सड़क किनारे ढाबा कैसे खोलें? ढाबा बिजनेस लागत, प्रॉफिट, नाम, सेटअप | Dhaba kaise khole?

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क्या आप बाहर जाकर खाना पसंद करते हैं? ऐसे में आपके पास कई तरह के विकल्प होते होंगे। जैसे कि होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा व सड़क किनारे लगने वाली रेहड़ी (Dhaba kaise chalaye) पटरी इत्यादि। इसी के साथ आप ऑनलाइन खाना भी मंगवा सकते हैं। किंतु इन सभी में (Dhaba kaise kholte hain) आपको घर जैसे खाने का स्वाद किसमे आता होगा? आपका उत्तर होगा ढाबा। ढाबा है ही एक ऐसी चीज़।

अब यदि आप भी सड़क (Dhaba kaise khulta hai) किनारे ढाबा लगाने का बिज़नेस शुरू करने का सोच रहे हैं तो आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकरी पहले से ही जुटा लेनी चाहिए। यदि आप पूरी जानकारी के साथ ढाबा खोलेंगे तो अवश्य (Dhaba kaise khola jata hai) ही इसमें लाभ लाभ कमाएंगे। ऐसे में आइए जाने ढाबा खोलने के लिए आपको क्या क्या करना पड़ेगा और इसके लिए आपको किस तरह की तैयारी करके रखनी होगी।

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सड़क किनारे ढाबा कैसे खोलें? Dhaba Kaise Khole?

यदि आप खाना बनाने के शौक़ीन हैं या इस तरह के व्यापार में रुचि रखते हैं तो आपको ढाबा अवश्य ही खोलना चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपका ढाबा खोलने का विचार बहुत ही बढ़िया हैं और इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की भी आवश्यकता नही (Dhaba ka business kaise kare) होती हैं। आपको बस कुछ बातो का ध्यान रखना होगा और कुछ नियमो का पालन करना होगा।

तो ऐसे में ढाबा खोलने के लिए आप क्या क्या कर सकते हैं और उसके लिए आपको क्या क्या जानकारी जुटानी होगी, इत्यादि सब पहले से ही जान लेंगे तो कोई दिक्कत नही होगी। आइए जाने ढाबा खोलने से पहले आपको क्या क्या जानकारी जुटानी चाहिए।

सड़क किनारे ढाबा कैसे खोलें? ढाबा बिजनेस लागत, प्रॉफिट, नाम, सेटअप | Dhaba kaise khole?

ढाबा खोलने से पहले क्या है जरुरी (Dhaba business plan in Hindi)

सबसे पहले तो आप यह जान ले कि यदि आप ढाबा खोलने जा रहे हैं तो चाहे आप स्वयं उसमे खाना बनाए या नही, लेकिन आपको खाने के बारे में सही से जानकारी आवश्यक रूप से होनी चाहिए। यदि ढाबे के मालिक को ही खाने के बारे में सही जानकारी नही होगी तो फिर उसका ढाबा कुछ ही दिनों में बंद हो जाएगा। इसलिए यह बहुत आवश्यक हैं कि आपको खाना बनाना आना चाहिए।

इसलिए ढाबा खोलने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि आप खाना बनाना अच्छे से सीख ले। यदि नही भी सीखना चाहते हैं तो आप उसके बारे में मूलभूत जानकारी ले ले। इससे आपको ढाबे का संचालन करने में आसानी होगी।

ढाबा क्या होता है (Dhaba kya hota hai)

अब ढाबा खोलने से पहले यह जानना जरुरी हैं कि आखिरकार एक ढाबा होता क्या है। या फिर यह किसी होटल या रेस्टोरेंट से किस तरह से अलग हो सकता हैं। दरअसल एक होटल तो वह होता हैं जिसमें खाने की लगभग सभी तरह की आइटम होती हैं। अब उसमे तो वह सब्जियां भी आएँगी जो उस मौसम में नही मिलती हैं। साथ ही इसमें आपके आर्डर करने के बाद आपको सर्व किया जाएगा और हर तरह का ख्याल रखा जाएगा।

रेस्टोरेंट में भी होटल की ही तरह सभी तरह की चीज़ होगी। हालाँकि यह आवश्यक नही कि रेस्टोरेंट में खाना भी हो। इसमें केवल फ़ास्ट फ़ूड या कुछ स्पेसिफिक आइटम हो सकते हैं। होटल में तो सभी तरह की डिश होती हैं और खाने की आइटम तो सभी तरह की होगी। खाने की उतेम का मतलब रोटियां व सब्जियां। रेस्टोरेंट में कुछ स्पेसिफिक चीज़े हो सकती हैं जो उनके मेनू कार्ड में लिखी हुई होती हैं।

अब करते हैं ढाबा की बात। आखिरकार एक ढाबा इन सभी से कैसे अलग होता हैं। तो आज आप यह जान ले कि ढाबे में फ़ास्ट फ़ूड इत्यादि सब नही मिलता हैं। यहाँ पर आपको सुबह का नाश्ता, दोपहर व रात का खाना मिलेगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि ढाबे में आपको घर पर सामान्य रूप से बनने वाला भोजन मिलेगा। इसमें आपको कई तरह की सब्जियां व रोटी मिलेगी। यहाँ आपको नान, रुमाली रोटी इत्यादि भी नही मिलेगी।

ढाबे के लिए जगह (Dhabe ke liye jagah)

अब जब आपने ढाबे के बारे में अच्छे से जान लिया हैं तो अब समय हैं ढाबे के लिए जगह का चुनाव करने का। ढाबे की जगह का चुनाव करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं क्योंकि यही चीज़ आपके ढाबे को चलाने के लिए प्रथम तौर पर उत्तरदायी होगी। यदि यह जगह (Dhaba kaha khole) ही गलत हुई तो फिर आप कितना जी अच्छा खाना बना ले, फिर भी आपका ढाबा नही चल पाएगा। इसलिए आइए जाने ढाबे के लिए आप किस किस जगह का चुनाव कर सकते हैं।

  • हाईवे के किनारे: धबो की मुख्य पहचान हाईवे से ही होती हैं। आप भी जब कभी यात्रा पर निकले होंगे फिर चाहे वह स्वयं के वाहन पर हो या किसी बस पर। आप अवश्य ही हाईवे किनारे किसी ना किसी ढाबे पर रुके होंगे और खाना खाया होगा। तो यह जान ले कि यह ढाबा हाईवे के ही किनारे ही हो, ना कि उसमे कोई गली में मुड़कर। यदि यह किसी गली में थोड़ा सा भी मुड़ा हुआ होगा तो यह बिल्कुल भी नही चलेगा।
  • धार्मिक स्थल: अब यदि आप किसी ऐसे शहर में रहते हैं जहाँ लोग धार्मिक यात्रा पर आते हैं या फिर आपके शहर में कोई ऐसी जगह हैं जहाँ कोई धार्मिक स्थल प्रसिद्ध हैं। तो आप उस स्थल के आसपास भी अपना ढाबा खोल सकते हैं। यह ढाबा चलाने का एक सबसे बढ़िया और प्रमुख साधन हैं।
  • रेलवे स्टेशन: भारत में रोज करोड़ो लोग रेल यात्रा करते हैं। ऐसे में हर दिन एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं। इसमें से अधिकांश लोग होटल या रेस्टोरेंट खाने की बजाए ढाबे पर खाना ही पसंद करते हैं। इसलिए आप भी रेलवे स्टेशन के किनारे ढाबा खोल सकते हैं।
  • बस स्टैंड: अब जिस तरह लोग रेल से यात्रा करते हैं ठीक उसी तरह बस से भी यात्रा करते हैं। ऐसे में आप अपना ढाबा बस स्टैंड के पास भी खोल सकते हैं।
  • पेट्रोल पंप: ज्यादातर पेट्रोल पुम्क हाईवे किनारे ही बने होते हैं। अब आप वैसे तो हाईवे में कही भी ढाबा खोल सकते हैं लेकिन यदि आप किसी पेट्रोल पंप के आसपास ढाबा खोलेंगे तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। ज्यादातर लोग वहां रुकना पसंद करते हैं जहाँ उनके दोनों तरह के काम हो जाए। इसलिए आप पेट्रोल ;पंप के पास अपना ढाबा खोले।
  • बाजार में: शहर में ढाबा खोलना हो तो आप बाजार में या फिर ऐसी जगह ढाबा खोले जहाँ भीड़ ज्यादा रहती हो। यह भीड़ चाहे मॉल की हो या कॉलेज की या किसी अन्य स्थल की। यहाँ आपको उचित कमाई हो जाया करेगी।

इसके अलावा आप ढाबा वहां खोले जहाँ बाहर से आकर रहने वाले लोग ज्यादा रहते हो। यदि आप किसी ऐसे शहर में रहते हैं जहाँ कोई प्रसिद्ध कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कंपनी या फैक्ट्री हैं तो आप वहां उसके आसपास या जहाँ उस जगह पढ़ने वाले बच्चे या काम करने वाले कर्मचारी रहते हैं, वहां अपना ढाबा खोल सकते हैं।

अक्सर व्यक्ति जब बाहर जाता हैं तो उसकी यही आस होती हैं कि इसे बाहर भी घर जैसा ही खाना मिले। इसलिए आप ऐसी जगह अपना ढाबा खोलेंगे तो आपके परमानेंट ग्राहक बन जाएंगे। वे आपसे सुबह शाम का खाना खाने आएंगे। इससे आपकी बहुत आय होगी।

ढाबे का नाम रखे भारतीय (Dhabe ka nam)

अब जब आपने ढाबे के लिए जगह का चुनाव कर लिया हैं तो बारी आती हैं ढाबे के नामकरण की। आप अपने ढाबे का नाम कुछ भी रख सकते हैं लेकिन यदि आप इसे कुछ अलग सा नाम देंगे तो अवश्य ही यह लोगों की नज़र में आएगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि सामान्य नाम तो वर्षो से चलते आ रहे हैं, ऐसे में आप इसे कुछ अलग नाम भी दे सकते हैं।

नाम देते समय का इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि आप वह भारतीय नाम ही रखे। यदि आप उसका विदेशी नाम देंगे या अंग्रेजी में नाम रखेंगे तो अवश्य ही इसका लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। लोग उसे ढाबा कम और रेस्टोरेंट ज्यादा समझेंगे। ढाबा भारतीयता का प्रतीक माना जाता हैं। इसलिये उसके नाम से भी भारतीयता झलकनी चाहिए।

इसके साथ ही इस बात का भी प्रमुखता से ध्यान रखे कि आप ढाबे के नाम में ढाबा शब्द अवश्य जोड़े। ऐसा इसलिए क्योंकि आजकल कई रेस्टोरेंट अपने रेस्टोरेंट को ढाबे का आकार दे देते हैं तो कुछ ढाबे इतने आधुनिक हो जाते हैं कि वे खुद ही एक रेस्टोरेंट लगने लग जाते हैं। ऐसे में आप अपने ढाबे को ढाबा नाम अवश्य दे।

वेज व नॉन वेज ढाबे में अंतर (Veg and Non Veg Dhaba)

अब आपने कहां भी कोई ढाबा देखा होगा आप उसके साथ या उसी के नाम में ही वेज या नॉन वेज लिखा हुआ पाएंगे। या फिर आपको इसकी जगह शकारही या शुद्ध शाकाहारी या वैष्णो ढाबा लिखा हुआ दिख जाएगा। अब आखिरकार वेज व नॉन वेज का अंतर तो सभी को पता होगा लेकिन इसके फायद और नुकसान क्या हैं। आइए जाने।

वेज ढाबा या शाकाहारी ढाबा (Shakahari Dhaba or Veg Dhaba)

शाकाहारी ढाबा वह ढाबा होगा जहाँ केवल शाकाहारी या वेज भोजन ही बनता होगा। उस ढाबे में मांस, अंडा इत्यादि का कोई भोजन नही बनता होगा और ना ही कही इस्तेमाल होता होगा। वेज ढाबे का फायदा यह हैं कि वहां शाकाहारी लोग प्रमुखता से आएंगे और बिना झिझक के खायेंगे। तो वही नुकसान यह हैं कि नॉन वेज लोग यहाँ आना कम पसंद करेंगे। हालाँकि वे भी यहाँ खाना खायेंगे लेकिन कम लोग।

नॉन वेज ढाबा (Non Veg Dhaba)

अब नॉन वेज ढाबा उसे कहा जाएगा जहाँ शाकाहारी व मांसाहारी दोनों तरह का भोजन मिलेगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि यहाँ सभी तरह का भोजन बनेगा फिर चाहे वह सब्जियां हो या मांस। अब इस ढाबे का फायदा यह हैं कि इसमें भोजन के दाम कुछ ज्यादा होंगे लेकिन नुकसान यह हैं कि इसमें शाकाहारी लोग आएंगे ही नही या फिर आएंगे भी तो बहुत ही कम।

आपको सड़क किनारे या कही भी नॉन वेज ढाबे बहुत ही कम देखने को मिलेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि नॉन वेज धबो की कमाई वेज धबो के मुकाबले बहुत ही कम होती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जो लोग ढाबे पर खाना पसंद करते हैं उनमे से अधिकतर लोग शाकाहारी होते हैं और वे शाकाहारी ढाबे पर ही खाना खाना पसंद करते हैं।

ढाबा किस जगह ना खोले

अब जब आप ढाबा खोलने जा ही रहे हैं तो आपो यह भी जानना चाहिए कि आखिर किस जगह पर आपको ढाबा नही खोलना चाहिए। यदि आप इनमे से किसी भी जगह पर ढाबा खोलेंगे तो इसका नुकसान आपको ही झेलना पड़ेगा या फिर वहां के रिस्क आपको स्वतः ही उठाने होंगे।

  • आपको किसी ऐसी जगह ढाबा नही खोलना चाहिए जहाँ शराब का ठेका हो या वाइन की कोई दुकान हो। ऐसी जगह ढाबा खोलने से वहां सामान्य व्यक्ति या परिवार नही आएंगे। वहां आये दिन आपका सामना शराबियों से होगा। उन्हें हैंडल करना आपके लिए चुनौती भरा हो सकता हैं।
  • आप किसी पोर्श इलाके या हाई सोसाइटी में ढाबा ना खोले। अक्सर वहां के लोग ढाबे पर आकर खाना पसंद नही करते हैं। जब उनका बाहर का खाने का मन करता हैं तो वे या तो होटल या रेस्टोरेंट जाते हैं या फिर ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर देते हैं।
  • आप हाईवे में किसी ऐसी जगह ढाबा ना खोले जहाँ से गुजरते वाहनों को वह दिखाई ही ना दे। कहने का मतलब यह हुआ कि हाईवे पर सभी वाहन तेज गति से दौड़ते हैं। ऐसे में यदि आपक्जा ढाबा सही से दिखाई ही नही देगा तो फिर वाहन वहां रुकेंगे भी नही।
  • ढाबा किसी ऐसी जगह भी ना खोले जहाँ पहले से ही कई तरह के ढाबे हो। ऐसा करके ना तो आपका भला होगा और ना ही उन धबो को जो पहले से ही खुले हुए हैं। हालाँकि यदि वहां बहुत संख्या में लोग खाना खाने आते हैं तो आप ढाबा खोल सकते हैं।
  • ढाबे को स्कूल के पास ना खोले। स्कूल के बच्चे ढाबे से खाना नही खायेंगे। वे अपने घर का बना खाना ही खायेंगे। कॉलेज या यूनिवर्सिटी के पास ढाबा खोलना सही रहता हैं।

ढाबा खोलने के लिए रसोइया

अब जब आप ढाबा खोलने जा रहे हैं तो उसके लिए रसोइया भी रखना होगा। अब यह आपके ढाबे पर निर्भर करेगा कि आप वहां कितने व्यक्ति रक्जते हैं जो खाना बनाते हो। सामान्य तौर पर एक ढाबे पर खाना बनाने वाले 2 से 5 लोग होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे बड़ा ढाबा होता भी नही हैं। ऐसे में ढाबे में 2 से 5 लोग ही खाना बनाने वाले रखे जाते हैं।

हालाँकि आप खाना बनाने वाले रसोइयो का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखे कि उन्हें खाना बनाने की अच्छी तरह से समझ हो। साथ ही उनके खाने में स्वाद भी हो ताकि लोग आपके ढाबे की तारीफ करे और वहां फिर से खाना खाने आये।

ढाबे में खाने का मेन्यू (Dhabe ka menu)

अब जब आप ढाबा खोलने जा रहे हैं तो उसका एक मेन्यु भी छपवाना पड़ेगा। वहां खाना खाने वाला ग्राहक उस मेन्यू को पढ़कर ही खाना मंगवायेगा। इस मेन्यू में आपको ढाबे पर मिलने वाली हर चीज़ को लिखना होगा। जैसे कि आप जो जो भी सब्जी बनाते हैं या बना सकते हैं, रोटी, सलाद, अन्य चीज़ इत्यादि। इसी के साथ इनका भाव भी लिखना होगा ताकि ग्राहक अपना बजट देख सके और उसी के अनुसार खाने का ऑर्डर दे सके।

एक तरह से आपके ढाबे के मेन्यू पूरा स्पष्ट होना चाहिए। उसमे आपके ढाबे का नाम, पता, फोन नंबर इत्यादि भी लिखा हुआ होना चाहिए। फिर ढाबे में मिलने वाली हर चीज़ का नाम व उसका भाव लिखा हुआ होना चाहिए। इसमें भी चीज़े आपस में मिक्स नही होनी चाहिए। अर्थात सब्जी के कॉलम में केवल सब्जियों के नाम तो अन्य के कॉलम में उनसे संबंधित नाम।

ढाबा शुरू करने के लिए तैयारी

अब जब आपने मेन्यू निर्धारित कर लिया हैं तो उसको बनाने के लिए सामान भी चाहिए होगा। इसलिए शुरुआत में ही आप अधिक सामान ना मंगवा ले बल्कि एक अनुमान के अनुसार मंगवाए। फिर जिस तरह से आपका ढाबा चलता हैं उसी अनुसार सामान मंगवाए। इसमें आप सब्जियां 2-3 दिन हिसाब से मंगवा सकते हैं क्यिंकि यह उसके बाद ख़राब हो जाएँगी।

अन्य सामान आप ज्यादा मात्रा में मंगवा सकते हैं। इन सामान में आटा, चावल, दाल, राजमा, छोले, चने, मसाले, तेल इत्यादि सामान आएगा। इसलिए आप अपने ढाबे की क्षमता और वहां आने वाले लोगों के अनुसार ही सामान मंगवाए। साथ ही इनकी सुरक्षा का भी पूरा पूरा इंतेजाम करें। खाने का सामान यदि ख़राब हो गया तो आपको ही नुकसान उठाना पड़ेगा।

अब जब आपने खाने का सामान मंगवा लिया हैं तो आपको ग्राहकों के बैठने की व्यवस्था भी करनी होगी। इसके लिए आप टेबल चेयर का इंतेजाम करे। अब यह टेबल चेयर कैसी होंगी, यह आप अपने अनुसार सोच सकते हैं। इसके अलावा ढाबे पर पर्याप्त रोशनी व पंखे इत्यादि की व्यवस्था हो, इसका भी पूरा पूरा ध्यान रखे। इन सभी चीजों का ध्यान रखकर ही आप अपने ढाबे को अच्छे से चला सकते हैं।

ढाबा खोलने का लाइसेंस (Dhaba kholne ke liye licence)

अब आप सोच रहे होंगे कि आप ढाबा खोलने जा रहे हैं तो आपको किस तरह के लाइसेंस को लेना पड़ेगा। तो आज आप जान ले कि ढाबा खोलने के लिए किसी तरह के लाइसेंस लेने की आवश्यकता नही होती हैं और आप बिना किसी लाइसेंस के ढाबा खोल सकते हैं।

हालाँकि यदि आप बड़े स्तर पर ढाबा खोल रहे हैं तो आपको भारतीय फ़ूड प्राधिकरण अर्थात FSSAI से लाइसेंस लेना पड़ेगा। यह भारत में खाने से संबंधित चीजों के लिए लाइसेंस जारी करता हैं। इसलिए एक बार आसपास पता कर ले कि क्या आपको ढाबा खोलने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता पड़ेगी या नही।

ढाबा खोलने में खर्चा (Dhaba kholne me kharcha)

अब आप ढाबा खोलने के खर्चे के बारे में जानना चाहते हैं तो यह जान ले कि इसमें आपका ज्यादा खर्चा नही आएगा। आप ढाबे का बिज़नेस केवल 30 से 40 हज़ार में भी शुरू कर सकते हैं। इसमें मुख्य खर्चा केवल खाने का सामान होगा जो आपको शुरूआती रूप से खरीदना होगा। साथ ही वहां खाना बना रहे लोगों को वेतन देना होगा।

इसके बाद आपको रोजाना के बेसिस पर सब्जियां व अन्य आवश्यक सामान मंगवाने होंगे। फिर जैसे जैसे यह सामान ख़त्म होगा, आप और सामान मंगवा सकते हैं। ढाबा खोलने में आने वाला सम्ह्या खर्चा कम से कम 20 हज़ार और ज्यादा से ज्यादा 1 लाख तक हो सकता हैं। अब यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप किस जगह पर और कैसे ढाबा खोलने जा रहे हैं।

ढाबा खोलने में कमाई (Dhabe ki kamai)

अब जब आप ढाबा खोलने का सोच ही रहे हैं तो अवश्य ही आपको यह भी जानना होगा कि आप ढाबे के बिज़नेस में कितनी कमाई कर लेंगे। तो आप सबसे पहले यह जान ले कि भारत जैसे देश में जिस बिज़नेस में सबसे अधिक कमाई देखने को मिलती हैं वह हैं खाना बनाने का बिज़नेस। कहने का अर्थ यह हुआ कि जहाँ पर खाना बनाने का काम किया जाताहैं वह बिज़नेस सबसे अधिक पैसा कमाते हैं।

उदाहरण के तौर पर एक रोटी को बनाने में आपकी कुल लागत 2 से 3 रुपए होगी जबकि आप उसे बेचेंगे दुगुने दाम में। इसी तरह दाल की कीमत 20 से 30 रुपए होगी जबकि आप उसे बेचेंगे 50 से 50 रुपए में। इस तरह से ढाबे के बिज़नेस में आपकी कमाई आपकी लागत से दुगुनी रहने वाली हैं।

ढाबे की मार्केटिंग (Dhabe ki marketing)

अब यदि आप अपने ढाबे की कमाई को बढ़ाना चाहते हैं तो उसकी मार्केटिंग करना भी ना भूले। मार्केटिंग का अर्थ हुआ ढाबे पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करना। ऐसे में आपका ढाबा कहां पर स्थित हैं या इसकी लोकेशन क्या हैं, उसकी मार्केटिंग इसी पर ही निर्भर करती हैं।

यदि आपका ढाबा सड़क किनारे हैं तो आप ढाबा आने से 300 से 500 मीटर पहले ही एक बोर्ड लगा दे कि आगे ढाबा हैं और वहां आपको घर जैसा खाना मिलेगा। इससे लोगों के मन में वहां रुकने का अवश्य ही ख्याल आएगा। इसी के साथ आप अपने ढाबे पर खाने के साथ साथ चाय को भी रखे। आजकल लोग चाय पीने के बहुत बड़े शौक़ीन हैं। ऐसे में यदि आपके ढाबे पपर चाय ही नही मिलेगी तो उसे कमतर आँका जाएगा।

इसी तरह यदि आपका ढाबा किसी ऐसी जगह पर हैं जहाँ पर बाहर से आकर रहने वाले लोग ज्यादा रहते हैं तो आप टिफ़िन सर्विस को भी शरू कर सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि हमेशा वे लोग आपके ढाबे पर आकर खाना पसंद नही करेंगे और इस कारण आपके ढाबे पर भी भीड़ रहा करेगी। अब जब उन्हें वहां बैठने का ही स्थान नही मिलेगा तो वे किसी और ढाबे पर चले जाएंगे या फिर इसका कोई और विकल्प देख लेंगे।

ढाबे का व्यापार कैसे करे – Related FAQs

प्रश्न: ढाबा खोलने के लिए क्या क्या सामान चाहिए?

उत्तर: ढाबा खोलने के लिए आपको खाने बनाने का सब सामान, सब्जियां, आटा, चावल, बर्तन इत्यादि चाहिए।

प्रश्न: ढाबा खोलने का खर्च कितना है?

उत्तर: ढाबा खोलने का खर्च 20 हज़ार से लेकर 1 लाख तक का है।

प्रश्न: ढाबा कैसे खोलें?

उत्तर: ढाबा खोलने के लिए सबसे पहले जगह का चुनाव करें और उसके बाद सब आवश्यक सामग्री मंगवा कर शुरुआत करें।

प्रश्न: ढाबा खोलने की प्रक्रिया क्या है?

उत्तर: ढाबा खोलने की प्रक्रिया में एक योजना का बनाना, पैसो का जुगाड़ करना, जगह का चुनाव करना तथा सभी सामग्री को जुटाना शामिल है।

ऐसे में यदि आप टिफ़िन सर्वीस शुरू कर देंगे तो यह आपके ढाबे के काम को तीन गुणा गति से आगे बढ़ा देगा। इस तरह ढाबे की मार्केटिंग के कई तरह के नियम हो सकतेहैं जो आपको अपनी स्थिति, जगह, मौसम, लोग इत्यादि के अनुसार देखने होंगे।

शेफाली बंसल
शेफाली बंसल
इनको लिखने में काफी रूचि है। इन्होने महिलाओं की सोशल मीडिया ऐप व वेबसाइट आधारित कंपनी शिरोस में कार्य किया। अभी वह स्वतंत्र रूप में लेखन कार्य कर रहीं हैं। इनके लेख कई दैनिक अख़बार और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
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