|| DLL क्या है? DLL kya hai | DLL kya hota hai | Dynamic link library kya hai | DLL ke bare mein jankari | DLL फाइल के फीचर क्या है? (DLL features in Hindi | DLL फाइल ना हो तो क्या होता है? ||
DLL kya hai :- कई बार यह देखने को मिलता है कि बहुत सारी चीजें हमारे सामने ही होती है या फिर हमारे काम आती है लेकिन उनका सीधा पाला हमसे नहीं पड़ता है। यही कारण है कि हम भी उनके बारे में ज्यादा जानने का प्रयास नहीं करते हैं या उस पर ध्यान ही नहीं देते हैं किंतु सभी लोग ऐसे नहीं होते (DLL kya hota hai) हैं। बहुत लोगों के मन में इस बात को लेकर जिज्ञासा बनी रहती है कि उस फलाना चीज़ का क्या अर्थ है और उसकी महत्ता क्या है इत्यादि।
अब इसी में एक चीज़ है DLL जिसके बारे में शायद आपने सुन रखा होगा या देख रखा होगा। अब जब भी आप अपने सिस्टम या कंप्यूटर या लैपटॉप पर किसी एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर या ऐसे ही किसी फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो उसमे कई तरह की फाइल होती है। अब इन फाइल में से हम केवल उसी फाइल को ही देखते हैं जो उस सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल किये जाने के लिए जरुरी होती है और बाकि सभी फाइल को अनदेखा कर देते (Dynamic link library kya hai) हैं।
तो अब यदि आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि इन सॉफ्टवेयर की फाइल में कुछ एक फाइल ऐसी होती है जिनके अंत में DLL लिखा हुआ होता है और वो भी एक डॉट लगा कर। तो क्या कभी आपने सोचा है कि यह DLL फाइल क्या होती है और इनका क्या ही इस्तेमाल होता है!! आज हम आपके साथ इसी विषय के ऊपर ही बात करने वाले हैं जिसके माध्यम से आप यह जान पाने में सक्षम होंगे कि इन DLL का क्या इस्तेमाल होता है और इसकी किसी सॉफ्टवेयर के लिए कितनी महत्ता होती (DLL ke bare mein jankari) है।
DLL क्या है? (DLL kya hai)
सबसे पहले हम इसी DLL के बारे में बात कर लेते हैं ताकि आपकी सभी तरह की शंकाएं दूर हो सके। तो हम अपने सिस्टम में कई तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उनमे से प्रमुख माइक्रोसॉफ्ट की बनाई गयी विंडोज है जिनका इस्तेमाल लगभग आधे से भी अधिक सिस्टम में किया जाता है। इतना ही नहीं माइक्रोसॉफ्ट का ही इस बाजार में मुख्य तौर पर कब्ज़ा है और लोग उसी का ही विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करना पसंद करते (Dynamic link library in Hindi) हैं।
अब इस विंडोज सिस्टम में जब भी किसी सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल किया जाता है या उसको इनस्टॉल करने के बाद उससे काम लिया जाता है तो उसके तहत कुछ फंक्शन को रन करवाने की जरुरत पड़ती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि उस सॉफ्टवेयर के माध्यम से हम जो भी कार्य करना चाहते हैं या करवाना चाहते हैं तो उसके लिए उस सॉफ्टवेयर व विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में तालमेल बिठाने और आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाने की जरुरत महसूस होती (DLL kya h) है।
अब यह दिशा निर्देश देने का काम ही DLL के द्वारा किया जाता है और उस सॉफ्टवेयर को रन करवाया जाता है। उस सॉफ्टवेयर की DLL फाइल्स विंडोज की DLL फाइल्स को सभी तरह के दिशा निर्देश देती है और हमने उसे जो काम करने को कहा है, उसे शुरू करवाती है। एक तरह से हमें उस DLL फाइल से कुछ लेना देना नहीं होता है लेकिन वही हमारा काम कर रही होती है। साथ ही विंडोज को भी बेहतर तरीके से काम करने के लिए इसी DLL फाइल्स की जरुरत होती है जो उसे सभी तरह के आवश्यक दिशा निदेश देती है।
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DLL की फुल फॉर्म क्या है? (DLL full form in Hindi)
अब आपने DLL के बारे में इतनी जानकारी ले ली है तो आपका इसकी फुल फॉर्म के बारे में जानना भी जरुरी हो जाता है। तो यहाँ हम आपको DLL की फुल फॉर्म बता देते हैं जो है डायनामिक लिंक लाइब्रेरी (Dynamic Link Library)। अब आपको DLL की फुल फॉर्म से ही समझ में आ रहा होगा कि आखिरकार इसका क्या कुछ काम हो सकता है और यह क्यों ही किसी सॉफ्टवेयर या विंडोज के लिए इतनी जरुरी होती (DLL ki full form kya hai) है।
फिर भी हम अपनी बात को विस्तार देते हुए बता दें कि यह एक ऐसी लाइब्रेरी होती है जो डायनामिक होने के साथ साथ आपस में लिंक भी होती है ताकि जरुरत पड़ने पर फंक्शन को सुचारू रूप से काम पर लगाया जा सके। अब हम अपने सिस्टम के जरिए किसी सॉफ्टवेयर को जो कुछ भी आदेश देते हैं, वह उन्हें इन्हीं डायनामिक लिंक लाइब्रेरी के माध्यम से करता है और फंक्शन को रन करवाता है।
DLL कैसे काम करता है? (DLL kaise kaam karta hai)
अब आपको यह समझाने का प्रयास करते हैं कि आखिरकार यह DLL काम कैसे करता है या इसके फंक्शन किस तरह से अपना काम करवाने में सक्षम होते हैं। अब जो सॉफ्टवेयर होता है उसमे कई तरह के फंक्शन होते हैं और उसे उन फंक्शन के अनुसार ही अपना कार्य करना होता है। एक व्यक्ति उस सॉफ्टवेयर के कार्य के आधार पर ही या उसके दिए गए फंक्शन के आधार पर ही उसे काम करने को कहता है और उसके लिए उसे आवश्यक दिशा निर्देश देने का काम करता (How DLL works in Hindi) है।
तो अब आप ही सोचिये कि यदि किसी सॉफ्टवेयर को कुछ काम करने के लिए कहा जा रहा है या उसे किसी स्पेसिफिक फंक्शन पर काम करने को कहा जा रहा है तो वह कैसे ही इस काम को कर पाएगा या इसका आधार क्या होगा। तो उसका उत्तर होता है यही DLL फाइल्स जो उस सॉफ्टवेयर के विभिन्न फंक्शन को काम करने के लिए लिंक करने का काम करती (How dynamic link library work in Hindi) है।
अब यदि हम किसी सॉफ्टवेयर को कुछ काम करने के लिए कह रहे हैं तो तुरंत ही उस फंक्शन के हिसाब से आवश्यक DLL फाइल एक्टिव हो जाती है और सभी तरह के फंक्शन को करवाने का जिम्मा अपने ऊपर ले लेती है। अब इस DLL फाइल्स का फायदा यह होता है कि यह आपस में लिंक होती है और किसी भी काम को करने में हिचकिचाती नहीं है।
उदाहरण के तौर पर आपने किसी फोटो एडिट वाले सॉफ्टवेयर को किसी इमेज को छोटा करने को कहा या उसे क्रॉप करने का निर्देश दिया तो तुरंत ही उससे संबंधित DLL फाइल उस फंक्शन को यह करने के लिए कहती है। अब उस काम को करने के लिए अन्य किस किस फंक्शन की जरुरत पड़ सकती है, वह सब काम भी यह DLL फाइल अपने लिंक के जरिये करवा देती है। इसी के साथ साथ इस DLL फाइल के द्वारा कंप्यूटर के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को किस तरह से हैंडल किया जाए, उसके लिए भी वही DLL फाइल ही काम करती है।
DLL फाइल के फीचर क्या है? (DLL features in Hindi)
आपको यह भी जानना चाहिए कि इस DLL फाइल के क्या कुछ फीचर होते हैं और उनके माध्यम से क्या कुछ काम किया जा सकता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि इस DLL फाइल के जरिये मुख्य तौर पर पांच तरह के काम किये जाते हैं। तो यह काम कौन कौन से हैं और उससे किस तरह से इस DLL फाइल की महत्ता बढ़ जाती है, आइए इसके बारे में जान लेते (Dynamic link library features in Hindi) हैं।
- मेमोरी मैनेजमेंट: DLL फाइल का सबसे प्रमुख काम होता है मेमोरी को मैनेज करने का या यूँ कहें कि उस सिस्टम में कितनी मेमोरी ली जा रही है इसे देखने का और उसी के अनुसार उसका प्रबंधन करने का। अब आपने देखा ही होगा कि जब किसी सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल किया जाता है तो वह अपनी क्षमता के अनुसार कुछ स्पेस उस सिस्टम में ले लेता है और यही काम इस DLL फाइल का होता है।
- इम्पोर्ट लाइब्रेरीज: यदि किसी फंक्शन को करने में अन्य लाइब्रेरी को इम्पोर्ट करने की जरुरत है या किसी अन्य जगह से DLL फाइल को उठाने की जरुरत है तो वह भी इसी DLL फाइल के जरिये ही किया जाता है। अब यह DLL फाइल एक दूसरे से पूरी तरह से लिंक की हुई होती है ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसी भी DLL फाइल को अन्य लाइब्रेरी को इम्पोर्ट किया जा सके। तो यही काम इसी DLL फाइल के जरिये किया जाता है।
- सिंबल रेसोल्यूशन व बिन्डिंग: अब DLL फाइल के जरिये जिस भी फंक्शन को बुलाया जा रहा है या उसके तहत काम लिया जा रहा है तो वह उसे एक सिंबल या नाम अवश्य देती है और उसके तहत ही काम को अंजाम तक पहुँचाने का काम करती है। बिना उसे नाम या नंबर दिए वह उससे काम नहीं लेती है और यही DLL फाइल के काम करने का प्रमुख स्रोत होता है।
- एक्स्प्लिसित रन टाइम लिंकिंग: जब भी हम किसी सॉफ्टवेयर को रन करते हैं या उसे कुछ दिशा निर्देश देते हैं तो उस समय यह सभी DLL फाइल्स एक्टिव हो जाती है और रन टाइम पर काम करने लग जाती है। कुल मिलाकर कहें तो किसी भी सॉफ्टवेयर या विंडोज के रन टाइम में यह DLL फाइल्स महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने का कार्य करती है।
- डिलेड लोडिंग: अब यदि किसी सॉफ्टवेयर में यह DLL फाइल नहीं है या वह वहां की बजाए कहीं और है तो उस समय उस सॉफ्टवेयर को रन करने में दिक्कत महसूस होती है या वह फेल ही हो जाता है। यही कारण है कि जब किसी भी सॉफ्टवेयर के चलने में दिक्कत आ रही होती है या वह चल ही नहीं पाता है तो उस समय उसकी DLL फाइल में ही कोई ना कोई पंगा होता है।
DLL फाइल ना हो तो क्या होता है?
साथ के साथ आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यदि विंडोज में या सॉफ्टवेयर में DLL फाइल ही नहीं हो तो उस स्थिति में क्या होता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यदि किसी विंडो में DLL फाइल ही नहीं है तो वह विंडो चल ही नहीं पायेगी और आप उस सिस्टम में काम ही नहीं कर सकते हैं। वह इसलिए क्योंकि उस विंडो को चलने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश पर काम करने की जरुरत होती है और वह काम ही DLL फाइल करवाती है जो है ही नहीं। इस स्थिति में वह विंडो चल ही नहीं पायेगी।
वहीं यदि किसी सॉफ्टवेयर में DLL फाइल नहीं है या मिसिंग है या कहीं और है तो इस स्थिति में भी वह सॉफ्टवेयर अपना काम कर पाने में असक्षम होता है या उसे सही से करके नहीं दे पाता है। इस स्थिति में उस सॉफ्टवेयर के द्वारा आपसे तुरंत ही यह पूछा जाएगा कि उस काम को करने के लिए जरुरी DLL फाइल कहां है और वह आपसे उसकी मांग करेगा। यदि वह नहीं पायी जाती है तो वह उस काम को नहीं कर पाएगा।
DLL क्या है – Related FAQs
प्रश्न: सरल शब्दों में डीएलएल क्या है?
उतर: डीएलएल के बारे में सब कुछ आप उपर का लेख पढ़ कर जान सकते हैं।
प्रश्न: डीएलएल फाइल क्या करती है?
उतर: डीएलएल फाइल आपस में लिंक्ड होती है और जो हम सॉफ्टवेयर में करने को कहते हैं वह यही DLL फाइल्स करवाती है।
प्रश्न: डीएलएल फाइल्स ना हो तो क्या होगा?
उतर: अगर डीएलएल फाइल्स नहीं हुई तो विंडो चल नहीं पाएगी।
प्रश्न: डीएलएल की फुल फॉर्म क्या है?
उतर: डीएलएल की फॉर्म डायनामिक लिंक्ड लाइब्रेरी है।
तो इस तरह से आपने DLL के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है कि आखिरकार DLL क्या है यह कैसे काम करता है, इसके फीचर क्या है, और यदि किसी विंडो में DLL फाइल नहीं हो तो क्या होगा। आशा है कि आपको DLL के बारे में सब कुछ जानकारी मिल गई होगी।