|| ग्रेच्युटी क्या होती है? | Gratuity kya hoti hai | ग्रेच्युटी कौन देता है? (Gratuity kaun deta hai | ग्रेच्युटी कितने वर्षों में मिलती है? (Gratuity kitne saal baad milti hai | ग्रेच्युटी कितने बर्षो तक व कैसे मिलती हैं? | ग्रेच्युटी की गणना कैसे करें? (Gratuity calculation in Hindi ||
Gratuity calculation in Hindi :- आज के समय में लगभग हर दूसरा व्यक्ति किसी ना किसी कंपनी या दुकान में किसी अन्य व्यक्ति के अंतर्गत नौकरी कर रहा होता है। फिर चाहे वह बड़ी कंपनी हो या कोई दुकान या शोरूम। नौकरी तो नौकरी होती है और बदले में उसे एक निश्चित वेतन मिलता है। अब वेतन तो एक सरकारी कर्मचारी का भी होता है तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर का भी और शोरूम में काम कर रहे सेल्समेन का भी। ऐसे में वह कंपनी अपने कर्मचारियों को कई तरह के लाभ प्रदान करती (Gratuity calculator 2024 in Hindi) है।
आज के समय में एक चीज़ और देखी जा रही है कि बहुत से लोग अपनी नौकरी को बदलने में देर नहीं लगाते हैं। वे कुछ महीने या कुछ वर्ष एक कंपनी में काम करते हैं तो अवसर मिलते ही कंपनी बदल लेते हैं और दूसरी कंपनी में काम करने लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में चाहे कोई भी कंपनी हो, वह अपने लॉयल कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के बाद कुछ लाभ प्रदान करती है जिसे हम सभी ग्रेच्युटी के नाम से जानते (Gratuity rules in Hindi) हैं।
आपमें से बहुत से लोगों या नौकरी पेशा लोगों को इस ग्रेच्युटी के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नही होगी। अब हम में से हर किसी ने ग्रेच्युटी का नाम तो सुन रखा होगा लेकिन यह होती क्या है और किसे इसका लाभ मिलता है और कब मिलता है, इसके बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं होती है। यही कारण है कि आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको ग्रेच्युटी के बारे में संपूर्ण विवरण देने जा रहे (Gratuity formula in Hindi) हैं।
ग्रेच्युटी क्या होती है? (Gratuity kya hoti hai)
सबसे पहले हम बात कर लेते हैं कि यह ग्रेच्युटी होती क्या है और यह किसे मिलती है, क्यों मिलती है, कौन देता है और कब देता है इत्यादि। तो ग्रेच्युटी की परिभाषा के अनुसार यह किसी भी कंपनी जहाँ पर 10 से ज्यादा कर्मचारी वार्षिक तौर पर काम करते हैं और वेतन पाते हैं, उस कंपनी के द्वारा अपने कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा जो कि न्यूनतम 5 वर्ष है, पार किये जाने पर उसे उसकी सैलरी व काम किये गए वर्षों के आधार पर गणना करके एक निश्चित राशि को ग्रेच्युटी के तौर पर दिया जाता (Gratuity kya hai) है।
एक तरह से सरल शब्दों में कहा जाए तो यदि कोई कर्मचारी किसी कंपनी में 5 वर्ष से अधिक काम कर लेता है तो वह उस कंपनी से ग्रेच्युटी के रूप में कुछ राशि को बोनस के रूप में प्राप्त करने का अधिकारी हो जाता है। इसके लिए ग्रेच्युटी की गणना उसके द्वारा कंपनी में काम किये गए वर्षों और उसकी अंतिम सैलरी के अनुसार निर्धारित की जाती है जो उसके खाते में जमा करवा दी जाती है। अब वह कर्मचारी कब उस ग्रेच्युटी को लेता है, यह उस पर निर्भर करता है। ऐसे में आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी अब मिलने वाली (Gratuity act kya hai) है।
ग्रेच्युटी कौन देता है? (Gratuity kaun deta hai)
अब यदि आप सोच रहे हैं कि केवल कंपनियों को ही अपने यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देनी होती है जबकि अन्य संस्थाएं या विभाग इसके अंतर्गत नहीं आते हैं तो आप गलत हैं। दरअसल इसमें भारत देश में काम कर रही छोटी से लेकर बड़ी कंपनी, उद्योग, सामाजिक संथाएं, NGO, दुकान, शोरूम, मॉल, सिनेमा हॉल इत्यादि कोई भी संस्था या फर्म आती है जो अपने यहाँ लोगों को काम करने के लिए भर्ती करती है या उन्हें नौकरी पर रखती है और उन्हें वेतन देती है।
अब इसमें केवल वे संस्थाएं या कंपनियां नहीं आती है जहाँ पर वार्षिक तौर पर 10 से कम कर्मचारी काम करते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप अपने शहर के बाजार में किसी कपड़े की दुकान में काम करते हैं लेकिन वहां सामान्य तौर पर 5 से 6 कर्मचारी ही काम करते हैं तो उस कंपनी को अपने लोगों को ग्रेच्युटी नहीं देनी होती है। भारत सरकार के नियमों के अनुसार जिस भी कंपनी या संस्था में 10 से अधिक कर्मचारी वार्षिक तौर पर नौकरी करते हैं और वेतन पाते हैं तो उस कंपनी या संस्था का यह दायित्व है कि वह अपने कर्मचारियों को 5 वर्ष के बाद ग्रेच्युटी प्रदान करे।
ग्रेच्युटी किसे मिलती है? (Gratuity kise milti hai)
अब आपने यह तो जान लिया है कि ग्रेच्युटी कौन देता है और इसमें सभी ऐसी कंपनियां आती हैं जहाँ पर सालाना तौर पर 10 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। तो ग्रेच्युटी मिलती किसे है, यह जानना भी जरुरी हो जाता है। बहुत से लोगों को लगता है और वे इस बात को लेकर संशय में आ जाते हैं कि यदि उनका कुल अनुभव 5 वर्ष से ज्यादा का हो गया है तो अब उन्हें ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए जबकि ग्रेच्युटी की गणना ऐसे नहीं की जाती है।
दरअसल इसमें आपके 5 वर्षों का अनुभव एक ही संस्था या कंपनी में लगातार काम करने का होना चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको किसी कंपनी से ग्रेच्युटी तभी मिल सकती है जब आप वहां पर लगातार 5 वर्ष या उससे अधिक कार्य करते रहें और साथ ही वहां पर वार्षिक तौर पर 10 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हों। यदि आप यह दोनों नियमों का पालन करते हैं तभी आप उस कंपनी से अपनी ग्रेच्युटी ले सकते हैं अन्यथा नहीं।
ग्रेच्युटी कितने वर्षों में मिलती है? (Gratuity kitne saal baad milti hai)
अब बहुत से लोगों को लगता होगा कि 5 वर्ष होते ही आपको अपनी कंपनी से ग्रेच्युटी मिल जाएगी जो कि सही भी है और नहीं भी। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह जरुरी नहीं है कि आपको 5 वर्ष का अनुभव होते ही या अपनी कंपनी में इतने वर्षों तक काम करते हुए ही ग्रेच्युटी मिल जाए। दरअसल यह उसी स्थिति में दी जाती है जब आप या तो उस कंपनी से अपना त्याग पत्र दे देते हैं या फिर आप सेवानिवृत हो रहे होते (Gratuity kitne saal par milti hai) हैं।
कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपको किसी कंपनी में काम करते हुए 7 वर्षों का अनुभव हो गया है तो उस स्थिति में आपको 5 वर्ष के बाद ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी। अब यदि आप 7 वर्ष के बाद उस कंपनी से अपना त्याग पत्र देते हैं तो आपको 7 वर्षों के अनुसार ग्रेच्युटी मिलेगी। वहीं यदि आपकी रिटायर होने की उम्र हो चुकी है और आप उस कंपनी में लम्बे समय तक काम करने के बाद रिटायर होने जा रहे हैं तो उस समय भी आपको ग्रेच्युटी मिलेगी। हालाँकि इसके लिए न्यूनतम समय सीमा 5 वर्ष की तो है (Gratuity kab milti hai) ही।
ग्रेच्युटी की गणना कैसे करें? (Gratuity calculation in Hindi)
अब आती है सबसे जरुरी बात और वह है ग्रेच्युटी की गणना किये जाने की। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह कैसे पता चलेगा कि आपके रिटायर या त्याग पत्र दिए जाने के बाद आपको उस कंपनी से कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी और कंपनी किस तरह से इसकी गणना करके आपको ग्रेच्युटी प्रदान करती है। इसका पता तो आपको भी होना चाहिए ताकि आपके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी ना होने पाए और आप अपने को मिलने वाली ग्रेच्युटी का पूरा पूरा लाभ उठा (Gratuity ka formula kya hota hai) पाएं।
तो ग्रेच्युटी की गणना करने के लिए भारत सरकार ने एक फॉर्मूला या नियम बनाया हुआ है जो सभी कंपनियों और संस्थाओं पर समान रूप से लागू होता है। ऐसे में यदि किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिलती है तो उसकी कंपनी उसी फॉर्मूला के तहत ही उसकी ग्रेच्युटी की गणना करेगी और उसे वह राशि देगी। तो ग्रेच्युटी को कैलकुलेट करने का फॉर्मूला (Gratuity nikalne ka formula kya hai) है।
कुल ग्रेच्युटी = कर्मचारी का कुल अनुभव (वर्षों में) * कर्मचारी के आखिरी महीने का वेतन * (15 / 26)
यह भारत सरकार के द्वारा ग्रेच्युटी की गणना करने के लिए बनाया गया फॉर्मूला है। तो इसे हम एक उदाहरण से समझ लेते हैं ताकि आपकी शंका का समाधान हो (Formula for gratuity calculation) सके। तो मान लीजिये कि राम को किसी कंपनी में काम करते हुए 10 वर्षों का अनुभव हो चुका है और उसके बाद वह या तो त्याग पत्र दे रहा है या फिर रिटायर हो रहा है। अब उसके अंतिम महीने का वेतन एक लाख रुपये था। तो इस हिसाब से ग्रेच्युटी की गणना इस प्रकार होगी।
कर्मचारी का कुल अनुभव (वर्षों में) = 10 वर्ष
कर्मचारी के आखिरी महीने का वेतन = 1,00,000
कुल ग्रेच्युटी = 10 * 100000 * 15 / 26 = 5,76,923 रुपये
तो ग्रेच्युटी की गयी गणना के अनुसार राम को उस कंपनी से रिटायर होने पर या त्याग पत्र दिए जाने पर वह कंपनी उसे लगभग 5 लाख 77 हज़ार रुपये उसकी सैलरी से अलग ग्रेच्युटी के तौर पर उसे प्रदान करेगी। तो इसी अनुसार हर कर्मचारी की ग्रेच्युटी कैलकुलेट की जाती है जो उसके काम करने के वर्ष और उसकी अंतिम महीने की सैलरी पर निर्धारित होती (Formula for gratuity) है।
ग्रेच्युटी में वर्षों की गणना कैसे करें?
अब बहुत से लोगों का यह भी प्रश्न होगा कि यदि किसी कर्मचारी को किसी कंपनी में 10 वर्ष 5 महीने का समय हो जाता है या 10 वर्ष 8 महीने का समय हो जाता है तो उस स्थिति में ग्रेच्युटी को कैलकुलेट करने में 10 वर्ष जोड़े जाएंगे या 11 वर्ष। तो इसके लिए भी भारत सरकार ने तय मापदंड बनाये हुए हैं जिनका पालन करना हर किसी को जरुरी होता है।
इस स्थिति में किसी कर्मचारी के द्वारा तय वर्ष की अवधि पूरा करने के बाद, जितने भी महीने ज्यादा काम किया जाता है और यदि वह 6 माह से कम है तो उतने ही वर्ष को ग्रेच्युटी में जोड़ा जाता है और 6 माह या उससे ज्यादा होने पर अगले वर्ष की संख्या को इसमें जोड़ा जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि किसी कर्मचारी को एक कंपनी में काम करते हुए 10 वर्ष 5 माह का समय हो गया है तो ग्रेच्युटी में 10 वर्ष ही जोड़े जाएंगे जबकि 10 वर्ष 8 माह का समय होने पर ग्रेच्युटी की गणना में 11 वर्ष जोड़े जाएंगे।
क्या ग्रेच्युटी पर टैक्स लगता है? (Gratuity taxable or not in Hindi)
बहुत से लोग इस बारे में भी जानना चाहते हैं कि क्या भारत सरकार ग्रेच्युटी पर किसी तरह का टैक्स या आयकर लेती है या नहीं। अब जिस भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिलती है, वह निश्चित तौर पर एक बड़ी रकम होती है ओर यदि उसे आय में जोड़ा जाए तो व्यक्ति को बहुत सारा टैक्स देना पड़ सकता है किन्तु वास्तविकता में ऐसा नहीं है। भारत सरकार के द्वारा किसी भी व्यक्ति के द्वारा ग्रेच्युटी मिलने पर उससे किसी भी तरह का टैक्स नहीं लिया जाता है।
सीधे शब्दों में कहा जाए तो भारत सरकार ग्रेच्युटी पर किसी भी तरह का टैक्स या कर नहीं लगाती है और यह पूर्ण रूप से टैक्स के दायरे से बाहर होता है। तो आप निश्चिंत हो जाएं क्योंकि आपको अपने को मिली ग्रेच्युटी पर किसी भी तरह का टैक्स भारत सरकार को या आयकर विभाग को नहीं देना पड़ेगा।
अधिकतम ग्रेच्युटी कितनी मिलती है? (Gratuity limit in India in Hindi)
अब किसी किसी कर्मचारी की सैलरी तो करोड़ो में होती है और कोई कोई कर्मचारी अपना पूरा जीवन ही एक ही कंपनी में काम करते हुए बिता देता है तो उस स्थिति में यदि वह कंपनी अपने कर्मचारी को उसके काम करने के अनुभव या उसकी सैलरी के अनुसार उसे ग्रेच्युटी देने लगेगी तो कंपनी की हालत ख़राब हो जाएगी और वह डूबने के कगार पर आ जाएगी। ऐसे में भारत सरकार ने कर्मचारियों के साथ साथ कंपनी के हितों को भी ध्यान में रखा है और उसी के अनुसार ही ग्रेच्युटी की एक लिमिट या सीमा तय की है।
ऐसे में किसी भी कर्मचारी के द्वारा त्याग पत्र दिए जाने या रिटायर होने की स्थिति में उसकी ग्रेच्युटी की गणना यदि 20 लाख से ज्यादा हो जाती है तो वह मान्य नहीं होगी। ऐसी स्थिति में कंपनी अधिकतम 20 लाख रुपये तक की ही ग्रेच्युटी अपने कर्मचारियों को प्रदान कर सकती है, उससे ज्यादा नहीं। अब यदि कोई कंपनी स्वयं से इससे ज्यादा रुपये ग्रेच्युटी के तौर पर देना चाहे तो वह उसकी अपनी इच्छा है लेकिन कानूनन रूप से वह 20 लाख रुपये तक की राशि को ही ग्रेच्युटी के तौर पर देने को बाध्य है।
कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर ग्रेच्युटी मिलती है या नहीं? (Gratuity in death case in Hindi)
अब जीवन का तो कोई भरोसा नहीं है, आज है और कल क्या पता हो ना हो। ऐसे में यदि किसी कर्मचारी को किसी कंपनी में काम करते हुए 5 वर्ष से अधिक का अनुभव हो गया है और वह ना तो त्याग पत्र देता है और ना ही वह रिटायर होता है जबकि उसकी किसी कारणवश बीच में ही मृत्यु हो जाती है तो क्या वह कंपनी ग्रेच्युटी देगी या (How is gratuity calculated for a death case in Hindi) नहीं।
उस स्थिति में उस कंपनी को उस कर्मचारी की ग्रेच्युटी कंपनी में जोइनिंग लेते समय भरे गए फॉर्म में दिए गए नॉमिनी के नाम वाले व्यक्ति को देनी होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि हर कंपनी अपने कर्मचारी के तौर पर एक नॉमिनी का नाम देने को कहती है ताकि ऐसी स्थिति में उसके नॉमिनी को पैसा दिया जा सके। तो उस स्थिति में उस कर्मचारी की जितनी भी ग्रेच्युटी बनती है, वह सब उसके नॉमिनी को दे दी जाती है।
क्या नोटिस पीरियड भी ग्रेच्युटी में गिना जाएगा? (Is notice period considered for gratuity in India in Hindi)
अब बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न भी होता है कि यदि वे 5 वर्ष की अवधि से पहले ही त्याग पत्र दे देते हैं और नोटिस पीरियड पर हैं तो क्या उन दिनों को ग्रेच्युटी में गिना जाएगा या नहीं। तो यहाँ हम आपको बता दें कि नोटिस पीरियड की अवधि को भी कार्य दिवस में गिना जाता है। अब मान लीजिये कि आपका नोटिस पीरियड 2 महीने का है और आपको एक कंपनी में काम करते हुए 4 वर्ष 10 महीने का समय हो गया है।
अब आप उस समय त्याग पत्र दे देते हैं तो कंपनी के नियमों के अनुसार आपको वहां पर 2 महीने और काम करना होगा। ऐसी स्थिति में आपके काम करने के 4 वर्ष 10 महीनो में उन 2 महीने के नोटिस पीरियड को भी गिना जाएगा और इनका योग 5 वर्ष हो जाएगा। तो उस स्थिति में आप उस कंपनी के ग्रेच्युटी पाने के पूरी तरह से हक़दार होंगे।
ग्रेच्युटी की गणना कैसे करें – Related FAQs
प्रश्न: ग्रेच्युटी निकालने का फार्मूला क्या है?
उत्तर: ग्रेच्युटी निकलने का फॉर्मूला कुल ग्रेच्युटी = कर्मचारी का कुल अनुभव (वर्षों में) * कर्मचारी के आखिरी महीने का वेतन * (15 / 26)।
प्रश्न: ग्रेच्युटी फार्मूला 2024 की गणना कैसे करें?
उत्तर: कुल ग्रेच्युटी = कर्मचारी का कुल अनुभव (वर्षों में) * कर्मचारी के आखिरी महीने का वेतन * (15 / 26)।
प्रश्न: ग्रेच्युटी लिमिट कितनी है?
उत्तर: ग्रेच्युटी लिमिट 20 लाख है।
प्रश्न: क्या मुझे 4.8 साल के लिए ग्रेच्युटी मिलेगी?
उत्तर: नहीं 5 साल के बाद ही आप ग्रेच्युटी के लिए मान्य होगे।
प्रश्न: भारत में ग्रेच्युटी कितने साल बाद लागू होती है?
उत्तर: भारत में ग्रेच्युटी 5 साल बाद लागू होती है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने ग्रेच्युटी की गणना करने के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। साथ ही आपने जाना कि ग्रेच्युटी क्या होती है किसे मिलती है कौन देता है कितनी मिलती है कितने वर्षों में मिलती है इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि कोई शंका या प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।