एफपीओ क्या है? एफपीओ एवं आईपीओ में क्या अंतर है?

एफपीओ क्या है? एफपीओ एवं आईपीओ में क्या अंतर है? कोई कंपनी एफपीओ कब जारी करती है? हाल ही में एफपीओ चर्चा में क्यों रहा है? (What is FPO? What is the difference between IPO and FPO? When does a company issue FPO? Why FPO is in the news these days?)

यदि आप शेयर मार्केट में दिलचस्पी रखते हैं तो आपको पता ही होगा कि हाल ही में शेयर मार्केट में काफी उथल-पुथल रही है। एक अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग के कर्ता-धर्ता एंडरसन द्वारा जारी रिपोर्ट में भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी को लेकर कई खुलासे किए गए हैं। इसके चलते गौतम अडाणी की कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। वहीं, उनके द्वारा पूर्व में प्रस्तावित एफपीओ को भी कैंसिल कर दिया गया।

अब आप सोच रहे होंगे कि यह एफपीओ क्या होता है? यदि आप शेयर मार्केट में दिलचस्पी रखते होंगे तो आपने यह नाम कई बार सुना होगा, लेकिन यदि आप इसका अर्थ नहीं जानते तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि एफपीओ का क्या अर्थ है? एफपीओ कब जारी किया जाता है? एफपीओ एवं आईपीओ में क्या अंतर है? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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शेयर एवं शेयर मार्केट क्या होता है? (What is share and share market?)

दोस्तों, हम एफपीओ (FPO) पर आगे बढ़ें इससे पूर्व जान लीजिए कि शेयर क्या होता है? (What is share?) मित्रों, जैसा कि आप जानते हैं कि शेयर का अर्थ हिस्सा है। ऐसे में यदि वित्तीय बाजार (financial market) की बात करें तो किसी कंपनी के स्वामित्व का एक हिस्सा शेयर (share) कहलाता है। किसी कंपनी की पूंजी (capital) का सबसे छोटा भाग (smallest part) शेयर होता है।

दोस्तों, शेयर दो प्रकार के होते हैं-इक्विटी शेयर (equity share) एवं प्रीफेरेंशियल शेयर (preferential share)। मित्रों, अब आते हैं शेयर मार्केट (share market) पर। सरल शब्दों में कहें तो शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहां विभिन्न कंपनियों के शेयर खरीदे एवं बेचे (buy and sell) जाते हैं।

एफपीओ क्या होता है? (What is FPO?)

मित्रों, एफपीओ (FPO) का अर्थ जानने से पहले इसकी फुल फाॅर्म जान लेते हैं। एफपीओ की फुल फाॅर्म है- फाॅलो-आन पब्लिक आफर (follow-on public offer) है। आपको बता दें दोस्तों कि एफपीओ (FPO) एक ऐसी प्रक्रिया (process) है, जिसके द्वारा स्टाॅक एक्सचेंज (stock exchange) में पहले से सूचीबद्ध यानी कि लिस्टेड कंपनी (listed company) पूंजी (capital) जुटाने के लिए अपने वर्तमान शेयर होल्डर्स/ निवेशकों (share holders/investors) के साथ ही नए निवेशकों को नए शेयर इश्यू (issue) करती है। यह बहुत हद तक आईपीओ (IPO) की ही तरह होता है। एफपीओ (FPO) को कंपनियों द्वारा अपने इक्विटी बेस (equity base) को diversify करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

एफपीओ क्या है? एफपीओ एवं आईपीओ में क्या अंतर है?

एफपीओ एवं आईपीओ में क्या अंतर है? (What is the difference between FPO and IPO?)

दोस्तों, मूल रूप से आईपीओ (IPO) एवं एफपीओ (FPO) दोनों के ही जरिए किसी कंपनी का उद्देश्य मार्केट से फंड (fund) या पूंजी जुटाना होता है, लेकिन इन दोनों में एक मूलभूत अंतर (basic difference) है। अब अच्छी तरह से समझिए कि यह अंतर क्या है?

दोस्तों, आईपीओ (IPO) की फुल फाॅर्म इनिशियल पब्लिक आफर (initial public offer) होती है। इसको कोई भी नई कंपनी मार्केट से पूंजी जुटाने के लिए एवं स्टाक मार्केट में लिस्टिंग के लिए जारी करती है, जबकि एफपीओ केवल शेयर मार्केट में वर्तमान में लिस्टेड कंपनियों की ओर से ही जारी किया जा सकता है।

किसी कंपनी द्वारा एफपीओ क्यों जारी किए जाते हैं? (Why does a company issue FPO?)

मित्रों, अब आपको बताते हैं कि किसी कंपनी द्वारा एफपीओ क्यों जारी किया जाता है? ऐसी कौन सी आवश्यकता है, जिसे कंपनी एफपीओ के माध्यम से पूरा करती है? तो दोस्तों, आपको बता दें कि स्टाक एक्सचेंज (stock exchange) में लिस्टेड (listed) किसी भी कंपनी द्वारा एफपीओ तभी जारी किया जाता है, जबकि उसे अपने भविष्य संबंधी किसी योजना को पूरा करने के लिए पूंजी की आवश्यकता हो।

इसके अतिरिक्त कई दफा अपना कर्ज (loan/advance) कम करने के लिए एवं मार्केट में शेयर लिक्विडिटी (share liquidity) बढ़ाने के लिए भी कंपनियों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है। आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि एफपीओ में कंपनी का कोई भी निवेशक (investor) किसी भी ब्रोकिंग प्लेटफार्म (broking platform) में जाकर बोली लगा सकता है।

हाल ही में एफपीओ चर्चा में क्यों रहा है? (Why FPO has been in news recently?)

मित्रों, आपके कानों से भी हाल-फिलहाल यह शब्द बार-बार होकर गुजरा होगा। आप जानते ही हैं कि भारत के मशहूर उद्योगपति गौतम अडाणी (Gautam Adani) की कंपनी के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। वे विश्व के सबसे अमीरों की सूची में नंबर दो की पोजीशन से भी बाहर हो गए। आपको बता दें कि अडाणी ग्रुप (Adani group) की फ्लैगशिप कंपनी (flagship company) अडाणी एंटरप्राइजेज (Adani enterprises) द्वारा कुछ ही समय पूर्व 20 हजार करोड़ रुपए के एक एफपीओ का प्रस्ताव लाया गया था, जो हमारे देश का अब तक का सबसे बड़ा एफपीओ माना जा रहा था।

लेकिन सब्सक्रिप्शन (subscription) भरने के पश्चात मार्केट (Market) की स्थिति और निवेशकों के कंपनी के प्रति भरोसे को देखते हुए इसे वापस ले लिया गया। इस संबंध में स्वयं गौतम अडाणी का कहना था कि उनके निवेशकों का हित उनके लिए सबसे ऊपर है। इसी वजह से निवेशकों को भविष्य के संभावित नुकसान से बचाने के लिए उन्होंने इस एफपीओ को वापस लिया है।

आपको बता दें कि एफपीओ के लिए अडाणी ग्रुप की ओर से 3112 रुपए से लेकर 3276 रुपए का प्राइस बैंड (price band) तय किया गया था।

अडाणी एंटरप्राइजेज एफपीओ क्यों लाने जा रहा था? (Why Adani enterprises was about to issue FPO?)

दोस्तों, आपको सबसे पहले यह बता दें कि बांबे स्टाक एक्सचेंज (Bombay stock exchange) में दायर रेड हेरिंग प्रास्पेक्टस (Red Haring prospectus) के अनुसार अडाणी एंटरप्राइजेज पर 30 सितंबर, 2022 तक कुल 4,00,028.50 करोड़ रुपए का उधार/कर्ज था। पोर्ट (port) से लेकर एनर्जी के सेक्टर (energy sector) में कारोबार करने वाली कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज की योजना (planning) एफपीओ से मिलने वाली पूंजी के जरिए नए क्षेत्रों में प्रवेश की थी।

कंपनी की एफपीओ द्वारा जुटाई गई पूंजी से ग्रीन हाइड्रोजन सिस्टम (green hydrogen system), एयरपोर्ट ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे (airport Greenfield expressway) बनाने के लिए पूंजीगत व्यय (capital expenditure) में 10,869 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट (investment) का प्रस्ताव था। कंपनी 70 अरब डाॅलर से अधिक का निवेश एनर्जी ट्रांजिशन स्पेस (energy transition space) में इच्छुक थी।

क्या अडाणी एंटरप्राइजेज फिर से एफपीओ लाएगा? (Will Adani bring this FPO again?)

साथियों, अब जबकि उद्योगपति गौतम अडाणी द्वारा सब्सक्रिप्शन के बावजूद एफपीओ को कैंसिल कर दिया गया है तो इसके पश्चात बहुत से लोगों के दिमाग को एक सवाल मथ रहा है और वो यह कि क्या अडाणी एंटरप्राइजेज फिर से एफपीओ लाएगा? तो यहां आपको साफ कर दें कि गौतम अडाणी की ओर से अपने वीडियो संदेश (video message) में इस बात का संकेत किया गया है कि उचित समय आने पर उनकी कंपनी फिर से एफपीओ लाने पर विचार कर सकती है।

लेकिन ऐसा तब होगा, जब बाजार स्थिर (market stable) हो जाएगा। कंपनी की ओर से पूंजी बाजार यानी कैपिटल मार्केट (capital market) की समीक्षा की जाएगी। इसी हिसाब से अडाणी समूह द्वारा पूंजीगत खर्च संबंधी तमाम योजनाओं को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

एफपीओ कितने प्रकार के होते हैं? (FPOs are of how many types?)

मित्रों, हम आपको बता चुके हैं कि एफपीओ क्या है और आईपीओ से यह किस रूप में भिन्न है। अब बारी आती है कि एफपीओ कितने प्रकार के होते हैं। आपको जानकारी दे दें कि एफपीओ दो प्रकार के होते हैं। एक मिश्रित (mixed) यानी डाइल्यूटिव एफपीओ (dilutive) और दूसरे गैर मिश्रित (non-mixed) यानी नाॅन-डाइल्यूटिव (non-dilutive) एफपीओ।

आपको बता दें कि मिश्रित एफपीओ में कंपनी द्वारा अतिरिक्त शेयर (extra share) जारी किए जाते हैं। इससे कंपनी की ईपीएस (EPS) प्रभावित होती है। अब बात गैर मिश्रित एफपीओ की। इसमें निजी कंपनियों द्वारा लिस्टेड शेयरों को बेचा जाता है। खास बात यह है कि इससे उनकी ईपीएस पर कोई असर नहीं पड़ता।

ईपीएस का क्या अर्थ है? (What is the meaning of EPS?)

हमने अभी अभी आपके समक्ष ईपीएस (EPS) का जिक्र किया। अब आपकी जानकारी के लिए हम आपको यह भी बता देते हैं कि ईपीएस का क्या मतलब है? मित्रों, इसकी फुल फॉर्म (Earning per share) भी कहा जाता है। यह अनुपात (ratio) कंपनी के एक शेयर के पीछे की आय (income) को बताता है।

यानी कोई कंपनी एक निश्चित समय में एक कामन शेयर पर कितना लाभ कमा रही है, यह ईपीएस (EPS) होता है। यह किसी कंपनी की आर्थिक स्थिति (financial status) का भी द्योतक होता है। यह जितना अधिक होता है, उसकी वित्तीय स्थिति उतनी ही अच्छी मानी जाती है। निवेशक उतने ही अधिक उस कंपनी की ओर आकृष्ट होते हैं।

भारत में अभी तक का सबसे बड़ा एफपीओ किसका रहा है? (Who has the biggest FPO so far in india?)

मित्रों, यदि अडाणी अपना एफपीओ जारी कर देते तो वह शेयर मार्केट का सबसे बड़ा एफपीओ होता। लेकिन वे अपना एफपीओ वापस ले चुके हैं। ऐसे में आज से तीन वर्ष पूर्व यानी साल 2020 में आया यस बैंक (YES Bank) का एफपीओ शेयर मार्केट (share market) का सबसे बड़ा एफपीओ रहा है। वह एफपीओ 15 हजार करोड़ रुपए का था। दोस्तों, यदि आपको नहीं पता है तो बता दें कि एफपीओ किसी भी कंपनी के शेयर के मूल्य से कुछ कम कीमत पर जारी किए जाते हैं। इसका अर्थ यह है कि ये शेयर डिस्काउंट (discount) पर जारी किए जाते हैं।

आईपीओ और एफपीओ में से क्या बेहतर माना जाता है? (Which is assumed better? IPO or FPO?)

दोस्तों, अब जरा आईपीओ एवं एफपीओ में तुलना कर लेते हैं। आपको बता दें कि आईपीओ की तुलना में एफपीओ के जरिए किसी कंपनी के शेयर लेने को अधिक मुफीद माना जाता है। इसकी वजह यह है कि आप कंपनी की हालत जान चुके होते हैं। आपको यह अच्छी तरह पता होता है कि बीते सालों में कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी रही है।

इसके अतिरिक्त कंपनी का मैनेजमेंट (company’s management) किस प्रकार का है? कंपनी की भविष्य की रणनीति एवं योजनाएं (future’s strategy and planning) क्या हैं? लिहाजा, आप इन सभी को आधार (base) बनाकर अपना अंतिम निर्णय (financial decision) बना लेते हैं। कई बार यह भी होता है कि एफपीओ ओवर सब्सक्राइब (over subscribe) हो जाता है। ऐसे में बहुत से लोगों को शेयर कई बार नहीं भी मिल पाता।

एफपीओ की फुल फाॅर्म क्या है?

एफपीओ की फुल फाॅर्म फाॅलो -आन पब्लिक आफर है।

एफपीओ का अर्थ क्या है?

एफपीओ का अर्थ किसी एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी द्वारा अपने वर्तमान शेयर धारकों अथवा निवेशकों को नए शेयर जारी किए जाने से है।

एफपीओ कौन सी कंपनी जारी कर सकती है?

एक्सचेंज में पहले से लिस्टेड कंपनी ही एफपीओ जारी कर सकती है।

आईपीओ एवं एफपीओ में क्या अंतर है?

आईपीओ किसी भी निजी कंपनी द्वारा जारी किया जा सकता है? जबकि एफपीओ एक्सचेंज में लिस्टेड किसी कंपनी द्वारा ही जारी किया जा सकता है।

एफपीओ जारी करने की क्या वजहें होती हैं?

इसकी मुख्य रूप से तीन वजहें होती हैं-कंपनी द्वारा भविष्य की योजनाओं के लिए पूंजी जुटाना, कंपनी द्वारा कर्जे में कमी के लिए फंड जुटाना एवं मार्केट में शेयर लिक्विडिटी बढ़ाना।

हाल ही में एफपीओ चर्चा में क्यों रहा है?

भारत के उद्योगपति गौतम अडाणी द्वारा हाल ही में 20 हजार करोड़ का एफपीओ कैंसिल किया गया है, जिसके बाद से यह चर्चा में है।

ईपीएस की फुल फाॅर्म क्या होती है?

ईपीएस की फुल फाॅर्म अर्निंग पर शेयर होती है। इसे हिंदी में प्रति शेयर आय भी पुकार सकते हैं।

एफपीओ कितने प्रकार के होते हैं?

एफपीओ दो प्रकार के होते हैं-मिश्रित एवं गैर मिश्रित एफपीओ।

एफपीओ को बेहतर माना जाता है अथवा आइपीओ को?

इन दोनों में से एफपीओ को बेहतर माना जाता है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में आपने एफपीओ के बारे में जाना। यदि आप बाजार की गतिविधियों पर नजर रखते हैं तो निश्चित रूप से इस शब्द से आपका कई बार साबका हुआ होगा। आम लोगों में भी वित्तीय जागरूकता के उद्देश्य से इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। यदि आपका इस पोस्ट पर कोई सुझाव अथवा सवाल है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमारे साथ साझा करना न भूलें। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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