हाइपरलिंक क्या होता है? | हाइपरलिंक के प्रकार, फायदे व नुकसान | Hyperlink kya hota hai

|| हाइपरलिंक क्या होता है? | हाइपरलिंक के प्रकार | Hyperlink kya hota hai | Hyperlink meaning in Hindi | Hyperlink shortcut in Hindi | Hyperlink kaise lagate hain | हाइपरलिंक के फायदे | Hyperlink ke fayde | हाइपरलिंक का शॉर्टकट क्या है? | Define hyperlink types in Hindi | Hyperlink ka kya use hota hai ||

Hyperlink kya hota hai :- आप जब भी इंटरनेट पर कुछ पढ़ रहे होते हैं या कुछ देख रहे होते हैं तो वहां आपको कई तरह की चीजें दिखाई देती होंगी। अब आप चाहे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हो या फिर कोई लेख पढ़ रहे हो, वहां आपको कई तरह के विज्ञापन दिखाई देते हैं और आप उन पर क्लिक करते ही एक नये पेज पर पहुँच जाते हैं जो कि उस विज्ञापन देने वाली कंपनी से जुड़ा हुआ होता है। इसी के साथ ही उस वेबसाइट में इसी वेबसाइट के ही कुछ अन्य लेख के लिंक भी दिए हुए होते हैं जिन्हें किसी टेक्स्ट पर या किसी अन्य चीज़ पर लिंक किया गया होता (Hyperlink in Hindi) है।

तो कभी आपने सोचा है कि यह क्या होता है और इसे क्या कहा जाता है। तो आज हम आपको बता दें कि इस तकनीक को हाइपरलिंक कहा जाता है जो आज के समय में बहुत ही आम बात हो गयी है। एक तरह से हर जगह फिर चाहे आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हो या फिर किसी वेबसाइट का या अन्य किसी चीज़ का, वहां पर मुख्य रूप से हाइपरलिंक का इस्तेमाल किया जाता है ताकि आप उनसे जुड़े रहें। ऐसे में आपका आज के इस लेख में हाइपरलिंक के बारे में जानना जरुरी हो जाता (Hyperlink ka kya use hota hai) है।

आज हम आपको हाइपरलिंक के बारे में समूची जानकारी देने वाले हैं। आज के इस लेख को पढ़ कर आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि यह हाइपरलिंक क्या होता है, कैसे काम करता है और इसके क्या कुछ प्रकार होते हैं इत्यादि। तो आइये जाने हाइपरलिंक के बारे में पूरी जानकारी इस लेख के माध्यम (Hyperlink explained in Hindi) से।

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हाइपरलिंक क्या होता है? (Hyperlink kya hota hai)

तो सबसे पहले हम बात करते हैं कि यह हाइपरलिंक होता क्या है या इसे किस रूप में परिभषित किया जा सकता है। तो इसके बारे में थोड़ा बहुत आईडिया तो हमने आपको ऊपर ही दे दिया है कि यह क्या हो सकता है या इसे किस रूप में बताया जा सकता है। फिर भी हम इसे विस्तृत रूप देते हुए यह समझा दें कि यदि आप किसी वेबसाइट पर रहकर कोई चीज़ पढ़ रहे हैं या किसी चीज़ का ज्ञान ले रहे हैं फिर चाहे वह किसी भी तरह का ही क्यों ना हो, लेकिन यदि वहां पर किसी भी माध्यम से कोई लिंक दिया गया है जो आपकी उसी वेबसाइट के ही किसी अन्य पेज पर या किसी अन्य वेबसाइट पर लेकर जाए तो उस लिंक को ही हाइपरलिंक कहा जाता (What is hyperlink in Hindi) है।

हाइपरलिंक क्या होता है हाइपरलिंक के प्रकार, फायदे व नुकसान Hyperlink kya hota hai

अभी भी यदि आप समझे नहीं हैं तो हम इसे एक उदाहरण देकर समझाने का प्रयास करते हैं। अब यदि आप किसी वेबसाइट पर किसी विषय के बारे में जानकारी लेने के लिए लेख पढ़ रहे हैं। अब इसके लिए आप हमारी यह वेबसाइट और उस पर लिखा गया यही लेख ले लीजिये जिसे आप पढ़ रहे हैं। तो आपको लेख के बीच में या अंत में कई तरह के नीले रंग के अक्षर दिखाई देंगे जिस पर किसी अन्य लेख का लिंक दिया गया होगा। अब जैसे ही आप उस पर क्लिक करेंगे तो आप नए लेख पर पहुँच जाएंगे। ऐसे में आप उसी वेबसाइट के किसी अन्य लिंक पर (Hyperlink meaning in Hindi) पहुंचेंगे।

अब यदि आप किसी ऐड को देखकर उस पर क्लिक करते हैं तो आप उस ऐड वाली वेबसाइट पर पहुँच जाते हैं। इस तरह से यह हाइपरलिंक कई तरह के हो सकते हैं और इन्हें कई रूप में प्रदर्शित किया गया हो सकता है। इसके बारे में बेहतर तरीके से समझने के लिए आपको हम हाइपरलिंक के बारे में एक एक जानकारी इस लेख के मध्यम से देने वाले हैं। इसके लिए आपको यह लेख अंत तक पढ़ना होगा ताकि आप यह भी जान सकें कि आखिरकार हाइपरलिंक का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है और आप इसे कैसे बना सकते हैं (Hyperlink kya hai) इत्यादि।

हाइपरलिंक के प्रकार (Hyperlink types in Hindi)

अब हम बात करेंगे हाइपरलिंक के प्रकारों के बारे में ताकि आपको यह समझ में आ सके कि आखिरकार हाइपरलिंक को किस किस चीज़ पर इन्सर्ट किया जा सकता (Define hyperlink types in Hindi) है। तो यहाँ हम कुछ प्रसिद्ध हाइपरलिंक करने के विकल्प सांझा करने जा रहे हैं जो आज के समय में प्रमुखता के साथ इस्तेमाल में लाये जाते हैं। आइये जाने हाइपरलिंक के विभिन्न प्रकारों के बारे में।

टेक्स्ट हाइपरलिंक (Text hyperlink)

हाइपरलिंक के सबसे प्रसिद्ध प्रकारों में जिसका इस्तेमाल किया जाता है वह होता है टेक्स्ट हाइपरलिंक का इस्तेमाल किया जाना। अब यदि आप किसी लेख को पढ़ते हैं तो वहां आपको कई तरह के ऐसे हाइपरलिंक टेक्स्ट मिल जाएंगे जो आपको किसी अन्य पेज पर लेकर जाते हैं। उदाहरण के तौर पर आपको वहां पर इसे भी पढ़ें, ज्यादा पढ़ें, और पढ़ें, आगे बढ़ें इत्यादि करके हाइपरलिंक के विकल्प दिए गए होते (Types of hyperlink in Hindi) हैं।

इनमे क्लिक करने पर आप एक नए पेज पर पहुँच जाते हैं जो उस वेबसाइट का भी हो सकता है तो नयी वेबसाइट का भी। ऐसे में किसी भी टेक्स्ट या लिखित शब्द पर हाइपरलिंक करना टेक्स्ट हाइपरलिंक की श्रेणी के अंतर्गत गिना जाता है।

इमेज हाइपरलिंक (Image hyperlink)

अब इसमें दूसरा प्रकार होता है इमेज हाइपरलिंक का जिसका प्रचलन समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यतया विज्ञापन देने वाली कंपनियां इसका इस्तेमाल प्रमुखता के साथ कर रही है। आपको किसी भी वेबसाइट को खोलने पर या वहां कई तरह के बैनर, पोस्टर इत्यादि देखने को मिलते होंगे जिन पर क्लिक करने पर आप उनकी वेबसाइट पर पहुँच जाते हैं।

तो इस तरह के सभी विकल्प या विज्ञापन इमेज हाइपरलिंक की श्रेणी के अंतर्गत ही डिजाईन किये गए होते हैं। इसके माध्यम से यूजर को अपनी और आकर्षित किया जाता है ताकि वह उनकी इमेज को देखकर उस पर क्लिक करे और हाइपरलिंक किये गए लिंक के माध्यम से वहां पहुँच जाये जहाँ वे उसे पहुँचाना चाहते थे।

ईमोजी हाइपरलिंक (Emoji hyperlink)

आप यह मत समझिये कि केवल टेक्स्ट या इमेज पर ही हाइपरलिंक किया जा सकता है बल्कि बदलते ज़माने के साथ साथ जैसे जैसे ईमोजी का चलन बढ़ता जा रहा है, वैसे वैसे ही इस पर भी हाइपरलिंक किया जाने लगा है। आज के समय में आपको कई तरह की वेबसाइट पर टेक्स्ट की बजाये ईमोजी पर भी हाइपरलिंक किया हुआ मिल जाएगा। तो जहाँ भी टेक्स्ट की बजाये ईमोजी पर हाइपरलिंक किया हुआ है तो वह ईमोजी हाइपरलिंक की श्रेणी में आ जाता है।

GIF हाइपरलिंक (GIF hyperlink)

अब आप GIF को नहीं जानते हैं तो पहले इसे समझ लीजिये। दरसल यह इमेज व वीडियो के बीच का रूप होती है जो होती तो इमेज ही है लेकिन थोड़ी बहुत हिलती डुलती रहती है। अब वीडियो में तो हाइपरलिंक किया जाना संभव नहीं है क्योंकि वीडियो पर क्लिक करने पर वह खुद चलती है, ना कि आपको किसी अन्य जगह पर लेकर जाती है। ऐसे में वीडियो की बजाये GIF का इस्तेमाल किया जाता है जो हिलती डुलती प्रतीत होती है और साथ ही उस पर हाइपरलिंक भी किया गया होता है।

ईमेल हाइपरलिंक (Email hyperlink)

अब बहुत जगह ईमेल के जरिये भी हाइपरलिंक किया जाता है। इसमें क्लिक करने पर आपको अपनी ईमेल आईडी या अन्य किसी की ईमेल आईडी दिखायी देती है। जब भी आप किसी को ईमेल भेजते हैं तो वहां उस व्यति का नाम दिखाई देता है लेकिन जब आप उस पर एक बार या डबल क्लिक करते हैं तो आपको उसकी ईमेल आईडी भी हाइपरलिंक की हुई दिखायी देती है।

बटन हाइपरलिंक (Button hyperlink)

इस तरह के हाइपरलिंक तो लगभग हर तरह की वेबसाइट में इस्तेमाल में लाये जाते हैं। खासतौर से उस वेबसाइट में जहाँ आपको कोई फॉर्म भरना होता है या कोई एक्शन करना होता है इत्यादि। इसमें आपको सबमिट करने, डाउनलोड करने या अपलोड इत्यादि जैसे एक्शन लेने को कहा जाता है जिन पर क्लिक करने से ही कोई संदेश जाता है और सिस्टम उस पर अपनी प्रक्रिया शुरू कर देता है। तो जो हाइपरलिंक किसी बटन पर किये गए हैं उन्हें बटन हाइपरलिंक के नाम से जाना जाता है।

हाइपरलिंक करने के प्रकार

आपने ऊपर हाइपरलिंक के विभिन्न तरह के प्रकारों के बारे में तो पढ़ लिया है लेकिन किस वेबसाइट को या किस लिंक को हाइपरलिंक किया जा रहा है, उसके आधर पर भी हाइपरलिंक को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया होता है। ऐसे में यह दो श्रेणियां या प्रकार कौन कौन से हैं और इनमें क्या अंतर होता है, इसके बारे में भी जानकारी ले लेते हैं।

इंटरनल हाइपरलिंक या आंतरिक हाइपरलिंक (Internal hyperlink)

इसमें वह हर तरह के हाइपरलिंक आते हैं जिन पर क्लिक करने पर आप उसी वेबसाइट पर ही रहते हैं लेकिन उसी वेबसाइट के किसी अन्य पेज पर पहुँच जाते हैं। उदाहरण के तौर पर आप किसी वेबसाइट पर कोई लेख पढ़ रहे हैं तो वहां आप किसी हाइपरलिंक किये गए टेक्स्ट, इमेज या अन्य किसी चीज़ पर क्लिक करने पर उसी वेबसाइट के ही किसी अन्य पेज पर पहुँच जाते हैं तो उसे इंटरनल हाइपरलिंक कहा जाता है।

एक्सटर्नल हाइपरलिंक या बाह्य हाइपरलिंक (External hyperlink)

अब यह इंटरनल हाइपरलिंक का उल्टा होता है जिसमें आप उस वेबसाइट से किसी अन्य वेबसाइट पर पहुँच जाते हैं। अब वह दूसरी वेबसाइट कोई भी हो सकती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी एक वेबसाइट पर रहते हुए उस पर किये गए हाइपरलिंक पर क्लिक करने पर किसी दूसरी वेबसाइट के किसी पेज पर पहुँच जाने को ही एक्सटर्नल हाइपरलिंक के नाम से जाना जाता है।

हाइपरलिंक कैसे बनाया जाता है? (Hyperlink karne ka tarika)

अब सबसे मुख्य प्रश्न जो सभी के दिमाग में उठ रहा होगा कि आखिरकार हाइपरलिंक को कैसे बनाया जाता है या किसी टेक्स्ट या इमेज को किस तरह से हाइपरलिंक किया जाता है। तो यहाँ हम आपको बता दें की आप चाहे किसी भी चीज़ का इस्तेमाल कर रहे हो, वह यदि आपकी है तो ही आप उसमे हाइपरलिंक बना सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप किसी अन्य का कोई पोस्ट पढ़ रहे हैं या किसी अन्य की वेबसाइट पर हैं तो आप वहां पर हाइपरलिंक नहीं बना सकते (Hyperlink shortcut in Hindi) हैं।

कुल मुलाकर जिस चीज़ में आपको परिवर्तन करने का अधिकार है जैसे कि आप किसी वेबसाइट या डॉक्यूमेंट में टेक्स्ट, इमेज इत्यादि को एडिट कर सकते हैं, उन्हें हटा या जोड़ सकते हैं तो निश्चित तौर पर आप वहां पर हाइपरलिंक भी बना सकते हैं। आपको बस उस चीज़ को सेलेक्ट करना है जिस पर आपको हाइपरलिंक करना है। वह चीज़ ऊपर बताये गए हाइपरलिंक के प्रकारों में से कुछ भी हो सकती है। उसे सेलेक्ट करने के बाद आपको वहां दिए गए विकल्पों में से ही एक हाइपरलिंक का विकल्प मिल जाएगा जो दो अर्ध गोलाकार रूप में होगा और उनके बीच में एक हायफ़न दिया गया (Hyperlink kaise banaye) होगा।

आपको बस उस सिंबल पर क्लिक करना है और उसके बाद उस चीज़ को हाइपरलिंक करने के लिए एक पॉपअप या बॉक्स आपके सामने खुल जाएगा। अब आप किस लिंक को वहां डालना चाहते हैं जिससे यूजर उस टेक्स्ट या इमेज पर क्लिक कर वहां पहुँच जाएं, उसका चयन करना होगा और उसे वहां इंसर्ट कर देना होगा। बस कुछ इस तरह से आप किसी भी चीज़ को हाइपरलिंक कर सकते हैं और उसकी सेटिंग कर सकते (Hyperlink kaise banate hain) हैं।

इन सभी के अलावा भी हाइपरलिंक को बनाने के कई तरह के विकल्प होते हैं। आइये एक एक करके उनके बारे में जान लेते (Hyperlink kaise lagate hain) हैं।

  • राईट क्लिक से हाइपरलिंक बनाना: अब यदि आपको किसी टेक्स्ट को या किसी इमेज को हाइपरलिंक में कन्वर्ट करना है या वहां पर कोई लिंक इन्सर्ट करना है तो पहले तो उस टेक्स्ट को चुने और उसके वहां पर राईट क्लिक करें। राईट क्लिक करने के बाद आपके सामने विकल्पों की एक लंबी चौड़ी सूची होगी जिसमें से एक विकल्प लिंक डालें या इन्सर्ट लिंक करके होगा। जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे तो हाइपरलिंक करने का बॉक्स आपके सामने खुल जाएगा।
  • HTML कोड से हाइपरलिंक बनाना: आप चाहें तो किसी कंटेंट को पब्लिश करते समय वेबसाइट की कोडिंग में उस कंटेंट की formating कर सकते हैं और वहां पर कोडिंग के माध्यम से हाइपरलिंक को इन्सर्ट कर सकते हैं। इसके लिए जो फार्मूला आपको डालना होता है वह है <A Href=”हाइपरलिंक”>लिंक टेक्स्ट </A> अब इसमें आपको जहाँ पर हाइपरलिंक लिखा हुआ दिख रहा है वहां पर आपको लिंक डालना है और लिंक टेक्स्ट में आपको वह टेक्स्ट डालना है जिस पर उस लिंक को हाइपरलिंक किया जाना है।
  • शॉर्टकट की से हाइपरलिंक बनाना: किसी भी डॉक्यूमेंट या वेबसाइट में किसी टेक्स्ट या इमेज में हाइपरलिंक बनाने का सबसे छोटा और शॉर्टकट तरीका है कण्ट्रोल व के बटन को एक साथ प्रेस करना। इसके लिए पहले तो आपको वह टेक्स्ट या इमेज चुन लेनी है जिसको हाइपरलिंक किया जाना है और उसके बाद Ctrl + K दबाये और आपके सामने हाइपरलिंक करने वाला बॉक्स खुल जाएगा। बस अब आप उसमें हाइपरलिंक कर दीजिये और काम बन जाएगा।

हाइपरलिंक के फायदे (Hyperlink ke fayde)

अब हम बात करेंगे कि आखिरकार क्यों हाइपरलिंक किया जाता है या इससे हमें क्या कुछ फायदे देखने को मिल सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि अब जब भी कहीं पर हाइपरलिंक किया जाता है तो उसे हमें क्या कुछ फायदे होते हैं और इसे करने की क्या ही जरुरत पड़ती (Hyperlink benefits in Hindi) है। आइये जाने हाइपरलिंक करने से मिलने वाले विभिन्न तरह के फायदों के बारे में।

  • एफिलिएट मार्केटिंग: हाइपरलिंक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल तो इसलिए किया जाता है क्योंकि इसके मध्यम से लोग एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं। इसमें तरह तरह की शॉपिंग वेबसाइट के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को अपनी वेबसाइट पर दिखाया जाना या उन्हें हाइपरलिंक किया जाना शामिल होता है। इसके माध्यम से पैसे कमाने का कार्य किया जाता है।
  • पैसे कमाना: अब इसमें केवल एफिलिएट मार्केटिंग ही नहीं आती है बल्कि आप किसी ब्रांड या कंपनी के प्रोडक्ट का निजी तौर पर भी प्रोमोशन कर सकते हैं और बदले में उनसे पैसे ले सकते हैं। इसके लिए आपको उनसे समझौता करना होता है और उसके बाद अपनी वेबसाइट पर उनके लिंक को हाइपरलिंक करना होता है।
  • सेशन बढ़ना: अब यह तो हो गयी पैसे कमाने की बात लेकिन बहुत से लोग इसके लिए अपनी वेबसाइट पर सेशन बढ़ाने पर भी जोर देते हैं। दरअसल जब कोई यूजर किसी वेबसाइट पर एक लेख पढ़ता है तो इसका मतलब उस वेबसाइट पर एक सेशन हो गया और यदि दो पढ़ता है तो दो सेशन हो गए। तो ऐसे में वह इंटरनल हाइपरलिंक के माध्यम से अपने सेशन बढ़ा सकता है।
  • एवरेज टाइम का बढ़ना: हाइपरलिंक को करने से एक वेबसाइट के एवरेज टाइम में भी वृद्धि देखने को मिलती है क्योंकि यूजर उस वेबसाइट पर ज्यादा समय तक रुका रहता है और जानकारी लेता रहता है।
  • यूजर को बांधे रखना: एक तरह से यह यूजर को अपनी वेबसाइट पर बांधे रखने का ही काम करता है। यदि हम हाइपरलिंक को उस वेबसाइट के लिए गोंद का काम करने वाली चीज़ कह दें तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी।
  • वेबसाइट की डोमेन रेटिंग बढ़ाना: अब यदि आप अपनी वेबसाइट पर रह रहकर इंटरनल व एक्सटर्नल हाइपरलिंक करते रहते हैं तो इससे आपकी वेबसाइट की डोमेन रेटिंग भी बढ़ती है और यह पहले से बहुत अच्छा काम करती है।
  • अपनी बात के प्रमाण रखना: यदि आप किसी गंभीर या यूजर को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाली किसी चीज़ पर अपनी राय रख रहे हैं तो आप उसके प्रमाण हाइपरलिंक के माध्यम से देकर कर सकते हैं। इससे यूजर का विश्वास आपके प्रति बढ़ता है।
  • क्रेडिट लेना व देना: दो तरह की वेबसाइट को चला रहे अलग अलग व्यक्ति समय समय पर एक दूसरे को अपनी वेबसाइट पर क्रेडिट ले दे कर भी हाइपरलिंक का लाभ उठा सकते हैं।

हाइपरलिंक के नुकसान

अब हम बात करते हैं हाइपरलिंक से हो सकने वाले नुकसान के बारे में क्योंकि जिस चीज़ के फायदे होते हैं तो उसके कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं। ऐसे में हाइपरलिंक के क्या कुछ नुकसान होते हैं, इसके बारे में जानना जरुरी हो जाता है। आइये जाने हाइपरलिंक से होने वाले नुकसान के बारे में।

  • स्पैम और फिशिंग: अनुचित वेबसाइटों और ईमेलों में हाइपरलिंक के जरिये धोखाधड़ी की जा सकती है जो यूजर को गुमराह करने का प्रयास कर सकते हैं। यूजर को ध्यान देने की आवश्यकता होती है और सतर्क रहने की जरूरत होती है।
  • एरर आना: अगर हाइपरलिंक खराब या असामयिक है या वह पूरी तरह से काम नहीं करता है, तो यूजर खोज से विचलित हो सकते हैं और उन्हें वांछित जानकारी तक पहुँचने में मुश्किल हो सकती है।
  • खो जाना: अगर यूजर बहुत सारे हाइपरलिंक्स पर क्लिक करते हैं तो वे अक्सर खो जाते हैं और उन्हें यह समझने में परेशानी हो सकती है कि किस हाइपरलिंक से कहाँ जाना चाहिए।
  • सुरक्षा: कुछ वेबसाइटों और ईमेलों में हाइपरलिंक्स के माध्यम से कंप्यूटर वायरस, मैलवेयर या फिशिंग भी की जाती है जो एक अलग चुनौती है।
  • गोपनीयता: हाइपरलिंक्स के माध्यम से जब कोई यूजर किसी अन्य वेबसाइट पर पहुँचता है तो उसकी गोपनीयता प्रकट हो सकती है और उसकी गोपनीयता से संबंधित जानकारी भी संकलित की जा सकती है।

इन नुकसानों के बावजूद, हाइपरलिंक्स वेब ब्राउज़िंग में महत्वपूर्ण है और यूजर को विभिन्न संसाधनों और जानकारी की दिशा में पहुँचने में मदद करते हैं। हालाँकि यूजर को सावधान रहना चाहिए और सुरक्षित ब्राउज़िंग के लिए अपने कंप्यूटर और मोबाइल में एंटी वायरस और अन्य सुरक्षा मापदंडों का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए।

हाइपरलिंक क्या होता है – Related FAQs

प्रश्न: हाइपरलिंक क्या है उदाहरण सहित समझाइए?

उत्तर: यदि आप किसी वेबसाइट पर रहकर कोई चीज़ पढ़ रहे हैं फिर चाहे वह किसी भी तरह की ही क्यों ना हो, लेकिन यदि वहां पर किसी भी माध्यम से कोई लिंक दिया गया है जो आपको उसी वेबसाइट के ही किसी अन्य पेज पर या किसी अन्य वेबसाइट पर लेकर जाए तो उस लिंक को ही हाइपरलिंक कहा जाता है।

प्रश्न: कंप्यूटर पर हाइपरलिंक क्या है?

उत्तर: किसी वेवसाइट पर कोई लिंक जिस पर क्लिक करने से आप दूसरे पेज या वेबसाइट पर पहुंच जाते हो को हाइपरलिंक कहा जाता है।

प्रश्न: हाइपरलिंक कितने प्रकार के होते है?

उत्तर: हाइपरलिंक के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी हमने ऊपर के लेख में दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: हाइपरलिंक का उपयोग कैसे करें?

उत्तर: इसके बारे में जानकारी आपको ऊपर का लेख पढ़ कर आसानी से मिल जायेगी जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: हाइपरलिंक का शॉर्टकट क्या है?

उत्तर: हाइपरलिंक का शॉर्टकट Ctrl + K है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने हाइपरलिंक के बारे में जानकारी जुटा ली है। आपने जाना कि हाइपरलिंक क्या है हाइपरलिंक के प्रकार क्या हैं हाइपरलिंक कैसे किया जाता है इसके फायदे और नुकसान क्या हैं। आशा है कि इस लेख पर आप जो जानने के लिए आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी। आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख पसंद आया तो नीचे कॉमेंट करके अवश्य बताइएगा।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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