डिजिटल एड्रेस कोड कार्य, लाभ, नुकसान, अधिकारिक वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर | What is Digital Address Code in Hindi

|| What is Digital Address Code in Hindi, डिजिटल एड्रेस कोड क्या है, कार्य, कैसे बनाया जा रहा है, लाभ, नुकसान, अधिकारिक वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर, Work, How is it Create, Benefit, Side Effects, Official Website, Helpline Number ||

यदि आप आज का समय देखेंगे तो पाएंगे कि सब कुछ ऑनलाइन हो गया हैं। हमें कुछ भी सामान मंगवाना हैं या कही डिलीवर करना हो या किसी अन्य चीज़ का काम करना हो तो वह सब हम ऑनलाइन कर सकते (Digital Address Code kya hai) हैं। अब सब काम ऑनलाइन हो गया हैं तो बहुत बार ऐसा होता हैं कि हमें अपने घर का पता पूरा पूरा भर कर देना होता हैं। एक तरह से देखा जाए तो किसी भी फॉर्म को भरते समय या (DAC ka matlab) किसी चीज़ को ऑनलाइन ऑर्डर करते समत आपको अपना पूरा पता पिन कोड के साथ दर्ज करना होता हैं।

अब इसी चीज़ को कम करने और ऑनलाइन सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठाने के उद्देश्य से डिजिटल एड्रेस कोड की अवधारणा (DAC ka full form in Hindi) सामने रखी गयी हैं। इसके अंतर्गत भारत के हर राज्य में स्थित हर घर या जमीन को एक यूनिक कोड दिया जाएगा। इसी ही डिजिटल एड्रेस कोड का नाम दिया गया हैं। ऐसे में यह कैसे काम करेगा और इसका क्या महत्व हैं, इत्यादि के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।

डिजिटल एड्रेस कोड क्या है (What is Digital Address Code in Hindi)

सब से पहले बात कि जाए कि आखिरकार यह डिजिटल एड्रेस कोड होता क्या है और यह कैसे काम करता हैं। तो इसे हम एक उदाहरण से समझते हैं। भारत सरकार के द्वारा कुछ वर्षों पहले भारत के हर नागरिक को एक अलग पहचान देने के लिए आधार कार्ड की शुरुआत की गयी थी। इस परियोजना के अंतर्गत भारत देश के हर नागरिक को यूनिक कोड दिया गया जिसके आधार पर उसका पूरा बायोडाटा आ जाता हैं। इसे आधार कार्ड संख्या नाम दिया गया।

ठीक उसी तरह अब भारत के हर घर या जमीन को एक कोड दिया जाएगा। यह कोड ही उस घर या जमीन की पहचना होगा। यदि हमें कही भी अपना पता देना होगा तो हम केवल उसी (DAC full form in Hindi) कोड को ही देंगे। तो इसी कोड को ही डिजिटल एड्रेस कोड नाम दिया गया हैं अर्थात पते का डिजिटल कोड। अब केवल आप ही नही बल्कि आपके घर का भी एक डिजिटल एड्रेस कोड हो जाएगा जिससे उसकी पहचान हुआ करेगी।

डिजिटल एड्रेस कोड कार्य, लाभ, नुकसान, अधिकारिक वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर | What is Digital Address Code in Hindi

डिजिटल एड्रेस कोड कैसे काम करता है

अब आप सोच रहे होंगे कि यह कोड कैसे काम करेगा। तो इसके लिए गूगल व जिओ ऐप्स की सहायता ली जाएगी। उदाहरण के रूप में यदि आपको कही जाना होता हैं तो आप उस जगह का नाम या पता डालते हैं। उस पते के आधार पर गूगल आपको बता देता हैं कि वह जगह कितनी दूर हैं। हालाँकि इसमें घर का पता डालना मुश्किल होता हैं क्योंकि गूगल में हर जगह को एक कोड दिया गया होता हैं।

अब उसी को विस्तार देते हुए गूगल में हर घर को एक कोड दिया जाएगा। यह सेटेलाइट व मैप्स की सहायता से किया जाएगा। इसमें हर घर को एक कोड देकर यह पता चल सकेगा कि वह घर है कितनी दूर और वहां तक कैसे पहुंचा जा सकता हैं। कुल मिलाकर यह काम आज की तकनीक को ध्यान में रखकर मैप्स व गूगल की सहायता से किया जा सकेगा।

इसके लिए किसी जगह को एक कोड दे दिया जाएगा और फिर उस कोड पर उस जगह के एड्रेस या पते से संबंधित सब जानकारी होगी। इसी के साथ उस डिजिटल एड्रेस कोड पर उसकी लोकेशन भी जुड़ी हुई होगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो भी डिजिटल एड्रेस कोड कोड होगा उसमे उस घर का संपूर्ण पता और उसकी गूगल मैप्स की लोकेशन पहले से ही जुड़ी हुई होगी। तो इसी तरह से ही एक डिजिटल एड्रेस कोड काम किया करेगा।

डिजिटल एड्रेस कोड कौन बनाएगा

भारत सरकार के द्वारा यह काम भारतीय डाक विभाग को सौंपा गया हैं। पहले के समय में घर घर तक चिट्ठी या कोई डाक पहुँचाने का काम संपूर्ण रूप से डाक विभाग का ही होता था किंतु वर्तमान समय ने बहुत कुछ बदल के रख दिया हैं। पहले केवल चिट्टी या पत्र ही आया करते थे लेकिन आजकल करोड़ो सामान की डिलीवरी ऑनलाइन माध्यम से होने लगी हैं।

तो ऐसे में भारत सरकार ने भारतीय डाक विभाग को इस काम को सफलतापूर्वक करने के लिए चुना हैं। डाक विभाग ने इसका ड्राफ्ट बनाकर ऑनलाइन सेव भी कर दिया हैं। अब जैसे ही उसके द्वारा यह काम पूरा हो जाएगा तो हर घर को एक डिजिटल एड्रेस कोड दे दिया जाएगा। उसके बाद संबंधित घर पर एक डिजिटल एड्रेस कोड का कार्ड पहुंचा दिया जाएगा। इसे स्कैन भी किया जा सकेगा और इस पर लिखा हुआ डिजिटल एड्रेस कोड डालकर घर का पता भी लगाया जा सकेगा।

डिजिटल एड्रेस कोड क्यों जरुरी है

आपने यह तो जान लिया कि भारत सरकार के द्वारा डाक विभाग के अंतर्गत डिजिटल एड्रेस कोड का प्रारूप तैयार किया जा रहा हैं जिसके तहत भारत के हर घर व जमीन को एक डिजिटल एड्रेस कोड दिया जाएगा लेकिन आपको इसके साथ ही यह जानना भी आवश्यक हैं कि आखिरकार इस डिजिटल एड्रेस कोड की क्या जरुरत हैं। यदि आपको यही नही पता होगा तो आपको डिजिटल एड्रेस कोड का महत्व भी नही समझ में आएगा।

तो ऐसे में आज आप जान ले कि अर्तमान समय में जब सब काम ऑनलाइन होने लगे हैं तब एक सही एड्रेस का होना बहुत जरुरी हैं। हर दिन करोड़ो सामान की डिलीवरी लोगों के घर, ऑफिस इत्यादि जगह पर होती हैं। अब भारत में 30 के आसपास राज्य है और हर राज्य में हजारों शहर और लाखों गाँव हैं। अब यदि इन सभी जगह पर स्थित घरो, ऑफिस व फ्लैट इत्यादि की बात की जाए तो उनकी संख्या करोड़ो में चली जाती हैं। ऐसे में किसी घर या फ्लैट का पता कैसा होता हैं तो किसी का कैसा।

ऑनलाइन काम करने और लोगों के घरो तक पहुँचने के लिए उसके घर का पूरा पता लेकर भी काम करना बहुत मुश्किल होता हैं। वह इसलिए क्योंकि इनमे जगह के नाम अलग अलग होते हैं। इसलिए इस समस्या को सुलझाने के उद्देश्य से भारत सरकार के द्वारा डिजिटल एड्रेस कोड की अवधारणा को बल दिया गया। इसके तहत भारत देश में स्थित हर घर या फ्लैट को एक यूनिक कोड दिया जाएगा जिसमें उस जगह का पूरा पता और लोकेशन होगी।

यह डिजिटल एड्रेस कोड और किसी भी घर या जगह का नही होगा। एक तरह से उस जगह की पहचना उस डिजिटल एड्रेस कोड के तहत ही होगी। तो यदि किसी व्यक्ति को वहां तक पहुँचाना हो या आपको अपने घर पता कही देना हो तो आपको पूरे पते की बजाए केवल वह डिजिटल एड्रेस कोड देना होगा और आपका काम बन जाएगा। डिजिटल एड्रेस कोड की इसी महत्ता को देखते हुए इसे अंतिम रूप दिया जा रहा हैं।

डिजिटल एड्रेस कोड के लाभ व विशेषता (Digital Address Code benefits in Hindi)

अब जिस तरह से आपने यह जान लिया हैं कि डिजिटल एड्रेस कोड क्या होता हैं और इसको कैसे बनाया जाता हैं तो अब आपको यह भी जानना चाहिए कि इससे आपको क्या क्या फायदे होंगे। डिजिटल एड्रेस कोड की महत्ता जान लेना ही काफी नही होता हैं। यदि आप चाहते हैं कि आप डिजिटल एड्रेस कोड का पूरा पूरा लाभ उठा पाए तो उसके लिए आपको इससे मिलने वाले विभिन्न तरह के फायदों और विशेषताओं का ज्ञान होना भी आवश्यक हैं।

इसी कारण अब हम आपके सामने डिजिटल एड्रेस कोड की संपूर्ण विशेषताओं और उनसे मिलने वाले लाभ को रखेंगे। इन्हें पढ़कर आप समझ पाएंगे कि क्यों डिजिटल एड्रेस कोड आपके लिए और आपके परिवार के लिए इतना आवश्यक हो जाता हैं और साथ ही इसके द्वारा आप किस किस तरह की सुविधाओं का लाभ उठा पाने में सक्षम होंगे। आइए जाने डिजिटल एड्रेस कोड के लाभ व विशेषताओं के बारे में विस्तार से।

  • आप जब भी ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो उसमे आप अपने घर का या जहाँ भी आपको सामान मंगवाना हैं, उसका पूरा पता डालना होता हैं। तो जब आपके पास आपके घर का डिजिटल एड्रेस कोड आ जाएगा तब आपको कही भी यह पता नही डालना होगा। इसकी बजाए आपको केवल डिजिटल एड्रेस कोड ही डालना होगा और आपका काम बन जाएगा।
  • अब आप ऑनलाइन सामान मंगवाते हैं तो वह आपके बताये गए पते पर डिलीवर भी होता होगा। अब भारत देश में लोगों के घर के एड्रेस भी सही से नही बांटे गए होते हैं। कोई संख्या कही होती हैं तो कोई कही। ऐसी स्थिति में वह डिलीवरी वाला लड़का बहुत बार आपके घर के आसपास आकर आपको कॉल करता होगा और आपसे आपके घर तक आने की जानकारी मांगता होगा। वही जब डिजिटल एड्रेस कोड आ जाएगा तो वह डिलीवर बॉय सीधा आपके घर आ जाएगा क्योंकि उसे गूगल मैप्स में सटीक जानकारी मिल जाएगी।
  • अब यदि आप ऑनलाइन कोई भी फॉर्म भर रहे हैं फिर चाहे वह किसी सर्वे का हो या नौकरी का या किसी अन्य चीज़ का, वहां यदि आपसे आपके घर का पता माँगा जाता हैं तो आपको उसको टाइप करते हुए बहुत मुश्किल होती होगी। क्योंकि आपको अपने घर का संपूर्ण पता पिन कोड के साथ टाइप करके भरना होता होगा। वही डिजिटल एड्रेस कोड आने के बाद आप यह काम बस कुछ सेकंड में ही कर लेंगे क्योंकि इसमें बस आपको डिजिटल एड्रेस कोड ही भरना होगा।
  • केवल ऑनलाइन ही क्यों, ऑफलाइन भी कही भी अपने घर का पता देने के लिए आपको डिजिटल एड्रेस कोड को ही भरना होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि डिजिटल एड्रेस कोड आने के बाद आपको कही भी ऑनलाइन या ऑफलाइन अपने घर का पता किसी को बताना हो या देना हो तो आप उसकी बजाए डिजिटल एड्रेस कोड का उपयोग कर सकते हैं।
  • डिजिटल एड्रेस कोड के माध्यम से सरकार को अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी आसानी होगी। भारत सरकार के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ हर घर तक पहुंचे, इसमें डिजिटल एड्रेस कोड बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता हैं।
  • डिजिटल एड्रेस कोड आने के बाद आपके भी सरकारी काम बहुत आसान हो जाएंगे फिर चाहे वह प्रॉपर्टी टैक्स भरना हो या वोटर लिस्ट में नाम जुडवाना या कुछ और। डिजिटल एड्रेस कोड आपकी इसमें हर तरह से सहायता करेगा।

डिजिटल एड्रेस कोड से संबंधित अन्य आवश्यक जानकारी

अंत में हम आपके मन में चल रही डिजिटल एड्रेस कोड से संबंधित अन्य तरह की शंकाओं पर भी पूर्ण विराम लगा देना चाहते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि अभी भी आपके मन में डिजिटल एड्रेस कोड को लेकर कई तरह की शंकाएं चल रही होगी। जैसे कि यदि आगे चलकर किसी जमीन या घर के टुकड़े हो जाते हैं या बंटवारा हो जाता हैं और उनके बीच में एक दीवार खींच दी जाती हैं या फिर दो घर एक हो जाते हैं तो फिर ऐसी स्थिति में क्या होगा।

साथ ही यदि एक ही फ्लैट में कई लोग ऊपर नीचे अलग रह रहे हैं जैसा कि अधिकांश बड़े शहर में होता हैं तो उस स्थिति में क्या डिजिटल एड्रेस कोड एक बिल्डिंग का होगा और उसमे स्थित हर फ्लैट का अलग अलग होगा। तो आइए इन सभी शंकाओं पर विराम लगाते हुए इनके उत्तर जान ले।

  • यदि किसी घर या जमीन को डिजिटल एड्रेस कोड आवंटित किया जाता हैं और भविष्य में उसके टुकड़े हो जाते हैं, फिर चाहे वह टुकड़े 2 हुए हो या उससे अधिक। तो ऐसी स्थिति में पहले वाला डिजिटल एड्रेस कोड मान्य रहेगा और वह उसमे से एक टुकड़े को ही दिया जाएगा। अन्य जितने भी टुकड़े बने हैं, उसके लिए नया डिजिटल एड्रेस कोड आवंटित किया जाएगा।
  • अब यदि आगे चलकर दो साथ साथ वाली जमीन या घर को एक कर दिया जाता हैं तो उसके लिए भी एक डिजिटल एड्रेस कोड को समाप्त कर दिया जाएगा और उसे सिस्टम से डिलीट कर दिया जाएगा या फिर किसी अन्य जगह को आवंटित कर दिया जाएगा।
  • यदि कही फ्लैट सिस्टम हैं जहाँ एक ही मंजिल पर अलग अलग लोग रहते हैं और मंजिल भी कई हैं तो ऐसी स्थिति में हर फ्लैट को एक अलग डिजिटल एड्रेस कोड दिया जाएगा। उदाहरण के रूप में यदि आप एक 10 मंजिला बिल्डिंग में रहते हैं और हर मंजिल पर 5 फ्लैट हैं तो ऐसी स्थिति में उस बिल्डिंग में कुल 50 फ्लैट हो गए। तो भारत सरकार हर फ्लैट को एक डिजिटल एड्रेस कोड देगी अर्थात उस बिल्डिंग में कुल 50 डिजिटल एड्रेस कोड काम करेंगे।
  • डिजिटल एड्रेस कोड केवल घर या फ्लैट को ही नही दिया जाएगा बल्कि इसके लिए हर तरह की जमीन और उस पर खड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की गणना की जाएगी। फिर चाहे वह ऑफिस हो या दुकान या फर्म या कोई संस्था या कोई स्कूल या अस्पताल या कुछ और। हर किसी को भारत सरकार के द्वारा एक डिजिटल एड्रेस कोड दिया जाएगा।
  • यह डिजिटल एड्रेस कोड 12 अंकों का हो सकता हैं। हालाँकि इसे लेकर कोई स्पष्ट राय नही हैं लेकिन उपलब्ध जमीन की अधिकतम संख्या के आधार पर ही इसमें लगने वाले कोड की संख्या का निर्धारण किया जाएगा।

डिजिटल एड्रेस कोड क्या है – Related FAQs

प्रश्न: DAC क्या होता है?

उत्तर: DAC एक ऐसा कोड है जो भारत के हर घर व ऑफिस को यूनिक पहचान देगा।

प्रश्न: डिजिटल एड्रेस कोड कैसे मिलेगा?

उत्तर: डिजिटल एड्रेस कोड भारत सरकार के अंतर्गत काम कर रहे डाक विभाग से मिलेगा।

प्रश्न: डिजिटल एड्रेस कोड क्या भारत के सभी नागरिकों के एड्रेस के लिए होगी?

उत्तर: हां, डिजिटल एड्रेस कोड भारत के सभी नागरिकों के एड्रेस के लिए होगा।

प्रश्न: क्या डिजिटल एड्रेस कोड भारत के हर मकान के लिए होगा?

उत्तर: हां, डिजिटल एड्रेस कोड भारत के हर मकान के लिए होगा।

तो इस तरह से आज आपने इस लेख के माध्यम से जान लिया कि डिजिटल एड्रेस कोड होता क्या है और यह काम कैसे करता है। इसके साथ ही आपने डिजिटल एड्रेस कोड की विशेषता व उससे मिलने वाले विभिन्न लाभ के बारे में भी जान लिया हैं। आशा हैं अब आपकी डिजिटल एड्रेस कोड से संबंधित सभी तरह की शंकाएं दूर हो गयी होंगी।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
[fluentform id="3"]

Comments (2)

Leave a Comment