इन दोनों छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में भी मोबाइल दिखाई देता है। मां बाप बच्चे को बिजी और शांत रखने के उद्देश्य से उन्हें मोबाइल देने में गुरेज नहीं करते। इस पर दिन भर कार्टून शो देखने या गेम खेलने से उनकी आंखों पर असर पड़ रहा है और उनका शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि बच्चों को मोबाइल फोन से कैसे दूर रखा जाए ताकि भी शारीरिक एवं मानसिक रूप से दुरुस्त रहे? यदि आप भी इसी सवाल से जूझ रहे हैं तो आज की यह पोस्ट आप के ही लिए है। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि बच्चों को मोबाइल फोन से कैसे दूर रखें? आइए, शुरू करते हैं-
मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल बच्चों के लिए क्यों ठीक नहीं? (Why excess use of mobile phone is not good for children?)
दोस्तों, आपको बता दे की मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल बच्चों और बड़ों दोनों के ही लिए समान रूप से ठीक नहीं है। यदि बच्चों की बात करें तो आइए, जान लेते हैं कि मोबाइल बच्चों के लिए खराब क्यों है? इससे बच्चों को किस प्रकार की दिक्कत होती है-
आंखों पर असर (effect on eyes) : स्क्रीन टाइम अधिक होने से सबसे ज्यादा बच्चों की आंखों पर असर पड़ता है। आंखों से लगातार बहने या लगातार सिर दर्द की शिकायत हो जाती है। इससे उनकी नजर भी गिरती है। आंखों से टेढ़ा देखना, आंखों का सूख जाना जैसी दिक्कतें भी देखने को मिलती है।
दिमाग पर असर (effect on mind) :
दोस्तों यदि बच्चा लगातार मोबाइल फोन की स्क्रीन पर आंखें गड़ाए बैठा रहता है तो इससे उसकी सोचने व विश्लेषण (thinking and analysis) करने की शक्ति भी प्रभावित होती है।
हिंसात्मक प्रवृत्ति का विकास (development of violent nature) :
यदि बच्चा इस प्रकार के गेम अधिक खेलता है, जिसमें हिंसात्मक दृश्य (violent scenes) भरपूर होते हैं तो ऐसे में उसके मन में हिंसात्मक प्रवृत्ति का विकास हो सकता है। उसका बचपन जल्द समाप्त हो सकता है।
शारीरिक दिक्कत (physical probles) :
यदि बच्चा दिन में कई घंटे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है और किसी शारीरिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लेता तो वह कई तरह के शारीरिक रोगों का शिकार हो सकता है। कई बच्चों को ऑटिज्म एवं मोटापा भी झेलना पड़ सकता है। हाल ही में लगातार गेम खेलने की लत के चलते एक बच्चे को अस्पताल तक में भर्ती कराना पड़ा। यह बताता है कि बच्चे मोबाइल फोन की अत्यधिक इस्तेमाल से किस प्रकार से प्रभावित हो रहे हैं।
भावनात्मक अस्थिरता :
दोस्तों मोबाइल फोन के बच्चों पर असर विषय पर हुए अध्ययन बताते हैं कि मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से बच्चे भावनात्मक रूप से अस्थिर महसूस कर सकते हैं। जहां मां-बाप दोनों ही कामकाजी हों, उन बच्चों के साथ ऐसी स्थिति अधिक देखने को मिलती है।
साइबर बुलिंग का खतरा :
जो बच्चे मोबाइल फोन पर अधिक समय बिताते हैं उनके लिए शारीरिक और मानसिक दिक्कतों के साथ ही एक खतरा साइबर बुलिंग (cyber bullying) का भी बढ़ जाता है। यह तो आप जानते ही हैं कि साइबर क्राईम (cyber crime) इस समय दिनों दिन बढ़ रहा है। ऐसे में बच्चों को सुरक्षित रखना अधिक आवश्यक हो जाता है।
बच्चों को मोबाइल फोन से कैसे दूर रखें? (How to keep children away from mobile phone?)
दोस्तों, हमने आपको बच्चों को मोबाइल फोन की वजह से होने वाली दिक्कतों के बारे में बताया। अब आपको बताते हैं कि आप अपने बच्चों को मोबाइल फोन से कैसे दूर रख सकते हैं? इसके लिए आप यह तरीके आजमा सकते हैं-
उन्हें अलग से फोन न दें, जरूरी हो तो अपने ही फोन से होमवर्क कराएं :
कोरोना (corona) महामारी के दौरान स्कूल बंद रहने की वजह से बच्चों को व्हाट्सएप (WhatsApp) पर ही होमवर्क भेजे जाने का चलन सा हो गया है। यदि आपके बच्चे को भी होमवर्क करना होता है तो उन्हें अलग से फोन ना दें। अपने ही फोन से उन्हें होमवर्क (homework) नोट कराएं।
बच्चों को आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करें :
अपने बच्चों को आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करें। जैसे उन्हें साइकिल चलाना सिखाएं। वे अपना टाइम इसमें लगा सकते हैं। इससे वे शारीरिक रूप से भी तंदुरुस्त रहेंगे। उन्हें अन्य बच्चों के साथ खेलने के लिए कह सकते हैं।
बच्चों से घर के कार्य में हल्की-फुल्की मदद लें :
बच्चों को अपने साथ काम में इन्वॉल्व करें। उनसे घर के छोटे -मोटे काम में मदद लें। जैसे कि सब खाना खाने बैठ रहै हों तो टेबल लगवा दें या उनसे उनकी अलमारी ठीक करने को कहें।
बच्चों के साथ समय बिताएं, किस्से-कहानी सुनाएं, घुमाने ले जाएं :
यदि आप बच्चों के साथ अधिक समय बिताएंगे, उन्हें घुमाने ले जाएंगे और तमाम तरह के किस्से-कहानियों में उलझाएंगे तो जाहिर सी बात है कि आप उन्हें मोबाइल फोन से दूर रख सकेंगे।
स्वयं स्क्रीन टाइम कम करके बच्चों के सामने अपना उदाहरण रखें :
बच्चों को मोबाइल फोन से दूर करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप बच्चों के सामने स्वयं का उदाहरण पेश करें। आप स्वयं मोबाइल कम से कम हाथ में लें। अपने स्क्रीन टाइम को कम करें, ताकि बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रहने के लिए समझा सकें।
मोबाइल फोन पर लॉक लगा कर रखें :
दोस्तों, मोबाइल फोन कंपनियों (mobile phone companies) ने मोबाइल को सेफ (safe) रखने के लिए इसमें लॉक फीचर (lock feature) दिया हुआ है। आप अपने मोबाइल फोन को बच्चों की पहुंच से दूर रखने के लिए इस फीचर का बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं। जब बच्चे मोबाइल ऑन ही नहीं कर पाएंगे तो फिर वे इसका इस्तेमाल भी नहीं कर सकेंगे।
मोबाइल पर बच्चों का स्क्रीन टाइम नियत करें :
आप बच्चों को मोबाइल का सशर्त इस्तेमाल करने दे सकते हैं। आप उनके लिए स्क्रीन टाइम नियत करें। जैसे कि आप उनसे कहें कि वह केवल आधे घंटे के लिए इस पर गेम खेल सकते हैं। इससे अधिक उन्हें इस पर गेम खेलने की इजाजत नहीं होगी।
बच्चों की क्रिएटिविटी को हवा दे दें :
बच्चे बेहद रचनात्मक होते हैं और कई बच्चों में खास प्रतिभा भी होती है। जैसे कुछ बहुत अच्छी पेंटिंग कर लेते हैं या कुछ कोई इंस्ट्रूमेंट बजाना पसंद करते हैं। तो ऐसे में उनकी क्रिएटिविटी को हवा दें। उन्हें उस काम में लगाएं, जो उन्हें पसंद हो। जैसे कि यदि बच्चा चित्रकला करना पसंद करता है तो उसे बोर्ड, कलर और ब्रश वगैरह लाकर दें, ताकि वह मोबाइल के दंश से दूर रहें और उनकी रचनात्मकता में वृद्धि हो।
बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम की क्या लिमिट होनी चाहिए? (What should be the screen time limit for children?)
दोस्तों, अव्वल तो बच्चे मोबाइल फोन का जितना कम इस्तेमाल करें, उतना बेहतर है। लेकिन यदि मोबाइल फोन का इस्तेमाल जरूरी हो तो उन्हें एक दिन में 2 घंटे से अधिक मोबाइल फोन चलाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization) यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) एक रिपोर्ट की मानें तो बच्चों के लिए दिन भर में 2 घंटे से कम ही स्क्रीन टाइम हो तो बेहतर है। बहुत छोटे जैसे साल भर तक के बच्चों के हाथों में मोबाइल देना ही नहीं चाहिए, क्योंकि उनकी आंखें कृत्रिम रोशनी से बहुत जल्दी प्रभावित होती हैं।
ऐसे में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर विशेष तौर पर सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यहां सबसे बड़ा रोल मां-बाप का हो जाता है। जो अपने रोजमर्रा का कामकाज निपटाने के लिए और बच्चों को शांत रखने के लिए उनके हाथ में मोबाइल फोन पकड़ा देते हैं। बच्चे घंटों मोबाइल स्क्रीन में आंख गड़ाकर या तो गेम खेलते रहते हैं या फिर कार्टून देखते रहते हैं। जो उनकी सेहत के लिए कतई ठीक नहीं है। ऐसे में मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से बच्चों को हुई किसी भी प्रकार की बीमारी या तकलीफ का खामियाजा न केवल बच्चों को, बल्कि इस प्रकार के मां-बाप को भी भुगतना पड़ता है।
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मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल बच्चों के लिए क्यों ठीक नहीं है?
मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से बच्चों की आंखों पर असर के साथ ही अन्य कई दिक्कतें हो सकती हैं।
बच्चों को मोबाइल फोन से कैसे दूर करें?
इसके तरीके हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताए हैं। आप वहां से देख सकते हैं।
बच्चों के सामने अपना उदाहरण कैसे पेश कर सकते हैं?
अपना स्क्रीन टाइम कम करके आप बच्चों के सामने अपना उदाहरण पेश कर सकते हैं।
क्या मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल बच्चों की भावनात्मक सेहत को भी प्रभावित कर रहा है?
जी हां। मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से बच्चे भावनात्मक रूप से अस्थिर महसूस कर सकते हैं।
बच्चों के लिए कितने घंटे का स्क्रीन टाइम ठीक है?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार बच्चों के लिए 2 घंटे तक का ही स्क्रीन टाइम ठीक है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको जानकारी दी कि बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर रखें? उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। इसी प्रकार की अन्य ज्ञानवर्धक पोस्ट पाने के लिए आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।