Gram panchayat ki shikayat kaise karen, इस लेख में हम आपको बताएँगे कि ग्राम पंचायत की शिकायत कैसे करें या फिर सरपंच की शिकायत कैसे करें। कई बार ऐसा होता हैं कि हमारे गाँव की पंचायत या सरपंच सही से काम नही कर रहे (Gram panchayat ki shikayat kaha kare) होते हैं और ऐसे में हमे उनकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की आवश्यकता होती हैं। ऐसे स्थिति में जाने ग्राम पंचायत की शिकायत कैसे की जा सकती हैं।
भारत देश के सविंधान में हर एक चीज़ की पूरी तरह से व्यवस्था की गयी हैं फिर चाहे वह चुनाव करवाना हो और किसी को अन्य प्रकृया के तहत चुनना हो। फिर उन चुने हुए प्रतिनिधियों के कर्तव्य व अधिकार भी बताये गए हैं। इस प्रक्रिया का पालन करने के लिए (Gram panchayat ki complaint kaha kare) कुछ नियम हैं और जब इन नियमों का पालन नही होता या इन्हें अनदेखा किया जाता हैं तो उसे सविंधान का उल्लंघन माना जाता हैं। ऐसे में उस प्रतिनिधि के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही का भी प्रावधान हैं।
किंतु दंडात्मक कार्यवाही तभी होगी जब यह उल्लंघन (Gram pradhan ki shikayat kaha kare) शासन व्यवस्था की नज़रो में आये। अब हर जगह तो शासन सभी पर नज़र नही रख सकता। इसलिए आप या हमारा यह कर्तव्य बनता हैं कि हम संबंधित प्रतिनिधि के विरुद्ध शिकायत करे और डरे नही। वो कहते हैं ना कि भारत की अधिकांश प्रजा गावों में बस्ती हैं या भारत की आत्मा गावों में ही हैं।
तो जिस प्रकार देश के संचालन का उत्तरदायित्व हमारे माननीय प्रधानमंत्री के पास होता हैं, एक राज्य का उत्तरदायित्व मुख्यमंत्री के पास तो एक नगर का (Sarpanch ki sikayat kaha kare) उत्तरदायित्व विधायक तो एक गाँव का उत्तरदायित्व सरपंच के पास होता हैं।
उस सरपंच को ग्राम प्रधान, गाँव का मुखिया इत्यादि नामों से संबोधित किया जाता हैं। एक गाँव में कई पंच बनाए जाते हैं या चुने जाते हैं (Gram panchayat ki shikayat kahan karen) और फिर वे सभी पंच एक सरपंच का चुनाव करते हैं जो उन पंचों का मुखिया या यूँ कहे कि उस गाँव का मुखिया होता हैं।
हर गाँव के मुखिया या पंचायत को गाँव के विकास के लिए एक धनराशी दी जाती हैं और उस धनराशी का सदुपयोग गाँव के विकास के लिए किया जाता हैं। ऐसे में यदि उस धनराशी का दुरूपयोग हो ग्राम पंचायत कोई अनैतिक कार्य कर रही हो या किसी गलत काम को बढ़ावा दे रही हैं तो ऐसे में हमारा यह अधिकार हैं या सही शब्दों में कहे कि हमारा यह उत्तरदायित्व हैं कि हम उस पंचायत की शिकायत करे। ऐसे में हम सभी के मन में यह प्रश्न आएगा कि आखिरकार एक ग्राम पंचायत की शिकायत कैसे की जाती हैं। तो आइए इसके बारे में सबकुछ जाने।
ग्राम पंचायत क्या है? (Gram panchayat kya hoti hai)
ग्राम पंचायत की शिकायत करने से पहले उसके बारे में संपूर्ण रूप से जान लेना आवश्यक होता हैं ताकि बाद में हम से कोई गलती ना हो जाए। उदाहरण के रूप में समझिये। हम अपने देश का प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री कैसे चुनते हैं? इसके लिए संपूर्ण देश या राज्य में वोट डाले जाते हैं और उसके जरिये हम अपने सांसद व विधायक बैठते हैं।
अव वे सांसद या विधायक क्रमशः देश की लोकसभा तथा राज्य की विधानसभा में बैठते हैं। उसी तरह ये दोनोंअपना एक नेता चुनते हैं जिन्हें क्रमशः प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कहा जाता हैं। प्रधानमंत्री सभी सांसदों का मुखिया होता हैं जबकि मुख्यमंत्री सभी विधायकों का मुखिया कहलाया जाता हैं।
ठीक उसी तरह एक नगर व गाँव की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पार्षदों व पंचों के चुनाव करवाए जाते हैं। जिस प्रकार शहर के हर वार्ड में पार्षद के चुनाव होते हैं और फिर सभी पार्षद मिलकर एक मुखिया का चुनाव करते हैं जिसे महापौर, आयुक्त इत्यादि की संज्ञा दी जाती हैं। ठीक उसी प्रकार सभी गाँव वाले अपनी शासन व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पंचों का चुनाव करते हैं। अब वे सभी पंच मिलकर एक सरपंच का चुनाव करते हैं जो उस गाँव का मुखिया कहलाता हैं।
ग्राम पंचायत क्या कार्य करती है (Gram panchayat ke karya)
अब जब हम ने हराम पंचायत क्या होती हैं, के बारे में जान लिया हैं तो वह कार्य क्या करती हैं, इसके बारे में भी जानना आवश्यक हैं क्योंकि बिना उसका कार्य जाने हम क्या ही शिकायत करेंगे। ग्राम पंचायत में सरपंच व अन्य पंचों पर गाँव के विकास का उत्तरदायित्व होता हैं। ग्राम पंचायत के जो मुख्य कार्य होते हैं वे इस प्रकार हैं:
- सर्वप्रथम तो गाँव का चहुंमुखी विकास करवाना
- गाँव में सड़कों का रखरखाव करवाना व उसका निर्माण करवाना
- गाँव में हो रही अवैध गतिविधियों को रुकवाना
- गाँव में कोई अवैध खनन कार्य हो रहा है तो उसको रुकवाना
- गाँव के सिविल मामलो को निपटाना
- गाँव से जुड़ी समस्याओं को पंचों के जरिये सुलझाना
- गाँव के विद्यालयों, चिकित्सालयों का रखरखाव
- गाँव के बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करना
- गाँव में किसी महिला पर अत्याचार हो रहा हैं तो उसको सुरक्षा उपलब्ध करवाना
- केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को गाँव वालो तक पहुँचाना
- गाँव की सफाई व स्वच्छता को बनाये रखना
- गाँव में पशुपालन व सिंचाई आदि की व्यवस्था करना
- गाँव के बच्चों को भोजन उपलब्ध करवाना
- गाँव में रात में रोशनी की व्यवस्था करना
- गाँव में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों को देखना
इसके अलावा, गाँव से जुड़े जो भी अन्य काम हैं उसको करवाने का उत्तरदायित्व ग्राम पंचायक के ऊपर ही होती हैं और इसकी देखरेख एक सरपंच के द्वारा ही की जाती हैं।
ग्राम पंचायत की शिकायत क्यों करे? (Gram panchayat ki shikayat kya karen)
अब जब आपने एक ग्राम पंचायत के क्या-क्या काम होते हैं और उसे क्या-क्या करना चाहिए के बारे में विस्तार से जान लिया है तो बात करते हैं कि ग्राम पंचायत की शिकायत क्यों की जानी चाहिए। दरअसल ऊपर बताये गए कामो में से यदि ग्राम पंचायत किसी काम में आनाकानी करती हैं या भ्रष्टाचार करती हैं उया कुछ अनैतिक कार्य में लगी हुई होती है तो उस ग्राम पंचायत या उपरोक्त दोषी व्यक्ति की शिकायत अवश्य की जानी चाहिए।
कुछ उदाहरण के रूप में जैसे कि ग्राम पंचायत के पास गाँव के विकास के लिए जो पैसा आ रहा हैं या सरकार के द्वारा उन्हें जो धनराशी दी जा रही हैं वे उस धनराशी के उपयोग गाँव के विकास में करने की बजाए अपना खुद का घर भरने में लगाए तो उसकी शिकायत की जा सकती हैं।
इसके अलावा यदि केंद्र सरकार या राज्य सरकार के द्वारा गाँव के विकास के लिए या गाँव के लोगों के भले के लिए कोई योजना चलाई जा रही हैं और ग्राम पंचायत उस रोजना का स्कीम का लाभ अपने गाँव या गांववालों को देने की बजाए खुद ही उसका लाभ ले रहे हैं तो इसकी शिकायत भी की जा सकती हैं।
साथ ही यदि गाँव में कोई अनैरिक कार्य चल रहा (Gram panchayat ki shikayat kya hoti hai) हैं और वह सब ग्राम पंचायत की शह में चल रहा है या उसमे ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि भी मिले हुए हैं या फिर उसके बारे में जानकर भी कोई कार्यवाही नही कर रहे है तो ऐसे में उनकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की जा सकती हैं।
यह तो हमने कुछ उदाहरण दिए लेकिन आपने जो भी कार्य ऊपर पढ़ें और जो कार्य एक ग्राम पंचायत को करने चाहिए और वह ग्राम पंचायत उन कार्यों को नही करती हैं या उसे करने में आनाकानी करती हैं तो ऐसे में हमारा यह कर्तव्य बनता हैं कि हम संबंधित ग्राम पंचायत की शिकायत उनसे बड़े अधिकारियों या प्रतिनिधियों के समक्ष करें।
ग्राम पंचायत की शिकायत कैसे करें? (Gram panchayat ki shikayat kaise karen)
ग्राम पंचायत की शिकायत करने से पहले यह जान ले कि आपको इसके बारे में सबकुछ जानकारी हो। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि कुछ विपक्षी लोग या सरपंच या किसी पंच से बैर भाव रखने वाले लोग भी बिना मतलब के ग्राम पंचायत की शिकायत कर देते हैं। यदि आप भी उनमे से एक हैं तो ग्राम पंचायत पर कार्यवाही होने की बजाए उल्टा आप पर ही कार्यवाही हो जाएगी। इसलिए यदि आप शिकायत करने जा रहे हैं तो सही शिकायत करे और गकत शिकायत करने से बचें।
साथ ही किसी भी ग्राम पंचायत के बारे में शिकायत करने से पहले आपको जितना हो सके उतनी जानकारी जुटा लेनी चाहिए ताकि आपकी शिकायत का जल्द से जल्द समाधान हो सके और संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही हो सके। इसके लिए आप सबूत भी जुटा सकते हैं या फिर कुछ गवाह भी तैयार कर सकते हैं जो उक्त व्यक्ति विशेष के विरुद्ध अपना बयान दे सके। साबुत भी इस मामले में बहुत कामगार रहेगा।
जैसे कि यदि किसी कार्य में अनियमितता हैं या कही भ्रष्टाचार हो रहा हैं तो आप उसकी फोटोज खींच सकते हैं या फिर उसकी विडियो बना सकते हैं। आपके पास कोई कॉल रिकॉर्डिंग है तो यह भी बहुत काम आएगी। यह सब साबुत के तौर पर आपकी शिकायत को मजबूत बनायेंगे और संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध जल्दी जाँच बैठ जाएगी और उसके विरुद्ध कार्यवाही भी वैसी ही होगी।
ग्राम पंचायत की शिकायत कहां करें (Gram panchayat ki shikayat kaha kare)
अब बात करते हैं कि ग्राम पंचायत की शिकायत आप कहां कहां कर सकते हैं। दरअसल ग्राम पंचायत की शिकायत आप कई स्तर पर और कई तरीको से कर सकते हैं। आइए उनमे से मुख्य तरीको के बारे में जाना जाए।
#1. ग्राम पंचायत की तहसीलदार से शिकायत करना
राज्य सरकार के द्वारा हर नगर व गाँव में एक तहसीलदार नियुक्त किया जाता हैं जो वहां का प्रशासनिक अधिकारी होता हैं। उस तहसीलदार को आप अपनी शिकायत लिखित में दे सकते हैं। वह तहसीलदार अपने तहसील के कार्यालय में बैठा होता हैं जिसका समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक का होता हैं।
ऐसे में आप कुछ गांववालों के साथ तहसील कार्यालय जाइये और वहां जहाकर अपने गाँव के सरपंच या किसी भी पंच की शिकायत दर्ज करवा दीजिए। उसके बाद उस तहसीलदार का कर्तव्य होगा कि वह ग्राम पंचायत के विरुद्ध क्या निर्णय लेता हैं या उनकी शिकायत आगे तक पहुंचता है या नही। यदि वह आपके द्वारा शिकायत करने के बाद भी उस पर संज्ञान नही लेता हैं तो फिर आप आगे जा सकते हैं और उससे उच्च अधिकारी को शिकायत कर सकते हैं।
#2. ग्राम पंचायत की शिकायत जिला पंचायत राज अधिकारी से करना
गाँव के सुचारू शासन व्यवस्था के लिए राज्य सरकार जिला पंचायत राज अधिकारी की नियुक्ति भी करती हैं जिसे शोर्ट फॉर्म में सीईओ भी कहा जा सकता हैं। ऐसे में यदि तहसील में आपकी शिकायत की सुनवाई नही होती हैं तो आप सीईओ तक भी अपनी बात पहुंचा सकते हैं। उसका यह कर्तव्य होता हैं की हर हाल में सरपंच अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे अन्यथा उनके विरुद्ध कार्यवाही करें।
#3. ग्राम पंचायत की शिकायत जिला अधिकारी से करना
तहसीलदार की नियुक्ति राज्य सरकार के द्वारा की जाती हैं जबकि जिला अधिकारी की नियुक्ति केंद्र सरकार करती हैं और वह जिला अधिकारी इस जिले या नगर का सबसे बड़ा अधिकारी होता हैं। उसे दूसरे शब्दों में कलेक्टर भी कहा जाता हैं। जिलाधिकारी उस जिले का सर्वोच्च अधिकारी होता हैं और उस जिले में उससे बड़ा कोई भी दूसरा अधिकारी नही होता हैं।
ऐसे में यदि आपकी शिकायत की सुनवाई तहसील कार्यालय के साथ-साथ सीईओ कार्यालय में भी नही होती हैं आप सीधे कलेक्टर ऑफिस भी जा सकते हैं। लेकिन वहां जाने से पहले अपनी तैयारी पुख्ता रखिए और लिखित में सबकुछ लेकर जाए। इसके बाद अपने साथ गाँव के कुछ लोगों को भी लेकर जाए और वहां जाकर अपनी शिकायर दर्ज करवा दीजिए।
#4. अपने विधायक को पत्र लिखकर
एक विधायक केवल एक नगर का ही नही अपितु उसके नगर में जितने भी गाँव आते हैं उनका भी प्रतिनिफ्ही कहलाता हैं। ऐसे में आपका गाँव जिस भी नगर या जिले के अंतर्गत आता हैं आप वहां के विधायक का नाम पता लगाए। इसके बाद यदि संभव हो तो उनके आवास पर जाकर उनसे भेंट करे और यदि ऐसा संभव नही हो तो उनके आवास पर जाकर अपना शिकायती पत्र भेज दीजिए। यदि आपका उनके आवास पर जाना असंभव हो या मुश्किल हो तो आप उनके पते पर अपना शिकायती पत्र डाक के माध्यम से भी भेज सकते हैं।
#5. ग्राम पंचायत की ऑनलाइन शिकायत करें
भारत सरकार व कई राज्य सरकारों के द्वारा लोगों की समस्याओं का जल्दी व पारदर्शी निपटारण करने के लिए आजकल ऑनलाइन शिकायत करने की सुविधा भी उपलब्ध करवा दी गयी हैं। ऐसे में यदि आपके पास कंप्यूटर या स्मार्ट फोन हैं और एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन हैं तो आपनी ग्राम पंचायत की ऑनलाइन शिकायत भी कर सकते हैं जो कि बहुत ही सरल व पारदर्शी होगी।
इसके लिए आप अपने राज्य की सरकारी शिकायत वेबसाइट को खोलिए और उसमे दिए गए विकल्प में से अपने नगर व गाँव का चुनाव कीजिए। अब चुनाव कर लेने के पश्चात अपनी शिकायत का विवरण लिख दीजिए। विवरण लिखने के बाद आपको अंत में कोई फाइल जोड़ने का विकल्प भी दिखाई देगा। इसमें आप साबुत के तौर पर अपने द्वारा खिंची गयी कोई फोटो, विडियो या कॉल रिकॉर्डिंग या फिर समाचार पत्र की फोटो जोड़ सकते हैं ताकि आपकी शिकायत पर जल्द ही संज्ञान लिया जा सके।
इसके बाद आपको यह शिकायत सबमिट कर देनी होगी और उसके बाद आपको आपकी शिकायत का एक नंबर दिया जाएगा। अब आप इस शिकायती नंबर के द्वारा ऑनलाइन ही चेक कर सकते हैं कि क्या आपकी शिकायत का समाधान हुआ हैं या नही या फिर जांच कहां तक पहुंची हैं।
#6. हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके
यदि आपको ऑनलाइन शिकायत करना एक झंझट लगता हों या फिर आप इसको लेकर उलझन की स्थिति में हैं तो आप सीधा हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए सामान्य हेल्पलाइन नंबर 181 होगा लेकिन यह हर राज्य के अनुसार अलग भी हो सकता हैं। इसलिए आप सबसे पहले अपने राज्य के लिए पंचायती शिकायत हेल्पलाइन नंबर पता कीजिए और फिर वहां पर अपनी शिकायत दर्ज करवा दीजिए।
शिकायत दर्ज करवाने के पश्चात आपको आपके मोबाइल नंबर पर एक मागे आएगा और उसमे बताया जाएगा कि आपकी शिकायत दर्ज कर ली गयी हैं और साथ ही आपको एक शिकायती नंबर भी दिया जाएगा जिसे आपको रेफेरेंस के तौर पर संभाल कर रखना होगा।
#7. न्यायालय में याचिका दायर करके
यदि आप सभी जगह शिकायत दर्ज करवा के हार गए हैं और फिर भी इसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नही हो रही हैं तो अंतिम दरवाजा न्यायालय का ही बचता हैं किंतु इसके लिए आपको पूरी तैयारी करनी होगी क्योंकि न्यायालय में साबुत व गवाह ही चलते हैं।
इसलिए यदि आप अपनी ग्राम पंचायत के विरुद्ध न्यायालय में शिकायत करने जा रहे हैं तो सबसे पहले जरुरी दस्तावेज, साबुत व गवाह तैयार कीजिए और उसके बाद एक अच्छा सा अधिवक्ता ढूँढ कर उसके द्वारा न्यायालय में याचिका लगा दीजिए। न्यायालय स्वतः ही आपकी याचिका का संज्ञान ले लेगा और उस पर कार्यवाही शुरू कर देगा।
ग्राम पंचायत पर आरटीआई लगाना (Gram panchayat me RTI kaise kare)
भारत सरकार के द्वारा कई वर्षों पहले आरटी आई कानून लाया गया था जिसमे देश के आम नागरिकों को यह अधिकार दियागया था कि वे देश में जन प्रतिनिधियों के द्वारा हो रहे किसी भी काम का ब्यौरा आरटीआई के माध्यम से मांग सकते हैं ताकि निष्पक्षता बनी रहे और भ्रष्ट अधिकारियों में उसका भय बना रहे।
इसलिए यदि आपको लगता हैं कि सरकार के द्वारा आपकी ग्राम पंचायत को जो धनराशी उपलब्ध करवाई जा रही हैं और उसका दुरूपयोग हो रहा हैं तो आप साबुत के तौर पर उन पर आईटीआई लगा सकते हैं। एक बार आप आरटीआई लगा देंगे तो ग्राम पंचायत उसका सही उत्तर देने के लिए बाध्य हो जाएगी और वह उसका गलत या अनुचित उत्तर नही दे सकती क्योंकि फिर वह न्यायालय की अवमानना कहलायेगा जिसके विरुद्ध कठोर दंड का प्रावधान उपलब्ध हैं।
ग्राम पंचायत की शिकायत पर क्या कार्यवाही होती है? (Gram panchayat par karyavahi)
एक बार जब आपने ग्राम पंचायत की शिकायत कर दी तो आगे का काम संबंधित अधिकारियों का होगा। आपकी शिकायत के अनुसार उच्च अधिकारी एक टीम बनायेंगे और आपके गाँव का दौरा करेंगे। वे किसी भी समय गाँव में आ सकते हैं और उक्त काम का निरिक्षण कर सकते हैं जिसका उल्लेख आपने अपनी शिकायत में माध्यम से किया हैं।
इसके बारे में गांववालों के बयान भी लिए जा सकते हैं और आपसे भी बात की जा सकती हैं। साथ ही उक्त गाँव के सरपंच व अन्य पंचों से इस बारे में सवाल जवाब किया जाएगा और इसमें उनकी भूमिका की जांच की जाएगी। यदि किसी कार्य में अनियमितता या भ्रष्टाचार पाया जाता हैं तो जांच का दायरा आगे बढ़ा दिया जाता हैं और उसी के अनुसार कार्यवाही की जाती हैं।
एक बार आरोप दोषित हो जाने के पश्चात उक्त व्यक्ति विएशेष के विरुद्ध न्यायालय में मामला चलता हैं और ग्राम पंचायत को निष्कासित भी किया जा सकता हैं या उसे अवैध करार दिया जा सकता हैं। इस मामले में किये गए अपराध की श्रेणी के अंतर्गत ही कार्यवाही की जाती हैं। साथ ही यदि आपने एक अच्छे मामले को संज्ञान में लाया हैं जिससे आपके गाँव का बहुत भला हुआ हैं तो आपको राज्य सरकार की ओर से सम्मानित भी किया सकता हैं।
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ग्राम पंचायत की शिकायत कौन कर सकता है?
अब बात करते हैं कि ग्राम पंचायत की शिकायत कौन-कौन कर सकता हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि आप तो एक सामान्य नागरिक हैं और ग्राम पंचायत की शिकायत आप नही कर पाएंगे तो आप गलत हैं। दरअसल किसी भी ग्राम पंचायत की शिकायत करने के लिए यह जरुरी नही कि आप उस गाँव में किसी पद पर हो या पंच हो या कोई सरकारी अधिकारी इत्यादि।
हर कोई जागरूक नागरिक अपने गाँव में हो रहे भ्रष्टाचार या अनैतिक कार्य के विरुद्ध शिकायत कर सकता हैं चाहे वह एक सामान्य नागरिक हो या कोई मान्यता प्राप्त, चाहे वह पढ़ा लिखा हो या जिसने आजतक पुस्तकों को छुआ तक ना हो, चाहे वो एक किसान हो या धनी व्यक्ति। अपने गाँव की ग्राम पंचायत के विरुद्ध कोई भी शिकायत कर सकता हैं।
ग्राम पंचायत की शिकायत कैसे करें Related FAQs
प्रश्न: ग्राम पंचायत के खिलाफ आरटीआई कैसे लगाएं?
उत्तर: आप आरटीआई दो माध्यमों के द्वारा लगा सकते हैं। एक तो ऑनलाइन और दूसरी ऑफलाइन। ऑनलाइन के लिए आपको बस संबंधित वेबसाइट पर जाना होगा और वहां ऑनलाइन आरटीआई लगा देनी होगी लेकिन ऑफलाइन के लिए आपको पहले आरटीआई का परचा लेना होगा और फिर उसमे सब जानकारी भरनी होगी जो भी आप चाहते हैं। उसके बाद उस पर्चे को संबंधित पते पर भेज देना होगा।
प्रश्न: ग्राम पंचायत की गुप्त शिकायत कैसे करें?
उत्तर: यदि आप चाहते हैं कि आप ग्राम पंचायत की शिकायत कर दे लेकिन कहीं भी आपका नाम ना आये और आपकी सुरक्षा बनी रहे तो आप अपने तहसीलदार या कलेक्टर के नाम शिकायती पत्र सभी सबूतों के साथ भेज सकते हैं लेकिन नीचे अपना नाम व पटा मत लिखिए। इस तरह आपकी शिकायत को गुप्त माना जाएगा।
प्रश्न: ग्राम पंचायत को कितना पैसा आता हैं?
उत्तर: यह हर राज्य, जिले व गाँव के अनुसार अलग-अलग हो सकता हैं क्योंकि किसी गाँव का बजट केंद्र सरकार नही अपितु वहां की राज्य सरकार निर्धारित करती हैं। ऐसे में उस रह्य की आर्थिक स्थिति कैसी है और वह अपने गाँवों के विकास के लिए कितनी धनराशी दे सकती हैं यह सब चीज़े सम्पूर्णतया वहां की राज्य सरकार पर ही निर्भर करता हैं।
प्रश्न: ग्राम पंचायत का सुचना अधिकारी कौन होता है?
उत्तर: ग्राम पंचायत एक शासकीय व्यवस्था हैं। जिस प्रकार हर प्रतिनिधि के साथ उस जगह के सरकारी अधिकारी वहां का कामकाज देखते हैं ठीक उसी प्रकार ग्राम पंचायत में सरकार की ओर से एक सचिव की नियुक्ति की जाती हैं जो वहां का जन सूचना अधिकारी कहलाता हैं।
प्रश्न: ग्राम प्रधान के कार्यों की जांच कैसे करें?
उत्तर: इसके लिए आप अपने गाँव के विकास कार्यों का अवलोकन कर सकते हैं और वहां किस तरह का काम हो रहा हैं, क्या वहां घटिया गुणवत्ता का सामान इस्तेमाल में लिया जा रहा हैं या काम हो ही नही रहा हैं। इसके साथ ही आप आरटीआई के माध्यम से भी ग्राम पंचायक के कार्यों की जांच कर सकते हैं।
प्रश्न: आरटीआई का जवाब कितने दिनों में आता हैं?
उत्तर: यदि आपने किसी विषय में आरटीआई लगाई हैं तो आपको इसका उत्तर 30 दिनों के भीतर आ जाना चाहिए। यदि आरटीआई लगाने के 30 दिनों के पश्चात भी इसका उत्तर नही आता हैं तो आप आरटीआई अधिनियम के तहत अपील कर सकते हैं।
ग्राम पंचायत बाकलसर भ्रटाचार को लेकर सिकायत जैसलमेर राजस्थान ✔️