डिजिटल करेंसी क्या होती है? भारत की डिजिटल करेंसी क्या है? डिजिटल करेंसी फायदे और नुक्सान

||डिजिटल करेंसी क्या होती है? भारत की डिजिटल करेंसी क्या है? डिजिटल करेंसी के क्या क्या लाभ हैं? (What is the digital currency? What is India’s digital currency? What are the benefits of digital currency?)||

इस समय चहुंओर डिजिटल करेंसी (digital currency) की चर्चा है। भारत में भुगतान का नया युग शुरू हो गया है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने अपनी डिजिटल करेंसी ई-रुपया (e-rupee) लांच कर दी है। हालांकि अभी यह टेस्टिंग दौर में है। क्या आप जानते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है? डिजिटल करेंसी के क्या क्या लाभ हैं? भारत की डिजिटल करेंसी कौन सी है? यदि नहीं तो भी चिंता की कोई बात नहीं। आप हमारा यह आर्टिकल शुरू से अंत तक ध्यान से पढ़ें ताकि डिजिटल करेंसी से जुड़े आपके सारे सवालों के जवाब आपको स्पष्ट हो जाएं। आइए, शुरू करते हैं-

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डिजिटल करेंसी क्या होती है? (What is digital currency?)

दोस्तों, सबसे पहले जान लेते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है। यदि इसके हिंदी में अर्थ पर जाएं तो इसे अंकीय मुद्रा भी पुकारा जाता है। दोस्तों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह करेंसी डिजिटल फार्म (digital form) में होती है। इसमें आपको हार्ड कैश (hard cash) में भुगतान (payment) की आवश्यकता नहीं पड़ती है। डिजिटल करेंसी का भुगतान वॉलेट टू वॉलेट (wallet to wallet) होता है।

क्रिप्टोकरेंसी (crypto currency), बिटकॉइन (bitcoin), वर्चुअल करेंसी (virtual currency) एवं सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank digital currency) यानी सीबीडीसी (CBDC) आदि डिजिटल करेंसी (digital currency) के ही रूप हैं। आपको बता दें मित्रों कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister nirmala sitharaman) ने इस वर्ष के केंद्रीय बजट (union budget) में 2022-23 में देश की अपनी डिजिटल करेंसी (digital currency) लांच (launch) करने की घोषणा की थी।

डिजिटल करेंसी क्या होती है

भारत की डिजिटल करेंसी क्या है? (What is the India’s digital currency?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि भारत की डिजिटल करेंसी ई-रुपया (e-rupee) है। इस करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से 1 नवंबर, 2024 को जारी किया गया है। ई- रुपया को आप अपने मोबाइल वॉलेट (mobile wallet) में रख सकेंगे। इसे बैंक मनी एवं कैश (Bank money and cash) में आसानी से बदला जा सकेगा। खास बात यह है कि यह करेंसी पेपर नोट (paper note) में कन्वर्ट (convert) भी जा सकती है। दोस्तों, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व में ही बता चुकी हैं कि डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक (blockchain technique) पर आधारित है।

इस करेंसी की टेस्टिंग मोड यानी पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तौर पर शुरू किया जा रहा है। चुनिंदा बैंकों को सरकारी सिक्योरिटीज (government securities) में सेकेंड्री मार्केट ट्रांजेक्शन (secondary market transactions) के निपटान के लिए भी इसका इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। इसे दो तरह से लांच किया गया है। एक थोक ट्रांजेक्शन, जिसमें बड़े लेन देन होंगे। दूसरे रिटेल ट्रांजेक्शन, जो आम आदमी करेगा। आपको बता दें दोस्तों कि इस पायलट प्रोजेक्ट में भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने नौ बैंकों को शामिल किया है।

इनमें भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (union bank of india), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), यस बैंक (Yes Bank), एचएसबीसी (HSBC) एवं आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC first Bank) शामिल हैं। दोस्तों, आरबीआई (RBI) ने भारत की डिजिटल करेंसी ई-रुपया को जारी करते हुए यह भी साफ कर दिया है कि इससे देश की मौजूदा भुगतान प्रणालियों (payment system) में किसी प्रकार का चेंज (change) नहीं आएगा।

ब्लॉकचेन तकनीक क्या है? (What is blockchain technique?)

साथियों, हमने आपको जानकारी दी कि भारतीय डिजिटल करेंसी ई रुपी (e-rupee) ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। तो आइए, आपको यह भी बता देते हैं कि ब्लॉकचेन तकनीक क्या है? (What is blockchain technique?) दोस्तों, ब्लॉकचेन प्लेटफार्म दरअसल, एक लेजर एकाउंट की तरह है। इस पर करेंसी ही नहीं, बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल फॉरमेट (digital format) में बदलकर स्टोर किया जा सकता है।

यह तकनीक एंड टू एंड इन्क्रिप्शन (end-to-end encryption) के साथ लेन देन का एक अपरिवर्तनीय रिकार्ड (record) बनाती है, जिससे धोखाधड़ी एवं अनाधिकृत गतिविधियों को रोकने में सहायता मिलती है। इसमें सारे ब्लॉक एक दूसरे से कनेक्ट (connect) होते हैं और उन्हें हैक (hack) नहीं किया जा सकता। इस तकनीक के जरिए दस्तावेजों (documents) को डिजिटली सुरक्षित (digitally safe) रखा जाता है। इसके साथ ही डाटा एकत्र करने (data gathering), संशोधित करने, रिपोर्टिंग एवं आडिटिंग (reporting and auditing) की प्रक्रिया (process) को सरल बनाया जा सकना संभव होता है। इसे एक कॉस्ट इफेक्टिव (cost effective) तकनीक भी माना जाता है।

डिजिटल करेंसी के क्या क्या लाभ हैं? (What are the benefits of digital currency?)

भारत की अपनी डिजिटल करेंसी बेशक लांच हो गई है, लेकिन बहुत से लोगों को अभी भी इसके लाभ पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। तो दोस्तो, आइए एक नजर इसके फायदों पर डाल लेते हैं, जो इस प्रकार से हैं-

  • ई-रुपया के बाद अब लोगों की हार्ड कैश पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।
  • करेंसी डैमेज की समस्या खत्म हो जाएगी।
  • कैश को संभालकर रखने की जरूरत नहीं रहेगी।
  • होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए यह एक अच्छा आप्शन साबित होगा।
  • वॉलेट टू वॉलेट ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा।
  • इसे ट्रैक किया जा सकता है, लिहाजा, ट्रांजेक्शन्स पर सरकार की निगरानी रहेगी।

भारत की डिजिटल करेंसी क्रिप्टो करेंसी से कैसे अलग है? (How India’s digital currency is different from crypto currency?)

दोस्तों, बहुत से लोग सोच रहे हैं कि यह डिजिटल करेंसी भी क्रिप्टो करेंसी कि ही तरह है, जबकि हकीकत यह है कि दोनों में बहुत अंतर हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • क्रिप्टोकरेंसी पर किसी की मानीटरिंग (monitoring) नहीं, जबकि ई-रुपया के ट्रांजेक्शन निगरानी में रहेंगे।
  • क्रिप्टोकरेंसी एक प्राइवेट (private) एंटरप्राइज है, जबकि ई-रुपया को भारतीय रिजर्व बैंक ने जारी किया है। वहीं इसे रेगुलेट (regulate) भी करता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू मार्केट बिहेवियर (market behaviour) के आधार पर बदलती रहती है, वहीं ई रूपया पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण (control) रहेगा।
  • ई-रुपया के माध्यम से आम आदमी के रोजमर्रा के लेन देन भी आसानी से होंगे। क्रिप्टोकरेंसी से ऐसा नहीं होता।
  • ई -रुपया गूगल पे, पेटीएम, यूपीआई आदि ई-वालेट से कैसे अलग है? (How digital rupee is different from Google pay, Paytm, UPI etc. E-wallets?)

दोस्तों, यह तो आप भी जानते हैं कि गूगल पे, पेटीएम, यूपीआई आदि ई वॉलेट की एक लिमिट (limit) होती है। डिजिटल करेंसी के जरिए बड़ी राशि भी आसानी से दूसरे खाते में ट्रांसफर (transfer) किया जा सकना संभव होगा। जैसे शादी की खरीदारी में होने वाले मोटे मोटे खर्च आदि। इसके अलावा यात्रा (travel) करने में दिक्कत नहीं आएगी। कैश (cash) चोरी का डर समाप्त हो जाएगा। (नेट बैंकिंग net banking) से भी यह इस मायने में अलग है कि उसमें कुछ न कुछ पेमेंट चार्ज (payment charge) देना पड़ता है। ई-रुपया से होने वाले ट्रांजेक्शन पूरी तरह से किसी भी तरह के चार्ज से मुक्त होंगे।

अन्य देशों में कौन सी डिजिटल करेंसी है? (What is the currency in other countries?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि भारत (India) से पूर्व कई देश अपनी अपनी डिजिटल करेंसी (digital currency) लांच (launch) कर चुके हैं। दुनिया की सुपर पावर (super power) में शुमार चीन (China) की बात से शुरू करते हैं। चीन ने कुछ महीने पहले ही क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाते हुए अपनी खुद की डिजिटल करेंसी युवान (YUVAAN) लांच की है। इसे ई-सीएनवाई (e-cny) भी पुकारा जाता है। इसे वहां के सेंट्रल बैंक (Central Bank) द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है।

इसके साथ ही सरकारी अधिकारियों को इस काम पर लगा दिया गया है कि वे लोगों को इसके अधिक से अधिक इस्तेमाल को प्रोत्साहित करें। ईआर सैल्वाडोर बिटकॉइन को अपनी ऑफिशियल करेंसी बना चुका है। वहीं सेंट्रल अफ्रीका रिपब्लिक ने भी बिटकॉइन को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी बनाया है। आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि जिन देशों ने अभी तक डिजिटल करेंसी को नहीं अपनाया है, वे भी अपनी ऑफिशियल डिजिटल करेंसी को लेकर विचार एवं प्रयोग कर रहे हैं। जैसे ब्रिटेन ब्रिटकोइन डिजिटल करेंसी को अपनाने पर विचार कर रहा है तो वहीं जापान में भी इस दिशा में प्रयोग (experiment) किए जा रहे हैं।

भारत में डिजिटल करेंसी ई रुपया का भविष्य क्या है? (What is the future of digital currency e-rupee in india?)

मित्रों, यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि आरबीआई (RBI) ने ई- रुपया को पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तौर पर शुरू हुआ है। इसका अर्थ यह है कि इस प्रोजेक्ट को कुछ खास स्थलों पर चयनित ग्राहकों (customers) एवं कारोबारियों के बीच एक माह तक चलाया जाएगा। यदि यह प्रोजेक्ट कामयाब रहा तो इससे मिली सीख एवं अनुभव के आधार पर इसका विस्तार किया जाएगा।

दोस्तों, फिलहाल आरबीआई यह मानकर चल रहा है कि थोक में डिजिटल रूपये के इस्तेमाल से सिक्योरिटी मार्केट में इंटर बैंकिंग ट्रांजेक्शन अधिक प्रभावशाली होंगे। आपको बता दें दोस्तों कि लांचिंग के दिन ही भारतीय डिजिटल करेंसी के जरिए बैंकों में 2.75 अरब रुपए के बांड का कारोबार हुआ है। मिलियन में बात करें तो यह संख्या 33.3 मिलियन डॉलर (million dollar) थी। डिजिटल करेंसी में प्रयुक्त किए गए बैंकों द्वारा 2027 बांड्स (bonds) में कुल 1.4 अरब रूपए के 24 ट्रेड्स (trades) को अंजाम दिया गया।

डिजिटल करेंसी क्या होती है?

यह करेंसी हार्ड कैश में न होकर डिजिटल फार्म में होती है। इसे मोबाइल वॉलेट में रखा जा सकता है।

भारत की डिजिटल करेंसी का क्या नाम है?

भारत की डिजिटल करेंसी का नाम ई-रुपया है।

आरबीआई ने अपनी डिजिटल करेंसी को कब लांच किया है?

आरबीआई ने अपनी डिजिटल करेंसी को एक नवंबर, 2024 को लांच किया है।

क्या ई-रुपया को कैश में बदला जा सकता है?

जी हां, इसे कैश में कन्वर्ट किया जा सकता है।

क्या ई- रुपया से होने वाले ट्रांजेक्शन निगरानी में रहेंगे?

जी हां, ई-रुपया से होने वाले बड़े ट्रांजेक्शन पर सरकार की निगरानी रहेगी, क्योंकि इन्हें आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।

भारत की डिजिटल करेंसी किस तकनीक पर आधारित है?

भारत की डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है।

भारत की अपनी डिजिटल करेंसी के क्या लाभ हैं?

इन लाभों की लिस्ट हमने आपको ऊपर पर पोस्ट में गिनाई है? आप वहां से पढ़ सकते हैं।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में डिजिटल करेंसी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यदि आपका इस पोस्ट को लेकर कोई सवाल है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बता सकते हैं। वित्तीय जागरूकता (financial awareness) के उद्देश्य से इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। ।।धन्यवाद

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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