ग्राम पंचायत सचिव के क्या कार्य हैं? ग्राम पंचायत सचिव की नियुक्ति कैसे होती है?

Multinational के इस दौर में भी government job पा लेने का क्रेज भी खत्म नहीं हुआ है। 70 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग आज भी सरकारी नौकरी का ही ख्वाब देखते हैं। ग्रेजुएशन में एडमिशन लेते ही students और उनके अभिभावकों की प्राथमिकता रहती है कि बच्चा किसी तरह सरकारी job में फंस जाए, ताकि उसका भविष्य सुरक्षित हो सके। ग्राम पंचायत सचिव भी एक ऐसा ही पद है, जिसके लिए बड़े पैमाने पर राज्यों में भर्ती निकलती है और युवा उसके लिए आवेदन करते हैं।

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि ग्राम पंचायत सचिव क्या करता है? उसके क्या कार्य हैं या उसकी नियुक्ति कैसे होती है? अगर आपके पास इन सवालों के जवाब नहीं तो भी किसी तरह की कोई चिंता करने की बात नहीं। आज हम आपको बताएंगे कि ग्राम पंचायत सचिव के क्या कार्य होते हैं? और उसकी नियुक्ति कैसे होती है? बस आपको इस post को शब्द दर शब्द पढ़ते चले जाना है।

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ग्राम पंचायत क्या होती है?

दोस्तों, ग्राम पंचायत सचिव के बारे में जानने से पहले यह जान लीजिए कि ग्राम पंचायत क्या होती है। हर गांव में एक ग्राम पंचायत होती है। हमारे देश में 51 हजार से भी ज्यादा ग्राम पंचायत हैं। ग्राम पंचायत ही है, जो गांव के विकास के लिए सरकारी योजनाओं को लागू करने के साथ ही गांव में आवश्यक मूलभूत ढांचे के निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाती है। उसके इन प्रस्तावों को राज्य सरकार की मंजूरी प्रदान की जाती है।

ग्राम पंचायत सचिव के कार्य क्या होते हैं?

जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि ग्राम पंचायत क्या होती है। अब हम आपको ग्राम पंचायत सचिव के कार्यों की जानकारी देते हैं। एक ग्राम पंचायत सचिव यह प्रस्ताव बनाने में ग्राम पंचायत की मदद करता है। वह ग्राम पंचायत में होने वाले लिपिकीय कार्यों और धन का लेखा जोखा रखने का काम करता है। ऑडिट के लिए इस लेखे जोखे को मुहैया कराता है। उसे पंचायत कार्यालय का प्रभारी भी कहा जाता है। वही ग्रामीणों के बीच सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार का भी काम करता है। वह मूल रूप से ग्राम पंचायत सरकार और ग्राम पंचायत के बीच की कड़ी है। उसका काम ग्राम पंचायत की ओर से पारित प्रस्तावों का रिकार्ड रखना और उनके क्रियान्वयन में मदद करना भी है।

ग्राम पंचायत सचिव के कार्य में सहायता कौन करता है?

दोस्तों, ग्राम पंचायत सचिव की सहायता करने को पंचायत सहायक होते हैं, जो पंचायत सचिव की उसके कार्य में मदद करते हैं। जैसे कि ग्राम पंचायत के अभिलेखों के रखरखाव में सहायता, पंचायत के नियामक कार्य के निष्पादन में सहायता, नियोजन, कार्यान्वयन और ग्राम पंचायत की योजना की रिपोर्टिंग में सहायता, परियोजनाओं, कार्य और योजनाओं का ब्योरा तथा रिकॉर्ड रखने में सहायता, निर्माण कार्य में ग्राम पंचायत सचिव की सहायता, ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठक कराने में मदद, ग्राम पंचायतों की संपत्ति के रखरखाव में सहायता, डीपीआरओ यानी जिला पंचायती राज अधिकारी की ओर से समय समय-समय पर सौंपे गए कार्य के साथ ही पदीय दायित्व आदि।

ग्राम पंचायत सचिव की नियुक्ति कौन करता है?

ग्राम पंचायत सचिव सचिव का पद सरकारी होता है। अधिकांश राज्यों में उसकी नियुक्ति का जिम्मा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पास होता है। वह रिक्त पदों के संबंध में कर्मचारी चयन आयोग को अवगत कराता है, जो पदों से जुड़ी परीक्षा आयोजित कर भर्ती की प्रक्रिया पूरी कराता है।

पंचायत सचिव नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है? पेपर कितने होते हैं?

विभाग रिक्त स्थानों का विज्ञापन जारी करता है। योग्य उम्मीदवार निर्धारित तिथि के भीतर आवेदन करते हैं। इसके पश्चात परीक्षा आयोजित की जाती है। इसके दो पेपर होते हैं। पहले पेपर में 100 प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का निर्धारित होता है और पूरा पेपर 100 अंकों का होता है। इसके लिए दो घंटे की समयावधि नियत है। दूसरे पेपर में भी 100 प्रश्न होते हैं। इनके लिए भी 100 अंक तय हैं। समयावधि दो घंटे ही निर्धारित है। इनमें सामान्य जागरूकता, हिंदी, अंग्रेजी, गणित और रीजनिंग से जुड़े सवाल होते हैं। इसमें कामयाब होने वाले उम्मीदवार ही ग्राम पंचायत सचिव बनते हैं।

पंचायत सचिव बनने के लिए शैक्षिक योग्यता क्या है?

ग्राम पंचायत सचिव के क्या कार्य हैं? ग्राम पंचायत सचिव की नियुक्ति कैसे होती है?

दोस्तों, यूं तो देश के हर राज्य में जरूरत के आधार पर ग्राम पंचायत सचिव बनने के लिए अलग-अलग योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। इसके बावजूद अगर शैक्षिक योग्यता की बात करें तो आम तौर पर किसी भी व्यक्ति को ग्राम पंचायत सचिव बनने के लिए कम से कम स्नातक की उपाधि प्राप्त होना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो इसके अलावा उम्मीदवार के मैट्रिक मानक या उच्च शिक्षा तक हिंदी/संस्कृत होना चाहिए। अगर हिमाचल प्रदेश की बात करें वहां इस भर्ती में कोटा निर्धारित किया गया है। उस लिहाज से शैक्षिक योग्यता में छूट दी गई है।

जैसे कि हिमाचल प्रदेश में पंचायत सचिव भर्ती में एमबीए की डिग्री वालों के लिए तीन फीसदी कोटा तय कर लिया है। वहीं उत्तर प्रदेश आईएएस के पैटर्न पर यह परीक्षा कराएगा। इसी तरह उम्र भी इस पद के लिए आवेदन करने को कहीं न्यूनतम 18 से अधिकतम 45 साल रखी गई है तो कहीं न्यूनतम 18 से लेकर अधिकतम 42 वर्ष तक भी। इसके अलावा ग्राम पंचायत सचिव के कुछ प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती के साथ ही कुछ प्रतिशत पदों पर कोटे के जरिए भर्ती किए जाने का भी प्रावधान रखा गया है। इस संबंध में निर्णय सरकार अपनी सहूलियत के हिसाब से लेती है।

ग्राम पंचायत सचिव भर्ती नियमों में संशोधन क्या हुआ है?

दोस्तों, राज्य सरकारें अपनी जरूरत के हिसाब से पंचायत सचिव की भर्ती के नियमों में संशोधन भी करती रहती हैं। हिमाचल प्रदेश का ही उदाहरण लें। वहां की सरकार ने वहां पंचायत सचिवों के भर्ती नियमों में कुछ महीने पहले ही संशोधन किया है। नए नियमों के तहत ग्राम पंचायत सचिव के 300 पद भरे जाएंगे। इनमें 20 प्रतिशत पद +2 पास सिलाई शिक्षिकाओं के लिए होंगे। नए नियमों के तहत प्रावधान है कि अब एसडीएम नहीं, बल्कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग या प्रदेश सरकार की ओर से प्राधिकृत एजेंसी ही पंचायत सचिवों की भर्ती करेगी।

इस संबंध में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज नियम-2019 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा 18 से 45 साल रखी गई है। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक डिग्री या समकक्ष रखी गई है। सीधी भर्ती के 77 प्रतिशत पद स्नातक डिग्री धारियों से ही भरे जाएंगे। 20 प्रतिशत पद ग्राम पंचायतों में दस साल से अधिक अवधि से नियुक्त सिलाई शिक्षिकाओं से भरे जाएंगे। उनके लिए प्लस टू योग्यता रहेगी। इनकी भर्ती वरिष्ठता के आधार पर होगी।

इसके साथ ही 30 शब्द प्रति मिनट अंग्रेजी और 25 शब्द प्रति मिनट हिंदी के शब्दों की टाइपिंग स्पीड होनी चाहिए। तीन प्रतिशत पद एमबीए अभ्यर्थियों से भरे जाएंगे। शर्त यह है कि एमबीए ग्रामीण विकास में होना चाहिए। यह नहीं हुआ तो सामान्य एमबीए उम्मीदवारों से यह पद भरे जाएंगे। पंचायत सचिवों की नियुक्ति पहले एक साल के अनुबंध के आधार पर होगी। इसके बाद अनुबंध को बढ़ाया जाएगा। अनुबंध पर पंचायत सचिवों को पहले साल 7810 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा।

यूपी, हरियाणा में तस्वीर क्या है?

उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत सचिव पद के लिए परीक्षा कराने का जिम्मा अधीनस्थ कर्मचारी सेवा चयन आयोग के पास ही है और उसने ने इसकी परीक्षा आईएएस पैटर्न पर करने की तैयारी की है। हरियाणा की बात करें तो उसके कर्मचारी चयन आयोग ने हाल ही में 697 पदों की रिक्तियां निकाली थी। इनके पास इनकी नियुक्ति का जिम्मा है। वेतनमान 19900-63200 रखा गया था और उम्र 17 से 42 साल रखी गई। उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा के साथ ही सामाजिक आर्थिक मानदंड और अनुभव के आधार पर किए जाने को तरजीह दी गई।

परीक्षा शुल्क क्या रखा जाता है?

दोस्तों, राज्य अपने हिसाब से इस परीक्षा के लिए शुल्क तय करते हैं। मसलन हरियाणा की ही बात करें तो इसके लिए जो शुल्क रखा गया है उसके तहत सामान्य पुरुष वर्ग को 100, रिजर्व को 25, महिला हरियाणा निवासी जनरल को 50 जबकि रिजर्व को 13 रुपये देय हैं। अन्य राज्य में इस राशि में अंतर हो सकता है।

क्या है ग्राम पंचायत सचिव पद की खासियत?

दोस्तों, इस पद की खासियत यह है कि यह एक बेहद जिम्मेदारी भरा पद है, इसलिए इस पर बैठे व्यक्ति के कार्य पर सबकी नजर रहती है। पंचायत की performance उसकी दक्षता पर भी निर्भर करती है। यही वजह है कि कई बार ग्राम पंचायत सचिव को आरोपों का दंश भी झेलना पड़ता है। मसलन कई बार ग्राम पंचायत सचिव की मनमानी और सरकारी राशि के दुरुपयोग के आरोप लगते हैं। इसकी शिकायत सरपंच, उप सरपंच और पंच ही नहीं बल्कि ग्रामीण भी करते हैं।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में ग्रामीणों की शिकायत आई थी कि लेन देन कर शिकायत को दबाया जा रहा है। विशेष ग्राम सभा का आयोजन नहीं किया जा रहा है। मजदूरी का पंजीयन नहीं किया जा रहा है। न ही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। पंचायत से गायब रहते हैं। राशि आए बहुत माह बीत चुके, लेकिन निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं। नियमित ग्राम पंचायत नहीं खुल रही है और योजनाओं का प्रचार प्रसार भी नहीं हो रहा है। सरपंच और सचिव जिले के अधिकारियों के साथ मिलकर ग्रामीणों के अधिकारों का दोहन कर रहे हैं। योजनाओं में बंदरबांट कर रहे हैं आदि।

FAQ

ग्राम पंचायत सचिव कौन होता हैं?

गॉव में सरकारी योजनाओं को ग्राम पंचायत के द्वारा लागू किया जाता है, और इन योजनाओं का पूरा लेखा जोखा देखने वाले व्यक्ति की सरकार के द्वारा एक नियुक्ति की जाती है, जिसे ग्राम पंचायत सचिव कहते है।

ग्राम पंचायत सचिव की नियुकि कौन करता हैं?

ग्राम पंचायत सचिव की नियुक्ति सरकारी विज्ञापन जारी करके कुछ पात्रताओं के आधार पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा की जाती है।

ग्राम पंचायत सचिव की शिकायत कहां करें

अगर आपकी ग्राम पंचायत का सचिव कोई भ्रष्ट कार्य कर रहा है तो आप उसके शिकायत जिलाधिकारी के पास कर सकते हैं।

ग्राम पंचायत सचिव का वेतन कितना होता हैं?

ग्राम पंचायत सचिव का वेतन 25000 से लेकर 40000 प्रतिमाह होता हैं।

ग्राम पँचायत सचिव का क्या कार्य होता हैं?

ग्राम पंचायत सचिव का काम ग्राम पँचायत में आने वाली सरकारी योजनाओं का लेखा जोखा रखने का होता हैं। अन्य और कई ज़िम्मेदारी सचिव की दी जाती हैं।

तो दोस्तों, यह थी ग्राम पंचायत सचिव पद के कार्यों के बारे में जानकारी। साथ ही उसकी नियुक्ति कैसे होती है, इसका संक्षिप्त ब्योरा। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। अगर इस post को पढ़कर आपके मन में भी उठ रहा है कोई सवाल तो आप नीचे दिए गए comment box में comment कर उस सवाल को हम तक पहुंचा सकते हैं। हम आपकी जिज्ञासा को पूरी तरह शांत करने की कोशिश करेंगे। तो फिर देर किस बात की। Comment box में जाइए और comment के जरिए हमें अपनी राय से अवश्य अवगत कराइए। हमें आपकी राय का शिद्दत से इंतजार रहेगा।।शुक्रिया।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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Comments (8)

    • सचिव की नियुक्ति जिला ब्लॉक स्तर पर की जाती है. जिस ब्लॉक में सचिव नियुक्त होता है उस ब्लॉक में आने वाले सभी गॉव में सचिव अपने कार्य करता है.

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