एचआर क्या होता है? एचआर कैसे बने?

एचआर क्या होता है? (What is HR?) एचआर कैसे बने? [How to become HR?]

मैनेजमेंट (management) की फील्ड इन दिनों युवाओं को खूब लुभाती है। मल्टीनेशनल एवं कारपोरेट (multinational and corporate) में बतौर मैनेजर अच्छी सैलरी उठाने एवं बेहतरीन जिंदगी जीने के युवा सपने देखते हैं। एचआर मैनेजमेंट भी इन दिनों एक ल्यूक्रेटिव फील्ड (lucrative field) यानी लाभप्रद क्षेत्र है।

युवा बतौर एचआर मैनेजर (HR manager) अपनी एवं अपनी कंपनी (company) के कर्मचारियों की बेहतरी के लिए कार्य करते हैं। क्या आप जानते हैं कि एचआर क्या होता है? (What is HR?) यदि नहीं भी जानते हैं तो चिंता न करें।

इस पोस्ट (post) में हम आपको एचआर (HR) के तमाम पहलुओं से रूबरू कराएंगे। आपको बस इतना करना है कि इस पोस्ट को शुरू से आखिर तक पढ़ें। आइए, शुरू करते हैं-

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एचआर क्या होता है? (What is HR?)

दोस्तों, सबसे पहले एचआर की फुल फाॅर्म (full form of HR) जान लेते हैं। इसकी फुल फाॅर्म है ह्यूमन रिसोर्स (human resources)। इसे हिंदी में मानव संसाधन भी पुकारा जाता है। इस टर्म के भीतर किसी कंपनी अथवा इंडस्ट्री (company and industry) के सभी कर्मचारी/श्रमिक आते हैं। मानव संसाधन ही कंपनी की रीढ़ होता है, जो उसकी तरक्की सुनिश्चित करता है।

एचआर क्या होता है? एचआर कैसे बने?

मानव संसाधन प्रबंधन (human resource management) मैनेजमेंट की एक शाखा है। यदि कारपोरेट जगत (corporate world) की बात करें तो इन दिनों अधिकांशतः प्रत्येक कंपनी में एक एचआर विभाग (HR department) होता है, जिसका हेड जीएम एचआर होता है। इसके नीचे कई मैनेजर काम करते हैं।

कंपनी में मानव संसाधन की स्थिति का लेखा जोखा रखने के साथ ही मानिटरिंग भी यही विभाग करता है। सामान्य रूप से कहें तो कार्य के लिहाज से कम होने पर कर्मचारियों/श्रमिकों की भर्ती करना एवं अधिक होने पर छंटनी करना भी इसी विभाग के कार्य का हिस्सा है।

एचआर का क्या काम होता है? (What is the function of HR?)

अब आपको विस्तार से बताएंगे कि एचआर का क्या काम होता है-

  • -कंपनी के लिए कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया (recruitment process) पूरी करना, उनका इंटरव्यू (interview) करना एवं सैलरी तय करना।
  • -कर्मचारियों की प्रमोशन पाॅलिसी (promotion policy) तय करना। अप्रेजल (appraisal) के प्रावधान एवं ट्रेनिंग (training) की व्यवस्था देखना।
  • -कंपनी का ग्रीवांस प्रोसीजर (grievance processor) तय करना।
  • -कंपनी की अवकाश नीति यानी लीव पाॅलिसी (leave policy) तय करना। कर्मचारियों का अवकाश निर्धारित करना।
  • -कंपनी द्वारा कर्मचारियों के लिए निर्धारित नियम एवं कानूनों (rules and regulations) का पालन कराना।
  • -कंपनी के भीतर कर्मचारी अनुशासित (disciplined) रहें, इसे सुनिश्चित करना।
  • -यदि कोई दुर्घटना हो जाए तो कंपेंसेशन (compensation) यानी मुआवजा तय करना एवं दिलाना।

एचआरएम में कौन कौन से कोर्स हैं? (Which courses are there in HRM?)

दोस्तों, अब आते हैं एचआरएम यानी मानव संसाधन प्रबंधन के कोर्स पर। आपको बता दें कि इसके कई प्रकार के कोर्स हैं, जिनका ब्योरा इस प्रकार है-

1. बीबीए (एचआर मैनेजमेंट) (BBA in HR management)

बीबीए (BBA) यानी बैचलर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (bachelor’s in business administration)। यह बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का ग्रेजुएशन कोर्स है। यह कोर्स किसी भी अन्य ग्रेजुएट कोर्स की भांति तीन साल का होता है। इसका करिकुलम (curriculum) छह सेमेस्टर (semester) में विभाजित है। इसका सिलेबस जिन विषयों पर फोकस करता है, वे इस तरह से है-

  • -बिजनेस फंडामेंटल्स (business fundamentals)।
  • -मैनेजमेंट (management)। -इकोनामिक प्लानिंग एंड पालिसीज (economic planning and policies) पर फोकस करता है।

आपको बता दें दोस्तों कि देश में 3506 मान्यता प्राप्त बीबीए संस्थान हैं, जिनमें से 219 बीबीए (एचआरएम) कोर्स कराते हैं।

बीबीए (एचआर) का सिलेबस:

रिसर्च मैथड्स, लीगल एंड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, कम्युनिकेशन स्किल्स, बिजनेस इनवायरनमेंट, क्वालिटी मैनेजमेंट, कंप्यूटर फंडामेंटल्स, मार्केटिंग मैनेजमेंट, टेक्नोलाॅजी मैनेजमेंट, टैक्सेशन मैनेजमेंट, मैनेजमेंट डेवलपमेंट एंड स्किल्स, स्माॅल बिजनेस मैनेजमेंट, इकोनाॅमिक प्लानिंग एंड पाॅलिसीज, आर्गेनाइजेशनल बिहेवियर, बिजनेस स्ट्रेटेजी, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, फाइनेंशियल एकाउंटिंग, एडवरटाइजिंग एंड सेल्स, ई-काॅमर्स, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, इंटरनेशनल मार्केटिंग, एंटरप्रेन्योरशिप मैनेजमेंट, इंटरनेशनल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस। इसके बाद प्रोजेक्ट वर्क करना होता है।

बीबीए में प्रवेश प्रक्रिया:

NMIMS, NPAT, IPU, CET, DI, ZAT आदि एंट्रेंस के जरिए। इसके पश्चात जीडी यानी ग्रुप डिस्कशन (group discussion) एवं पर्सनल इंटरव्यू राउंड (personal interview round) भी क्लियर करना होता है।

बीबीए के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता:

इस कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता (minimum educational qualification) किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10+2 अथवा समकक्ष है।

बीबीए की कोर्स फीस:

इस कोर्स की औसत फीस संस्थान के दर्जे के अनुसार 30 हजार से लेकर छह लाख सालाना तक आती है।

2. एमबीए (एचआरएम) (MBA in HRM)-

एमबीए (MBA) यानी मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (master’s in business administration) का कोर्स अधिकांश युवाओं का प्रिय कोर्स होता है। यहां तक कि बहुत से आन द जाॅब एक्जीक्यूटिव भी इस कोर्स को पार्ट टाइम करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।

इस कोर्स की मांग देखते हुए ओपन यूनिवर्सिटीज (open University) भी बड़ी संख्या में एमबीए करा रही हैं। आपको बता दें कि सामान्यतः यह कोर्स दो साल का पीजी कोर्स होता है, लेकिन वर्किंग एक्जीक्यूटिव्स इसे तीन साल में भी कर सकते हैं।

एमबीए का सिलेबस:

क्वांटिटेटिव टेक्निक्स फाॅर मैनेजमेंट (quantitative techniques for management), मार्केटिंग मैनेजमेंट (marketing management), मैनेजीरियल इकोनामिक्स (managerial economics), ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (human resource management)।

एमबीए में प्रवेश किस प्रकार होता हैः

CAT, MAT, C-MAT, XAT, GMAT, SNAP, IBSAT आदि एंट्रेंस टेस्ट में प्राप्त स्कोर/मेरिट, जीडी/पर्सनल इंटरव्यू के जरिए।

एमबीए की कोर्स फीस:

3 लाख से लेकर 8 लाख रूपये सालाना।

एमबीए में प्रवेश संबंधी योग्यता:

न्यूनतम 50-60 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री अथवा समकक्ष।

3. पीजी डिप्लोमा इन एचआर (PG Diploma in HR)-

यह भी दो साल का कोर्स होता है, जो चार सेमेस्टर में विभक्त होता है। जो छात्र एमबीए करने में सक्षम नहीं होते वे इस पीजी डिप्लोमा कोर्स कर लेते हैं। यह कोर्स उनकी प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन (professional qualifications) में बढ़ोत्तरी करता है।

  • -इस कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता: ग्रेजुएशन की डिग्री न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ।
  • -इस कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया: CAT, XAT, C-MAT, MAH-CET, NMAT आदि के स्कोर/मेरिट (score/merit) के आधार पर।
  • -इस कोर्स की फीस : आठ लाख रूपये तक।
  • -इस कोर्स के बाद सैलरी : दो लाख रूपये से 15 लाख रूपये सालाना तक।

4. डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स इन एचआर (Diploma/certificate course in HR)-

बहुत से पालिटेक्निक (polytechnic) संस्थान एचआर में एक वर्ष का डिप्लोमा/सर्टिफिकेट लेवल कोर्स (diploma/certificate level course) चलाते हैं।

  • -इस कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता: 10+2 अथवा समकक्ष (equivalent) न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ। (आरक्षित वर्ग के लिए 45 प्रतिशत अंक अथवा नियमानुसार छूट का प्रावधान)।
  • -इस कोर्स के लिए फीस: 7 हजार रूपये से लेकर 30 हजार तक।
  • -इस कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया: मेरिट के आधार पर प्रवेश।
  • -इस कोर्स को करने के बाद सैलरी: दो लाख रूपये से चार लाख रूपये सालाना तक।

एचआर में कोर्स के बाद किस तरह का करियर बन सकता है? (Which type of career is there after course in HR?)

दोस्तों, आपको बता दें कि यदि कोई छात्र/छात्रा एचआर मैनेजमेंट में कोर्स कर लेता है तो उसका करियर एचआर के साथ ही ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट, टेलेंट एक्विजिशन, एडमिनिस्ट्रेशन आदि फील्ड में बन सकता है। वह इस प्रकार के पद हासिल कर सकता है-

  • -एचआर मैनेजर (HR manager)
  • -एचआर को-आर्डिनेटर (HR coordinator)
  • -एचआर एक्जीक्यूटिव (HR executive)
  • -एचआर स्पेशलिस्ट (HR specialist)
  • -रिक्रूटमेंट एंड प्लेसमेंट आफिसर (recruitment and placement officer)
  • -टैलेंट एक्विजिशन मैनेजर (talent eqisition manager)
  • -एंप्लाई रिलेशंस मैनेजर (employee-relations manager)
  • -आईटी रिक्रूटर (IT recruiter)
  • -एडमिन आफिसर (admin officer)

एचआरएम ग्रेजुएट/एमबीए की सैलरी कितने तक होती है? (How much salary an HRM graduate/MBA gets?)

आपको बता दें कि एचआरएम ग्रेजुएट को शुरूआत में एचआर ट्रेनी/एचआर एक्जीक्यूटिव के तौर पर संस्थान में भर्ती किया जाता है। उसकी सालाना तनख्वाह लगभग तीन लाख से शुरू होती है।

एमबीए करने के पश्चात उसे और अच्छी सैलरी मिल सकती है। इसके बाद शुरूआती सैलरी 4 लाख से 10 लाख रूपये सालाना तक है। मोटे तौर पर कुछ वर्ष के अनुभव के पश्चात वह कारपोरेट में 30 लाख सालाना तक सैलरी उठा सकता है।

एक अच्छे एचआर मैनेजर में कौन कौन से स्किल होने अनिवार्य हैं? (What skills are required for a good HR manager?)

दोस्तों, एचआर मैनेजर का पद सीधे इंप्लाई डीलिंग (employee dealing) यानी कर्मचारियों से जुड़ा है। ऐसे में एचआर मैनेजर में अपने पद के अनुसार कुछ खास स्किल्स होने चाहिए, जो इस प्रकार से हैं-

1. बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स (better communication skills)-

अपनी बात कर्मचारियों से कहने एवं उनको कन्वींस करने की क्षमता एचआर मैनेजर में होनी चाहिए। उसमें बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स होने चाहिए।

2. इम्पैथी (empathy)-

एक एचआर मैनेजर में इम्पैथी होनी बेहद आवश्यक है। यानी वह दूसरे की सिचुएशन में स्वयं को रखकर सोच सके। इसी के जरिए वे कर्मचारियों की समस्या का अंदाजा लगा सकेगा।

3. श्रम कानूनों की अच्छी जानकारी (good knowledge of labour laws)-

एक एचआर मैनेजर को कर्मचारियों से संबंधित नीतियों के निर्माण एवं उन्हें लागू करने के लिए श्रम कानूनों की अच्छी जानकारी आवश्यक है।

4. त्वरित निर्णय लेने की क्षमता (ability to make quick decision)-

एक एचआर मैनेजर को क्विक डिसीजन मेकर होना चाहिए। यानी उसमें त्वरित निर्णय लेने की क्षमता हो।

5. हार्ड वर्किंग (hard working)-

कई कार्य ऐसे होते हैं, जिनकी प्रक्रिया काफी लंबी चलती है। ऐसे में एक अच्छे एचआर मैनेजर को हार्ड वर्किंग यानी मेहनती होना आवश्यक है।

6. धैर्य (patience)-

यह एक एचआर मैनेजर की अच्छी क्वालिटी होती है। उसमें कर्मचारियों की बात सुनने के लिए पर्याप्त धैर्य होना चाहिए, ताकि वह उनकी बात अच्छी तरह से समझ सके और तत्पश्चात उनके हित में निर्णय ले सके।

बहुत से छात्र विदेश से डिग्री हासिल करने को भी प्राथमिकता देते हैं (many students give priority to avail degree from foreign)-

मित्रों, यूं तो हमारे देश में आईआईएम (IIM) समेत ऐसे कई बड़े एवं प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान (reputed management institutes) हैं, जहां से एचआर स्पेशलाइजेशन (HR specialisation) में निकले छात्र छात्राओं को बड़े पैकेज पर मल्टीनेशनल कंपनियों एवं कारपोरेट हाउसेज (multinational companies/corporate houses) में नौकरी मिल जाती है।

इसके बावजूद बहुत से छात्र विदेश से डिग्री हासिल करने को प्राथमिकता देते हैं। इन दिनों ढेरों आनलाइन डिग्री कोर्स (online degree course) के अस्तित्व में आने के बाद से उनकी यह इच्छा आसानी से पूरी भी हो रही है।

बहुत से छात्र एड आन कोर्स (add on course) के तौर पर एचआर का डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स भी कर रहे हैं। इस कोर्स के पश्चात उनका रिज्यूमे रिच हो जाता है। कई छात्र स्कालरशिप के सहारे इस कोर्स को पूरा करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।

एचआर की फुल फाॅर्म क्या है?

एचआर की फुल फाॅर्म ह्यूमन रिसोर्स है। इसे हिंदी में मानव संसाधन भी पुकारा जाता है।

किसी कंपनी में एचआर विभाग का क्या काम होता है?

किसी भी कंपनी में एचआर विभाग का काम कर्मचारियों की नियुक्ति, इंटरव्यू, ट्रेनिंग, इंडक्शन आदि होता है।

एचआर में कौन कौन से लोकप्रिय कोर्स हैं?

एचआर में एमबीए, बीबीए, पीजी डिप्लोमा जैसे लोकप्रिय कोर्स हैं।

एचआर में डिग्री लेने के बाद कौन कौन से फील्ड में करियर बन सकता है?

इस डिग्री के बाद एचआर, एडमिन, ट्रेनिंग, टेलेंट एक्विजिशन, आईटी आदि क्षेत्रों में करियर बन सकता है।

क्या ओपन यूनिवर्सिटीज से भी बीबीए/एमबीए किया जा सकता है?

जी हां, अब बहुत सी ओपन यूनिवर्सिटीज से यह कोर्स करने की सुविधा उपलब्ध है।

दोस्तों, हमने आपको बताया कि एचआर क्या होता है? एचआर कैसे बने? उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप भी एचआर में बीबीए या एमबीए करने के इच्छुक हैं तो प्रवेश प्रक्रिया पर फोकस करें। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल है तो उसे हमसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं का हमें हमेशा की तरह इंतजार है। धन्यवाद।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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