Financial year in Hindi : हम हमेशा समय के अनुसार चलते हैं। अब एक दिन में 24 घंटे होते हैं तो वहीं 7 दिनों को मिलाकर एक सप्ताह बनता है। इसी तरह 30 या 31 दिनों को मिलाकर एक महीना बनता है तो वहीं बारह महीनों को मिलाकर एक वर्ष की अवधि तय होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष की शुरुआत 1 जनवरी से होती है तो वहीं इसकी समाप्ति 31 दिसंबर से हो जाती है। अब क्या आपने कभी सोचा है कि यह वित्तीय वर्ष क्या होता (Vittiya varsh ka matlab) है?
बहुत जनों ने या लगभग सभी ने वित्तीय वर्ष के बारे में सुन रखा होगा या न्यूज़ इत्यादि में इसके बारे में देख रखा होगा। हालाँकि आज भी अधिकांश लोग वित्तीय वर्ष को सही से नहीं समझते हैं या इसकी बात करते समय झंझट की स्थिति में पड़ जाते हैं। सबसे ज्यादा समस्या तब होती है जब हमें अपना आय कर भरना होता है और इसके लिए ITR को फाइल करना होता (Vittiya varsh kya hota hai) है।
ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ इसी वित्तीय वर्ष के बारे में ही बात करने वाले हैं। इसे पढ़कर आपको वित्तीय वर्ष को अच्छे से समझने में सहायता होगी। आपको यह लेख अंत तक और बहुत ही ध्यान से पढ़ना होगा क्योंकि बहुत से लोग वित्तीय वर्ष और मूल्यांकन वर्ष में अंतर नहीं कर पाते हैं। इसलिए हम आपको दोनों के बारे में ही इस लेख के माध्यम से (Vittiya varsh kya hai) बतायेंगे।
वित्तीय वर्ष क्या है? (Financial year in Hindi)
जब भी हम वर्ष की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में एक ही बात आती है कि वर्ष उसे कहते हैं जिसमें 12 महीने होते हैं या फिर 365 दिनों को मिलाकर एक वर्ष बनता है। वहीं यदि वह लीप वर्ष है तो उसमें 365 की बजाये 366 दिन होते हैं। हालाँकि यही बात वित्तीय वर्ष के साथ भी लागू होती है क्योंकि अन्य वर्ष की तरह ही वित्तीय वर्ष में भी 12 महीने या 365 दिन ही होते हैं। किन्तु इसकी गणना 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच नहीं की जाती (Vittiya varsh kise kahate hain) है।
दरअसल एक वित्तीय वर्ष उसे कहते हैं जिसमें पूरे देश सहित हर व्यक्ति के द्वारा जो भी कमाई की जा रही है, खर्चा किया जा रहा है, अर्थात वित्त या धन से संबंधित कोई भी कार्य किया जा रहा है, उसका पूरा हिसाब किताब किया जाता है। हमारे देश में या फिर यूँ कहें कि पूरी दुनिया के देशों में ही वहां की सरकारें, अपने बजट व देश के सभी नागरिकों की आय और व्यय का एक वर्ष का हिसाब उनसे मांगती है। इसी के अनुसार ही उन पर तरह तरह का कर लगाया जाता है जिसमें से आयकर प्रमुख होता (Financial year kya hota hai) है।
तो एक वित्तीय वर्ष के दौरान देश के सभी नागरिकों के द्वारा उस वर्ष के दौरान की गयी आमदनी, फिर चाहे वह किसी भी तरह से की गयी हो, उसका ब्यौरा देना होता है। इतना ही नहीं, यदि उसने कहीं खर्चा किया है, कहीं निवेश किया है अर्थात धन से जुड़ा कुछ भी काम किया है, तो उसका संपूर्ण विवरण सरकार को उपलब्ध करवाना होता है। हालाँकि यदि वह आयकर में नहीं आता है अर्थात उसकी आय भारत सरकार के द्वारा कर योग्य नहीं है तो भी वह अपने लिए यह सब हिसाब किताब रखता (Financial year in Hindi) है।
यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि वित्तीय वर्ष के दौरान हर व्यक्ति अपने लिए और अपने परिवार के लिए एक बजट या प्लानिंग लेकर चलता है और सभी योजनाओं का निर्माण भी उसी तरह से करता है। जिस प्रकार हम अपने एक दिन की दिनचर्या को बनाने का काम करते हैं ठीक उसी तरह वित्तीय वर्ष में हम एक वर्ष के लिए अपने वित्त का प्रबंधन करने का काम करते (Financial year kya hai in Hindi) हैं।
वित्तीय वर्ष की परिभाषा (Financial year definition in Hindi)
अब यदि हम सीधे और स्पष्ट शब्दों में वित्तीय वर्ष की परिभाषा को आपके सामने रखें तो एक ऐसा वर्ष जब व्यक्ति विशेष, समूह, कंपनी, उद्योग, संस्था, सरकार, बैंक इत्यादि किसी के भी द्वारा अगले एक वर्ष के लिए अपने वित्त का प्रबंधन करने का कार्य किया जाता है, उसे ही वित्तीय वर्ष कहा जाता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि व्यक्ति के द्वारा अगले 12 महीनो के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार की जाती है या फिर पिछले 12 महीनो की रिपोर्ट के आधार पर आगे की योजना का निर्माण किया जाता (Vittiya varsh ki paribhasha) है।
अब जब कोई वित्तीय वर्ष समाप्त होता है तो स्वभाविक सी बात है कि नया वित्तीय वर्ष शुरू हो रहा होता है। ऐसे में उस नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले उस व्यक्ति को पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान की गयी आय और व्यय का हिसाब देखना होता है। साथ ही यदि वह आय कर में आता है अर्थात पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान उसने जो भी आय और व्यय किया और उसके बाद बचा हुआ पैसा आय कर में आता है तो वह भारत सरकार को आयकर भी चुकाने का काम करता है।
वित्तीय वर्ष का अर्थ क्या है? (Vittiya varsh ka arth)
अब यदि आप यह सोच रहे हैं कि वित्तीय वर्ष को अंग्रेजी में क्या कहते हैं या फिर इसका अर्थ क्या है, तो वह भी हम आपको बता देते हैं। तो वित्त का अर्थ धन से होता है और इसे अंग्रेजी में फाइनेंस या फाइनेंशियल कहा जाता है। वहीं वर्ष को हम सामान्य हिंदी में साल और अंग्रेजी में इयर कहते हैं। इस तरह से वित्तीय वर्ष को अंग्रेजी में फाइनेंशियल इयर कहा जाता (Vittiya varsh meaning in Hindi) है।
अब जब कभी भी आप कहीं पर भी वित्तीय वर्ष के बारे में समाचार पढ़ेंगे या बात करेंगे तो वहां आपको सामान्य तौर पर या तो वित्तीय वर्ष लिखा हुआ दिखाई देगा या फिर उसकी जगह फाइनेंशियल इयर लिखा हुआ होगा। यह दोनों ही एक समान है और दोनों का भावार्थ एक जैसा ही होता (Financial year meaning in Hindi) है।
वित्तीय वर्ष कब से कब तक होता है? (Financial year kab se kab tak)
अब आप सामान्य वर्ष की बात करें तो वह 1 जनवरी से शरू होकर 31 दिसंबर तक होता है किन्तु वित्तीय वर्ष के साथ ऐसा नहीं है। इसकी अवधि जनवरी से शुरू ना होकर अप्रैल से शुरू होती है और मार्च में खत्म होती है। इस तरह से यदि हम एक वित्तीय वर्ष को देखें तो उसकी शुरुआत 1 अप्रैल से होगी और समाप्ति 31 मार्च को (Vittiya varsh kab hota hai) होगी।
इसे आप उदाहरण से समझ लेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। जब कभी भी आप कहीं भी वित्तीय वर्ष को लिखा हुआ देखेंगे तो वहां दो वर्षों को मिलाकर लिखा होगा। उदाहरण के तौर पर वित्तीय वर्ष 20-21 या वित्तीय वर्ष 21-22 ऐसे। अब इसमें हम वित्तीय वर्ष 20-21 को लेंगे तो इसकी अवधि 1 अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक की मानी जाएगी। वहीं यदि हम वित्तीय वर्ष 21-22 का उदाहरण लेंगे तो उसकी अवधि 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक की होगी। आशा है कि अब आपको वित्तीय वर्ष की अवधि अच्छे से समझ में आ गयी (Financial year kab start hota hai) होगी।
मूल्यांकन वर्ष क्या है? (Mulyankana varsh kya hai)
अब बहुत जगह या बहुत बार आपने मूल्यांकन वर्ष के बारे में भी सुन रखा होगा। जब कभी आप ITR फाइल करते हैं या अपना आय कर चुकाते हैं तो वहां वित्तीय वर्ष के साथ साथ मूल्यांकन वर्ष के बारे में भी लिखा हुआ होता है। ऐसे में यह मूल्यांकन वर्ष से हमारा क्या तात्पर्य है और इसका क्या अर्थ होता है, इसके बारे में भी तो जानना जरुरी हो जाता है। तो यह भी वित्तीय वर्ष के बराबर ही 12 महीने का ही होता है लेकिन इसकी अवधि एक वर्ष बाद की होती है क्योंकि यह वित्तीय वर्ष का आंकलन करने का काम करता है।
इसी कारण इस वर्ष का नाम मूल्यांकन वर्ष पड़ा या फिर इसे आंकलन वर्ष भी कह देते हैं। वहीं कई जगह इसे निर्धारण वर्ष भी कहा जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष का आंकलन करने के लिए यह वर्ष बनाया गया है जिसमें हमें भारत सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान की गयी आय और व्यय का ब्यौरा देना होता है। उसके बाद ही यह काम आगे बढ़ता है और लोगों के द्वारा आगे की प्लानिंग की जाती है।
वित्तीय वर्ष और मूल्यांकन वर्ष में अंतर (Vittiya varsh or mulyankana varsh in Hindi)
अभी तक आपने वित्तीय वर्ष और मूल्यांकन वर्ष के बारे में बहुत कुछ जान लिया है लेकिन अब आपको इन दोनों के बीच के अंतर को भी समझ लेना चाहिए ताकि आगे चलकर आपके सामने ये दोनों वर्ष आएं तो आप उन्हें लेकर शंका में ना रहें। तो जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि मूल्यांकन वर्ष की जो अवधि होती है, वह वित्तीय वर्ष के बाद की कही जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप वित्तीय वर्ष 20-21 की बात कर रहे हैं तो उसके लिए मूल्यांकन वर्ष 21-22 लिखा जाएगा।
वहीं यदि आप वित्तीय वर्ष 23-24 की बात कर रहे हैं तो उसके लिए मूल्यांकन वर्ष 24-25 लिखा जाएगा। अब यह भी जान लेते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है। अब आप एक वित्तीय वर्ष के अंदर भारत सरकार को जो भी हिसाब किताब देते हैं, वह पुराने वित्तीय वर्ष का ही देते होंगे। आप भारत सरकार को आने वाले वित्तीय वर्ष के बारे में तो नहीं बता सकते हैं ना कि आपका इतना खर्चा होगा या इतनी आय होगी। ऐसे में यदि आप वर्ष 23-24 में ITR फाइल कर रहे हैं तो स्वाभाविक सी बात है कि आप पिछले वित्तीय वर्ष अर्थात 22-23 की ITR का ब्यौरा दे रहे होंगे और उसके अनुसार जितना भी टैक्स बनता है, उसे चुका रहे होंगे।
तो आपकी ITR फाइल में वित्तीय वर्ष तो 22-23 ही लिखा जाएगा लेकिन मूल्यांकन वर्ष के रूप में वह 23-24 भरा हुआ होगा क्योंकि यह आप उस समय भर रहे होते हैं। इसी कारण ही तो इसका नाम मूल्यांकन वर्ष रखा गया है क्योंकि यह हर बीत रहे वित्तीय वर्ष का आंकलन करने का काम करता है।
वित्तीय वर्ष क्या है – Related FAQs
प्रश्न: वित्तीय वर्ष का मतलब क्या होता है?
उत्तर: एक ऐसा वर्ष जब व्यक्ति विशेष, समूह, कंपनी, उद्योग, संस्था, सरकार, बैंक इत्यादि किसी के भी द्वारा अगले एक वर्ष के लिए अपने वित्त का प्रबंधन करने का कार्य किया जाता है, उसे ही वित्तीय वर्ष कहा जाता है।
प्रश्न: वित्तीय वर्ष कब शुरू होता है?
उत्तर: वित्तीय वर्ष की शुरआत 1 अप्रैल से होती है।
प्रश्न: भारत के वित्तीय वर्ष कौन सा है?
उत्तर: भारत में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।
प्रश्न: वित्तीय वर्ष कितने साल का होता है?
उत्तर: वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने वित्तीय वर्ष क्या है यह जान लिया है। साथ ही हमने आपको इस लेख के माध्यम से वित्तीय वर्ष से संबंधित अन्य जानकारी भी दी है जैसे कि वित्तीय वर्ष कब से कब तक होता है वित्तीय वर्ष का अर्थ क्या है मूल्यांकन वर्ष और वित्तीय वर्ष के बीच क्या अंतर है इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।