फायर बीमा पाॅलिसी क्या है? What Is Fire Insurance Policy In Hindi

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ईश्वर न करे कि किसी के घर अथवा दुकान में आग लगे एवं लोगों को इसकी विभीषिका झेलनी पड़े, लेकिन यदि ऐसा हो जाए तो…? जी हां, इस ‘तो’ का जवाब फायर इंश्योरेंस fire (insurance) है। एक अच्छी फायर इंश्योरेंस यानी अग्नि बीमा पाॅलिसी आपको आग की वजह से होने वाले बड़े वित्तीय जोखिम (financial risk) से बचा सकती है।

यही वजह है कि लोग जिस तरह अपने जीवन को सुरक्षित करने के लिए जीवन बीमा पाॅलिसी लेते हैं, उसी प्रकार अपने घर एवं व्यवसाय को सुरक्षित रखने के लिए अग्नि बीमा पाॅलिसी लेते हैं।

इस पोस्ट में हम आपको फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी की परिभाषा, फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी के प्रकार, एक अच्छी पाॅलिसी लेते हुए किन बातों पर विचार करें, क्लेम (claim) के लिए आवश्यक दस्तावेज (documents) एवं क्लेम कैसे लें, इन बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी देंगे-

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फायर बीमा पाॅलिसी क्या है? (what is fire insurance policy)

सबसे पहले यह जानते हैं कि फायर बीमा पाॅलिसी क्या है? यदि परिभाषा की बात करें तो वह इस प्रकार है, ‘बीमा पाॅलिसी मूल रूप से एक ऐसा कांट्रैक्ट (contract) अथवा समझौता है, जिसके अंतर्गत कोई व्यक्ति बीमा कंपनी को एक निश्चित राशि, जिसे प्रीमियम (premium) कहते हैं, का भुगतान (payment) करता है।

फायर बीमा पालिसी क्या है? What Is Fire Insurance Policy In Hindi

इसके बदले में बीमा कंपनी (insurance company) आग के कारण नुकसान अथवा संपत्ति नष्ट होने पर व्यक्ति को मुआवजे के रूप में धनराशि का भुगतान करती है’। सामान्य शब्दों में कहें तो फायर बीमा पाॅलिसी अग्नि बीमाधारक के घर, फर्नीचर, औ़द्योगिक इमारत आदि को आग से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है।

फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी कौन ले सकता है?

कोई भी ऐसा व्यक्ति, जो प्राॅपर्टी का स्वामी है अथवा उसने कोई प्राॅपर्टी किराए पर ली है, वह फायर इंश्योरेंस खरीद सकता है। आप यह भी जान लीजिए कि फायर इंश्योरेंस प्राॅपर्टी इंश्योरेंस (property insurance) का ही एक हिस्सा है।

फायर बीमा पाॅलिसी के लाभ –

फायर बीमा पाॅलिसी के अनेक लाभ हैं, जिनका विवरण इस प्रकार से है-

  • 1. यह सबसे बड़ा लाभ है कि फायर बीमा यानी फायर इंश्योरेंस के जरिये आग से होने वाले नुकसान से व्यक्ति को सुरक्षा मिलती है। जैसे-इंडस्ट्री में आग की वजह से मशीनों के टूटने एवं किसी अन्य प्रकार के नुकसान के लिए मेंटेनेंस सुविधा प्राप्त होती है।
  • 2. इस पाॅलिसी के अंतर्गत आग से घर का सामान खराब होने की स्थिति में कवरेज (coverage) मिलता है। मसलन-फर्नीचर, कपडे, कारपेट, प्लाईवुड आदि के खराब होने पर कवर मिलता है।
  • 3. फायर बीमा पाॅलिसी के अंतर्गत टीवी, कंप्यूटर, एसी जैसी इलेक्ट्रानिक वस्तुओं की रिपेयरिंग का कवरेज भी शामिल किया गया है।
  • 4. यदि किसी कंपनी के अंदर आग की वजह से कर्मचारी घायल हो गए हैं तो उनके मेडिकल (medical) का खर्च भी इस इंश्योरेंस के तहत कवर होता है।

फायर बीमा पाॅलिसी के तहत कौन कौन से कवर मिलते हैं?

आग से होने वाले नुकसान के साथ ही फायर बीमा पाॅलिसी के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाओं (natural disaster) की वजह से होने वाले नुकसान को भी कवर किया जाता है। सामान्य रूप से फायर बीमा पाॅलिसी के तहत निम्नलिखित कवर मिलते हैं-

  • 1. आग से होने वाला किसी भी प्रकार का नुकसान। जैसे धूम्रपान (smoking) अथवा गर्मी के कारण हुआ नुकसान आदि।
  • 2. पानी के कारण क्षतिग्रस्त हुई वस्तुएं, जो आग बुझाने के काम आती हैं।
  • 3. आग लगने की घटना के दौरान कैंपस अथवा घर से सामान बाहर फेंकने से होने वाला नुकसान।
  • 4. आग बुझाने के लिए लगाए व्यक्तियों को मजदूरी का भुगतान।
  • 5. विस्फोट के चलते होने वाला नुकसान। संबंधित खर्च के लिए बीमित व्यक्ति को कवरेज।
  • 6. बिजली के कारण होने वाला नुकसान।
  • 7. विमान अथवा विमान के उपकरणों को आग से होने वाले नुकसान।
  • 8. हड़ताल (strike) अथवा दंगे अथवा आतंकी गतिविधियों की वजह से लगी आग से संपत्ति को होने वाला नुकसान।
  • 9. आंधी, बाढ़ चक्रवात, आदि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाला नुकसान।
  • 10. भूस्खलन अथवा चट्टान खिसकने से होने वाला नुकसान।

फायर बीमा पाॅलिसी के अंतर्गत क्या कवर नहीं किया जाता है?

अब आप जानेंगे कि किस तरह की घटनाओं को फायर बीमा पॉलिसी के अंतर्गत कवर नहीं किया गया है-

  • 1. भूकंप के कारण आग से होने वाला नुकसान।
  • 2. जंग, आक्रमण एवं विद्रोह के चलते होने वाला नुकसान।
  • 3. हीट (heat) अथवा स्पांटेनियस बर्निंग (spontaneous burning) के चलते होने वाला नुकसान।
  • 4. भूमिगत आग एवं उससे होने वाला नुकसान।
  • 5. किसी पब्लिक अथाॅरिटी (public authority) के आदेश से संपत्ति को आग लगने से होने वाला नुकसान।
  • 6. आग के दौरान अथवा उसके बाद चोरी की वजह से हुआ नुकसान।
  • 7. परमाणु खतरों की वजह से होने वाले नुकसान।
  • 8. प्रदूषण की वजह से होने वाले नुकसान।
  • 9. व्यक्ति द्वारा जानबूझकर किया गया नुकसान।

भारत में किस प्रकार की प्रापर्टी का फायर इंश्योरेंस होता है?

भारत में सभी प्रकार के मूवेबल (movable) अर्थात चल एवं परमानेंट (permanent) अर्थात स्थाई प्रापर्टी का फायर इंश्योरेंस किया जाता है। जैसे अस्पताल, क्लीनिक, शाॅपिंग माॅल, दुकानें, औद्योगिक इमारतें, पूजा स्थल, घर इत्यादि। पाॅलिसी का संचालन टीएसी यानी टेरिफ एडवायजरी कमेटी (tarrif advisory committee) करती है।

फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी कितने प्रकार की होती है-

आवश्यकता के आधार पर फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी के निम्न प्रकार निर्धारित किए गए हैं-

1. अचल संपत्ति के लिए-

सबसे पहले बात अचल संपत्ति यानी जमीन, इमारत आदि की। इनके लिए निम्न पाॅलिसी हैं-

a) रिप्लेसमेंट वैल्यू पाॅलिसी-

जैसा कि नाम से स्पष्ट है, इस पाॅलिसी के तहत किसी भी प्रकार के जोखिम से होने वाले नुकसान की स्थिति में रिप्लेसमेंट को तरजीह दी जाती है। इसके अंतर्गत इंश्योरेंस कंपनी नुकसान हुई संपत्ति की रिप्लेसमेंट वैल्यू (replacement value) यानी प्रतिस्थापन मूल्य का भुगतान करती है।

यहां आप यह समझ लीजिए कि प्रापर्टी के नुकसान की गणना प्रापर्टी की उम्र के आधार पर उसकी मार्केट वैल्यू (market value) से डेप्रिसिएशन वैल्यू (depreciation value) को निकालकर की जाती है।

b) रीइंस्टेटमेंट वैल्यू (reinstatement value) यानी बहाली मूल्य पाॅलिसी-

अब आपको बता दें कि यह पाॅलिसी रिप्लेसमेंट वैल्यू पाॅलिसी का अतिरिक्त क्लाॅज (clause) है। इसके मुताबिक बीमा कंपनी नुकसान हुई संपत्ति को नुकसान से पहले की स्थिति में लाने की कवायद करती है। इस क्लास के अंतर्गत बिल्डिंग यानी इमारत को छोड़कर दूसरी प्राॅपर्टी को कवर नहीं किया जाता।

2. चल संपत्ति, सामान एवं अन्य stock के लिए-

a) फ्लोटर पाॅलिसी (floater policy)-

विभिन्न स्थानों पर स्थित प्राॅपर्टी के लिए यह पाॅलिसी बेहतर है। ऐसी सारी संपत्तियों के लिए एक ही पाॅलिसी तजवीज की जा सकती है।

b) डिक्लेरेशन पाॅलिसी (declaration policy)-

ऐसी सभी संपत्तियों, जिनकी वैल्यू साल भर बदलती रहती है, जैसे बिजनेस में stock, ऐसी संपत्तियों के लिए डिक्लेरेशन पाॅलिसी बेहतर रहती है।

c) फ्लोटर-डिक्लेरेशन पाॅलिसी-

विभिन्न स्थानों पर स्थित संपत्तियों, जिनकी वैल्यू में साल भर उतार-चढ़ाव होता है, उन्हें इस पालिसी के तहत कवर किया जाता है।

d) स्पेसिफिक पाॅलिसी (specific policy)-

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह पाॅलिसी किसी संपत्ति को हुए नुकसान को बस एक स्पेसिफिक राशि (specific amount) तक ही कवर करती है। इसे सम इंश्योर्ड (sum insured) कहा जाता है। आप जान लीजिए कि यह प्राॅपर्टी के असल मूल्य से कम ही होता है।

e) कंप्रिहेंसिव पाॅलिसी (comprehensive policy)-

comprehensive का अर्थ है ‘व्यापक’। यहां भी नाम से ही स्पष्ट है। इस पाॅलिसी के अंतर्गत अधिकतम प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है।

f) वैल्यूड पाॅलिसी (valued policy)-

आपको इस पाॅलिसी की खासियत बता दें। इसके तहत बीमा धन यानी सम इंश्योर्ड तय नहीं किया जाता। नुकसान होने की स्थिति में क्लेम राशि का आंकलन प्राॅपर्टी की मार्केट वैल्यू के आधार पर किया जाता है।

g) एवरेज पाॅलिसी (avarage policy)

आपको जानकारी दे दें कि यह पाॅलिसी एवरेज क्लोज के सिद्धांत पर काम करती है। नुकसान की स्थिति में क्लेम की पूरी राशि नहीं मिलती। एक एवरेज यानी औसत क्लेम राशि (average claim money) प्रदान की जाती है। इसकी गणना अर्थात कैलकुलेशन (calculation) इस प्रकार की जाती है-

Claim= (insured amount/value of property)×loss।

मान लीजिए प्रापर्टी की वैल्यू 20 हजार रुपये है। इंश्योर्ड अमाउंट 10 हजार रूपये है। एवं प्रापर्टी का वास्तविक लाॅस (real loss) 15 हजार है तो क्लेम होगा-(10000/20000×15000) = 7500 रुपए।

h) कन्सीक्वेंशियल लाॅस पालिसी (consequential loss policy)

इस पाॅलिसी के अंतर्गत किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की वजह से होने वाले बिजनेस लाभ (business profit) के नुकसान को कवर किया जाता है। लाभ के नुकसान की गणना बिक्री (sales) के नुकसान के आधार पर की जाती है।

फायर बीमा क्लेम (fire insurance claim) के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी-

आपको फायर बीमा क्लेम लेने के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी-

  • 1. पूरी तरह सही सही भरा हुआ, हस्ताक्षरित क्लेम फाॅर्म।
  • 2. घटना से संबंधित पुलिस एफआईआर
  • 3. फायर ब्रिगेड की रिपोर्ट।
  • 4. पाॅलिसी बांड।
  • 5. घटना से संबंधित अखबार की कटिंग, यदि कोई हो।
  • 6. पिछले क्लेम की रिपोर्ट, यदि कोई हो।
  • 7. फाॅरेंसिक रिपोर्ट, यदि कोई हो तो।
  • 8. फाइनल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट।

क्लेम का सेटलमेंट कैसे किया जाएगा

फायर बीमा क्लेम का सेटलमेंट इस प्रकार किया जाएगा-

  • -आवेदनकर्ता को समस्त दस्तावेज जुटाने होंगे।
  • -इन सब दस्तावेजों को संलग्न करके क्लेम फाॅर्म भरना होगा।
  • -इसके बाद क्लेम रजिस्टर कराना होगा।
  • -एक बार क्लेम रजिस्टर हो जाने के बाद इंश्योरेंस कंपनी क्लेम का सर्वे कराएगी।
  • -सर्वेयर नुकसान से संबंधित अपनी सर्वे रिपोर्ट अटैच करेगा।
  • -रिपोर्ट के आंकलन के आधार पर क्लेम का सेटलमेंट कर दिया जाता है।

अच्छी फायर बीमा पाॅलिसी लेते हुए किन बातों का ध्यान रखें-

अपनी आवश्यकता के अनुसार एक अच्छी फायर बीमा पॉलिसी लेने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा-

1. जैसा रिस्क, वैसी पाॅलिसी-

सबसे पहले यह समझें कि पाॅलिसी के तहत आप किस प्रकार का रिस्क कवर करना चाह रहे हैं। मसलन यदि आप कई स्थानों पर संपत्ति का बीमा कराना चाह रहें तो फ्लोटर पाॅलिसी चुन सकते हैं।

लेकिन यदि आपको अपनी संपत्ति की सही वैल्यू नहीं पता तो आप वैल्यूड पाॅलिसी का रूख कर सकते हैं। यानी जैसा रिस्क वैसी पाॅलिसी के सिद्धांत का पालन करें।

2. संपत्ति की प्रकृति का ध्यान रहे-

फायर बीमा पाॅलिसी का चुनाव करते वक्त संपत्ति की प्रकृति का ध्यान अवश्य रखें। मसलन अचल संपत्ति के लिए जैसा कि हम पहले बता चुके हैं आप रिप्लेसमेंट वैल्यू अथवा रीइंस्टेटमेंट वैल्यू पाॅलिसी का चुनाव कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त मूवेबल यानी चल संपत्ति के लिए आप अन्य पाॅलिसी चुन सकते हैं।

3. कवरेज अवधि-

आपको फायर बीमा पाॅलिसी लेते वक्त कवरेज ड़यूरेशन (coverage duration) को भी ध्यान में रखना जरूरी है। यह तो आप समझ ही गए होंगे यह वह अवधि है, जिसके लिए आपको इंश्योरेंस कवर लेना है।

कुछ फायर बीमा पाॅलिसी देने वाली कंपनियों के नाम

फायर बीमा पॉलिसी देने वाली कुछ कंपनियों के नाम इस प्रकार से हैं-

  • -बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस
  • -भारती एक्सा जनरल इंश्योरेंस
  • -एचडीएफसी इर्गो जनरल इंश्योरेंस
  • -आईसीआईसीआई लम्बार्ड
  • -एलएंडटी जनरल इंश्योरेंस
  • -रिलायंस जनरल इंश्योरेंस
  • -इफको टोकियो
  • -चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस

फायर बीमा क्लेम संबंधी महत्वपूर्ण बिंदु

यह तो हमने आपको बता दिया कि फायर बीमा पाॅलिसी आपको आग से होने वाले नुकसानों के विरूद्ध सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन ‘आग’ के बारे में यह सबसे महत्वपूर्ण बात समझिए –

  • आग आकस्मिक होनी चाहिए।
  • अग्नि अथवा प्रज्वलन नहीं होना चाहिए।
  • नुकसान का अनुमानित कारण आग होना चाहिए।

फायर बीमा पॉलिसी से जुड़े कुछ प्रश्न एवं उनके जवाब-

फायर बीमा पॉलिसी से जुड़े कुछ सवाल जवाब नीचे दिए जा रहें हैं जिनके बारे में आपको पता होना आवश्यक है –

फायर बीमा पाॅलिसी से क्या लाभ है?

यह पाॅलिसी हमें आग से होने वाले नुकसानों के विरूद्ध सुरक्षा प्रदान करती है।

फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी लेने के लिए क्या पात्रता है?

कोई भी ऐसा व्यक्ति, जो प्राॅपर्टी का स्वामी है अथवा उसने कोई प्राॅपर्टी किराए पर ली है, वह फायर इंश्योरेंस खरीद सकता है।

क्या फायर इंश्योरेंस प्राॅपर्टी इंश्योरेंस का ही एक हिस्सा है?

जी हां, फायर इंश्योरेंस भी प्राॅपर्टी इंश्योरेंस का ही एक हिस्सा है। यह संपत्ति को आग से होने वाले नुकसानों के विरूद्ध सुरक्षा प्रदान करता है।

फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी लेते हुए किन बातों का ध्यान रखें?

यह पाॅलिसी लेते हुए अपने रिस्क, कवरेज ड़यूरेशन एवं संपत्ति की प्रकृति को ध्यान में रखें। 7 सैमसंग

क्या भूकंप की वजह से लगी आग से होने वाले नुकसान को भी इसमें कवर किया गया है?

जी नहीं, भूकंप की वजह से लगने वाली आग से हुए नुकसान को इसमें कवर नहीं किया गया है।

क्या एक ही फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी सभी प्रकार की संपत्तियों के लिए बेहतर है?

जी नहीं, संपत्ति की प्रकृति के आधार पर बीमा कंपनियां अलग अलग तरह की फायर इंश्योरेंस पाॅलिसी निकालती हैं। आप अपनी जरूरत के मुताबिक इनमें से किसी का चुनाव कर सकते हैं।

कुछ मशहूर बीमा कंपनियां कौन कौन सी हैं?

बजाज एलियांज, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, भारती एक्सा आदि कुछ मशहूर बीमा कंपनियां हैं, जिनसे पाॅलिसी खरीदकर आप स्वयं को अग्निकांड से होने वाले नुकसानों से सुरक्षित रख सकते हैं।

हड़ताल, दंगे आदि की वजह से लगने वाली आग को क्या बीमा पाॅलिसी में कवर किया गया है?

जी हां, हड़ताल, दंगे आदि की वजह से लगने वाली आग को इस पाॅलिसी के तहत कवर किया गया है।

आपने इस पोस्ट के माध्यम से फायर बीमा पाॅलिसी के विषय में विस्तार से जाना। आशा है कि इस पोस्ट से आपको अग्नि बीमा पालिसी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। यदि आप चाहते हैं कि इस पाॅलिसी के लाभ सभी लोगों तक पहुंचे तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करना न भूलें। आपका एक छोटा सा प्रयास बहुत लोगों के लिए काम का साबित होगा। आपका धन्यवाद।

एडिटोरियल टीम
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