। और मुख्य परीक्षा में निकलने के बाद ही इंटरव्यू के लिए बुलवाया जाता है।

DGP परीक्षार्थी के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता क्या है?

जो विद्यार्थी ग्रेजुएशन कर चुके हैं वह UPSC की परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसके अलावा इस परीक्षा में वह अभ्यर्थी भी बैठ सकते हैं, जो अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठ रहे हों। बस शर्त यह है कि उन्हें शारीरिक योग्यता परीक्षा के वक्त अपना ग्रेजुएशन पास आउट का नतीजा दिखाना होगा।

DGP आवेदन के लिए उम्र क्या रखी गई है?

अब उम्र पर आते हैं। दोस्तों, इस परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम उम्र 21, जबकि अधिकतम 30 वर्ष रखी गई है। अनुसूचित जाति/जनजाति यानी SC/ST के लिए पांच साल की छूट का प्रावधान किया गया है। वह अधिकतम 35 वर्ष तक इस परीक्षा में बैठ सकते हैं। अब आएं शारीरिक योग्यता पर। पुरुष अभ्यर्थियों के लिए ऊंचाई 165 सेंटीमीटर, जबकि महिला अभ्यर्थियों के लिए 150 सेंटीमीटर निर्धारित की गई है।

SC/OBC के अभ्यर्थियों के लिए छूट दी गई है। इस वर्ग में पुरुष के लिए यह मानक 160, जबकि इस वर्ग की महिला अभ्यर्थियों के लिए यह मानक 145 सेंटीमीटर रखा गया है।

DGP बनने के चरण –

सबसे पहले डीएसपी के रूप में भर्ती मिलती है। इसके बाद कई पदों से गुजरते हुए DGP के पद तक पहुंचा जा सकता है। इन पदों को इस तरह से समझा जा सकता है –

DSP, ASP, SP, SSP, DIG, IGP, AGP, DGP यानी डीजीपी तक पहुंचने के लिए सबसे पहले डीएसपी इसके बाद एएसपी, फिर एसपी, फिर एसएसपी, फिर डीआईजी, इसके बाद आईजीपी, फिर एडीजीपी बनना होता है।

डीएसपी बनने के बाद क्या होता है?

डीएसपी बनने के बाद एसपी ऑफिस में 1 साल की ट्रेनिंग होती है। और इसके बाद एएसपी ऑफिस में 2 साल डीएसपी के तौर पर काम करना होता है। आपको यह भी बता दें कि नौकरी में पहली नियुक्ति 9300 से 34800 तक ग्रेड पर होती है। पहले इसकी ट्रेनिंग कल मसूरी में होती थी अब हैदराबाद में भी होती है इसके तहत आईपीसी यानी भारतीय दंड संहिता (इंडियन पीनल कोड) स्पेशल लो क्रिमिनोलॉजी और फिजिकल की ट्रेनिंग दी जाती है।

साथियों, यह भी समझ लीजिए कि अगर आपकी खुद से क्रिमिनल साइकोलॉजी में दिलचस्पी है तो यह आपके लिए प्लस प्वाइंट बन सकता है। जिस क्षेत्र में आपकी रुचि है उस क्षेत्र में जाना यूं भी एक boon यानी वरदान ही समझा जाता है

क्या Coaching से होता है कोई फायदा –

आपको बता दें कि अगर आप अपना सपना पूरा करने के लिए coaching करते हैं तो यह भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। आपको इसमें मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू निकालने वाले अभ्यर्थियों से tips भी हासिल होंगे, जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे। Coaching सेंटर में आपको papers का अभ्यास कराया जाएगा। इसके साथ ही आपकी परीक्षा भी ली जाती रहेगी, ताकि आपकी तैयारी की जांच हो सके। आप चाहें तो सफल अभ्यर्थियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर भी उनसे परीक्षा और इंटरव्यू में कामयाब होने के tips हासिल कर सकते हैं।

अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए लगातार अंग्रेजी अखबार पढ़ने की आदत डालें। साथ ही किसी चैनल पर अंग्रेजी में आने वाली live debates को सुनकर भी आपकी भाषा की समझ विकसित होगी। सबसे अहम बात यह है कि आप अपना एक time table बनाकर परीक्षा की तैयारी करें। दोस्तो, अगर आप चाहें तो ग्रुप बना कर भी स्टडी कर सकते हैं। इसका अपना अलग फायदा है एक दूसरे के आईडिया और कम्युनिकेशन स्किल्स का वापस में अंग्रेजी में बातचीत में भी फायदा उठा सकते हैं। किसी भी विषय पर आपस में ग्रुप डिस्कशन कर सकते हैं।

जैसा कि उपर हम बता चुके हैं कि इससे अंग्रेजी भाषा का भी अभ्यास होगा, साथ ही संबंधित विषय पर जानकारी भी बढ़ेगी। जैसा कि आप जानते हैं कि परीक्षा के दौरान एक पेपर अंग्रेजी का भी होना है। ऐसे में जिन विद्यार्थियों की अंग्रेजी कमजोर है, उन्हें इस पर खूब काम करने की जरूरत है। इसके अलावा जनरल स्टडीज के पेपर में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए और अच्छे अंक लाने के लिए आप अखबारों को रोज पढ़ें। और टीवी चैनलों पर न्यूज़ जरूर देखें। योजना और फ्रंटलाइन जैसी किताबें पढ़ना भी आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

आप नोट्स बनाकर तैयारी करेंगे तो और बेहतर होगा। इसके अलावा इंटरनेट के जरिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न विभागों में विभिन्न योजनाओं की भी आप जानकारी ले सकते हैं। यह मानकर चला जाता है कि वैकल्पिक विषय पर आपकी पकड़ मजबूत होगी ही।

DGP FAQ

DGP कौन होता है?

डीजीपी राज्य स्तर पर पुलिस का प्रमुख अधिकारी होता हैं। जो पूरे राज्य में के सभी जिलों की पुलिस कर्मचारियों से संबंधित और राज्य के हर जिले की अपराध के रिपोर्ट की जानकारी रखता हैं।

DGP फुल्लफॉर्म क्या होता हैं?

DGP का फुल्लफॉर्म Director General Of Police होता है जिसे हिंदी में पुलिस महानिदेशक कहाँ जाता हैं।

DGP कैसे बनें?

DGP बनने के लिए आपको कुछ योग्यताओं को पूरा करते हुए UPSC Union Public Service Commission के अंतर्गत होनी वाली परीक्षाओं को पास करना होगा। जिसकी पूरी जानकारी ऊपर दी गईं।

डीजीपी का वेतन कितना होता हैं?

डीजीपी पुलिस महानिदेशक अधिकारी को 56000 से 80000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। इसके अलावा सरकार की तरफ अन्य कई सुविधाओ को प्रदान किया जाता हैं।

क्या मैं DGP बन सकता हूँ?

जी हां अगर आपके पास ऊपर बताई गई योग्यताएं है तो आप इसके अंर्तगत होने वाले एग्जाम को पास करके इस पद को हासिल कर सकते हैं।

अंतिम शब्द

दोस्तों आपको यह भी बता दे कि कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में भी पुलिस कमिश्नर की व्यवस्था की गई है। करीब पंद्रह ही दिन हुए हैं। खुद उत्तर प्रदेश सरकार ने कदम उठाते हुए मेरठ और लखनऊ में भी कमिश्नर बैठा दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि इससे लॉ एंड ऑर्डर व्यवस्था बेहतर होगी दोस्तों, यह थी DGP के बारे में सारी जानकारी । उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपके दिमाग में भी भी इस विषय को लेकर कोई और शक या शुबहा है तो आप नीचे लिखे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपनी राय हमें भेज सकते हैं। हम उस शुबहे को दूर करने की पूरी पूरी कोशिश करेंगे ।

इसके अलावा किसी दूसरे विषय पर अगर आप जानकारी लेना चाहते हैं तो भी आप नीचे लिखे कमेंट बॉक्स में विषय का नाम लिखकर हमें भेज सकते हैं। हम उस विषय पर पूरी जानकारी देने की पूरी पूरी कोशिश करेंगे । इसके अलावा अगर कोई सुझाव भी इस वक्त आपके मन में चल रहा है तो भी आप उसे हमसे साझा कर सकते हैं । उसके लिए तरीका यही रहेगा कि आपको कमेंट बॉक्स में कमेंट करना होगा। हमारी उस पर भी अमल करने की पूरी पूरी कोशिश रहेगी । तब तक इस मंच पर आकर विभिन्न विषयों पर जानकारी पढ़ते रहिए और अपनी बात हमसे साझा करते रहिए।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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