फार्मूला ई रेस क्या है? फार्मूला ई रेस की शुरुआत कब हुई? भारत में पहली फार्मूला ई रेस कब है?

|| फार्मूला ई रेस क्या है? फार्मूला ई रेस की शुरुआत कब हुई? भारत में पहली फार्मूला ई रेस कब है? What is formula e race?, When did formula e start? When is the first formula e race in india? ||

यदि आपको भी स्पीड (speed) रोमांचित करती है और फार्मूला वन रेसिंग (formula 1 racing) देखने के शौकीन हैं तो निश्चित रूप से फार्मूला ई रेस (formula e race) भी आपको भाएगी। खास बात यह है कि फार्मूला ई रेस के रास्ते अब भारत में भी खुलने जा रहे हैं।

तो दोस्तों, आपकी दिलचस्पी को देखते हुए आज इस पोस्ट में हम आपको फार्मूला ई रेस से जुड़े हर बिंदु के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। जैसे फार्मूला ई रेस क्या है? फार्मूला ई रेस की शुरूआत कब हुई? और सबसे अहम बात भारत में पहली फार्मूला ई रेस कब होगी? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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फार्मूला ई रेस क्या है? (What is formula e race?)

दोस्तों, सबसे पहले जानेंगे कि फार्मूला ई रेस क्या है? (What is formula e race?) दोस्तों यह मूल रूप से फार्मूला वन रेसिंग की ही तरह है, लेकिन फार्मूला ई रेसिंग (formula e racing) में बजाय पेट्रोल कारों (petrol cars) के इलेक्ट्रिक कारों (electric cars) का इस्तेमाल होता है।

आपको यह भी स्पष्ट कर दें दोस्तों कि, यह ई-कारों की सिंगल सीटर मोटरस्पोर्ट चैंपियनशिप (single seater motor sports championship) है। इसकी आधिकारिक रूप से (officially) एबीबी एफआईए फार्मूला वर्ल्ड चैंपियनशिप (ABB FIA formula world championship) होती है।

फार्मूला ई रेस क्या है? फार्मूला ई ई रेस की शुरुआत कब हुई? भारत में पहली फार्मूला ई रेस कब है?

फार्मूला ई रेसिंग कब शुरू हुई? (When did formula e racing start?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि फार्मूला ई रेसिंग की संकल्पना (concept) आज से 11 वर्ष पूर्व सन् 2011 में पेरिस (Paris) में एफआईए (FIA) अध्यक्ष जीन टाड एवं स्पैनिश बिजनेसमैन एलेजेंद्रा एगाग द्वारा की गई थी। वे ही वर्तमान में फार्मूला ई होल्डिंग्स (formula e holdings) के चेयरमैन हैं।

अल्बर्टो लोंगो इसके को फाउंडर (co founder) एवं चीफ चैंपियनशिप आफिसर (chief championship officer) हैं। पहली फार्मूला ई रेसिंग सितंबर, 2014 में चीन (china) के बीजिंग (Beijing) हुई थी। आज से दो साल पहले सन् 2020 में इस सीरीज को वर्ल्ड चैंपियनशिप का दर्जा हासिल हुआ था।

भारत में फार्मूला ई-रेसिंग कब होगी? (When formula e racing will be held in India?)

दोस्तों, इन दिनों हमारे देश भारत में भी फार्मूला ई रेस बहुत चर्चा में है। यह रेस पहली बार भारत में भी होने जा रही है। इसकी आयोजक संस्था एफआईए ने इस रेस का अस्थाई प्रोग्राम (tentative program) जारी किया है। इसके अनुसार 11 फरवरी, 2022 को हैदराबाद (Hyderabad) में फार्मूला ई प्रिक्स (formula e prix) होगी।

एफआईए की ओर से आगामी नौवें सीजन 2022-23 के लिए अस्थाई कैलेंडर जारी किया गया है। यह चैंपियनशिप का राउंड-4 होगा। इस संबंध में कुछ ही समय पूर्व तेलंगाना सरकार (Telangana government) एवं फार्मूला ई के अधिकारियों ने एक आशय पत्र, जिसे अंग्रेजी में लेटर आफ इंटेंट (letter of intent) यानी एलओआई (LOI) पुकारते हैं, पर हस्ताक्षर किए थे।

आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि भारत के अतिरिक्त ब्राजील (Brazil) भी 25 मार्च को पहली बार फार्मूला ई रेस की मेजबानी करेगा। उसे यह मौका साओ पाउलो ई प्रिक्स (Sao Paulo e prix) के सातवें राउंड के लिए मिलेगा।

दोस्तों, यदि भारत की बात करें तो इससे पूर्व नोएडा (Noida) स्थित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (Buddha international Circuit) में अक्तूबर, 2013 को फार्मूला वन इंडियन ग्रां प्री (formula 1 Indian grand prix) का आयोजन किया गया था।

फार्मूला ई चैंपियनशिप का फार्मेट क्या है? (What is the format of formula e championship?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि फार्मूला ई चैंपियनशिप (formula e championship) में वर्तमान में 11 टीमें शिरकत करती हैं। प्रत्येक टीम में दो ड्राइवर होते हैं। रेस 1.9 किलोमीटर से लेकर 3.4 किलोमीटर लंबे स्ट्रीट सर्किट (street circuit) में संपन्न होती है। इसका फार्मेट इस प्रकार से है-

रेस डे (race day) दो प्रैक्टिस सेशन (practice session) के साथ शुरू होता है। इनमें शुरूआती सत्र 45 मिनट का होता है, जबकि दूसरा सत्र आधे घंटे यानी 30 मिनट का। क्वालिफाइंग सेशन (qualifying session) बाद में होता है एवं करीब एक घंटे चलता है। इसके पश्चात ड्राइवरों को चैंपियनशिप में उनकी स्थिति के आधार पर दो ग्रुप्स में रखा जाता है।

विषम संख्या (odd number) वाले ड्राइवर ग्रुप ए (group A) में रखे जाते हैं तथा हम संख्या (even number) वाले ग्रुप बी (group B) में। जैसे किसी ड्राइवर की स्थिति 1 अथवा 3 अथवा 5 है तो उसे ग्रुप ए में रखा जाएगा। अब हर ग्रुप को 220 केवी पर सबसे तेज लैप सेट करने के लिए 10 मिनट का सेशन मिलता है।

इनमें से प्रत्येक ग्रुप की शीर्ष 5 (top 5) जोडी राउंड में आगे बढ़ती है। अब क्वार्टर फाइनल (quarter final) में 250केवी पर मुकाबला होता है। जीतने वाले सेमीफाइनल एवं फिर फाइनल में पहुंचते हैं।

फार्मूला ई रेस में कैसे भाग ले सकते हैं? (How to take part in formula e race?)

साथियों, अब हम आपको उस तरीके की जानकारी देंगे, जिसके जरिए आप फार्मूला ई रेस में शिरकत कर सकते हैं। दोस्तों, जिस प्रकार फार्मूला 1 रेस में शिरकत करने के लिए आपके पास एक सुपर लाइसेंस (super licence) होना चाहिए उसी प्रकार फार्मूला ई रेस में शिरकत करने के लिए आपके पास एक फार्मूला ई-लाइसेंस (formula e licence) होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इन कसौटी पर खतरा उतरता है तो वह चैंपियनशिप में हिस्सा ले सकता है-

  • -फार्मूला ई के बारे में एफआईए का ट्रेनिंग सेशन (training session) पूरा कर लिया हो। इसमें इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ट्रेनिंग (electrical safety training) भी शामिल है। इसके अतिरिक्त चैंपियनशिप के तकनीकी एवं खेल नियमों (technical and game rules) की जानकारी हो।
  • -एफआईए के पिछले तीन सेशन में सुपर लाइसेंस पाने के लिए एफआईए स्कोरिंग प्वाइंट (FIA scoring point) के अंतर्गत आवश्यक 20 प्वाइंट स्कोर (point score) कर लिए हों।
  • -फार्मूला 1 का सुपर लाइसेंस होल्डर इस रेस के लिए आटोमेटिकली क्वालीफाई (automatically qualify) कर लेगा।
  • -इन नियमों के आने से पूर्व तीन ई प्रिक्स (e prix) में हिस्सा ले चुके ड्राइवर भी इस रेस में आटोमेटिकली क्वालीफाई कर जाएंगे।
  • मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि ये नियम वर्ल्ड मोटर स्पोर्ट्स काउंसिल (world motor sports council) की मेक्सिको सिटी (maxico city) में जुलाई, 2015 में हुई बैठक में तय किए गए थे। साथ ही आपको यह भी बता दें कि फार्मूला ई का विजेता आटोमेटिकली एफ 1 सुपर लाइसेंस (F1 super licence) के लिए क्वालीफाई कर लेगा।

फार्मूला ई कार की टाप स्पीड क्या होती है? (What is the top speed of formula e car?)

सबसे नई आल इलेक्ट्रिक फार्मूला ई रेस कार 280 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम स्पीड तक पहुंच जाती है, जबकि फार्मूला 1 रेसिंग कारों की टाप स्पीड 397 किलोमीटर प्रतिघंटा तक जाती है।

अब यदि बात रेट आफ एक्सीलरेशन (rate of acceleration) यानी पिक अप की करें तो फार्मूला ई कार को 0-100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर जाने में 2.8 सेकंड लगते हैं, जबकि फार्मूला वन रेसिंग कार इस स्पीड तक पहुंचने में केवल 2.6 सेकंड लगाती है।

फार्मूला ई कार फार्मूला वन के मुकाबले स्लो क्यों होती हैं? (Why formula e cars are slow in comparison to formula 1?)

फार्मूला ई कारों को 335 हार्सपावर (horse power) कैप के अंडर रखा गया है, जबकि फार्मूला ई कारें 1000 हार्सपावर कैप में रखी गई हैं। इसकी वजह साफ है- इलेक्ट्रिक इंजन (electric engine) पेट्रोल इंजन के जितना पावरफुल नहीं होता, लिहाजा इस गाड़ी की स्पीड फार्मूला वन रेसिंग की तुलना में स्लो होती है।

यदि बात ध्वनि (noise) की करें तो टाप स्पीड इलेक्ट्रिक कार 80 डेसीबल की आवाज करती है, जो एक नार्मल कार 70 एमपीएच की स्पीड पर निकालती है। यहां आपको जानकारी दे दें कि फार्मूला वन कार टाप स्पीड पर 130 डेसीबल और इससे अधिक की आवाज करती है।

एक फार्मूला ई कार कितनी महंगी हो सकती है? (What is the maximum cost of a formula e car)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि लेटेस्ट सीजन (latest season) की रूल बुक (rule book) के अनुसार जेनरेशन-3 फार्मूला ई कारों (generation 3 formula e cars) की फाइनल लागत को 3,57,473 यूएस डालर तक सीमित किया गया है। इसमें चेसिस (chesis), बैटरी (battery) एवं पावर ट्रेन (power terrain) की कीमत शामिल है।

आपको बता दें दोस्तों पिछले कुछ समय से एफआईए द्वारा स्वीकृत यह वर्ल्ड चैंपियनशिप तेजी से बढ़ी है। इसमें दुनिया के प्रमुख इलेक्ट्रिक आटो निर्माताओं मर्सिडीज, निसान, पोर्श भारत की महिंद्रा रेसिंग आदि कई बड़ी कंपनियों की मौजूदगी है।

भारत से अभी तक किस फार्मूला ड्राइवर ने फार्मूला ई रेस में शिरकत की है? (Which Indian driver has participated in formula e race so far?)

मित्रों, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आज तक केवल एक ही फार्मूला ई ड्राइवर ने इस रेस में हिस्सेदारी की है। उनका नाम करुण चंडोक (Karun chandok) है। इसमें शिरकत करने के नियमों के बारे में हम पहले ही आपको ऊपर सारी जानकारी मुहैया करा चुके हैं। आपको यह भी जानकारी दे दें कि अभी तक चैंपियनशिप के नौ सीजन में ई प्रिक्स की मेजबानी करने वाला अकेला देश बर्लिन (Berlin) है।

फार्मूला ई में विभिन्न टीमों की क्या स्टैंडिंग है? (What is the different teams standing in formula e?)

अब हम आपको फार्मूला ई में हिस्सा लेने वाली विभिन्न टीमों की स्टैंडिंग के बारे में जानकारी देंगे। पूरा ब्योरा इस प्रकार से है-

  • टीम (team) प्वाइंट (point)
  • मर्सिडीज ईक्यू फार्मूला ई टीम 186
  • डीएस टेकीटाह 170
  • राकइट वेंचुरी रेसिंग 169
  • जगुआर टीसीएस रेसिंग 139
  • टीएजी टयूअर पोर्शे फार्मूला ई टीम 114
  • एनविजन रेसिंग 97
  • एवलांचे एंड्रेटी फार्मूला ई 38
  • निसान डैम्स 13
  • महिंद्रा रेसिंग 12
  • नियो 333 एफई टीम 07
  • ड्रेगन पेंसके आटोस्पोर्ट 01

फार्मूला ई के इन टर्म्स के बारे में भी जानें (know about these terms of formula e also)-

  • पी (P)–Driver secured Julius Baer Pole Position (+3 प्वाइंट)।
  • एफएल (FL)–Driver earned TAG huar Fastest Lap (+1 प्वाइंट)।
  • डीएफएफ (DFF)–Did not finish the race.
  • डीएनएस (DNS)–Did not start the race.
  • डीएसक्यू (DSQ)–Driver disqualified from the race.
  • ×-Diver excluded from the race.

फार्मूला ई रेस क्या होती है?

फार्मूला वन की तर्ज पर इलेक्ट्रिक कारों से की जाने वाली रेसिंग फार्मूला ई रेस कहलाती है। यह सिंगल सीटर इलेक्ट्रिक मोटर स्पोर्ट्स चैंपियनशिप है।

पहली फार्मूला ई रेस कब हुई?

पहली फार्मूला ई रेस सन् 2014 के सितंबर महीने में हुई।

फार्मूला ई की फिलहाल कितने टीमें हैं?

फार्मूला ई में फिलहाल 11 टीमें हैं।

फार्मूला ई रेस को वर्ल्ड चैंपियनशिप का दर्जा कब मिला?

फार्मूला ई रेस को वर्ल्ड चैंपियनशिप का दर्जा 2020 में मिला।

भारत में फार्मूला ई प्रिक्स कब एवं कहां होगी?

भारत में फार्मूला ई प्रिक्स 11 फरवरी, 2022 को हैदराबाद में होगी।

फार्मूला ई रेस में शिरकत करने वाली भारत के एकमात्र ड्राइवर कौन हैं?

फार्मूला ई रेस में शिरकत करने वाले भारत के एकमात्र ड्राइवर करुण चंडोक हैं।

फार्मूला ई रेस की एक टीम में कितने ड्राइवर होते हैं?

फार्मूला ई रेस की एक टीम में दो ड्राइवर होते हैं।

फार्मूला ई रेस अधिक तीव्र होती हैं अथवा फार्मूला वन कारें?

फार्मूला वन कारें अधिक तीव्र होती हैं, क्योंकि उनके इंजन की हार्सपावर अधिक होती है।

भारत में पहली फार्मूला वन रेस कब हुई थी?

भारत में पहली फार्मूला वन रेस 2013 में नोएडा में हुई थी।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको फार्मूला ई रेस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि आपके परिचय के दायरे में फार्मूला रेस को पसंद करने वाले लोग हैं, तो उनके साथ इस आर्टिकल को शेयर करना न भूलें। यदि इस लेख को लेकर आपका कोई सवाल है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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