|| If a bank collapses what happens to your money | बैंक दिवालिया क्यों होता है? | Why bank collapse in Hindi | बैंक के दिवालिया होने के कारण | Bank kyon dubta hai | Bank paise kaise kamate hai | Bank collapse cause in Hindi ||
Why bank collapse in Hindi :- पिछले कुछ समय से हम देश सहित पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी के कारण उपजे हालातों को देख रहे हैं। इसके दो प्रमुख कारण माने जा रहे हैं जिसमें से पहला तो कोरोना नामक महामारी है जो चीन ने फैलायी थी और दूसरा है रूस यूक्रेन का युद्ध जिसे दो वैश्विक महाशक्तियों (अमेरिका व रूस) के हितों का टकराव माना जाता है। किन्तु अप्रत्यक्ष रूप से इसका सबसे बड़ा और मुख्य कारण है लगातार बढ़ती जनसँख्या जिस कारण हर और बोझ बढ़ गया है। भारत तो कुछ समय पहले ही पूरी दुनिया का सबसे ज्यादा जनसँख्या वाला देश बन चुका (If a bank collapses what happens to your money) है।
अब इस कारण हर ओर बेरोजगारी, गरीबी, सरकारों के द्वारा उन्हें मुफ्त की रेवड़ियाँ बांटने का काम चल रहा है और इस कारण हर किसी का दिवाला निकल रहा है। इसमें सबसे बड़ा दिवाला जिसका निकल रहा है वह है बैंक। पिछले कुछ महीनो या समयकाल में ही अमेरिका के कई बड़े बैंक डूब चुके हैं या दिवालिया हो चुके हैं। वहीं और भी देशों के कई बैंक दिवालिया होने की कगार पर खड़े हैं जो किसी भी देश के नागरिकों के लिए चिंता का विषय हो सकते (Bank kyon dubta hai) हैं।
अब यदि आप यह जानना चाहते हैं कि इतने बड़े बैंक जो लोगों के पैसे रखने का काम करते हैं और उस देश की इकॉनमी या अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव डालते हैं, आखिरकार उनके दिवालिया होने का क्या कारण हो सकता है या वे किस कारण से दिवालिया हो सकते हैं, तो आज हम आपको वही बताएँगे। आज के इस लेख के माध्यम से आप यह जान पाने में सक्षम होंगे कि बैंक के दिवालिया होने के क्या कारण हो सकते (Why bank collapse in Hindi) हैं।
बैंक दिवालिया क्यों होता है? (Why bank collapse in Hindi)
बैंक के दिवालिया होने के बारे में अच्छे से जानने के लिए आपका यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि एक बैंक काम कैसे करता है अर्थात उस बैंक की कार्यप्रणाली क्या होती है। वह इसलिए क्योंकि जब तक आपको यह नहीं पता होगा कि एक बैंक काम करके किस तरह से पैसे कमाता है तब तक आप यह भी अच्छे से नहीं समझ पाएंगे कि आखिरकार कोई बैंक दिवालिया किस कारण से हो सकता (Why did bank collapse in Hindi) है।
अब आपके लिए तो बैंक केवल वही है जो आपके लिए पैसे जमा करवाने या निकालने के काम आता है लेकिन बैंक का काम इससे बहुत बड़ा होता है। वह केवल आपका पैसा रखने या आपको पुनः उसे देने का सामाजिक कार्य नहीं कर रहा है बल्कि वह एक बहुत ही बड़ा बिज़नेस मॉडल होता है जो पूर्णतया पैसों पर ही चलता है। ऐसे में आज हम सबसे पहले तो आपको बैंक की कार्यप्रणाली, कमाई करने के स्रोत और फिर दिवालिया होने के कारणों के बारे में विस्तार से (Diwaliya bank kaise hota hai) बताएँगे।
बैंक क्या होता है? (Bank kya hota hai)
बैंक के दिवालिया होने के कारण जानने से पहले आपका यह जानना जरुरी हो जाता है कि आखिरकार एक बैंक का काम क्या होता है या वह किस तरह से कार्य करता है। तो एक बैंक वह होता है जहाँ पर उस देश के या अन्य देश के नागरिक अपना बैंक खाता खुलवाते हैं और उसमे अपना पैसा जमा करवाते हैं। अब इस तरह से बहुत से लोग उस बैंक में खाता खुलवाते हैं और उन खातो में पैसा रखते हैं। इसी के साथ ही वे लोग बैंक के द्वारा मिलने वाली अन्य बैंकिंग सुविधाओं का भी लाभ उठाते हैं।
इन सुविधाओं में पैसों का ऑनलाइन लेनदेन, एटीएम का लाभ, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, कर्ज लेना, ऋण लेना इत्यादि कई तरह की सुविधाएँ हो सकती हैं जो बैंक अपने ग्राहकों को देता (Bank kya hai) है। बदले में वह बैंक उन सुविधाओं को देने के लिए हर वर्ष या तिमाही के अनुसार उस पर कुछ चार्ज लेता है किन्तु इसी के साथ ही खाते में जमाराशि पर कुछ ब्याज भी उन्हें देता है। ग्राहकों के प्रति यही बैंक का कार्य होता है जो वह प्रतिदिन कर रहा होता है।
बैंक कमाई कैसे करता है? (Bank paise kaise kamate hai)
अब जब आपने यह जान लिया है कि ग्राहकों के प्रति कोई बैंक किस तरह से कार्य कर रहा होता है तो अब आपका यह जानना जरुरी हो जाता है कि वह बैंक कमाई कैसे कर रहा होता है या उस बैंक के कमाई करने का क्या कुछ साधन होता है। यदि आप सोच रहे हैं कि वह बैंक केवल और केवल ग्राहकों से लिए जा रहे चार्ज के जरिये ही कमाई करता है तो आप गलत हैं क्योंकि वह तो नामात्र होते हैं और बदले में बैंक उन ग्राहकों को भी ब्याज उपलब्ध करवाता है।
तो बैंक कमाई के लिए उन पैसों को लोगों को ब्याज पर देता है या किसी क्षेत्र में निवेश करता है। उदाहरण के तौर पर बैंक में आपने पैसा जमा किया तो बैंक आपको उन पैसों पर न्यूनतम ब्याज देगा जैसे कि 3 या 4 प्रतिशत लेकिन जब बैंक से कोई ऋण या कर्जा लेगा तो बैंक उसे 10 से 20 प्रतिशत तक कि ब्याज दर पर देगा। आपने भी कभी बैंक से शिक्षा ऋण, व्यापार ऋण, गृह ऋण इत्यादि लिया होगा तो आपको यह भलीभांति पता ही होगा। इस तरह बैंक अपने यहाँ उपलब्ध पैसों को लोगों को ब्याज पर देता है और कमाई करता (Bank paisa kaise kamata hai) है।
इसी के साथ ही उस बैंक के द्वारा उपलब्ध पैसों को अलग अलग क्षेत्रों में निवेश भी किया जाता है। उदाहरण के लिए वह बैंक उन पैसों से बांड्स खरीद सकता है, किसी बड़े व्यापार में निवेश कर सकता है, उद्यमियों को दे सकता है, किसी कंपनी में निवेश कर सकता है या अपनी ही कोई लाभ वाली कंपनी खोल सकता है इत्यादि। एक तरह से यह बैंक के मालिक व निवेशकों पर निर्भर करता है कि वह अपने पास उपलब्ध पैसों का निवेश कहाँ और कैसे करते हैं।
बैंक का डूबना क्या होता है? (Bank ka dubna kya hai)
अब कोई बैंक कब डूब जाता है या कब उसका दिवाला निकल जाता है यह जान लेते हैं। यह स्थिति तब आती है जब बैंक की देनदारी अपने एसेट से ज्यादा हो जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि किन्हीं कारणों से वह बैंक इतना घाटे में चला जाता है या उसका पैसा फंस जाता है या डूब जाता है कि वह अपने ग्राहकों का पैसा लौटा पाने में सक्षम ही नहीं होता है तो इसे उसका दिवाला निकलना कहते हैं।
उदाहरण के तौर पर एक बैंक में एक लाख ग्राहक हैं और उन एक लाख ग्राहकों ने बैंक में अपने कुल दस लाख करोड़ रुपये जमा करवा रखे हैं किन्तु एक समय ऐसा आया है जब बैंक के पास उपलब्ध पैसों सहित अन्य सभी एसेट मिलाकर भी दस लाख करोड़ नहीं हो पाते हैं और उससे कम हो जाते हैं तो उस समय उस बैंक के एसेट कुल देनदारी से कम हो जाते हैं जिस कारण वह बैंक अपने ग्राहकों का पैसा लौटा पाने में असमर्थ हो जाता है। इसे ही बैंक का डूबना या बैंक का दिवाला निकलना कहते हैं।
बैंक के दिवालिया होने के कारण (Bank collapse reason in Hindi)
अब जब आपने बैंक की कार्यप्रणाली को अच्छे से समझ लिया है तो अब बारी आती है बैंक के दिवालिया होने कारणों को अच्छे से समझने की। हालाँकि बैंक के दिवालिया होने के एक नहीं बल्कि कई तरह के कारण हो सकते (Bank collapse cause in Hindi) हैं जो अलग अलग बैंकों के प्रकार, उसकी कार्यप्रणाली, उसके निवेश करने के क्षेत्र तथा अधिकारियों व कर्मचारियों पर निर्भर करते हैं। फिर भी आज के इस लेख में हम आपके साथ बैंक डूबने के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में बात करने जा रहे हैं।
NPA का बढ़ जाना
बहुत बार यह देखने में आता है कि बैंक का NPA लगातार बढ़ता ही चला जाता है अर्थात बैंक ने जिन जिन लोगों को कर्ज दे रखा है या बहुत पहले दिया हुआ है तो उनसे पैसा वापस नहीं मिल पा रहा होता है। किसी भी खाते को NPA तब घोषित किया जाता है जब उसका कर्ज चुकाने का समय बीत चुका है और उसके बाद जो तिथियाँ दी गयी थी वह भी बीत चुकी है तो उस जगह से पैसा वापस ना मिलने की संभावना बढ़ती चली जाती (Bank failure cause in Hindi) है। ऐसी स्थिति में बैंक उस खाते को नॉन परफोर्मिंग एसेट अर्थात NPA घोषित कर देता है जो बैंक के डूबने का कारण होता है।
बड़े उद्योगपतियों से पैसा ना मिलना
आपने समाचार में विजय माल्या व नीरव मोदी जैसे बड़े बड़े उद्योगपतियों के नाम सुन रखे होंगे जो बैंकों का हजारों करोड़ो का पैसा लेकर विदेश भाग चुके हैं और वहां आराम का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। शुक्र करें कि वह पैसा सरकारी बैंकों का था क्योंकि उनको डूबने से सरकार बचा लेती है किन्तु उसकी भरपाई हम आम लोगों को ही अप्रत्यक्ष रूप से करनी होती है। यदि वह कोई निजी क्षेत्र का बैंक होता तो डूब चुका होता क्योंकि हजारों करोड़ों का चूना एक सामान्य बैंक नहीं सह सकता (Bank failure reasons in Hindi) है।
निवेश किये गए क्षेत्र का डूब जाना
अब बैंक केवल लोगों को कर्जा या ऋण ही नहीं देता है बल्कि वह विभिन्न क्षेत्रों में उन पैसों को निवेश भी करता है। अब यह निवेश किसी कंपनी, उत्पाद, सेवा, नया विचार, व्यापार इत्यादि किसी भी क्षेत्र में हो सकता है जिसका निर्णय बैंक के डायरेक्टर व निवेशक ही करते हैं। अब यदि किसी क्षेत्र में उसने जरुरत से ज्यादा निवेश किया हुआ है और वह क्षेत्र डूब जाता है तो अवश्य ही उसके साथ बैंक का डूब जाना भी तय हो जाता है।
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बैंक रन का होना
अब आप बैंक रन को यह समझ रहे होंगे कि बैंक भाग रहा है या किसी दौड़ में शामिल हुआ है लेकिन आप गलत हैं। दरअसल बैंक रन का मतलब होता है उस बैंक के ग्राहकों के द्वारा तेजी के साथ अपने पैसों को उस बैंक से निकालने लग जाना। अब होता क्या है कि जब कभी अर्थव्यवस्था कमजोर होने लगती है या देश पर कोई संकट आता है या किसी बैंक के बारे में अफवाह उठती है या लोगों का भरोसा उस बैंक में कम हो जाता है तो लोग तेजी के साथ उस बैंक से अपना पैसा निकालने लग जाते हैं जिस कारण बैंक डूब जाता है।
घाटे में चले जाना
किसी अन्य कारण से बैंक का घाटे में चले जाना और इस कारण बैंक को अपने बांड्स, शेयर इत्यादि चीज़ों को घाटे में बेचना भी बैंक के दिवालिया होने का कारण हो सकता है। अब यह घाटा किसी भी कारण से हो सकता है फिर चाहे वह वहां काम कर रहे अधिकारियों या कर्मचारियों की नाकामी हो या कुछ और। ऐसे में वह बैंक डूब जाता है या उसका दिवाला निकल जाता है।
बैंक के डूबने पर क्या होता है? (Bank diwaliya hone par)
अब आपका अगला प्रश्न होगा कि जब किसी बैंक को दिवालिया घोषित कर दिया जाता है तो उसके बाद उस बैंक का क्या होता है या जिन जिन लोगों के उस बैंक में खाते थे, उनका क्या होता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि जैसे ही किसी बैंक को दिवालिया घोषित कर दिया जाता है तो तुरंत ही उस बैंक की सभी सेवाओं पर रोक लगा दी जाती है। बैंक में जिन लोगों के भी खाते हैं, उन सभी खातों को फ्रीज कर दिया जाता है अर्थात आप ना तो उसमे पैसे जमा करवा सकते हैं, ना निकाल सकते हैं और ना कुछ और कर सकते हैं।
इसके साथ ही बैंक के द्वारा जो भी सुविधाएँ ऑफलाइन व ऑनलाइन दी जा रही थी वह भी तुरंत प्रभाव से बंद कर दी जाती है। एक तरह से वह मामला भारत सरकार व RBI के हाथों में चला जाता है और वही लोग इसका निर्णय लेते हैं। हालाँकि भारत सरकार ने ग्राहकों की सुविधा के लिए हाल के वर्षों में ही कुछ नियम बनाये हैं जो बैंक के डूबने से संबंधित है।
क्या बैंक डूबने पर पैसा मिलता है? (Bank dubne par kitna paisa milta hai)
अब आपका सबसे बड़ा प्रश्न यह होगा कि यदि आपका बैंक डूब जाता है तो आपके खाते में जो जमा राशि थी वह आपको मिलेगी या नहीं या फिर वह भी बैंक डूबने के साथ ही डूब जाएगी। तो इसके लिए वर्तमान भारत सरकार के द्वारा वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने एक नियम बनाया है जिसके तहत यदि कोई बैंक डूब जाता है या वह दिवालिया घोषित हो जाता है तो उसके ग्राहकों को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि मिल (Bank diwaliya hone par kitna paisa milta hai) सकेगी।
कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपका पांच लाख तक का रूपया बैंक में जमा है तो आपको पूरा पैसा मिल जाएगा जबकि उसके बाद का पैसा नहीं मिलेगा। उदाहरण से समझाएं तो यदि आपका बैंक में 2 लाख रूपया जमा है तो आपको 2 लाख मिल जाएंगे और यदि 10 लाख जमा है तो अधिकतम 5 लाख ही मिलेंगे और बाकि के 5 लाख मामले का निपटारा होने पर मिलेंगे अन्यथा वह अटक (When a bank collapses what happens to your money) जाएंगे। अब यदि उस बैंक का किसी अन्य बैंक में मर्जर हो जाता है या वह संभल जाता है या उसे सरकार बचा लेती है तो आपको आपका पूरा पैसा मिल जाएगा।
बैंक दिवालिया क्यों होता है – Related FAQs
प्रश्न: बैंक दिवालिया होने पर कितना पैसा मिलता है?
उत्तर: बैंक के दिवालिया होने पर 5 लाख तक की राशि आप ले सकते हो।
प्रश्न: अगर बैंक दिवालिया हो जाता है तो मेरे पैसे का क्या होता है?
उत्तर: अगर बैंक दिवालिया हो जाए तो आपको 5 लाख तक की राशि मिल सकती है।
प्रश्न: दिवालिया से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: दिवालिया का मतलब जब किसी का ऋण इतना हो जाता है कि वह चुका पाने में असमर्थ हो जाता है तो उसे दिवालिया होना कहते हैं।
प्रश्न: बैंक दिवालिया क्यों होता है?
उत्तर: बैंक के दिवालिया होने के कुछ कारण हमने इस लेख में बताए हैं जो आपको पढ़ने चाहिए।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने बैंक क्यों दिवालिया होता है इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है। साथ ही हमने आपको इस लेख के माध्यम से बैंक का डूबना क्या होता है बैंक के डूबने पर क्या होता है और बैंक डूबने पर कितना पैसा मिलता है इसके बारे में भी जानकारी दी है। आशा है कि जो जानकारी लेने आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी।