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इन दिनों ग्राफिक डिजाइनिंग (graphic designing) रोजगार का एक बहुत अच्छा जरिया है। कोई भी समाचार पत्र हो, मैगजीन हो, एडवरटाइजिंग एजेंसी हो अथवा सोशल मीडिया एजेंसी हरेक को ग्राफिक डिजाइनर की जरूरत रहती है। यही वो शख्स है, जो अपनी डिजाइनिंग से उनके प्रोडक्ट संबंधी जानकारी को दर्शनीय/आकर्षक बना देता है।
बहुत से ऐसे युवा हैं, जो ग्राफिक डिजाइनर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। बहुत से नौकरी कर रहे हैं तो कुछ ने फ्री लांस काम शुरू किया हुआ है। यदि आप भी ग्राफिक डिजाइनर (graphic designer) बनना चाहते हैं तो आप कैसे बन सकते हैं आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे। आइए, शुरू करते हैं-
ग्राफिक डिजाइनर कौन होता है? (Who is a graphic designer?)
आम तौर पर ग्राफिक डिजाइनर का कार्य सूचना के आदान प्रदान हेतु रिपोर्ट, ब्राशर्स आदि के लिए विजुअल कंटेंट (visual content) यानी दृश्यात्मक सामग्री उपलब्ध कराना होता है। मैनुअल (manual) के अलावा इसके लिए वह साॅफ्टवेयर (software) का इस्तेमाल करता है।
बेहतरीन विजुअल्स (visuals) के लिए वह डिजाइन, फोटोग्राफ (photograph), कलर (colour), टाइपोग्राफी (typography), इलस्ट्रेशन (illustration) आदि का सहारा लेता है।
यदि कोई युवा क्रिएटिव (creative) है और डिजाइनिंग (designing) में उसकी रूचि है तो वह इस करियर में बहुत आगे तक जा सकता है। वह किसी नियोक्ता कंपनी (employer company) के साथ अथवा बतौर फ्री लांसर (free lancer) अपने आपको स्थापित कर सकता है।
ग्राफिक डिजाइनिंग के कोर्स के बाद करियर किस रूप में बन सकता है? (What type of career there after graphic designing course?)
बहुत से युवा ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स (graphic designing course) में एडमिशन ले लेते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि यह कोर्स करने के बाद उनके सामने करियर के कौन कौन से रास्ते खुल जाएंगे। यदि आप भी ऐसे ही लोगों में हैं, जिन्हें बहुत जानकारी नहीं, तो हम आपको बताते हैं कि आप ग्राफिक डिजाइनिंग करने के बाद किस रूप में करियर बना सकते हैं-
- ग्राफिक डिजाइनर (graphic designer)।
- डिजाइन मैनेजर (design manager)।
- लेआउट डिजाइनर (layout designer)।
- इंडस्ट्रियल/प्रोडक्ट डिजाइनर (industrial/product designer)।
- वेब डेवलपर (web developer)।
- फोटो एडिटर (photo editor)।
- वेब डिजाइनर (web designer)।
- यूआई डिजाइनर (UI designer)।
- फ्लैश एनिमेटर (Flash animator)।
- ग्राफिक डिजाइन इंस्ट्रक्टर graphic design instructor।
- गेम डिजाइनर (game designer)।
- एनिमेशन/वीएफएक्स डिजाइनर animation/VFX designer।
- क्रिएटिव डायरेक्टर (creative director)।
- पब्लिकेशन डिजाइनर (publication designer)।
ग्राफिक डिजाइनिंग में कौन कौन से कोर्स होते हैं? (Which courses are there in graphic design?)
अधिकांशतः ग्राफिक डिजाइनिंग में अंडर ग्रेजुएट कोर्स (under graduate courses) होते हैं, जो सामान्यतः चार वर्ष के होते हैं। वहीं, इसमें पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स (post graduate courses) भी होते हैं, जिनकी अवधि अमूमन दो वर्ष की होती है।
आपको बता दें दोस्तों कि अंडर ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश लेने के लिए अभ्यर्थी को किसी मान्यता बोर्ड (recognised board) से अच्छे अंकों के साथ 10+2 अथवा समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करनी आवश्यक है।
साइंस/काॅमर्स/आर्ट्स किसी भी स्ट्रीम का विद्यार्थी यह कोर्स कर सकता है। बहुत से संस्थान चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट कम्युनिकेशन डिजाइन एंड टेक प्रोग्राम चलाते हैं। इसके तहत छात्र ग्राफिक डिजाइन/एनिमेशन एंड वीएफएक्स, गेम डिजाइन, यूआई/यूएक्स में स्पेशलाइजेशन करते हैं।
वहीं, पीजी कोर्स के लिए उम्मीदवार को डिजाइन में स्नातक परीक्षा (graduate in design) उत्तीर्ण होना आवश्यक है। ग्राफिक डिजाइनिंग के मुख्य मुख्य कोर्स इस प्रकार से हैं-
1. सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स (certificate and diploma course)-
- सर्टिफिकेट इन ग्राफिक डिजाइन (certificate in graphic design)।
- एडवांस डिप्लोमा इन ग्राफिक डिजाइन (advance diploma in graphic design)।
- डिप्लोमा प्रोग्राम इन ग्राफिक डिजाइन (Diploma program in graphic design)।
- पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम इन ग्राफिक डिजाइन (PG Diploma program in graphic design)।
2. ग्रेजुएट कोर्स (graduate course)-
- बैचलर्स आफ ग्राफिक डिजाइन (bachelor’s of graphic design)।
- बैचलर्स आफ डिजाइन इन ग्राफिक डिजाइन (bachelor’s of design in graphic design)।
- बैचलर्स आफ आर्ट्स इन ग्राफिक डिजाइन (bachelor’s of arts in graphic design)।
3. पीजी कोर्स (PG course)-
- मास्टर आफ आर्ट्स इन ग्राफिक डिजाइन (master of arts in graphic design)।
- मास्टर आफ डिजाइन इन ग्राफिक डिजाइन (master of design in graphic design)।
4. डाक्टोरल कोर्स (doctoral course)
- डाॅक्टोरल प्रोग्राम इन ग्राफिक डिजाइन d (octoral program in graphic design)।
ग्राफिक डिजाइनिंग के सिलेबस में क्या क्या शामिल होता है? (what is the syllabus of graphic design)?
यह आपके लिए एक बेहद महत्वपूर्ण जानकारी है। यदि आप ग्राफिक डिजाइन कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं तो पहले आपको उसका सिलेबस बता देते हैं, जो कि इस प्रकार से है-
- बेसिक इंफार्मेशन (basic information)।
- कंप्यूटर स्टडीज (computer studies)।
- कलर थ्योरी फाॅर कंप्यूटर (colour theory for computer)।
- टाइपोग्राफिक डिजाइन (typographic design)।
- इंट्रोडक्शन टू मल्टीमीडिया (introduction to multimedia)।
- जेनेरिक स्किल्स (generic skills)।
- ग्राफिक्स प्रिंसिपल एंड मैथड आफ डिजाइन (graphics principle and mathod of design)।
- प्रिंसिपल्स आफ मैनेजमेंट (principles of management)।
- प्रिंसिपल्स आफ साउंड (principles of sound)।
- डिजिटल पब्लिशिंग (digital publishing)।
- विजुअल कम्युनिकेशन (visual communication)।
- ड्राइंग एज बेसिस फाॅर टूडी एंड थ्री डी एनिमेशन (drawing as basis for 2D and 3D animation)।
- डिजाइन: कैरेक्टर, बैकग्राउंड एंड कांसेप्ट (design: character, background and concepts)।
- माॅडलिंग यूजिंग कैड (modelling using CAD)।
- वेब डिजाइन (Web design)।
- इंट्रोडक्शन टू कंप्यूटर एनिमेशन (introduction to computer animation)।
- डिजिटल पोर्टफोलियो डेवलपमेंट एंड प्रेजेंटेशन (digital portfolio development and presentation)।
- मल्टीमीडिया आथरिंग (multimedia authoring)।
- टीम मैनेजमेंट (team management)।
- लैंग्वेज: करियर प्लानिंग एंड गाइडेंस (language: career planning and guidance)।
- एनिमेशन: द प्रोडक्शन प्रोसेस (animation: the production process)।
- साउंड रिकाॅर्डिंग (Sound recording)।
- फ्लैश एंड स्क्रिप्टिंग फाॅर द वेब (flash and scripting for the web)।
- वेब कैंपेन इंप्लीमेंटेशन (web campaign implementation)।
- ब्रेकडाउन: वीडियो म्यूजिक एंड इफेक्ट्स (breakdown: video music and effects)।
- कंपोजिंग/शूटिंग फिल्म्स (composing/shooting films)।
- प्रोजेक्ट+केस स्टडी (project+case study)।
- इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग (industrial training)।
- लाइव प्रोजेक्ट (live project)।
ग्राफिक डिजाइनिंग में कोर्स कराने वाले श्रेष्ठ संस्थान कौन कौन से हैं? (Which are the good institutions to do graphic design course?)
दोस्तों, यदि आप कुछ ऐसे संस्थानों के नाम जानना चाहते हैं, जो ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स कराते हैं, और जिनकी प्रतिश्ठा है तो हम आपकी सहायता कर सकते हैं। ये कुछ नाम इस प्रकार से हैं-
- 1. नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन, अहमदाबाद गुजरात (national institute of design, ahmedabad, Gujarat)।
- 2. सिंबायसिस इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन, पुणे, महाराष्ट्र (simbiosis institute of design, Pune, Maharashtra)।
- 3. जी इंस्टीट्यूट आफ क्रिएटिव आर्टस, मुंबई, महाराष्ट्र (zee institute of creative arts, mumbai, maharashtra)।
- 4. आईपिक्सियो एनिमेशन काॅलेज, बंगलूरू, कर्नाटक (ipicsio animation college, Bengaluru, Karnataka)।
- 5. वोग इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, बंगलूरू, कर्नाटक (vogue institute of technology, Bengaluru, Karnataka)।
दोस्तों, एक बात और स्पष्ट कर दें कि यह संस्थान हमने आपको बतौर सलाह सुझाए हैं। आप अपनी ओर से सर्च करके किसी भी अच्छे संस्थान में प्रवेश ले सकते हैं।
ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स में प्रवेश के लिए कौन कौन सी प्रवेश परीक्षा होती हैं? (What entrance exams are there to get admitted in graphic design course?)
दोस्तों, कई राष्ट्रीय संस्थान हैं, जो अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा यानी आल इंडिया एंट्रेंस टेस्ट (all india entrance test) के आधार पर छात्र छात्राओं को प्रवेश देते हैं।
जैसे- नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन (national institute of design) यानी एनआईडी (NID) में प्रवेश के लिए एंट्रेंस। इसी प्रकार कई संस्थान अपनी खुद की परीक्षा आयोजित करते हैं। इस कोर्स में प्रवेश की मुख्य परीक्षा इस प्रकार है –
- नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन यानी एनआईडी एंट्रेंस एग्जाम (NID entrance exam)।
- पर्ल एकेडमी एंट्रेंस एग्जाम (pearl academy entrance exam)।
- आईआईएडी एंट्रेंस एग्जाम (IIAD entrance exam)।
- एआईईईडी (AIEED)।
- टीडीवी एंट्रेंस एग्जाम (TDV entrance exam)।
ग्राफिक डिजाइनर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स क्या हैं? (What are the necessary skills to be a graphic designer?)
1. क्रिएटिविटी (creativity)- एक ग्राफिक डिजाइनर को क्रिएटिव होना चाहिए। उसे कई बार डिजाइन को कल्पना के अनुसार नया रूप देना होता है।
2. टेक्निकल स्किल (technical skills)- एक ग्राफिक डिजाइनर में यह स्किल होना बेहद आवश्यक है। इन दिनों तमाम तरह के साफ्टवेयर पर उसे काम करना होता है। ऐसे में यह स्किल बेहद जरूरी है।
3. टाइम मैनेजमेंट (time management)- यदि ग्राफिक डिजाइनर किसी डेली पब्लिकेशन में अथवा ऐसी जगह काम कर रहा है, जहां डैडलाइन टाइट (deadline tight) रहती है। ऐसे में उसे टाइम मैनेजमेंट आना चाहिए।
4. एफिशिएंसी (efficiency)- एक ग्राफिक डिजाइनर को अपने काम में एफिशिएंट (efficient) होना बेहद आवश्यक है। इसके बगैर उसे काम में बढ़त नहीं मिलेगी। यह कोर्स आपको गुडविल (goodwill) भी दिलाता है। बेहतर काम से इसे बनाए रखना होगा।
एक ग्राफिक डिजाइनर को कहां कहां जाॅब मिल सकती है? (Where a graphic designer can get jobs?)
दोस्तों, ऐसी कई बड़ी कंपनियां हैं, जो अपनी जरूरत के लिए ग्राफिक डिजाइनर को हायर करती हैं। बहुत से पब्लिकेशन बड़े पैमाने पर ग्राफिक डिजाइनर हायर करते हैं। प्रोफाइल के आधार पर अब हम आपको बताएंगे कि एक ग्राफिक डिजाइनर को कहां-कहां जाॅब मिल सकती है-
- प्रिंट एंड पब्लिशिंग हाउस (print and publication house)।
- ग्राफिक डिजाइन स्टूडियो (graphic design studio)।
- वेबसाइट डेवलपमेंट स्टूडियो (website development studio)
- वेब डिजाइन स्टूडियो (web design studio)।
- एड एजेंसीज (ad agencies)।
- टीवी एंड मल्टीमीडिया (TV and multimedia)।
- ई-लर्निंग कंपनियां (e-learning companies)।
क्या ग्राफिक डिजाइनिंग के आनलाइन टूल्स भी उपलब्ध हैं? (Is there graphic design online tools available?)
मित्रों, आज का युग आनलाइन (online) का युग है। लोग कंपनी सोशल मीडिया पर पोस्ट के लिए भी लोगो आदि बनवाने के लिए ग्राफिक डिजाइनिंग को प्राथमिकता देते हैं।
यहां हम आपको कुछ लोकप्रिय ग्राफिक डिजाइनिंग टूल्स की जानकारी देंगे, जिनका इस्तेमाल कई वेब कंपनियां अपने लिए कंटेंट/पोस्टर आदि तैयार करने में कर रही हैं। ये इस प्रकार से हैं-
- कैन्वा (Canva)।
- पिक्टोचार्ट (Piktochart)।
- स्टेंसिल (Stencil)।
- डिजाइन बोल्ड (DesignBold)।
- क्रेलो (crello)।
- फोटोर (Fotor)।
- स्नैप्पा (Snappa)।
- पिकमनी (PikMoney)।
- डिजाइनर (Desyner)।
- अडोब स्पार्क (Adobe Spark)।
एक ग्राफिक डिजाइनर को कितनी सैलरी प्राप्त होती है? (How much salary a graphic designer gets?)
अब हम आपको अहम प्रश्न की जानकारी देते हैं। आप में से बहुत से लोग पूछना चाहते होंगे कि एक ग्राफिक डिजाइनर (graphic designer) को कितनी सैलरी (salary) प्राप्त होती है?
दोस्तों, आपको बता दें कि यद्यपि सैलरी कंपनियों के अनुसार भिन्न भिन्न होती है। लेकिन आम तौर पर एक ग्राफिक डिजाइनर की शुरूआती सैलरी दो लाख रूपये सालाना तक होती है। वहीं, कुछ अनुभव के पश्चात वे आराम से छह लाख रूपये वार्षिक तक वेतन प्राप्त कर सकते हैं।
- असिस्टेंट प्रोफेसर कैसे बनें? योग्यता, स्किल्स एवं सैलरी | How to become College Professor in India?
ग्राफिक डिजाइनर का कोर्स करने में कितनी फीस आती है? (How much fee it takes to do graphic design course?)
मित्रों, ग्राफिक डिजाइन कोर्स की फीस अलग अलग संस्थान के हिसाब से अलग अलग होती है। राष्ट्रीय संस्थानों में उनकी प्रतिश्ठा के अनुसार यह अधिक होती है, जबकि अन्य में कम। लेकिन मानकर चलिए कि हर तरह के शुल्क मिलाकर करीब 50 हजार रूपये सालाना फीस न्यूनतम आपको भरनी ही होगी।
आपको बता दें कि कई संस्थान वीकेंड पर प्रोफेशनल्स (professionals) को ग्राफिक डिजाइनिंग की ट्रेनिंग भी देते हैं। इसके लिए वे अलग से फीस वसूलते हैं।
क्या ग्राफिक डिजाइन का कोर्स करने के पश्चात सीधे अच्छी कंपनी में जाॅब लग जाती है? (Can a person direct get job after graphic design course?)
इंडस्ट्री का ट्रेंड बताता है कि ग्राफिक डिजाइन करने के पश्चात एक युवा को पहले किसी कंपनी में अप्रेंटिसशिप (apprenticeship) करनी होती है। इसके पश्चात उसे उसी कंपनी में एब्जाॅर्ब (absorb) कर लिया जाता है, अथवा अपने कार्य के आधार पर वह कहीं भी नौकरी कर सकता है। बहुत से लोग ग्राफिक डिजाइन का कोर्स करने के बाद पार्ट टाइम जाॅब (part time job) भी कर सकते हैं।
क्या इस कार्य को घर बैठे भी किया जा सकता है? (Can this work be done from home?)
जी हां, बहुत से ग्राफिक डिजाइनर वर्क फ्राम होम (work from home) कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं। खास तौर से कोरोना महामारी के दौरान लगे लाॅकडाउन (lockdown) में जिन लोगों की नौकरी चली गई, वे अपने इसी स्किल से अपने घर को अच्छे से चला रहे हैं। अनुभवी एवं अपने कार्य से गुडविल हासिल कर चुके ग्राफिक डिजाइनर्स को काम की कोई कमी नहीं रहती।
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ग्राफिक डिजाइनर क्या करता है?
एक ग्राफिक डिजाइनर रिपोर्ट आदि के लिए विजुअल कंटेंट उपलब्ध कराता है। इसके लिए वह फोटोग्राफ, एनिमेशन आदि का इस्तेमाल करता है।
ग्राफिक डिजाइन के कौन कौन से प्रचलित कोर्स हैं?
ग्राफिक डिजाइन के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं बैचलर कोर्स अधिक प्रचलित है। यूं लोग मास्टर्स एवं डाक्टर्स भी इस विधा में करते हैं।
ग्राफिक डिजाइन के कोर्स के बाद क्या क्या करियर आप्शन हैं?
ग्राफिक डिजाइन के कोर्स के बाद कई करियर आप्शन हैं। जैसे-ग्राफिक डिजाइनर, आर्ट डायरेक्टर, फोटो एडिटर, मल्टीमीडिया डिजाइनर आदि।
ग्राफिक डिजाइन में बैचलर कोर्स करने के लिए क्या शैक्षिक योग्यता आवश्यक है?
आम तौर पर बैचलर कोर्स करने के लिए अभ्यर्थी को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 10+2 होना अनिवार्य है।
क्या किसी भी विषय का ग्रेजुएट ग्राफिक डिजाइन में मास्टर्स कोर्स कर सकता है?
जी नहीं, यह कोर्स करने के लिए अभ्यर्थी के पास डिजाइन में बैचलर्स डिग्री होनी आवश्यक है।
ग्राफिक डिजाइन के प्रतिष्ठित संस्थान कौन कौन से हैं?
इनका ब्योरा हमने आपको ऊपर पोस्ट में उपलब्ध कराया है। आसानी से आप वहां से देख सकते हैं।
दोस्तों, हमने आपको जानकारी दी कि आप ग्राफिक डिजाइनर कैसे बन सकते हैं? उम्मीद है कि यह जानकारी आपके बहुत काम आएगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल है तो सीधे नीचे लिखे कमेंट बाक्स में कमेंट करके हमें बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों का हमें हमेशा की तरह इंतजार है। ।।धन्यवाद।।
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