डीएनए टेस्ट क्या है? डीएनए टेस्ट से क्या क्या पता चलता है?

|| What is DNA test? What you can know from DNA test?, डीएनए टेस्ट का खर्च, बच्चे का डीएनए टेस्ट कैसे होता है, आपराधिक जांच में डीएनए परीक्षण के लिए गए नमूनों हो सकता है, डीएनए पितृत्व परीक्षण भारत में कानूनी है ||

आपने फिल्मों, सीरियलों में कई बार देखा होगा कि पति अपनी पत्नी पर शक करते हैं। ऐसे में वे बच्चे को अपनाने को तैयार नहीं होते। उन्हें लगता है कि यह उनका नहीं। ऐसे में बच्चे से पिता का ब्लड रिलेशन साबित करने को डीएनए टेस्ट करता है।

इसके अलावा कई बार आपदा में किसी की मृत्यु हो जाती है और उसके वारिसों की खैर खबर नहीं मिलती तो उसके रक्त संबंधियों से पहचान स्थापित करने को भी डीएनए टेस्ट का सहारा लिया जाता है।

मृतक की हड्डी, बाल आदि का सैंपल लिया जाता है। डीएनए टेस्ट क्या होता है और इससे क्या क्या पता चलता है? आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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डीएनए की फुल फार्म क्या है? (What is the full form of DNA?)

दोस्तों, डीएनए टेस्ट के बारे में जानने से पहले डीएनए (DNA) की फुल फाॅर्म (full form) जान लेते हैं। इसकी फुल फाॅर्म डी-आक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड (De oxy ribo nucleic acid) है। डीएनए ही क्रोमोजोम का आधार होता है, जिनकी वजह से आनुवंशिक गुण एक पीढ़ी से दूसरी में ट्रांसफर होते हैं।

डीएनए टेस्ट क्या है? डीएनए टेस्ट से क्या क्या पता कर सकते हैं?

डीएनए टेस्ट क्या है? (What is DNA test?)

मित्रों, अब आते हैं डीएनए टेस्ट पर। आपको बता दें कि इसकी जांच से शरीर के बहुत से सत्य सामने आते हैं। जैसे-जेनेटिक सच (genetic truth)। इसी वजह से इसे जेनेटिक टेस्टिंग (genetic testing) भी पुकारा जाता है। डीएनए सीक्वेंस (DNA sequence) अथवा क्रोमोसोम स्ट्रक्चर (chromosome structure) में हुए बदलाव को इससे आइडेंटिफाई (identify) किया जा सकता है।

दरअसल, प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की एक अलग डीएनए कोडिंग (DNA coding) होती है। यह कोडिंग जैसी होती है, वैसा ही शरीर बनता है। इसी से बच्चे की विशेषताएं निश्चित होती हैं, जैसे कि बच्चे की आंखों का रंग क्या होगा? उसकी त्वचा कैसी होगी? लंबाई-चौड़ाई कैसी होगी? बाल कैसे होंगे? आदि।

यह तो आप जानते ही होंगे कि आनुवंशिक गुण पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर होते हैं। इससे बच्चे के डीएनए की पहचान हो जाती है। उसका रक्त संबंध स्थापित किया जा सकता है।

डीएनए टेस्ट कराने की क्या वजह होती हैं? (What are the reasons behind DNA test?)

डीएनए टेस्ट (DNA test) सामान्य परिस्थितियों में नहीं कराया जाता। बहुत बार ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं कि व्यक्ति डीएनए टेस्ट कराने पर मजबूर हो जाता है। ये वजहें इस प्रकार से हैं-

1. पति का पत्नी पर विश्वास न होना-

डीएनए टेस्ट की यह सबसे आम वजह है। कई बार पतियों को शक होता है कि पत्नी उनके साथ विश्वासघात कररही है। ऐसे में वह इस टेस्ट के जरिए निर्धारण कर सकता है कि बच्चा उसका है या नहीं।

2. संपत्ति/विरासत संबंधी विवाद-

ये विवाद भी हमारे देश में बहुत आम हैं। कई लोग अपनी विरासत हासिल करने के लिए इस प्रकार के टेस्ट कराते हैं। उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी (late Nd tiwari) का मामला इस मामले में मिसाल के तौर पर याद किया जा सकता है।

रोहित शेखर तिवारी ने उन पर बायोलाजिकल पिता (biological father) होने का आरोप लगाया था। डीएनए टेस्ट की गुहार लगाई थी। बाद में रोहित शेखर तिवारी उनका बेटा है यह स्पष्ट हुआ। यह अलग बात है कि रोहित शेखर की भी बाद में मृत्यु हो गई।

3. यदि बच्चा आईवीएफ तकनीक से हुआ है-

बहुत से बेऔलाद मां बाप के लिए आईवीएफ तकनीक (IVF technique) वरदान साबित हुई है। लेकिन बहुत से आईवीएफ सेंटर इस प्रयोजन के लिए किसी और का ओवम (ovum) और स्पर्म (sperm) इस्तेमाल कर लेते हैं। ऐसे में माता-पिता अपना संदेश दूर करने के लिए यह टेस्ट करा सकते हैं।

4. बच्चा अस्पताल में बदल तो नहीं गया है-

कई बार मां बाप को यह संदेह होता है कि अस्पताल में उनके बच्चे की अदला बदली कर दी गई है तो वे डीएनए टेस्ट के जरिए अपना संदेश दूर कर सकते हैं।

5. विदेश प्रवास के लिए-

दोस्तों, आपको बता दें कि बहुत से देशों में स्थाई नागरिकता (permanent membership) अथवा निवास देने से पूर्व प्राथमिक आवेदक एवं उनके परिवार के बीच संबंध स्थापित कराने को डीएनए टेस्ट (DNA test) आवश्यक किया गया है। यह टेस्ट वहां के आव्रजन अधिकारियों (immigration officers) द्वारा कराया जाता है।

6. कोर्ट की आवश्यकतानुसार-

कई मामलों में कोर्ट (court) डीएनए टेस्ट का फेसला देती है। ऐसा अधिकांशतः रक्त संबंध निर्धारण के मामलों में होता है अथवा विरासत (heritage) के मामलों में होता है।

आपको बता दें दोस्तों कि कोर्ट द्वारा दिया गया टेस्ट कुछ खर्चीला पड़ता है, क्योंकि इसमें संबंधित टेस्ट लैब को प्रेजेंटेशन (presentation) के लिए संबंधित कोर्ट तक भी आना जाना पड़ता है।

डीएनए टेस्ट से क्या क्या पता लगाया जा सकता है? (What a person can know from this test?)

दोस्तों, यह तो आप जानते होंगे कि प्रत्येक व्यक्ति का डीएनए अलग एवं एकदम यूनिक (unique) होता है। बच्चे का डीएनए उसके माता पिता से बनता है।

यद्यपि यह बिल्कुल एक जैसा नहीं होता, इसका केवल कुछ ही हिस्सा मिलता है। विशेष रूप से डीएनए टेस्ट के जरिए यह पता लगा सकते हैं कि मां-बाप से बच्चे में कहीं कोई जेनेटिक बीमारी तो नहीं गई है।

इसके अतिरिक्त किसी के सगे संबंधी एवं खून के रिश्तेदारों का पता भी इस डीएनए टेस्ट के माध्यम से लगाया जा सकता है। क्राइम से संबंधित मामलों में अक्सर पुलिस कोर्ट की इजाजत के बाद आरोपियों का डीएनए जांच कराती है। मुख्य तौर पर डीएनए टेस्ट से यह पता चलता है-

1. रक्त संबंध निर्धारण:

इसके लिए रिलेशनशिप डीएनए टेस्ट कराया जाता है। यह टेस्ट बच्चे के साथ रक्त संबंध निर्धारण करता है। ये कई तरह का होता है। जैसे-

  • पैटरनिटी डीएनए टेस्ट (paternity DNA test)-इस टेस्ट से बच्चे से पिता के रक्त संबंध की पुष्टि की जा सकती है।
  • मैटरनिटी डीएनए टेस्ट (maternity DNA test)-यह टेस्ट बच्चे से माता के रक्त संबंध में पुष्टि के लिए कराया जाता है।
  • सिबलिंग डीएनए टेस्ट (siblings DNA test)-इस टेस्ट के द्वारा भाई बहनों के आपस में रक्त संबंध की पुष्टि होती है।
  • ग्रैंड पैरेंटेज डीएनए टेस्ट (grand parentage dna test)-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह टेस्ट दादा दादी अथवा नाना नानी संग पोते-पोती या नाती-नातिन के रक्त संबंध की पुष्टि के लिए कराया जाता है।

2. पूर्वजों की जानकारी:

इसके लिए एनसेस्ट्री डीएनए टेस्ट (ancestry DNA test) कराया जाता है। दरअसल, कई दफा व्यक्ति जानना चाहता है कि उसके पूर्वज कौन थे, उनका उद्गम कहां से हुआ आदि। इन्हीं सब जानकारी के लिए यह अत्याधुनिक एनसेस्ट्री डीएनए टेस्ट होता है। इसे जीपीएस ओरिजिन्स टेस्ट भी कहा जाता है।

3. अंग प्रत्यारोपण के लिए संबंध निर्धारण:

यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे को अपना अंग प्रत्यारोपित कराना चाहता है तो आर्गन ट्रांसप्लांट (organ transplant) से पहले डोनर (donor) यानी अंग दान करने वाले एवं अंग प्राप्त करने वाले यानी रेसिपिएंट (receipent) के बीच संबंध पुश्टि के लिए यह डीएनए टेस्ट कराया जाता है।

4. भ्रूण में आनुवंशिक विकृति की जानकारी:

किसी स्त्री के गर्भ में पल रहे भ्रूण में कोई आनुवंशिक बीमारी (genetic disorder) अथवा विकृति तो नहीं, यह जानने के लिए यह नान इंवेंसिव प्रीनेटल टेस्ट (non invensive prenatal test) यानी एनआईपीटी (NIPT) कराया जाता है।

5. विदेश प्रवास लिए संबंध निर्धारणः

इसके लिए इमिग्रेशन डीएनए टेस्ट कराया जाता है। स्थाई नागरिकता के लिए आवेदन करने पर प्राथमिक आवेदक से उसके परिवार का संबंध स्थापित करने के लिए कई देशों में यह टेस्ट अनिवार्य किया गया है।

6. लीगल टेस्ट-

न्यायिक प्रक्रिया के दौरान कई बार कोर्ट में इस प्रकार के मामले आते हैं। खास तौर पर संपत्ति/विरासत, पैटरनिटी संबंधी मामले जहां संबंध निर्धारण के लिए डीएनए टेस्ट कराना आवश्यक होता है।

डीएनए टेस्ट कैसे होता है? (How dna test is done?)

साथियों, अब आपको यह जानकारी देंगे कि डीएनए टेस्ट कैसे होता है? इसके लिए सैंपल इस प्रकार से लिया जाता है-

सामान्य रूप से व्यक्ति के शरीर से ब्लड सैंपल लेते हैं। यदि व्यक्ति मृत है तो उसकी हड्डी, बाल, नाखून अथवा त्वचा का सैंपल लिया जा सकता है। यदि किसी ब्लड सैंपल नहीं लिया जा सकता तो बक्कल स्वैब (buccal swab) का सैंपल लिया जाता है। यानी उसके गालों के अंदरूनी भाग का सैंपल। इसके लिए एक पतली सी ईयर बड जैसी छड़ ली जाती है।

इस छड़ के दोनों साइड पर काॅटन लगी होती है, इसे व्यक्ति के गालों के भीतर घुमाया जाता है। इसके पश्चात उसे एक कंटेनर में डाल देते है। प्रयोगशाला के भीतर इस सैंपल का विश्लेषण (sample analysis) किया जाता है। इसके आधार पर विशेषज्ञ डाक्टर आम तौर पर सप्ताह भर के भीतर रिपोर्ट देता है।

अजन्मे बच्चे का डीएनए टेस्ट कैसे होता है?

अब एक महत्वपूर्ण बात आपको बताएं। बहुत बार यह होता है कि माता-पिता की पहचान स्थापित करने के लिए बच्चे का डीएनए टेस्ट किया जाता है। इसे नान इन्वेंसिव प्रीनैटल टेस्ट कहा जाता है।

इसके लिए उल्ब तरल यानी एम्नियोटिक फ्लूड (amniotic fluid) का सैंपल लिया जाता है। यह गर्भावस्था में भ्रूण के चारों ओर मौजूद तरल होता है। इसके आधार पर उसकी पहचान स्थापित की जाती है। इस टेस्ट का खर्च बच्चे के जन्म के बाद कराए जाने वाले डीएनए टेस्ट से अधिक होता है।

अजन्मे बच्चे का डीएनए टेस्ट कब होता है? (When the dna test of unborn baby done?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि नान इन्वेंसिव प्रीनैटल टेस्ट स्त्री की गर्भावस्था के 8 सप्ताह के बाद ही किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय तक बच्चे के डीएनए में मां का खून शामिल हो जाता है।

पिता के खून के साथ मां के खून का कंपेरिजन (comparison) करके यह तय किया जा सकता है कि व्यक्ति अजन्मे बच्चे का पिता है अथवा नहीं। यानी कि बच्चे से पिता का रक्त संबंध स्थापित किया जा सकता है।

भारत में लीगल डीएनए टेस्ट कहां पर होता है? (Who does legal DNA test in india?)

आपको बता दें दोस्तों कि हमारे देश भारत में कोर्ट के लिए लीगल डीएनए टेस्ट (legal DNA test) डीएनए फाॅरेसिंक्स लेबोरेटरी (DNA forensics laboratory) यानी डीएफएल (DFL) करती है। इसके अतिरिक्त यह लैब अन्य सभी तरह के डीएनए टेस्ट भी करती है।

इस लैब के तमाम बड़े शहरों में करीब 400 लोकल कलेक्शन सेंटर (local collection centre) हैं। यदि आप चाहें तो घर बैठे अपने पते पर होम कलेक्शन किट (collection kit) मंगवा सकते हैं और अपना सैंपल टेस्ट के लिए डीएफएल लैब के पते पर भेज सकते हैं।

डीएनए टेस्ट पर कितने पैसे खर्च होते हैं? (How much DNA test costs?)

मित्रों, अब आपको जानकारी दे देते हैं कि डीएनए टेस्ट पर कितना खर्च आता है। आपको बता दें कि यह खर्च शहरों के अनुसार अलग अलग हो सकता है। जैसे कि एक सामान्य रिलेशनशिप डीएनए टेस्ट (relationship DNA test) पर 14 हजार रूपये तक का खर्च आता है, वहीं, अजन्मे के टेस्ट पर सवा लाख रूपये से लेकर डेढ़ लाख रूपए तक का खर्च आसानी से आ जाता है। बड़े शहरों में और प्रतिष्ठित लैब में यह खर्च और ज्यादा हो सकता है।

डीएनए की फुल फाॅर्म क्या होती है?

डीएनए की फुल फाॅर्म डीआक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड होती है।

डीएनए टेस्ट क्या होता है?

इस टेस्ट के जरिए व्यक्ति के जेनेटिक्स का पता लगाया जाता है। इसलिए इसे जेनेटिक्स टेस्ट भी कहते हैं।

डीएनए टेस्ट से क्या क्या पता चलता है?

डीएनए टेस्ट के लिए रक्त संबंध निर्धारित करने के साथ ही पूर्वजों की जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। साथ ही बच्चे में कोई आनुवंशिक बीमारी तो नहीं, यह पता लगाया जा सकता है।

डीएनए टेस्ट के लिए किस चीज का सैंपल लिया जाता है?

सामान्य तौर पर डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लिया जाता है।

मृतकों का डीएनए टेस्ट कैसे होता है?

मृतकों का डीएनए टेस्ट उनके बाल, नाखून, त्वचा, हड्डी आदि के सैंपल से भी हो सकता है।

डीएनए टेस्ट घर पर कैसे करें

डीएनए टेस्ट घर नही कर सकतें हैं।

दोस्तों, हमने आपको बताया कि डीएनए टेस्ट क्या होता है? इससे क्या क्या पता चलता है? उम्मीद है कि आप डीएनए टेस्ट को भली भांति समझ गए होंगे। यदि अभी भी आपके मन में कोई सवाल है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में टाइप करके हम तक भेज सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं के साथ ही सुझावों का भी हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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