भारत में हॉस्पिटल कैसे खोलें? | Hospital kaise khole

Hospital kaise khole : जब भी हम बीमार पड़ते हैं तो सबसे पहले डॉक्टर को ही दिखाने जाते हैं। अब डॉक्टर हमें हॉस्पिटल में ही मिलता है। ऐसे में हॉस्पिटल में जाकर ही डॉक्टर को दिखाया जाता है और उनसे उपचार करवाया जाता है। कुछ हॉस्पिटल बहुत बड़े होते हैं तो कुछ मध्यम आकार के तो कुछ सामान्य होते हैं जिन्हें हम क्लिनिक भी कहते हैं। हालाँकि यदि आपको लोगों के उपचार से जुड़ा हुआ कोई काम करना है तो इसके लिए आपको बहुत ध्यान रखना होता (How to start a hospital in Hindi) है।

मेडिकल एक ऐसी लाइन है जिसमें शुरुआत से ही बहुत सारे नियमों और कानूनों का पालन किया जाना जरुरी होता है। वह इसलिए क्योंकि लोगों का जीवन इसी पर ही निर्भर करता है और इसमें की गयी छोटी सी भी गलती लोगों का जीवन तक ले सकती है। यह बात मुख्य तौर पर हॉस्पिटल खोलने वाले व्यक्ति पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। वह इसलिए क्योंकि मेडिकल के क्षेत्र में हॉस्पिटल ही सबसे अहम भूमिका वाला होता (How to open hospital in India in Hindi) है।

ऐसे में यदि आप भी भारत देश में अपना खुद का हॉस्पिटल खोलने का सोच रहे हैं तो आज हम आपको इसके बारे में एक से बढ़कर एक जानकारी देने वाले हैं। इसके साथ ही हॉस्पिटल को खोलने के लिए आपको भारत सरकार से किस किस तरह के लाइसेंस की आवश्यकता होती है और उसके लिए कहाँ आवेदन करना होता है, इसके बारे में भी संपूर्ण जानकारी आपको इसी लेख में जानने को (How to start own hospital in Hindi) मिलेगी।

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भारत में हॉस्पिटल कैसे खोलें? (Hospital kaise khole)

हॉस्पिटल कोई ऐसी वैसी चीज़ नहीं होती है बल्कि यह अभी तरह की आधुनिक सुविधाओं से लेस होती है। यहाँ पर लोगों की बीमारी का उपचार किया जाता है। हालाँकि हर हॉस्पिटल और वहां बैठ रहे डॉक्टर की विशेषता अलग अलग होती है। उदाहरण के तौर पर कोई हॉस्पिटल सामान्य बीमारियों का उपचार करने के लिए होता है तो कहीं पर कोई स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है जैसे कि कैंसर का अस्पताल या अन्य किसी चीज़ का हॉस्पिटल। वहीं एक हॉस्पिटल को खोले जाने के लिए एक नहीं बल्कि कई तरह के लाइसेंस की भी जरुरत पड़ती (Bharat me hospital kaise khole) है।

Hospital kaise khole

ऐसे में आज हम आपके सामने हॉस्पिटल खोलने के लिए किस किस तरह के लाइसेंस की जरुरत पड़ती है, उसमें किस किस तरह की चीज़ों का होना जरुरी होता है, आपको क्या कुछ मेहनत करने की जरुरत होती है, इत्यादि के बारे में संपूर्ण परिचय रखने वाले हैं। आइये जाने हॉस्पिटल खोलने के लिए आपको क्या कुछ करना होगा और किन किन बातों का ध्यान रखना (Strategies to open a hospital in India in Hindi) होगा।

एक बिज़नेस प्लान बनाएं

हॉस्पिटल को खोलना बहुत ही मुश्किल काम होता है। इसके लिए प्रॉपर प्लानिंग करने की जरुरत होती है अन्यथा आपका काम बीच में ही लटक सकता है। इसलिए यदि आपको सही में हॉस्पिटल खोलना है तो उसके लिए एक कार्य योजना का बनाया जाना बहुत ही जरुरी हो जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसी योजना या बिज़नेस प्लान के अंतर्गत ही आप हरेक चीज़ को लिखेंगे और उसी के अनुसार (Private hospital kaise khole) चलेंगे।

जैसे कि आपके द्वारा हॉस्पिटल खोलने का क्या लक्ष्य है, उसके लिए आपका बजट क्या होगा, जमीन कहाँ होगी, लोग कौन होंगे, हॉस्पिटल का काम कैसे होगा, उसे कौन संभालेगा, वह रात में भी खुला रहेगा या बंद हो जाएगा, इत्यादि सभी के बारे में आपको यहाँ जानकारी देनी होगी। एक तरह से हॉस्पिटल में हरेक चीज़ के बारे में बिज़नेस प्लान के तहत ही काम करना होगा और उसी के अनुसार ही आगे चलना होगा। इससे आपको आगे आने वाली चुनौतियों के बारे में भी पता चल जाएगा।

पैसों का प्रबंध करें

अब बात करते हैं हॉस्पिटल को चलाने के लिए लगने वाले पैसों के बारे में। तो यहाँ हम आपको बता दें कि हॉस्पिटल को खोलना और उसे चलाना बहुत ही खर्चीला काम होता है। वह इसलिए क्योंकि इसके लिए आपको तरह तरह के लाइसेंस पर तो खर्चा करना ही होता है, उसी के साथ ही महँगी महँगी मशीन को भी लेना होता है। इतना ही नहीं, हॉस्पिटल में जो स्टाफ और डॉक्टर होते हैं, उनके लिए भी भारी भरकम पैसा लगता (Hospital kholne ke liye kya kare) है।

अब आप किस स्तर का हॉस्पिटल खोलने जा रहे हैं, उसी पर ही इसमें लगने वाला निवेश निर्भर करता है। सामान्य तौर पर यदि आपके पास जमीन पहले से है और उसमें हॉस्पिटल की बिल्डिंग बनी हुई है तो इनका खर्चा छोड़कर न्यूनतम खर्चा 30 से 50 लाख के बीच में आ जाता है। वहीं मध्यम आकार के हॉस्पिटल में यह खर्चा एक करोड़ तक हो जाता है तो वहीं बड़े हॉस्पिटल में तो यह 5 से 10 करोड़ भी हो जाता (Hospital kholne ka kharcha) है।

आवश्यक लाइसेंस लें 

अब आती है हॉस्पिटल के लिए जरुरी सभी तरह के लाइसेंस को लिए जाने की बात। आप सोच रहे होंगे कि हॉस्पिटल को चलाने के लिए एक या दो तरह के लाइसेंस की ही जरुरत पड़ती होगी लेकिन ऐसा नहीं है। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि हॉस्पिटल को खोलना बहुत ही पेचीदा काम होता है और वह इसलिए है क्योंकि यह लोगों के जीवन से जुड़ा हुआ होता है। यदि इसमें किसी तरह की कोताही बरती जाती है तो अवश्य ही लेने के देने पड़ सकते हैं।

इसलिए इसमें सभी तरह के जरुरी लाइसेंस को लिया जाना शामिल है। इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन लाइसेंस, ड्रग लाइसेंस, मेडिकल लाइसेंस, मशीन लाइसेंस, NOC इत्यादि कई चीज़े लेने की जरुरत होती है। अब यह लाइसेंस किस किस चीज़ के होते हैं और इन्हें कहा से लिया जाता है, इनके बारे में हम इस लेख के अंत में विस्तार से बताएँगे।

जमीन का अधिग्रहण करें

हॉस्पिटल को खोलने के लिए एक जमीन भी चाहिए होती है जहाँ पर हॉस्पिटल की बिल्डिंग को खड़ा किया जाता है। ऐसे में आप वह जमीन कहाँ लेने जा रहे हैं और उसका आकार कितना होगा, यह भी हॉस्पिटल को खोलने के लिए बहुत जरुरी होता है। एक तरह से देखा जाए तो हॉस्पिटल का आकार मरीजों के हिसाब से तो बड़ा ही होना चाहिए। यदि वहां पर भर्ती नहीं किया जाता है और वह एक सामान्य क्लिनिक है तो इसका आकार अवश्य ही छोटा हो सकता है।

हालाँकि एक सामान्य क्लिनिक में भी मरीज को लिटाकर या एक दो मरीज को भर्ती करने की जरुरत होती है। ऐसे में हॉस्पिटल को सामान्य रूप में 1000 वर्ग फूट जमीन की तो जरुरत होती ही है। आज के समय में तो लोग ऊपर कई मंजिल में हॉस्पिटल खोल लेते हैं और इसमें किसी तरह की बुराई नहीं है। हालाँकि यदि आप कई मंजिल का हॉस्पिटल खोल रहे हैं तो उसके लिए लिफ्ट अवश्य लगवाएं। वह इसलिए क्योंकि मरीज से सीढ़ियाँ चढ़ा नहीं जाएगा।

सभी आवश्यक मशीन की खरीदारी

जब भी आप हॉस्पिटल में जाते हैं तो वहां पर कई तरह की मशीन को भी देखते होंगे। अब डॉक्टर केवल अपने स्तर पर ही चेक नहीं करता है बल्कि उसे मेडिकल से जुड़ी कई तरह की मशीन की जरुरत पड़ती ही है। इन्हीं मशीन की सहायता से ही वह मरीज को चेक करता है और उसका उपचार करता है। अब यह मशीन कौन कौन सी होनी चाहिए, वह तो पूर्ण रूप से हॉस्पिटल के प्रकार और काम पर निर्भर करेगा।

जो हॉस्पिटल छोटे होते हैं या जहाँ पर सामान्य चेकअप ही किया जाता है वहां तो सामान्य मशीन की ही जरुरत होगी। वहीं जो हॉस्पिटल बड़े हैं और जहाँ पर मरीज को भर्ती किया जाता है, तो वहां बड़ी मशीन की जरुरत पड़ती है। इसी के साथ ही हॉस्पिटल में ICU रूम और अन्य कमरों के हिसाब से भी जरुरी मशीन का होना बहुत ही जरुरी होता है। इसी के आधार पर ही हॉस्पिटल का सञ्चालन हो पाता है।

हॉस्पिटल में कमरे व अन्य चीज़ों का डिजाईन

हॉस्पिटल में मशीन की खरीदारी करने के साथ ही उसके कमरों का सही रूप में डिजाईन किया जाना भी बहुत जरुरी होता है। हॉस्पिटल में किस कमरे में मरीज को भर्ती करना है, कौन सा वेटिंग रूम है, कहाँ मरीज को दिखाया जाएगा, कहाँ उसे दवाइयां दी जाएगी, कौन सा स्टाफ का रूम होगा, कहाँ डॉक्टर बैठेगा, कहाँ ICU या MICU जैसे क्रिटिकल कमरे होंगे, इत्यादि का निर्धारण पहले ही किया जाना चाहिए।

अब इन कमरों में हॉस्पिटल के नियमों के अनुसार किन किन स्टैण्डर्ड व नियमों का पालन करना चाहिए, वह भी आपको पहले ही पता होने चाहिए। किसी भी हॉस्पिटल को यूँ ही आँख बंद करके नहीं खोला जा सकता है क्योंकि वहां सभी तरह की चीज़े होनी बहुत ही जरुरी होती है अन्यथा आपका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

डॉक्टर व अन्य स्टाफ को रखना

हॉस्पिटल को चलाने के लिए डॉक्टर व अन्य स्टाफ को भी तो रखना होगा। वही तो होंगे जो उस हॉस्पिटल में लोगों को चेक करने और उन्हें सलाह देने का काम करेंगे। अब यह जरुरी नहीं है कि हॉस्पिटल में एक से ज्यादा डॉक्टर हो क्योंकि यह तो पूर्ण रूप से आपके हॉस्पिटल के प्रकार पर निर्भर करता है। एक हॉस्पिटल में एक से लेकर हज़ार तक डॉक्टर हो सकते हैं और यह पूर्ण रूप से उस हॉस्पिटल के मालिक के बजट व आकार पर निर्भर करेगा।

अब आप किस तरह के डॉक्टर को अपने हॉस्पिटल में रखने जा रहे हैं और उसकी शिक्षा क्या है, अनुभव कितना है, ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है, इत्यादि बहुत मायने रखता है। कोई भी हॉस्पिटल अपने नाम से नहीं चलता है बल्कि वह पूर्ण रूप से वहां उपचार कर रहे डॉक्टर की कुशलता और मरीज के साथ उसके संबंध को लेकर चलता है। इसलिए आपको पहले ही यह पता होना चाहिए कि डॉक्टर कैसा है।

डॉक्टर के बाद जिसकी बारी आती है, वह है वहां का स्टाफ। हॉस्पिटल को चलाने में जितनी भूमिका एक डॉक्टर की होती है, उतनी ही अन्य स्टाफ की भी होती है। इस स्टाफ में हॉस्पिटल की नर्स, कम्पाउण्डर, साफ सफाई करने वाले इत्यादि लोग आ जाते हैं। ऐसे में आपको इनकी भर्ती करते समय भी पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।

सुरक्षा के सभी मापदंड पूरे करें

हॉस्पिटल में सुरक्षा की सभी तरह की व्यवस्था पहले से ही की हुई होनी चाहिए। यदि हॉस्पिटल ही सुरक्षित नहीं होगा तो फिर मरीज और कहाँ ही जाएगा। यह जरुरी नहीं है कि हॉस्पिटल में केवल सामान्य मरीज ही आएं, कई बार वहां गंभीर मरीज भी आ सकते हैं। अब यह गंभीरता पूर्ण रूप से उस समय की स्थिति पर निर्भर करती है। उदाहरण के रूप में वहां किसी दुर्घटना के बाद लहूलुहान व्यक्ति को लाया गया हो या किसी मरीज का बीपी या सुगर बहुत ज्यादा बढ़ गया हो या कम हो गया (Hospital kholne ke liye kya karna padta hai) हो।

ऐसे में जब कोई गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज हॉस्पिटल में आ रहा है तो उसके लिए सुरक्षा के क्या उच्च इन्तेजाम किये गए हैं, उसकी पूरी व्यवस्था पहले से ही की हुई होनी चाहिए। यदि मरीज को अस्पताल में भी सही उपचार नहीं मिलता है और वहां उसकी हॉस्पिटल में गलती के कारण मृत्यु हो जाती है तो बाद में चलकर आपको ही गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

मेडिकल स्टोर खोलें

आज के समय में अधिकतर हॉस्पिटल ने अपने खुद के मेडिकल स्टोर खोले हुए हैं। इन मेडिकल स्टोर पर सभी तरह की दवाइयां मिल जाती है जो हॉस्पिटल में डॉक्टर के द्वारा लिखी जाती है। ऐसे में आपको भी अपने हॉस्पिटल में एक मेडिकल स्टोर खोलना चाहिए ताकि लोगों को बाहर ना जाना (Hospital kholne ke liye kya jaruri hai) पड़े।

हालाँकि इसके लिए आपको अलग से लाइसेंस को लेने की जरुरत होगी जिसे हम ड्रग लाइसेंस कहते हैं। मेडिकल स्टोर का लाइसेंस हॉस्पिटल के लाइसेंस के साथ नहीं आता है और उसके लिए अलग से आवेदन करना होता है। जिन हॉस्पिटल में मेडिकल स्टोर की सुविधा होती है, उनकी कमाई भी पहले की तुलना में अधिक होती है।

हॉस्पिटल का प्रचार करें

हॉस्पिटल को खोल लेना ही पर्याप्त नहीं होता है बल्कि आप उसके खुलने के बाद उसका किस तरह से प्रचार कर रहे हैं, यह भी बहुत मायने रखता है। यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि हॉस्पिटल को खोलने के बाद लोगों के बीच उसकी पब्लिसिटी करना भी बहुत जरुरी होता है। अब जब तक आपका हॉस्पिटल नहीं खुला था तब तक क्या वहां के लोगों को उपचार नहीं मिल रहा था? अवश्य मिल रहा था लेकिन वो किसी और हॉस्पिटल में जा रहे (Hospital kholne ke liye kya kya chahiye) थे।

ऐसे में वे लोग आपके हॉस्पिटल में आएं और वहां से उपचार करवाना शुरू करें, इसके लिए शुरूआती तौर पर मेहनत करने की जरुरत तो पड़ेगी ही ना। इसलिए आप विभिन्न तरह के प्रचार माध्यमों के जरिये अपने हॉस्पिटल का भी प्रचार करेंगे तो आपको ही लाभ होगा।

हॉस्पिटल खोलने के लिए जरुरी लाइसेंस (Which licence required to open a hospital in India in Hindi)

अभी तक आपने हॉस्पिटल खोलने के ऊपर बहुत सी जरुरी बातों की जानकारी ले ली है। फिर भी एक महत्वपूर्ण जानकरी अभी भी अधूरी है और वह है हॉस्पिटल को खोले जाने के लिए सभी तरह के जरुरी लाइसेंस का लिया जाना। जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि हॉस्पिटल को खोला जाना कोई चुटकी भर का काम नहीं है और इसके लिए आपको एक या दो नहीं बल्कि कई लाइसेंस लेने होंगे। ऐसे में हॉस्पिटल को खोले जाने के लिए जिन जिन लाइसेंस की जरुरत पड़ती है, आइये उसके बारे में जान लेते हैं।

रजिस्ट्रेशन

सबसे पहले तो हॉस्पिटल को खोलने के लिए उसका रजिस्ट्रेशन अर्थात पंजीकरण करवाने की जरुरत होती है। इसके लिए आपको अपने राज्य या केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय में आवेदन करना होगा। आप अपने शहर के स्वास्थ्य अधिकारी से बात कर सकते हैं या सरकार की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। यह लाइसेंस प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है और यदि यह मिल जाता है तो समझ जाइए कि आपका आधा काम तो हो गया।

ड्रग लाइसेंस

हॉस्पिटल को खोलने के लिए ड्रग लाइसेंस लेना भी जरुरी होता है। यहाँ पर आप मरीज को प्राथमिक उपचार के तौर पर कई तरह की दवाइयां देते हैं या उन्हें लगाते हैं। ऐसे में ड्रग लाइसेंस का लिया जाना भी जरुरी हो जाता है।

पर्यावरण लाइसेंस

हॉस्पिटल को पर्यावरण से भी लाइसेंस अर्थात NOC लेनी होती है। इसके लिए आपको भारत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में बात करनी होगी और वहां से अपने हॉस्पिटल के लिए जरुरी NOC लेनी होगी।

बिल्डिंग का परमिट

आप जहाँ भी अपना हॉस्पिटल खोलने जा रहे हैं, उसके लिए परमिट लेना जरुरी होता है। उस जमीन का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको अपने यहाँ की तहसील में जाना होगा और वहां के तहसीलदार और पटवारी से इस बारे में बात करनी होगी।

नगर परिषद से NOC

नगर परिषद या आपके शहर में जो भी स्थानीय निकाय है, उनसे भी सभी तरह की NOC को लिया जाना जरुरी होता है। उसके बाद ही आप अपने शहर में हॉस्पिटल को खोल सकते हैं।

अग्नि शमन लाइसेंस

हॉस्पिटल में आग लगने पर उसे बुझाने के सभी तरह के यंत्र स्थापित किये हुए होने चाहिए। साथ ही किसी आपातकाल स्थिति से निपटने के भी सभी इन्तेजाम होने चाहिए। इसके लिए आपको अग्नि शमन विभाग से सभी तरह की अनुमतियाँ और लाइसेंस पहले ही लेने होंगे।

मेडिकल लाइसेंस

यदि आप अपने यहाँ मेडिकल स्टोर खोलने के इच्छुक हैं तो उसके लिए ड्रग लाइसेंस के साथ साथ मेडिकल स्टोर का अलग से लाइसेंस लेने की भी जरुरत होगी। इसके लिए आपको अपने राज्य के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना होगा।

डॉक्टर के लाइसेंस

आपके यहाँ जो भी डॉक्टर काम करने वाला है, चाहे उनकी संख्या कितनी भी हो, उनमें से हरेक के पास भारत की मेडिकल काउंसिल के द्वारा दिया गया लाइसेंस होना चाहिए। उसकी एक फोटोकॉपी आपके पास भी होनी चाहिए। केवल लाइसेंस प्राप्त डॉक्टर ही लोगों का उपचार कर सकता है।

स्टाफ के लाइसेंस

केवल डॉक्टर ही नहीं बल्कि आपके यहाँ नर्स या अन्य किसी मेडिकल विशेषज्ञ के रूप में जो भी स्टाफ काम कर रहा है, उनकी सभी तरह की डिग्री और अन्य जरुरी लाइसेंस भी आपके पास होने चाहिए। आप किसी भी व्यक्ति को यूं ही हॉस्पिटल में स्टाफ के रूप में नहीं रख सकते हैं।

फूड लाइसेंस

यदि आप हॉस्पिटल में कैंटीन खोलने का सोच रहे हैं तो उसके लिए आवश्यक फूड लाइसेंस का लिया जाना भी जरुरी होता है। अक्सर बड़े हॉस्पिटल में खाने की कैंटीन होती है और इसके लिए लाइसेंस का लिया जाना जरुरी होता है।

हॉस्पिटल कैसे खोलें – Related FAQs

प्रश्न: हॉस्पिटल खोलने के लिए कौन सा कोर्स करें?

उत्तर: हॉस्पिटल खोलने के लिए किसी कोर्स को करने की जरुरत नहीं होती है, इसके लिए बस पैसा चाहिए होता है। हालाँकि यदि आप डॉक्टर बनकर उपचार करना चाहते हैं तो अवश्य ही उसके लिए मेडिकल में डिग्री लेनी होगी।

प्रश्न: मैं अपना खुद का अस्पताल कैसे शुरू कर सकता हूं?

उत्तर: यदि आपको अपना खुद का अस्पताल शुरू करना है तो नया अस्पताल शुरू करने से संबंधित हरेक महत्वपूर्ण जानकारी हमने इस लेख में दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: हॉस्पिटल शुरू करने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर: हॉस्पिटल को शुरू करने में आने वाला अनुमानित खर्चा करोड़ो में होता है। अब यह उस पर निर्भर करता है कि हॉस्पिटल किस स्तर का खोला जा रहा है और किस शहर में खोला जा रहा है।

प्रश्न: मैं अस्पताल व्यवसाय कैसे स्थापित करूं?

उत्तर: यदि आपको अपना खुद का अस्पताल व्यवसाय स्थापित करना है तो इसके बारे में शुरू से लेकर अंत तक हरेक महत्वपूर्ण जानकारी को हमने इस लेख में विस्तार से बताया है जिसे आप पढ़ सकते हैं।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि अगर आपको खुद का हॉस्पिटल खोलना हुआ तो वह आप किस प्रक्रिया के तहत खोल सकते हो। हमने आपको हॉस्पिटल खोलने के लिए जिस भी चीज की जरूरत होती है उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है। साथ ही हॉस्पिटल खोलने के लिए कौन कौन से लाइसेंस चाहिए होते हैं वह भी बताया है। आशा है कि आप जो जानकारी लेने के लिए इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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