किसी स्कूल की शिकायत कैसे करें? शिक्षा विभाग शिकायत नंबर


सभी मां-बाप अपने बच्चों को अच्छे से अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते हैं। इसके लिए वे उसे शहर के सबसे अच्छे स्कूल में भर्ती भी कराते हैं। कई मां-बाप आर्थिक रूप से बहुत अच्छी स्थिति में ना होते हुए भी अपना पेट और जेब काटकर बच्चे को पढ़ाते हैं। उसकी शिक्षा से कोई समझौता नहीं करते। लेकिन कई स्कूल ऐसे होते हैं, जो शिक्षा के नाम पर अभिभावकों को चूना लगाने से बाज नहीं आते। कहीं बच्चों के साथ टीचर्स द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता तो कहीं उन से ड्रेस, किताबों, प्रोजेक्ट वर्क आदि के नाम पर आवश्यकता से अधिक फीस वसूली जाती है।

कई बार बच्चों के साथ आर्थिक आधार पर मतभेद भी किया जाता है। ऐसे में परेशान अभिभावकों को समझ नहीं आता कि वह स्कूल की शिकायत कैसे करें और किससे करें यदि आप भी ऐसे ही परेशान अभिभावक है तो चिंता ना करें हम आपको स्कूल की शिकायत कैसे करें इसके लिए आपको इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ना होगा।

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स्कूल क्या होता है? (What is a school?)

दोस्तों, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि स्कूल क्या होता है? (What is a school?) मित्रों, आपको बता दें कि स्कूल को हिंदी में विद्यालय पुकारा जाता है। विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बना है। विद्या+आलय। इसका अर्थ होता है विद्या का स्थल। यहां विद्या ज्ञान दिया जाता है। वह स्थल, जहां विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। दोस्तों, मूल रूप से विद्यालय एक ऐसी संस्था है, जहां बच्चों को पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनके शारीरिक (physical), मानसिक (mental) एवं बौद्धिक गुणों का विकास किया जाता है। उन्हें नैतिक व चारित्रिक रूप से दृढ़ बनाया जाता है।

किसी स्कूल की शिकायत कैसे करें? शिक्षा विभाग शिकायत नंबर

‘स्कूल’ शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई? (Where was the word ‘school’ originated?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दे कि इस शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द (Greek word) Skohla से हुई है। इस शब्द का अर्थ ग्रीक में अवकाश होता है। आपको बेशक यह जानकर आश्चर्य होगा कि प्राचीन यूनान (ancient Greek) में अवकाश काल को ही आत्म -विकास काल समझा जाता था। निश्चित स्थानों पर अवकाश स्थल थे, जहां बच्चों को ज्ञान एवं कौशल प्रदान करने वाली गतिविधियां की जाती थीं। धीरे-धीरे यही स्थल एक निश्चित पाठ्यक्रम का ज्ञान प्रदान करने वाले संस्थान यानी स्कूल बन गए।

भारत में पहले आधुनिक स्कूल की शुरुआत का श्रेय किसे जाता है? (Who has the credit of beginning first modern school in India?)

मित्रों, यदि शिक्षा की बात करें तो प्राचीन काल में छात्रों के गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करने का वर्णन मिलता है। इसके अतिरिक्त मदरसों की भी शुरुआत का जिक्र मिलता है। लेकिन यदि भारत में आधुनिक स्कूल की शुरुआत पर बात करें तो बताया जाता है कि भारत में सबसे पहले स्कूल की शुरुआत आज से करीब दो सौ साल पहले सन् 1830 में लार्ड थामस बॉबिंगटन मॉकयोले द्वारा की गई थी।

वर्तमान में स्कूलों के खिलाफ किस प्रकार की शिकायतें आम हैं? (Now a days what type of complaints are common against schools?)

मित्रों, कभी विद्यालयों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता था लेकिन अब आए दिन स्कूलों की मनमानी की शिकायतें देखने को मिलती हैं। स्कूलों के खिलाफ कई प्रकार की शिकायतें आम हैं। जैसे- कहीं फीस तय राशि से ज्यादा वसूली जाती है तो कहीं किताबों (books), यूनिफॉर्म (uniform), प्रोजेक्ट वर्क (project work) आदि के नाम पर अभिभावकों की जेब काटी जाती है। स्कूलों में बच्चों को आवश्यक सुविधाएं तक प्रदान नहीं की जाती। स्कूलों में बच्चों के साथ भेद-भाव किया जाता है तो वही कई बार टीचर्स का बच्चों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं रहता। उनके साथ मार-पीट की जाती है। स्कूल प्रबंधन (school management) टीचरों का बचाव करता है।

किसी स्कूल की शिकायत कैसे करें? (How to complain of a school?)

दोस्तों, यदि आप भी स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं तो आप स्कूल की शिकायत संबंधित बीईओ (BEO) यानी ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (block education officer) से कर सकते हैं। इनको हिंदी में खंड शिक्षा अधिकारी भी कहा जाता है। यदि यहां से आपकी बात नहीं बनती और आपकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो आप डीईओ (DEO) यानी कि जिला शिक्षा अधिकारी (District Education officer) के पास भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आप सीधे जाकर उनसे मिल सकते हैं एवं लिखित में अपनी शिकायत दे सकते हैं।

आप चाहे तो संबंधित जिले के शिक्षा अधिकारी को उनकी ई-मेल आईडी (E-mail ID) पर भी स्कूल के बारे में शिकायत (complaint) लिखकर भेज सकते हैं। दोस्तों, यदि वह भी आपकी बात नहीं सुनते तो आप अपने जिले के डीएम (DM) यानी जिलाधिकारी के समक्ष संबंधित स्कूल की शिकायत (complaint) कर सकते हैं।

क्या स्कूलों की शिकायत करने के लिए किसी प्रकार की हेल्पलाइन भी संचालित की जा रही है? (Is there any helpline to complaint about schools?)

मित्रों, यदि आप उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रहने वाले हैं तो एक अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्राथमिक विद्यालयों (primary schools) की शिकायत के लिए शिक्षा विभाग (education department) द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर (helpline number) जारी किया गया है, जिस पर कॉल (call) करके स्कूल की शिकायत की जा सकती है। स्कूलों की हालत हम आपको पहले बता चुके हैं कि यह अक्सर खराब मिलती है। कभी स्कूलों से शिक्षक गायब होते हैं तो कभी M-D-M यानी मिड डे मील (mid day meal) में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता यानी क्वालिटी (quality) खराब मिलती है।

ऐसे में सरकार द्वारा छात्रों के अभिभावकों के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर (toll free helpline number) 18001800166 जारी किया गया है। यह भी निर्देश (instructions) दिए गए हैं कि जय हेल्पलाइन नंबर सभी प्राथमिक विद्यालयों की दीवार पर लिखा जाए, ताकि अभिभावकों (parents) को इस नंबर पर शिकायत करने में सुविधा रहे।

स्कूल की शिकायत मिलने के पश्चात संबंधित अधिकारियों के द्वारा क्या कदम उठाया जाता है? (What steps will be taken by the officers after receiving the complaint of school?)

यदि आप किसी स्कूल की शिकायत कर देते हैं और अब आपके जहन में यह सवाल आ रहा है कि पता नहीं आप की शिकायत पर अधिकारी द्वारा कार्यवाही की जाएगी या नहीं तो आपको बता दें कि आपकी शिकायत पाने के पश्चात डीएम आपके द्वारा दिए गए सुबूतों के आधार पर इस संबंध में जांच (investigation) करेंगे। यदि जांच में आपकी शिकायत सही पाई जाती है तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई (action) की जाएगी।

किसी स्कूल के खिलाफ शिकायत करते समय किन बातों का ध्यान रखें? (What things should be kept in mind while complaining against any school?)

यदि आप अधिकारी के पास किसी स्कूल के शिकायत करने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • आपकी शिकायत (complaint) वास्तविक (real) होनी चाहिए।
  • आपके पास आपकी शिकायत से संबंधित सुबूत या प्रूफ (proof) अवश्य हो। यह कोई वीडियो रिकॉर्डिंग (video recording) या फोटोग्राफ हो सकते हैं।
  • यदि अन्य अभिभावक भी संबंधित स्कूल की मनमानी से परेशान है तो आप की लिखित शिकायत (written complaint) पर उनके भी हस्ताक्षर (signature) होने चाहिए।
  • आप जो भी शिकायत करें उसकी एक प्रति (copy) अपने पास अवश्य रखें।

वर्तमान में भारत में कितने प्रकार के स्कूल संचालित हो रहे हैं? (How many types of schools are operational in India at present?)

मित्रों, आइए अब जान लेते हैं कि वर्तमान में भारत में कितने प्रकार के स्कूल संचालित हो रहे हैं। ये इस प्रकार से हैं-

किसी स्कूल की शिकायत कैसे करें? शिक्षा विभाग शिकायत नंबर

पूर्व-प्राथमिक विद्यालय (pre-primary schools) :

यही शिक्षा जीवन का आधार होती है। यह शिक्षा तीन वर्ष की उम्र से शुरू हो जाती है। इसे शिशु मंदिर (Nursery), बालवाडी (Kindergarten) एवं मॉन्टेसरी (Montessori) तीन राउंड में विभक्त किया जाता है। यह तो आप जानते ही हैं कि नर्सरी का अर्थ पौधों का बगीचा होता है। ठीक उसी तरह शिक्षा के नर्सरी फेज में बच्चों को फूलों के पौधों व शिक्षकों को माली माना जाता है। इन स्कूलों में अधिकांशतः महिलाओं को रखा जाता है, ताकि बच्चे मातृत्व के अहसास के बीच पल्लवित हो सकें।

वहीं, यदि किं किंडरगार्टन की बात करें तो आपको बता दें कि एक जर्मन दार्शनिक एवं शिक्षाविद फ्रेडरिक विल्हेम अगस्त फ्राबेले द्वारा पहली बार सन् 1837 में इस प्रकार के स्कूल की स्थापना की गई थी। अब बात मॉन्टेसरी की। इसकी स्थापना का श्रेय इतालवी शिक्षाविद डॉ मॉन्टेसरी को जाता है। मॉन्टेसरी में शिक्षण की खेल-पद्धति लागू होती है।

प्राथमिक विद्यालय (primary school) :

हमारे देश में प्राथमिक शिक्षा (primary education) के अंतर्गत आमतौर पर 5 से 12 वर्ष तक की आयु के छात्र-छात्राओं को शिक्षित किया जाता है। इसमें सभी विषयों का प्रारंभिक थोड़ा थोड़ा ज्ञान दिया जाता है। आपको बता दें कि भारत में सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा मुफ्त है। लेकिन निजी स्कूलों में फीस ली जाती है। विशेष बात यह है कि सरकार द्वारा 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा अनिवार्य की गई है।

माध्यमिक विद्यालय (middle school) :

इन विद्यालयों में आम तौर पर माध्यमिक शिक्षा (middle education) 8वीं-10वीं कक्षा से शुरू होती है। जिसमें अधिकतर 14-16 साल के बीच के छात्र शामिल होते हैं। 10वीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान करने वाले विद्यालय माध्यमिक विद्यालय कहलाते हैं।

केंद्रीय विद्यालय (Central school) :

आपको बता दें दोस्तों कि केंद्रीय विद्यालयों को भारत की केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए आज से करीब 58 साल पहले सन् 1965 में आरंभ किया गया था। ये स्कूल पूरे देश में फैले हैं। इन स्कूलों को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार का अपने कर्मचारियों के परिवारों को स्थानांतरण (transfer) के समय सुविधा प्रदान करना था, ताकि बच्चों की शिक्षा पर कोई असर न पड़े। इसके लिए इन स्कूलों में समान पाठ्यक्रम (equal syllabus) का पालन किया जाता है।

नवोदय विद्यालय (navodaya vidyalaya) :

आज से करीब 37 वर्ष पूर्व सन् 1986 में नई शिक्षा नीति (new education policy) के अंतर्गत नवोदय विद्यालयों की स्थापना की गई। आपको बता दें दोस्तों कि राष्ट्रीय नीति (national policy) की सिफारिशों (recommendation) के आधार पर इनकी स्थापना की गई थी।

ओपन स्कूल (open school) :

जो लोग रेगुलर शिक्षा (regular education) प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं, उनके लिए ओपन सिस्टम (open system) की अवधारणा (concept) का विकास (development) हुआ। दूरस्थ शिक्षा (distance education) ने इसे और विकसित (develop) किया है। इसमें शिक्षा पत्राचार पाठ्यक्रमों (distance syllabus) के माध्यम से पूरी की जाती है।

होम स्कूल (home school) :

जो लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते, उनके लिए होम स्कूल का विकल्प (option) भी है। जिन माता-पिता के पास साधन है और वे अपने बच्चों को घर पर ही शिक्षण की सुविधा मुहैया कराना चाहते हैं तो वे इस विकल्प को आसानी से अपना सकते हैं।

भारत में स्कूलों की कुल संख्या कितनी है? (How many schools are there in India?)

दोस्तों, अब बात कर लेते हैं कि भारत में कितने स्कूल हैं? या भारत में स्कूलों की कुल संख्या कितनी है? तो आपको बता दें कि हमारे विशाल देश भारत में स्कूलों की कुल संख्या 14,89,115 है। जी हां, दोस्तों यह आंकड़ा पिछले वर्ष यानी सन् 2022 के मध्य तक का है। यदि इस वर्ष तक की बात करें तो इसमें कुछ और स्कूलों की बढ़ोतरी हो गई होगी। स्कूलों की संख्या से साफ है कि इनमें करोड़ों छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।

किसी स्कूल की शिकायत कैसे करें?

किसी स्कूल की शिकायत करने की प्रक्रिया हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताई है। आप वहां से देख सकते हैं।

यूपी में किसी स्कूल की शिकायत के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर क्या है?

यूपी में किसी स्कूल की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001800166 जारी किया गया है। यह टोल फ्री नंबर हैं।

स्कूल का क्या अर्थ है?

स्कूल को हिंदी में विद्यालय कहा जाता है, जिसका अर्थ है विद्या प्राप्ति का स्थल।

स्कूल शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई?

स्कूल की उत्पत्ति ग्रीक शब्द Skohla से हुई है।

भारत में कुल कितने स्कूल हैं?

सन् 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल 14,89,115 स्कूल हैं।

भारत में कितने प्रकार के स्कूल हैं?

भारत में स्कूलों के विभिन्न प्रकारों की सूची हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताई है। आप वहां से देख सकते हैं।

किसी स्कूल की शिकायत करते हुए किन बातों का ध्यान रखें?

ध्यान रखें कि आपकी शिकायत वास्तविक हो। इसके साथ ही आपके साथ शिकायत संबंधी सारे प्रूफ हों।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि किसी स्कूल की शिकायत कैसे करें? उम्मीद है कि यह सारी प्रक्रिया आपको स्पष्ट हो गई होगी। इसके बावजूद यदि इस पोस्ट को लेकर आपका कोई सवाल है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। हम उसका जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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