40 की उम्र के बाद खुद को कैसे फिट रखें?

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे बीमारियां इंसान को अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं। खास तौर पर जीवन शैली से जुड़े रोग जैसे शुगर ने हर चौथे आदमी को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। समय बढ़ने के साथ-साथ मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी घटती है। ऐसे में 40 वर्ष की उम्र के बाद स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आज इस पोस्ट में हम आपको यह बताएंगे कि 40 वर्ष की उम्र के बाद खुद को कैसे फिट रखें? आइए, शुरू करते हैं –

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फिटनेस का क्या अर्थ है? (What is the meaning of fitness?)

दोस्तों, इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, सबसे पहले यह जान लेते हैं की फिटनेस का क्या अर्थ है? (What is the meaning of fitness?) बहुत से लोग फिटनेस को केवल बॉडी फिटनेस (body fitness) से जोड़कर देखते हैं, जबकि यह सही नहीं है। आपको बता दें कि फिटनेस (fitness) का अर्थ केवल बॉडी बिल्डिंग (body building) करना या मोटापा कम करने से ही नहीं होता। फिटनेस का सही अर्थ किसी व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक दोनों तरह से सक्षम होने से है। दोस्तों, यदि आप फिजिकली तो फिट हैं, लेकिन बहुत अधिक है।

40 की उम्र के बाद खुद को कैसे फिट रखें

फिट रहने के क्या-क्या फायदे हैं? (What are the advantages of being fit?)

दोस्तों, फिटनेस का अर्थ तो हम समझ चुके हैं। आइए, अब जान लेते हैं यदि कोई व्यक्ति फिट रहता है तो इसके क्या-क्या फायदे हैं। ये इस प्रकार से हैं-

  • आप शारीरिक रूप से सक्रिय एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।
  • वजन नियंत्रित (weight control) करने में सहायता मिलती है।
  • जीवनशैली यानी लाइफस्टाइल (lifestyle) से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज (diabetes) आदि का खतरा कम हो जाता है।
  • हड्डियों का क्षरण रुकता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। आपकी कार्यक्षमता (work efficiency) में सुधार (improvement) होता है।
  • आप जीवन की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटते हैं।

40 की उम्र के बाद शरीर पर क्या असर होता है? (How aging effect the body after the age of 40 years?)

दोस्तों, यूं तो समय के साथ-साथ इंसान के शरीर में लगातार बदलाव आते रहते हैं, लेकिन 40 वर्ष की उम्र के बाद उस पर अधिक असर देखने को मिलता है। यह असर उसकी त्वचा, चेहरे और बालों में साफ नजर आता है। दोस्तों, केवल शरीर के बाहर ही नहीं बल्कि शरीर के भीतर भी कई तरह के बदलाव होते हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल घटने लगता है।

उनमें हार्ट अटैक (heart attack) और डायबिटीज (diabetes) का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, यदि महिलाओं की बात करें तो 40 साल की वय के पश्चात उनमें अधिकांशतः ऑस्टियोपोरोसिस, खून की कमी, दिल की बीमारी, डायबिटीज आदि बीमारियां खास तौर पर देखने को मिलती हैं।

40 की उम्र के बाद खुद को कैसे फिट रखें? (How to get fit after the age of 40 years?)

दोस्तों, यह तो हम जान ही चुके हैं कि 40 साल की उम्र के बाद किसी व्यक्ति के शरीर में क्या-क्या तब्दीली आती है। अब सवाल यह उठता है कि 40 साल की उम्र के बाद खुद को फिट कैसे रखें? तो इसके लिए कुछ टिप्स हैं, जो बेहद कर रहे हैं। ये इस प्रकार से हैं.

पौष्टिक व सुपाच्य आहार लें :

दोस्तों यूं तो शरीर को हर उम्र में पोषण की जरूरत होती है, लेकिन 40 साल की उम्र के बाद इसका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। अधिक तले-भुने, तेल -मसाले वाले भोजन के स्थान पर पौष्टिक एवं सुपाच्य आहार को तरजीह दें। अपने भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन आदि जरूर शामिल करें। कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है.

जिसकी बढ़ती उम्र में सर्वाधिक आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त प्रोटीन शरीर को पोषण प्रदान करता है। दालें, पनीर, मछली आदि प्रोटीन (protein) के अच्छे सोर्स हैं। हरी सब्जियों में आपको खासे विटामिन प्राप्त होंगे, वही दूध, पालक आदि कैल्शियम (calcium) के अच्छे सोर्स हैं। दही आपकी इम्यूनिटी (immunity) को बूस्ट (boost) करती है।

नमक एवं चीनी से दूरी बनाएं :

दोस्तों, अधिक नमक एवं चीनी का सेवन आपकी सेहत को खराब कर सकता है। 40 की उम्र के बाद इसका कर खास तौर पर देखने को मिलता है जब शरीर के प्रतिरोधक प्रणाली (resistance system) कमजोर होने लगती है। अधिक नमक से आपको जहां ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है, वहीं अधिक चीनी का इस्तेमाल आपके ब्लड में शुगर की मात्रा को अनियमित कर सकता है। ऐसे में आप इन सफेद चीजों का जितना कम इस्तेमाल करें, उतना ही अच्छा।

प्रत्येक दिन एक घंटा एक्सरसाइज के लिए निकालें :

प्रत्येक दिन कम से कम एक घंटा एक्सरसाइज व अन्य शारीरिक क्रियाओं (exercise and physical activities) के लिए आवश्यक तौर पर निकालें। इस दौरान आप साइकिल चलाएं, तैराकी करें या जो भी फिजिकल एक्टिविटी करनी पसंद हो, वह करें। शरीर को लचीलापन प्रदान करने के लिए, शरीर को स्वस्थ और रोगों से दूर रखने के लिए यह बेहद आवश्यक है।

अधिक से अधिक पैदल चलें :

तेज गति से पैदल चलना आपको शारीरिक तौर पर फिट (physically fit) रखता है। खास तौर पर आपका दिल इसके लिए आपको धन्यवाद देगा। कोशिश करें कि आप प्रतिदिन 5 किलोमीटर की सैर अवश्य करें। इससे आपकी मांसपेशियां और फेफड़े भी दुरुस्त रहते हैं।

पर्याप्त नींद लें :

कम नींद व्यक्ति को कई तरह के रोगों का शिकार बना सकती है। वह डिप्रेशन (depression) व अवसाद भी महसूस कर सकता है। उसे स्वस्थ महसूस करने एवं तरो-ताजा होने के लिए कम से कम छह से लेकर आठ घंटे की नींद अति आवश्यक है।

खुद को हाइड्रेट रखें :

स्वस्थ रहने के लिए खुद को हाइड्रेट (hydrate) रखना बहुत आवश्यक है। इसके लिए दिन में कम से कम छह गिलास पानी अवश्य पिएं। बहुत से लोग खाने पर अवश्य ध्यान देते हैं, लेकिन उचित मात्रा में पानी पीने से गुरेज करते हैं। यह आगे चलकर उनके लिए मुसीबत खड़ी करता है। ऐसा न होने दें।

धूम्रपान, तंबाकू आदि का सेवन न करें :

यदि आप धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करते हैं तो इसका इस्तेमाल बिल्कुल कम कर दें या फिर छोड़ दें। यह आपके फेफड़ों को खराब कर सकता है। इसके अतिरिक्त आपको श्वसन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।

अपनी नियमित जांच करवाएं :

दोस्तों, उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारा शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता रहता है। जैसा कि हमने आपको बताया। खान-पान की गलत आदत एवं खराब जीवन शैली हमें बीमारियों का शिकार बना सकते हैं। डायबिटीज हो सकती है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। ऐसे में आवश्यक है कि हम 40 की उम्र के पश्चात अपनी नियमित जांच कराएं।

पॉजिटिव लोगों के साथ रहें :

दोस्तों, किसी व्यक्ति की फिटनेस में उसके शारीरिक एवं मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य का हाथ होता है। ऐसे में 40 वर्ष की उम्र के पश्चात सेहतमंद रहने के लिए आवश्यक है कि आप निगेटिव सोच से दूर रहें। ऐसा तभी हो सकता है, जब आप पॉजिटिव लोगों की संगत में रहें। दिन की एक सकारात्मक सोच (positive thought) आपका पूरा दिन बदलने की ताकत रखती है।

चिंता ‘चिता’ समान है, इसे त्याग दें :

बहुत से लोग हमेशा किसी न किसी चिंता में घिरे रहते हैं। वे उन चीजों पर भी सोच-सोच कर अपना समय जाया करते हैं जो उनके हाथ में नहीं होती। यह चिंता उन्हें बीमारियों के नजदीक ले जाती है। ऐसे में जिसका हल अपने हाथ में नहीं, उस चिंता को ‘चिता’ समान मानकर इसे तुरंत त्याग दें।

फिट लोगों की लाइफ स्टाइल फॉलो करें :

हमारे आस-पास ऐसे कई लोग होते हैं, जो फिट होते हैं। लेकिन हम उन्हें देखकर केवल उनके जैसे बनने की चाह रखते हैं, उनकी लाइफ स्टाइल (life style) पर ध्यान नहीं देते। ऐसे लोगों से भी फिटनेस मंत्र (fitness mantra) लेकर हमें जो सूट करता है, उसे फॉलो (follow) किया जा सकता है।

फिटनेस गोल पाने की राह में सबसे बड़ी बाधा क्या है? (What is the biggest obstacle in the way of achieving your fitness goals?)

दोस्तों, फिटनेस गोल पाने की राह सबसे बड़ी बाधा व्यक्ति स्वयं होता है। बहुत से लोग अपना फिटनेस गोल (fitness goal) निर्धारित कर लेते हैं, लेकिन उसे पाने के लिए वे धैर्य नहीं रखते। वे इसे तुरत-फुरत पाना चाहते हैं। जैसे कि आपने देखा होगा कि वजन कम करने के इच्छुक कई लोग जिम में जाते ही ताबड़-तोड़ एक्सरसाइज करते हैं और चाहते हैं कि एक ही दिन में उनका वजन कम हो जाए। जबकि ऐसा नहीं होता है। अति हर चीज की बुरी होती है। फिटनेस हासिल करनेकी एक प्रोसेस होती है। इसकी जिद और धैर्य की कमी घातक हो सकती है।

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40 साल की उम्र के बाद किस तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है?

40 साल की उम्र के बाद डायबिटीज, दिल की बीमारियों आदि का खतरा बढ़ जाता है।

40 वर्ष की उम्र के बाद खुद को कैसे फिट रखें?

इस संबंध में पूरी जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।

बढ़ती उम्र में हड्डियां मजबूत रखने के लिए क्या करना होगा?

इसके लिए कैल्शियम युक्त भोजन पर फोकस करना होगा।

सामान्य मनुष्य के लिए कितने घंटे की नींद पर्याप्त है?

एक सामान्य मनुष्य को करीब आठ घंटे की नींद आवश्यक है।

एक सामान्य मनुष्य को दिन भर में कितना पानी पीना चाहिए?

एक सामान्य मनुष्य को दिन भर में कम से कम 6 गिलास पानी पीना ही चाहिए।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको जानकारी दी कि 40 वर्ष की उम्र के बाद खुद को कैसे फिट रखें? उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट में दी गई जानकारी आपको बढ़ती उम्र में फिट रहने में मदद करेगी। इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई भी सवाल अथवा सुझाव आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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