इन दिनों चिकित्सा पर होने वाला खर्च उठाना सबके बस की बात नहीं। दवाएं, उपचार आदि सब कुछ बहुत महंगा हो चला है। ऐसे में लोगों की जरूरत को देखते हुए विभिन्न बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करती हैं।
क्या आप जानते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस क्या होता है? इसके क्या क्या लाभ हैं? हेल्थ इंश्योरेंस कैसे लेते हैं? यदि नहीं तो तो चिंता मत करिए। आज हम आपको इस पोस्ट में इन्हीं सब सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे। आइए, शुरू करते हैं-
हेल्थ इंश्योरेंस क्या है? (What is health insurance?)
दोस्तों, हेल्थ (health) का अर्थ है स्वास्थ्य और इंश्योरेंस (insurance) का अर्थ है बीमा। इस प्रकार यह आपका स्वास्थ्य बीमा होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) एक ऐसा बीमा प्लान (insurance plan) है, जिसके जरिए बीमाधारक (insurance holder) को आपात चिकित्सा (medical emergency) की स्थिति में आर्थिक रूप से मदद मिलती है।
बीमाधारक का सर्जिकल खर्च (surgical expenses), देखभाल पर होने वाला व्यय एवं गंभीर बीमारी (serious illness) पर होने वाले खर्च को बीमाकर्ता (insurer) यानी बीमा कंपनी (insurance company) वहन करती है। हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (health insurance plan) के अंतर्गत बीमा कराने वाले यानी बीमाधारक को कैशलेस इलाज (cashless treatment) अथवा रिटर्न पेमेंट (return payment) का फायदा मिलता है।
हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी क्या होती है? (What is health insurance policy?)
मित्रों, हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी (health insurance policहिंदी में स्वास्थ्य बीमा नीति भी पुकारा जाता है। यदि बात बीमा पालिसी की करें तो एक हेल्थ बीमा पालिसी (health insurance policy) बीमाकर्ता कंपनी एवं बीमाधारक (insurer and insured) के बीच एक समझौता (contract) होता है।
जिसमें वह प्रीमियम भुगतान (premium payment) के बदले उसके स्वास्थ्य संबंधी रिस्क (health related risk) को कवर (cover) करने का वचन देता हैं। इसमें बीमा से जुड़ी सभी बातों का जिक्र होता है। इनसे सहमत होकर ही कोई भी व्यक्ति बीमा पालिसी खरीदता है।
अब आइए, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को समझ लेते हैं। दोस्तों, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (health insurance premium) वह राशि है, जो बीमाधारक अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर health (insurance provider) को चुकाता है, ताकि आपको मेडिकल इमरजेंसी के समय एक सुनियोजित वित्तीय सहायता (well planned financial help) मिल सके।
दूसरे शब्दों में आप यूं भी कह सकते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम वह आवधिक भुगतान (periodical payment) है, जो आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को करते हैं, ताकि स्वास्थ्य से संबंधित खर्चों के लिए आप उसकी सेवाओं का लाभ ले सकें।
हेल्थ इंश्योरेंस लेना क्यों जरूरी है? (What is it necessary to have health insurance?)
मित्रों, यह तो आप जानते ही हैं कि बीमारी कभी बताकर नहीं आती। इन दिनों कार्यालय एवं लाइफ स्टाइल (life style) से जुड़े इतने तनाव हैं कि व्यक्ति आसानी से रोगों का शिकार बन जाता है। इनमें से कई रोग गंभीर रूप भी धारण कर लेते हैं और कई में आपात चिकित्सा यानी इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं की आवश्यकता पड़ जाती है।
दूसरे इन दिनों इलाज कराना वैसे ही बहुत महंगा है। एक एक दिन का खर्च 50 हजार से ऊपर बैठता है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है। आपको बता दें दोस्तों कि मार्केट में कई कंपनियों के आकर्षक हेल्थ प्लान उपलब्ध हैं। व्यक्ति अपनी पसंद एवं जरूरत के अनुसार कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (health insurance plan) ले सकता है।
आपको यह जानकारी भी दे दें दोस्तों कि हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत मेडिकल कवर (medical cover) के अतिरिक्त बीमाधारक को इन्कम टैक्स एक्ट (income tax act)- 1961 की धारा 80 (डी) के तहत प्रीमियम भुगतान (premium payment) पर टैक्स छूट (tax rebate) भी प्राप्त होती है।
हेल्थ इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं? (Health insurance are of how many types?)
मित्रों, अब आपके मन में यह प्रश्न अवश्य उठ रहा होगा कि हेल्थ इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं? तो आपको बता दें कि हेल्थ इंश्योरेंस बीमाधारक की आवश्यकता के अनुसार इस प्रकार होते हैं-
1. क्षतिपूर्ति आधारित हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (compensation based health insurance plan):
ये परंपरागत यानी ट्रेडिशनल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (traditional health insurance plan) कहलाते हैं। इस प्रकार के प्लान के अंतर्गत बीमाधारक को अस्पताल में भर्ती होने के मामले में बीमाकर्ता द्वारा खर्चों की क्षतिपूर्ति (compensation of expenses) की जाती है।
या फिर बीमाधारक द्वारा चुने गए सम इंश्योर्ड (sum insured) के भीतर कैशलैस क्लेम सेटलमेंट (cashless claim settlement) किया जाता है। इस तरह के प्लान के जरिए डाक्टर की फीस, अस्पताल के कमरे का किराया, ओटी फीस, दवा एवं अन्य खर्च कवर किए जाते हैं।
2. फिक्स्ड बेनिफिट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (fixed benefit health insurance plan):
जब भी आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी (health insurance policy) का क्लेम (claim) करते हैं तो फिक्स्ड बेनिफिट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के जरिए आपको क्लेम की पूरी राशि का भुगतान प्राप्त हो जाता है। इस तरह के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान मूलतः एक्सीडेंट के मामले में, मौजूदा बीमारियों, गंभीर रोगों एवं अस्पताल में भर्ती होने संबंधी खर्च कवर करने में मदद करते हैं।
इसके अतिरिक्त हेल्थ इंश्योरेंस प्लान इस प्रकार से हैं-
पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस (personal health insurance)
यह एक सस्ता हेल्थ इंश्योरेंस प्लान होता है। यह एकल व्यक्ति को उसके मेडिकल बिलों (medical bills) से संबंधित कवर देता है। इसमें डे केयर प्रोसेस (day care process) के खर्च, बेरिएट्रिक सर्जरी, अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व एवं बाद के खर्च आर्गन डोनर (organ donor) से जुड़े खर्च, एंबुलेंस खर्च एवं डेली कैश आदि शामिल है।
फेमिली हेल्थ इंश्योरेंस (family health insurance)
यह प्लान कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के लिए लेता है। इसमें तत्काल फैमिली कवर (family cover), बेरिएट्रिक सर्जरी, अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व एवं पश्चात के खर्च, मैटरनिटी (maternity) एवं नियोनेटल केयर कवर (neonatal care cover) आदि शामिल हैं।
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस (critical illness insurance):
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है दोस्तों कि यह बीमा प्लान किसी भी व्यक्ति के जीवन को खतरे में डालने वाली बीमारियों, रोगों के प्रति के बड़ी मात्रा में पैसा या लागत लगने वाले इलाज को कवर प्रदान करता है। जैसे-कैंसर, ट्यूमर, स्ट्रोक आदि।
महिलाओं के लिए क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस (critical illness insurance for women):
दोस्तों, यह भी आप नाम से ही जान गए होंगे कि इस इंश्योरेंस प्लान के भीतर महिलाओं को होने वाले गंभीर रोगों के इलाज को कवर किया जाता है। जैसे-ब्रेस्ट कैंसर, वेजाइना कैंसर आदि।
सीनियर सिटीजंस के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance for senior citizens)
दोस्तों, वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकता अन्य नागरिकों से भिन्न होती है। बढ़ती उम्र की वजह से शरीर कमजोर हो जाता है। ऐसे में वे कई प्रकार की शारीरिक दिक्कतों से जूझ सकते हैं। उन्हें अपने रोगों के इलाज पर अपनी जेब पर बोझ न डालना पड़े, उसमें यह इंश्योरेंस प्लान मददगार है।
हेल्थ इंश्योरेंस के क्या लाभ हैं? (What are the benefits of health insurance?)
साथियों, अब हम आपको हेल्थ इंश्योरेंस के फायदों के बारे में जानकारी देंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-
1. कैश लैस सुविधा (cashless facility):
यह तो आप भी जानते होंगे कि अधिकांश मेडिकल इंश्योरेंस कंपनियां (medical companies) किसी न किसी अस्पताल संग जुडी हैं। इन अस्पतालों को इम्पैनल्ड अस्पताल (empanelled hospitals) पुकार जाता है। यदि आप इन अस्पतालों में इलाज कराने जाते हैं तो आपको कोई खर्च नहीं करना होगा।
यहां आपको इलाज की कैशलैस सुविधा मिलती है। केवल बीमा पालिसी नंबर (insurance policy number) बताकर आपका काम चल जाता है। अस्पताल के अधिकारी एवं बीमाकर्ता बाकी का काम कर देते हैं। इस सुविधा का लाभ यह है कि क्लेम (claim) करने एवं दस्तावेजों को जमा (documents submit) करने में कोई मुश्किल नहीं होतीं किंतु यदि आपका अस्पताल का बिल दी गई लिमिट से अधिक हो जाता है तो आपको बाकी पैसा सीधे अस्पताल में चुकाना होगा। यदि आप इम्पैनल्ड के अतिरिक्त किसी अन्य अस्पताल में इलाज कराते हैं तो आपको यह सुविधा प्राप्त नहीं होगी।
2. अस्पताल में भर्ती करने से पूर्व एवं पश्चात के खर्च (pre and post hospitalization expenses):
एक अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में यह भी शामिल होता है कि आपके अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व एवं पश्चात के सभी खर्चे बीमा कंपनी उठाएगी। लेकिन यह खर्च उन्हीं बीमारियों से संबंधित होने चाहिए, जिन्हें आपके बीमा प्लान में कवर किया गया है। जैसे कि यदि आपके बीमा प्लान में किडनी से संबंधित बीमारी को कवर किया गया है तो वह किसी अन्य बीमारी के इलाज के लिए भर्ती होने पर उसका खर्च नहीं उठाएगी।
यदि बीमाधारक को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता पड़ती है तो उसे एंबुलेंस से अस्पताल तक ले जाने का खर्च भी बीमाकर्ता कंपनी वहन करती है।
4. फ्री हेल्थ/मेडिकल चेक अप सुविधा (free health/medical checkup facility):
कई बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस होल्डर को मुफ्त मेडिकल/हेल्थ चेकअप (free medical/health checkup) की सुविधा देती हैं। कई इसे एड आन बेनिफिट (add on benefit) के रूप में प्रदान करती हैं। कुल मिलाकर इससे बीमा होल्डर (policy holder) को ही लाभ होता है। बीमित व्यक्ति प्रत्येक पालिसी वर्ष में इन मुफ्त प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप का लाभ उठा सकता है-
- ब्लड शुगर-फस्टिंग (blood sugar-fasting)
- ब्लड यूरिया (blood urea)
- एचबीए1सी (hbA1c)
- ईसीजी (ECG)
- हीमोग्राम एवं ईएसआर (hemogram and esr)
- लिपिड प्रोफाइल (lipid profile)
- लिवर फंक्शन टेस्ट (liver function test)
- सीरम क्रिएटिनिन (cerum creatinine)
- टी3/टी4/टीएसएच (T3/T4/TSH)
- यूरिन टेस्ट-रूटीन (urine test-routine)
5. कर छूट का लाभ यानी टैक्स बैनिफिट (tax rebate benefit):
मित्रों, इस संबंध में हमने आपको ऊपर भी बताया है कि हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने पर बीमा होल्डर को इन्कम टैक्स एक्ट- 1961 की धारा 80 डी के तहत टैक्स छूट का लाभ प्राप्त होता है। यह छूट उसे बीमा प्रीमियम के भुगतान (insurance premium payment) पर प्राप्त होती है।
मान लीजिए कि आपकी उम्र 60 वर्ष से कम है तो आप 25 हजार रूपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं। इसी प्रकार यदि आपकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो आप अधिकतम 50 हजार रूपये तक की टैक्स छूट भी प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप अपने मां-बाप के लिए हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम पे कर रहे हैं तो आप अधिकतम 55 हजार रूपये तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
6. नो क्लेम बोनस (no claim bonus):
यदि कोई बीमाधारक किसी वर्श बीमा पालिसी पर कोई दावा यानी क्लेम नहीं करता तो उसे अगले वर्ष नो क्लेम बोनस (no claim bonus) यानी एनसीबी (NCB) प्राप्त होता है। यह बोनस उसे बीमा राशि में बढ़ोत्तरी अथवा प्रीमियम लागत (premium cost) पर छूट के रूप में मिल सकता है। यह लाभ पालिसी रिन्यूअल (policy renewal) पर भी प्राप्त किया जा सकता है।
7. पूर्व की बीमारियों पर भी कवर (cover on old disease):
साथियों, आपको बता दें कि बहुत सी बीमा कंपनियां ऐसी भी हैं, जो पालिसी शुरू होने के 2 से 4 वर्ष के पश्चात, जो कि वेटिंग पीरियड (waiting period) होता है, बीमा होल्डर (insurance holder) को पूर्व से रहने वाली बीमारी जैसे-डायबिटीज (diabetes), हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) जैसी बीमारियों का भी कवर प्रदान करना शुरू कर देती हैं। इसके बारे में आपको प्लान लेते वक्त जानकारी दी जा सकती है।
हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए आवश्यक पात्रता/योग्यता क्या क्या है? (What are the eligibilities to take health insurance?)
मित्रों, अब हम आपको जानकारी देंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए आवश्यक पात्रता अथवा योग्यता क्या क्या हैं। ये इस प्रकार से हैं-
बीमा अनुबंध में प्रवेश की उम्र (entry age for insurance contract):
बीमा प्लान के लिए आवेदकों की प्रवेश आयु न्यूनतम 18 वर्ष एवं अधिकतम 65 वर्ष हो (कुछ प्लान में यह 70 वर्ष अथवा इससे अधिक भी है)। वहीं, बच्चों की प्रवेश आयु 90 दिन यानी तीन माह से लेकर 18 वर्ष एवं कुछ योजनाओं में 25 वर्ष भी हो सकती है।
प्री-मेडिकल स्क्रीनिंग (pre medical screening): ज्यादातर कंपनियां 45 वर्ष से अधिक के आवेदकों की प्री-मेडिकल स्क्रीनिंग करती हैं।
प्री-मेडिकल टेस्ट (pre-medical test): अधिकांश बीमा कंपनियां सीनियर सिटीजंस (senior citizens) की बीमा पात्रता जानने के लिए उनका प्री-मेडिकल टेस्ट कराती हैं।
मेडिकल हिस्ट्री (medical history): कंपनी को अपनी मेडिकल हिस्ट्री की पूरी जानकारी देनी होगी कि कहीं आपको पूर्व में तो कोई बीमारी नहीं।
हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए आपको कौन कौन से दस्तावेज चाहिए? (What documents you need to take health insurance?)
अब हम आपको यह जानकारी देंगे कि आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए कौन कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। ये इस प्रकार से हैं-
- पालिसी प्रपोजल फार्म (policy proposal form)।
- पहचान प्रमाण पत्र (identity proof) : पहचान के प्रमाण के बतौर आवेदक इनमें से कोई दस्तावेज (proof) जमा कर सकता है-
- आधार कार्ड (aadhar card)
- वोटर आईडी (voter ID)
- पैन कार्ड (PAN card)
- ड्राइविंग लाइसेंस (driving licence)
- पासपोर्ट (passport)
3. निवास प्रमाण पत्र (residence proof): इसके रूप में आवेदक इनमें से कोई भी एक प्रूफ पेश कर सकता है-
- आधार कार्ड (aadhar card)
- वोटर आईडी (voter ID)
- पासपोर्ट (passport)
- ड्राइविंग लाइसेंस (driving licence)
- आधार कार्ड (aadhar card)
- बिजली का बिल (electricity bill)
4. आयु प्रमाण पत्र (age proof): आयु के प्रूफ के तौर पर भी इनमें से कोई एक दस्तावेज (document) जमा कराया जा सकता है-
- बर्थ सर्टिफिकेट (birth certificate)
- आधार कार्ड (aadhar card)
- पैन कार्ड (PAN card)
- पासपोर्ट (passport)
- वोटर आईडी (voter ID)
- ड्राइविंग लाइसेंस (driving licence)
- 10वीं/12वीं की मार्कशीट (marksheet)
- आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ (passport size photograph)
हेल्थ इंश्योरेंस कैसे लेते हैं? (How to take health insurance?)
साथियों, यदि आप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (health insurance plan) लेना चाहते हैं तो हम आपको बताएंगे कि आप ऑफलाइन एवं आनलाइन (offline and online) हेल्थ इंश्योरेंस कैसे ले सकते हैं। पहले आनलाइन की बारी। आप जिस कंपनी का हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहते हैं, उसकी वेबसाइट (website) पर जाकर आनलाइन इंश्योरेंस प्लान (online insurance plan) खरीद सकते हैं।
हम आपको इसकी प्रक्रिया (process) एक उदाहरण (example) के जरिए समझाते हैं। मान लीजिए कि आप बजाज एलियांज (Bajaj Allianz) से हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो आनलाइन पालिसी (online policy) लेने के लिए आपको यह कदम उठाने होंगे-
स्टेप-1.सबसे पहले बजाज एलियांज (Bajaj Allianz) की आधिकारिक वेबसाइट https://www.bajajallianz.com/ पर जाएं।
स्टेप-2.आप जो भी हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं उसे सेलेक्ट करें।
स्टेप-3.अब आपको अपना सारा व्यक्तिगत ब्योरा यानी पर्सनल इंफार्मेशन (personal information) भरनी होगी। जैसे-आपका नाम, आपकी जन्म तिथि, हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी, जो आप लेना चाहे हैं, परिवार के जिन अन्य सदस्यों के लिए आप कवर चाहते हैं, उनका ब्योरा, अपने शहर का पिन कोड नंबर, अपना मोबाइल नंबर आदि। इतना करने के पश्चात गेट माई कोट (get my quote) के आप्शन पर क्लिक करें।
स्टेप-5.इतना करते ही आपके हेल्थ इंश्योरेंस का कोट व प्रीमियम का ब्योरा (details of premium) आपकी स्क्रीन (screen) पर आ जाएगा। अब आप अपनी सुविधा के अनुसार को पेमेंट (co payment) का चयन कर सकते हैं।
स्टेप-6.इतना करने के पश्चात कन्फर्म प्लान (confirm plan) के आप्शन पर क्लिक कर दें।
आनलाइन पेमेंट (online payment) के पश्चात आपकी पालिसी की साफ्ट कापी (soft copy) तुरंत आपके पास मेल के जरिए भेज दी जाएगी।
आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि विभिन्न कंपनियों के इंश्योरेंस प्लान अब कंपनियों के एप (app) पर भी उपलब्ध है। इनमें से अधिकांश गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर मुहैया हो जाते हैं। आप इनका भी लाभ उठा सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस आफलाइन कैसे लें? (How to take health insurance plan offline?)
इसके लिए आप संबंधित हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी (health insurance company) के कार्यालय जा सकते हैं अथवा उनके प्रतिनिधि (representative) को काल कर अपने पास बुला सकते हैं। वह आपको प्लान (plan) समझाएगा। जिसके आधार पर आप अपना मनपसंद प्लान चुन सकते हैं। अपनी और अपने परिजनों, जिनके लिए आप कवर (cover) खरीदना चाहते हैं के लिए इनीशियल प्रीमियम (initial premium) के भुगतान (payment) के बाद आप पालिसी होल्डर (policy holder) बन जाते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पूर्व किन बातों का ध्यान रखें? (What things to be kept in mind before taking health insurance?)
मित्रों, हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेशक बेहद जरूरी है, लेकिन आपको आंखें बंद करके किसी भी इंश्योरेंस कंपनी का प्लान लेने से बचना चाहिए। आपको हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी खरीदने से पूर्व कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए, जो कि इस प्रकार से हैं-
- सबसे पहले मार्केट में उपलब्ध विभिन्न बीमा कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स का तुलनात्मक अध्ययन (comparative study) कर लें।
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करने वाली बीमा कंपनी की विश्वसनीयता (credibility) जांच लें।
- आप जो भी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ले रहे हों, उसमें देख लें कि क्या क्या कवर किया गया है? एड आन लाभ (add on benefit) क्या क्या हैं।
- इन दिनों कोरोना सर्वाधिक संक्रामक बीमारी है। आईआरडीए (IRDA) के निर्देशानुसार कंपनी इसके कवरेज के क्लेम (claim) को टाल नहीं सकती, लेकिन आप यह भी जानिए कि क्या वह पीपीई किट, मास्क, आक्सीमीटर, वेंटिलेटर जैसे खर्च कवर कर रही है या नहीं।
- केवल हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान की तुलना करके ही प्लान न खरीदें। सस्ते प्रीमियम का मतलब हमेशा अच्छा इंश्योरेंस नहीं होता। योजना के तहत दिए जा रहे लाभों एवं कवरेज की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ही बीमा लें।
- जब भी बीमा प्लान चुनें तो उसकी क्लेम पेमेंट हिस्ट्री (claim payment history) देख लें। अच्छे क्लेम सेटलमेंट रिकार्ड (claim settlement record) वाली कंपनी से ही बीमा प्लान (insurance plan) लें।
- यह तो आप जानते हैं कि विभिन्न हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी (health insurance policy) द्वारा कवर किए जा रहे खर्चों की सीमा निर्धारित है। ऐसे में आप पालिसी के तहत कैप (cap), सब लिमिट (sub limit), को-पेमेंट (co-payment) पर भी ध्यान दें। बेशक कई बार कैप आपके प्रीमियम भुगतान राशि (premium payment amount) को कम करते हैं, लेकिन भविष्य में मिलने वाले लाभों पर असर डालते हैं।
- जिस बीमा कंपनी का कवरेज आप लेने जा रहे हैं, उससे पहले यह देख लें कि उसका नेटवर्क (network) कैसा है। आपके निकटतम कितने अस्पताल उसके पैनल में हैं। इससे आपको किसी भी इमरजेंसी के वक्त सुविधा होगी।
- प्लान लेते वक्त प्रीमियम बढ़ोत्तरी के नियमों को ध्यान से पढ़ें। क्योंकि कई बार बीमाकर्ता कंपनी जब यह देखती है कि पालिसी होल्डर के बीमार होने की आशंका अधिक है तो वह प्रीमियम बढ़ा देती है।
- यदि आप फैमिली इंश्योरेंस प्लान खरीद रहे हैं तो देख लें कि इसके तहत कितने सदस्यों को कवर किया जाना है। जैसे कि यदि आपके माता-पिता के पास पहले से ही हेल्थ इंश्योरेंस हो तो आप अपने लिए सिंगल हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी ले सकते हैं। वहीं, यदि आप विवाहित हैं तो आप वह पालिसी लें, जो आपके माफिक हो।
- आप कोई भी ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लें, जो कि आपको पोर्टेेबिलिटी (portability) की सुविधा प्रदान करे। पूर्व में बीमाधारक केवल एक ही कंपनी के साथ जुड़े रहते थे, लेकिन अब आप अपना प्लान ट्रांसफर (plan transfer) कर सकते हैं। बहुत सारी कंपनियां यह सुविधा मुफ्त देती हैं तो कई शुल्क वसूलती हैं। आप इस बारे में पहले से मालूमात कर लें।
- कंपनी का फ्री लुक पीरियड (free look period) जान लें। मित्रों, अधिकांश कंपनियों में फ्री लुक पीरियड 15 दिन होता है। इस अवधि में आप पालिसी जांच सकते हैं और र्प्याप्त न पाने पर इसे रद्द कर सकते हैं। आपसे कोई कैंसिलेशन शुल्क (cancellation fee) नहीं लिया जाता।
- पालिसी की समाप्ति के बाद आपके पास अपनी पालिसी रिन्यू (policy renewal) कराने के लिए जो वक्त होता है, उसे ग्रेस पीरियड (grace period) कहा जाता है। यदि आप इन दिनों में पालिसी रिन्यू कराते हैं तो आपको वेटिंग पीरियड (waiting period), पहले से मौजूद बीमारियों आदि का लाभ मिलेगा।
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में क्या क्या कवर नहीं किया जाता? (What is not covered in a health insurance plan?)
अब हम आपको यह बताएंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में क्या क्या शामिल नहीं किया जाता।
- युद्ध/परमाणु क्रिया/खुदकुशी/आतंकवाद की वजह से होने वाली चोटों का खर्च।
- यदि मैटरनिटी राइडर नहीं जुड़ा है तो मातृत्व/नवजात शिशु के लिए होने वाले खर्च।
- पालिसी के 30 दिन यानी एक माह के वेटिंग पीरियड के भीतर एक्सीडेंट की वजह से इमरजेंसी इलाज के दौरान हुआ खर्च।
- प्राणघातक रोग जैसे एड्स अथवा इसके समकक्ष कोई बीमारी।
- गंभीर बीमारी एवं दो से चार वर्ष की अवधि के दौरान पहले से मौजूद बीमारियों का कवर।
- दांत अथवा आंख की सर्जरी।
- गैर-एलोपैथिक इलाज।
- अस्पताल में भर्ती, पुनर्वास अथवा सामान्य बीमारियों के खर्च।
- विदेश में चिकित्सा पर हुआ खर्च।
- अयोग्य मेडिकल प्रोफेशनल से इलाज पर हुआ खर्च।
अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी को पोर्ट कैसे करें? (How. To port your insurance policy?)
हमने आपको फपर पोस्ट में बताया कि अब बहुत सी कंपनियां पालिसी पोर्ट (policy port) करने की भी सुविधा दे रही हैं। आप भी इस सुविधा का लाभ निम्न विकल्पों के आधार पर उठा सकते हैं।
–
- एक हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर से दूसरे हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर को स्विच करके।
- वर्तमान हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर के साथ दूसरे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में स्विच करके।
- पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस से फैमिली इंश्योरेंस प्लान में स्विच करके।
- नई बीमा कंपनी के साथ रिवाइज्ड सम इंश्योर्ड पर स्विच करके।
कोई बीमाधारक अपनी पालिसी पोर्ट कैसे कर सकता है? (How an insurer can port his policy?)
यदि आप भी अपनी इंश्योरेंस पालिसी पोर्ट करना चाहते हैं तो यह कदम उठाएं-
- मित्रों, जान लें कि आप केवल पालिसी रिन्यूअल के समय ही अपनी पालिसी पोर्ट कर सकते हैं। ऐसे में आपको रिन्यूअल के 45 दिन पूर्व पोर्ट करने की अर्जी अपनी वर्तमान बीमा कंपनी को पेश करनी होगी।
- वर्तमान बीमा कंपनी को अपनी नई बीमा कंपनी का नाम बताना होगा।
- याद रखें कि आपके पालिसी रिन्यूअल के बीच कोई विराम न हो।
- सब कुछ ठीक रहने पर एक नियत अवधि में आपकी पालिसी पोर्ट कर दी जाएगी।
हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी पोर्ट करने के लिए कौन से कागजात जरूरी हैं? (What documents one should have to port his/her health insurance policy?)
- पोर्टेबिलिटी प्रपोजल फार्म।
- आवेदक की पिछली पालिसियां।
- आवेदक ने जो क्लेम लिए हैं, उनका ब्योरा।
- आवेदक के आयु संबंधी प्रमाण।
- अन्य कोई सपोर्टिव दस्तावेज जैसे-डिस्चार्ज कार्ड (discharge card), जांच रिपोर्ट (investigation report), लेटेस्ट प्रेस्क्रिप्शन (latest prescription,), क्लीनिकल कंडीशन (clinical condition) आदि का कागज।
- बीमा कंपनी द्वारा मांगा गया कोई अन्य दस्तावेज।
हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं? (What documents are needed to claim health insurance?)
मित्रों, जब हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने का वक्त आता है तो पालिसी होल्डर (policy holder) को यह भी नहीं पता कि उसे इंश्योरेंस क्लेम (insurance claim) के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। यदि आप भी ऐसे ही लोगों में हैं तो हम आपको बताएंगे कि क्लेम के लिए आपको किन कागजों को दुरूस्त रखना होगा। ये इस प्रकार से हैं-
- बीमा कर्ता कंपनी के नेटवर्क अस्पताल द्वारा दिया गया डिस्चार्ज कार्ड।
- मरीज के अस्पताल में भर्ती होने का बिल आधिकारिक हस्ताक्षर के साथ।
- संबंधित डॉक्टर का प्रेस्क्रिप्शन एवं मेडिकल स्टोर का बिल।
- इंश्योरेंस पालिसी होल्डर के साइन के साथ क्लेम लेटर।
- वैध जांच रिपोर्ट।
- डाक्टरों द्वारा निर्धारित, यूज की गई एवं डिस्पोजेबल मैटीरियल की सूची, पूरे ब्योरे के साथ।
- डाक्टर का कंसल्टेशन बिल।
- पिछले एवं चालू वर्ष की इंश्योरेंस पालिसी की कापी/टीपीए आईडी कार्ड (TPA Id card) की कापी।
- टीपीए द्वारा मांगा गया कोई अन्य दस्तावेज।
साथियों, ऐसे बहुत से कारक हैं, जो आपके हेल्थ इंश्योरेंस को प्रभावित करते हैं। ये इस प्रकार से हैं-
उम्र (age): यह हेल्थ इंश्योरेंस को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा कारक है। बूढ़े लोगों की तुलना में युवाओं का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कम होता है, क्योंकि इनके संबंध में बीमारियों का जोखिम (risk) कम होता हैं।
मेडिकल हिस्ट्री (medical history): यदि किसी व्यक्ति के परिवार में पहले से ही किसी बीमारी का इतिहास रहा है अथवा मेडिकल हिस्ट्री थोड़ी कांप्लिकेटेड (complicated) रही है तो प्रीमियम बढ़ाया जा सकता है।
लिंग (zender): पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है, क्योंकि रिकार्ड के अनुसार पुरुषों की अपेक्षा अस्पताल में उनकी अधिक आवाजाही होती है।
धूम्रपान/तंबाकू का सेवन (smoking/tobaco): यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान अथवा तंबाकू का सेवन करता है तो उसकी प्रीमियम कास्ट (premium cost) अधिक हो सकती है, क्योंकि उसकी गले, श्वसन आदि रोग से पीड़ित होने की आशंका अधिक होती है।
कवर किए गए सदस्यों की संख्या (numbers of people covered): यदि आपने फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (family floaters health insurance plan) लिया है तो जब भी आप अपने प्लान में बीमित सदस्यों की संख्या बढ़ाते हैं तो प्रीमियम बदल जाता है।
बीमाधारक का बीएमआई (BMI of insurance holder): बीएमआई, जिसे हम बाडी मास इंडेक्स (body mass index) भी कहते हैं, यह किसी व्यक्ति की ऊंचाई एवं वजन का अनुपात (ratio) है। यदि किसी व्यक्ति का बीएमआई अधिक है तो उसे अधिक प्रीमियम (premium) चुकाना पड सकता है।
सेलेक्टेड सम इंश्योर्ड (selected sum insured): आपको कितना हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (health insurance premium) चुकाना होगा, यह दरअसल आपके द्वारा लिए गए प्लान, कवर (plan, cover) आदि पर निर्भर करता है। उसी के अनुसार यह कम अथवा अधिक हो सकता है।
अब सवाल यह उठता है मित्रों कि अपने और अपने परिवार के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने के लिए बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का चुनाव कैसे करें। इसके कुछ आधार हैं। आपको एक कंपनी में यह बातें देखनी होंगी-
- यह जांच लें कि कंपनी ने अब तक कितनी पालिसियां बेची हैं।
- कंपनी सभी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस आफर करती हो।
- भुगतान किए क्लेम (paid claim) अर्जित प्रीमियम (earned premium) से अधिक हों।
- कैशलेस सुविधाओं (cashless facilities) के लिए नेटवर्क अस्पतालों की सूची (list) बड़ी हो।
- 24×7 कस्टमर केयर सपोर्ट (customer care support) मिल रही हो।
- क्लेम सेटलमेंट एवं पालिसी रिन्यूअल (claim settlement and policy renewal) की प्रक्रिया (process) आसान हो।
- वेबसाइट्स एवं सोशल मीडिया (websites and social media) पर संबंधित कंपनी के ग्राहकों के रिव्यू (review) अवश्य पढ़ें।
- 360 डिग्री कस्टमर हेल्प (customer help)।
- जानकारी को एक्सेस (access) करने के लिए एवं लाभ उठाने के लिए कंपनी की डिजिटल प्रेजेंस (digital presence) हो।
भारत की कुछ बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कौन सी हैं? (Which are the same good health insurance companies?)
मित्रों, यदि आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि देश में हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा प्रदान करने वाली आईआरडीए (IRDA) से अनुमोदित कुछ महत्वपूर्ण कंपनियां कौन कौन सी हैं। कुछ के नाम इस प्रकार से है-
- बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी
- आदित्य बिड़ला कैपिटल
- एको जनरल
- भारती एक्सा आदि।
हेल्थ इंश्योरेंस क्या होता है?
हेल्थ इंश्योरेंस एक ऐसा प्लान होता है, जिसके जरिए एक निश्चित प्रीमियम के भुगतान के बदले व्यक्ति के स्वास्थ्य/चिकित्सा संबंधी खर्चों को कवर किया जाता हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस कराना क्यों आवश्यक है?
बीमारी कभी कहकर नहीं आती। इन दिनों इलाज भी बहुत महंगे हैं। ऐसे में सावधानी बरतते हुए पहले ही हेल्थ इंश्योरेंस करा लेना बेहद आवश्यक है।
हेल्थ प्रीमियम को कौन कौन से कारक प्रभावित करते हैं?
बीमाधारक की उम्र, लिंग, सम इंश्योर्ड, उसकी धूम्रपान/तंबाकू सेवन की आदत आदि ऐसे कारक हैं, जो हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस चुनते हुए किन बातों का ध्यान रखें?
सबसे पहले बीमा कंपनी की विश्वसनीयता जांचें और अपनी जरूरत के अनुसार बीमा प्लान खरीदें। बाकी प्वाइंट्स हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताए हैं, आप वहां से पढ़ सकते हैं।
आनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस कैसे खरीदा जा सकता है?
इसे आप संबंधित कंपनी की वेबसाइट अथवा एप के जरिए खरीद सकते हैं। हमने उदाहरण सहित प्रक्रिया ऊपर पोस्ट में समझाई है। वहां से देख सकते हैं।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में हेल्थ इंश्योरेंस क्या है? स्वास्थ्य बीमा कैसे लेते हैं? विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उम्मीद है कि इस पोस्ट में आपको आपके हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। यदि आपको यह पोस्ट उपयोगी लगी है तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बताएं एवं इसे अन्य लोगों के साथ भी शेयर (share) करना न भूलें। ।।धन्यवाद।।