हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के लोकप्रिय नेता हैं। देश में बहुत से युवा हैं, जो उनके जैसे बनने का सपना देखते हैं। माना जाता है कि इन दिनों सबसे अच्छा जीवन नेताओं का है। अच्छी लाइफ स्टाइल। पीछे समर्थकों की भीड़। यदि थोड़ी सी मेहनत और पार्टी की कृपा से पद पा गए तो बल्ले-बल्ले। हमारे देश के बहुत से युवा हैं, जो नेताओं की जीवन शैली देखकर प्रभावित होते हैं और नेता बनना चाहते हैं।
क्या आप भी राजनीति में अपना करियर बनाना चाहते हैं? क्या आप भी नेता बनना चाहते हैं? तो आज आप एकदम सही जगह पर हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि नेता कैसे बनें? एक नेता बनने के लिए आवश्यक गुण क्या हैं? नेता बनने के नुकसान क्या हैं? उम्मीद है कि आप इस पोस्ट को शुरू से अंत तक पढ़ेंगे। आइए, शुरू करते हैं –
नेता कौन होता है? (Who is a leader?)
नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को ही नेता यानी लीडर (leader) पुकारा जाता है। जिस प्रकार विभिन्न कंपनियों में टीम लीडर (team leader) होते हैं, जो अपनी टीमों का नेतृत्व करते हैं, प्रबंधन करते हैं और विभिन्न टारगेट्स को हासिल करते हैं। ठीक उसी प्रकार राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय नेताओं को राजनेता पुकारा जाता है। वे कार्यकर्ताओं और लोगों का नेतृत्व करते हैं प्रबंधन करते हैं। और उनके साथ मिलकर राजनीति की दुनिया में साझा लक्ष्य हासिल करते हैं।
क्या राजनीति में करियर आकर्षक व फायदेमंद है? (Is career in politics attractive and lucrative?)
क्या राजनीति में करियर आकर्षक व फायदेमंद है? दोस्तों, यदि आपके दिमाग में भी यह सवाल उठता है तो इसका जवाब हां है। पॉलिटिक्स का पावर के साथ चोली-दामन का साथ है। ऐसे में बहुत से बेहतर पढ़े-लिखे युवा, जो अन्य क्षेत्रों में भी अच्छा करियर बना सकते हैं, वे राजनीति में आ जाते हैं। दोस्तों, इतना ही नहीं राजनीति का आकर्षण इतना है कि कई ऐसे प्रशासनिक अफसर, जो कि इस देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी पास करने के बाद आईएएस बनते हैं, वे भी खनक वाली नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति या पॉलिटिक्स (politics) ज्वाइन कर लेते हैं।
किसी व्यक्ति में नेता बनने के लिए क्या-क्या गुण आवश्यक हैं? (what qualities a person should have to be a leader?)
एक नेता बनने के लिए व्यक्ति में नेतृत्व के गुण (leadership quality) बेहद आवश्यक हैं। इसके अलावा उसमें जो गुण होने चाहिए, वे इस प्रकार से है-
अच्छा वक्ता हो :
एक नेता बनने के लिए युवा को अच्छा वक्ता होना आवश्यक है। क्योंकि उसे दिन-रात सभाओं में बोलना होगा। भाषण देने होंगे और अपनी बात को लोगों के सामने रखना होगा। उसे कुशलता से संवाद करना आना चाहिए तथा उसमें इतनी क्षमता हो कि वह अपनी बात अन्य लोगों को समझा सके।
सामाजिक रूप से सक्रिय हो :
एक नेता को समाज के बीच रहकर काम करना होता है। ऐसे में उसका सामाजिक रूप से सक्रिय होना बेहद आवश्यक होता है। वह सेवा भाव से कार्य करें तो जल्द ही लोकप्रिय हो सकता है।
नेटवर्क बनाने में कुशलता :
नेता बनने के इच्छुक युवा को स्थानीय राजनेताओं व संस्थाओं से अच्छी नेटवर्किंग करनी भी जरूरी होगी। अच्छा नेटवर्क उसे आगे बढ़ने और बड़े राजनेताओं तक पहुंचने में सहायता प्रदान करेगा।
सोशल मीडिया पर अच्छी पकड़ हो :
यह सोशल मीडिया का जमाना है। हर कोई अपनी उपलब्धि को सोशल मीडिया के जारी है जनता तक पहुंचना है ऐसे में एक नेता के लिए सोशल मीडिया (social media) पर पकड़ रखना बेहद जरूरी होता है ताकि वह अपने किए गए कार्यों को लोगों तक पहुंचा सके और उनके बीच अपनी पैठ बना सके। तमाम बड़े नेता भी इस कार्य के लिए किसी एजेंसी अथवा एक्सपर्ट को हायर करते हैं।
स्थानीय मुद्दों को समझता हो :
हमारे देश में नेताओं के लिए शिक्षा संबंधी कोई बाध्यता निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन एक नेता में स्थानीय मुद्दों की समझ अवश्य होनी चाहिए, ताकि वह इनके आधार पर स्थानीय लोगों में, यानी कि जिन लोगों के बीच उसे राजनीति करनी है पैठ और अपने लिए आगे बढ़ने का रास्ता बना सके।
विनम्रता और चतुराई हो :
नेता बनने के इच्छुक युवा के अंदर विनम्रता और इसके साथ ही चतुराई होना बहुत आवश्यक है। यदि वह विनम्र नहीं होगा तो लोग उससे बात करना भी पसंद नहीं करेंगे। अपनी समस्या रखना तो दूर की बात है। इसके साथ ही संबंधित युवा कों चतुर होना भी बेहद आवश्यक है। चतुराई के बिना राजनीति हो ही नहीं सकती।
असत्य संभाषण से परहेज न हो :
इन दिनों जिस प्रकार की राजनीति हो रही है उसमें युवा को असत्य संभाषण से परहेज नहीं होना चाहिए। क्योंकि उसे झूठ बोलना पड़ सकता है और इस हद तक बोलना पड़ सकता है कि वह सच लगे।
कठिन परिश्रम व संघर्ष करने का माद्दा हो :
एक नेता बनने की युवा में कठिन परिश्रम व संघर्ष करने का माद्दा होना भी आवश्यक है। देखा होगा कि कई बार जनता का मुद्दा उठाने के लिए युवा नेताओं को पुलिस के लाठी-डंडे तक खाने पड़ते हैं। ऐसे में संघर्षशील युवा ही आगे जाते हैं।
भविष्य को लेकर विजन साफ हो :
नेता बनने की इच्छा को युवा के भीतर भविष्य को लेकर विजन साफ होना चाहिए। उसे यह पता होना चाहिए कि वह क्या कर रहा है और क्यों कर रहा है।
परिस्थितियों का विश्लेषण कर त्वरित निर्णय लेने की क्षमता :
एक अच्छा नेता बनने के लिए युवा के भीतर परिस्थितियों का विश्लेषण कर निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। उसके भीतर यह आकलन करने की क्षमता होनी चाहिए कि उसके लिए क्या कदम उठाना बेहतर रहेगा और क्या नहीं।
एक युवा के पास राजनीति में आगे बढ़ने के कितने मौके होते हैं? (How much opportunities the youth have to go ahead/far in politics?)
दोस्तों, अब आप सोचेंगे कि तमाम बड़े राजनेता भाई-भतीजावाद में विश्वास रखते हैं। और राजनीति में अपने बेटे-बेटी को ही आगे बढ़ाते हैं। ऐसे में जिनके परिवार का कोई राजनीति में नहीं या जिनके ऊपर किसी का हाथ नहीं, वे कैसे आगे बढ़ सकते हैं? तो आपको बता दें कि एक राजनीतिक पार्टी में सैकड़ो पद होते हैं। इन दिनों तमाम राजनीतिक पार्टियां (political parties) अपने यहां युवाओं को आगे ला रही हैं। यदि कोई युवा राजनीति में आना चाहता है और उसके अंदर अच्छे नेता बनने के सारे गुण है। तो उसके पास आगे बढ़ने का भी अच्छा खासा-मौका होता है। बस उसके पास खुद को मिले मौके को भुनाने का हुनर होना चाहिए।
आम तौर पर नेता बनने की पहली सीढ़ी क्या होती है? (In general What is the first ladder to be a leader?)
दोस्तों, यूं तो जिन लोगों के परिवार पहले से ही पॉलिटिक्स में हैं, उनको तो राजनीति में आने के लिए बिछा-बिछाया रेड कारपेट (red carpet) मिलता है, लेकिन जो युवा नए सिरे से शुरुआत करना चाहते हैं आज हम उनकी बात करेंगे। आपको बता दें कि नेता बनने की पहली सीढ़ी स्टूडेंट पॉलिटिक्स (student politics) होती है। नेता बनने के इच्छुक युवा को सबसे पहले स्टूडेंट पॉलिटिक्स यानी छात्र राजनीति में एक्टिव होना होगा। इसके लिए उसे सबसे पहले कॉलेज से ही शुरूआत करनी होगी।
यह तो आप जानते ही हैं कि इन दिनों सभी राष्ट्रीय पार्टियों (national parties) चाहे वह कांग्रेस हो या फिर भाजपा, इनकी छात्र इकाई (student unit) हैं। जैसे -कांग्रेस की स्टूडेंट इकाई एनएसयूआई (NSUI) यानी नेशनल ट्रेड यूनियन ऑफ़ इंडिया है (national students union of India) और भाजपा की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bhartiya Vidyarthi parishad) यानी एबीवीपी (ABVP)। दोस्तों, पहले इनका सदस्य बनकर उसे राजनीति की बारीकियां समझनी होंगी। मौका मिले तो चुनाव लड़ने से भी ना चुके।
इसके बाद किसी राजनीतिक पार्टी (political party) का सदस्य बनना होगा। चाहे तो पार्टी के आनुषांगिक संगठनों में जाकर भी आगे बढ़ सकता है। दोस्तों का पूछेंगे कि यदि कोई पढ़ाई छोड़ देता है या अल्पशिक्षित है या फिर वह कॉलेज नहीं जाता तो वह क्या करे? तो आपको बता दे कि वह सामाजिक रूप से कोई संस्था खड़ी कर या किसी अभियान में शामिल होकर भी अपनी राजनीति और नेतागिरी को चमका सकता है।
नेता बनने के क्या-क्या फायदे हैं? (What are the advantages of being a leader?)
दोस्तों, हमने आपको ऊपर पोस्ट में नेता बनने के लिए आवश्यक गुणों की जानकारी दी। आइए, अब यह जान लेते हैं कि एक नेता बनने के क्या-क्या फायदे हैं-
- पॉलिटिक्स में पावर निहित होती है।
- गांव प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचने का अवसर होता है।
- अपने साथ ही अपने परिवार की भी किस्मत बदल सकते हैं।
- यदि ठीक-ठाक पकड़ बना ली जाए तो एक सिफारिश पर ही काम हो जाता है।
- सैकड़ों/हजारों लोग आपके फॉलोअर होते हैं और आपकी एक बात पर सड़कों पर उतरने को तैयार रहते हैं।
नेता बनने के क्या-क्या नुकसान हैं? (What are the disadvantages of being literature?)
दोस्तों, ऊपर पोस्ट में हमने जाना कि एक नेता बनने के क्या-क्या फायदे हैं? तो आइए, अब आपको बता देते हैं कि एक नेता होने के क्या-क्या नुकसान है। ये इस प्रकार से हैं-
व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है (personal life is effected) :
दोस्तों राजनीति एक फुल टाइम जॉब है। एक नेता के काम के कोई निश्चित घंटे नहीं होते। वह 24 घंटे सक्रिय रहता है। ऐसे में उसका अपना व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है।
हर वक्त आलोचना झेलनी पड़ती है (everytime he has to suffer criticism) :
कोई नेता कितना भी अच्छा काम क्यों ना करे, लेकिन हर कोई उससे संतुष्ट नहीं हो पाता। खास तौर पर वह हमेशा प्रतिद्वंदी या फिर विपक्षी के निशाने पर रहता है और उसे आलोचना झेलनी पड़ती है।
दबाव के बीच रहने की मजबूरी :
एक नेता पर अपनी पार्टी की आशाओं और कार्यकर्ताओं की उम्मीदों का बोझ रहता है। ऐसे में एक नेता हमेशा किसी न किसी दबाव के बीच रहने को मजबूर होता है।
अपनी इमेज को लेकर सतर्क रहना पड़ता है :
एक अच्छे नेता को हरदम अपनी इमेज (image) को लेकर सतर्कता बरतनी पड़ती है। कई बार एक गलत कदम संबंधित नेता का पूरा राजनीतिक करियर (political career) समाप्त कर सकता है।
क्या किसी गरीब परिवार का युवा भी राजनीति में बहुत आगे जा सकता हैं? (Can a youth of poor family go very far in politics?)
दोस्तों, यदि आप यह समझते हैं कि किसी गरीब परिवार का युवा राजनीति में आगे नहीं जा सकता या उसके लिए राजनीति में करियर बनाना बहुत मुश्किल है तो आपके लिए सबसे बड़ा उदाहरण भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का है। जो एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे, लेकिन आज अपने संघर्ष की बदौलत भारतीय राजनीति के शीर्ष पर हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों में कई ऐसे बड़े नेता हैं, जो गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते थे, लेकिन अपनी मेहनत, संघर्ष व जनता के मुद्दे उठाने की बदौलत वे अपने राजनीतिक जीवन में आगे तक पहुंचे हैं।
क्या नेता बनने के लिए अच्छी शिक्षा आवश्यक नहीं? (Is good education not necessary to be a leader?)
दोस्तों, बहुत से लोगों को यह लगता है कि नेता बनने के लिए अच्छी शिक्षा आवश्यक नहीं। इसीलिए भारत में लोकसभा जैसे चुनाव लड़ने के लिए शिक्षा संबंधी कोई बाध्यता नहीं रखी गई है। भारत में बहुत से ऐसे नेता है जिन्होंने अधिक शिक्षित ना होते हुए भी राजनीति के क्षेत्र में नाम किया है। लेकिन दोस्तों, यह भी सच है कि यदि कोई नेता अच्छी शिक्षा प्राप्त है तो वह बहुत से जटिल मुद्दों को अपनी शिक्षा के बूते अच्छी तरह से समझने में सक्षम होता है। इससे कई बार उसे अच्छा निर्णय लेने में मदद मिलती है।
क्या नेतागिरी सीखने का कोई स्कूल भी है? (Is there any school to teach leadership?)
दोस्तों, आपको बता दें कि नेतागिरी सीखने का कोई स्कूल नहीं है। लेकिन एक अच्छे नेता बनने के लिए जो स्किल (skill) आवश्यक हैं, उन्हें डेवलप (develop) करने के लिए और पर्सनालिटी (personality) यानी व्यक्तित्व को ग्रूम (groom) करने के लिए किसी स्कूल की मदद जरूर ली जा सकती है। जैसे कि अच्छी स्पीकिंग (speaking) के लिए ट्रेनिंग (training) ले सकते हैं। अपनी बॉडी लैंग्वेज (body language) पर काम कर सकते हैं। अपना कम्युनिकेशन स्किल (communication skill) सुधार (improve) सकते हैं।
वे कौन से नेता हैं, जिनके बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद राजनीति में आए? (Name the leaders, whose children came into politics, even after getting higher education?)
दोस्तों, हमारे देश भारत में एक परिपाटी रही है कि यहां राजनीति में परिवारवाद हावी है। ढेरों ऐसे राजनेता हैं, जिनके बच्चों ने उच्च शिक्षा ग्रहण की है। और जो अन्य क्षेत्रों में अच्छा करियर बना सकते थे। लेकिन उन्होंने वैसा ना करके राजनीति में ही आगे बढ़ने का फैसला किया। जैसे-उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया (Australia) की सिडनी यूनिवर्सिटी (Cydney University) से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग (environmental engineering) में मास्टर्स की डिग्री ली है। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दादा चौधरी चरण सिंह व पिता अजित सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने वाले जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स (London school of economics) से लेखा एवं वित्त यानी एकाउंटेंट एंड फाइनेंस (account & finance) में मास्टर्स डिग्री ली है। इसी प्रकार केंद्र में मंत्री रहे माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया
(Jyotiraditya Scindia) ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) से एमबीए MBA किया है। दोस्तों, यह तो केवल उदाहरण हैं। इनके अलावा ऐसे नामों की एक लंबी लिस्ट है, जो उच्च शिक्षा हासिल करके अपने दादा या पिता की तरह ही उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
लड़कियां राजनीति के क्षेत्र में करियर बनाने में पीछे क्यों है? (Why girls are far behind in making career in politics?)
दोस्तों, आपने तमाम युवाओं में राजनीति में करियर बनाने और इस क्षेत्र में आगे बढ़ने में दिलचस्पी देखी होगी। लेकिन इसमें लड़कियों की संख्या अभी भी बहुत कम है। वे राजनीति में करियर बनाने की बहुत इच्छुक नजर नहीं आतीं। आखिर इसकी क्या वजह है? दोस्तों यदि लड़कियों के नजरिए से देखा जाए तो सबसे पहली बात यह है कि वे इस क्षेत्र में करियर सुरक्षित (safe) नहीं समझतीं। दूसरी बात यह है की राजनीति में विपक्षी इमेज खराब करने का कोई मौका नहीं छोड़ते।
ऐसे में लड़कियां बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए राजनीति में न आना ही बेहतर समझती हैं। तीसरे, राजनीति के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए समय का मुंह नहीं देखा जाता है। एक नेता को 24 घंटे सक्रिय रहना पड़ता है। तमाम लोगों से नेटवर्किंग करनी होती है। लड़कियां ऐसे अपने लिए सुविधाजनक नहीं समझती हो राजनीति में करियर बनाने से दूर ही रहती हैं।
दोस्तों, यदि एक वाक्य में यह कहें कि राजनीति में लड़कियां नगण्य नहीं हैं, लेकिन बहुत कम संख्या में है तो यह कतई गलत नहीं होगा। आपने देखा होगा कि अधिकांशतः बड़े राजनीतिक परिवारों की पुत्रियां ही राजनीति में उतरती नजर आती हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते उनके लिए यह आसान होता है।
दोस्तों, चुनावों में महिला आरक्षण के चलते महिलाओं के लिए राजनीति के रास्ते पहले की अपेक्षा कुछ अधिक खुले हैं, लेकिन वहां भी पुरुष वर्चस्व के चलते उन्हें खुलकर अपने हाथ दिखाने का मौका नहीं मिलता। है। रिजर्व सीटों पर राजनीतिक परिवारों की महिलाएं खड़ी हो जाती हैं। वहीं, विभिन्न पदों पर विजयी विवाहित स्त्रियों के पति उनके स्थान पर सभी कार्यों को संपन्न करते नजर आते हैं। यद्यपि, अपवाद हर क्षेत्र में होते हैं।
पहले के नेताओं में और आज के नेताओं में मूल रूप से क्या अंतर आया है? (What has been the difference between old and today’s leaders?)
दोस्तों, यदि पहले के नेताओं में और आज के नेताओं में तुलना करने चले तो आप पाएंगे कि पहले की अपेक्षा राजनीतिक मूल्यों में गिरावट है। पहले के नेता आमतौर पर विपक्षी नेताओं को भी आदर सम्मान देते थे और बातचीत में भी शिष्टाचार बरतते थे। वह अपेक्षाकृत ईमानदार थे और राजनीति में शुचिता कायम थी। लेकिन आज यह बात लगभग खत्म हो गई है। राजनीतिक लाभ के लिए राजनेता किसी भी हद तक नीचे जाने से गुरेज नहीं कर रहे। प्रतिद्वंदी के लिए अपशब्दों का प्रयोग एक आम बात हो गई है और राजनीतिक शुचिता तो एक प्रकार से समाप्त हो गई है।
FaQ
नेता कौन होता है?
सामान्य रूप से नेतृत्व करने वाले व्यक्ति नेता कहलाता है। वह लोगों, जो कार्यकर्ता होते हैं, के समूह का प्रबंधन कर निर्धारित लक्ष्य हासिल करता है।
आमतौर पर नेता बनने की पहली सीढ़ी क्या होती है?
आमतौर पर नेता बनने की पहली सीढ़ी स्टूडेंट पॉलिटिक्स यानी छात्र राजनीति होती है।
क्या राजनीति के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए शिक्षा संबंधी कोई बाध्यता है?
जी नहीं। राजनीति के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए शिक्षा संबंधी कोई बाध्यता नहीं है।
क्या राजनीति में करियर बनाना आकर्षक व फायदेमंद है?
जी हां, राजनीति में कैरियर बनाना आकर्षक व फायदेमंद है।
नेता बनने के लिए किसी व्यक्ति में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
नेता बनने के लिए किसी व्यक्ति में क्या गुण होने चाहिए, इसकी पूरी जानकारी हमने आपको विस्तार से ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
नेता बनने के फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं?
नेता बनने का सबसे बड़ा फायदा पावर का है। और नुकसान यह है कि व्यक्ति का कोई व्यक्तिगत जीवन यानी पर्सनल लाइफ नहीं रह जाती।
क्या किसी गरीब परिवार का युवा राजनीति में आगे जा सकता है?
जी हां, गरीब परिवार का युवा भी राजनीति में आगे जा सकता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके जीते-जागते उदाहरण हैं।
वे कौन से नेता हैं, जिनके बच्चों ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद किसी और क्षेत्र की जगह राजनीति में करियर बनाया?
ऐसे नेताओं की एक लंबी लिस्ट है। कुछ उदाहरण हमने आपको ऊपर पोस्ट में दिए हैं। आप वहां से देख सकते हैं।
लड़कियां एक नेता के तौर पर करियर चुनने में पीछे क्यों रहती है?
राजनीति के क्षेत्र का लड़कियों के लिए आम तौर पर सुरक्षित न माना जाना, इमेज खराब होने का भय और 24 घंटे सक्रिय रहने की आवश्यकता लड़कियों को इस क्षेत्र में करियर बनाने से रोकते हैं।
राजनीतिक परिवार के युवा अधिकांशतः इसी क्षेत्र में करियर क्यों बनाते हैं?
पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक होने के चलते राजनीति से जुड़े परिवार के युवाओं के लिए इस क्षेत्र में आना आसान होता है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि नेता कैसे बनें? यदि आप नेता बनना चाहते हैं तो ऊपर पोस्ट में बताए गए टिप्स को फॉलो करके अपने सपने को पूरा कर सकते हैं। इस पोस्ट के संबंध में आप अपना कोई भी सवाल अथवा सुझाव हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।