हांगकांग फ्लू क्या है? इसके क्या क्या लक्षण है? हांगकांग फ्लू से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें? किस प्रकार के मरीजों को हम लोगों से ज्यादा खतरा है? (What is HongKong flu? What are the symptoms of HongKong flu? What precautions should be made to get away of HongKong flu? which type of patients are more sensitive when it comes to HongKong flu?)
कुछ समय पहले तक लोग कोरोना महामारी से बेहाल थे। वे कुछ ही महीने चैन की सांस ले पाए थे कि अब हांगकांग फ्लू यानी H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस (influenza virus) ने उनकी नींद उड़ा दी है। यूं बदलते मौसम में लोग सर्दी, जुकाम, खांसी-बुखार, गले में खराश जैसे लक्षणों से रूबरू होते हैं, लेकिन इस बार ये लक्षण सामान्य नहीं हैं। बताया जा रहा है कि यह H3N2 का असर हो सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है और आईसीएमआर ने भी लोगों को इन लक्षणों को लेकर सतर्क रहने को कहा है।
अब आपके दिमाग में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर यह H3N2 क्या है? तो आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि H3N2 क्या है? इसके लक्षण क्या है? इससे बचने के लिए क्या क्या सावधानी रखी जानी चाहिए? आदि। आइए शुरू करते हैं-
हांगकांग फ्लू क्या है? (What is HongKong flu?)
दोस्तों, अब जान लेते हैं कि हांगकांग फ्लू क्या है। यह दरअसल, इन्फ्लुएंजा (influenza) A का सब-वेरिएंट (sub-variant) है। इसे H3N2 वायरस (virus) भी पुकारा जाता है। भारत में इस वायरस के हमले से अभी तक दो लोगों की मौत हुई है। इनमें से एक मरीज हरियाणा जबकि दूसरा मरीज कर्नाटक राज्य का रहने वाला था। इसके अतिरिक्त अभी तक इस वायरस के 451 नए मामले सामने आ चुके हैं।
इस संबंध में कोविड (COVID-19) एवं टीकाकरण (vaccination) से जुड़े राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (National specialist group) की उच्च स्तरीय बैठक भी हो चुकी है। सभी राज्यों से इस फ्लू को लेकर मिलजुल कर काम करने को कहा गया है। अस्पतालों में इस वायरस की जांच की जा रही है और सांस के गंभीर मरीजों (serious patients) को भर्ती किया जा रहा है।
हांगकांग फ्लू के क्या-क्या लक्षण हैं? (What are the symptoms of Hong Kong flu?)
दोस्तों, हांगकांग फ्लू (HongKong flu) के लक्षण (symptoms) भी कोविड एवं सामान्य फ्लू जैसे ही हैं। आपने कोरोना काल (corona period) में बीमारी के जो लक्षण देखे हैं, बहुत हद तक इसके भी वही लक्षण हैं, जो कि इस प्रकार से हैं –
- ठंड लगना।
- तेज बुखार होना।
- तेज सिरदर्द होना।
- लगातार खांसी-बुखार रहना।
- लगातार सर्दी-जुकाम होना।
- गले में खराश होना।
- गले में तेज दर्द आना।
- छींक आना या नाक बहना।
- उल्टी आना या आने जैसा महसूस होना।
- शरीर व मांसपेशियों में दर्द होना।
- दस्त लग जाना।
- गले में तेज दर्द होना।
- फेफड़े जाम हो जाना।
- सांस फूलना।
- घबराहट होना आदि।
मित्रों, यह ध्यान देने लायक बात यह है कि H3N2 संक्रमण अमूमन पांच से लेकर सात दिन तक रहता है। वहीं, खांसी लगभग तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है।
हांगकांग फ्लू का खतरा किस तरह के मरीजों को ज्यादा है? (Which type of patients are more sensitive, when it comes to HongKong flu?)
मित्रों, यूं तो हांगकांग फ्लू किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को इससे अधिक परेशानी हो सकती है। यदि सीडीसी (CDC) की बात मानी जाए तो कुछ लोगों को हांगकांग फ्लू का अधिक खतरा होता है, जो उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। हांगकांग फ्लू से इन लोगों को अधिक खतरा हो सकता है-
- -पांच साल से कम उम्र के बच्चों को।
- -65 वर्ष एवं इससे अधिक उम्र के बुजुर्गो को।
- -गर्भवती (pregnant) महिलाओं को।
- -अस्थमा के मरीजों को।
- -मधुमेह (diabetes) के मरीजों को।
- -दिल के मरीजों (heart patients) को।
- -कमजोर इम्यूनिटी (week immunity) वाले लोगों को।
हांगकांग फ्लू से बचने के लिए क्या सावधानियां रखनी जरूरी हैं? (What precautions should be made to get away from HongKong flu?)
यदि आप चाहते हैं कि आप हांगकांग फ्लू से बचे रहें तो इस प्रकार के लक्षण दिखने पर आपको कुछ सावधानियां आवश्यक रूप से बरतनी होगी जो कि इस प्रकार से हैं-
- अच्छे से आराम करें।
- सालाना फ्लू टीकाकरण flu (vaccination) कराएं।
- नियमित रूप से हाथ धोएं।खासतौर पर टॉयलेट के बाद एवं खाना खाने से पहले यह सावधानी जरूर बरतें।
- समय-समय पर हाथों को सेनिटाइज (sanitize) करें।
- अपने चेहरे, नाक या मुंह को छूने से बचें।
- भीड़-भाड़ वाली जगह जाने से बचें।
- दूसरो से जहां तक संभव हो, दूरी बनाकर रखें। यानी सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) करें।
- फेस मास्क (face mask) अवश्य पहनें।
- हाइड्रेटेड (hydrate) रहें। पानी समेत खूब सारे तरल पदार्थों (liquid diet) का सेवन करें।
- संक्रमित व्यक्ति से शारीरिक दूरी बनाए रखें।
- बाहर का खाना खाने से परहेज़ बरतें। केवल घर का ही बना खाना खाएं।
इस फ्लू को हांगकांग फ्लू क्यों कहा जाता है? (Why this flu is called HongKong flu?)
मित्रों, अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इस फ्लू को हांगकांग फ्लू क्यों कहा जाता है। दोस्तों, दरअसल इस फ्लू का पहला मामला 13 जुलाई, 1968 को ब्रिटिश हांगकांग में दर्ज किया गया। इसीलिए इसे हांगकांग फ्लू कहा जाता है। उस समय इसने महामारी का रूप धारण कर लिया था। इस फ्लू का प्रकोप सन् 1968 से लेकर सन् 1969 तक रहा। लेकिन एक ही साल में यह फ्लू इतिहास की सबसे घातक महामारियों में दर्ज हुआ।
इस इन्फ्लुएंजा ए वायरस के H3N2 स्ट्रेन के कारण बड़ी संख्या में मौतें दर्ज की गईं। यद्यपि माना जाता है कि इस वायरस का जन्म पहले चीन में हुआ। दोस्तों, बताते हैं कि हांगकांग में इस फ्लू का प्रकोप जनसंख्या घनत्व 6,000 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (20,000 प्रति वर्ग मील) से भी अधिक था। यह इतना तेजी से फैला कि दो सप्ताह में अपनी अधिकतम तीव्रता पर पहुंच गया।
क्या फ्लू होने पर एंटीबायोटिक दवा खानी चाहिए? (Should one take antibiotic in case of this flu?)
मित्रों, यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि इस बार का इन्फ्लूएंजा सामान्य नहीं है, लिहाजा ऐसे में डॉक्टर मरीजों को स्वयं एंटीबायोटिक ना लेने की सलाह दे रही है। वरना यह उसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सकता है। अतः किसी को भी यह सावधानी बरतनी चाहिए कि वह डॉक्टर के बताए बिना इन दवाओं का सेवन ना करें। इस पोस्ट में हमने ऊपर जो सावधानियां बताई हैं, उनको बरतें और डॉक्टर से अपना इलाज कराएं।
इस संबंध में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (indian council of medical research) यानी आईसीएमआर (icmr) द्वारा जो गाइडलाइन (guidelines) जारी गई है, उसके अनुसार लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने के साथ ही मास्क पहनने की सलाह दी गई है। डॉक्टर मानते हैं कि H3N2 बिल्कुल कोरोना जैसा ही है। क्योंकि यह दोनों ही वायरस से संबंधित रोग हैं। ये बहुत तेजी से म्यूटेट (mutate) होता है और महामारी में बदल जाता है। यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात की संभावना भी जता रहा है कि H3N2 टू के मामले मार्च के बाद कम हो सकते हैं।
भारत में हांगकांग फ्लू को लेकर क्या स्थिति है? (What is the condition regarding Hong Hongkong flu in India?)
मित्रों, जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि हांगकांग (Hongkong) फ्लू के अभी तक 451 मामले सामने आ चुके हैं। दो लोगों की मौत की भी खबर आई है। देश भर में ऐसी 27 लैब (lab) यानी प्रयोगशाला बनाई गई हैं, जिनमें हांगकांग फ्लू की जांच की व्यवस्था की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (mansukh mandaviya) खुद इस बीमारी को लेकर मोर्चा संभाले हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसकी रियल टाइम ट्रैकिंग (real time treking) कर रहा है।
इन्फ्लुएंजा के H3N2 वेरिएंट्स के मामलों की कड़ी मानिटरिंग (monitoring) की जा रही है। हालांकि कोरोना जैसी महामारी बुक हो चुके लोग अब एक नई वायरस की दस्तक से बेहद दहशत में है। यही वजह है कि मौसमी बीमारियों से जुड़े छोटे-छोटे लक्षण दिखने पर भी वे सीधे अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा इस संबंध में सुरक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं विभिन्न अस्पतालों में बेड (beds) और वेंटीलेटर्स (ventilators) की उचित व्यवस्था की जा रही है। यदि किसी मरीज में सांस की बीमारी के गंभीर लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे भर्ती करने में भी देर नहीं की जा रही है।
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हांगकांग फ्लू क्या है?
हांगकांग फ्लू इनफ्लुएंजा ए का सब वेरिएंट है। इसे H3N2 वायरस के नाम से भी जाना जाता है।
क्या भारत में हांगकांग फ्लू से कोई मौत हुई है?
जी हां, भारत में हांगकांग फ्लू से अभी तक 2 मौतें हुई हैं।
हांगकांग फ्लू के लक्षण क्या-क्या हैं?
हांगकांग फ्लू के मुख्य लक्षणों में सर्दी-जुकाम, खांसी-बुखार, गले में खराश आदि शामिल हैं। अन्य लक्षणों के बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से जानकारी दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
क्या फ्लू वैक्सीनेशन से इस बीमारी से बचा जा सकता है?
जी हां, इस फ्लू से बचने के लिए सालाना फ्लू वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है।
H3N2 के लक्षण किस बीमारी से मिलते जुलते हैं?
H3N2 के लक्षण कोरोना वायरस से मिलते जुलते हैं।
सरकार द्वारा हांगकांग फ्लू को लेकर क्या एडवाइजरी जारी की गई है?
सरकार द्वारा लोगों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने एवं फेस मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
किस तरह के मरीजों को H3N2 से ज्यादा खतरा है?
65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, 5 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को H3N2 से ज्यादा खतरा हो सकता है।
क्या गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की H3N2 से जान भी जा सकती है?
जी हां, उनके लिए यह वायरस जानलेवा साबित हो सकता है।
हांगकांग फ्लू की जांच के लिए देश में कितने लैब बनाई गई हैं?
हांगकांग फ्लू की जांच के लिए देश भर में कुल 27 लैब बनाई गई हैं।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको हांगकांग फ्लू के बारे में जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।
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