यह हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है।लेकिन दिक्कत यह है कि उसके साथ हमारा दोस्ती का नहीं, बल्कि दुश्मनी का संबंध है। यही वजह है कि पाकिस्तान में जब चुनाव होते हैं और सत्ता पलटती है तो उसका व्यापक असर होता है। पाकिस्तान में 8 फरवरी, 2024 को आम चुनाव हुए हैं।
ऐसे में बहुत से लोग जाना चाहते हैं कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री का चुनाव कैसे होता है? पाकिस्तान में ईवीएम से चुनाव होता है या बैलेट पेपर से? पाकिस्तान का चुनाव भारत से कितना अलग है? यदि आप भी ऐसे ही लोगों में है तो आज हम आपको आपके मस्तिष्क में उठने वाले ऐसे तमाम सवालों के जवाब देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
दोस्तों, आइए जान लेते हैं कि पाकिस्तान में चुनाव कराने का जिम्मा किस पर होता है? तो आपको बता दें कि ठीक भारत की ही तरह पाकिस्तान में भी चुनाव आयोग पर देश के आम चुनाव कराने की जिम्मेदारी होती है। यानी अंग्रेजी में ईसीपी (ECP) यानी इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान (election commission of Pakistan) भी पुकारा जाता है। दोस्तों, पाकिस्तानी चुनाव आयोग की स्थापना आज से करीब 68 वर्ष पूर्व 23 मार्च, 1956 को की गई थी। इसका मुखिया मुख्य चुनाव आयुक्त होता है।
पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल (term) तीन वर्ष होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त (chief election commissioner) समेत अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पाकिस्तान के राष्ट्रपति (president) द्वारा की जाती है। आपको बता दें दोस्तों कि पाकिस्तान चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है।
इस पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव (independent and transparent election) करवाने के लिए जिम्मेदार है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक उम्मीदवार की जांच, देश के सभी राजनीतिक दलों के विलय व उनके राजनीतिक तथा आर्थिक मामलों (political and economic affairs) की निगरानी (monitoring) भी पाकिस्तान चुनाव आयोग के जिम्मे है।
आपको बता दें कि वर्तमान में इसका कार्यालय कैपिटल वेन्यू इस्लामाबाद (Islamabad) में है। चुनाव आयोग, पाकिस्तान की अपनी एक वेबसाइट (website) भी है, जिसका एड्रेस https://www.ecp.gov.pk/ है।
पाकिस्तान में वोट करने की न्यूनतम आयु क्या निर्धारित की गई है? (What is the minimum age of vote in Pakistan?)
दोस्तों, पाकिस्तान में वोट डालने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है। भारत में भी वोटर के लिए यही न्यूनतम आयु है। साथियों, यह भी जान लीजिए कि जिस प्रकार भारत में 25 जनवरी को मतदाता जागरूकता दिवस (voter awareness day) मनाया जाता है, ठीक उसी प्रकार पाकिस्तान में भी मतदाताओं को जागरूक करने के लिए 17 अक्टूबर के दिन को मतदाता दिवस यानी वोटर्स डे (voters’ day) के रूप में मनाया जाता है।
दोस्तों, आपको बता दें कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 239 में पाकिस्तान चुनाव आयोग के लिए कार्यों को परिभाषित किया गया है, जो कि इस प्रकार से हैं-
- नेशनल व प्रांतीय असेंबलियों के चुनाव कराना।
- रोल में संशोधन के लिए सालाना मतदाता सूची तैयार करवाना।
- किसी संसदीय सदन या प्रांतीय विधानसभा में सीनेट के लिए चुनाव करवाना ।
- आकस्मिक रिक्तियों को भरवाना।
- स्थानीय सरकार के संस्थानों के चुनाव के लिए निर्वाचन न्यायाधिकरण की नियुक्ति।
- संसद एवं प्रांतीय असेंबली के सदस्यों को अयोग्य ठहराए जाने के मामलों पर फैसला करना।
- पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव अथवा जब भी राष्ट्रपति द्वारा आदेश दिया जाए, जनमत संग्रह कराना।
पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के लिए आवश्यक योग्यता क्या है? (What is qualification to become the prime minister of Pakistan?)
दोस्तों, आइए अब एक नजर उन प्रमुख योग्यताओं पर डाल लेते हैं, जो कि पाकिस्तान में किसी भी व्यक्ति के प्रधानमंत्री बनने के लिए आवश्यक है। यह योग्यता इस प्रकार से है-
- आवेदक मुस्लिम (Muslim) हो।
- आवेदक नेशनल असेंबली (National assembly) का सदस्य हो।
- आवेदक के पास प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए एक प्रस्तावक और एक अनुमोदक हो।
- आवेदक की आयु 25 वर्ष से अधिक हो।
नेशनल असेंबली क्या है? (What is national assembly?)
दोस्तों, हमने आपको बताया कि प्रधानमंत्री बनने के लिए संबंधित व्यक्ति को नेशनल असेंबली का सदस्य होना चाहिए तो पहले हम यह जान लेते हैं कि नेशनल असेंबली क्या है? (What is national assembly?) दोस्तों, जिस प्रकार भारत में संसद (parliament) के दो सदन राज्यसभा और लोकसभा (rajyasabha and loksabha) होते हैं, ठीक उसी तरह पाकिस्तानी संसद (Pakistan parliament) में भी दो सदन होते हैं।
निचला सदन (lower house) नेशनल अंसेबली (National assembly) यानी कौमी अंसेबली पुकारा जाता है। वहीं, इसका उच्च सदन (upper house) सीनेट (senate) यानी आइवान-ए बाला कहलाता है।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है? (How the pm is elected in Pakistan?)
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है? आपको बता दें कि नेशनल अंसेबली के सदस्य प्रधानमंत्री को चुनते हैं। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नेशनल असेंबली में प्रक्रिया और संचालन के नियमों की दूसरी अनुसूची, 2007 के अनुसार चुना जाता है। एक सदस्य प्रधानमंत्री के नाम का प्रस्ताव करता है तथा एक अन्य उसके नाम का अनुमोदन करता है।
सदन में उपस्थित सदस्य वोटिंग करते हैं। यदि उम्मीदवार कोई एक ही व्यक्ति होता है तो उसे बहुमत के आधार पर प्रधानमंत्री घोषित कर दिया जाता है। यदि प्रधानमंत्री पद के एक से अधिक उम्मीदवार होते हैं तो ऐसे में जिस उम्मीदवार को असेंबली में बहुमत मिलता है, वह प्रधानमंत्री चुन लिया जाता है।
यदि किसी को बहुमत नहीं मिलता तो सर्वाधिक वोट हासिल करने वाले दो उम्मीदवारों के बीच पुनः चुनाव कराया जाता है। जो बहुमत हासिल कर लेता है, वह प्रधानमंत्री बन जाता है। यदि दोनों समान मत हासिल करते हैं तो इसके पश्चात तीसरी बार चुनाव कराया जाता है। यह प्रक्रिया किसी उम्मीदवार के बहुमत हासिल कर लेने तक जारी रहती है। कदम दर कदम यह सारी प्रक्रिया इस प्रकार से है –
- नेशनल असेंबली के सदस्य द्वारा पीएम पद के लिए नाम का प्रस्ताव किया जाता है।
- इसके पश्चात किसी अन्य एमएनए द्वारा उसके नाम का अनुमोदन किया जाता है।
- नामांकन पत्र सत्र से एक दिन पूर्व दोपहर 2 बजे तक सचिव के पास दाखिल करना होता है।
- यदि संबंधित व्यक्ति चाहे तो नामांकन के पश्चात मतदान से पूर्व अपना नाम वापस भी ले सकता है।
- नामांकन का मूल्यांकन नेशनल असेंबली के अध्यक्ष द्वारा उसी दिन दोपहर 3 बजे तक किया जाता है।
- मतदान शुरू होने से पूर्व अध्यक्ष यानी स्पीकर (speaker) पांच मिनट के लिए घंटियां बजाने के निर्देश देते हैं। ऐसा इसलिए, ताकि जो सदस्य सदन में उपस्थित नहीं हैं वे उपस्थित हों।
- घंटियां बजना बंद होने के तुरंत बाद लॉबी के सभी प्रवेश द्वार बंद कर दिए जाते हैं।
- प्रवेश द्वार पर तैनात कर्मचारियों द्वारा वोटिंग समाप्त होने तक किसी को भी प्रवेश या निकास की अनुमति नहीं होती।
- अब अध्यक्ष असेंबली में वैध रूप से नामांकित उम्मीदवारों के नाम पढ़ते हैं।
- अब अध्यक्ष द्वारा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने वाले सदस्यों के वोटों को रिकॉर्ड करने के लिए टेलर तैनात किए जाते हैं।
- टेलर के डेस्क पर पहुंचने पर प्रत्येक सदस्य नियमों के तहत उसे आवंटित डिवीजन नंबर को कॉल करता है।
- इसके पश्चात टेलर (tailor) डिवीजन सूची पर उसका नंबर अंकित करते हैं। साथ ही सदस्य का नाम भी पुकारते हैं।
- अब सदस्य अपना वोट दर्ज (vote register) करता है।
- इसके बाद वह सदन की घंटी बजने तक वापस नहीं आता।
- वोट देने के इच्छुक सभी सदस्यों द्वारा अपना वोट दर्ज करने के पश्चात अध्यक्ष द्वारा मतदान समाप्ति की घोषणा कर दी जाती है।
- इसके पश्चात रिकॉर्ड (record) किए गए वोटों की गिनती की जाएगी। इसके पश्चात नतीजा (result) अध्यक्ष को प्रस्तुत किया जाएगा ।
- अब अध्यक्ष द्वारा सदस्यों को चैंबर में लौट जाने के लिए दो मिनट के लिए घंटियां बजाई जाती हैं।
- घंटियां बजना बंद होने के पश्चात अध्यक्ष द्वारा असेंबली में नतीजे की घोषणा कर दी जाती है।
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली में कितनी सीटें हैं? (How many seats are there in national assembly of Pakistan?)
आइए, अब जान लेते हैं कि पाकिस्तान के निचले सदन नेशनल असेंबली में कितनी सीटें हैं। दोस्तों, इसमें कुल 336 सीटें हैं, जिसमें से 266 सीटों पर डायरेक्ट चुनाव (direct election) होते हैं। बाकी 70 सीटों में से 60 सीटें महिलाओं व 10 सीटें अल्पसंख्यकों (women and minorities) के लिए आरक्षित हैं। जिन पर इनडायरेक्ट चुनाव (indirect election) होता है। मैजोरिटी (majority) के लिए किसी पार्टी को वहां 169 सीटें जीतना आवश्यक है। पाकिस्तान में भी भारत की ही तरह जिस पार्टी के पास बहुमत होता है, उस पार्टी का नेता प्रधानमंत्री बनता है।
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में बेशक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (electronic voting machine) यानी ईवीएम (evm) का इस्तेमाल होता है, वहीं, पाक में बैलेट पेपर (ballet paper) के जरिए चुनाव (election) होता है। खास बात यह है कि वोटिंग के तुरंत बाद ही अधिकारियों द्वारा काउंटिंग कर संबंधित सीट कर नतीजा (result) घोषित कर दिया जाता है। जाने की रिजल्ट के लिए बहुत अधिक इंतजार नहीं करना पड़ता लेकिन बुरी बात यह है कि अक्सर यह प्रक्रिया बूथ कैप्चरिंग (booth capturing) या वोटों की गिनती यानी वोट काउंटिंग (vote counting) में गड़बड़ी जैसे आरोपों में घिरी रहती है।
दोस्तों, आपको बता दें कि पाकिस्तान में जब इमरान खान प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने पाकिस्तान में भी ईवीएम के जरिए चुनाव कराने की पैरवी की। इसके लिए उनके द्वारा कोशिश भी की गई। उन्होंने 2 मई, 2021 को ईवीएम से मतदान को लेकर पाकिस्तानी संसद में एक प्रस्ताव पेश किया। लेकिन यह प्रस्ताव अधिकांश पाकिस्तानी सांसदों को रास नहीं आया। एक दो नहीं, बल्कि पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा इस प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया गया। इस प्रकार पाकिस्तान में ईवीएम से इलेक्शन कराने की कोशिश पहले ही वक्फे में दम तोड़ गई।
दोस्तों, आपको बता दें कि पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के चुनाव 8 फरवरी, 2024 को हुए हैं। पाकिस्तान के मतदाताओं ने इस दिन प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री दोनों पदों के लिए वोट डाले हैं। इसे दूसरे शब्दों में कहें तो मतदाताओं द्वारा अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए दो नेताओं को चुना जाता है। एक प्रतिनिधि नेशनल असेंबली के लिए और दूसरा प्रांत के लिए।
आपको बता दें कि वोटिंग चालू होने के कुछ ही समय बाद बिगड़े सुरक्षा हालात का हवाला देते हुए जिम्मेदारों द्वारा देश भर में मोबाइल सेवाओं (mobile services) को निलंबित कर दिया गया। वहीं, खैबर पख्तूनवा में आतंकी हमला भी हुआ। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पाकिस्तान में 80% के आस-पास बूथों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है।
- विधायक कौन होता है? | विधायक कैसे बनते है? | आयु सीमा, शैक्षिक योग्यता, चुनाव प्रक्रिया कार्य व वेतन
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के लिए कितने उम्मीदवार मैदान में थे? (How many contestants were there contesting for national assembly in Pakistan?)
दोस्तों, आपको बता दें कि पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (election commission of Pakistan) यानी ईसीपी (ECP) के अनुसार नेशनल असेंबली के लिए कुल 5,121 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें पुरुषों की संख्या 4,807, जबकि महिलाओं की संख्या 312 थी। दो ट्रांसजेंडर भी चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे थे। वहीं, यदि प्रांतीय चुनाव की बात करें तो चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए कुल 12,695 प्रत्याशी चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे थे। इनमें 12,123 पुरुष (males) एवं 570 महिलाएं (females) शामिल थी। दो ट्रांसजेंडर (transgender) भी इन चुनावों में खम ठोक रहे थे।
दोस्तों, यदि पाकिस्तान में होने वाले चुनाव में शिरकत करने वाली मुख्य पार्टियों की बात करें तो इनमें तीन पार्टियां मुख्य हैं। एक है पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ इंसाफ (Pakistan tehreek-e-insaaf), दूसरी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज़ (Pakistan Muslim league-nawaz) और तीसरी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan peoples party)। दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं कि वर्तमान में तहरीके इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान (imran Khan) तोशाखाना मामले में जेल में बंद हैं।
सेना पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को समर्थन दे रही है। वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पुत्र बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। जिस प्रकार के नतीजे अभी तक देखने को मिले हैं उसके आधार पर यहां नेशनल असेंबली के हंग (hung) यानी त्रिशंकु होने की अधिक संभावना जताई जा रही है।
दोस्तों, जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि संसदीय व्यवस्था भारत और पाकिस्तान में एक जैसी है। उनके चुनाव में मामूली सा फर्क है। भारत में ईवीएम से चुनाव होता है, जबकि पाकिस्तान में बैलेट पेपर से मतदाता अपना वोट डालते हैं। भारत में चुनाव के नतीजे आने में समय लगता है, लेकिन पाकिस्तान में वोटिंग के तुरंत बाद काउंटिंग शुरू हो जाती है और सीटों के नतीजे आने शुरू हो जाते हैं।
पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री कौन थे? (Who was the first Prime minister of Pakistan?)
दोस्तों, आपको बता दें कि पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान (liyaqat Ali Khan) थे। वे 1947 से लेकर सन् 1951 तक अपने पद पर रहे। आपको बता दें कि 1947 में ही पाकिस्तान (Pakistan) हमारे भारत (India) देश से अलग होकर एक अलग राष्ट्र (seperate nation) बना था। लियाकत अली खान मोहम्मद अली जिन्ना के बेहद करीबी थे और उनके कहने पर ही भारत से पाकिस्तान गए थे। सन् 1951 में लियाकत अली खान को रावलपिंडी (Rawalpindi) में एक सभा के दौरान गोली मार दी गई थी। उनकी हत्या आज तक एक रहस्य है।
क्या पाकिस्तान में कोई महिला प्रधानमंत्री भी बनी है? (Has there been any women prime minister too?)
जी हां दोस्तों। पाकिस्तान के सियासी इतिहास में महिला प्रधानमंत्री भी रही हैं। उनका नाम बेनजीर भुट्टो था। उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan peoples party) के टिकट पर सन् 1988 में हुए आम चुनाव में जीत मिली थी। इसके पश्चात वे 1993 में भी प्रधानमंत्री चुनी गईं, लेकिन रावलपिंडी से एक सभा से लौटने के दौरान एक विस्फोटक व गोलियों से उनकी हत्या कर दी गई।
लगे हाथों आपको यह भी बता दें कि बेनजीर भुट्टो के पिता जुल्फिकार अली भुट्टो थे, जिन्हें सेना द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था। दोस्तों, शायद आपको न पता हो कि जुल्फिकार अली भुट्टो सन् 1971 से लेकर सन् 1973 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। बाद में सन् 1973 से लेकर सन् 1977 तक उन्होंने पाकिस्तान प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री का पद कभी गैर मौजूद भी रहा है? (Has PM post been absent in Pakistan ever?)
जी हां दोस्तों। पाकिस्तान में अलग अलग समय कुल 26 वर्ष तक यह पद गैर मौजूद रहा। पहली बार सन् 1958 से लेकर 1973 तक, दूसरी बार सन् 1977 से लेकर 1985 तक, जबकि तीसरी बार सन् 1999–2002 तक मार्शल लॉ (martial law) लागू होने के कारण प्रधानमंत्री पद एब्सेंट रहा। इन तीनों काल में राष्ट्रपति के नेतृत्व में मिलिट्री जनता के पास प्रधानमंत्री की शक्ति समाहित थी।
मार्शल लॉ क्या होता है? (What is martial law?)
दोस्तों, अभी-अभी जान लेते हैं कि मार्शल लॉ क्या होता है? आपको बता दें कि जब किन्हीं विशेष परिस्थितियों का हवाला देकर सेना द्वारा किसी देश की न्याय व्यवस्था को अपने हाथ में ले लिया जाता है, तो सैन्य नियम लागू हो जाते हैं। इन्हें सैनिक कानून यानी मार्शल लॉ पुकारा जाता है। दोस्तों, अब आप पूछेंगे कि वे विशेष परिस्थितियां कौन सी होती हैं? तो आपको बता दें कि देश में नागरिक अशांति अथवा युद्ध की स्थिति जैसी आपातकालीन स्थितियों को इन विशेष परिस्थितियों के अंतर्गत रखा जाता है। ऐसे में समस्त निर्णय सेना के द्वारा किए जाते हैं।
FaQ
पाकिस्तान में आम चुनाव कराने का जिम्मा पाकिस्तान चुनाव आयोग पर है।
पाकिस्तान चुनाव आयोग की स्थापना 23 मार्च, 1956 को हुई थी।
पाकिस्तान में वोट ईवीएम से पड़ते हैं या फिर बैलेट पेपर से?
पाकिस्तान में बैलेट पेपर से वोट पड़ते हैं।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है?
इसकी पूरी प्रक्रिया की जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री कौन थे?
पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान थे।
पाकिस्तान में अकेली महिला प्रधानमंत्री कौन हुई हैं?
पाकिस्तान में अकेली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हुई हैं।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद कब गैर मौजूद रहा है?
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद अलग-अलग समय पर कुल मिलाकर करीब 26 साल गैर मौजूद रहा है।
क्या कोई गैर मुस्लिम पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है?
जी नहीं, पाकिस्तान इस्लामी गणराज्य है। कोई मुस्लिम ही पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है।
पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के लिए संबंध व्यक्ति को किस सदन का सदस्य होना आवश्यक है?
पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के लिए संबंधित व्यक्ति को नेशनल असेंबली का सदस्य होना आवश्यक है।
नेशनल असेंबली के सदस्य का कार्यकाल कितना होता है?
नेशनल असेंबली के सदस्य का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
वर्तमान में पाकिस्तान में नेशनल असेंबली की कितनी सीटें हैं?
वर्तमान में पाकिस्तान में नेशनल असेंबली की 336 सीटें हैं।
जी हां। पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते हुए सन् 2021 में यह कोशिश हुई थी, लेकिन 11 विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा इस प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया गया, जिसके चलते यह कोशिश परवाह नहीं चढ़ पाई।
पाकिस्तान में मतदाता जागरूकता दिवस कब मनाया जाता है?
पाकिस्तान में मतदाता दिवस 17 अक्टूबर को मनाया जाता है।
पाकिस्तान चुनाव आयोग की वेबसाइट का एड्रेस https://www.ecp.gov.pk/ है।
पाकिस्तान चुनाव आयोग का मुखिया मुख्य चुनाव आयुक्त होता है।
पाकिस्तान में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वहां के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 3 वर्ष होता है।
पाकिस्तान में मतदाता बनने की न्यूनतम आयु क्या निर्धारित की गई है?
पाकिस्तान में वोट करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको जानकारी दी कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री का चुनाव कैसे होता है? पाकिस्तान में ईवीएम से चुनाव होता है या बैलेट पेपर से? पाकिस्तान का चुनाव भारत से कितना अलग है? उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपके ज्ञान में वृद्धि हुई होगी। यदि इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट आप हमसे चाहते हैं, तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।