देश के बैंकों में कितना लावारिस धन जमा है?

देश के बैंकों में केवल वही पैसा नहीं रहता है, जो कि आप जमा करते हैं बल्कि बैंकों में ऐसा भी हजारों करोड़ रुपया जमा है, जिसका कोई दावेदार नहीं। यानी यह लावारिस पैसा होता है। क्या आप जानते हैं कि हमारे देश के बैंकों में कितना लावारिस धन जमा है? यदि नहीं तो इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। इस पोस्ट में आप जानेंगे कि लावारिस धन क्या होता है? देश के बैंकों में कितना लावारिस धन जमा है? बैंकों में यह लावारिस पैसा कैसे आता है? इस धन की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है या कमी आई है? आइए, शुरू करते हैं –

Contents show

लावारिस पैसा क्या होता है? (What is called unclaimed money?)

दोस्तों, सबसे पहले आपको बता दें कि लावारिस पैसा क्या होता है? यह तो आप जानते ही हैं कि लावारिस का अर्थ होता है -जिसका कोई वारिस नहीं होता। इसी प्रकार यदि लावारिस धन की बात करें तो यह बैंकों में जमा वह राशि होती है, जिसकी हकदारी का कोई दावा यानी क्लेम (claim) नहीं करता।

देश के बैंकों में कितना लावारिस धन जमा है

बैंकों में रखे पैसे को लावारिस कब माना जाता है? (When money in banks is assumed as unclaimed?)

अब आप यह सोच रहे होंगे कि बैंकों में जमा पैसा लावारिस कब माना जाता है? तो आपको बता दें दोस्तों कि इन स्थितियों में किसी बैंक के खाते में रखा पैसा लावारिस (unclaimed) माना जाता है-

  • यदि किसी व्यक्ति के बचत या चालू खाते (savings or current account) में 10 वर्ष से पैसा रखा है, लेकिन इस खाते में पूरे समय के दौरान कोई भी लेन-देन या ट्रांजेक्शन (transaction) नहीं हुआ है तो संबंधित एकाउंट (account) को अनक्लेम्ड डिपॉजिट (unclaimed deposit) मान लिया जाएगा।
  • यदि किसी व्यक्ति के एफडी (Fixed deposit), आरडी (recurring deposit) या अन्य किसी तरह के बचत/निवेश खाते (savings /investment account) में जमा रकम को मैच्योरिटी (maturity) के 10 साल हो चुके हैं, लेकिन इस बीच उसमें से राशि को निकाला नहीं गया है तो उसे भी अनक्लेम्ड डिपॉजिट (unclaimed deposit) यानी लावारिस खाता मान लिया जाएगा।

किसी बैंक खाते के लावारिस होने की नौबत क्यों आती है? (Why a bank account becomes unclaimed?)

दोस्तों, आइए अब आपको यह बताते हैं कि किसी बैंक खाते के लावारिस होने की नौबत क्यों कर आती है। इसकी कई वजहें हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख वजहें इस प्रकार से हैं-

  • यदि खाताधारक की मृत्यु हो गई हो उसके खाते की कोई सुध न ले। उसमें पैसा ज्यों का त्यों पड़ा रहे। 10 वर्ष तक उसमें ट्रांजेक्शन (transaction) न हो।
  • यदि कोई व्यक्ति अपने खाते को संचालित करना भूल जाए और संबंधित खाते में धन पड़ा रहे।
  • यदि खाताधारक अपने बैंक के बंद होने से अनभिज्ञ है। उसे नहीं पता कि वह अपनी धनराशि वापस पाने के लिए किससे संपर्क करें।
  • यदि कोई कंपनी बंद हो जाए और कर्मचारियों को पेंशन प्रशासक या पेंशन एकत्र किए जाने के संबंध में कोई जानकारी न हो।

लावारिस धन का बैंकों द्वारा क्या किया जाता है? (How banks treat these unclaimed deposits?)

दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे कि बैंकों द्वारा उसके खातों में पड़ी अनक्लेम्ड राशि (unclaimed money) का क्या किया जाता है? तो दोस्तों , आपको बता दें कि बैंकों द्वारा इन खातों में पड़ी रकम को डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस (depositors education and awareness) यानी डीईए फंड (DEA fund) में डाल दिया जाता है। इस फंड की देख-रेख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (reserve bank of India) यानी आरबीआई (RBI) द्वारा की जाती है।

उसके द्वारा इस पैसे को जमा जमाकर्ताओं की शिक्षा एवं जागरूकता (education and awareness) हेतु इस्तेमाल किया जाता है। आरबीआई द्वारा इस फंड के पैसे का इस्तेमाल विभिन्न संस्थानों, संगठनों एवं संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है। आरबीआई उन्हें वित्तीय सहायता मुहैया कराता है। यह सहायता पाने के लिए पहले इन संस्थानों को स्वयं को रजिस्टर कराना पड़ता है। इसके बाद इस पैसे से यह कार्य किए जाते हैं –

  • वित्तीय साक्षरता (financially literacy) को प्रोत्साहित करने के लिए कैंप, गोष्ठी आदि।
  • जमाकर्ताओं को बैंक योजनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए गोष्ठी आदि।
  • जमाकर्ताओं को धन सही जगह निवेश (invest) करने के लिए वेबिनार (webinar) आदि।
  • बैकिंग फ्रॉड (banking fraud) आदि से दूर रखने के लिए जागरुकता शिविर (awareness camp) आदि।

डीआईए फंड के पैसे का इस्तेमाल किन कार्यों के लिए नहीं किया जा सकता? (For what money of DEA fund can’t be used?)

दोस्तों, आपको बता दें कि डीआईए फंड (DEA fund) का इस्तेमाल करने के लिए वित्तीय सहायता (financial assistance) देने के लिए आरबीआई द्वारा विभिन्न संस्थानों, संगठनों एवं संस्थाओं से आवेदन पत्र (application) आमंत्रित किए जाते हैं। यह भी जान लीजिए कि डीआईए फंड के इस पैसे को किसी जाति (caste), धर्म (religion), समुदाय (community) अथवा व्यक्ति (person) के लाभों (benefits) के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

देश के बैंकों में कितना लावारिस धन जमा है? (How much unclaimed money is deposited in the banks?)

अब आते हैं मुख्य बात पर। और आपको बताते हैं कि देश के बैंकों में कितना लावारिस धन जमा है? साथियों, 19 दिसंबर, 2024 को केंद्र सरकार (Central government) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत के बैंकों में कुल 42,272 करोड़ रुपए की रकम बतौर लावारिस धन पड़ी है।

अब आप सोच रहे होंगे कि सरकार (government) इस धन का अपनी योजनाओं (schemes) में इस्तेमाल क्यों नहीं करती? तो आपको बता दें कि क्योंकि यह जमाकर्ताओं की राशि (depositors’ money) है, ऐसे में इस राशि को आरबीआई (RBI) द्वारा जमाकर्ताओं के भले के लिए ही उपयोग में लाया जाता है।

भारत के बैंकों में जमा लावारिस रकम में कमी आई है अथवा बढ़ोत्तरी हुई है? (Is there any decrease or increase in unclaimed deposits in Indian banks?)

दोस्तों, आपको बता दें कि भारत के बैंकों में जमा लावारिस रकम यानी अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposit) में कितनी कमी या बढ़ोत्तरी हुई है? यदि नहीं तो आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वित्त वर्ष (financial year) 2021-2022 की बात करें तो उस समय देश के पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर के बैंकों (public and private sector banks) में बगैर दावे वाला जमा धन कुल 32,934 करोड़ रुपए था।

इसमें मार्च, 2024 के अंत तक करीब 28 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो चुकी थी और यह जमा राशि 42,272 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी थी। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें से 36,185 करोड़ रुपए का लावारिस धन पब्लिक सेक्टर के बैंकों (public sector banks) के पास जमा (deposit) था, जबकि कुल 6,087 करोड़ रुपए लावारिस धन प्राइवेट सेक्टर के बैंकों (private sector banks) में जमा था।

सबसे अधिक लावारिस धन किस बैंक में पड़ा है? (Which bank has maximum unclaimed deposit?)

दोस्तों, क्या आप जानते हैं की सबसे अधिक लावारिस धन किस बैंक में पड़ा है? तो आपको बता दें कि सबसे अधिक unclaimed राशि स्टेट बैंक आफ इंडिया (State Bank of India) यानी एसबीआई (SBI) में है। यह राशि कोई एक-दो हजार करोड नहीं, बल्कि पूरे 8,086 करोड़ रुपए है। एसबीआई के पास इतनी बड़ी राशि लावारिस धन के रूप में होने की वजह यह भी है कि एसबीआई हमारे देश का बड़ा बैंक है।

बैंक में जमा लावारिस धन के सही हकदार का पता कैसे लगाएं? (How to check heir of unclaimed deposits of bank?)

दोस्तों, क्या आपको जानकारी है कि अनक्लेम्ड डिपॉजिट के सही हकदारों का पता कैसे लगाया जा सकता है? यदि नहीं, तो आज हम आपको इस संबंध में भी विस्तार से बताएंगे। साथियों, आपको बता दें कि लावारिस धन की बढ़ती राशि को देखते हुए सही हकदार का पता लगाने और क्लेम करने की सुविधा देने के लिए आरबीआई द्वारा अगस्त, 2024 में एक सेंट्रलाइज्ड वेब पोर्टल UDGAM को लॉन्‍च (launch) किया गया था। इस वेब पोर्टल के माध्यम से आप लावारिस धन के हकदार का पता आसानी से लगा सकते हैं। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार से है-

  • आपको सबसे पहले स्वयं को UDGAM पर रजिस्टर करना होगा। इसके लिए आपको https://udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/register पर क्लिक करना होगा।
  • अब आपके सामने एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म (registration form) खुल जाएगा।
  • आपको इसमें मांगी गई सारी जानकारी सही दर्ज करनी होगी।
देश के बैंकों में कितना लावारिस धन जमा है
  • इतना करने के पश्चात एक पासवर्ड (password) सेट करें और कैप्चा कोड (captcha code) भर दें।
  • इतना करने के बाद आपके फोन पर एक ओटीपी (otp) आएगा। उसे संबंधित बॉक्स (box) में दर्ज करें।
  • इस प्रकार आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।
  • रजिस्टर (register) होने के पश्चात आपको UDGAM portal पर लॉगिन (login) करना होगा।
  • अब सामने दिख रही सूची में से बैंक का नाम सेलेक्ट करें और खाताधारक (account holder) का नाम दर्ज करें।
  • इसके पश्चात आपको खाताधारक (account holder) का पैन कार्ड नंबर (PAN Card number), वोटर आईडी (Voter ID), ड्राइविंग लाइसेंस (driving licence) अथवा पासपोर्ट नंबर (passport number) दर्ज करना होगा।
  • सारी जानकारी भरने के बाद अब बाद सर्च (Search) के ऑप्शन (option) पर क्लिक (click) कर दें।

लावारिस धन यानी Unclaimed deposit क्या होता है?

देश के विभिन्न बैंकों में पड़ा वह धन, जिस पर कोई हकदारी का क्लेम नहीं करता, वह लावारिस धन कहलाता है।

बैंक में पड़ी रकम को लावारिस कब माना जाता है?

इन स्थितियों के बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।

Unclaimed deposits का बैंकों द्वारा क्या किया जाता है?

इन डिपाजिट्स की रकम को बैंकों द्वारा डीआईए फंड में डाल दिया जाता है। इस फंड की देख-रेख आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की जाती है।

आरबीआई द्वारा डीआईए फंड की राशि को कहां लगाया है?

आरबीआई द्वारा डीआईए फंड की राशि को डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस यानी जमाकर्ताओं की शिक्षा एवं जागरूकता के लिए उपयोग में लाया जाता है।

डीआईए फंड का पैसा किन कार्यों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता?

डीआईए फंड के वश पैसे को किसी जाति (caste), धर्म (religion), समुदाय (community) अथवा व्यक्ति (person) के लाभों (benefits) के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

लावारिस धन के असली हकदार का पता लगाने के लिए कौन सा वेब पोर्टल है?

लावारिस धन के असली हकदार का पता UDGAM वेब पोर्टल के जरिए लगाया जा सकता है।

UDGAM वेब पोर्टल को किसके द्वारा लॉन्च किया गया है?

UDGAM वेब पोर्टल को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा लॉन्च किया गया है।

UDGAM वेब पोर्टल पर रजिस्टर और लॉगिन की प्रक्रिया क्या है?

UDGAM वेब पोर्टल पर रजिस्टर और लॉगिन की प्रक्रिया को हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।

हमारे देश के बैंकों में कुल कितनी unclaimed राशि पड़ी है?

हमारे देश के बैंकों में कुल 42,272 करोड़ रुपए की unclaimed राशि पड़ी है।

भारत के बैंकों में पड़ी unclaimed राशि में कितनी बढ़ोतरी हुई है?

भारत के बैंकों में पड़ी unclaimed राशि में वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले करीब 28% की बढ़ोतरी हुई है।

भारत में सबसे ज्यादा लावारिस धन किस बैंक में पड़ा है?

भारत में सबसे ज्यादा लावारिस धन एसबीआई में पड़ा है। यहां ऐसी 8,086 करोड रुपए की धनराशि जमा है।

भारत में पब्लिक और प्राइवेट बैंकों के पास कितना लावारिस धन है?

भारत में पब्लिक सेक्टर के बैंकों के पास 36,185 करोड़ रुपए, जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के पास 6,087 करोड़ रुपए बतौर लावारिस धन पड़े हैं।

यदि एकाउंट होल्डर (account holder) के नाम पर कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट (unclaimed deposit) है तो सामने स्क्रीन (screen) पर आ जाएगा।दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि देश के बैंकों में कितना लावारिस धन जमा है? उम्मीद करते हैं कि इसी प्रकार की रोचक जानकारी से परिपूर्ण पोस्ट के लिए आप हमारे साथ बने रहेंगे। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा? हमें कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट करके अवश्य बताएं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment