ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है? इसे कौन जारी करता है? ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में भारत का स्थान

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इन दिनों अपने भुखमरी से जुड़े आंकड़ों को लेकर ग्लोबल हंगर इंडेक्स (global hunger index) बहुत चर्चा में है। इसकी वजह यह है कि भारत को इसमें बहुत निचला स्थान मिला है। उन देशों से भी नीचे, जिनकी अर्थव्यवस्था (economy) भारत के सामने निचले पायदान पर हैं। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है? (What is global hunger index?) क्या आप भी ऐसे ही लोगों में हैं, जो इस इंडेक्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते? यदि हां, तो आज हम आपको इस पोस्ट में ग्लोबल हंगर इंडेक्स कैसे बारे में विस्तार से जानकारी देंगे आइए शुरू करते हैं-

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है? (What is global hunger index?)

दोस्तों, आपको बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global hunger index) यानी जीएचआई (GHI) को हिंदी में इसे वैश्विक भूख सूचकांक भी पुकारा जाता है। आपको जानकारी दे दें कि इस सूचकांक के माध्यम से वैश्विक (global), क्षेत्रीय (regional) और राष्ट्रीय स्तरों (national level) पर भूख (hunger) पर नजर रखी जाती है। उसे कैलकुलेट (calculate) किया जाता है।

दूसरे शब्दों में कहें तो ग्लोबल हंगर इंडेक्स एक ऐसा उपकरण है, जो विश्व स्तर (globally) पर एवं देश के आधार पर भूख को मापता एवं ट्रैक करता है। इस इंडेक्स की गणना वार्षिक आधार (annual basis) पर की जाती है एवं इसके नतीजे (result) प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में जारी किए जाते हैं। दुनिया के विभिन्न देशों को इस ग्लोबल हंगर इंडेक्स के नतीजों का इंतजार रहता है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स कौन जारी करता है? (Who issues the global hunger index?)

ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है? इसे कौन जारी करता है? ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में भारत का स्थान

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स को आयरलैंड की कंसर्न वर्ल्डवाइड (concern world wide) एवं जर्मनी स्थित वेल्ट हंगर हिल्फ (velt hunger hilf) द्वारा जारी किया जाता है। यदि इतिहास की बात करें तो इसे सबसे पहले आज से 16 वर्ष पूर्व सन् 2006 में बनाया गया था। उस समय इसे अमेरिका स्थित अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान International Food Policy Research Institute) यानी आईएफपीआरआई (IFPRI) एवं जर्मनी स्थित वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा प्रकाशित किया गया था।

लेकिन इसके अगले ही साल यानी 2007 में, आयरिश एनजीओ कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide), जिसे हिन्दी में वैश्विक चिंतन पुकारा जाता है, भी इसका एक सह-प्रकाशक बन गया। लेकिन यह सहभागिता बहुत समय नहीं चली। महज एक ही वर्ष पश्चात यानी सन् 2018 में आईएफपीआरआई ने इस प्रोजेक्ट से अपने हाथ पीछे खींच लिए और यह केवल वेल्ट हंगर लाइफ (Welt hunger ilfe) और कंसर्न वर्ल्ड वाइड (Concern World wide) का ही ज्वाइंट प्रोजेक्ट (joint project) बनकर रह गया।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स भूख को कितने पैमानों पर मापता है? (On what scale global hunger index scales hunger?)

दोस्तों, यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स दुनियाभर में भूख को मापने का जरिया है। आपको यह जानकारी भी दे दें कि इसे चार पैमानों पर मापा जाता है। ये पैमाने हैं-

  • * कुपोषण।
  • * बच्चों में ठिगनापन यानी उम्र के हिसाब से उनकी कम लंबाई।
  • * बच्चों का वजन यानी लंबाई के हिसाब से उनका कम वजन।
  • * बाल मृत्यु दर यानी 5 वर्ष से कम उम्र में बच्चों की मौत।

इस प्रकार हंगर इंडेक्स का कुल स्कोर 100 प्वॉइंट का होता है। इसी के आधार पर किसी भी देश में भूख की गंभीरता एवं भुखमरी की स्थिति का पता लगाया जाता है। साफ है कि यदि किसी देश का स्कोर 0 है तो वहां अच्छी स्थिति है। लेकिन किसी देश का स्कोर 100 है तो इसका सीधा सा अर्थ यह है कि वहां की स्थिति खराब है।

इस बार ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सूची में कितने देश शामिल हैं? (how many countries are included in global hunger index list this year?)

दोस्तों, अब आप यह अवश्य सोच रहे होंगे कि कितने देशों का ग्लोबल हंगर इंडेक्स (global hunger index) संबंधित संस्थाओं द्वारा तैयार किया जाता है? तो आपको बता दें कि इस वर्ष कंसर्न वर्ल्ड वाइड एवं वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा कुल 121 देशों का ग्लोबल हंगर इंडेक्स तैयार किया गया है। इस वर्ष ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2024 जारी किया गया है।

यदि इस ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट के महत्व पर चर्चा करें तो आपको बता दें दोस्तों कि इसके नतीजे विभिन्न देशों को इनके आधार पर योजनाएं तैयार करने में सहायता करते हैं। विशेष तौर पर बाल स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं के लिए यह नतीजे आधार के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत को किस स्थान पर रखा गया है? (India is placed on which rank in global hunger index?)

आगे, अब आपको जानकारी दे दें कि इस ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हमारे देश भारत को किस स्थान पर रखा गया है? मित्रों, 15 अक्टूबर 2022 को जारी की गई इस रिपोर्ट में हमारे देश भारत (India) को ग्लोबल हंगर इंडेक्स इंडेक्स में 107वें स्थान पर रखा गया है। यह बताता है कि भुखमरी की स्थिति को लेकर हमारे देश की हालत बहुत खराब है। 29.1 अंकों के साथ भारत में भूख के स्तर को गंभीर बताया गया है।

आपको बता दें कि इससे पूर्व भारत 2021 में 116 देशों की सूची में 101वें नंबर पर था। वहीं, यह दो साल पहले सन् 2020 में सूची में 94वें पायदान पर था। माना जाता है कि कोरोना महामारी के काल में देश में बाल स्वास्थ्य की स्थिति में गिरावट आई है, जिसका असर ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रैंकिंग पर देखने को मिला है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अन्य देशों की क्या स्थिति है? (What is the other countries status in this global hunger index?)

यदि हम इस ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अन्य देशों की स्थिति पर बात करें तो मित्रों, ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में हमारे देश भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84), नेपाल (81) एवं श्रीलंका (64) तक को भारत के मुकाबले कहीं अच्छी स्थिति में बताया गया है। यदि हंगर इंडेक्स पर स्कोर की बात की जाए तो भारत का स्कोर 29.1 है। और उसे ‘गंभीर’ स्थिति में रखा गया है।

इसी प्रकार पाकिस्तान (pakistan) का स्कोर 26.1 है और उसे भी ‘गंभीर’ स्थिति में ही रखा गया है। बांग्लादेश का स्कोर 19.6 है। नेपाल का स्कोर 19.1 दिया गया है, जबकि आर्थिक विभीषिका एवं जन विद्रोह आग में में जल रहे श्रीलंका तक को 13.6 स्कोर दिया गया है।

आपको बता दें दोस्तों कि भारत की स्थिति को इस खराब हालत में दर्शाया गया है कि एशिया (Asia) में केवल अफगानिस्तान (Afghanistan) को ही भारत से पीछे बताया गया है, जो कि 109वें स्थान पर है। इसी बात पर हमारे देश का सिस्टम आश्चर्य चकित हो रहा है। देश के विभिन्न वर्गों का मानना है कि हमारे देश भारत की रैंकिंग में पिछले वर्ष के मुकाबले इतनी गिरावट कैसे आ सकती है।

भारत सरकार का ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट को लेकर क्या रुख है? (What is the Indian government stand on this global hunger index?)

साथियों, आपको जानकारी दे दें कि हमारी भारत सरकार ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स की इस रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए इसे खारिज कर दिया है। जाहिर सी बात है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है। श्रीलंका की कंगाली का हाल दुनिया भर ने देखा है। ऐसे में भारत का स्वयं को मिली 107वीं रैंकिंग पर सवाल उठाना स्वाभाविक है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में चाइल्ड वेस्टिंग रेट 19.3 प्रतिशत है, जो दुनिया के किसी भी देश में सबसे अधिक है। भारत की बड़ी आबादी के कारण यह इस क्षेत्र के औसत को बढ़ाता है। केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट को देश की छवि को खराब करने का भी एक प्रयास बताया।

सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत की छवि को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में पेश किया गया है, जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा food (security) एवं पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है। उसने सूचकांक (index) को गंभीर गणना प्रणाली मुद्दों से ग्रस्त व त्रुटि पूर्ण बताया। साथ ही कहा गणना (calculation) के लिए इस्तेमाल किए गए चार संकेतकों (indicators) में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और ये पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व (representation) नहीं कर सकते।

उसके अनुसार रिपोर्ट के चौथे एवं सबसे महत्वपूर्ण संकेतक ‘कुपोषित आबादी का अनुपात’ का अनुमान 3000 के बहुत छोटे नमूने (very small sample) पर किए गए एक सर्वेक्षण (survey) पर आधारित है। ऐसे में यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत से काफी दूर है।

विपक्ष का ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट पर क्या स्टैंड है? (What is the stand of opposition on the report of global hunger index?)

मित्रों, अब यह भी जान लीजिए कि विपक्ष का इस ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट पर क्या स्टैंड है? आपको बता दें कि हमारे देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस (congress) ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे (mallikarjun khadge) ने भारतीय जनता पार्टी पर उन तथ्यों को दबाने के प्रयास का आरोप लगाया है, जिनकी वजह से भारत इस संकट तक पहुंचा है। उसने आरोप भी लगाया कि सरकार इस स्थिति को स्वीकार नहीं कर रही है।

भारत भूख सूचकांक में एक बार फिर नीचे की ओर फिसल गया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (communist party Marxist) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी (sitaram yechuri) ने कहा कि सरकार को साढ़े आठ साल में ही भारत को अंधकार के इस युग में लाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में भारत की खतरनाक, तेज गिरावट को विनाशकारी बताया।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स को हिंदी में क्या कहते हैं?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स को हिंदी में वैश्विक भूख सूचकांक कहते हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स कौन जारी करता है?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट जर्मनी की संस्था वेल्ट हंगर हिल्फ एवं आयरलैंड की संस्था कंसर्न वर्ल्ड वाइड जारी करती है।

सबसे पहले ग्लोबल हंगर इंडेक्स कब जारी किया गया?

सबसे पहले ग्लोबल हंगर इंडेक्स आज से करीब 16 वर्ष पूर्व सन् 2006 में जारी किया गया।

इस वर्ष यानी 2024 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट को कब जारी किया गया है?

इस वर्ष की ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट 15 अक्टूबर 2022 को जारी की गई है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सूची में इस साल कितने देशों को शामिल किया गया है?

इस सूची में इस साल कुल 121 देशों को शामिल किया गया है।

इस बार ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का कौन सा स्थान है?

इस साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का 107 वां स्थान है।

भारत सरकार का ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट को लेकर क्या रुख है?

भारत सरकार ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अफगानिस्तान को किस स्थान पर रखा गया है?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अफगानिस्तान को भारत के बाद 109 वें स्थान पर रखा गया है।

भारत को ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 107वां स्थान मिलने का क्या अर्थ है?

भारत को ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में 107वां स्थान मिलने का अर्थ है कि यहां भूख का स्तर बहुत खराब है?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट किन पैमानों पर तैयार होती है?

यह रिपोर्ट चार पैमानों पर तैयार होती है-कुपोषण, बच्चों में ठिगनापन, बच्चों में कम वजन एवं बाल मृत्यु दर।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में अन्य देशों की क्या स्थिति है?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में भारत के अन्य पड़ोसी देशों जैसे- पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका आदि को भी भारत से ऊपर रखा गया है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की गणना किस आधार पर की जाती है?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की गणना वार्षिक आधार पर की जाती है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स के नतीजे कब घोषित किए जाते हैं?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स के नतीजे प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के महीने में घोषित किए जाते हैं।

मित्रों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में ग्लोबल हंगर इंडेक्स के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि इस पोस्ट को लेकर आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है, तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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