अधिवास प्रमाणपत्र क्या है? ऑनलाइन अधिवास प्रमाणपत्र कैसे बनाएं?

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हमारे देश में कई प्रकार की योजनाओं की शुरुआत की जाती है जिनमें मुख्य रुप से ऐसी बातों का ध्यान रखा जाता है जिनके माध्यम से उस योजना का लाभ लेना आसान हो जाता है। योजना का लाभ लेते समय कई प्रकार के दस्तावेजों को संग्रहित किया जाता है जिनके माध्यम से आप अपने कार्य को आगे बढ़ा सकते हैं।

ऐसे में एक मुख्य दस्तावेज की आवश्यकता निश्चित रूप से होती है जिसे “अधिवास प्रमाणपत्र” कहा जाता है। यह प्रमाण पत्र हम सभी के लिए बहुत ही उपयोगी है जिसे अंग्रेजी में Domicile certificate कहते हैं।

अगर आप भी अधिवास प्रमाणपत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो निश्चित रूप से ही हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

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अधिवास प्रमाण पत्र क्या है? [What is domicile certificate?]

अधिवास प्रमाणपत्र एक स्थानीय नगर पालिका निगम द्वारा जारी दस्तावेज होता है। जिसके माध्यम से आप अपने भवन का निर्माण कर सकते हैं साथ ही साथ किसी भी प्रकार का भुगतान करने के लिए भी इस प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अगर आपको किसी भी कॉलेज, स्कूल में दाखिला लेना होता है तो वहां पर भी सरकारी फॉर्म भरते समय इस प्रमाण पत्र की आवश्यकता निश्चित रूप से ही होती है।

सामान्य तौर पर किसी भी नई जगह जाने पर आपको अपने निवास की जानकारी देनी होती है, जो आप अपने इस प्रमाण पत्र के माध्यम से दे सकते हैं। इसे आप मूल निवास प्रमाण पत्र के नाम से भी जानते हैं।

अधिवास प्रमाणपत्र क्या है? ऑनलाइन अधिवास प्रमाणपत्र कैसे बनाएं?

अधिवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेज

अगर आप भी अधिवास प्रमाणपत्र बनवाने की बात सोच रहे हैं तो आपको इसके लिए इन मुख्य दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

  • आधार कार्ड [Aadhar card]
  • वोटर आईडी कार्ड [Voter ID Card]
  • अपने घर का इलेक्ट्रिसिटी बिल [Electricity bill of your house]
  • दो पासपोर्ट साइज फोटो [two passport size photographs]
  • मोबाइल नंबर [mobile number]
  • राशन कार्ड [Ration card]
  • स्वप्रमाणित घोषणा पत्र [self attested declaration form]
  • यदि शिक्षा प्राप्त कर रहा है तो शैक्षणिक प्रमाण पत्र [Educational certificate]

अधिवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन अप्लाई की प्रक्रिया – [Domicile Certificate Online Application Process]

अधिवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन अप्लाई की प्रक्रिया - [Domicile Certificate Online Application Process]

अगर आप भी अधिवास प्रमाणपत्र ऑनलाइन माध्यम से बनाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए बहुत ही आसान प्रक्रिया है।

Total Time: 7 days

ई डिस्टिक पोर्टल पर जाएं –

अधिवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी राज्य के सरकारी पोर्टल पर जाना होगा। यह हर राज्य के लिए अलग है जैसे कि अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं तो इसके लिए आपको edistrict.up.gov.in पर क्लिक करना होगा।

सिटीजन अकाउंट में लॉगिन करें –

UP Aay Jati Nivas Praman Patra के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें ? पूरी जानकारी

यदि आप अपने राज्य का नाम देखना चाहते हैं, तो गूगल पर डोमिसाइल सर्टिफिकेट के आगे राज्य का नाम लेते ही आपको अपने पोर्टल का लिंक मिल जाएगा। ई डिस्टिक पोर्टल पर पहुंचने के पश्चात आपको अपने सिटीजन अकाउंट में लॉगइन करना है । यदि आपका सिटीजन अकाउंट नहीं बना है तो आप पहले अपना एक सिटीजन अकाउंट बना ले ।

निवास प्रमाण पत्र ऑप्शन पर क्लिक करें –

अधिवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन अप्लाई की प्रक्रिया - [Domicile Certificate Online Application Process]

अपने अकाउंट में लॉगिन करने के पश्चात आपको डैशबोर्ड में कई सारे ऑप्शन दिखाई देंगे । यहां पर आपको निवास प्रमाण पत्र के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ।

फार्म भरे –

अधिवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन अप्लाई की प्रक्रिया - [Domicile Certificate Online Application Process]

जैसे ही आप ऑप्शन पर क्लिक करेंगे आपके सामने एक फार्म ओपन होकर आ जाएगा यहां पर पहुंची गई सभी सामान्य जानकारी जैसे – नाम एड्रेस आदि सही-सही भरना है ।

डॉक्यूमेंट अपलोड करें –

अधिवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन अप्लाई की प्रक्रिया - [Domicile Certificate Online Application Process]

फॉर्म भरने के पश्चात आपको अपने सभी जरूरी दस्तावेजों की स्कैन की हुई कॉपी अपडेट अपलोड करने की आवश्यकता है । आपको अपना आधार कार्ड, स्वघोषणा पत्र, राशन कार्ड की कॉपी या बिजली बिल की कॉपी, पासपोर्ट साइज फोटो आदि अपलोड करना होगा ।

फॉर्म सबमिट करें –

सही-सही फार्म भरने के पश्चात और जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के पश्चात आपको अपना फॉर्म सबमिट कर देना है जिसके पश्चात आपको एक रेफरेंस नंबर मिल जाएगा ।

फीस का भुगतान करें –

फार्म सबमिट करने के पश्चात आपको निर्धारित फीस का भुगतान करना है । आप एटीएम कार्ड के जरिए अपनी फीस का भुगतान कर सकते इसके लिए आप यही से फीस का भुगतान कर सकते हैं । या फिर वापस अकाउंट में लॉगिन करने के पश्चात डैशबोर्ड में उपलब्ध फीस भुगतान के ऑप्शन का उपयोग करके अपने फीस का भुगतान कर सकते हैं ।

सर्टिफिकेट डाउनलोड करें –

आवेदन करने के पश्चात आपको 3 दिन के अंदर ही सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है । कभी-कभी सर्टिफिकेट जारी करने में 7 दिन तक काफी समय लग जाता है । आप अपने अकाउंट में लॉगिन करके अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं, और इसका उपयोग कर सकते हैं ।

Estimated Cost: 30 INR

अधिवास प्रमाणपत्र ऑफलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया

अगर आप चाहें तो ऑफलाइन रहकर भी अधिवास प्रमाणपत्र बनाया जा सकता है जिसे करना बेहद आसान है। इसके लिए आपको अपने निकट के डिजिटल सेवा केंद्र में जाकर सभी दस्तावेजों को जमा करना होगा।

साथ ही साथ मिलने वाले फॉर्म को भर कर भी सबमिट करना होगा। इस तरह से पूरे फॉर्म को भरते हुए आप ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं और इस सुविधा का लाभ भी लिया जा सकता है।

अधिवास प्रमाण पत्र बनाने का शुल्क

अधिवास प्रमाणपत्र का शुल्क प्रत्येक राज्य में अलग-अलग होता है। ऐसे में कहीं ₹30 तो किसी राज्य में ₹40 भी रखा गया है।

अधिवास प्रमाण का सत्यापन कैसे किया जाता है?

अगर आप अपने अधिवास प्रमाणपत्र का सत्यापन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको बार कोड को स्कैन करना होगा उसके बाद ही आप आसानी से ही जांच करते हुए अधिवास प्रमाणपत्र का सत्यापन कर सकते हैं।

कम उम्र में अधिवास प्रमाणपत्र कैसे लिया जा सकेगा?

अगर आपकी उम्र 18 वर्ष से कम है और आप किसी कारणवश अधिवास प्रमाणपत्र बनवाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप अपने पिता या फिर गार्जियन के नाम पर अधिवास प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। 18 वर्ष के कम होने पर आपको आयु प्रमाण पत्र देना होगा ताकि आपके आयु की सही तरीके से जांच हो सके।

सामान्य तौर पर 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लिए अधिवास प्रमाणपत्र की आवश्यकता स्कूलों में या फिर कोचिंग इंस्टिट्यूट में आवश्यकता होती है।

अधिवास प्रमाणपत्र स्टेटस चेक करने की प्रक्रिया

अगर आपने अधिवास प्रमाणपत्र अर्थात मूल निवास प्रमाण पत्र बनवा लिया हो और आप इसका स्टेटस चेक करना चाहते हैं, तो इसके लिए हम आपकी मदद करेंगे।

  1. इसके लिए सबसे पहले आपको अपने राज्य के पोर्टल वेबसाइट पर जाना होगा।
  2. आगे जाने पर आपके सामने होम पेज दिखाई देता है, यहां पर आपको “आवेदन की स्थिति” के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  3. आगे के पेज में आपको अपने आवेदन फॉर्म का रजिस्ट्रेशन नंबर भर देना होगा।
  4. इसके बाद “सर्च” के ऑप्शन पर जाते ही आपको अपने आवेदन फॉर्म की स्थिति पता चल जाएगी और आप आसानी से ही स्टेटस देख सकेंगे।

अधिवास प्रमाण पत्र में लगने वाला समय

अगर आपने अधिवास प्रमाणपत्र के लिए अप्लाई कर दिया है तो इसके लिए आपको एक 2 हफ्ते का समय लग सकता है। इसके बाद ही आप अधिवास प्रमाणपत्र का उपयोग अपने हिसाब से कर सकते हैं।

अधिवास प्रमाणपत्र का दूसरा नाम क्या है?

अधिवास प्रमाणपत्र का दूसरा नाम मूल निवास प्रमाण पत्र या डोमिसाइल सर्टिफिकेट होता है।

अधिवास प्रमाण पत्र बनने में कितना समय लगता है?

अधिवास प्रमाणपत्र को बनाने में लगभग 8 से 10 दिनों का समय लग जाता है।

अधिवास प्रमाणपत्र का शुल्क कितना है?

प्रत्येक राज्य में अधिवास प्रमाणपत्र का शुल्क अलग-अलग निर्धारित किया गया है जिसमें ₹40 से लेकर ₹100 तक की राशि तय की गई है।

अधिवास प्रमाण पत्र का महत्व क्या है?

अधिवास प्रमाण पत्र एक मुख्य दस्तावेज के रूप में जाना जाता है जिसका इस्तेमाल विद्यालय या फिर किसी नौकरी में दाखिला लेने के समय होता है। इसके अलावा अधिवास प्रमाणपत्र का उपयोग विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी किया जा सकता है।

18 वर्ष से कम आयु के नागरिकों को अधिवास प्रमाणपत्र किस नाम से बनवाना होगा?

18 वर्ष से कम आयु के नागरिकों को अधिवास प्रमाण पत्र बनवाना कभी-कभी आवश्यक हो जाता है। ऐसे में वे अपने पिता के नाम पर या गार्जियन के नाम पर भी प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं।

अंतिम शब्द

इस प्रकार से आज हमने आपको एक मुख्य दस्तावेज अधिवास प्रमाणपत्र के बारे में जानकारी दी है। जिसके माध्यम से आप अपने कई सारे रुके हुए कार्यों को पूरा कर सकते हैं और किसी भी प्रकार की असुविधा से भी बचा जा सकता है। भारत देश का हर नागरिक इस प्रमाण पत्र को बनवा सकता है और सुविधा भी प्राप्त किया जा सकता है।

आज हमने आपको अधिवास प्रमाण पत्र से संबंधी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं, जो निश्चित रूप से ही आपके लिए सहायक साबित होंगे। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा इसे अंत तक पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

श्वेता रायजादा
श्वेता रायजादा
श्वेता रायजादा हिंदी में स्नातकोत्तर हैं। उनके पास बीएड की डिग्री भी है। वह अध्यापन के पेशे में हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहीं हैं। अध्यापन के साथ ही उन्हें लिखना अच्छा लगता है। उनकी रुचि में समाजसेवा, लेखन और लोगों से बात कर उनकी समस्याओं को जानना शामिल है।
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