दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है? | Duniya ka sabse chhota desh kaun sa hai

|| दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है? | Duniya ka sabse chhota desh kaun sa hai | कुल कितने देश हैं? | सीलैंड – दुनिया का सबसे छोटा गैर मान्यता प्राप्त देश | वैटिकन सिटी के बारे में जानकारी | दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश कौन सा है? | विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश कौन सा है? ||

Duniya ka sabse chhota desh kaun sa hai :- इतने वर्षों तक चीन जनसँख्या के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश रहा है लेकिन अब चीन की जगह भारत ले चुका है। कुछ समय पहले ही वैश्विक संगठन के द्वारा भारत को दुनिया की सबसे अधिक जनसँख्या वाला देश घोषित किया जा चुका है और चीन इसमें दूसरे नंबर पर आ गया है। वहीं यदि हम क्षेत्रफल की बात करें तो रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है। रूस इतना बड़ा है कि वहां के आधे हिस्से में तो दिन होता है तो वहीं दूसरे आधे हिस्से में रात होती (Smallest country in the world in Hindi) है।

अब आपने दुनिया के सबसे बड़े देश जनसँख्या व क्षेत्रफल दोनों ही श्रेणियों में जान लिए हैं किन्तु क्या आप जानते हैं उस देश का नाम जो दुनिया में सबसे छोटा है। इस दुनिया में कुल 195 देश हैं जिनमें से कुछ बहुत बड़े तो कुछ छोटे और कुछ माध्यम आकार के हैं। अब पुरी दुनिया में हमारे एक एक राज्य के क्षेत्रफल के बराबर कई देश है लेकिन क्या आप दुनिया के सबसे छोटे देश का नाम जानते हैं? दुनिया में ऐसा भी देश है जिसका क्षेत्रफल हमारे एक राज्य तो क्या, एक शहर तो क्या बल्कि एक गाँव से भी छोटा (Duniya ka sabse chota desh konsa hai) है।

ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको दुनिया के सबसे छोटे देश के बारे में जानकारी देंगे। दुनिया में दो ऐसे देश हैं जो सबसे छोटे हैं। अब आप कहेंगे कि यह दो कैसे हो सकते हैं। तो उसके बारे में भी हम आपको जानकारी दे देंगे क्योंकि इसके पीछे का तथ्य भी बहुत रोचक है। आइये जाने दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है?

दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है? (Duniya ka sabse chhota desh kaun sa hai)

हमने आपको ऊपर बताया कि दुनिया में दो ऐसे देश हैं जो सबसे छोटे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि यह दो देश कैसे हो सकते हैं? क्या उन दोनों का क्षेत्रफल और जनसँख्या एक समान है? तो दोस्तों, ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि दोनों के क्षेत्रफल और जनसँख्या में जमीन आसमान का अंतर है। ऐसे में दोनों ही देश किस कारण से छोटे कहे जा सकते हैं? अब क्या आप सोच रहे हैं कि एक जनसँख्या में तो दूसरा क्षेत्रफल में छोटा है? ऐसा भी नहीं है क्योंकि दोनों में से जो देश क्षेत्रफल में बड़ा है, उसमें जनसँख्या भी पहले की तुलना में बहुत अधिक (Duniya ka sabse chhota desh) है।

दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है Duniya ka sabse chhota desh kaun sa hai

तो दुनिया में जब सबसे छोटे देश की बात आती है तो उसमे दो देशों का नाम किस कारणवश लिया जाता है? वह इसलिए क्योंकि इसमें से एक देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली हुई है लेकिन फिर भी वहां पर किसी देश का शासन नहीं चलता है जबकि एक देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई (Sabse chota desh) है और वह अपने यहाँ से दुनिया के बड़े से बड़े देशों को भी नियंत्रण में रखता है। आइये दोनों ही देशों के बारे में समूची जानकारी ले लेते हैं ताकि आपके मन में किसी तरह की शंका शेष ना रहने पाए।

सीलैंड – दुनिया का सबसे छोटा गैर मान्यता प्राप्त देश (Sealand desh kitna bada hai)

यदि हम दुनिया के सबसे छोटे देश की बात कर रहे हैं तो उसमें सीलैंड का नाम सबसे पहले आता है। यह एक ऐसा देश है जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तो मान्यता नहीं मिली हुई है लेकिन इस पर किसी भी मान्यता प्राप्त देश की सरकार भी नहीं चलती है। एक तरह से यहाँ पर अलग सरकार, अलग अर्थव्यवस्था, अलग मुद्रा, अलग शासन तंत्र प्रणाली है। यह दुनिया का एक ऐसा देश है जिसकी जनसँख्या और क्षेत्रफल दुनिया में सबसे छोटा (Duniya ka sabse chhota desh ka naam kya hai) है।

अब यदि हम सीलैंड की जनसँख्या की बात करें तो उसे सुनकर आप भौचक्के रह जाएंगे क्योंकि पुराने समय में तो एक सामान्य भारतीय परिवार के लोगों की कुल संख्या ही सीलैंड देश की कुल जनसँख्या से अधिक होती थी। तो ऐसे में आज हम आपको बता दें कि दुनिया के सबसे छोटे देश जिसे हम सीलैंड के नाम से जानते हैं वहां की कुल जनसँख्या 27 है। जी हां, सही सुना आपने। सीलैंड देश की कुल जनसँख्या 27 है और इन 27 लोगों के द्वारा अलग देश चलाया जाता (Sealand desh ki jansankhya kitni hai) है।

वहीं यदि हम सीलैंड देश के क्षेत्रफल की बात करें तो वह भी बहुत ही कम है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप पूरे देश का एक चक्कर लगाना चाहें तो इसमें आपको बस 5 से 10 मिनट पैदल में लगेंगे। वह इसलिए क्योंकि इस देश का कुल क्षेत्रफल 250 मीटर के एरिया में फैला हुआ है। अब आप खुद ही सोच लीजिये कि यह अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया एक मजाकिया देश है जिसका क्षेत्रफल आधा किलोमीटर भी नहीं है।

सीलैंड के बारे में अच्छे से जानने के लिए आपको इसका इतिहास और यहाँ की सरकार के बारे में जानना पड़ेगा। तभी आपको समझ आएगा कि आखिरकार यह मजाकिया देश सीलैंड किस प्रकार से अस्तित्व में आया और क्यों आज इसे दुनिया का सबसे छोटा गैर मान्यता प्राप्त देश कहा जाता (Sealand desh ka kshetrafal kitna hai) है।

सीलैंड देश का इतिहास (About sealand country in Hindi)

अब यदि हम दुनिया के सबसे छोटे और हास्यास्पद देश सीलैंड की बात करें तो इसका निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के द्वारा किया गया था। यह ब्रिटेन के ही एक हिस्से इंग्लैंड के सफोल्क समुद्री किनारे से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खंडहर हो चुका किला है। उस समय ब्रिटेन ने द्वितीय विश्व युद्ध में समुंद्र पर नज़र बनाये रखने के लिए वहां पर एक किले का निर्माण किया था। इसके बाद जब द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया तो ब्रिटेन का भी यहाँ से मोह समाप्त हो (Sealand country history in Hindi) गया।

उसके बाद ब्रिटेन की सेना ने इस किले को छोड़ दिया और समय के साथ साथ यह किला एक खंडहर में बदल गया। फिर कुछ समय तक इस पर अलग अलग लोगों का कब्ज़ा रहा और युद्ध होते रहे। अंत में इस पर 1967 में बेट्स नाम के रॉयल परिवार ने कब्ज़ा कर लिया और तभी से ही इस देश पर उसी का ही शासन चलता आ रहा है। 2 सितंबर 1967 को पैडी रॉय बेट्स ने सीलैंड देश का राजा अर्थात प्रिंस खुद को घोषित कर लिया। तब से लेकर वर्ष 2012 तक इस सीलैंड देश पर रॉय बेट्स का ही प्रिंस के रूप में शासन माना गया।

वर्ष 2012 में रॉय बेट्स का एक बीमारी के चलते निधन हो गया और उसके बाद से उनका बेटा माइकल बेट्स इस देश का प्रिंस बन गया। वर्तमान समय में माइकल को ही सीलैंड देश का प्रिंस माना जाता है। हालाँकि इस देश के महामहिम प्रिंस अपने देश में ना रहकर ब्रिटेन के ही इंग्लैंड शहर में रहते हैं और वहीं पर अपना जीवनयापन करते (Sealand country population in Hindi) हैं।

तो इस तरह से यह सीलैंड दुनिया का सबसे छोटा देश है। हालाँकि यह अलग बात है कि इसे दुनियाभर में मान्यता नहीं मिली हुई है और सभी लोग इसे ब्रिटेन की मुर्खता और मजाक ही समझते हैं। वह इसलिए क्योंकि जिस देश के पास ना संसाधन हो, ना क्षेत्रफल हो और ना ही जनसँख्या तो उसे देश कैसे ही माना जाएगा। ऐसे तो दुनियाभर में हजारों द्वीप हैं जो समुंद्र में स्थित हैं, उन्हें भी अलग अलग देश घोषित किया जा सकता है और ब्रिटेन से बड़ा मजाक किया जा सकता है।

वैटिकन सिटी – दुनिया का सबसे छोटा मान्यता प्राप्त देश (Vatican City in Hindi)

आपने अवश्य ही वैटिकन सिटी का नाम सुन रखा होगा क्योंकि यह ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों के बीच सबसे प्रसिद्ध व पवित्र जगह है। जिस प्रकार हिन्दुओं के लिए काशी नगरी, सिखों के लिए अमृतसर, बौद्ध धर्म के लिए बोधगया देश है, ठीक उसी तरह ईसाई धर्म के लोगों के लिए वैटिकन सिटी है। ईसाई धर्म में भी कई तरह की जातियां व वर्ग होते हैं और उसमें से एक बहुत बड़े वर्ग को कैथोलिक कहा जाता (Vatican city ki jansankhya kitni hai) है। तो यह वैटिकन सिटी कैथोलिक लोगों के लिए ही है।

यह देश यूरोप के इटली के पास में स्थित एक छोटा सा देश है जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई है। यहाँ तक कि दुनिया के बड़े से लेकर छोटे ईसाई देश भी वैटिकन सिटी को महत्व देते हैं क्योंकि यहाँ पर उनके सबसे बड़े पोप जो रहते हैं। जिस प्रकार हिन्दू धर्म में धर्मगुरु के रूप में सबसे बड़ी उपाधि शंकराचार्य जी को मिली होती है, ठीक उसी तरह ईसाई धर्म के सबसे बड़े गुरु वैटिकन सिटी के पोप को माना जाता है जो इस समय पोप फ्रांसिस के नाम से प्रसिद्ध हैं। आइये अब आपको दुनिया के इस सबसे छोटे मान्यता प्राप्त देश वैटिकन सिटी के बारे में भी सभी तरह की मूलभूत जानकारी दे देते हैं।

वैटिकन सिटी के बारे में जानकारी (About Vatican City in Hindi)

यह देश आज से लगभग 1200 वर्ष पहले सन 756 ईसवीं में अस्तित्व में आया था। उस समय दुनियाभर में जो दो प्रमुख धर्म निकले थे या जिनका उदय हुआ था, वह ईसाई धर्म व इस्लाम धर्म ही थे। हिन्दू धर्म को तो सनातन धर्म कहा जाता है क्योंकि यह सबसे पहला धर्म था जो लाखों वर्ष पुराना है। हमारे यहाँ तो कुछ मूर्तियाँ व मंदिर ही पांच पांच हज़ार वर्ष पुराने मिलते हैं और यदि धरती में और ज्यादा खुदाई की जाती है तो वह इससे भी ज्यादा पुरानी मूर्तियाँ मिलती है।

तो छठी व सातवीं शताब्दी में ही दुनियाभर में ईसाई व इस्लाम धर्म का विस्तार हो रहा था और इसी का ही परिणाम है कि आज अधिकतर देश इस्लाम व ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों के हैं। तो वैटिकन सिटी पर इटली के राजाओं का कब्ज़ा हुआ करता था लेकिन ईसाई धर्म के बनने के बाद से यह जगह इटली से निकल कर रोमन साम्राज्य में बदल गयी और यहाँ पर गिरजाघर स्थापित किया गया और पोप बैठा दिए गए। तब से ही यह रोमन व कैथोलिक लोगों का प्रमुख गढ़ बन गया और सभी ईसाई राजाओं को यहीं से संदेश व निर्णय प्रसारित किये जाने (Vatican city kis mahadweep mein hai) लगे।

वैटिकन सिटी का कुल क्षेत्रफल 0.49 वर्ग किलोमीटर है और वर्ष 2024 की जनगणना के अनुसार यहाँ की कुल जनसँख्या 807 लोगो की है। इस तरह से यह दुनिया का सबसे छोटा देश बन जाता है जो देश के बड़े से बड़े देश को हिलाने की क्षमता रखता है। यहाँ की आधिकारिक भाषा इटालियन है और राष्ट्रीय भाषा भी वही है। यहाँ पर मुद्रा के रूप में यूरो का उपयोग किया जाता है जो यूरोप के अधिकतर देशों की मुद्रा है।

वहीं यदि शासन व्यवस्था की बात आये तो यहाँ पर सब नियंत्रण गिरजाघर अर्थात कैथोलिक चर्च के पास ही है और पोप के आदेश पर ही सबकुछ होता है। एक तरह से यह ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र जगह है जिसे धर्म का प्रचार प्रसार करने और सभी आदेश पारित करवाने के लिए निर्मित किया गया है। यहाँ देशभर के ईसाई देशों की सरकारों व लोगों के द्वारा बहुत पैसा भेजा जाता है ताकि ईसाई धर्म की रक्षा की जा सके और उसका प्रचार प्रसार दुनियाभर में किया जा सके।

दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है – Related FAQs 

प्रश्न: 27 लोगों का देश कौन सा है?

उत्तर: 27 लोगों के देश का नाम सीलैंड है।

प्रश्न: दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे छोटा देश कौन सा है?

उत्तर: दुनिया का सबसे बड़ा देश रूस और सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी है।

प्रश्न: कुल कितने देश हैं?

उत्तर: दुनिया में कुल 195 देश हैं।

प्रश्न: विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश कौन सा है?

उत्तर: विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भारत है।

प्रश्न: दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश कौन सा है?

उत्तर: दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश मोनाको है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है। यहां पर आपने दुनिया के दो सबसे छोटे देशों के बारे में जाना जिसमे से एक मान्यता प्राप्त छोटा देश है तो दूसरा गैर मान्यता प्राप्त देश है। आशा है कि जो जानने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी। यदि आपके मन में कोई सवाल है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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