बहुत आसान तरीके से डाक्टर कैसे बनें? How to become a doctor easily?

|| बहुत आसान तरीके से डाक्टर कैसे बनें? How to become a doctor easily? डॉक्टर बनने में कितना खर्च आता है? डॉक्टर कितने प्रकार के होते हैं? हम डॉक्टर कैसे बने? डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले क्या करना पड़ता है? ||

डाक्टरी का पेशा ऐसा पेशा है, जिसमें न केवल कमाई अच्छी है, बल्कि किसी की जान बचाने का भी संतोष होता है, जो पैसे भी बढ़कर है। हमारे देश में हर साल हजारों युवा डाक्टर बनने का ख्वाब लिए 12वीं की परीक्षा पास करते हैं। लेकिन इनमें से सभी सफल नहीं हो पाते, क्योंकि इसकी प्रवेश परीक्षा कठिन होती है।

इसमें केवल वही कामयाब होते हैं, जो मेहनत और लगन से तैयारी करते हैं। बहुत से लोग अपने बच्चों का एडमिशन डोनेशन के दम पर करा देते हैं। यदि आपके मां बाप डोनेशन देने में सक्षम नहीं और आप अपनी मेहनत के बल पर डाक्टर बनना चाहते हैं तो आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि आप डाक्टर कैसे बन सकते हैं। आइए, शुरू करते हैं-

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डाक्टर क्या क्या करता है? (What does a doctor do?)

बहुत आसान तरीके से डाक्टर कैसे बनें? How to become a doctor easily?

सबसे पहले आपको एक डाक्टर की जिम्मेदारी के बारे में बताते हैं कि एक डाक्टर क्या क्या करता है? आपको बता दें दोस्तों कि एक डाक्टर ही मरीज के रोग को डायग्नोस (dignos) करने के पश्चात उन्हें दवा प्रेस्क्राइब (prescribe) करता है। आवश्यकता के वक्त सर्जरी (surgery) करता है।

सर्जरी के बाद यदि कोई कांप्लिकेशन (complication) होता है तो हायर सेंटर रेफर (higher center refer) करता है। आपको बता दें कि सामान्यतः शरीर की जांच कर दवा प्रेस्क्राइब करने वाले एवं सर्जरी करने वाले डाक्टर अलग अलग होते हैं। एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के दौरान छात्रों को मेडिकल से जुड़ी विधा में दक्ष बनाया जाता है, ताकि वे अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे सकें।

डाक्टर बनने के लिए एक छात्र ने क्या क्या गुण होने चाहिए? (What qualities a person should have to become a doctor?)

दोस्तों, अब हम बताएंगे कि यदि आप डाक्टर बनना चाहते हैं तो आपके भीतर कौन कौन से गुण होने चाहिए। ये इस प्रकार से हैं-

1. संवेदनशील होना (sensitive)-

यह डाक्टर बनने के लिए सबसे आवश्यक गुण है। यदि एक छात्र संवेदनशील (sensitive) है तभी वह अन्य मरीजों के दुख दर्द को महसूस कर सकता है। यदि उसमें यह गुण नहीं तो इसका अर्थ है कि वह डाक्टरी के पेशे में फिट नहीं होगा।

2. धैर्यवान प्रकृति (patience)-

एक डाक्टर का धैर्यवान होना भी बहुत जरूरी है। कई जांच लंबी चलती हैं। इसके अलावा आपरेशन की प्रक्रिया भी लंबी चलने वाली होती है। ऐसे में वह व्यक्ति सफल नहीं हो सकता, जिसमें धैर्य (patience) की कमी हो।

3. त्वरित निर्णय लेने की क्षमता (quick decision maker)-

एक डाक्टर में त्वरित निर्णय (quick decision) लेने की क्षमता अथवा काबिलियत होना भी बेहद आवश्यक है। कई बार मरीज की जांच (investigation) के बाद उसे बचाने के लिए आपरेशन संबंधी (operation related) निर्णय इसी प्रकार के निर्णयों में शामिल हैं।

4. विश्लेषण की क्षमता (analytical ability)-

एक डाक्टर के भीतर मरीज की हालत को देखते हुए परिस्थितियों के विश्लेषण (analysis) की क्षमता होनी चाहिए। एक अच्छा विश्लेषक (analyst) ही एक बेहतर डाक्टर भी बन सकता है।

डाक्टर कैसे बनें? (How to be a doctor?)

मित्रों, यदि आप भी डाक्टर बनना चाहते हैं तो हम आपको इसकी चरणवार जानकारी देंगे। सबसे पहले जान लेते हैं कि डाक्टर बनने के लिए एक छात्र या छात्रा को क्या आवश्यक आवश्यकताएं पूरी करनी होंगी। ये इस प्रकार से हैं –

  • उम्मीदवार को 12वीं की परीक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलाजी (physics, chemistry, biology) विषयों के साथ न्यूनतम (minimum) 50 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण करनी होगी।
  • इस बीच उम्मीदवार की उम्र न्यूनतम 17 वर्ष से अधिकतम 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • एमबीबीएस प्रवेश (MBBS admission) के लिए नीट (NEET) यानी राष्ट्रीय प्रवेश योग्यता परीक्षा (national entrance eligibility test) में बैठना होगा।
  • नीट क्वालिफाई (qualify) करने के पश्चात काउंसिलिंग (counseling) में हिस्सा लेना होगा।
  • सारे राउंड पूरे होने के पश्चात पश्चात किसी अच्छे कालेज में प्रवेश लेकर वहां से
  • एमबीबीएस डिग्री कोर्स (MBBS degree course) पूरा करना होगा।
  • इसके पश्चात डाक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
  • विशेषज्ञ डाक्टर (specialist doctor) बनने के लिए एमबीबीएस के पश्चात एमडी/एमएस (MD/MS) करना होगा।

डाक्टर बनने के लिए कौन सी डिग्री जरूरी है? (Which degree is must to become a doctor?)

दोस्तों, अब आपको जानकारी देंगे कि डाक्टर बनने के लिए आपको कौन सी डिग्री लेनी होगी। सामान्य रूप से यह डिग्री कोर्स इस प्रकार से हैं-

एमबीबीएस (MBBS)-

सामान्य रूप से डाक्टर बनने के लिए आपको न्यूनतम एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री हासिल करनी होगी। आपको बता दें दोस्तों कि यह एक साढ़े पांच साल का कोर्स (course) होता है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप (internship) होती है।

एमबीबीएस की फुल फार्म बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (bachelor of medicine and bachelor of surgery) होती है। एमबीबीएस के लिए नीट (NEET) नामक प्रवेश परीक्षा कराई जाती है। इसे सीबीएसई (CBSE) द्वारा कराया जाता है।

बीडीएस (BDS)

जो लोग दांतों के डाक्टर बनना चाहते हैं, उन्हें बीडीएस (BDS) करना होगा। इसकी फुल फार्म बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (bachelor of dental surgery) है। बहुत से छात्र इस कोर्स को प्राथमिकता देते हैं तो वहीं बहुत से ऐसे छात्र भी हैं, जो एमबीबीएस में दाखिला न मिलने पर बीडीएस के कार्स का रूख करते हैं। इन कोर्स में प्रवेश भी नीट की रैंकिंग (neet ranking) के आधार पर होता है।

बीएएमएस (BAMS)

जो छात्र आयुर्वेदिक डाक्टर बनना चाहते हें उन्हें बीएएमएस (BAMS) की डिग्री लेनी होती है। इसकी फुल फार्म बैचलर आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (bachelor of ayurvedic medicine and surgery) है। इस कोर्स में प्रवेश नीट में मिले रैंक के आधार पर होता है।

जिन लोगों को एमबीबीएस में प्रवेश नहीं मिल पाता, वे बीएएमएस करने के लिए जाते हैं। इन दिनों आयुर्वेदिक उपचार को भी केंद्र सरकार बहुत प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए आयुष मंत्रालय (ministry of Ayush) भी खोला गया है। यहां तक कि अब आयुर्वेदिक डाक्टरों को भी सर्जरी का अधिकार दिए जाने पर काम चल रहा है।

बीएचएमएस (BHMS)

मित्रों, बीएचएमएस की फुल फार्म है बैचलर आफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (bachelor of homeopathic medicine and surgery)। यह एक बेहद पुरानी चिकित्सा पद्धति है।

खास बात यह है कि एलोपैथी की तरह इस चिकित्सा पद्धति में कोई साइड इफेक्ट (side effects) नहीं होते। हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए होम्योपैथी का सहारा लेते हैं।

भारत में मेडिकल एंट्रेंस के लिए कौन कौन सी प्रवेश परीक्षाएं हैं? (Which medical entrance exams are there in india?)

दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में एमबीबीएस (MBBS) में प्रवेश के लिए सबसे कामन एंट्रेंस नीट (NEET) होता है। इसकी फुल फार्म नेशनल एंट्रेस एलिजिबिलिटी टेस्ट (national entrance eligibility test) होती है, जिसका आयोजन सीबीएसई (CBSE) यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (Central board of secondary education) द्वारा किया जाता है।

इसी परीक्षा (exam) में प्राप्त रैंक (rank) के जरिए देश भर के कालेजों में प्रवेश होता है। इसके अतिरिक्त एम्स (AIIMS), आर्म्ड फोर्स मेडिकल कालेज (armed forces medical College) यानी एएफएमसी पुणे (AFMC Pune), जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज (Jawaharlal Nehru medical College), कस्तूरबा मेडिकल कालेज (Kasturba Gandhi medical College), मौलाना आजाद मेडिकल कालेज (Maulana Azad medical College), क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (Christian medical College) आदि में एडमिशन (admission) लेना चाहते हैं तो उन्हें इनके द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा (entrance exam) में हिस्सा लेना होगा। यदि मेडिकल एंट्रेंस (medical entrance) की मुख्य प्रवेश परीक्षाओं की बात करें तो वे इस प्रकार से हैं-

  • नीट (NEET)
  • एआईपीएमटी (AIPMT)
  • बीएमएटी (BAMT)
  • एम्स-एमबीबीएस (AIIMS-MBBS)
  • यूकैट (U-CAT)
  • एमकैट (MCAT)
  • जिपमर (ZIPMAR)
  • सीएमसी वेल्लोर (CMC Vellore)
  • ईएमएमसीईटी (EMMCET)
  • बीएचयू-पीएमटी (BHU-PMT)

एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम योग्यता क्या है? (What is the minimum qualification to take MBBS entrance?)

दोस्तों, अब आपको जानकारी देते हैं कि एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा (MBBS entrance exam) में बैठने के लिए न्यूनतम योग्यता क्या है? यदि शैक्षिक योग्यता (educational qualification) की बात करें तो उम्मीदवार के पास यह योग्यताएं आवश्यक हैं-

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक हो।
  • उम्मीदवार ने फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बायोलाजी के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
  • उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 17 साल एवं अधिकतम आयु 25 वर्ष निर्धारित की गई है।

नीट में कितने अंक लाने पर सरकारी कालेज में दाखिला मिल सकता है? (How much marks are necessary to get the admission in a government college?)

बहुत से लोग यह मानते हैं कि केवल नीट क्लियर NEET (Clear) कर लेना उनके लिए काफी होगा। लेकिन यह सच नहीं है। एक अनारक्षित कैटेगरी (unreserved category) अथवा जनरल कैटेगरी (general category) के तहत सरकारी मेडिकल कालेज में प्रवेश पाने के लिए अभ्यर्थी को 610 से 520 अंक प्राप्त करने होते हैं।

डाक्टर बनने के बाद विशेषज्ञ डाक्टर बनने के लिए क्या करना होगा? (What a doctor needs to do to be a specialist doctor?)

दोस्तों, आपको बता दें कि डाक्टर बनने के बाद किसी क्षेत्र विशेष में विशेषज्ञता हासिल करके उस क्षेत्र का विशेषज्ञ डाक्टर नना होगा। इसके लिए देश में एमडी (MD) एवं एमएस (MS) दो कोर्स संचालित किए जाते हैं। ये तीन साल के कोर्स हैं। एमडी का अर्थ है – डाक्टर ऑफ मेडिसिन (doctor of medicine) एवं एमएस का अर्थ है- मास्टर्स ऑफ सर्जरी (master of surgery)।

जो लोग सर्जन बनना चाहते हैं, वे एमएस करते हैं। दंत रोग में विशेषज्ञता के लिए बीडीएस (BDS) के बाद एमडीएस (MDS) किया जाता है। आप विशेषज्ञता के बाद इस रूप में नाम कमा सकते हैं-

  • स्त्री रोग विशेषज्ञ यानी गाइनकोलाजिस्ट (gynecologist)
  • बाल रोग विशेषज्ञ यानी पीडियाट्रीशियन (pediatrician)
  • त्वचा रोग विशेषज्ञ यानी डर्मेटोलाजिस्ट (dermatologist)
  • हृदय रोग विशेषज्ञ यानी कार्डियोलाजिस्ट (cardiologist)
  • मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ यानी न्यूरोलॉजिस्ट (neurologist)
  • दंत रोग विशेषज्ञ यानी डेंटिस्ट (dentist)
  • पेट रोग विशेषज्ञ यानी एंडोक्राइनोलाजिस्ट (endocrinologist) आदि

देश की टॉप-10 मेडिकल संस्थान कौन कौन से हैं? (Which are country’s top-10 medical institutions)

यदि एनआईआरएफ (NIRF) की रैंकिंग (ranking) की बात करें तो देश की टॉप-10 मेडिकल संस्थान इस प्रकार से हैं-

  • 1–एम्स, नई दिल्ली।
  • 3-क्रिश्चियन मेडिकल कालेज, वेल्लोर।
  • 4-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस, बंगलूरू।
  • 6-अमृता विश्व विद्यापीठ, कोयंबटूर।
  • 7-बनारस हिंदू विश्वविद्यालय-वाराणसी।
  • 9-किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ।
  • 10-कस्तूरबा मेडिकल कालेज, मणिपाल।
  • 12-इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायेलरी साइंस, नई दिल्ली।
  • 13-सेंट जान मेडिकल कालेज, बंगलूरू।
  • 14-अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़।

आर्मी में डाक्टर कैसे बन सकते हैं?

आर्मी में डाक्टर बनने के लिए आप अपनी एमबीबीएस डिग्री आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कालेज (armed forces medical College) यानी एएफएमसी (AFMC) पुणे से ले सकते हैं। यदि चाहें तो किसी दूसरे संस्थान से एमबीबीएस (MBBS) करने के बाद भी आर्मी में जा सकते हैं।

एएफएमसी (AFMC) के 50 प्रतिशत पास आउट को सीधे आर्मी में परमानेंट कमीशन (permanent commission) मिलता है। अन्य को एसएससी (SSC) यानी शार्ट सर्विस कमीशन (short service commission) में लिया जाता है। एएफएमसी (AFMC) वालों के अतिरिक्त अन्य कालेज वालों को एसएससी मिलती है।

भारत में डाक्टरी की पढ़ाई पर कितना खर्च होता है? (How much cost it takes to be a doctor in india?)

अब हम आपको बताएंगे कि भारत में डाक्टरी की पढ़ाई पर कितना खर्च होता है? दोस्तों, सरकारी मेडिकल कालेज में पढ़ाई पर प्रति वर्ष औसत रूप से 50 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक खर्च होता है। उत्तराखंड (uttarakhand), पंजाब (punjab) एवं मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकारी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की फीस क्रमशः 1.4 लाख रुपए, 1.8 लाख रुपए एवं 1.1 लाख रुपए है। वहीं यदि बात प्राइवेट कालेजों (private colleges) की करें तो इनमें मेडिकल की पढ़ाई पर औसत रूप से 5 लाख रुपए से लेकर सालाना 15 लाख रुपए तक का खर्च आता है।

एक डाक्टर को कितनी सैलरी मिलती है? (How much salary a doctor gets?)

यह बहुत से लोगों की रूचि का प्रश्न है। एक डाक्टर को कितनी सैलरी मिलती है, डाक्टर बनने के युवा यह जानने के लिए बेहद उत्सुक रहते हैं। तो आपको बता दें दोस्तों कि एक एमबीबीएस पास सरकारी डाक्टर को 60 हजार रुपए प्रतिमाह तक सैलरी मिलती है।

वहीं, यदि बात विशेषज्ञ डाक्टर को एक लाख रुपए प्रतिमाह तक की सैलरी का प्रावधान है। यदि वेतनमान की बात करें तो एक एमबीबीएस डाक्टर का वेतनमान 15,600-39,100 रुपए, जबकि ग्रेड पे 5,400 रुपए है।

डाक्टर बनने के लिए कौन सी डिग्री आवश्यक है?

सामान्य रूप से डाक्टर बनने के लिए एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए।

एमबीबीएस की फुल फार्म क्या है?

एमबीबीएस की फुल फार्म बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी है।

एमबीबीएस में प्रवेश किस प्रकार होता है?

एमबीबीएस में प्रवेश सामान्यतः नीट के जरिए होता है। ऐसे भी बहुत से संस्थान हैं, जो अपनी प्रवेश परीक्षा खुद आयोजित करते हैं।

एमबीबीएस का कोर्स कितने साल का होता है?

एमबीबीएस का कोर्स साढ़े पांच साल का होता है। इसमें एक वर्ष की इंटर्नशिप भी शामिल है।

नीट की फुल फार्म क्या होती है?

नीट की फुल फार्म नेशनल एंट्रेस एलिजिबिलिटी टेस्ट है।

एमबीबीएस में दाखिले के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता क्या है?

एमबीबीएस में दाखिले के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स विषय के साथ 12वीं उत्तीर्ण है।

दांतों का डाक्टर बनने के लिए कौन सी डिग्री आवश्यक है?

इसके लिए अभ्यर्थी के पास बीडीएस की डिग्री होनी चाहिए।

आयुर्वेदिक डाक्टर बनने के लिए कौन सी डिग्री चाहिए?

आयुर्वेदिक डाक्टर बनने के लिए बीएएमएस की डिग्री होनी चाहिए।

होम्योपैथिक डाक्टर बनने के लिए किस डिग्री की आवश्यकता होती है?

होम्योपैथिक डाक्टर बनने के लिए बीएचएमएस की डिग्री की आवश्यकता होती है।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में बताया कि आप बहुत आसान तरीके से डाक्टर कैसे बनें? How to become a doctor easily? उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। यदि आपका इस पोस्ट के संबंध में कोई सवाल है तो आप उसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके पूछ सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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