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इन दिनों पर्सनैलिटी (personality) को लेकर लोग बहुत सचेत हैं। पर्सनैलिटी से ही कोई व्यक्ति किसी दूसरे के बारे में अंदाजा लगा लेता है कि अमुक व्यक्ति कैसा होगा। आपने देखा होगा कि हम कई बार ऐसे व्यक्तित्व के प्रति आकर्षित हो जाते हैं, जिसकी सूरत कोई खास नहीं होती।
दरअसल, इसमें केवल सूरत, सीरत ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के सारे गुण शामिल होते हैं। यही वजह है कि आम जीवन में ही नहीं, जब कोई जाॅब के लिए जाता है तो उसका पर्सनैलिटी टेस्ट (personality test) होता है। इसके जरिए व्यक्ति के गुण जांचने की कोशिश की जाती है।
यह देखा जाता है कि व्यक्ति अमुक पद के काबिल है अथवा नहीं। आजकल पर्सनैलिटी डेवलपमेंट (personality development) के गुर सिखाने वाले कई संस्थान भी खुल गए हैं। आज इस पोस्ट (post) में हम इस विशय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कैसे करें? (how to develop personality?)। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आएगी-
पर्सनैलिटी से क्या तात्पर्य है? (What is the meaning of personality?)
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि पर्सनैलिटी क्या होती है (what is personality)। इसको हिंदी में व्यक्तित्व भी पुकारा जाता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व से अर्थ उसके व्यक्तिगत गुणों से लगाया जाता है। जैसे-उसका आचरण, उसका व्यवहार, दूसरों से बातचीत का तरीका, उसका एटीट्यूड (attitude), उसके प्रेजेंटेशन (presentation) का तरीका, आदि।
अच्छी पर्सनैलिटी से आशय होता है कि व्यक्ति का व्यक्तित्व बहुत अच्छा है यानी उसमें अच्छे गुण विद्यमान हैं। एक आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी प्रत्येक को अपनी ओर आकर्षित करता है।
पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कैसे करें? (How to develop Personality?)
अब यह सवाल आता है कि पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कैसे करें (how to develop personality?)। इसके कई तरीके हैं। आप घर में ही अच्छी पर्सनैलिटी वाले लोगों का अनुसरण कर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं। इंटरनेट (internet) पर यूट्यूब (YouTube) के जरिए पर्सनैलिटी डेवलपमेंट (personality development) के गुर सीख सकते हैं।
इसके अतिरिक्त आप कोई संस्थान ज्वाइन कर सकते हैं, जहां पर्सनैलिटी ग्रूमिंग (personality grooming) की ट्रेनिंग (training) दी जाती हो। इसके कुछ टिप्स (tips) इस प्रकार से हैं-
1. अपने ड्रेसिंग सेंस पर ध्यान दें (keep an eye on your dressing sense)-
यह सबसे पहली चीज है, जिस पर लोगों का ध्यान जाता है। जो आपसे परिचित नहीं, वे भी आपके ड्रेसिंग सेंस (dressing sense) को देखकर आपके बारे में धारणा बना लेते हैं। जैसे कि आपने यदि बगैर प्रेस किए या उखड़े धुकड़े कपड़े पहने हों तो लोग आपको लापरवाह समझने लगेंगे।
इसके विपरीत सामान्य रूप से बहुत लदे-फदे रहने वाले को भी लोग दिखावेबाज समझ लेते हैं। आपको मौसम एवं अवसर के अनुसार ड्रेस पहननी चाहिए। जैसे कि आफिस (office) में पार्टी वियर (party wear) आपको सूट नहीं करेगा। ध्यान रखें कि आपके कपड़े साफ सुथरे हों एवं प्रेस किए हुए हों।
2. अपने लुक्स का ख्याल रखें (take care of your looks)-
यह भी बेहद जरूरी है। यहां लुक्स (looks) से तात्पर्य हमेशा रंगे पुते रहने से नहीं है, बल्कि ठीक ठाक दिखने से है। जैसे कि ऐसा मेकअप (make-up) न करें, जो आंखों को चुभे। इसके अतिरिक्त बाल बिखरे न हों।
आपने जो भी स्टाइल (style) रखा हो, उसमें बाल करीने से संवरे हों। अपने नाखूनों को हमेशा साफ रखें और जूते यदि ड्रेस के अनुसार पहनें तो बहुत अच्छा होगा। इससे आप एकदम मेंटेंड (maintained) नजर आएंगे।
3. अपने कम्युनिकेशन स्किल्स में सुधार करें (improve your communication skills)-
किसी का भी कम्युनिकेशन स्किल (communication skills) उसकी पर्सनैलिटी को सबसे पहले उजागर करता है। इसे बेहतर किए जाने की सबसे अधिक आवश्यकता है। आपको अपने लहजे को साॅफ्ट (soft) बनाकर बोलना चाहिए।
आपकी आवाज न तो बहुत तेज होनी चाहिए और न ही बहुत धीरे। कोशिश करें कि आप अपनी बात मुस्कुराकर कहें और बात को खींचें नहीं। कम शब्दों में बात पूरी करें।
4. अपनी बाॅडी लैंग्वेज पर काम करें (work on your body language)-
आपके उठने बैठने का तरीका भी आपके व्यक्तित्व की पोल खोलने के लिए काफी है। यदि आप किसी से प्रोफेशनली (professionally) मिल रहे हैं तो वहां घर की तरह पैर पर पैर रखकर न बैठें। अपनी मुद्रा आरामदेह बनाए रखें पर पसरें नहीं। चलने में लय हो। अर्थात आराम से चलें। यदि कोई आपसे आगे हो तो उसे धक्का न दें या चलने में हड़बड़ी न दिखाएं।
किसी से बात करते हुए हाथों को बहुत न चलाएं। न ही पाॅकेट में हाथ डालकर अथवा हाथ बांधकर बात करें। लोग आपको एटीट्यूड वाला समझ सकते हैं।
5. आत्मविश्वास को बनाए रखें (maintain your self confidence)-
किसी से भी मिलते वक्त, बात करते वक्त, मीटिंग में, इंटरव्यू में अथवा किसी अन्य स्थान पर अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें। अच्छे लुक्स से आत्मविश्वास पनपता है। इसके अतिरिक्त अपनी जानकारी को अपडेट (update) रखने, नई नई चीजें सीखने से, किसी भी काम में पहल करने से भी आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है।
उस कार्य को करने की कोशिश अवश्य करें, जिससे आपको डर लगता है। एक बार आप उसे कर लेंगे तो इससे आपके आत्मविश्वास में अथाह वृद्धि होगी।
6. लोगों से सम्मान के साथ पेश आएं (give respect to people)-
कोशिश करें कि जिस भी व्यक्ति से आप मिलें, चाहे वह अमीर हो या गरीब आप सम्मान से पेश आएं। एक कहावत है-तहजीब से बोलिए, इज्जत मुफ्त मिलेगी। इसे गांठ बांध लीजिए। अपनी वाणी और व्यवहार में इस मंत्र को उतार लीजिए।
इस बात से आप भी नावाकिफ नहीं होंगे कि मृदु व्यवहार करने वाले को हर कोई पसंद करता है और उसकी प्रशंसा करता है। इसके विपरीत एटीट्यूड दिखाने वाले अथवा अकडू व्यक्ति को कोई भी पसंद नहीं करता।
7. ज्यादा से ज्यादा पढ़ें, नई भाषा, नई स्किल सीखें (read more and more, learn new language, new skills)-
आप कोई भी ऐसा स्किल सीख सकते हैं, जो बहुत काॅमन (common) नहीं। इससे भी आपकी पर्सनैलिटी (personality) में चार चांद लग जाते हैं। मान लीजिए कि आपको फ्रेंच साहित्य (french literature) पसंद है, आप उसका अनुवाद पढ़ते हैं।
लेकिन यदि आप फ्रेंच सीख लेंगे तो आपको साहित्य पढ़ने में और मजा आएगा। साथ ही लोग भी आपकी इस क्षमता की वजह से आपकी कद्र करेंगे। इसके अलावा आप ज्यादा से ज्यादा पढ़ने और सीखने की कोशिश करें।
इन दिनों इंटरनेट ने प्रत्येक चीज को बहुत आसान कर दिया है। आप यूट्यूब के जरिए नई डिशेज बनानी सीख सकते हैं। कोई आनलाइन कोर्स (online course) कर सकते हैं या अपनी दिलचस्पी के अनुसार कुछ और। यह सब आपकी पर्सनैलिटी को और ग्रूम करेगा।
8. मोबाइल मैनर्स भी बेहद जरूरी (mobile manners are also very necessary)-
यह मोबाइल का जमाना है, ऐसे में मोबाइल मैनर्स भी होने बेहद आवश्यक हैं। सबसे पहली बात, पूरी रिंग बजने से पहले मोबाइल उठा लें। मोबाइल पर जोर जोर से बोलकर बातें न करें। यदि किसी को फोन कर रहे हैं तो पहले अपना परिचय दें।
यह न सोचें कि अगले ने आपका नंबर फीड (feed) कर ही रखा होगा। कई बार ऐसे में गफलत हो जाती है। यदि व्यस्तता की वजह से किसी का फोन न उठा पा रहे हों तो उसे मैसेज कर अपनी व्यस्तता के बारे में बता दें और कहें कि आप फ्री होते ही काॅल करेंगे।
किसी से फोन पर बात करते हुए उसे होल्ड (hold) कराकर किसी दूसरे से वार्तालाप न करें। किसी सभा अथवा मीटिंग (meeting) में हों तो मोबाइल से ही न खेलते रहें।
पर्सनैलिटी डेवलपमेंट क्यों आवश्यक है? (Why personality development is necessary?)
अब हम आपको इस सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे कि पर्सनैलिटी डेवलपमेंट क्यों आवश्यक हैं।
- सबसे पहली बात, आपकी पर्सनैलिटी अच्छी होती है तो लोग आपको पसंद करते हैं।
- सभी लोग आपकी प्रशंसा करते हैं तो आप जीवन में प्रसन्न महसूस करते हैं। आपके जीवन से तनाव कम होता है।
- जीवनशैली (life style) बेहतर होने से आपकी सोच बदल जाती है और आप अच्छे से जिंदगी जीते हैं।
- हमेशा लोगों से अच्छे व्यवहार से, अच्छी सोच से आपकी जिंदगी में पाजिटिविटी (positivity) बनी रहती है। आप निगेटिविटी (negativity) से दूर रहते हैं।
- किसी भी कार्य को करने में आपका आत्मविश्वास (self confidence) बना रहता है।
- अच्छी पर्सनैलिटी वालों को पब्लिक डीलिंग वाली जाॅब्स (public dealing jobs) आराम से मिल जाती हैं। वे इसमें बहुत कामयाब भी रहते हैं।
आपकी पर्सनैलिटी पर कौन कौन से बातें दाग समान हैं? (What are the bad things for your personality?)
बहुत सी ऐसी बातें हैं, जो अच्छी शक्लो-सूरत होने के बावजूद इंसान को अलोकप्रिय बनाती हैं, उसकी पर्सनैलिटी (personality) को खराब करती हैं। ऐसी कुछ बातें निम्नवत हैं-
- बहुत तेज आवाज में बात करना।
- कुर्सी पर बैठकर पैर हिलाना अथवा कान या नाक में उंगली डालना।
- खाने के दौरान भोजन चबाने की आवाज आना या चाय पीते हुए आवाज करना।
- बात करते हुए दूसरे की बात को पूरी होने से पहले काट देना।
- अपने आगे किसी को कुछ न समझना।
- फ्रेंड सर्किल (friend circle) में अपने बारे में बढ़-चढ़कर बताना या झूठ बोलना।
- किसी बड़े से मिलने से कुर्सी पर बैठे बैठे हाथ मिलाना।
- अपने क्षेत्र की जानकारी से अपडेट (update) न रहना।
- आफिस में मुड़े-तुड़े बगैर प्रेस कपड़े पहने पहुंचना।
- बालों का बिखरा होना या ठीक से कंधी न होना।
- आफिस में पार्टी वियर (party wear) या पार्टी में आफिस वियर पहनकर पहुंचना।
- बात बात पर गुस्सा होना या दूसरों के साथ खराब व्यवहार करना।
- किसी भी काम को करने में आत्मविश्वास (confidence) न होना आदि।
आईएएस जैसी प्रतिष्ठित के लिए भी पर्सनैलिटी टेस्ट आवश्यक
आम जीवन में ही नहीं, बल्कि आईएएस जैसी प्रतिष्ठित सेवा के लिए भी पर्सनैलिटी टेस्ट (personality test) बेहद आवश्यक होता है। इसके जरिए जाना जाता है कि उम्मीदवार में वह एप्टीट्यूड (aptitude) है या नहीं, जो इस नौकरी के लिए आवश्यक है।
इसी टेस्ट के जरिए उसकी मानसिक परीक्षा (mental test) भी होती है। किसी समस्या में वह कैसा रिएक्ट करता है? उसका समाधान कैसे करता है? किसी विशेष परिस्थिति को लेकर वह क्या सोचता है? आदि के जरिए पर्सनैलिटी टेस्ट एवं इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य उसका व्यक्तित्व परीक्षण करते हैं।
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पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए कई संस्थान भी खुले हैं (many institutions are open for personality development)
पर्सनैलिटी की महत्ता तो आपने समझ ही ली है। यह आपको भी पता होगा कि इन दिनों पर्सनैलिटी डेवलपमेंट (personality development) करने के लिए कई संस्थान भी खुले हैं। यह आपको उठने-बैठने, चलने-बोलने के तरीके सिखाने से लेकर आपको सही ड्रेसिंग का तरीका, इंगलिश स्पीकिंग आदि सब कुछ सिखाते हैं। धीरे धीरे छोटे शहरों तक भी इनका विस्तार होता जा रहा है। बदले में अच्छी खासी फीस भी वसूलते हैं।
हमने इस पोस्ट में आपको बताने की कोशिश की है कि आप पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कैसे कर सकते हैं। आप इस पोस्ट में दिए गए टिप्स को अपनाकर अपनी पर्सनैलिटी एवं जीवन दोनों को बेहतर बना सकते हैं। पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में लोगों की सहायता के लिए इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करना न भूलें। धन्यवाद।