इंजीनियर किसे कहते हैं? इंजीनियर क्या करते हैं? इंजीनियर कैसे बना जा सकता है?

बच्चे के पैदा होते ही ढेरों मां बाप उसका भविष्य तय कर देते हैं। यह कहकर कि मेरा बेटा इंजीनियर बनेगा। इसकी वजह यह है कि इंजीनियर पद के साथ पैसा और प्रतिष्ठा दोनों जुड़े हुए हैं।वह अपने सपने को बच्चे के जरिए पूरा करने की कोशिश में उस पर जबरदस्त दबाव डालने से भी नहीं चूकते। उसे तमाम तरह की कोचिंग कराते हैं। इसके बावजूद वह इंजीनियर नहीं बन पाते। वहीं कई छात्र ऐसे भी होते हैं, जो अपनी इच्छा से इंजीनियर बनकर देश की सेवा में योगदान देना चाहते हैं। यह समाज में एक प्रतिष्ठित प्रोफेशन माना जाता है।

इंजीनियर बनने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इंजीनियर किसे कहते हैं? वह क्या करते हैं? इंजीनियर कैसे बना जा सकता है? इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा कौन आयोजित कराता है? जैसे बिंदुओं से जुड़ी तमाम जानकारी आज हम इस post के माध्यम से आपको देने जा रहे हैं। उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। आइए शुरू करते हैं-

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इंजीनियर किसे कहते हैं?

इंजीनियर किसे कहते हैं? इंजीनियर क्या करते हैं? इंजीनियर कैसे बना जा सकता है?

इससे पहले कि हम आपको यह बताएं कि इंजीनियर किसे कहते हैं, आइए जान लेते हैं कि इंजीनियरिंग क्या होती है। दरअसल, इंजीनियरिंग वह साइंस है, जो मनुष्य की जरूरतों की पूर्ति करने में आने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करती है। इसके लिए वह मैथ्स, फिजिक्स और नेचर साइंस से जुड़े ज्ञान का इस्तेमाल करती है। जो व्यक्ति इस कार्य को अंजाम देता है उसे अभियंता या इंजीनियर (engineer) कहा जाता है। इसके लिए उसे इंजीनियरिंग का निर्धारित कोर्स करना होता है।

इंजीनियरिंग वह कोर्स है, जिसे छात्र 12वीं कक्षा के बाद कर सकते हैं। छात्र बीटेक में स्नातक स्तर की पढ़ाई कर सकते हैं। किसी भी छात्र के पास कम से कम तीन साल की डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए। तीन साल की पढ़ाई के बाद छात्र को जिस विषय में सबसे ज्यादा रुचि है, वह उसमें पीजी कर सकता है। इसे करने के बाद आप इंजीनियर कहलाएंगे। अगर किसी का रुझान रिसर्च और डिजाइनिंग में है तो उसके पास पीएचडी करने का भी रास्ता खुला है।

इंजीनियर क्या करते हैं?

दोस्तों, इंजीनियरिंग की अलग-अलग शाखाएं होती हैं और इनमें कोर्स यानी पढ़ाई करने वाले इंजीनियर संबंधित क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का व्यावहारिक यानी practical हल निकालने का काम करते हैं। जैसे सिविल इंजीनियर को ही लें। वह भवन निर्माण, रोड निर्माण आदि से जुड़े कामों को देखता है। उन्हें पूरा कराता है और इस दौरान जो भी दिक्कत आती है, उन्हें दूर कराने के तरीके सुझाता है। मसलन रोड की ही बात लें तो उसकी ऊंचाई कितनी हो, उसका घुमाव कितना हो, इन सबका निर्धारण इंजीनियर ही करता है।

इंजीनियरिंग की मेन Branches कौन-कौन सी हैं?

इंजीनियरिंग की एक दो नहीं, बल्कि कई branches हैं। छात्र अपनी रुचि और पसंद के मुताबिक अपनी branch का चुनाव कर सकते हैं। छात्र ऐसा करते भी हैं। लेकिन हालांकि कई बार यह भी होता है कि इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों में सीटें सीमित होने के कारण मेरिट स्कोर कम होने की वजह से उन्हें अपनी मनपसंद branch नहीं भी मिल पाती। आइए आपको इंजीनियरिंग की main branchesके बारे में बता दें। यह इस प्रकार से हैं-

  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग-जिन छात्र छात्राओं को मशीनों से प्यार है, वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग की ओर रुख करते हैं।
  • सिविल इंजीनियरिंग-जिन छात्र छात्राओं को भवन, रोड निर्माण आदि में दिलचस्पी है, वह सिविल इंजीनियरिंग का रुख करते हैं।
  • कंप्यूटर इंजीनियरिंग-कंप्यूटर से प्यार करने वालों को कंप्यूटर इंजीनियरिंग से ज्यादा कुछ नहीं भाता। वह सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर आदि अपने पसंद के हिसाब से चुनते हैं।
  • इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग-इलेक्ट्रिकल में दिलचस्पी रखने वाले इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का रुख करते हैं।

इंजीनियरिंग की यह Branches भी बढ़ रही पसंद –

मित्रों, इंजीनियरिंग की main branches के अलावा ढेरों ऐसी branches हैं , जिनकी ओर छात्रों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। आइए आज आपको इन branches के बारे में बताते हैं। यह इस प्रकार हैं-

  • पेट्रोलियम इंजीनियरिंग-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इसमें भूमि से पेट्रोल निकाले जाने, ड्रिलिंग आदि से जुड़ी पढ़ाई होती है।
  • ओशीन इंजीनियरिंग-समुद्र के बारे में दिलचस्पी रखने वालों और खास तौर पर नेवी यानी नौ सेना में जाने वालों के लिए यह बेहद काम का कोर्स है। अब इस इंजीनियरिंग की ओर भी रुझान बढ़ रहा है।
  • एथिकल हैकिंग-एथिकल हैकिंग पर इन दिनों सबसे ज्यादा बात हो रही है। इसमें छात्रों को नैतिक रूप से कोई भी वेबसाइट या प्रोग्राम हैक करना सिखाया जाता है ताकि वह अपनी कंपनी के साफ्टवेयर को इस लायक बना सकें कि उसे हैक न किया जा सके।
  • स्पोर्ट्स टेक्नोलाजी इंजीनियरिंग-साथियों, इन दिनों स्पोर्ट्स तकनीक में बहुत बदलाव हुआ है। इसमें बहुत से विशेषज्ञ शामिल होते हैं, जो खेल तकनीकों, खेल उपकरणों आदि के विशेषज्ञ होते हैं और खिलाड़ियों की मदद करते हैं।
  • एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग-एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग सीड टेक्नोलाजी आदि पर बात होती है। इसके अलहदा विशेषज्ञ होते हैं। यह खेती को आगे ले जाने या यह कहा जा सकता है कि उन्नत खेती को बढ़ाने के क्षेत्र में सहायक साबित होते हैं।

साउंड इंजीनियरिंग –

विभिन्न कंपनियों खास तौर पर म्यूजिक कंपनियों, इवेंट कंपनियों, एंटरटेनमेंट आदि फील्ड में साउंड इंजीनियर की जरूरत बढ़ी है। साउंड इंजीनियरिंग को वही छात्र अपनाते हैं। इसके अलावा इनर्जी, फोटोनिक्स, हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग आदि भी इंजीनियरिंग के नए क्षेत्र हैं, जिनकी ओर से इंजीनियर बनने के इच्छुक छात्र छात्राओं का रुझान रहता है।

इंजीनियरिंग करने के बाद और भी हैं करियर ऑप्शन –

इंजीनियरिंग करने के बाद अगर मन न रमें तो भी कई आप्शन आपके पास होंगे। आप एमटेक पीएचडी करके पढ़ा सकते हैं। एमबीए करके मैनेजमेंट की फील्ड में जा सकते हैं। सिविल सर्विसेज के लिए इम्तहान देकर प्रशासनिक अधिकारी बन सकते हैं। अपना स्टार्ट अप शुरू कर बड़े बिजनेसमैन बन सकते हैं। किसी कंपनी में सलाहकार या consultant के रूप में काम कर सकते हैं आदि।

इंजीनियर की पढ़ाई कहां से कर सकते हैं?

देश में ढेर सारे ऐसे संस्थान हैं, जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना प्रतिष्ठा का विषय है। इनमें आईआईटी सबसे ऊपर है। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड्गपुर, आईआईटी बांबे, आईआईटी कानपुर, आईआईटी गुवाहाटी, बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी यानी बिट्स पिलानी, दिल्ली टेक्नोलाजी यूनिवर्सिटी यानी डीटीयू दिल्ली, आईआईटी इंदौर आदि में प्रवेश इंजीनियर बनने का ख्वाब पालने वालों का सपना होता है।

इन संस्थानों में प्रवेश भी आसानी से नहीं हो पाता। इसके लिए सीटें सीमित होती हैं, लिहाजा मेहनत भी जी तोड़ करनी होती है। देश के सर्वश्रेष्ठ छात्रों का चयन इन संस्थानों के लिए होता है। ढेरों छात्र 12वीं में प्रवेश के साथ साथ ही इस कठिन परीक्षा की तैयारी के लिए जुट जाते हैं।

आईआईटी आदि में प्रवेश कैसे पा सकते हैं?

मित्रों, देश के 24 आईआईटी के साथ ही एनआईटी में प्रवेश के लिए जेईई (jee) यानी joint entrance examination देना होता है। पहले jee main होता है। इसमें qualify करने वाले अभ्यर्थियों को jee advance की परीक्षा देनी होती है।

कौन बैठ सकता है JEE में?

साथियों, जेईई मेन में वह छात्र बैठ सकते हैं जिन्होंने 12वीं की परीक्षा पास कर ली हो या फिर इस बार 12वीं की परीक्षा में बैठ रहे हो।

JEE के लिए उम्र की योग्यता क्या है?

मित्रों, jee में बैठने के लिए न्यूनतम उम्र 17 साल, जबकि अधिकतम आयु 24 साल निर्धारित की गई है।

परीक्षा कब है, क्या रहेगा परीक्षा पैटर्न और अवधि?

इस बार जेईई का एग्जाम 5 अप्रैल, 7 अप्रैल, 9 अप्रैल और 11 अप्रैल को होगा। इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की परीक्षा होगी। तीनों विषयों के लिए 25- 25 प्रश्न निर्धारित किए गए हैं। इनमें 20 बहुविकल्पीय यानी मल्टीपल चॉइस सवाल होंगे, जबकि पांच संख्यात्मक मान के प्रश्न होंगे। इसके लिए समय अवधि 3 घंटे निर्धारित की गई है।

दोस्तों, लगे हाथ आपको यह भी बता दें कि इससे पहले जनवरी में हुई जेईई मेन परीक्षा के आधार पर इस बार में 2.4 लाख रैंक होल्डर छात्र जेई एडवांस की परीक्षा देंगे। जेईई मेन बीती छह जनवरी से लेकर 9 जनवरी तक चल चुकी है। और 17,23 जनवरी को इसका नतीजा घोषित किया गया था। जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि आईआईटी के साथ ही एनआईटी में एंट्रेंस के लिए भी यही टेस्ट देना जरूरी है।

अब आएं बिट्स यानी बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी पर। दोस्तों, आईआईटी के अलावा बिट्स पिलानी में प्रवेश लेना भी छात्रों का सपना होता है। इसके लिए मई के तीसरे और चौथे परीक्षा होगी। इसके जरिए बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग यानी BE में प्रवेश लिया जा सकता है। इसका campus पिलानी के साथ ही गोवा और हैदराबाद में भी हैं।

इस साल से अब दो बार परीक्षा –

इसी साल 2020 से jee main साल में दो बार कराई जा रही है। साल 2002 से लेकर 2018 तक यह परीक्षा सीबीएसई आयोजित करा रहा था, लेकिन इसके बाद से यह जिम्मा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA को सौंप दिया गया है। पहले एआईईईई all India engineering entrance examination का आयोजन विभिन्न स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग, और वास्तुकला पाठ्यक्रमों में दाखिलों के लिए सन् 2002 में शुरू हुआ था।

पहले इसे सीबीएसई करा रहा था। हर परीक्षार्थी की एक अखिल भारतीय और एक स्टेट रैंक होती थी। बीआर्क चुनने वालों को आनलाइन के साथ ही एक आफलाइन योग्यता परीक्षा भी देनी होती है। बीटेक चुनने वालों का टेस्ट फिजिस्ट, केमिस्ट्री और मैथ्स का होता है।

इंजीनियर तैयारी को खुले हैं ढेरों कोचिंग संस्थान –

इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा यानी जेईई मेन और एडवांस की तैयारी कराने के लिए तमाम शहरों में बड़े-बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट खोले गए हैं। और कई छात्र तो ऐसे हैं, जो इसकी तैयारी के लिए दिल्ली जैसे शहरों का रुख कर लेते हैं। जो गरीब मां-बाप हैं, वे लोन लेकर अपने बच्चों को इंजीनियरिंग की कोचिंग कराते हैं, क्योंकि इन कोचिंग संस्थानों की फीस बहुत ज्यादा होती है, जिसे चुका पाना उनके वश की बात नहीं होती। वह चाहते हैं कि उनके बच्चे इंजीनियर बन के उनका नाम रोशन करें और बाद में अपनी तनख्वाह से उस लोन को उतारें और उनके जीवन को भी बेहतर बनाएं।

इंजीनियरिंग में चयनित छात्रों का भी मानना है कि कोचिंग बेहतर साबित होती है। एक तो इससे परीक्षा पैटर्न का पता चलता है दूसरे, उनका अभ्यास ठीक ढंग से होता है। ढेर सारे ऐसे भी बच्चे होते हैं, जो बगैर किसी कोचिंग के अपनी खुद की तैयारी करके परीक्षा देते हैं। और उसमें सफल होते हैं। ऐसे बच्चों की संख्या हालांकि कम होती है। दोस्तों, इस बीच बच्चों के ऊपर बने दबाव का जिक्र भी आपसे कर ले। बहुत सारे ऐसे बच्चे होते हैं, जो मां बाप की तमाम कोशिशों और कोचिंग के बावजूद प्रवेश परीक्षा में नाकामयाब हो जाते हैं और मौत को गले लगा लेते हैं।

FAQ

Engineer को हिंदी में क्या कहते हैं?

engineer को हिंदी में अभियंता या यँत्र विशेषज्ञ कहते हैं।

इंजीनियर क्या करते हैं?

Engineer कई प्रकार के होते है, इसलिए हर इंजीनियर का अपना – अपना अलग काम होता है। जैसे कि अगर किसी ने CS यानी कि कंप्यूटर साइंस से इंजीनिरिंग की है तो वह कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर आदि से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने का कार्य करते हैं।

इंजीनियर बनने के लिए क्या करना होता है

इंजीनियर बनने के लिए आप कक्षा 10वी पास करके पॉलिटेक्निक कर सकते हैं या फिर आप 12वी पास करके बीटेक में दाखिला ले सकते हैं।

इंजीनियर की कितनी सैलरी होती है

विशेष तौर पर इंजीनियरिंग करने के बाद 20,000 से लेकर 45000 प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया हैं। जो अनुभव के साथ बढ़ता भी रहता हैं।

इंजीनियरिंग कोर्स कितने साल का होता है

इंजीनियरिंग कोर्स आम तौर पर 3 साल या फिर 4 साल तक का होता है।

क्या मैं आईआईटी के एग्जाम में बैठ सकता हूँ?

जी हाँ, अगर आपने 12वी पास कर लिया है, तो आप आईआईटी एग्जाम में बैठ सकते हैं।

अंतिम शब्द –

इसीलिए कई विशेषज्ञों की सलाह यह होती है कि बच्चों के ऊपर इंजीनियर बनाने को या डॉक्टर बनाने को दबाव ना बनाया जाए। उन्हें वह करने दिया जाए, जिसमें उनकी रुचि हो। उन्हें वह बनने दें, जो वह बनना चाहते हैं। और अगर उनका मनपसंद क्षेत्र इंजीनियरिंग ही है, तो कोशिश करें कि उन्हें उनके फील्ड में जाने में पूरी पूरी मदद करें। इस संबंध में आप उनके शिक्षकों से भी मदद ले सकते हैं। जो लोग इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर चुके हैं, उनसे मिलवाने में भी उनकी सहायता कर सकते हैं। इससे उनका भविष्य बेहतर बनेगा। वह बेहतर इंजीनियर भी बन सकेंगे।

तो दोस्तों यह थी इंजीनियर क्या होते हैं? वह क्या करते हैं? इंजीनियर कैसे बना जा सकता है? इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा कौन कराता है? आदि बिंदुओं से जुड़ी सारी जानकारी। दोस्तों, उम्मीद है कि यह post आपको पसंद आई होगी। अगर इस विषय से जुड़े किसी भी बिंदु के बारे में आप और ज्यादा जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपनी बात को हम तक पहुंचा सकते हैं। अगर आप किसी दूसरे विषय के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं। तो भी आप हमसे इस बारे में कह सकते हैं। उसके लिए भी आपको नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करना होगा।

इसके अलावा यदि आप कुछ सुझाव देना चाहते हैं, तो भी आपका स्वागत है। उसके लिए भी आपको यही रास्ता अपनाना होगा। कमेंट बॉक्स में कमेंट के जरिए अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। हमारा आपके सुझाव पर अमल करने का पूरा प्रयास रहेगा। हमें आपकी प्रतिक्रिया का शिद्दत से इंतजार है। बेहिचक भेजिए। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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