|| गेट एग्जाम क्या होता है? | GATE exam details in Hindi | गेट की फुल फॉर्म क्या है? | GATE full form in Hindi | गेट का एग्जाम देने के लिए पात्रता | GATE exam eligibility in Hindi | गेट एग्जाम देने के बाद क्या करे? ||
GATE exam details in Hindi :- इंजीनियरिंग या साइंस के क्षेत्र में गेट का एग्जाम बहुत ही मायने रखता है क्योंकि इसके बलबूते पर ही इसमें मास्टर्स डिग्री की जाती है फिर नौकरी ली जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि गेट का एग्जाम दोनों में ही मुख्य भूमिका निभाता (GATE exam kya hota h) है फिर चाहे मास्टर्स डिग्री में प्रवेश लेना हो या फिर नौकरी लगनी हो। शायद यह इस तरह का एकमात्र एग्जाम होगा जो दोनों में ही अपनी भूमिका निभाता है।
इसलिए जो छात्र इंजीनियरिंग कर लेते हैं उनके लिए गेट एग्जाम देना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसे में लगभग सभी छात्रों को गेट के एग्जाम के बारे में सब जानकारी पहले ही ले लेनी चाहिए, जैसे कि इसे कौन कौन दे सकता (GATE exam kya hota hai in Hindi) है, इसके लिए किस तरह से तैयारी करनी होती है और इसमें कितने प्रतिशत अंक आने चाहिए ताकि आगे अच्छी नौकरी या कॉलेज मिल सके।
तो आज के इस लेख में आपको गेट एग्जाम के बारे में शुरू से लेकर अंत तक हर एक जानकारी मिलने वाली (GATE exam me kya hota hai) है। इसे पढ़ कर आप जान पाएंगे की यह गेट एग्जाम आपके करियर और भविष्य के लिए कितनी बड़ी भूमिका निभाता है। तो आइए जाने गेट एग्जाम के बारे में संपूर्ण जानकारी।
गेट एग्जाम क्या होता है? (GATE exam details in Hindi)
यह भारत स्तर पर आयोजित होने वाली एक ऐसी परीक्षा होती है जिसे केवल इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर या साइंस क्षेत्र के ग्रेजुएट छात्र ही दे सकते हैं, अन्य कोई नही। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपने किसी अन्य क्षेत्र में डिग्री ली हुई है जिसका संबंध तकनीक या विज्ञान से नहीं है तो फिर आप गेट का एग्जाम देने के लिए पात्र नही होते (GATE exam explain in Hindi) हैं। इसे भारत की IIT या IIS के द्वारा आयोजित करवाया जाता है और वह भी सभी तरह की IIT इसे आयोजित नहीं करती है।
इस एग्जाम में मिले अंक संपूर्ण भारत में मान्य होते हैं और यहाँ तक की विदेशों के कई संस्थानों में भी गेट में मिलने वाले अंकों को महत्ता दी जाती है। आप इसी से ही इसकी महत्ता का अनुमान लगा सकते हैं। गेट में मिले अंक उस छात्र की गुणवत्ता और पढ़ाई के स्तर को दर्शाते है जिसके आधार पर उसे देश के विभिन्न संस्थानों में मास्टर्स में प्रवेश मिलता है। इसी के साथ देश की कई जानीमानी कंपनियां अपने यहाँ इंजिनियर की भर्ती के लिए गेट के अंकों को ही आधार बनाती है।
गेट की परीक्षा का स्तर (GATE exam level in Hindi)
अब यदि आप गेट की परीक्षा का स्तर जानना चाह रहे हैं तो वह आल इंडिया लेवल पर आयोजित होने वाली परीक्षा होती है। इस पर किसी एक राज्य का एकाधिकार नही होता है और ना ही इसे किसी राज्य की सरकार अपनी और से आयोजित करवा सकती है। यह भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत डिपार्टमेंट ऑफ़ हायर एजुकेशन के तहत आयोजित होने वाली परीक्षा होती है।
गेट की फुल फॉर्म क्या है? (GATE full form in Hindi)
अब यदि हम गेट की फुल फॉर्म की बात करे तो वह ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (Graduate Aptitude Test in Engineering) के नाम से जाना जाता है। यह एक तरह से इंजिनियर का आंकलन करने के लिए किया जाता है कि उसने अपने चार वर्ष में जो पढ़ाई की है और जो कुछ सीखा (GATE exam full form in Hindi) है, उसमे से उसे कितना आता है और उसे आगे मास्टर्स में किस स्तर पर प्रवेश दिया जा सकता है या फिर किस तरह की नौकरी में किस पद पर रखा जा सकता है।
गेट एग्जाम ऑनलाइन होता है या ऑफलाइन? (GATE exam online or offline in Hindi)
आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यह गेट एग्जाम ऑनलाइन माध्यम से लिया जाता है या फिर इसका तरीका ऑफलाइन होता है। तो आज के समय में जहाँ सरकारी परीक्षाएं और प्राइवेट परीक्षाएं सब ऑनलाइन हो रही है तो गेट तो शुरू से ही ऑनलाइन माध्यम से लिया जाने वाला एग्जाम है। जब बाकि सब एग्जाम ऑफलाइन माध्यम से ही हो रहे थे तब भी गेट की परीक्षा को ऑनलाइन ही लिया जाता था। इसलिए यदि आप गेट की परीक्षा को देने जाएंगे तो वह ऑनलाइन ही होगा।
गेट का एग्जाम साल में कितनी बार होता है? (GATE ka exam kab hota hai)
बहुत से लोग इसे लेकर झंझट वाली स्थिति में रहते हैं कि गेट का एग्जाम साल में कितनी बार आयोजित करवाया जाता है। कई लोगों को लगता है कि इसे सीए के एग्जाम की तरह वर्ष में 2 बार करवाया जाता है लेकिन यह सच नहीं है। भारतीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा गेट को वर्ष में केवल और केवल एक बार ही आयोजित करवाया जाता है क्योंकि उसके तहत मास्टर्स डिग्री में प्रवेश करवाना ही मुख्य लक्ष्य होता है।
गेट की परीक्षा का समय (GATE exam time duration in Hindi)
अब यदि हम गेट की परीक्षा के समय काल की बात करे तो वह 3 घंटे का होता है। ज्यादातर अन्य सरकारी परीक्षाएं एक घंटे या ज्यादा से ज्यादा दो घंटे की ही आयोजित करवाई जाती है जबकि गेट एग्जाम के साथ ऐसा नहीं है। इसे करने के लिए 3 घंटे अर्थात 180 मिनट का समय दिया जाता है।
गेट की परीक्षा कौन आयोजित करवाता है?
आपने यह तो जान लिया की गेट की परीक्षा को भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय आयोजित करवाता है लेकिन वह सीधे तौर पर इसका आयोजन नहीं करवाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि गेट की परीक्षा का आयोजन तो उसकी देखरेख में किया जाता है लेकिन इसका संचालन दो अन्य संस्थाओं के हाथ में होता है। उन्ही दोनों संस्थाओ के बीच हर वर्ष यह निर्धारण किया जाता है कि उस वर्ष गेट की परीक्षा का आयोजन कौन करवाएगा। तो यह दोनों संस्थाएं हैं:
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस (Indian Institute of Science)
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (Indian Institutes of Technologies)
तो हर वर्ष इन दोनों संस्थानों के द्वारा ही गेट परीक्षा का आयोजन करवाने का उत्तरदायित्व लिया जाता है। अब इसमे से इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस तो एक ही हो गयी लेकिन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी अर्थात आईआईटी बहुत सारी हो गयी। तो क्या सभी तरह की आईआईटी गेट परीक्षा का आयोजन करवाती हैं? तो ऐसा नही है, जितनी भी आईआईटी है उनमे से केवल 7 तरह की IIT को ही गेट परीक्षा का आयोजन करवाने की अनुमति है।
अब इन सातो IIT को भी हर वर्ष अलग अलग जिम्मेदारी मिलती हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि वर्ष 2020 में किसी आईआईटी ने गेट परीक्षा का आयोजन करवाया होगा तो उससे अगले वर्ष किसी अन्य आईआईटी ने। तो ऐसे में इन सातो आईआईटी के नाम है:
- आईआईटी खड़गपुर
- आईआईटी कानपुर
- आईआईटी रुड़की
- आईआईटी दिल्ली
- आईआईटी गुवाहाटी
- आईआईटी चेन्नई
- आईआईटी मुंबई
गेट का एग्जाम देने के लिए पात्रता (GATE exam eligibility in Hindi)
अब यदि आप गेट की परीक्षा में बैठना चाहते हैं तो उसके लिए पात्र होना बहुत जरुरी होता है। हर कोई गेट की परीक्षा में ना तो बैठ सकता है और ना ही इसके तहत किसी तरह की नौकरी या प्रवेश पा सकता है। तो इसके लिए भारत सरकार के द्वारा कुछ मापदंड निर्धारित किये गए हैं जिनका पालन करना हर किसी के लिए आवश्यक हैं। तो यदि आप गेट की परीक्षा में बैठना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित में से किसी एक पात्रता का पालन करना होगा:
- आप इंजीनियरिंग कर चुके हो या उसके अंतिम वर्ष में हो अर्थात आपकी BE पूरी हो चुकी हो या उसका अंतिम वर्ष।
- आपने टेक्नोलॉजी में बैचलर डिग्री ले ली हो या उसके अंतिम वर्ष में हो अर्थात आपकी BTech पूरी हो चुकी हो या उसका अंतिम वर्ष।
- आपने आर्किटेक्चर की डिग्री ले ली हो या उसके अंतिम वर्ष में हो।
- साइंस में मास्टर डिग्री ली हुई हो या इसके अंतिम वर्ष में हो।
- गणित में मास्टर डिग्री ली हुई हो या इसके अंतिम वर्ष में हो।
- स्टेटिस्टिक्स में मास्टर डिग्री ली हुई हो या इसके अंतिम वर्ष में हो।
- कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिग्री ली हुई हो या इसके अंतिम वर्ष में हो।
- बीएससी को करने के बाद आप इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी में इंटीग्रेटेड मास्टर्स डिग्री कर रहे हो और उसके दूसरे या इससे ऊपर वाले वर्ष में हो।
- यदि आप इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी के इंटीग्रेटेड मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम या ड्यूल डिग्री के चौथे या पांचवे वर्ष में प्रवेश कर चुके हो।
तो इस तरह गेट का एग्जाम देने के लिए आपको ऊपर में से बताई गयी किसी एक पात्रता को फॉलो करना होगा और उसके बाद ही आपको गेट परीक्षा में बैठने के लिए पात्र माना जाएगा।
गेट एग्जाम देने के लिए आयु सीमा (GATE exam age limit in Hindi)
भारतीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से गेट की परीक्षा देने के लिए या उसमे बैठने के लिए किसी तरह की न्यूनतम या अधिकतम आयु के बारे में नहीं बताया गया है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप ऊपर दी गयी पात्रता पर खरे उतरते हैं तो फिर आप गेट की परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसके लिए आयु की कोई सीमा नहीं है।
गेट एग्जाम के सब्जेक्ट्स (GATE exam subjects list in Hindi)
गेट के एग्जाम में कुल 29 विषय होते हैं लेकिन आप यह सुनकर घबरा मत जाना क्योंकि आपको इनमे से सभी में परीक्षा नहीं देनी होगी। यह 29 विषय अलग अलग क्षेत्रों से जुड़े हुए होते हैं और आपको इनमे से कोई एक या दो विषय का ही चुनाव करना होता हैं। उसके अनुसार ही आपकी गेट परीक्षा आयोजित करवाई जाती हैं। तो यह सभी सब्जेक्ट्स होंगे:
- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
- एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग
- आर्किटेक्चर व प्लानिंग
- बायोमेडिकल
- बायो टेक्नोलॉजी
- सिविल इंजीनियरिंग
- केमिकल इंजीनियरिंग
- कंप्यूटर साइंस व इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी
- केमिस्ट्री
- इलेक्ट्रॉनिक्स व कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- एनवायरनमेंट साइंस व इंजीनियरिंग
- इकोलॉजी
- जियोलॉजी
- मरीन इंजीनियरिंग
- नवल आर्किटेक्चर
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग
- मैथमेटिक्स
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- माइनिंग इंजीनियरिंग
- पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
- फिजिक्स
- इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग
- प्रोडक्शन इंजीनियरिंग
- टेक्सटाइल इंजीनियरिंग
- फाइबर साइंस
- इंजीनियरिंग साइंस
- लाइफ साइंस
- सोशल साइंस
- स्टेटिस्टिक्स
तो इस तरह से आप दी गयी फील्ड में से किसी में भी गेट की परीक्षा को दे सकते हैं। इसमें आपके पास एक या दो विषय चुनने की स्वतंत्रता रहेगी और आप उनमे ही गेट का एग्जाम दे पाएंगे।
गेट के एग्जाम में प्रश्नों के प्रकार (What type of questions are asked in GATE exam in Hindi)
अब आप यह भी जान ले की गेट की परीक्षा में आपसे किस तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे। यदि आपको लग रहा हैं कि इसमें केवल MCQ टाइप के प्रश्न ही आपसे पूछे जाएंगे तो आप गलत है। दरअसल इसमें आपसे MCQ के साथ साथ MSQ व NAT टाइप के प्रश्न भी पूछे जाएंगे। अब यह प्रश्न कैसे हो सकते हैं, आइए जाने उनके बारे में।
MCQs या Multiple Choice Questions
तो इस तरह के प्रश्नों में आपके सामने चार विकल्प होंगे और उनमे से कोई एक विकल्प सही रहेगा। आपको उसी का चुनाव करना होगा और आगे बढ़ जाना होगा।
MSQs या Multiple Select Questions
इस तरह के प्रश्नों में भी चार ही विकल्प होंगे लेकिन उसमे एक या एक से अधिक उत्तर सही हो सकते हैं। तो इस तरह के प्रश्नों के उत्तर में आपके पास सभी तरह के विकल्प चुनने की आजादी होगी।
NATs या Numerical Answer Type questions
इस तरह के प्रश्नों में कोई विकल्प नहीं दिया गया होगा बल्कि आपको प्रश्न को हल करके एक संख्या को उसमे प्रविष्ट करना होगा। इसलिए इसे नुमेरिक आंसर टाइप कहा गया है।
गेट एग्जाम का सिलेबस (GATE exam syllabus in Hindi)
अब आपको यह भी जान लेना चाहिए की गेट के एग्जाम में आपसे किस किस विषय पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं। तो इसमें एक विषय तो वही हो गया जो ऊपर दी गयी सूची में से आपने चुना होगा या जिसमे आपने अपनी ग्रेजुएशन की हुई होगी। किंतु आपसे केवल उसी विषय पर ही प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे, बल्कि कई अन्य विषय भी होंगे, जिनमे से आपसे प्रश्न पूछे जाएंगे। तो वे विषय होंगे:
- वर्बल एबिलिटी जैसे कि अंग्रेजी व्याकरण, वर्ड ग्रुप, सेंटेंस कम्पलीशन इत्यादि।
- नुमेरिक एबिलिटी व डाटा इंटरप्रिटेशन
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स (सभी के लिए नहीं)
- ऊपर चुने गए विषय में से एक या दो पेपर
गेट एग्जाम का प्रश्न पेपर किस तरह का होगा?
गेट एग्जाम में जो जो विषय आएंगे और जिस तरह के प्रश्न आएंगे, यह जानने के बाद बारी है उन प्रश्नों की संख्या और अंकों के बारे में जानने की। तो यहाँ आप यह जान ले कि इसमें आपसे कुल 65 तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे जिनके अंकों का कुल जोड़ 100 होगा। तो अब कौन सा प्रश्न कितने अंकों का होगा यह तो एग्जाम हॉल में ही पता चलेगा क्योंकि यह सभी प्रश्नों के साथ में लिखा हुआ होगा जो उनकी गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
इन 65 प्रश्नों में से 10 प्रश्न जनरल Aptitude पर आधारित होंगे जबकि बाकि के 55 प्रश्न टेक्निकल आधार पर होंगे जो आपके द्वारा चुने गए विषय पर बेस्ड होंगे। तो आप गेट की परीक्षा के लिए जिस विषय का चुनाव करते (What type of questions are asked in GATE exam in Hindi) हैं वह बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि गेट की परीक्षा का प्रश्न पेपर उसी पर आधारित होगा। कुल 100 अंकों में से जनरल के 10 प्रश्नों की महत्ता 15 अंकों की होगी जबकि टेक्निकल के 55 प्रश्नों की महत्ता 85 अंकों की होगी।
क्या गेट की परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होती है? (Does GATE has negative marking in Hindi)
जी हां, गेट की परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होती है लेकिन सभी तरह के प्रश्नों के लिए नही। तो आपने ऊपर जाना कि गेट की परीक्षा में तीन प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे जो MCQ, MSQ व NAT पर आधारित होंगे। तो इसमें जो MCQ प्रश्न होंगे, उनका गलत उत्तर देने पर ⅓ मार्क्स की नेगेटिव मार्किंग की जाएगी जबकि अन्य दोनों तरह के प्रश्नों के लिए किसी तरह की नेगेटिव मार्किंग नहीं (GATE negative marking rules in Hindi) होगी।
तो अब यदि आपने एक अंक का MCQ गलत किया है तो उसके लिए आपके .33 अंक काट लिए जाएंगे और वही यदि आपने 2 अंक का MCQ गलत किया है तो आपके .66 अंक काट लिए जाएंगे। वही MSQ या NAT प्रश्नों के गलत उतर पर कोई अंक नहीं काटा जाएगा।
गेट में पास होने के लिए कट ऑफ मार्क्स (GATE exam passing marks in Hindi)
इसके लिए कोई निर्धारित मापदंड नही होता है और यह पूर्ण रूप से उस वर्ष के गेट के एग्जाम के स्तर, छात्रों की संख्या और उनके मिले अंकों के आधार पर तय किया जाता है। फिर भी एक अनुमान के अनुसार गेट एग्जाम की कट ऑफ 25 से 50 अंकों के बीच में रहती है अर्थात आपको गेट में पास होना है तो आपको कम से कम 25 अंक तो लाने ही होंगे और इसकी अधिकतम कट ऑफ आज तक 50 तक ही गयी है।
ऊपर जो हमने कट ऑफ बताई है वह पूर्ण रूप से सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए है। यदि कोई छात्र आरक्षित वर्ग से है तो उसे इसमें छूट मिलती है। यदि आप OBC समुदाय से है तो आपको जनरल कैटेगिरी की कट ऑफ का 90 प्रतिशत ही लाना होगा और वही यदि आप एससी या एसटी समुदाय से है तो आपको जनरल कैटेगिरी की कट ऑफ का ⅔ भाग ही लाना होगा।
गेट एग्जाम के रिजल्ट कब आते हैं?
जब आप गेट की परीक्षा दे देंगे तो उसके एक महीने के अंदर अंदर गेट की परीक्षा का परिणाम आ जाएगा। यह परिणाम ऑनलाइन माध्यम से आएगा और आपको अपना रोल नंबर डालकर रिजल्ट को चेक करना होगा। गेट के परिणाम में उस वर्ष की गेट परीक्षा का कट ऑफ, हर सब्जेक्ट के अनुसार कट ऑफ, आपको मिले अंक, आपका आल इंडिया में रैंक इत्यादि जानकारी दी जाएगी। साथ ही जिन छात्रों ने उस वर्ष के गेट एग्जाम को पास कर लिया है तो उसका स्कोर कार्ड भी गेट जारी करती है। जो छात्र फेल हो गए हैं उन्हें बस फेल होने की ही सूचना दी जाती है और उनका स्कोर बोर्ड जारी नही होता है।
गेट के नंबर कब तक वैलिड रहते हैं? (GATE exam result validity in Hindi)
अब आप यह भी सोच रहे होंगे कि यदि आप गेट में अच्छे अंक ले आते हैं और उसमे पास हो जाते हैं तो आपको मिले अंक या गेट का स्कोर बोर्ड कब तक वैलिड रहेगा और आप कब तक उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। तो यहाँ हम आपको बता दे कि गेट का स्कोर बोर्ड उसके परिणाम के बाद से 3 वर्ष के लिए अधिकृत माना जाता है और आप उसका कही भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
गेट एग्जाम देने के बाद क्या करे? (GATE exam dene ke baad kya kare)
गेट का एग्जाम देने के बाद आप क्या कुछ कर सकते हैं या इसको देने का क्या मतलब होता है, यह जानना भी तो जरुरी है। तो गेट का एग्जाम दो चीजों के लिए दिया जाता है, पहला होता है मास्टर्स डिग्री में प्रवेश लेना और दूसरा नौकरी पाना। तो आइए दोनों के बारे में ही बात कर लेते हैं।
गेट एग्जाम के बाद मास्टर्स करना (GATE exam ke baad masters course in Hindi)
गेट की परीक्षा को आयोजित करने का जो मुख्य उद्देश्य होता है वह होता है देश के बड़े बड़े कॉलेज और संस्थानों में छात्रों को उसके स्कोर के बलबूते मास्टर्स डिग्री में लेना और उनकी पढ़ाई जारी रखना। इसके जरिये आप देश की IIT, NIT, IIS इत्यादि कई तरह के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में प्रवेश पा सकते हैं। यहाँ तक कि अन्य प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी अपने यहाँ मास्टर्स डिग्री में प्रवेश लेने के लिए गेट के अंकों को आधार बनाते हैं। तो इसके तहत आप इन मास्टर्स डिग्री में प्रवेश ले सकते हैं:
- Master of Engineering
- Master of Technology
- Master of Architecture
- Doctor of Philosophy
गेट एग्जाम के बाद इंजिनियर की नौकरी करना (GATE exam job opportunities in Hindi)
अब चाहे किसी सरकारी कंपनी में इंजिनियर की नौकरी करना हो या प्राइवेट कंपनी में, एक फ्रेशर के तौर पर कही भी अच्छी नौकरी पाना बहुत मुश्किल होता है। साथ ही कंपनियां भी अपने यहाँ किसी नयी भर्ती को करने के लिए कई तरह के इंटरव्यू राउंड रखती हैं और टेस्ट भी लेती हैं। तो यदि आप इन टेस्ट या इंटरव्यू राउंड से बचना चाहते हैं या इन्हें कम करवाना चाहते हैं तो उसमे गेट के मिले अंक आपकी बहुत मदद कर सकते हैं।
यहाँ तक की कई सरकारी और प्राइवेट बड़ी कंपनियों ने गेट के अंकों को अपने इंटरव्यू और भर्ती के लिए आधार बनाने का निर्णय तक लिया है। ऐसे में गेट में मिले अच्छे नंबर छात्रों को उस कंपनी में चयन करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तो आप भी गेट में अच्छे अंक लेकर आएंगे तो इससे कंपनी में अच्छी नौकरी पाना बहुत ही आसान हो जाएगा।
गेट एग्जाम क्या होता है – Related FAQs
प्रश्न: गेट एग्जाम पास करने के बाद क्या होता है?
उत्तर: गेट एग्जाम पास करने के बाद आप मास्टर्स में एडमिशन ले सकते हैं या किसी कंपनी में नौकरी करने के लिए आवेदन दे सकते हैं।
प्रश्न: गेट एग्जाम में कौन कौन से सब्जेक्ट आते हैं?
उत्तर: गेट एग्जाम में इंजीनियरिंग, साइंस, आर्किटेक्चर से जुड़े सभी तरह के सब्जेक्ट आते हैं जिनका चुनाव आपको अपने क्षेत्र के अनुसार करना होता है।
प्रश्न: गेट के बाद मुझे कौन सी नौकरी मिलती है?
उत्तर: गेट के बाद आपको इंजिनियर, आर्किटेक्चर, साइंटिस्ट इत्यादि कई तरह की नौकरियां मिल सकती है।
प्रश्न: क्या गेट एग्जाम से सरकारी नौकरी मिल सकती है?
उत्तर: हां, गेट एग्जाम से सरकारी नौकरी भी मिल सकती है।
तो इस तरह से आज के इस लेख में आपने गेट एग्जाम के बारे में शुरू से लेकर अंत तक पूरी जानकारी ले ली हैं और यह भी जान लिया की किसी भी इंजिनियर स्टूडेंट के लिए गेट के एग्जाम की कितनी ज्यादा महत्ता होती है। तो आगे से जब भी आप गेट का एग्जाम दे उसके लिए पूरी तैयारी करे और उसके बाद ही इसकी परीक्षा में बैठे।