|| दुनिया की सबसे बहादुर जाति कौन सी है? Which is the world’s bravest caste? दुनिया की सबसे ताकतवर जाति कौन सी है? भारत की सबसे पुरानी जाति कौन सी है? सबसे निडर जाति कौन सी है? असली क्षत्रिय कौन सी जाति है? ||
बहादुरी एक ऐसा गुण है, जो जन्म से ही लोगों के भीतर पैदा होता है। देश में ऐसे बहादुरों की कमी कभी नहीं रही, जिन्होंने अवसर आने पर अपनी जान देकर बहादुरी साबित न की हो। बहुत सी जातियां स्वभाव से ही ताकतवर एवं बहादुर मानी जाती है।
यह सवाल बहुत सारे लोगों के दिलों में उठता है कि दुनिया की सबसे बहादुर जाति कौन सी है? (Which is the world’s bravest caste?) आज इस पोस्ट में हम इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। आपको बस इस पोस्ट को शुरू से अंत तक ध्यान से पढ़ते जाना है। आइए, शुरू करते हैं-
बहादुरी का क्या अर्थ है? (What is the meaning of bravery?)
बहादुरी को वीरता भी पुकारा जाता है। अंग्रेजी में इसे ब्रेवरी (bravery) भी कहते हैं। दोस्तों, कई लोगों की बहादुरी के किस्से सुनकर हम बड़े होते हैं। किसी को बहादुर होने पर सराहते भी हैं। लेकिन बहादुरी क्या है? (What is bravery?) क्या कभी आपके मन में भी यह प्रश्न खड़ा हुआ है? यदि हां, तो क्या आपको उसका जवाब मिला है? यदि नहीं तो आज हम आपको इस अर्थ बताएंगे। मित्रों, बहादुरी का अर्थ मन की उस दृढ़ता से है, जो व्यक्ति को निडर बनाती है एवं उसे कोई भी बड़ा कार्य करने के लिए प्रवृत्त करती है।
दुनिया की सबसे बहादुर जाति कौन सी है? (Which is the world’s bravest caste?)
मित्रों, आपको अब जानकारी देते हैं कि दुनिया की सबसे बहादुर जाति कौन सी है? इसका विवरण इस प्रकार से है-
राजपूत (Rajput) :
राजपूत जाति को बेहद बहादुर माना जाता है। समय आने पर उन्होंने अपनी जान की बाजी देकर भी अपनी मातृभूमि एवं अपने लोगों की रक्षा की है। विदेशी आक्रमणकारियों पर भी राजपूत जाति Rajput (caste) के अनेक शासकों (rulers) का खौफ तारी रहा है।
खास तौर से राजस्थान (Rajasthan) के राजपूत शासकों की वीरता अकथनीय है। महाराणा प्रताप, राणा सांगा, राजा रतन सिंह, पृथ्वीराज चौहान, राणा कुंभा, राव जोधा जैसे अनेक राजपूत शासकों की वीरता का आज भी गुणगान होता है। उनकी प्रशंसा में आज भी गीत गाए जाते हैं।
जाट (Jat) :
जाट भी बेहद बहादुर माने जाते हैं। जाटों की बहादुरी के किस्सों से इतिहास के पन्ने भरे पड़े हैं। अपनी जुबां पर मर मिटना इनकी आदत में शुमार माना जाता है। इनका मुख्य कार्य खेती बाड़ी (agriculture) होता है, लेकिन फौज (army) एवं पुलिस (police) में भी जाटों की बड़ी संख्या देखने को मिलती है। इनकी बहादुरी का ही नतीजा एवं असर है कि भारतीय फौज में जाट रेंजीमेंट (Jat regiment) स्थापित की गई है।
उत्तर प्रदेश (uttar Pradesh) के साथ ही हरियाणा (Haryana), पंजाब (Punjab), राजस्थान (Rajasthan), दिल्ली (Delhi), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) व गुजरात (Gujarat) में जाटों की उपस्थिति है। कहावत है-जाट हथियार उठाए तो दुनिया हिल जाती है। इसी बात से आप इनकी बहादुरी का अंदाजा लगा सकते हैं।
सिख (Sikh) :
सिखों को भी बेहद बहादुर कौम माना जाता है। उनकी बहादुरी के गौरवशाली किस्सों से इतिहास (history) भरा पड़ा है। आर्मी में भी सिखों की सिख रेजीमेंट (Sikh regiment) स्थापित है। मुगल काल (Mughal period) में मुगल शासकों (Mughal emperors) के आगे सिखों ने बजाय सिर झुकाने के सिर कटाना उचित समझा।
ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं, जहां सिख अपनी कौम की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने से भी नहीं चूके। चार साहबजादे की शहादत को कौन भूल सकता है। पंजाब के सरहिंद (sarhind) में इनके बलिदान स्थल पर आज भी लोग शीश नवाने जाते हैं।
गुर्जर (Gurjar) :
गुर्जर जाति भी वीरों की श्रेणी में शुमार है। इस जाति से बड़े बड़े योद्धा [warrior] हुए हैं। यदि बात अंग्रेजों के जमाने की करें तो ताल्लुकदार विजे सिंह की बहादुरी के किस्से आज भी उत्तराखंड में रुड़की के पास स्थित कुंजा बहादुरगांव में सुनाए जाते हैं।
इसे स्थानीय लोग 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहला संग्राम मानते हैं और इसे आधिकारिक रूप से (officially) प्रथम स्वतंत्रता संग्राम घोषित किए जाने की मांग भी वे बराबर करते रहे हैं।
गोरखा (Gorkha) :
गोरखा जाति भी बेहद बहादुर मानी जाती है। इनका विशेष हथियार खुखरी इनकी पहचान है। इनकी बहादुरी का आलम यह है कि अंग्रेजों ने उनकी बहादुरी की यादगार के तौर पर उत्तराखंड (uttarakhand) की राजधानी देहरादून (dehradun) में खलंगा (khalanga) में स्मारक (memorial) बनवाया हुआ है। आज भी सेना में गोरखा रेजीमेंट (Gorkha regiment) में शामिल गोरखा जाति के लोगों ने अपनी बहादुरी को समय समय पर साबित किया है।
मराठा (Maratha) :
मराठा दुनिया के सबसे महान व सबसे तेज योद्धाओं में शुमार हैं। खास बात यह है कि शारीरिक बल के साथ ही ये तेज बुद्धि वाले माने जाते हैं। छापामार यानी गुरिल्ला युद्ध के भी यह बेहद विशेषज्ञ माने जाते थे। छत्रपति शिवाजी, संभाजी, ताना जी आदि ऐसे अनेक शासक हुए हैं, जिनकी वीरता के किस्से आज भी लोगों की जुबान पर हैं।
मीणा (Mina) :
राजस्थान की मीणा जाति के लोग भी स्वभावगत बेहद बहादुर मानते जाते हैं। यही वजह है कि फौज में भी मीणा की संख्या बहुत अधिक होती है। ये लोग जान हथेली पर लेकर चलते हैं। बात के पक्के होते हैं। मीणा भी अपने पूर्वजों की बहादुरी के किस्से लोकगाथाओं के सुरों में पिरोकर आने वाली पीढ़ी को सुनाते हैं, ताकि वे भी उनसे प्रेरणा पाकर बहादुरी के साथ अपना जीवन जिएं।
योद्धा एवं गैर योद्धा के रूप में जातियों का विभाजन कब हुआ? (When castes were decided as yodha and non yodha?)
मित्रों, आपको बेशक यह सुनकर आश्चर्य लगे, लेकिन अंग्रेजों ने जातियों का योद्धा एवं गैर योद्धा के रूप में भी विभाजन (divide) किया था। बात 1857 की क्रांति के पश्चात की है। ब्रिटिशकालीन भारत के सैन्य अधिकारियों द्वारा योद्धा व गैर योद्धा के रूप में जातियों का वर्गीकरण किया गया। सुगठित शरीर, योद्धा प्रवृत्ति वाले लोगों को योद्धा की श्रेणी में रखा, जबकि आराम पसंद जीवनशैली वाले लोगों को गैर योद्धा की श्रेणी में।
योद्धा जातियों में राजपूत, मीणा, जाट, गुर्जर व यादव शामिल रहे। यद्यपि अंग्रेजों ने योद्धा जातियों को राजनीतिक रूप से उपप्रधान एवं बौद्धिक रूप से हीन समझा। अंग्रेजों के सामने कम शिक्षा वाले भारतीयों को भर्ती किया गया, क्योंकि वे उनमें पहल (initiative) करने एवं नेतृत्व (leadership) के गुणों का अभाव मानते थे। लिहाजा, बड़े सैन्य अभियान की कमान अपने हाथ में रखते थे।
दुनिया में कौन से सशस्त्र योद्धा सबसे मशहूर हैं?
साथियों, यह तो आप जानते ही हैं कि जमाना विशेषज्ञों का है। कोई भी योद्धा अपने हथियारों से ही लड़ाई लड़ता है। दुनिया में ढेर सारे ऐसे योद्धा हुए हैं, जिनमें से कोई तलवारबाजी में नाम रखता था तो कोई किसी अन्य हथियार संचालन में ऐसे ही योद्धा ग्लैडिएटर (gladiator) रोमन साम्राज्य (Roman emperor) के सशस्त्र योद्धा को कहा जाता था। इसे हिंदी में तलवारबाज भी पुकारते थे। यह अन्य ग्लेडिएटरों, जंगली जानवरों एवं दंडित अपराधियों के साथ हिंसक मुकाबला करता था।
रोमन शासकों इस खेल को मनोरंजन (entertainment) के लिए आयोजित करते थे। इन खेलों को देखने के लिए मजमा जुटता था। एक ग्लैडिएटर की मौत तय रहती थी, लेकिन जनता के लिए यह महज एक खूनी आनंद देने वाले खेल से अधिक कुछ नहीं था। यद्यपि बुद्धिजीवी लोग इस खेल की बहुत आलोचना भी करते थे, लेकिन शासक वर्ग इस वर्ग की कभी नहीं सुनता था। आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि इस विषय पर एक हालीवुड (Hollywood) की एक बहुत मशहूर फिल्म ग्लैडिएटर भी बनी है।
बहादुरी को क्या जन्मजात गुण माना जाता है? (Is bravery a born virtue?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि बहुत से लोग बहादुरी को जन्मजात गुण मानते हैं, लेकिन यह भी सच है कि परिस्थितियां भी किसी भी इंसान को निडर एवं बहादुर बनाने में महत्वपूर्ण निभाती हैं। साथियों, इसके अलाव ऐसी कई राशियां हैं, जिनके जातक बहादुर माने जाते हैं। ये राशियां इस प्रकार से हैं-वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला एवं कुंभ राशि। ये ऐसे लोग होते हैं, जो बेहद दृढ़ इच्छाशक्ति वाले भी माने जाते हैं। कठिन परिस्थितियों में हौसले के साथ लड़ते हैं और किसी भी हालत में हार नहीं मानते।
दोस्तों, आपको बता दें कि जब दुनिया में भर कोरोना वायरस (corona virus) का अटैक हुआ तो भारत में कोरोना काल के दौरान भी ऐसे ही मजबूूत इच्छाशक्ति वाले लोगों ने अपने हौसले से बीमारी को पस्त करने में कामयाबी हासिल की। बहादुर लोगों का हौसला ही ऐसा है, जो जल्द नहीं टूटता।
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दुनिया में सबसे बहादुर जाति कौन सी हैं?
राजपूत, जाट, गुर्जर, मराठा, सिख गोरखा आदि दुनिया में सबसे बहादुर जातियां मानी जाती हैं।
अंग्रेजों ने योद्धा एवं गैर योद्धा जातियों का वर्गीकरण कब किया?
1857 की क्रांति के पश्चात अंग्रेजों ने योद्धा एवं गैर योद्धा जातियों का वर्गीकरण किया।
राजपूत शासक अधिकांशतः कहां के हुए हैं?
राजपूत शासक अधिकांशतः राजस्थान में हुए हैं।
जाट जाति अधिसंख्य कहां निवास करती हैं?
जाट जाति अधिसंख्य उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि जगहों पर निवास करती है।
दुनिया के सबसे मशहूर सशस्त्र योद्धा कौन हैं?
ग्लैडिएटर दुनिया के सबसे मशहूर सशस्त्र योद्धा हैं।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) के माध्यम से बताया कि दुनिया की सबसे बहादुर जाति कौन सी है (which is the world’s bravest caste)। उम्मीद है कि इस पोस्ट से आपका अच्छा खासा ज्ञानवर्धन हुआ होगा। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुज्ञव है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हैं। ।।धन्यवाद।।
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बंजारा जाति सबसे ज्यादा तकता है किसी भी लड़ाई में किसी से भी डरते नहीं है
बंजारा जाति ने अंग्रेजों से लड़ाई की सबसे खतरनाक जाती है इसलिए उसको नायक माने जाता है न किसी से डरते हैं
जी बिल्कुल सही बात है आपकी ।