डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्या होता है? | डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कौन और क्यों करता है? | Document verification kya hota hai

|| डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्या होता है? | Document verification kya hota hai | डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कौन करता है? | डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्यों किया जाता है? | डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कौन और क्यों करता है? | डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कब किया जाता है? | दस्तावेज़ सत्यापित होने पर इसका क्या अर्थ है? ||

Document verification kya hota hai :- जब भी आप किसी सरकारी प्रक्रिया से गुजरते हैं या कहीं किसी निजी संस्था या कंपनी में भी किसी सुविधा के लिए आवेदन करते हैं तो वहां आपके डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन किया जाता है। आज के समय में यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का शब्द बहुत ही आम हो गया है और लगभग हर जगह इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत उस (Document verification me kya hota hai) व्यक्ति से संबंधित पहचान तथा अन्य चीज़ों की जांच पड़ताल की जाती है और उसके बाद ही कार्यवाही को आगे के लिए बढ़ाया जाता है।

तो यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किस किस चीज़ में किया जाता है और इसमें क्या कुछ आता है, यह सब जानना आपके लिए बहुत जरुरी हो जाता (Document verification in Hindi) है। वर्तमान समय में बहुत सी चीज़ों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जाता है। तो आज (Document verification ka matlab) के इस लेख में हम आपके साथ डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में ही विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। आइए जाने कि आखिरकर यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता क्या है।

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डॉक्यूमेंट क्या होता है? (Document kya hota hai)

सबसे पहले बात करते हैं डॉक्यूमेंट शब्द के बारे में। हालाँकि बहुत से लोगों को डॉक्यूमेंट शब्द के बारे में पता होगा लेकिन जिन्हें नहीं भी पता है या कम पता है तो उन्हें हम बता दें कि यह एक अधिकारिक पत्र होता है। अब आप अपने कॉपी या पुस्तक के कागज को सामान्य कागज कह सकते हैं और उन्हें डॉक्यूमेंट की संज्ञा नहीं दी जायेगी। तो जिस पत्र या कागज के टुकड़े को किसी संस्था, कंपनी जो कि अधिकृत है या फिर सरकार के द्वारा मान्यता दी जाए उसे ही डॉक्यूमेंट कहा जाता है।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कौन और क्यों करता है Document verification kya hota hai

तो यह डॉक्यूमेंट कुछ भी हो सकता है फिर चाहे वह कानून के द्वारा दिया गया कोई प्रमाण पत्र हो भारत या राज्य सरकार के द्वारा दिया गया कोई पहचान पत्र या आपकी कंपनी, कॉलेज, स्कूल इत्यादि के द्वारा दिया गया कोई अन्य पत्र इत्यादि। किंतु इस डॉक्यूमेंट को उनके द्वारा प्रमाणित किया हुआ होना चाहिए और वह इसका पूरा उत्तरदायित्व भी लेते हो। तो उसे ही डॉक्यूमेंट कहा जा सकता है अन्यथा वह केवल कागज का एक टुकड़ा बन कर ही रह जाएगा।

वेरिफिकेशन क्या होता है? (Verification kya hota hai)

अब जब आपने डॉक्यूमेंट के बारे में जान लिया है तो इसी के साथ साथ आपको वेरिफिकेशन शब्द के बारे में भी जान लेना चाहिए। अब आप इस दुनिया में रहते हैं और खासतौर पर भारत जैसे देश में तो यह तो आपको भलीभांति पता होगा कि इस देश में नकली सामान, लोगों और डॉक्यूमेंट की कोई कमी नही होती है। कोई भी किसी भी गलत व्यक्ति के सहारे उसे कुछ रुपए देकर नकली डॉक्यूमेंट बनवा सकता है। अब इस देश में नकली आधार कार्ड बनवा कर या वोटर आईडी लेकर अवैध बंगलादेशी व रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं।

ऐसे में उन डॉक्यूमेंट की जांच की जानी अति आवश्यक हो जाती है। तो वेरिफिकेशन शब्द का अर्थ होता है किसी चीज़ को सत्यापित किया जाना कि वह चीज सही है या नहीं। तो जब किसी चीज़ का सत्यापन किया जाता है, उसकी खोजबीन की जाती है या उसके बारे में पता लगाया जाता है और यह देखा जाता है कि वह चीज़ वाकई में सही है या गलत तो उसे ही वेरिफिकेशन करना कहते हैं।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्या होता है? (Document verification kya hota hai)

अब बात करते है डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को करने के बारे में। तो आपने यह जान लिया कि डॉक्यूमेंट किसे कहा जाता है और वेरिफिकेशन से हमारा क्या तात्पर्य है। तो अब यदि इन दोनों शब्दों को जोड़ दिया जाए तो उसका अर्थ होता है किसी डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन किया जाना अर्थात किसी कागजात की जांच पड़ताल होना। अभी भी यदि आप भ्रम की स्थिति में हैं तो हम आपको एक उदाहरण से समझा देते हैं।

मान लीजिए कहीं पर सरकार के द्वारा योजना चलायी (What is Document verification job in Hindi) जा रही है जहाँ पर बारहवीं कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाये छात्रों को फ्री में लैपटॉप का वितरण किया जा रहा है। किंतु अब यह योजना केवल आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए ही है और सामान्य वर्ग को कुछ नहीं मिलेगा। साथ ही इसके लिए एक पात्रता और रखी गयी और वह यह है कि उस आरक्षित वर्ग के छात्र के पिता की वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।

तो अब यदि आप आरक्षित वर्ग के छात्र हैं और आपके बारहवीं कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक आये हैं, साथ ही आपके पिता की आय 3 लाख रुपए सालाना से कम है तो आपको इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार के सामने तीन तरह के डॉक्यूमेंट रखने होंगे। वे होंगे:

  • बारहवीं कक्षा की अंक तालिका जो आपके 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने का साक्ष्य होगा।
  • अपना जाति प्रमाण पत्र जो आपके आरक्षित वर्ग से होने का साक्ष्य होगा।
  • अपने पिता का आय प्रमाण पत्र जो आपके पिता की सालाना आय 3 लाख से कम होने का प्रमाण होगा।

तो अब सरकार के पास कई छात्र इन तीन तरह के डॉक्यूमेंट को लेकर पहुँच जाएंगे। तो आपको क्या लगता है कि सरकार बस इन डॉक्यूमेंट को देखते ही आपको लैपटॉप का वितरण कर देगी!! यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो जरा ठहरिये क्योंकि यह काम इतनी आसानी से नही होता है। सरकार को आप यह डॉक्यूमेंट तो दे देंगे लेकिन क्या पता आपने यह डॉक्यूमेंट जाली तरीके से बनवाया हो।

तो सरकार के द्वारा इन डाक्यूमेंट्स की वेरिफिकेशन प्रक्रिया भी करवाई जाएगी। इसके तहत उनके द्वारा ऑनलाइन व ऑफलाइन जो भी साधन व सुविधा उपलब्ध होगी, उसी स्तर पर इसकी जांच की जाएगी। यह सब जानकारी आज के समय में ऑनलाइन डाली जाने लगी है ताकि सरकार सब कुछ ऑनलाइन ही देख सके और उसके अनुसार निर्णय ले सके। तो सरकार के द्वारा अपने तीनो डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन किया जाएगा।

यदि जांच में वे सही पाए जाते हैं और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तभी आगे की कार्यवाही को बढ़ाया जाएगा। इसके बाद आपको लैपटॉप का वितरण कर दिया जाएगा। तो इस तरह आपको लैपटॉप लेने के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का हिंदी में मतलब (Document verification in Hindi)

वर्तमान समय में अंग्रेजी भाषा का बोलबाला भारत में बहुत दिख रहा है और मुख्य तौर पर उत्तर भारत के लोग दिखावे के चक्कर में अंग्रेजी को महत्ता देने लगे हैं। जबकि दक्षिण भारत के लोग अभी भी अपनी संस्कृति भाषा से जुड़े हुए हैं जो उत्तम बात है। यदि आप विदेशों को भी देखेंगे तो वहां के लोग भी अंग्रेजी से ज्यादा अपनी भाषा व संस्कृति को महत्ता देते हैं। इसका एक उदाहरण आप फीफा विश्व कप के बाद हुए मेस्सी के भाषण से ले सकते हैं जिन्होंने वह भाषण अंग्रेजी में ना देकर अपनी मातृभाषा में दिया था।

तो अब बात करते हैं डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के हिंदी नाम की (Document verification Hindi meaning)। तो डॉक्यूमेंट को हिंदी में प्रमाण पत्र, आलेख, दस्तावेज या कागजात कहा जाता है तो वही वेरिफिकेशन को हिंदी में सत्यापित करना कहा जाता है। तो इस तरह से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को हिंदी में दस्तावेज सत्यापन किया जाना कह सकते हैं। तो यदि किसी व्यक्ति के द्वारा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया की जा रही है तो उसे सामान्य हिंदी भाषा में कागजातों की जांच पड़ताल करना कहा जाएगा।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्यों किया जाता है? (Document verification kyu hota hai)

साथ के साथ आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया क्यों की जाती है। तो किसी भी चीज़ को सत्यापित करने के लिए और व्यक्ति विशेष को उसका लाभ देने या किसी संस्था या कंपनी को किसी चीज़ की अनुमति देने के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया का किया जाना बहुत आवश्यक होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि ऊपर हमने आपको डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में लैपटॉप वितरण का उदाहरण देकर समझाया।

अब यदि भारत सरकार अपने डॉक्यूमेंट को सबमिट करवाने वाले छात्रों का वेरिफिकेशन नही करती और केवल उन डाक्यूमेंट्स को देख कर ही लैपटॉप का वितरण कर देती तो इसकी बहुत संभावना थी कि बहुत से ऐसे छात्रों को भी लैपटॉप मिल जाता जो इसके लिए पात्र नहीं थे और जिन्होंने इसके लिए जाली डॉक्यूमेंट दिखाया था। तो सरकार ने उसका सत्यापन किया और इसी के आधार पर ही केवल पात्र छात्रों को ही उस सुविधा का लाभ मिला।

तो किसी भी चीज़ में अनुमति देने या उसको उस सुविधा या योजना का लाभ देने के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को किया जाना अति आवश्यक हो जाता है। बिना इसके कई अपात्र लोगों या संस्थाओं को उसका लाभ मिल जाता है जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कैसे किया जाता है? (Document verification kaise karte hain)

अब आपका अगला प्रश्न होगा कि यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को कैसे संपन्न किया जाता है। तो इसका पैमाना डॉक्यूमेंट के आधार पर ही तय होता (Document verification kaise kare) है क्योंकि यह डॉक्यूमेंट किसके द्वारा और किस चीज़ के लिए जारी किया गया है, उसी पर ही इसकी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया निर्भर करती है। जैसे कि यदि किसी डॉक्यूमेंट को किसी कॉलेज के द्वारा जारी किया गया है तो उसकी जांच या वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को उसी कॉलेज से ही संपन्न करवाया जाएगा।

तो यह उसी पर निर्भर करता है कि फलाना डॉक्यूमेंट को किसके द्वारा जारी किया गया है। अब मान लीजिए आपको अपने स्कूल से 11 वीं कक्षा को पास किये जाने का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। तो अब यदि आपको कही पर अपनी 11 वीं कक्षा का वह डॉक्यूमेंट जमा करवाना है तो उस डॉक्यूमेंट का सत्यापन उस संस्था या कंपनी या सरकार के द्वारा उस स्कूल के माध्यम से ही क्या जाएगा ना।

अब यदि आपके स्कूल ने अपनी आधिकारिक (Document verification kaise hota hai) वेबसाइट पर इसको डाला हुआ है या इसके बारे में जानकारी अपडेट कर रखी है तो वह सत्यापन या वेरिफिकेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन ही हो जाएगी अन्यथा ऑफलाइन तरीके से आपके स्कूल से उसका वेरिफिकेशन करवाया जाएगा। तो इस तरह से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को किया जाता है और संबंधित विभाग या संस्था से उसका सत्यापान करवाया जाता है।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कब किया जाता है?

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को कब किया जाता है, यह भी साथ के साथ जान ही लेते हैं। तो जब किसी संस्था, सरकार या विभाग के द्वारा किसी व्यक्ति, संस्था या अन्य किसी विभाग को कोई अनुमति देनी होती है या किसी सुविधा का लाभ देना होता है तो उसके लिए एक चरण के रूप में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को किया जाता है। अब इसे आप एक उदाहरण से समझेंगे तो बेहतर रहेगा।

मान लीजिए आप आईएस का एग्जाम दे रहे हैं और उसमे आपने सभी परीक्षाओं को पास कर लिया। इसमें पहली परीक्षा से लेकर मुख्य परीक्षा, इंटरव्यू सब आते हैं। तो आपने आईएस की परीक्षा के सभी चरणों को सफलतापूर्वक पास कर लिया है। तो क्या आपको लगता है कि आपको सीधे ही आईएस बना दिया जाएगा और आपके बारे में कोई भी जांच पड़ताल नहीं की जाएगी? यदि आप ऐसा सोचते हैं तो आप गलत है क्योंकि इससे पहले भारत सरकार आपका डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन अवश्य और निर्धारित रूप से करेगी।

तो जब आप आईएस के सभी चरणों को पास कर लेते हैं और परीक्षा में पास हो जाते हैं तो उसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया आती है। इसमें आईएस बनने के लिए जो भी पात्रता निर्धारित की गयी है, उससे संबंधित सभी तरह के डाक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन किया जाता है। इसी के साथ साथ जो अन्य तरह के डाक्यूमेंट्स चाहिए उनका भी इसके जरिए सत्यापन किया जाना सुनिश्चित किया जाता है। इनके सही पाए जाने पर ही आपको आईएस की नौकरी पर रखा जाएगा।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कौन करता है? (What is Document verification job in Hindi)

यह कोई भी कर सकता है फिर चाहे वह सरकार हो, कंपनी, संस्था, विभाग, उद्योग, व्यापार या व्यक्ति विशेष ही क्यों ना हो। अब मान लीजिए आपको किसी धनी व्यापारी से ऋण लेना है वह ऋण देने से पहले आपके डाक्यूमेंट्स का सत्यापन करना चाहता है तो आपको उसे भी अपने डाक्यूमेंट्स दिखाने होंगे। तो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को किसी के द्वारा भी किया जा सकता है।

अब इन डाक्यूमेंट्स में किसी तरह की कोई त्रुटी पायी जाती है या यह अधूरे होते हैं या आप उसके लिए पात्र नहीं होते हैं तो आपको उस चीज़ के लिए अनुमति नहीं दी जाती है या उस सुविधा का लाभ आप नहीं उठा पाते हैं। तो इस तरह से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को किसी के द्वारा भी किया जा सकता है।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्या होता है – Related FAQs

प्रश्न: डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में क्या करना चाहिए?

उत्तर: डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में उस व्यक्ति के पात्रता संबंधित सभी तरह के डाक्यूमेंट्स की गहनता से जांच पड़ताल की जानी चाहिए और यदि आपको लगता है कि इसमें कोई गलती है तो उस व्यक्ति या संस्था से इसके बारे में पूछा जाना चाहिए।

प्रश्न: वेरिफिकेशन क्या होती है?

उत्तर: वेरिफिकेशन में किसी डॉक्यूमेंट, बात, घटना इत्यादि का पुनः सत्यापन किया जाता है जो उस बात को प्रमाणित कर देता है।

प्रश्न: दस्तावेज़ सत्यापित होने पर इसका क्या अर्थ है?

उत्तर: दस्तावेज़ सत्यापित होने पर प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया जाता है और आप उस सुविधा का लाभ उठाने के पात्र हो जाते हैं।

प्रश्न: दस्तावेज़ सत्यापन में कितना समय लगता है?

उत्तर: दस्तावेज़ सत्यापन में लगने वाला समय सामने वाली संस्था, विभाग इत्यादि पर निर्भर करता है।

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपको डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया के बारे में शुरू से लेकर अंत तक सब जानकारी मिल गयी है। ऐसे में आपको भी समय समय पर अपने डाक्यूमेंट्स की जांच करते रहना चाहिए और यह देखना चाहिए कि उसमे कोई कमी तो नहीं रह गयी है या फिर उसे अपडेट करवाए जाने की आवश्यकता तो नही है।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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