आईएसबीएन कैसे लें? | How to get ISBN) International standard book number kaise len | आईएसबीएन का क्या इस्तेमाल होता है? | आईएसबीएन कौन ले सकता है? | क्या किताबों पर आईएसबीएन संबंधी कोई बाध्यता है? ||
बेशक इन दिनों लोग पढ़ने का काम भी मोबाइल पर करने लगे हैं, लेकिन अभी भी ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है, जिनके लिए किताबें उनकी जिंदगी का एक हिस्सा हैं। यदि आपको भी किताबें पढ़ने का शौक है अथवा आप किताबें खरीदते-बेचते हैं, तो आपने निश्चित रूप से किताबों पर छोटे अक्षरों में छपे आईएसबीएन नंबर पर जरूर ध्यान दिया होगा।
क्या आप जानते हैं कि आईएसबीएन क्या होता है? इस नंबर का क्या इस्तेमाल है? आईएसबीएन के क्या लाभ हैं? या आईएसबीएन कैसे लें? यदि नहीं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको आईएसबीएन के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और आपको बताएंगे कि आप आईएसबीएन कैसे लें। आइए शुरू करते हैं-
आईएसबीएन की फुल फॉर्म क्या है? (What is the full form of ISBN?)
मित्रों, इससे पहले कि हम आगे बढ़ें और यह जानें कि आईएसबीएन क्या होता है? सबसे पहले यह समझ लेते हैं कि आईएसबीएन की फुल फॉर्म क्या है? मित्रों, आपको बता दें कि आईएसबीएन (ISBN) की फुल फॉर्म इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर (International standard book number) है। इसे हिंदी में अंतर्राष्ट्रीय मानक पुस्तक संख्या भी पुकारा जाता है।
आईएसबीएन क्या होता है? (What is ISBN?)
दोस्तों, अब जान लेते हैं कि आईएसबीएन क्या होता है? आपको बता दें कि यह 13 डिजिट का नंबर है। यह किसी भी मोनोग्राफिक पब्लिकेशन जैसे किताब, पफलेट, एजुकेशनल किट, सीडी रॉम एवं अन्य डिजिटल तथा इलेक्ट्रॉनिक प्रकाशनों को एक विशिष्ट संख्यात्मक पहचान (unique numerical identification) प्रदान करता है। इसमें पीरियॉडिकल्स, मैगजीन, जर्नल एवं अन्य सीरियल प्रकाशन शामिल नहीं होते। उनके लिए एक अलग आईडेंटिफिकेशन सिस्टम (identification system) होता है, जिसको आईएसएसएन (ISSN) कहते हैं।
यहां ISSN की फुल फॉर्म international standard serial number है। आपको बता दें दोस्तों कि सन् 2005 तक ISBN 10 डिजिट का होता था, लेकिन इसके बाद इसमें तब्दीली की गई। सार्वजनिक बिक्री अथवा मुफ्त वितरण के लिए रखी जाने वाली सभी किताबों पर आवश्यक रूप से एक आईएसबीएन होता है, जिससे उनकी पहचान की जाती है।
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आईएसबीएन का क्या इस्तेमाल होता है? (What is the use of ISBN?)
दोस्तों, यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि ISBN पुस्तक को एक अलग पहचान प्रदान करता है। इससे संबंधित पुस्तक को मंगाने, उसे किसी वेबसाइट पर लिस्ट (list) करने, पुस्तक का बिक्री रिकॉर्ड (vendor record) चेक करने, उसके स्टोर कंट्रोल (store control) आदि कार्य में सहायता मिलती है। दोस्तों, आपको बता दें कि आईएसबीएन का इस्तेमाल इस्तेमाल किताब के लेखक/प्रकाशक (author/publisher), विक्रेता (sellers), पुस्तकालय (library) एवं अमेजॉन फ्लिपकार्ट जैसे इंटरनेट रिटेलर्स (internet retailers) के साथ ही किताब की सप्लाई चेन (supply chain) से जुड़े अन्य लोग करते हैं।
आईएसबीएन के प्रमुख लाभ क्या क्या हैं? (What are the main benefits of ISBN?)
मित्रों, ऊपर पोस्ट में दी गई जानकारी से हम यह तो जान चुके हैं कि आईएसबीएन का क्या इस्तेमाल है। आइए, अब एक नजर आईएसबीएन के प्रमुख लाभों पर डाल लेते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं
- * आईएसबीएन प्रकाशन गृहों एवं प्रकाशकों को एक विशेष पहचान संख्या (specific digit identity) प्रदान करता है।
- * इससे किसी भी किताब को आसानी से सर्च करने में सहायता मिलती है।
- * ISBN के जरिए किसी भी बुक स्टोर या ऑनलाइन स्टोर को संबंधित किताब की बिक्री का विश्लेषण 8analysis of sales) करने में मदद मिलती है।
- * आईएसबीएन की सहायता से किताबों की मार्केटिंग और वितरण (distribution) को और अधिक उत्पादक (productive) बनाया जा सकता है।
- * आईएसबीएन (ISBN) के जरिए द्वारा आप अपनी किताबों के बारे में आवश्यक जानकारी सबसे लिंक (link) कर सकते हैं।
- * आईएसबीएन पुस्तकों को डेटाबेस में शामिल करने में मदद करते हैं। इसका इस्तेमाल पुस्तक विक्रेता एवं पुस्तकालय किसी विशेष पुस्तक तक पहुंचने के लिए करते हैं।
- * ज्यादातर लाइब्रेरी और बुक स्टोर आपकी किसी किताब को तब तक नहीं बेचते, जब तक कि उस पर आईएसबीएन न हो।
आईएसबीएन के प्रमुख तत्व क्या क्या हैं? (What are the main elements of ISBN?)
आईएसबीएन के अर्थ व लाभ हम जान चुके हैं। अब हम बात करेंगे कि आईएसबीएन के आवश्यक तत्व या इसके कितने हिस्से होते हैं? इनकी जानकारी इस प्रकार से है-
1. Prefix Element :
मित्रों, Prefix को हिंदी में उपसर्ग भी पुकारा जाता है। जब हमेशा किसी शब्द के प्रारंभ में लगता है और उसका अर्थ भी बदल देता है। बात आईएसबीएन की हो रही है तो आपको बता दें कि यहां prefix Element सदैव 3 डिजिट का होता है। इसी से आईएसबीएन नंबर की शुरुआत होती है। वर्तमान में यह केवल 978 या 979 ही होता है ।
2. Registration group element :
दोस्तों, यह 1 अंक से लेकर 5 अंकों (digits) तक हो सकता है। आईएसबीएन सिस्टम (ISBN system) में किसी विशेष देश (specific country), भौगोलिक क्षेत्र (geographical area) अथवा भाषा क्षेत्र (language area) का परिचायक होता है।
3. Registrant element :
दोस्तों, यह तत्व या हिस्सा 7 अंकों तक हो सकता है। यह संबंधित प्रकाशक अथवा पब्लिकेशन को आईडेंटिफाई करता है। यानी उसकी पहचान करता है।
4. Publication element :
साथियों, यह तत्व 6 अंकों तक हो सकता है। आपको बता दें कि यह किसी Title के विशेष संस्करण (specific edition) एवं प्रारूप (format) की पहचान करता है।
5. Check digit :
दोस्तों, यह ISBN में आखिरी व अकेला अंक होता है। यह गणितीय रूप से (mathematically) अन्य अंकों को सत्यापित/वैध अथवा validate बनाता है।
आईएसबीएन के विभिन्न तत्वों/हिस्सों को एक उदाहरण से कैसे स्पष्ट करेंगे? (How can we clear isbn’s different elements through an example?)
दोस्तों, अब हम आपको आईएसबीएन के विभिन्न तत्व एक उदाहरण के जरिए समझाने की कोशिश करते हैं। मान लीजिए किसी किताब का आईएसबीएन (ISBN) 978-93-5300-895-6 है। ऐसे में इसके विभिन्न एलिमेंट्स इस प्रकार से होंगे-
- * Prefix element : इसमें prefix element 978 है।
- * Registration group element : इसमें Registration group element 93 है। भारत के लिए यह 93/81 हो सकता है।
- * Registrant element – इसमें
- Registrant element 5300 है। 6 digit registrant element 10 ISBN के ब्लॉक को signify करता है। इसी प्रकार 5 digit registrant element 100 ISBN के ब्लॉक को signify करता है। 4 digit registrant element का अर्थ 1000 ISBN के ब्लॉक से है।
- * Publication element : इसमें यह 895 है, जो कि एक विशेष प्रकाशक के स्पेसिफिक प्रकाशन की पहचान करता है।
- * Check digit : इसमें फाइनल सिंगल डिजिट 6 है। यह बाकी संख्या को 10 algorithm के modulus से कैलकुलेट करके सत्यापित करती है।
आईएसबीएन कौन ले सकता है? (Who can get the ISBN?)
दोस्तों, आईएसबीएन के बारे में जानने के बाद अब आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर आईएसबीएन कौन ले सकता है? तो आपको बता दें कि
अधिकांशतः आईएसबीएन लेने वाला संबंधित किताब पुस्तक का प्रकाशक (publisher) होता है। वह इसके लिए आवेदन (apply) करता है। आईएसबीएन के नजरिए से प्रकाशक कोई समूह, संगठन, कंपनी अथवा वह व्यक्ति है, जो किसी प्रकाशन/उत्पादन को शुरू करने के लिए जिम्मेदार है। इसके अतिरिक्त यह वह व्यक्ति अथवा निकाय भी हो सकता है, जो किताब/उत्पाद को उपलब्ध कराने की लागत/वित्तीय जोखिम (cost/financial risk) वहन करता है। यह सामान्य रूप से प्रिंटर नहीं होता, लेकिन यह किताब का लेखक (author) हो सकता है, यदि उसके द्वारा अपनी किताब स्वयं प्रकाशित की गई हो।
भारत में आईएसबीएन किसके द्वारा जारी किया जाता है? (Who issue ISBN in India?)
मित्रों, अब आपके दिमाग भी हैं सवाल जरूर आ रहा होगा कि भारत में आईएसबीएन किसके द्वारा जारी किया जाता है? तो आपको जानकारी दे दें कि भारत में आईएसबीएन केवल एक ही संस्था द्वारा जारी किया जाता है। इसका नाम राजा राममोहन राय नेशनल एजेंसी फॉर आईएसबीएन (Raja rammohan Rai National agency for ISBN) है।
यह शिक्षा मंत्रालय (ministry of education) के उच्च शिक्षा विभाग (department of higher education) के प्रशासनिक नियंत्रण (administrative control) में आती है। इसका मुख्यालय (head quarter) नई दिल्ली (New Delhi) में है। इस एजेंसी कोई यह जिम्मेदारी लंदन स्थित इंटरनेशनल आईएसबीएन एजेंसी द्वारा सौंपी गई है।
यह दुनिया भर में एक ISBN पंजीकरण प्राधिकरण (ISBN registration authority) भी है। यही विभिन्न देशों में उनकी भौगोलिक विशेषताओं के आधार पर विभिन्न एजेंसियों को आईएसबीएन जारी करने का काम सौंपती है।
भारत में आईएसबीएन के लिए आवेदन को किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है? (What documents are required to apply for ISBN in India)
मित्रों, आपको बता दें कि यदि आप लेखक अथवा प्रकाशक हैं और भारत में आईएसबीएन लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आपको मुख्य रूप से कुछ दस्तावेज अपने आवेदन (application) के साथ अपलोड (upload) करने होंगे। इनमें लेखक प्रकाशक के पैन कार्ड (PAN Card) व उसके आवास/कार्यालय के एड्रेस प्रूफ (address proof) की स्कैन की हुई कापी (scanned copy) शामिल होती है। दोस्तों, याद रखें कि आपके सभी दस्तावेज jpeg/pdf फार्मेट में होने चाहिए। इनका अधिकतम साइज 500 kb तक हो।
आईएसबीएन कैसे लें? (How to get an ISBN?)
साथियों, अब आते हैं मुख्य सवाल पर कि आईएसबीएन कैसे लें? आपको बता दें कि इसकी भी एक निर्धारित प्रक्रिया (process) है, जिसका आपको स्टेप-बाई-स्टेप (step-by-step) पालन करना होगा। यह इस प्रकार से है-
- सबसे पहले भारत में आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी की ऑफिशियल वेबसाइट
- https://isbn.gov.in/ पर जाएं।
- यहां Home page पर आपको new applicant registration का विकल्प दिखेगा।
- जैसे ही आप सबसे ऊपर की लाइन में कंफर्म (confirm) के ऑप्शन पर क्लिक करेंगे, वैसे ही आपके सामने एक रजिस्ट्रेशन फार्म (registration form) खुल जाएगा।
- इसमें आपको मांगी गई सारी डिटेल सही-सही भरनी होंगी। जैसे –
- एप्लीकेंट टाइप (applicant type) : इसमें आपको बताना होगा कि आप लेखक हैं या प्रकाशक।
- आथर टाइप (author type) : आपको बताना होगा कि आप व्यक्तिगत लेखक/प्रकाशक हैं या संस्थागत।
- नेशनैलिटी (nationality) : इसमें आपको ड्राप डाउन मेनू से अपनी राष्ट्रीयता का चुनाव करना होगा।
- ईमेल आईडी (Email ID) : इसमें लेखक/प्रकाशक को अपनी ईमेल आईडी देनी होगी।
- Name : लेखक/प्रकाशक को अपना नाम लिखना होगा।
- Mobile number : यहां आपको अपना मोबाइल नंबर देना होगा।
- इतनी जानकारी भरने के बाद आपको आपको नीचे की ओर दिख रहे verify email id के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपकी ईमेल आईडी पर एक लिंक भेजा जाएगा।
- इस लिंक पर क्लिक करते ही रजिस्ट्रेशन फॉर्म का पेज दिखने लगेगा।
- इस पेज पर आपका कुछ ब्योरा आपके द्वारा दी गई जानकारी एवं मेल वेरिफिकेशन के आधार पर auto-filled हो जाएगा।
- इसके बाद आवेदक को आवश्यक दस्तावेज लगाने होंगे।
- इसके बाद फ़ार्म सबमिट कर दें।
- अब इस फार्म को आईएसबीएन ऑफिशियल मैनुअली वेरिफाई (manually verify) करेंगे।
- फार्म में दी गई जानकारी के आधार पर आईएसबीएन ऑफिशियल रजिस्ट्रेशन फॉर्म को मंजूर कर सकते हैं, रिजेक्ट कर सकते हैं अथवा कोई पूछताछ कर सकते हैं।
- यदि रजिस्ट्रेशन मंजूर हो जाता है अथवा कोई क्वेरी की जाती है तो आवेदक की ईमेल आईडी में उसके लॉगइन क्रेडेंशियल्स (login credentials) भेज दिए जाते हैं।
- यदि आवेदक का रजिस्ट्रेशन ना मंजूर होता है तो भी संबंधित कारण से उसे ईमेल के जरिए अवगत करा दिया जाता है।
- login credentials के जरिए आवेदक को होम पेज पर जाकर Applicant login पर क्लिक करके पोर्टल पर लागिन करना होगा।
- यहां आवेदक CHANGE PASSWORD के लिंक पर क्लिक कर अपना पासवर्ड बदल सकता है। इसके साथ ही आईएसबीएन द्वारा पूछी गई क्वेरी का जवाब दे सकता है।
- आपका रजिस्ट्रेशन फॉर्म मंजूर होते ही आपको दाहिने कोने में दिख रहे
- APPLY FOR NEW APPLICATION के link पर क्लिक करना होगा।
- आवेदन पत्र में प्रकाशक को आईएसबीएन की आवश्यकता एवं जिन क्षेत्रों में प्रकाशन होना है, को साझा करना होगा, जबकि लेखक को प्रकाशन का Title साझा करना होगा।
- इसके बाद SAVE पर क्लिक कर दें।
- फार्म को save व review करने के बाद FINAL SUBMIT के विकल्प पर क्लिक कर दें।
- अब आवेदक को अगले अप्रूवल के लिए इंतजार करना होगा, जो कि उसे ईमेल के माध्यम से इंगित किया जाएगा। इसके साथ ही
- Earmarked ISBN भी होंगे, जो बताएंगे कि उन्हें इस आवेदन के लिए रिजर्व रखा गया है और जो टाइटल डिटेल्स सबमिट करने के बाद अलॉट किया जाएगा।
- अब जारी की गई आईएसबीएन सीरीज से आईएसबीएन लेने के लिए आवेदक को किताब की डिटेल्स देनी होंगी। इसके लिए उसे Fill Title details for which ISBN is
- required के link पर क्लिक करना होगा।
- अब अगली स्क्रीन पर Add New Books के आप्शन पर क्लिक करें।
- अब यह स्क्रीन आवेदक को ONIX 2.0 format पर ले जाएगी, जिसमें कि आईएसबीएन जारी करने के लिए टाइटल की डिटेल्स save की जानी है।
- बुक की डिटेल्स save करने के बाद आवेदक को सारी डिटेल्स फाइनल सबमिट (final submit) करनी होंगी। इसके लिए उसे बुक डिटेल्स के आगे दिख रहे boxes को चेक कर SUBMIT TO DEPARTMENT के
- link पर क्लिक कर देना होगा। अब अगली स्क्रीन पर बुक टाइटल के लिए जारी किया गया आईएसबीएन दिखने लगेगा।
ONIX क्या है? (What is ONIX?)
मित्रों, अभी हमने आपको बताया कि आईएसबीएन जारी करने के लिए टाइटल की डिटेल्स ONIX 2.0 फार्मेट में save की जाती हैं। क्या आप जानते हैं कि ONIX क्या है? दोस्तों, यह एक XML आधारित rich book metadata स्टैंडर्ड है। यह प्रकाशकों, उनके सहयोगियों एवं सप्लाई चेन पार्टनर्स को उनके उत्पादों के बारे में संवाद के लेन-देन का एक सतत जरिया प्रदान करता है। आपको बता दें दोस्तों कि आईएसबीएन इंडिया ऑनलाइन सिस्टम (ISBN India online system) में किसी पब्लिकेशन को डिस्क्राइब (describe) करने के लिए ONIX fields का इस्तेमाल किया जाता है।
किस मैटीरियल के लिए आईएसबीएन नहीं लिया जा सकता? (Which material is not eligible to get ISBN?)
मित्रों, अब हम आपको उन मैटीरियल्स का कुछ उदाहरण देते हैं, जिनके लिए आईएसबीएन को आवेदन नहीं किया जा सकता। ये इस प्रकार से हैं-
- व्यक्तिगत दस्तावेज (Personal documents)
- ग्रीटिंग कार्ड (Greetings cards)
- डिजिटल बुलेटिन बोर्ड (Digital bulletin boards)
- म्यूजिक साउंड रिकॉर्डिंग साफ्टवेयर (Music sound recordings
- Software)
- शिक्षा के अतिरिक्त अन्य उद्देश्य के लिए बनाई गई फिल्में, वीडियो डीवीडी (films, videos and DVD) आदि।
- ईमेल सहित अन्य डिजिटल पत्र व्यवहार (email and other digital correspondence)।
- गेम्स (Games) आदि।
क्या किताबों पर आईएसबीएन संबंधी कोई बाध्यता है? (Is there any boundation regarding ISBN on the books?)
दोस्तों, यदि आपको लगता है कि किताबों पर आईएसबीएन लेना जरूरी है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस संबंध में किसी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है। इसकी वजह यह है कि आईएसबीएन किसी भी प्रकार की कॉपीराइट सुरक्षा (copyright safety) या कानूनी सुरक्षा (legal security) प्रदान नहीं करता।
जैसे कि यदि आप अपनी किताब को किसी स्टोर या लाइब्रेरी में नहीं रखना चाहते तो आपको आईएसबीएन लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन दोस्तों, दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं, जहां पर किताबों पर आईएसबीएन रखने संबंधी आवश्यक कानून हैं। ऐसा इसलिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर प्रकाशन गृहों यानी पब्लिकेशन हाउसेज (publication houses) का आसानी से पता लगाया जा सके।
आईएसबीएन का जनक किसे कहा जाता है? (who is called the father of ISBN?)
मित्रों, अब थोड़ा आईएसबीएन के इतिहास के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि स्टैंडर्ड बुक नंबरिंग यानी एसबीएन (SBN) की शुरुआत ग्रेट ब्रिटेन (great Britain) के सबसे बड़े पुस्तक विक्रेता WH Smith द्वारा आज से करीब 56 वर्ष पूर्व सन् 1967 में की गई थी। उस समय यह नवीनतम कंप्यूटराइज्ड गोदामों में किताबों को synchronise करने का एक तरीका था।
उसी साल आईएसबीएन की शुरुआत भी हुई, जो कि यूनाइटेड किंगडम (UK) के डेविड व्हाइटेकर (David whitekar) ने की। उन्होंने आईएसबीएन का कॉन्फ़िगरेशन (configuration) किया। उन्हें ही आईएसबीएन का जनक (father of ISBN) भी कहा जाता है।
भारत की आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी से कैसे संपर्क किया जा सकता है? (How one can contact to India’s ISBN registration agency?)
यदि कोई व्यक्ति स्वयं भारत की आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी से संपर्क करना चाहता है तो वह कैसे संपर्क कर सकता है? अब हम आपको इस संबंध में जानकारी देंगे। दोस्तों, संबंधित व्यक्ति Raja Rammohun Roy ISBN Agency के नई दिल्ली स्थित कार्यालय पहुंच सकता है। जिसका पता है-
- राजा राममोहन राय आईएसबीएन एजेंसी
- कक्ष संख्या-13, जीवनदीप बिल्डिंग
- चौथी मंजिल, पार्लियामेंट्री स्ट्रीट नई दिल्ली।
- मित्रों यदि कोई व्यक्ति चाहे तो राजा राममोहन राय आईएसबीएन एजेंसी के कार्यालय में फोन से भी संपर्क कर सकता है। यहां का फोन नंबर है-
- सामान्य पूछ-ताछ के लिए- 011-2334 1739 (सोमवार से शुक्रवार सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक)
- यदि कोई चाहे तो ईमेल से भी संपर्क कर सकता है एजेंसी का ईमेल पता है- isbn-mhrd@gov.in
- तकनीकी पूछताछ इन नंबरों पर की जा सकती है- 079-2326 8229, 079-2326 8284 (सोमवार से शुक्रवार सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक)
- किसी तकनीकी सहायता के लिए आप इस ईमेल पते पर भी संपर्क कर सकते हैं- isbnhelp@inflibnet.acin
आईएसबीएन की फुल फॉर्म क्या है?
आईएसबीएन की फुल फॉर्म इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर है।
आईएसएसएन की फुल फॉर्म क्या है?
आईएसएसएन की फुल फॉर्म इंटरनेशनल स्टैंडर्ड सीरियल नंबर है।
आईएसबीएन क्या होता है?
यह 13 डिजिट की एक विशिष्ट पहचान संख्या होती है जो कि किसी किताब/प्रकाशन को आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी द्वारा प्रदान की जाती है।
आईएसबीएन कैसे लें?
इसकी पूरी प्रक्रिया की स्टेप बाय स्टेप जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
आईएसबीएन का क्या लाभ होता है?
यह किसी किताब/प्रकाशन की पहचान होती है। इससे किताबों का बिक्री रिकॉर्ड रखना, स्टोर कंट्रोल, मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन आदि आसान हो जाता है।
भारत में आईएसबीएन किसके द्वारा जारी किया जाता है?
भारत में आईएसबीएन राजा राममोहन राय नेशनल एजेंसी फॉर आईएसबीएन द्वारा जारी किया जाता है।
आईएसबीएन के 5 एलिमेंट्स कौन-कौन से हैं?
उनके बारे में हमने आपको हर पोस्ट में विस्तार से जानकारी दी है आप वहां से देख सकते हैं?
आईएसबीएन की शुरुआत कब हुई थी?
आईएसबीएन की शुरुआत आज से 56 वर्ष पूर्व सन 1967 में हुई थी।
आईएसबीएन का जनक किसको कहा जाता है?
डेविड व्हाइटेकर को आईएसबीएन का जनक कहा जाता है।
भारत में आईएसबीएन लेने के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
भारत में आईएसबीएन लेने के लिए लेखक प्रकाशक के पैन कार्ड व उसके आवास/कार्यालय के एड्रेस प्रूफ की आवश्यकता होती है।
भारत की आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी की ऑफिशियल वेबसाइट का एड्रेस क्या है?
भारत की आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी की ऑफिशियल वेबसाइट का एड्रेस https://isbn.gov.in/ है।
क्या किसी पीरियॉडिकल, जर्नल अथवा सीरियल मैगजीन के लिए आईएसबीएन लिया जा सकता है?
जी नहीं, इसके लिए आईएसबीएन की नहीं, बल्कि आईएसएसएन की आवश्यकता होगी।
आईएसबीएन की आवश्यकता किसके लिए होती है?
आईएसबीएन की आवश्यकता सभी मोनोग्राफिक पब्लिकेशन जैसे- बुक, पफलेट आदि के लिए होती है।
आईएसबीएन लेने के लिए टाइटल का ब्योरा किस फॉर्मेट में सेव किया जाता है?
आईएसबीएन लेने के लिए टाइटल का ब्योरा ONIX 2.0 फार्मेट में सेव किया जाता है।
किन मैटीरियल के लिए आईएसबीएन को आवेदन नहीं किया जा सकता?
इनकी सूची हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
क्या किताबों के लिए आईएसबीएन लेने संबंधी कोई बाध्यता है?
जी नहीं, इस प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है।
क्या आईएसबीएन किसी प्रकार की कोई कॉपीराइट अथवा लीगल सुरक्षा प्रदान करता है?
जी नहीं, आईएसबीएन इस प्रकार की कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करता।
भारत में आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी का कार्यालय कहां पर है?
भारत में आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
भारत में आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी किसके प्रशासनिक नियंत्रण में है?
भारत में आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में ‘आईएसबीएन कैसे लें’ इसकी पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आप बतौर लेखक या प्रकाशक अपनी किताब के लिए आईएसबीएन लेने में सफल होंगे। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई भी सवाल अथवा सुझाव है तो उसे हमसे साझा अवश्य करें। इसके लिए आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।