|| गायत्री मंत्र हिंदी अर्थ सहित | Gayatri mantra meaning in Hindi | Gayatri mantra kaise hota hai | गायत्री मंत्र क्या है? | Gayatri mantra kya hai | गायत्री मंत्र कैसे बना है? | Gayatri mantra kaise bana | गायत्री मंत्र का श्लोक | Gayatri mantra ka arth kya hai ||
Gayatri mantra meaning in Hindi :- हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र की अत्यधिक महत्ता है और इसे हर मंत्र में प्रथम मंत्र भी माना जाता है। कहते हैं कि गायत्री मंत्र को भगवत गीता के 18 अध्यायों में प्रत्येक प्रथम श्लोक के प्रथम शब्द से बनाया (Gayatri mantra kya hota hai) गया है। इस कारण गायत्री मंत्र की महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है जो हिंदू धर्म में इसे सबसे ऊपर स्थान देती है। आपने भी स्कूल में प्रतिदिन या भगवान की स्तुति करते समय गायत्री मंत्रका उच्चारण किया होगा और यह आपको एकदम रटा हुआ भी होगा। इसी से आप गायत्री मंत्र की महत्ता का अनुमान लगा सकते हैं।
अब दिक्कत यह होती है कि लोगों को गायत्री मंत्र रटा हुआ तो होता है और उन्हें यह अच्छे से याद भी होता है और उन्होंने कितनी ही बार इस गायत्री मंत्र को बोला होता है किंतु उन्हें इसका सही अर्थ नहीं पता होता (Gayatri mantra kaise hota hai) है। तो यदि आपको भी गायत्री मंत्र का अर्थ नहीं पता है और आप उसका अर्थ जानने को ही यहाँ आये है तो हम आपको निराश ना करते हुए इस लेख के माध्यम से गायत्री मंत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी और वो भी उसके अर्थ सहित देने वाले हैं।
गायत्री मंत्र क्या है? (Gayatri mantra kya hai)
सबसे पहले बात करते है गायत्री मंत्र के बारे में और यह है क्या चीज़ इसके बारे में। तो हिंदू धर्म में हर चीज़ को या हर ज्ञान को मंत्रों की सहायता से ही बताया जाता है। यह मंत्र वे होते हैं जहाँ पर संस्कृत की कुछ पंक्तियों के माध्यम से मनुष्य को ज्ञान दिया जाता है या उसे किसी गूढ़ चीज़ के बारे में बताया जाता है। अब यह पंक्तियाँ संस्कृत भाषा में लिखी हुई होती है तो इसमें कम शब्दों में ज्यादा बात कह दी जाती है। तो इसी को ही मंत्र कहा जाता है।
अब हर मंत्र का अलग अलग अर्थ और महत्व होता है। इसी कारण उन्हें अलग अलग नाम या उस पुस्तक का मंत्र कहकर संबोधित किया जाता है। अब इसमें से जो मंत्र गायत्री माता को समर्पित होता है, उसे ही गायत्री मंत्र कहा जाता है। यह एक ही मंत्र होता है जो दो पंक्तियों में सिमट जाता है। इसकी महत्ता को देखते हुए इसे अलग नाम दिया गया है जिसे हम सभी गायत्री मंत्र के नाम से जानते हैं।
गायत्री मंत्र कैसे बना है? (Gayatri mantra kaise bana)
हिंदू धर्म में भगवत गीता का प्रमुख स्थान है और सभी ग्रंथों में इसे प्रमुख ग्रंथ व धार्मिक पुस्तक माना जाता है। तो गीता में कुल 18 अध्याय है जो भगवान श्री कृष्ण के द्वारा महाभारत के भीषण युद्ध से पहले अर्जुन को जीवन का ज्ञान देने के उद्देश्य से कहे गए थे। हर अध्याय में कई श्लोक है जो हमें कई तरह की शिक्षा प्रदान करते हैं। तो इन्ही 18 अध्यायों के प्रथम श्लोक के प्रथम शब्द से मिलाकर ही गायत्री मंत्र की रचना की गयी है। यही कारण है कि हर हिंदू के लिए गायत्री मंत्र की महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है।
गायत्री मंत्र किसको समर्पित है? (Gayatri mantra kiske liye samarpit hai)
अब बात करते है गायत्री मंत्र के समर्पण भाव की अर्थात यह मंत्र किसे समर्पित है। तो यह इसके नाम से ही पता चल जाता है की गायत्री मंत्र किसे समर्पित (Gayatri mantra kiske liye hota hai) होगा। हमारे यहाँ कई देवी देवता को मानने का प्रचलन है और उसमे से एक गायत्री माता होती है जिन्हें बुद्धि व शिक्षा की देवी कहा जाता है। माता गायत्री को वेदों की माता भी कहा जा सकता है और इन्हें भगवान ब्रह्मा के समकक्ष माना गया है। तो गायत्री मंत्र भी इन्हीं गायत्री माता को ही समर्पित माना जाता है।
गायत्री मंत्र का श्लोक (Gayatri mantra ka shlok)
तो अभी तक आपने गायत्री मंत्र के बारे में बहुत जानकारी तो ले ली है लेकिन आपको गायत्री मंत्र के श्लोक के बारे में भी जानना चाहिए। अब यही गायत्री मंत्र श्लोक ही तो सबसे महत्वपूर्ण होता है जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के द्वारा सुबह शाम गाया जाता है। तो यह गायत्री मंत्र का श्लोक है:
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम्,
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
तो गायत्री मंत्र का शलोक ऊपर दिए गए मंत्र को ही कहा जाता है जो भगवत गीता के हरेक अध्याय के प्रथम श्लोक के प्रथम शब्द से बनाया गया है। साथ ही इस श्लोक का अर्थ भी होता है जिसका अर्थ बहुत ही महत्ता रखने वाला होता है। तो आगे हम गायत्री मंत्र श्लोक के अर्थ को ही आपके साथ साँझा करेंगे।
गायत्री मंत्र हिंदी अर्थ सहित (Gayatri mantra meaning in Hindi)
आज के समय में बहुत से हिंदुओं की यह समस्या रहती है की उन्हें कई मंत्र व श्लोक याद तो रहते हैं जो प्रचलित भी होते हैं किंतु उन्हें इनका अर्थ नहीं पता होता है। वह इसलिए क्योंकि यह सभी मंत्र व श्लोक संस्कृत भाषा में होते हैं और हम सभी संस्कृत भाषा को भूल से ही गए (Gayatri mantra Hindi arth sahit) हैं। संस्कृत भाषा को इस विश्व की सबस उन्नत भाषा कहा जा सकता है क्योंकि इसमें सीमित शब्दों में ही बहुत ज्यादा बात को कह दिया जाता है। साथ ही संस्कृत भाषा के शब्दों का उच्चारण करने का भाव भी बहुत ही शुद्ध व उन्नत माना गया है।
तो ऐसे में यदि आपको गायत्री मंत्र याद है और आप इसका अर्थ जानना चाहते हैं तो अब हम आपके साथ उसी के बारे में ही बात करने वाले (Gayatri mantra ka arth kya hai) हैं। गायत्री मंत्र का अर्थ यह होता है कि हम सभी अर्थात हम सभी मनुष्य योनि के लोग उस परम पिता ईश्वर का पूरे मन के साथ ध्यान करते हैं, वही ईश्वर जिन्होंने इस सृष्टि का निर्माण किया है और उसका पालन करते हैं, वही ईश्वर जो हम सभी के लिए पूजनीय हैं, वही ईश्वर जिनके पास ज्ञान का अथाह भंडार हैं, जो हमारे पाप और अज्ञान को दूर करते हैं। इसलिए हे परम पिता परमात्मा कृप्या करके हमारा मार्गदर्शन करे, हमें आगे की राह दिखाएं और हमें हमेशा सत्य के मार्ग पर ही आगे लेकर चले।
तो इस तरह से गायत्री मंत्र के द्वारा उस महान ईश्वर की प्रार्थना तो की ही गयी है, साथ के साथ उनकी महत्ता के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। तो इस तरह से इस छोटे से गायत्री मंत्र की सहायता से ईश्वर की परिभाषा को बताया गया है और उनका क्या कार्य व गुण होते हैं, उसके बारे में हमें सूचित करने का काम किया गया (Gayatri mantra ka arth kya hota hai) है। इन सभी के साथ इस गायत्री मंत्र की सहायता से हमें यह भी बताया गया है कि हमें ईश्वर से क्या प्रार्थना करनी चाहिए और उनके बताये मार्ग पर ही आगे बढ़ते रहना चाहिए।
गायत्री मंत्र कब करना चाहिए? (Gayatri mantra kab karna chahiye)
गायत्री मंत्र का अर्थ जानने के साथ साथ आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार दिन के किस समय में आपको गायत्री मंत्र का उच्चारण करना (Gayatri mantra kab bolna chahiye) चाहिए। वैसे तो आप दिन के किसी भी समय में गायत्री मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं और हर समय इसका उच्चारण करना शुभ ही माना जाता है किंतु दिन का एक समय गायत्री मंत्र का उच्चारण करने के लिए सबसे शुभ समय माना गया है। तो वह समय होता है सुबह के समय जब सूरज उदय हो रहा होता है तब का समय।
तो इसके लिए आपको सूर्य उदय होने से कुछ समय पहले उठ जाना चाहिए और अपने सभी नित्य कर्म निपटा लेने चाहिए। फिर आपको नहा धोकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और उसके बाद अपने घर की छत पर जाकर या उगते सूरज की दिशा में मुख करके हाथ जोड़ने (Gayatri mantra kab sunna chahiye) चाहिए। इसी के साथ आपको कम से कम 3 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आपको गायत्री मंत्र का संपूर्ण लाभ मिलेगा और आपकी आत्मा शुद्ध होगी।
गायत्री मंत्र के फायदे (Gayatri mantra ke fayde)
गायत्री मंत्र का जाप करने से आपको क्या कुछ फायदे देखने को मिल सकते हैं, इसके बारे में भी यदि साथ के साथ जान लेंगे तो बहुत बेहतर (Gayatri mantra benefits in Hindi) रहेगा। तो यहाँ हम आपके साथ गायत्री मंत्र के जाप से होने वाले विभिन्न फायदों के बारे में बात करने वाले हैं ताकि आपको गायत्री मंत्र की महत्ता का अनुमान हो सके।
- गायत्री मंत्र का जाप करने से आपकी आत्मा शुद्ध होती है और उसे मुक्ति मिलती है। यदि आप नियमित रूप से गायत्री मंत्र का प्रतिदिन जाप करते हैं और वो भी हमारे द्वारा बताई गयी विधि के अनुसार ही तो आपको अंदर से बहुत अच्छा महसूस होगा। आपकी आत्मा को शांति महसूस होगी और वह अच्छे कार्य करने के लिए आपको प्रेरित करेगी।
- यदि कोई मनुष्य सुबह के समय सूरज की ओर मुख करके गायत्री मंत्र का जाप कर रहा है तो उसके शरीर को सभी रोगों से मुक्ति मिलती है। वह कई गंभीर बिमारियों से बच जाता है और हमेशा निरोगी काया वाला रहता है। ऐसे में यदि आप पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो वह भी ठीक हो जाती है।
- गायत्री मंत्र का जाप करने से आपको मानसिक रूप से भी शांति का अनुभव होगा। यदि आप किसी बात को लेकर तनाव में हैं या आपके मन में हमेशा ही किसी बात को लेकर चिंता रहती हैं तो आपको आज से ही गायत्री मंत्र का जाप करना शुरू कर देना चाहिए। इससे आपका चित्त शांत होगा और आप खुश रहेंगे।
- गायत्री मंत्र का जाप करने से आपको लंबी आयु भी मिलती है और आप दीर्घायु होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपकी उम्र 70 वर्ष है तो नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने से आपकी आयु बढ़ कर 75 से 80 वर्ष की हो जाएगी। इस हिसाब से गायत्री मंत्र मनुष्य की उम्र बढ़ाने में भी बहुत सहायक होता है।
- यदि आप पूरे विधि विधान से गायत्री मंत्र का जाप करते रहेंगे तो इससे आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिलेगी और आपके आगे का मार्ग सुगम हो जाएगा। यदि आपको कोई चीज़ समझ नहीं आती है या आप उसमे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं तो वह भी आप कर पाएंगे।
तो इस हिसाब से गायत्री मंत्र का जाप करना आपके लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। ऐसे में आपको प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए और ईश्वर की स्तुति करनी चाहिए। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि आप केवल गायत्री मंत्र का जाप ही ना करे बल्कि इसके अर्थ को भी समझे और उसके अनुसार ही कार्य करे।
गायत्री मंत्र हिंदी अर्थ सहित – Related FAQs
प्रश्न: गायत्री मंत्र का शाब्दिक अर्थ क्या होता है?
उत्तर: गायत्री मंत्र का शाब्दिक अर्थ हमने विस्तार से इस लेख के माध्यम से समझाया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: गायत्री मंत्र का महत्व क्या है?
उत्तर: गायत्री मंत्र का महत्व यही है कि इससे मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से शांति का अनुभव होता है।
प्रश्न: सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?
उत्तर: सबसे शक्तिशाली मंत्र गायत्री मंत्र है।
प्रश्न: गायत्री मंत्र के देवता कौन है?
उत्तर: गायत्री मंत्र के देवता सूर्य देव है।