|| होम लोन पर टैक्स छूट कितनी मिलती है? | Home loan tax benefit in Hindi | Tax deduction on home loan in Hindi | धारा 80 सी के तहत होम लोन के मूलधन पर टैक्स छूट | इनकम टैक्स में होम लोन का क्या फायदा है? | हाउस लोन से टैक्स कैसे बचाएं? ||
Home loan tax benefit in Hindi, अपना घर हो और अच्छा सा घर हो, यह हर किसी का सपना होता है। आज के समय में लोग अपना घर बनाने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। उसके लिए वे दिन रात मेहनत करते हैं और तब जाकर उनके सपनों का घर खड़ा हो पाता है। वो कहते हैं ना कि एक पीढ़ी में घर एक बार ही बन पाता है और उसके बाद तो दूसरी पीढ़ी ही उस घर को नया आकार देती है। वैसे आज के समय में बहुत से लोग होम लोन लेकर भी घर बनाते हैं और फिर समय के साथ साथ उसकी किश्तों का भुगतान करते रहते (Tax deduction on home loan in Hindi) हैं।
तो यदि आपने भी होम लोन लिया हुआ है और अब आप सालाना तौर पर भरे जाने वाले इनकम टैक्स से बचने या उसे कम करने के लिए उसमें टैक्स छूट चाहते हैं तो आज हम आपके साथ इसी विषय पर ही बात करने जा रहे हैं। आज के इस लेख को पढ़ कर आपको यह जानने को मिलेगा कि किस तरह से आप होम लोन पर चुकाई जाने वाली रकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं और कितनी तक की पा सकते हैं। आइये जाने इसके बारे में विस्तार (Tax benefit on home loan in Hindi) से।
होम लोन पर टैक्स छूट कितनी मिलती है? (Home loan tax benefit in Hindi)
आज के समय में होम लोन हर तीसरे व्यक्ति के द्वारा लिया जा रहा है और लगभग सभी बैंक लोगों को होम लोन की सुविधा दे रहे हैं। इतना ही नहीं, भारत सरकार भी इसमें देशवासियों की सहायता कर रही है और जरुरतमंदों को निःशुल्क आवास की सुविधा दी जा रही है। इतना ही नहीं, उन्हें बेहद सस्ती ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि उन्हें पैसा चुकाने में किसी तरह की समस्या का सामना ना करना (How much home loan is tax free in Hindi) पड़े।
इसी तरह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के द्वारा लोगों के आय कर में भी इसे लेकर कई तरह के नियम बनाये गए हैं जिनके तहत आपको होम लोन में कई तरह की टैक्स छूट मिल जाती है। ऐसे में आज हम आपको होम लोन लेने पर मिलने वाली टैक्स छूट के बारे में ही विस्तार से बताने वाले (Tax deduction on home loan in Hindi) हैं। इसके तहत आपको पांच तरह से होम लोन पर टैक्स छूट मिल सकती हैं। हालाँकि इसी के साथ ही आपको कुछ नियम और शर्तों का भी पालन करना होगा। आइये उनके बारे में जान लेते हैं।
धारा 80 सी के तहत होम लोन के मूलधन पर टैक्स छूट (Section 80c of income tax act in Hindi)
यदि आपको होम लोन की मूल राशि या मूल धन पर टैक्स छूट चाहिए तो उसके लिए यह एकमात्र धारा होती है जिसका लाभ आप उठा सकते हैं। यह आपको होम लोन या आवासीय ऋण के मूल धन अर्थात प्रिंसिपल अमाउंट पर कर छूट की सुविधा प्रदान करती है। अब चाहे आपने कितना भी बड़ा लोन लिया हो लेकिन आप हर वर्ष उसके मूल धन का एक हिस्सा चुकाते होंगे। ऐसे में उसी वर्ष के दौरान भरे जाने वाले इनकम टैक्स पर आपको उस राशि पर टैक्स छूट की सुविधा मिलती (Section 80c home loan in Hindi) है।
अब इस राशि की भी एक सीमित मात्रा होती है और उसके साथ कुछ नियम व शर्तें भी जोड़ी गयी है। आइये जाने इन सभी के बारे में एक एक करके विस्तार से।
कितनी टैक्स छूट मिलती है?
अब यदि आप धारा 80 सी के तहत होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट का लाभ उठाना चाहते हैं तो उसके तहत आपको अधिकतम डेढ़ लाख (1.5 लाख) तक की राशि पर ही टैक्स छूट मिला करेगी। आइये इसे हम उदाहरण सहित समझा देते हैं। यदि आपने अपने घर के लिए 20 लाख का लोन अगले 10 वर्षों के लिए लिया है तो आपको हर वर्ष दो लाख रुपये का मूल धन लौटना होगा। इसमें उस राशि पर लगने वाले ब्याज व अन्य चीज़ों की गणना नहीं की जाएगी।
तो आपको हर वित्त वर्ष में उस मूल धन का 2 लाख रुपये लौटाना होगा। तो जब आप वित्त वर्ष के अंत में अपना आय कर भर रहे होंगे तो आप होम लोन की चुकाई गयी 2 लाख की राशि में से डेढ़ लाख की राशि को होम लोन में दिखा सकते हैं और उसे टैक्स के दायरे से बाहर करवा सकते हैं। बाकि के बचे हुए 50 हज़ार की राशि पर आपको आय कर चुकाना होगा। इस तरह से आप डेढ़ लाख की राशि पर लगने वाले टैक्स से बच जाएंगे।
धारा 80 C के नियम व शर्तें
अब आपको इस धारा 80 सी के तहत मिलने वाले लाभ के साथ साथ उसके तहत आने वाले नियम व शर्तों का भी पालन करना होगा। तो आपने जिस जमीन या घर के लिए उस होम लोन को उठाया है, उसको अगले पांच वर्षों तक बेचा नहीं जा सकेगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपने जिस तिथि को वह घर या जमीन खरीदी है, उसके पांच वर्षों तक आप उसे किसी को बेचेंगे नहीं। वह इसलिए क्योंकि बहुत से लोग टैक्स बचाने के लिए ही इस तरह के कांड करते नज़र आते हैं।
धारा 24 बी के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट (Section 24 b of income tax in Hindi)
होम लोन पर आपको भारी भरकम ब्याज भी चुकाना होता है। ऐसे में आपके द्वारा ब्याज के रूप में जो राशि चुकाई जा रही है, उस पर भी आय कर में टैक्स छूट पायी जा सकती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसमें आपके मूल धन पर टैक्स लगेगा लेकिन आपके द्वारा ब्याज की जो राशि चुकाई जा रही है, उस राशि को आय कर में से बाहर कर दिया जाएगा।
अब यह राशि पहले वाली धारा की तुलना में अधिक होती है और आप ज्यादा लाभ में रहते हैं किन्तु इसमें नियम व शर्तें भी थोड़े जटिल रखे गए हैं। ऐसे में हम आपको दोनों के बारे में ही विस्तार से बता देते हैं।
धारा 24 बी के तहत मिलने वाली टैक्स छूट
अब यदि आपने होम लोन लिया हुआ है और वह चाहे कितना भी है लेकिन आपको लोन की अवधि के दौरान कुल 10 लाख का टैक्स 4 वर्षों में देना है तो आपको हर महीने 2.25 लाख रुपयों का भुगतान बैंक या उस संस्था को करना होगा जहाँ से आपने लोन लिया है। ऐसे में आपको इस 2.25 लाख की ब्याज राशि में से 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट इस धारा के तहत मिल जाएगी।
तो इस तरह से आप धारा 24 B के तहत अपने 2 लाख रुपये की राशि पर लगने वाले आय कर को बचाने में सक्षम होंगे। बाकि की बची हुई 25 हज़ार की राशि पर आपको पहले की तरह ही टैक्स चुकाना होगा।
धारा 24 B के नियम व शर्तें
अब आपको धारा 24 बी के तहत भारत सरकार के बनाए गए नियम व शर्तों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। तो इसकी सबसे पहली शर्त यही है कि आपने जिस तिथि को वह घर लिया है या उसका काम करवाना शुरू किया है, वह उसके पांच वर्षों के अंदर अंदर समाप्त हो जाना चाहिए। यदि वह पांच वर्षों के बाद भी जारी रहता है तो टैक्स छूट की राशि 2 लाख से कम होकर 30 हज़ार की हो जाएगी।
इसी के साथ ही यदि आपने उस घर को किराये पर दिया हुआ है तो आपको मिलने वाली टैक्स छूट की राशि घटकर 30 हज़ार ही हो जाएगी। यदि आप उस घर में स्वयं रह रहे हैं या फिर वह घर खाली पड़ा हुआ है तो फिर 2 लाख की टैक्स छूट जारी रहेगी।
धारा 80 ईई के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट (Section 80ee of income tax act in Hindi)
भारत सरकार ने वर्ष 2019 में ही एक नयी अधिसूचना जारी कर इसमें एक और धारा 80 EE को जोड़ा था जिसके तहत आप धारा 24 B के तहत होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली 2 लाख की टैक्स छूट के अलावा अतिरिक्त 50 हज़ार रुपये की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह आपके द्वारा चुकाई जाने वाली कर राशि को और भी अधिक कम कर देती है और आपको लाभ प्रदान करती है।
इस धारा को अच्छे से समझने के लिए आपको इसके नियम व शर्तें भी पढ़ने होंगे ताकि आपको मिलने वाली टैक्स छूट में कोई कमी ना रहने पाए। साथ ही आपको यह भी क्लियर कर देते हैं कि इसमें पूरी टैक्स छूट कितने तक की मिलती है।
धारा 80 EE के तहत मिलने वाली टैक्स छूट
तो इसके तहत आपको 50 हज़ार रुपये की टैक्स छूट मिलती है लेकिन यह केवल 50 हज़ार की ही टैक्स छूट नहीं होती है बल्कि यह 2.5 लाख की टैक्स छूट हो जाती है। वह इसलिए क्योंकि इसमें धारा 24 B के तहत शामिल की गयी टैक्स छूट पहले से ही होती है। तो इस तरह से यह टैक्स छूट कुल मिलाकर 2.5 लाख रुपए की हो जाती है जो इस धारा की 50 हज़ार की अतिरिक्त राशि को जोड़कर बनायी गयी है। हालाँकि यह टैक्स छूट आपको होम लोन के मूल धन पर ना मिलकर उस पर चुकाई जाने वाली ब्याज की राशि पर मिलती है।
धारा 80 EE के नियम व शर्तें
अब आपको इस धारा के तहत आने वाले नियम व शर्तों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। तो भारत सरकार ने यह धारा और इसके तहत मिलने वाली टैक्स छूट को इसलिए शुरू किया था ताकि जो लोग पहली बार अपना स्वयं का घर खरीदने या बनाने जा रहे हैं, उन्हें वार्षिक आय कर में कुछ छूट मिल सके। हालाँकि इसके साथ भारत सरकार ने दो नियम भी तय किये हैं जिनका पालन करने पर ही यह अतिरिक्त 50 हज़ार रुपये की टैक्स छूट हमें मिलेगी।
तो इसके तहत उस व्यक्ति को अधिकतम 35 लाख रुपये तक का ही होम लोन लेना होगा। यदि वह इससे अधिक का होम लोन लेता है तो उसे यह टैक्स छूट नहीं मिलेगी। इसी के साथ ही जिस घर के लिए उसने लोन लिया है, उसकी अधिकतम कीमत भी 50 लाख तक की होनी चाहिए। यदि वह 50 लाख से ज्यादा मूल्य का होता है तो भी उसे होम लोन पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
धारा 80 सी के तहत होम लोन की स्टाम्प ड्यूटी पर टैक्स छूट
हमने ऊपर आपको धारा 80 सी के बारे में जानकारी दी लेकिन वह उस होम लोन के मूल धन पर टैक्स छूट की सुविधा प्रदान करती थी, ना कि उसकी स्टाम्प ड्यूटी पर। तो भारत सरकार ने लोगों की इस दुविधा को समझा और इसमें एक और प्रावधान होम लोन की स्टाम्प ड्यूटी को भी जोड़ दिया। वह इसलिए क्योंकि जो भी व्यक्ति होम लोन के लिए आवेदन देता है, उसके द्वारा उसकी मूल धन की राशि के साथ साथ भारी भरकम स्टाम्प ड्यूटी को भी चुकाया जाता है।
यह स्टाम्प ड्यूटी कितनी तक की भी हो सकती है जो लाखों तक में भी होती है। ऐसे में उसके द्वारा जो स्टाम्प ड्यूटी दी गयी है, उसे भी होम लोन के तहत टैक्स छूट में जोड़ा जा सकता है।
धारा 80 C के तहत कर छूट
अब जब भी आप नया घर खरीदते हैं या उसे अपने नाम करवाते हैं तो आपको अपने यहाँ की तहसील में जाना होता है और सभी तरह की प्रक्रिया का पालन करना होता है। इसमें आपको भारत सरकार व राज्य सरकार को तरह तरह की फीस देनी होती है जिसमें सबसे भारी भरकम फीस स्टाम्प ड्यूटी की ही होती है।
ऐसे में आप इसी स्टाम्प ड्यूटी पर लगने वाले पैसे को होम लोन की टैक्स छूट में जोड़ सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख तक की राशि को आय कर से बाहर कर सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ की आप स्टाम्प ड्यूटी की अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक की राशि को होम लोन के टैक्स छूट में ला सकते हैं और आय कर से मुक्त हो सकते हैं।
धारा 80 सी के नियम व शर्तें
अब यदि आपने होम लोन या उस घर को 2 वर्ष पहले लिया है और स्टाम्प ड्यूटी भी उसी वर्ष चुकाई गयी है लेकिन यदि आप उसे अभी के वित्त वर्ष में जोड़ना चाहते हैं तो ऐसा आप नहीं कर पाएंगे। ऐसे में भारत सरकार ने इसके लिए बस यही नियम बनाया है कि आपने जिस भी वित्त वर्ष में स्टाम्प ड्यूटी दी है, उसी की वार्षिक रिटर्न में आप इसे जोड़ सकते हैं।
धारा 80 ईईए के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट (Section 80eea of income tax in Hindi)
अब यह धारा भी भारत सरकार के द्वारा लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर बाद में जोड़ दी गयी है ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके। इसके तहत जो होम लोन पर टैक्स छूट मिलती है, वह उसके ब्याज पर ही दी जाती है किन्तु इसके तहत फिर आप धारा 80 EE का लाभ नहीं उठा सकते हैं।
ऐसे में या तो आप धारा 80 EE का लाभ उठा पाएंगे या फिर धारा 80 EEA का। आप दोनों का एक साथ लाभ नहीं उठा सकते हैं क्योंकि इसको लेकर भारत सरकार के द्वारा जो नियम बनाये गए हैं, वह दोनों धाराओं को एक दूसरे से भिन्न करते हैं। आइये इसके बारे में भी जान लेते हैं।
धारा EEA के तहत कर छूट
अब आपको इस धारा के तहत होम लोन की राशि पर मिलने वाली टैक्स छूट के बारे में भी पता होना चाहिए। तो यह टैक्स छूट होम लोन की ब्याज की राशि पर लगती है जिसकी अधिकतम सीमा डेढ़ लाख रूपये की होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपने जो भी होम लोन लिया है, उस पर आपको वार्षिक तौर पर जितना भी ब्याज चुकाना है, उस पर आप अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक की ब्याज की राशि को टैक्स के दायरे से बाहर ला सकते हैं।
धारा 80 EEA के नियम व शर्तें
अब आपको इसी के साथ साथ इस धारा के लिए बनाये गए तरह तरह के नियम व शर्तों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। तो यहाँ हम आपको बता दें कि इसके लिए भारत सरकार ने 45 लाख रुपये तक की स्टाम्प वैल्यू वाले घरों को रखा है। ऐसे में जिन भी घरों की स्टाम्प वैल्यू 45 लाख से अधिक है, वह इस धारा के अंतर्गत नहीं गिने जाएंगे जबकि 45 लाख की स्टाम्प वैल्यू से कम वाले सभी घर इस धारा के अंतर्गत आयेंगे।
होम लोन पर टैक्स छूट कितनी मिलती है – Related FAQs
प्रश्न: होम लोन पर टैक्स छूट कितनी मिलती है?
उत्तर: होम लोन पर टैक्स छूट पांच तरीकों से आप पा सकते हो जो अलग अलग छूट प्रदान करती है इसके बारे में आप ऊपर का लेख पढ़ जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
प्रश्न: इनकम टैक्स में होम लोन का क्या फायदा है?
उत्तर: अगर आप होम लोन लेते हैं तो आपको इनकम टैक्स में छूट मिल जाती है।
प्रश्न: हाउस लोन से टैक्स कैसे बचाएं?
उत्तर: इसके बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने ऊपर के लेख के माध्यम से देने का प्रयास किया है जो आपको पढ़ना चाहिए।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि होम लोन पर टैक्स छूट कितनी मिलती है। इसमें पांच तरह से होम लोन पर टैक्स छूट मिलती है जिसके बारे में हमने विस्तार से इस लेख में बताया है। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।