डोनेशन क्या है? डोनेशन का मतलब क्या होता है? | Donation meaning in Hindi

|| डोनेशन क्या है? | Donation meaning in Hindi | Donation kya hai Hindi me | Donation ka matlab | डोनेशन किसका होता है? | Donate kya hota hai | डोनेशन के प्रकार | Donation types in Hindi ||

Donation meaning in Hindi :- क्या आप डोनेशन शब्द का अर्थ जानने के लिए इस लेख पर आये हैं? यदि ऐसा है तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं क्योंकि आज के इस लेख में ना केवल आपको डोनेशन शब्द का अर्थ जानने को मिलेगा बल्कि इससे हमारा क्या तात्पर्य होता है और इसके अंदर क्या कुछ निहित होता है, इत्यादि के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा। आज का यह लेख पूर्ण रूप से डोनेशन शब्द के अर्थ के ऊपर ही लिखा गया (Donation kya hai Hindi me) है।

इसलिए हम आपसे यह आशा करते हैं कि आप इस लेख को पूरे ध्यान से और अंत तक पढ़ें ताकि डोनेशन शब्द से जुडी कोई भी जानकारी रहने ना पाए। इस लेख को पूरा पढ़ कर आपको यह भलीभांति पता चल जायेगा कि आख़िरकार यह डोनेशन शब्द इस दुनिया को सुचारू रूप से चलाये रखने और मानवता को जीवित रखने में कितना उपयोगी होता (Donation ka matlab) है।

सनातन धर्म में तो डोनेशन शब्द को बहुत ही ज्यादा महत्ता दी गयी है या फिर यूँ कहें कि इस धर्म की नींव ही डोनेशन पर रखी गयी है। यह इसलिए जरुरी होता है क्योंकि यही मानवीय जीवन का गुण होता है। मानव के द्वारा ही धर्म की स्थापना की जाती है और उस दिशा में आगे बढ़ा जाता है। तो आइये जाने कि डोनेशन क्या होता है और यह क्यों हम सभी के लिए इतना आवश्यक होता (Donation kya hai in Hindi) है।

डोनेशन क्या है? (Donation meaning in Hindi)

सबसे पहले हम बात कर लेते हैं कि यह डोनेशन क्या होता है और क्यों हमारे लिए इतना जरुरी होता है। तो यहाँ हम डोनेशन का अर्थ समझाते हुए आपको बता दें कि यदि हम अपनी ओर से किसी भी चीज़ का दान करने जा रहे हैं या इसे किसी को दे रहे हैं तो उसे ही हम डोनेशन कहते हैं। अब यह जरुरी नहीं है कि इसके लिए आप अमीर हो या केवल धन का ही डोनेशन किया जाता हो, यह डोनेशन किसी भी चीज़, वस्तु, सम्पदा इत्यादि का हो सकता है लेकिन बस उस चीज़ पर संपूर्ण रूप से आपका ही अधिकार होना (Donation kya hai) चाहिए।

डोनेशन क्या है डोनेशन का मतलब क्या होता है Donation meaning in Hindi

यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि दुनिया में स्थित या उपलब्ध ऐसी कोई चीज़ या वस्तु जिस पर आपका अधिकार है और आप अपनी इच्छा से उस चीज़ या वस्तु का अधिकार किसी अन्य व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह, संस्था, सरकार इत्यादि किसी को दे रहे हैं तो उसे ही डोनेशन कहा जाता (Donation kya hota hai) है। यह दुनिया को तेज गति से आगे बढ़ाने और मानवता को जीवित रखने के उद्देश्य से उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।

यह डोनेशन किसी भी रूप में हो सकता है और किसी भी व्यक्ति के द्वारा किया जा सकता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इस पर किसी एक व्यक्ति या वस्तु का अधिकार नहीं होता है और यह पूर्ण रूप से स्वतंत्र होता है। इसे कोई रोक नहीं सकता है और ना ही इस पर कोई सरकार प्रतिबन्ध लगा सकती है और ना ही इसे किसी भी तरह से समाप्त किया जा सकता है। अब हम नीचे के लेख में डोनेशन को और विस्तार से समझाने का प्रयास करेंगे ताकि आपको इसकी महत्ता का अनुमान हो (Donation kise kahate hain) सके।

डोनेशन का हिंदी में मतलब? (Donation meaning in Hindi)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आख़िरकार इस डोनेशन को हिंदी में क्या कहा जाता है। दरअसल डोनेशन अंग्रेजी भाषा का एक शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ दान है। अब आप दान शब्द को सुन कर ही बहुत कुछ समझ गए होंगे क्योंकि सनातन धर्म में दान शब्द की बार बार व्याख्या की गयी है और इसे मानवता की रक्षा के लिए बहुत ही जरुरी माना गया है। सदियों से हिन्दू धर्म में दान की परंपरा रही है और यह किसी से छुपा हुआ नहीं है।

हिन्दू धर्म में दान को अत्यधिक महत्व दिया गया है और जो भी व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार यथोचित दान का कार्य करता है, उसे ईश्वर के द्वारा फल दिया जाता है। उसे कई तरह के पुण्य लगते हैं और उसका भला होता है। इस तरह से यदि हम डोनेशन को हिंदी में बोलना चाहे तो हम उसे दान कह कर संबोधित कर सकते हैं।

डोनेशन किसका होता है? (Donate kya hota hai)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आख़िरकार यह डोनेशन होता किस चीज़ का है। बहुत से लोग सोचते होंगे कि उनके पास जो पैसा या धन संपदा है, केवल उसी को ही दान कर देने को डोनेशन कह दिया जाता है जबकि ऐसा नहीं है। धन का दान किया जाना डोनेशन का एक प्रकार होता है, लेकिन यदि आप इसे ही डोनेशन का पर्यायवाची समझ लेंगे तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं।

एक व्यक्ति के द्वारा अपने अधिकार वाली किसी भी चीज़ का किसी दूसरे व्यक्ति को उस चीज का अधिकार दे देना ही डोनेशन कहा जाता है और इसमें धन के साथ साथ हरेक तरह की उपयोग की जा सकने वाली वस्तु आती है।

डोनेशन कौन कर सकता है?

अब आपका अगला प्रश्न यह भी होगा कि आख़िरकार कौन व्यक्ति डोनेशन का कार्य कर सकता है तो यहाँ भी हम इस बात को स्पष्ट रूप दे देते हैं ताकि आपके मन में यह प्रश्न भी ना रहे। तो यहाँ हम आपको बता दें कि दुनिया में स्थित या जीवित कोई भी व्यक्ति और यहाँ तक कि मृत व्यक्ति भी जीवित रहते कुछ अनुबंधों के तहत डोनेशन का पुण्य कार्य कर सकता है।

डोनेशन कौन कर सकता है

अब दुनिया में आप आये हैं तो किसी ना किसी चीज़ पर आपका अधिकार होगा ही। यदि आपके पास कुछ भी नहीं है, अर्थात ना घर, ना पैसा, ना रिश्तेदार या कुछ अन्य चीज़, तो कम से कम आपके पास भगवान का दिया हुआ अपना शरीर तो है। ऐसे में आप अपने शरीर के अंगों या रक्त का दान कर डोनेशन का कार्य कर सकते हैं। इस तरह से दुनिया में रह रहा हर व्यक्ति डोनेशन का कार्य कर सकता है।

डोनेशन के प्रकार (Donation types in Hindi)

ऊपर का लेख पढ़ कर अवश्य ही आपको यह पता चल गया होगा कि दुनिया में रह रहा कोई भी व्यक्ति अपनी किसी भी अधिकार वाली चीज़ को किसी अन्य व्यक्ति को दान कर डोनेशन का कार्य कर सकता है। फिर भी अब हम आपके सामने ऐसी प्रमुख चीज़ों की जानकारी रखने जा रहे हैं जिसे पढ़ कर आपको डोनेशन के तरह तरह के प्रकारों के बारे में अच्छे से जानकारी हो जाएगी।

अब हम आपके सामने डोनेशन के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी रखने जा रहे हैं जिनका इस दुनिया में सर्वाधिक रूप में डोनेशन किया जाता है या लोगों के द्वारा उन चीज़ों का सबसे ज्यादा दान किया जाता है। आइये जाने डोनेशन के तरह तरह के प्रकारों के बारे में विस्तार से।

धन का दान करना

अब आप ऊपर कई बार पढ़ चुके हैं कि केवल धन का दान करना ही डोनेशन में नहीं आता है बल्कि यह उसका एक प्रकार है। फिर भी इस दुनिया में जिस चीज़ का सबसे ज्यादा दान या डोनेशन किया जाता है, उसमे धन ही सबसे ऊपर आता है। एक मनुष्य अपने सामर्थ्य, कौशल, शिक्षा, परिश्रम, भाग्य, परिवार, पुरस्कार इत्यादि कई कारकों से धन अर्जन करने का कार्य करता है।

अब इस दुनिया में सभी के पास समान मात्रा में धन नहीं होता है और यह किसी के पास ज्यादा तो किसी के पास कम होता है। साथ ही किसी किसी के पास यह बहुत अधिक मात्रा में तो किसी के पास बहुत ही कम होता है या होता ही नहीं है। ऐसे में धन के रूप में सामर्थ्यवान व्यक्ति का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने पास संचित हुए अत्यधिक धन का जरूरतमंद व्यक्तियों में दान करे और इसे ही पैसों का डोनेशन कहा जाता है।

रक्तदान करना

धन के बाद यदि व्यक्ति किसी चीज़ का सबसे ज्यादा दान करता है तो उसमे अपने शरीर के अंदर बह रहा रक्त होता है। आज के समय में इस तरह का डोनेशन बहुत ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि लोगों के द्वारा इसे दान किये जाने की धारणा बढ़ी है और इसके साथ ही जगह जगह रक्तदान के शिविर भी लगाये जाते हैं।

अब यदि किसी व्यक्ति की दुर्घटना हो गयी है या उसके शरीर में रक्त की कमी है या वह रक्त कम होने की किसी बीमारी से ग्रस्त है तो इसके लिए समय पर उसके ग्रुप का रक्त पाया जाना जरुरी हो जाता है। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति समय समय पर अपने रक्त का दान करता है तो उसका शरीर भी स्वस्थ बना रहता है।

शरीर के अंगों का दान

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि यह जरुरी नहीं है कि एक जीवित व्यक्ति ही डोनेशन कर सकता है बल्कि वह अपनी मृत्यु से पहले या उसके तुरंत बाद भी डोनेशन का पुण्य कार्य कर सकता है। यह आज के आधुनिक मेडिकल प्रगति के कारण संभव हो पाया है। हालाँकि सनातन इतिहास में भी ऐसा संभव था जिसका प्रमाण हम सुश्रुत सहिंता में देख सकते हैं लेकिन 800 वर्षों की गुलामी में हमारा इतिहास बुरी तरह से नष्ट किया गया था।

अब हम वर्तमान समय की बात कर रहे हैं और उसके अनुसार आप अपने अंगों का दान किसी भी देश में आसानी से कर सकते हैं। किन्तु इसके लिए आपको अपने जीवित रहते अनुमति देनी होती है कि आपकी मृत्यु के पश्चात आपके किस किस अंग का डोनेशन किया जा सकता है। फिर जब आपकी मृत्यु हो जाती है तो भारत सरकार या संस्था के द्वारा आपके उस अंग का डोनेशन कर दिया जाता है।

खाद्य संपदा का दान करना

आपने बहुत बार प्राचीन भारतीय परंपरा में देखा होगा कि एक ब्राह्मण को एक दिन में केवल पांच ही घरों से भोजन की भिक्षा मांगने की अनुमति थी। तो उसी के अनुसार ही हर व्यक्ति खाद्य, अन्न, भोजन, पेयजल इत्यादि का दान करता है। आप अभी भी जगह जगह लोगों के द्वारा फ्री पेयजल की सुविधा देते हुए या प्याऊ लगाते हुए देखते होंगे।

तो इस प्रकार का दान या डोनेशन ही खाद्य संपदा का दान माना जाता है। इसके तहत खाने की किसी भी वस्तु फिर चाहे वह खेती से की गयी हो या उसे भोजन बना दिया गया हो या पानी हो या पानी का कोई अन्य पदार्थ इत्यादि, उसका दान किया जाना ही डोनेशन कहा जाता है।

शिक्षा का दान करना

पहले के समय में शिक्षा को दान या डोनेशन का ही रूप माना जाता था और शिक्षा पूरी हो जाने के पश्चात एक छात्र अपनी इच्छा से या गुरु के कहने पर उन्हें कुछ दिया करता था। शिक्षा को कोई भी शिक्षक दान के रूप में ही दूसरों को दिया करता था। हालाँकि यह केवल स्कूल में छात्रों को पढाये जाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें किसी भी तरह की शिक्षा का दान शामिल किया जा सकता है।

एक तरह से यदि आप किसी व्यक्ति की भलाई के लिए उसे कुछ शिक्षा दे रहे हैं या उसको सद्मार्ग पर लेकर जा रहे हैं या उसका मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं तो भी यह शिक्षा का डोनेशन किया जाना ही कहा जायेगा। इस तरह से किसी को शिक्षा का दान किया जाना भी डोनेशन के अंतर्गत ही आता है।

आवास या भूमि का दान करना

अब आपने बहुत बार समाचार में यह देखा होगा कि भारत सरकार या राज्य सरकार या अन्य कोई स्वायत्त संस्था के द्वारा गरीबों को आवास की सुविधा दी जा रही है और उनके रहने के लिए घर की व्यवस्था की गयी है। इसी के साथ खेती के लिए जमीन देना या व्यापार करने के लिए भूमि का दान करना इत्यादि भी इसी डोनेशन में ही आता है।

इस तरह से यदि किसी सरकार, संस्था, व्यक्ति इत्यादि के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को जमीन, भूमि, आवास, कार्यालय इत्यादि का दान किया जाता है तो उसे भूमि के दान में या डोनेशन में लिया जाता है।

स्वास्थ्य सेवा का दान करना

आज के समय में डॉक्टर केवल एक पेशा बन कर रह गया है जिसका मतलब लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना ही रह गया है किन्तु प्राचीन समय में ऐसा बिलकुल भी नहीं था। उस समय में डॉक्टर को भगवान का दर्जा इसलिए ही दिया गया था क्योंकि उसका उद्देश्य बिना किसी लालच के केवल अपने मरीज की जान बचाना ही हुआ करता था।

डॉक्टर या अन्य किसी व्यक्ति के द्वारा यदि किसी अन्य व्यक्ति की बिना किसी पैसों या अन्य किसी चीज़ के लालच में आकर उसकी सच्चे मन से सेवा की जाए, उसका ध्यान रखा जाए, उसे मेडिकल सुविधाएँ प्रदान की जाए या ऐसा कुछ किया जाए, जिससे कि वह स्वस्थ हो जाए तो उसे भी डोनेशन ही कहा जाता है।

डोनेशन क्या है – Related FAQs

प्रश्न: डोनेशन का हिंदी क्या है?

उतर: डोनेशन का हिंदी दान है।

प्रश्न: डोनेशन की स्पेलिंग क्या है?

उतर: डोनेशन की स्पेलिंग Donation है।

प्रश्न: डोनेट करने के क्या फायदे हैं?

उतर: अलग अलग डोनेशन के अलग अलग फायदे हैं जैसे कि रक्तदान से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और किसी की मदद करने से हमें आंतरिक सुख की प्राप्ति होती है।

प्रश्न: बड़ा दान क्या होता है?

उतर: सबसे बड़ा दान अन्नदान माना जाता है।

तो इस तरह से आपने इस लेख में डोनेशन अर्थात् दान देने के बारे में जानकारी हासिल कर ली है कि डोनेशन क्या होता है यह कौन देता है और इसके क्या कुछ प्रकार हैं। आशा है कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी, ऐसा है तो नीचे कॉमेंट करके हमें अवश्य बताइएगा।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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