दुनिया की सबसे बड़ी और महंगी कंपनियां कौन सी है? (Richest Companies in the world in Hindi)

Richest Companies in the world in Hindi:- आज के इस लेख में हम बात करने वाले हैं एक ऐसे विषय पर जो आपको काफी चकित करेगा और आप इसको पढ़कर काफी उत्साहित भी हो सकते हैं। तो यह विषय दुनिया की सबसे बड़ी और महंगी कम्पनिया जो पूरे विश्व में अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं, उससे संबंधित है। उन्होंने मानो (Duniya ki sabse badi company) विश्व पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया हो। यह कंपनियां बहुत ही विस्तृत रूप से लोगो को बीच पहुंच रही हैं। साथ ही इन कंपनियों ने अपने विस्तार के लिए लाखों लोगों को रोजगार की भी सुविधा प्रदान करने का कार्य किया है। 

आज यहाँ पर हम इन कंपनियों की विस्तृत जानकारी इकट्ठा करेंगे और कुछ मुद्दे होंगे जिनके माध्यम से पता चलेगा कि यह कंपनी कैसे अन्य कंपनी (World largest company in Hindi) से भिन्न है तथा कैसे अलग सुविधा प्रदान करने का दायित्व निभा रही हैं। हम यह जानेंगे कि कौन सी कंपनी कितना रोजगार देती है या उसका रेवेन्यू कितना है या वह कंपनी किस विभाग या सेक्टर में (Duniya ki sabse mahangi company) कार्यरत है। यह भी जानेंगे कि वह कंपनी चला कौन रहा है या उसका मालिक कौन है। आइये तो फिर शुरू करते हैं इन कंपनी से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना।

दुनिया की सबसे बड़ी और महंगी कंपनियां (Richest Companies in the world in Hindi)

अब आपको सिलसिलेवार दुनिया की सबसे बड़ी और महँगी कंपनियों के बारे में संक्षेप में पूरी जानकारी मिलेगी। इनमे से अधिकांश कंपनियों का नाम आपने सुना भी होगा या फिर आप उनके बनाए उत्पादों या सेवाओं का उपयोग करते होंगे। तो ऐसे में इन कंपनियों के बारे में कुछ और जानकारी ही ले ली जाए।

दुनिया की सबसे बड़ी और महंगी कंपनियां कौन सी है (Richest Companies in the world in Hindi)

#1. एप्पल 

एप्पल अमेरिका की कंपनी हैं जो अपने iphone और लैपटॉप के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। एप्पल की प्रसिद्धि का कारण यह भी है कि वह अपने ग्राहकों की जानकारी की सुरक्षा और गोपनीयता से कोई समझौता नहीं करती है। एक बार अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने Apple कंपनी से एक आतंकवादी क्या यह फोन को अनलॉक करने के लिए संपर्क किया था परंतु अपनी सुरक्षा नीतियों के चलते एप्पल ने FBI को भी मना कर दिया था।

एप्पल कंपनी की स्थापना का श्रेय स्टीव जॉब्स, स्टीव वोज़नियाक और रोनाल्ड वेन को जाता है। उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत 1 अप्रैल 1976 में की थी और तब से लेकर इस कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। इसका मुख्यालय अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित हैं। वर्ष 2024 तक इसके 520 रिटेल स्टोर्स स्थापित हो चुके हैं जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसका कुल रेवेन्यू वर्ष 2021 के अनुसार 366 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

#2. माइक्रोसॉफ्ट 

सन 2016 के शुरूवात में माइक्रोसॉफ्ट पूरी दुनिया की सबसे ज़्यादा सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी बन चुकी हैं और स्थापना के समय से लेकर आज तक लगातार एक के बाद एक कई मुकाम हासिल कर रही हैं। दुनिया की आबादी का बहुत बड़ा भाग आज माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस और आउटलुक जैसे सॉफ्टवेयर का आनंद ले रहा हैं। ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेना हमारे लिए आवश्यक हो जाता है तो चलिए शुरू करते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट एक अमेरिकी कंपनी है जिसका मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन राज्य में स्थित हैं। इस कंपनी की स्थापना 4 अप्रैल 1975 में की गई थी लेकिन माइक्रोसॉफ्ट कंपनी को पहचान सन 1980 में MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम के कारण मिली थी। माइक्रोसॉफ्ट आज एक जानी मानी बहुराष्ट्रीय कंपनी बन चुकी है जिसकी 100 से भी अधिक देशों में ब्रांच स्थित है। इन ब्रांचों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 70 हजार से भी अधिक है। आज के समय में माइक्रोसॉफ्ट विश्व की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में पहचानी जाती हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मालिक या संस्थापक का नाम बिल गेट्स (Bill Gates) और पॉल एलन (Paul Allen) हैं। आज इन दोनों के प्रयास से ही माइक्रोसॉफ्ट टेक्नोलॉजी का नाम दुनिया में काफी प्रसिद्ध हो चुका है। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के प्रोडक्ट्स काफी लोकप्रिय है और माइक्रोसॉफ्ट का ऑपरेस्टिंग सिस्टम माइक्रोसॉफ्ट Windows सबसे ज़्यादा उपयोग में लिया जाता हैं। वर्तमान समय में माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी को बनाने वाले प्रमुख व्यक्ति बिल गेट्स और पॉल एलन ने अपनी शुरुआत 1972 में ट्रैफ-ओ-डाटा से की जो ऑटोमोबाइल ट्रैफिक डाटा को ट्रैक एनालाइज करता था। इसके बाद सन 1975 में अल्टेयर 8800 माइक्रो कंप्यूटर से प्रेरित होकर एक इंटरप्रीटर बनाया और एमआईटीएस में प्रस्तुत किया। इस तरह आखिरकार बिल गेट्स और पॉल एलन ने एमआईटीएस से अलग होकर कार्य करने के बारे में सोचना प्रारम्भ किया और 4 अप्रैल 1975 को स्वयं की माइक्रोसॉफ्ट के नाम से अलग कंपनी स्थापित कर दी।

माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना के 5 वर्ष बाद सन 1980 में कंपनी ने सॉफ्टवेयर बिजनेस में अपना कदम रखा और MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम से माइक्रोसॉफ्ट को बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकी थी। धीरे-धीरे माइक्रोसॉफ्ट एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के रूप में पहचानी जाने लगी थी। सन 1980 में कंप्यूटर के लिए उस समय की सबसे बड़ी कंपनी आईबीएम के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना प्रारम्भ कर दिया था। इस तरह Microsoft आज दुनिया की सबसे बड़ी ऑपरेटिंग सिस्टम कंपनी के रूप में पहचानी जाती हैं। 

#3. गूगल 

गूगल एक मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी (अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी) कंपनी है, जो इंटरनेट सम्बंधित सर्विस और प्रोडक्ट लोगों को सेवा के रूप में प्रदान करती है। इसकी सर्विस के अंतर्गत ऑनलाइन एडवरटाइजिंग टेक्नोलॉजी, सर्च क्लाउड कंप्यूटिंग, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर आदि आते हैं। गूगल की स्थापना वर्ष 1996 में लैरी पेज और सर्जे ब्रिन ने की थी।

वे दोनों स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की पढ़ाई कर रहे थे। उस समय दोनों ने इसे अपनी शोध में सर्च इंजन के नाम से परिभाषित किया था, जिसके बाद में इसे गूगल नाम दिया। गूगल शब्द एक अन्य शब्द गूगोल (Googol) से आया है। इस सर्च इंजन के पीछे का कांसेप्ट था, एक तरह की दो वेबसाइट के बीच तुलना करना।

#4. सऊदी अरामको

सऊदी अरब से संचालित एवं नियंत्रित तेल की दिग्गज कंपनी सऊदी अरामको ने अपनी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) की कीमत अपनी सूचकांक सीमा के शीर्ष पर लगाई है। दुनिया में यह पेशकश साल 2014 में अलीबाबा की 25 अरब डॉलर लिस्टिंग के मुकाबले कहीं अधिक है। रॉकफेलर परिवार की स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी के खोजकर्ताओं ने 1938 में सऊदी अरब में तेल के ठिकानों की खोज की थी। 

यह उद्यम अरब अमेरिकन ऑयल कंपनी के नाम से जाना गया। साल 1949 में यहां कच्चे तेल का उत्पादन 5 सौ हजार बैरल प्रतिदिन था। तकरीबन 42 सालों की कवायद के बाद साल 1980 तक सऊदी गवर्नमेंट ने अरब अमेरिकन ऑयल कंपनी के सभी शेयर खरीद लिए और कंपनी की सौ फीसद हिस्सेदारी के साथ मालिक बन बैठी। इसके आठ साल बाद सऊदी अरब ऑयल कंपनी (सऊदी अरामको) की आधिकारिक तौर पर स्थापना हुई।

एक तरह से देखा जाए सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ऑयल प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट पर ही निर्भर है। इसके खतरों को भांपकर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अर्थव्यवस्था को बहुआयामी आय केंद्रित बनाना चाहते हैं। उन्होंने अरामको के आईपीओ प्लान के बारे में जानकारी देते समय साल 2016 में इस परिप्रेक्ष्य में कहा भी है। 

राज्य के स्वामित्व वाली फर्म दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी है, जो दुनिया की आपूर्ति का 10% पंप करती है और सबसे अधिक मुनाफे वाली कंपनी है, जिसका आधा साल का शुद्ध लाभ 12% बढ़त के साथ 46.9 बिलियन डॉलर है। पिछले साल, अरामको ने 111 बिलियन डॉलर का वार्षिक शुद्ध लाभ कमाया। यह लाभ पाँच “सुपर मेज़र” एक्सॉन मोबिल, शेल, बीपी, शेवरॉन और टोटल की संयुक्त शुद्ध आय से एक तिहाई अधिक था।

एशियाई बाजार में इसके ग्राहकों में भारत, चाइना, साउथ कोरिया, जापान और ताइवान जैसे बड़े देश शामिल हैं। जबकि पिछले साल उत्तरी अमेरिका में इसने 1 मिलियन बीपीडी क्रूड डिलीवरी की। यूरोप में उसने पिछले साल तकरीबन 9 लाख बीपीडी क्रूड सप्लाई किया। अपने तेल के कारोबार में विविधता लाने के लिए, अरामको लगातार प्रयासरत है। कंपनी शुद्धिकरण और पेट्रोकेमिकल्स से आय के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है।

कंपनी का लक्ष्य अपने केमिकल प्रोडक्शन को तिगुना कर साल 2030 तक 34 मिलियन टन प्रतिवर्ष तक पहुंचाना है। इस टारगेट को अचीव करने के लिए कंपनी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल उत्पादन यूनिट में लगातार विस्तार कर रही है। कंपनी ने वैश्विक स्तर पर रिफाइनिंग क्षमता 5 मिलियन बीपीडी से बढ़ाकर 8 से 10 मिलियन बीपीडी करने की मंशा जताई है।

#5. अमेज़न

अमेज़न एक E-commerce कंपनी है जिस पर दुनिया के लाखों लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। यह दुनिया की लोकप्रिय शॉपिंग वेबसाइट है जिस पर लोग आँखे बंद करके विश्वास करते है। दुनिया भर में लाखों लोग प्रतिदिन अमेज़न से शॉपिंग करते है और घर बैठे अपना सामान प्राप्त करते है। तो वही लाखो लोग अपने सामान को आसानी से अमेज़न पर ऑनलाइन बेचकर अपने व्यापार को बढ़ाते है।

इसके साथ साथ हजारो लोग अपनी वेबसाइट पर अमेज़न के सामान का सुझाव देकर एफिलिएट मार्केटिंग के द्वारा लाखों रुपये कमा रहे है। 5 जुलाई 1994 को जेफ्फ बेज़ोस ने Amazon.com के नाम से एक वेबसाइट को लांच किया था। 

 इस Company ने भारत देश में अपनी वेबसाइट का बिज़नेस Amazon.in के नाम से शुरू किया हैं तभी से भारत में ऑनलाइन शॉपिंग करना शुरू हुआ हैं। आज के समय में सभी व्यक्ति ज्यादातर ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं। अमेज़न दुनिया की सबसे बड़ी मशहूर वेबसाइट है जिस पर ऑनलाइन शॉपिंग की जाती हैं और अपने मनपसंद सामान को ऑर्डर करके मंगाया जाता है।

#6. टेस्ला 

एक बैटरी कंपनी के रूप में सबसे अच्छी तरह से वर्णित, टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों के लिए सबसे अच्छी तरह से जानी जाती है। कंपनी सौर पैनलों और लिथियम-आयन बैटरी ऊर्जा भंडारण में विशेषज्ञता के लिए भी जानी जाती है।

2008 में पहली इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार, टेस्ला रोडस्टर के रिलीज होने के बाद कंपनी ने सबसे पहले ध्यान आकर्षित किया। रोड स्टर के बाद मॉडल एस, एक सेडान था, जो जब से दुनिया की सबसे अधिक बिकने वाली प्लग-इन इलेक्ट्रिक कारों में से एक बन गई है। वास्तव में, 2016 तक, मॉडल एस दुनिया की सबसे अधिक बिकने वाली प्लग-इन इलेक्ट्रिक कार के रूप में Nissan Leaf से पीछे है।

टेस्ला मोटर्स, ऑटोमोबाइल उद्योग में सबसे बड़े नामों में से एक अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता है। कंपनी की स्थापना 2003 में मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टारपेनिंग ने की थी। कंपनी का नाम भौतिक विज्ञानी और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर निकोला टेस्ला के नाम पर रखा गया है। 1888 में निकोला टेस्ला द्वारा एसी इंडक्शन मोटर तकनीक का पेटेंट कराया गया था।

कंपनी का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग का व्यवसायीकरण करना और लोगों को हरित पथ की ओर ले जाना था। यह लोटस एलिस के शरीर के खोल से बनाया गया था और 245 मील से अधिक की सीमा के साथ आया था। टेस्ला रोडस्टर ने 288 हॉर्स पावर तक का उत्पादन किया और 0-100 स्प्रिंट को केवल 3.8 सेकंड में पूरा किया। लोटस ने टेस्ला को एलिस की केवल 2500 इकाइयाँ आवंटित की थी और 3 वर्षों में वे सभी बिक चुकी थी।

#7. मेटा (फेसबुक)

फेसबुक ने हाल ही में अपना नाम बदल कर Meta रख लिया है। इससे यह साबित होता है कि Meta कोई और एप्लीकेशन/ कंपनी नहीं है बल्कि फेसबुक है। अब से फेसबुक को मेटा के नाम से ही जाना जाएगा। फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने खुद इसका नाम चेंज किया है और उनका कहना है कि फेसबुक को हम केवल एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म बना कर ही नही रखना चाहते है बल्कि इसे भविष्य की टेक्नोलॉजी के साथ और आगे ले जाना चाहते है, जिसके लिए उसे एक नया नाम देना जरूरी था।

इंटरनेट और कंप्यूटर की मदद से तैयार किया गया मेटावर्स एक वर्चुअल यानी की काल्पनिक दुनिया है जहां पर इंसानों की जगह उनके 3D कैरेक्टर वास्तविक दुनिया में किए जाने वाले कार्यों को इंटरनेट की इस दुनिया में कर सकते है। जिस तरह से फ्री फायर जैसे गेम के अंदर एक वर्चुअल वर्ल्ड होता है उसी प्रकार मेटावर्स भी एक वर्चुअल दुनिया होगी। मेटेवर्स से ही मेटा शब्द को लिया है।

मेटा एक मल्टीनेशनल पब्लिक टेक्नोलॉजी कंपनी है जो पूर्व में फेसबुक के नाम से अपनी कंपनी के व्यवसाय करती थी लेकिन अब यह पूर्ण रूप से मेटा के नाम से जाना जाएगा। यह कंपनी अमेरिका के मेनलो पार्क, कैलिफ़ोर्निया में स्थित है और वही से यह अपने कार्यों को संचालित करती है।

#8. बर्कशायर हैथवे

यह अमेरिका की एक फंडिंग कंपनी है। इस कंपनी को फेमस इन्वेस्टर वॉरेन बफे चला रहे है। कंपनी के पास कई प्रसिद्ध निजी कंपनियों जैसे GEICO और Apple जैसी बहुत बड़ी कंपनियों के शेयर हैं। कंपनी का मुख्यालय ओमाहा, नेब्रास्का, संयुक्त राज्य में स्थित है। कंपनी के सीईओ और अध्यक्ष 88 वर्षीय वॉरेन बफे हैं, जो अभी भी कंपनी को सफलता की ओर ले जा रहे हैं। कंपनी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में $ 304,000 पर अच्छा व्यापार कर रही है। Berkshire Hathaway कई घाटे में चल रही कंपनी को खरीद कर उन्हें प्रॉफिट में ला रही है।

कंपनी अपने शुरूआती दिनों में टेक्सटाइल इंडस्ट्री से अपना व्यापार शुरू किया था। Berkshire Hathaway होम सर्विस ऑफ अमेरिका और Berkshire Hathaway डायरेक्ट कंपनियों जैसी कई कंपनियों का भी संचालन करती है।

Berkshire Hathaway बीमा सेवाएं भी प्रदान करती है। कंपनी कंप्यूटर उत्पादन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, बीमा प्रदान करने, खाद्य उत्पादों और मोटर वाहन उत्पादन सहित कई वस्तुओं और सेवाओं को प्रदान करती है। सभी सेवाएँ और उत्पाद में Berkshire Hathaway का हिस्सा हैं। कंपनी के पास व्यवसाय की एक भीड़ है जिसका मतलब है कि मुख्य कंपनी Berkshire Hathaway एक्वायर्ड कंपनियां हैं।

अब तक Berkshire Hathaway ने बहुत सारी कंपनियों का अधिग्रहण किया है। इस प्रकार कंपनी का बिजनेस मॉडल बहुत सरल है। ये कंपनी घाटे में चल रही कंपनी को खरीदकर उन्हें मुनाफे वाली कंपनी में बदलती है। कंपनी ने वेंचर कैपिटल और एंजेल इन्वेस्टर्स से कभी कोई फंड नहीं एकत्र किया। कंपनी केवल अपना आईपीओ लॉन्च करती है जिससे कंपनी ने $ 3.5 M एकत्र किया। आईपीओ लांच करने के बाद कंपनियां निजी से सार्वजनिक हो जाती हैं जिससे सार्वजनिक कंपनियों के लिए नई कंपनियों का अधिग्रहण करना आसान हो जाता है।

दुनिया की सबसे बड़ी और महंगी कंपनियां – Related FAQs

प्रश्न: फेसबुक (मेटा) का सीईओ कौन है?

उत्तर: फेसबुक (मेटा) के सीईओ मार्क जकरबर्ग हैं। 

प्रश्न: टेस्ला मोटर्स क्या कार्य करती है?

उत्तर: टेस्ला मोटर्स, ऑटोमोबाइल उद्योग में सबसे बड़े नामों में से एक अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता है।

प्रश्न: AMAZON की ऑफिशियल वेबसाइट क्या है?

उत्तर: AMAZON की ऑफिशियल वेबसाइट www.amazon.com है।

प्रश्न: पिछले साल, सऊदी अरामको ने कितना लाभ कमाया है?

उत्तर: पिछले साल, सऊदी अरामको ने 111 बिलियन डॉलर का वार्षिक शुद्ध लाभ कमाया है।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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