अपना मानसिक स्वास्थ्य कैसे ठीक रखें?

अपने शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति तो लोग जागरूक रहते हैं। एक्सरसाइज करते हैं, जिम जाते हैं। डाइट पर ध्यान देते हैं। लेकिन मानसिक स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूकता देखने को नहीं मिलती। जबकि हमारे रिश्तों और जिंदगी पर सबसे ज्यादा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य का पड़ता है।

ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जो हष्ट-पुष्ट होते हुए भी तनाव एवं अवसाद के शिकार होकर गंभीर मानसिक रोगों की जद में आ जाते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि रोग बढ़ने से पहले ही लक्षणों को पहचाना जाए और अपनी मानसिक सेहत को दुरुस्त रखा जाए। आज की इस पोस्ट में हम आपको यही बताएंगे कि अपना मानसिक स्वास्थ्य कैसे ठीक रखें। आइए, शुरू करते हैं –

Contents show

मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है? (What is mental health?)

दोस्तों, हम मानसिक स्वास्थ्य (mental health) की बात कर रहे हैं तो हमारे लिए सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है कि मानसिक स्वास्थ्य क्या है? दोस्तों, आपको बता दें कि मानसिक स्वास्थ्य (mental health) की परिधि में किसी व्यक्ति के भावनात्मक स्वास्थ्य (emotional health), रचनात्मक जीवन (creative life) जीने एवं जीवन में आने वाली अनिवार्य चुनौतियों (challanges) से निपटने की क्षमता (efficiency) को शामिल किया जाता है।

अपना मानसिक स्वास्थ्य कैसे ठीक रखें

मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस न होने के क्या लक्षण होते हैं? (What are the symptoms of ill mental health?)

दोस्तों, मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने के तरीके जानने से पहले यह जानना आवश्यक है कि मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस न होने के क्या लक्षण होते हैं? (What are the symptoms of ill mental health?) ये लक्षण (symptoms) इस प्रकार से हैं-

यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बेहतर नहीं महसूस कर रहा और तनाव (tension), चिंता एवं अवसाद का शिकार हो रहा है तो मान लीजिए कि वह मानसिक तौर पर अस्वस्थ होने की राह पर है। दोस्तों, तनाव के लक्षणों पर आते हैं। तनाव के लक्षण हैं व्यक्ति का चिड़चिड़ा हो जाना, एकाग्रता में कमी आना एवं थकान आदि रहना। वहीं, चिंता का लक्षण किसी चीज को लेकर डर या बेचैनी बने रहना है। उदासी, कुछ करने का दिल न करना, भूख कम या न लगना, नींद में कमी आदि अवसाद के लक्षण होते हैं।

मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं? (What are the reasons of not feeling mentally well?)

दोस्तों, अब जान लेते हैं कि किसी व्यक्ति के मानसिक स्वस्थ (mental health) महसूस ना होने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं? दोस्तों आपको बता दे कि यह कारण घरेलू होने के साथ ही आपके कार्यस्थल से जुड़े भी हो सकते हैं। कई व्यक्ति किसी प्रिय के बिछड़ जाने के बाद भी मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करते हैं। सामान्य रूप से मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करने के यह कारण हो सकते हैं-

  • यदि जीवनसाथी, बच्चे अथवा किसी बेहद करीबी व्यक्ति से हमेशा के बिछड़ना पड़ जाए। उसकी मौत हो या वह हमेशा के लिए छोड़ जाए।
  • यदि कोई व्यक्ति वर्क -लाइफ बैलेंस (work-life balance) न कर पा रहा हो, जिसके चलते उसके पारिवारिक अथवा आपसी रिश्तों में तनाव या खटास आ गई हो।
  • यदि किसी व्यक्ति को कारोबार में बड़ा नुकसान हो गया हो और वह उससे उबर न पा रहा हो।
  • यदि कार्यस्थल पर बेहतर करने के बावजूद किसी व्यक्ति की तरक्की न हो पा रही हो और कमतर प्रदर्शन के बावजूद जूनियर आगे बढ़ते जा रहे हों।

अपने मानसिक स्वास्थ्य को कैसे ठीक रखें? (How to keep your mental health on track?)

साथियों, आई अब नजर उन तरीकों पर डाल लेते हैं, जिनके जरिए आप अपनी मानसिक सेहत को ठीक रख सकते हैं। इनमें से कई तरीके बहुत आसान हैं, लेकिन जब व्यक्ति तनाव अथवा अवसाद में होता है तो उसे आसान काम भी मुश्किल प्रतीत होता है। ऐसे में धैर्य बनाए रखें और मन में नकारात्मक विचारों को ना आने दें। ठीक रहने के लिए इन तरीकों को आजमाएं-

  • योग, ध्यान, प्राणायाम जैसी तकनीकों का सहारा लें।
  • अपने मनपसंद कार्य के लिए समय निकालें। जैसे- पेंटिंग करें, किताबें पढ़ें, एक्सरसाइज (exercise) करें या अपने नजदीकियों के साथ समय बिताएं।
  • अपना मनपसंद पौष्टिक एवं सुपाच्य भोजन करें। अच्छा और मनपसंद खाना मूड बेहतर करने में भी बेहद सहायता करता है।
  • नींद के साथ कोई समझौता (compromise) न करें। छह से आठ घंटे की नींद अवश्य लें। कोशिश करें कि आपका बिस्तर साफ-सुथरा हो और जहां आप सोएं वहां पर्याप्त शांति एवं अंधेरा हो।
  • चिंता को भुलाने के लिए ड्रग्स या एल्कोहल (drugs/alcohol) का सेवन करने से बचें। यह आपको और अवसाद में ला सकता है।
  • अपने तनाव को लेकर किसी भरोसेमंद दोस्त (reliable friend) या परिवार के सदस्य से बात कर सकते हैं। कई बार मां की बात कह देने से दिल हल्का हो जाता है।
  • आप चाहें तो तनाव दूर करने के लिए किसी प्रोफेशनल (professional) की मदद भी ले सकते हैं, जो मानसिक थेरेपी (therapy) के साथ ही आपकी काउंसलिंग (counseling) करके आपकी समस्या को दूर करने मदद करेगा। खास तौर पर किसी प्रियजन को खो देने के बाद इस तरह की काउंसलिंग बहुधा मददगार साबित होती है।
  • यदि तनाव आपके काम से जुड़ा है तो ऐसे लक्ष्य तय करें जिन्हें आप पूरा कर सकें। बड़े लक्ष को छोटे लक्ष्य में बताकर पूरा करने की कोशिश करें।
  • अपने कार्य को बेशक प्राथमिकता दें, लेकिन आदर्श की जगह अपने लिए यथार्थवादी लक्ष्य (realistic goal) तय करें।
  • अपने छोटे-छोटे लक्ष्य की प्राप्ति करते हुए स्वयं को पुरस्कृत करना ना भूलें। जैसे आप खुद के लिए कोई उपहार खरीद सकते हैं। किसी मनपसंद जगह घूमने जा सकते हैं आदि।
  • बेहतर टाइम मैनेजमेंट (time management) आपको तनाव से दूर और सबसे आगे रख सकता है।
  • कार्यस्थल पर अपने ऊपर जिम्मेदारी का बोझ ओढ़ने की जगह अपनी जिम्मेदारियां को बांटना सीखें। अपनी ऊर्जा (energy) का सही इस्तेमाल करें।
  • अपनी प्राथमिकताएं (priorities) तय करें। सबसे पहले सबसे आवश्यक कार्य को अंजाम दें। ऐसा करने से आप जरूरी काम को निपटने के दबाव (pressure) से मुक्त रहेंगे।
  • लगातार कई घंटे काम करने के स्थान पर काम के बीच-बीच में ब्रेक (break) लें और अपने रिलेक्स (relax) करने के लिए समय निकालें।यदि जी-जान लगा कर बेहतर प्रदर्शन के बावजूद आपकी तरक्की नहीं हो रही हो तो ऐसे में लंबा इंतजार कर तनाव में रहने से बेहतर है कि अपनी कंपनी बदल लें।
  • मन मुताबिक स्थिति न होने पर भी मन में नकारात्मक विचारों (negative thoughts) को प्रवेश न करने दें। स्वयं को सकारात्मक (positive) बनाए रखें।

मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर न हो, इसके लिए क्या करें? (What to check mental health in converting serious condition?)

दोस्तों, यदि आप या आपका कोई साथी किसी भी बात से तनाव या अवसाद महसूस कर रहा है तो बहुत जरूरी है कि इस मानसिक अवस्था को गंभीर होने से रोका जाए। बहुत से लोग यह समझते ही नहीं है कि वह किसी मानसिक रोग का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में यदि किसी बात को लेकर बहुत तनाव हो रहा है या अवसाद के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें दूर करने के लिए तुरंत कदम उठाएं।

हमने आपको जो टिप्स (tips) ऊपर बताए हैं, उन्हें अपनाकर आप बहुत हद तक स्थिति को गंभीर होने से रोक सकते हैं। दोस्तों, यह तो आप भी जानते हैं कि थोड़ा बहुत तनाव तो सभी को होता है। और थोड़ा बहुत तनाव बेहतर परफॉर्मेंस (Better performance) के लिए जरूरी भी माना जाता है। लेकिन इसकी भी एक लिमिट (limit) है। यदि आप इसके बहुत ज्यादा शिकार हो रहे हैं तो इससे निजात पाने के लिए कदम उठाने में कतई देरी न लगाएं।

मानसिक स्वास्थ्य से क्या तात्पर्य है?

मानसिक स्वास्थ्य की परिधि में व्यक्ति के भावनात्मक स्वास्थ्य, रचनात्मक जीवन जीने एवं आवश्यक चुनौतियों का सामना करने की क्षमता को शामिल किया जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य ठीक न महसूस करने के क्या-क्या कारण हैं?

मानसिक स्वास्थ्य ठीक न महसूस करने के घरेलू एवं पारिवारिक तथा कार्य स्थल से जुड़े कारण हो सकते हैं।

मानसिक रूप से ठीक महसूस न करने के क्या लक्षण हैं?

इन लक्षणों के बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में जानकारी दी है। आप वहां से देख सकते हैं।

क्या मानसिक स्वास्थ्य ठीक ना महसूस करने पर किसी प्रोफेशनल से काउंसलिंग ले जा सकती है?

जी हां, बहुत से मामलों में यह मददगार साबित होता है।

वर्क-लाइफ बैलेंस न होने से सबसे ज्यादा क्या प्रभावित होता है?

बटरफ्लाई बैलेंस न होने से सबसे ज्यादा आपके आपसी रिश्ते प्रभावित होते हैं।

यदि कार्यस्थल पर बेहतर प्रदर्शन के बावजूद आपकी तरक्की नहीं हो रही और आप तनाव का शिकार हो रहे हैं तो क्या करें?

ऐसी स्थिति में यह बेहतर है कि आप अपनी कंपनी बदल लें।

मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर न हो, इसके लिए क्या करें?

इसके लिए आप पोस्ट में ऊपर बताएं तरीकों को आजमा सकते हैं।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि अपना मानसिक स्वास्थ्य कैसे ठीक रखें। यदि आपको भी कभी मानसिक रूप से बेहतर न महसूस हो तो आप इन टिप्स को आजमा सकते हैं। यह पोस्ट आपको कैसी लगी? नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बताना कतई ना भूलें। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment