फाइनेंशियल एडवाइजर कैसे बने? | योग्यता, कार्य, स्कोप व सैलरी | Financial advisor kaise bane

Financial advisor kaise bane :- आज के समय में एक व्यक्ति की बहुत माँग है और वह है फाइनेंशियल एडवाइजर। अब आप सोच रहे होंगे कि यह फाइनेंशियल एडवाइजर कौन होता है या इसका क्या काम होता है!! तो चिंता मत कीजिये, आज हम आपको इसी फाइनेंशियल एडवाइजर के बारे में ही सब कुछ बताने वाले हैं। दरअसल लोगों की आय तेजी के साथ बढ़ती जा रही है और उतनी ही तेजी के साथ प्रतिस्पर्धा का माहौल भी बनता जा रहा है। तरह तरह की कंपनियां और उद्योग तेजी से आगे बढ़ने के लिए एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे (How to become a financial advisor in Hindi) हैं।

अब लोगों की आमदनी अच्छे से हो और कंपनी को भी लाभ हो, उसके लिए सभी लोगों को पैसों में विशिष्ट परामर्श की आवश्यकता होती है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि लोगों को किसी ऐसे व्यक्ति की सलाह चाहिए होती है जिसे पैसों के प्रबंधन के बारे में अच्छे से जानकारी हो और जो मार्केट में क्या चल रहा है और क्या नहीं, इसके बारे में उचित जानकारी रखता हो। यही काम फाइनेंशियल एडवाइजर का होता है जिस कारण आज के समय में इनका महत्व बहुत ही ज्यादा बढ़ गया (Vittiya salahkar kaise bane) है।

आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ इसी विषय के ऊपर ही बात करने वाले हैं। इसे पढ़कर आपको यह जानने में सहायता होगी कि किस तरह से आप भी फाइनेंशियल एडवाइजर बन सकते हैं और उसके जरिये बहुत सारा पैसा कमा पाने में सक्षम हो सकते हैं। आइये जाने फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए आपको क्या कुछ करना (Financial advisor kaise bane in Hindi) होगा।

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फाइनेंशियल एडवाइजर कैसे बने? (Financial advisor kaise bane)

पहले के समय में तो केवल वही लोग फाइनेंशियल एडवाइजर बन पाते थे जिन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री बीकॉम से की हुई हो लेकिन अन्य डिग्री में पढ़े हुए लोग भी आज के समय में फाइनेंशियल एडवाइजर बनने लगे हैं। ऐसे में यदि आप सोच रहे हैं कि फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए आपका बीकॉम किया हुआ होना ही आवश्यक है तो ऐसा नहीं है। हालाँकि इसके लिए आपको आगे पोस्ट ग्रेजुएशन करनी होगी और वह फाइनेंस में ही करनी होगी किन्तु ग्रेजुएशन आप किसी में भी कर सकते (Financial advisor banne ke liye kya kare) हैं।

Financial advisor kaise bane

अब यह डिग्री आप किस किस में कर सकते हैं और उसके लिए मास्टर डिग्री कौन सी होती है, यह सब जानने के लिए आपको पहले यह समझना होगा कि फाइनेंशियल एडवाइजर कौन होता है और उसके क्या कुछ कार्य होते हैं। इनके बारे में बेहतर तरह से समझने के बाद ही आपको पता चलेगा कि फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए किस तरह की योग्यता या स्किल की जरुरत पड़ती है और उसके लिए कौन कौन से कोर्स या डिग्री ली जा सकती है। इसलिए पहले हम आपके साथ फाइनेंशियल एडवाइजर क्या होता है, उसके बारे में बात करेंगे और फिर इसके कार्यों के बारे में जानकारी देंगे।

फाइनेंशियल एडवाइजर कौन होता है? (Vittiya salahkar kaun hota hai)

फाइनेंशियल एडवाइजर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो लोगों को वित्तीय सलाह या परामर्श देने का काम करता है। अब वह स्वतंत्र रूप से भी फाइनेंशियल एडवाइजर के रूप में काम कर सकता है या फिर कंपनी के कर्मचारी के रूप में भी कार्य किया जा सकता है। एक तरह से कहा जाए तो एक ऐसा व्यक्ति जिसे बाजार में क्या चल रहा है और क्या नहीं, लोन, शेयर, म्यूच्यूअल फंड्स, इत्यादि में निवेश करने की जानकारी हो, कौन सी चीज़ सही है और कौन सी नहीं, इत्यादि के बारे में पता हो, तो ही उसे फाइनेंशियल एडवाइजर कहा जाता (Financial advisor kaun hota hai) है।

अब लोग या कंपनी जो भी पैसा कमाती है, उसमें से खर्च भी करती है लेकिन कुछ पैसा बच भी जाता है। अब इन बचे हुए पैसों को स्मार्ट तरीके से कहाँ पर निवेश किया जा सकता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके, इसके बारे में परामर्श देने के लिए ही फाइनेंशियल एडवाइजर को काम पर रखा जाता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो एक ऐसा व्यक्ति जो लोगों को उनका पैसा निवेश करने के ऊपर उचित परामर्श दे और उन्हें ज्यादा से ज्यादा कमाई करवा कर दे।

फाइनेंशियल एडवाइजर को हिंदी में क्या कहते हैं? (Financial advisor meaning in Hindi)

अब हम यह भी जान लेते हैं कि फाइनेंशियल एडवाइजर को हिंदी में क्या कहा जाता है। तो फाइनेंशियल एडवाइजर का हिंदी में नाम वित्तीय सलाहक होता है। इसमें फाइनेंस या फाइनेंशियल को हिंदी में वित्त या वित्तीय कहा जाता है जबकि एडवाइजर को सलाहक या परामर्शदाता कहा जाता है। तो इस तरह से फाइनेंशियल एडवाइजर को हिंदी में वित्तीय सलाहक के रूप में जाना जाएगा।

वित्त का संबंध धन से होता है जिसे हम सामान्य हिंदी भाषा में पैसा या रूपया बोल देते हैं। सलाहक का अर्थ होता है जो हमें किसी मामले में सलाह देता है और हमारा मार्गदर्शन करता है। इसी कारण फाइनेंशियल एडवाइजर को वित्तीय सलाहक बोला जाता है।

फाइनेंशियल एडवाइजर के कार्य (Financial advisor ke karya)

फाइनेंशियल एडवाइजर कौन होता है, इसके बारे में जानने के बाद बारी आती है फाइनेंशियल एडवाइजर के काम के बारे में जानने की। हालाँकि ऊपर का लेख पढ़कर आपको थोड़ा बहुत आईडिया तो हो ही गया होगा कि फाइनेंशियल एडवाइजर का क्या कुछ काम होता होगा लेकिन हम इसे विस्तृत रूप में आपके सामने रख देते हैं ताकि आपके मन में किसी तरह की शंका शेष ना रहने पाए। तो फाइनेंशियल एडवाइजर का काम बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जिसे हम नीचे एक एक करके रखने जा रहे हैं।

  • उसका मुख्य कार्य व्यक्ति विशेष या कंपनी को पैसों से जुड़ी सलाह देना होता है। पैसा कहाँ पर और किस रूप में निवेश करना है, कितना करना है, कब निकालना है, कब नहीं निकालना है, इत्यादि के बारे में गाइड करना होता है।
  • फाइनेंशियल एडवाइजर केवल और केवल परामर्श दे सकता है, उसका अधिकार निर्णय लेने का नहीं होता है। हालाँकि वह जिसके साथ काम करता है, उसने उसे निर्णय लेने का भी अधिकार दिया है तो यह अलग बात है लेकिन यह निर्णय भी एक निश्चित धनराशी के लिए ही होता है, उससे अधिक नहीं।
  • निवेश करने के जितने भी क्षेत्र हैं जैसे कि शेयर बाजार, कमोडिटी मार्केट, म्यूच्यूअल फंड्स, ऋण देना, करेंसी इत्यादि, सभी में यह निवेश करने की सलाह देते हैं। अब यदि हम यह कार्य स्वयं करते हैं तो हमें इतना पता नहीं होता है लेकिन फाइनेंशियल एडवाइजर को इसके बारे में समूची जानकारी होती है।
  • यदि हमें पैसा लेने की जरुरत है या लोन लेना है तो उसके लिए किस बैंक या संस्था से सही रूप में लोन मिल सकता है, कितने ब्याज पर मिलेगा, इत्यादि सब देखना और उस पर सलाह देना भी फाइनेंशियल एडवाइजर का ही काम होता है।
  • पैसों को किस रूप में बढ़ाया जा सकता है और उसके क्या कुछ अन्य उपाय हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर इसे सोना, जमीन इत्यादि पर लगाना, या किसी भौतिक चीज़ पर निवेश करना और उसके बारे में देखना भी इसी फाइनेंशियल एडवाइजर का ही काम कहा जाएगा।
  • अपने क्लाइंट्स या कंपनी के साथ समय समय पर फाइनेंस से जुड़ी हर अपडेट सांझा करना, सप्ताह या महीने के अनुसार उन्हें रिपोर्ट्स भेजना और उनका एनालिसिस करना भी फाइनेंशियल एडवाइजर का ही काम होगा।
  • केवल रिपोर्ट तैयार करना ही नहीं बल्कि आगे की योजना बनाना और फाइनेंस का बजट बनाना भी इसी फाइनेंशियल एडवाइजर का ही काम कहा जाएगा।

इस तरह से अपने क्लाइंट या कंपनी के लिए फाइनेंशियल एडवाइजर बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रखता है क्योंकि इसका सीधा संबंध उनके पैसों से होता है। अब पैसा किसे प्यारा नहीं होता है और इसकी भूख भी कभी समाप्त नहीं होती है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाह में फाइनेंशियल एडवाइजर की भूमिका भी तेजी के साथ उभर कर सामने आ रही है।

फाइनेंशियल एडवाइजर कैसे काम करता है?

अब आपका अगला प्रश्न होगा कि आखिरकार फाइनेंशियल एडवाइजर के द्वारा किस तरह से कार्य किया जाता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि मुख्य तौर पर दो तरह के फाइनेंशियल एडवाइजर होते हैं जो काम करते हुए देखे जाते हैं। एक तो वे जो स्वतंत्र रूप से फाइनेंशियल एडवाइजर का काम कर रहे होते हैं तो दूसरे वे होते हैं जो किसी कंपनी के कर्मचारी के तौर पर फाइनेंशियल एडवाइजर का काम कर रहे होते हैं।

अब इसमें स्वतंत्र फाइनेंशियल एडवाइजर जो होते हैं वे अपने घर पर रहकर या एक ऑफिस बनाकर वहां काम करते हैं। उनके तरह तरह के क्लाइंट्स होते हैं और वे उन्हें समय समय पर वित्तीय सलाह देने का काम करते हैं। जिस प्रकार एक सीए का ऑफिस होता है और वह वहां रहकर तरह तरह के क्लाइंट्स के लिए काम कर रहा होता है, ठीक उसी तरह फाइनेंशियल एडवाइजर भी काम करता है। आप भी इन्हीं से काम ले सकते हैं क्योंकि यह काम के बदले में ही उचित पैसा लेते हैं।

अब दूसरे फाइनेंशियल एडवाइजर जो होते हैं, वे हैं किसी कंपनी में कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले। इन्हें बड़ी बड़ी कंपनियों के द्वारा नौकरी पर रखा जाता है ताकि वे फुल टाइम उस कंपनी में रहकर उन्हें वित्तीय सलाह देने का काम कर सकें। ये स्वतंत्र रूप से काम नहीं करते हैं और प्रतिदिन ऑफिस जाकर उनके लिए ही काम करते हैं। पहले वाले पार्ट टाइम या फ्रीलांस फाइनेंशियल एडवाइजर कहे जाते हैं तो वहीं दूसरे वाले फुल टाइम फाइनेंशियल एडवाइजर कहे जाएंगे।

फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए योग्यता (Financial advisor eligibility in Hindi)

अब हम बात करते हैं फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए आपके अंदर किन किन योग्यताओं का होना आवश्यक होता है। वैसे तो इसके लिए तरह तरह के कोर्स और डिग्री की जा सकती है लेकिन यदि आपके अंदर पहले से ही इन योग्यताओं का अभाव है तो आगे चलकर आप बेहतर फाइनेंशियल एडवाइजर नहीं बन सकते हैं। तो आइये जाने फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए सभी आवश्यक स्किल्स व कौशल के बारे में।

कम्युनिकेशन स्किल्स

फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए जो सबसे जरुरी स्किल होती है वह है आपका कम्युनिकेशन का बेहतर होना। यहाँ कम्युनिकेशन से मतलब हुआ आपकी बातचीत करने की कला। इसके लिए आपकी भाषा पर पकड़ मजबूत होनी चाहिए। अब यह जरुरी नहीं है कि आपको अंग्रेजी ही आनी चाहिए क्योंकि आप हिंदी भाषा या अन्य भारतीय भाषाओं में भी काम कर सकते हैं। यदि आपके अंदर बोलने की कला है तो यह आपके लिए एक प्लस पॉइंट ही कहा जाएगा।

एनालिटिक्स स्किल्स

यह फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए बहुत ही जरुरी स्किल के रूप में जानी जाती है। आपका इसमें दक्ष होना अति आवश्यक हो जाता है। एनालिटिक्स का अर्थ हुआ आपको सभी तरह के आकड़ों, रिपोर्ट्स, ग्राफ्स इत्यादि का मंथन करना आना चाहिए। अब आपका दिन प्रतिदिन का काम यही होगा और आपको इसी के आधार पर ही अपने क्लाइंट्स को बताना होगा। हालाँकि इसके बारे में आपको फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के कोर्स और डिग्री में बता दिया जाएगा।

प्रॉब्लम सोल्विंग स्किल्स

किसी भी नौकरी को करने जा रहे हैं तो उसमें आपके अंदर प्रॉब्लम सोल्विंग स्किल तो होनी ही चाहिए। समस्या हर तरह के क्षेत्र में आती है लेकिन उस समस्या का किस तरह से समाधान किया जा रहा है, यह मायने रखता है। खासतौर पर यदि आप फाइनेंशियल एडवाइजर बनने जा रहे हैं तो उसमें तो बहुत सारी समस्या आती है और ऐसे में आपका संयमित रहकर उसका उचित समाधान निकालना आवश्यक हो जाता है।

टाइम मैनेजमेंट

फाइनेंशियल एडवाइजर में समय की भी बहुत बड़ी भूमिका होती है। उदाहरण के तौर पर यदि आप अपने क्लाइंट्स को शेयर बाजार के बारे में बता रहे हैं तो थोड़ी सी भी देरी लाभ को नुकसान में बदल सकती है। ऐसे में आपको समय की कद्र करनी होगी। समय ही पैसा है और पैसा ही सबकुछ है, यह तो आपने सुन ही रखा होगा। तो यही बात फाइनेंशियल एडवाइजर बनने की योग्यता पर भी लागू होती है।

मल्टी टास्किंग

फाइनेंशियल एडवाइजर बनना है और उसके लिए योग्यता के बारे में लिखा जा रहा है तो मल्टी टास्किंग कैसे पीछे रह सकता है। यह तो एक ऐसी योग्यता होती है जो हर फाइनेंशियल एडवाइजर की मुख्य पहचान होती है। वह इसलिए क्योंकि फाइनेंशियल एडवाइजर को एक साथ कई चीज़ों पर ध्यान देना होता है और उसे सभी जगह के बारे में देखना पड़ता है। ऐसे में उसका मल्टी टास्किंग होना बहुत ही आवश्यक हो जाता है।

फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए कोर्स (Financial advisor banne ke liye course)

अब हम बात करते हैं फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए कोर्स को किये जाने की। जैसा कि हमने ऊपर ही बताया कि इसके लिए आप अपनी ग्रेजुएशन किसी भी डिग्री में कर सकते हैं और इसके लिए कोई बाध्यता नहीं है। पहले के समय में तो बीकॉम में ही डिग्री लेने का परामर्श दिया जाता था लेकिन आज तो इंजीनियरिंग, बीएससी या बीए किये हुए छात्र भी फाइनेंशियल एडवाइजर के रूप में काम कर रहे हैं लेकिन उसके लिए आगे चलकर इसमें मास्टर्स करनी आवश्यक हो जाती है।

तो आप अपनी दसवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद स्ट्रीम के तौर पर कॉमर्स, नॉन मेडिकल या आर्ट्स में से कुछ भी ले सकते हैं। हालाँकि कॉमर्स लेना सबसे ज्यादा उचित रहता है क्योंकि इसका सीधा जुड़ाव फाइनेंस से ही होता है। इसमें आप शुरू से ही अपनी नींव इस क्षेत्र में रख पाएंगे। आइये जाने फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए आप मुख्य तौर पर किन क्षेत्रों से ग्रेजुएशन कर सकते हैं।

फाइनेंशियल एडवाइजर के लिए ग्रेजुएशन

आपको यदि फाइनेंशियल एडवाइजर बनना है तो आप अपनी ग्रेजुएशन तो किसी भी क्षेत्र में कर सकते हैं लेकिन उसमें जो मुख्य डिग्री है, उनके नाम इस प्रकार हैं:

  • बीकॉम
  • बीएससी इन फाइनेंस
  • बीटेक
  • बीए इन फाइनेंस
  • बीबीए

तो यह 5 डिग्री ऐसी है जो फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए की जा सकती है। हालाँकि इसमें बीटेक एक ऐसी है जिसका जुड़ाव फाइनेंस से नहीं होता है लेकिन बाकि सभी को फाइनेंस में किया जा सकता है। बीकॉम और बीबीए तो सीधे तौर पर फाइनेंस से जुड़ी हुई होती है जबकि बीए और बीएससी को फाइनेंस में किया जा सकता है।

फाइनेंशियल एडवाइजर के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन

अब यदि हम ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन की बात करें तो उसे आपको फाइनेंस में ही करना होगा। ग्रेजुएशन की तरह आप अपनी मास्टर्स किसी भी क्षेत्र में नहीं कर सकते हैं क्योंकि इसी के आधार पर ही आपको फाइनेंशियल एडवाइजर के तौर पर नौकरी मिलेगी। मुख्य तौर पर इसमें MBA इन फाइनेंस की जाती है लेकिन कुछ अन्य मास्टर्स डिग्री भी हैं, जिसमें आप पढ़ सकते हैं।

  • MBA इन फाइनेंस
  • एमए इन फाइनेंस
  • एमएससी इन फाइनेंस
  • एमकॉम

मुख्य तौर पर तो यही 4 डिग्री हैं जो मास्टर्स के लिए की जा सकती है। इनके अलावा यदि आप किसी अन्य जगह से कोर्स करते हैं तो वह आपके लिए प्लस पॉइंट ही माना जाएगा लेकिन आपको इनमे से किसी एक विषय में तो डिग्री लेनी ही होगी। उसके बाद ही आपको फाइनेंशियल एडवाइजर के तौर पर काम मिल सकता है।

फाइनेंशियल एडवाइजर की सैलरी (Financial advisor starting salary in Hindi)

अब बात करते हैं फाइनेंशियल एडवाइजर को होने वाली कमाई के बारे में अर्थात उसकी सैलरी के बारे में। तो यह तो पूर्ण रूप से उस फाइनेंशियल एडवाइजर के काम पर निर्भर करता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि उस फाइनेंशियल एडवाइजर के द्वारा किस तरह का काम किया जा रहा है, उसका अनुभव कितना हो गया है, उसके क्लाइंट्स कैसे हैं और वह उनका कितना तक का लाभ करके देता है, इसी पर ही उसकी कमाई निर्भर करती है।

कोई कोई फाइनेंशियल एडवाइजर एक दिन का ही 10 हज़ार कमा लेते हैं तो कोई कोई महीने का भी इतना नहीं कमा पाते हैं। हालाँकि यदि किसी फाइनेंशियल एडवाइजर को पहली बार नौकरी पर रखा जाता है तो उसका वेतन सामान्य तौर पर 30 से 50 हज़ार रुपये के बीच में होता है। सामान्य तौर पर एक अनुभवी फाइनेंशियल एडवाइजर महीने का एक लाभ रुपये के आसपास कमा लेता है।

फाइनेंशियल एडवाइजर का करियर स्कोप (Career as financial advisor in Hindi)

अब हम बात करते हैं फाइनेंशियल एडवाइजर के स्कोप के बारे में। आपको यदि फाइनेंशियल एडवाइजर बनना है तो अवश्य ही आपको इसके भविष्य के स्कोप के बारे में भी जानना होगा। यदि आपको आगे चलकर इसमें कोई अच्छा अवसर ही नहीं मिलेगा तो फिर इतनी मेहनत करने का क्या ही लाभ होगा। तो यहाँ हम आपको बता दें कि आगे तो क्या बल्कि अभी से ही बाजार में फाइनेंशियल एडवाइजर की बहुत ज्यादा माँग है। दरअसल इसका सबसे प्रमुख कारण लोगों की बचत और बढ़ती हुई आय (Financial advisor career scope in Hindi) है।

हर कोई अपने बचे हुए पैसों का सही रूप में निवेश करने का इच्छुक है और उसके लिए वह फाइनेंशियल एडवाइजर से ही परामर्श लेना पसंद करता है। अब किसी का बड़ा लाभ हो रहा है और उसके लिए उसे फाइनेंशियल एडवाइजर को कुछ पैसा देना भी पड़ रहा है तो यह किसी को परेशान नहीं करेगा। ऐसे में आगे चल कर तो फाइनेंशियल एडवाइजर की भूमिका और भी बढ़ने वाली है क्योंकि लगभग हर व्यक्ति को अपना वित्त प्रबंधन करने के लिए फाइनेंशियल एडवाइजर की जरुरत पड़ेगी ही पड़ेगी।

फाइनेंशियल एडवाइजर कैसे बने – Related FAQs

प्रश्न: फाइनेंसियल एडवाइजर बनने के लिए कौन सा कोर्स करना चाहिए?

उत्तर: फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए आप बीकॉम, बीएससी इन फाइनेंस, बीटेक, बीए इन फाइनेंस, बीबीए इत्यादि डिग्री कर सकते हैं और मास्टर्स के लिए आप MBA इन फाइनेंस, एमए इन फाइनेंस, एमएससी इन फाइनेंस, एमकॉम कर सकते हो।

प्रश्न: वित्तीय सलाहकार के लिए कौन सी डिग्री सबसे अच्छी है?

उत्तर: वित्तीय सलाहकार बनने के लिए आप बीकॉम और बीबीए कर सकते हो।

प्रश्न: वित्तीय सलाहकार कौन बन सकता है?

उत्तर: वित्तीय सलाहकार बनने के लिए योग्यता हमने ऊपर के लेख में विस्तार से दी है जो आप पढ़ सकते हो।

प्रश्न: फाइनेंशियल एडवाइजर को हिंदी में क्या कहते हैं?

उत्तर: फाइनेंशियल एडवाइजर को हिंदी में वित्तीय सलाहकार कहा जाता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए होती है कौन सा कोर्स करना पड़ता फाइनेंशियल एडवाइजर के क्या कार्य होते हैं इत्यादि। आशा है कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। ऐसा है तो नीचे कॉमेंट करके हमें अवश्य बताइएगा।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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