|| कम्युनिकेशन स्किल क्या होता है? What is communication skill?, कम्युनिकेशन स्किल कितने प्रकार के होते हैं, कम्युनिकेशन स्किल कैसे सीखें, कम्युनिकेशन स्किल एंड पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, Communication Skills In Hindi ||
हम दिन में कई लोगों से मिलते हैं। बहुत बार ऐसा होता है कि किसी के बात करने का अंदाज दिल को छू जाता है। या हम किसी व्यक्ति की बातों से बहुत जल्द इंप्रेस हो जाते हैं। ऐसा उस व्यक्ति के कम्युनिकेशन स्किल (communication skills) की वजह से होता है। यह एक ऐसा गुण है, जो किसी व्यक्ति को सभी लोगों को चहेता बना देता है।
इन दिनों करियर में आगे बढ़ने के लिए भी कम्युनिकेशन स्किल को एक आवश्यक आवश्यकता के तौर पर देखा जाना लगा है। यदि आप भी अपने बातचीत करने तरीका सुधारना चाहते हैं, अपने कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं।
आज इस पोस्ट में हम आपको कम्युनिकेशन स्किल क्या है? (what is communication skill)?, इसकी जानकारी देने के साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि कम्युनिकेशन स्किल होना क्यों जरूरी है? कम्युनिकेशन स्किल को इंप्रूव यानी सुधारा कैसे जा सकता है। आइए, शुरू करते हैं-
कम्युनिकेशन का क्या अर्थ है? (What is communication?)
दोस्तों, कम्युनिकेशन स्किल क्या है (what is communication skill) यह जानने से पहले हमें कम्युनिकेशन (communication) का अर्थ समझना होगा।
कम्युनिकेशन शब्द लैटिन भाषा के शब्द कम्युनिस (communis) से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है-सूचना का आदान प्रदान। इस प्रकार कम्युनिकेशन शब्द का अर्थ होता है-संचार अथवा संवाद।
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कम्युनिकेशन कितने प्रकार का होता है? (Communication is of how many types?)
अब आते हैं इस बात पर कि कम्युनिकेशन कितने प्रकार का होता है? इसके कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से मुख्य इस प्रकार से हैं-
1. मौखिक कम्युनिकेशन (verbal communication)-
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह जुबानी कम्युनिकेशन है। जैसे कि किसी वक्ता का किसी सभा को संबोधित करना। टेलीफोन/मोबाइल पर बात करना। संदेशों का आदान प्रदान आदि।
2. लिखित कम्युनिकेशन (written communication)-
इस प्रकार का कम्युनिकेशन यानी संवाद लिखित माध्यम से होता है। जैसे-पत्र लिखना, लिखित विज्ञापन अथवा ईमेल आदि।
3. गैर मौखिक कम्युनिकेशन (non verbal communication)-
इस प्रकार के कम्युनिकेशन में शब्दों एवं जुबान की आवश्यकता नहीं होती। आपकी बाॅडी लैंग्वेज (body language) को इस कम्युनिकेशन के अंतर्गत रखा गया है। जैसे-आंखों के इशारे से कोई बात कहना।
4. विजुअल कम्युनिकेशन (visual communication)-
नाम से ही आप समझ सकते हैं कि यह दृश्य संचार की बात हो रही है। यानी तस्वीरों के माध्यम से संवाद की कला। यह कम्युनिकेशन का एक पावरफुल प्रकार है। एक तस्वीर को हजार शब्दों से बेहतर कहा जाता है।
कम्युनिकेशन स्किल क्या होता है? (What is communication skill?)
मित्रों, अब आते हैं कम्युनिकेशन स्किल पर। कम्युनिकेशन स्किल क्या होता है? यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि कम्युनिकेशन (communication) का अर्थ होता है संवाद। अब स्किल का अर्थ बता दें। स्किल (skill) का अर्थ होता है कौशल। इस तरह संवाद कौशल को ही कम्युनिकेशन स्किल (communication skill) पुकारा जाता है।
इसे आप बातचीत अथवा अपनी बात श्रोताओं तक पहुंचाने की कला/तरीका भी कह सकते हैं। कम्युनिकेशन स्किल किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का एक अंग होता है। इन दिनों कई क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें कामयाबी पाने के लिए आपका कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होना एक बड़ी शर्त है।
कम्युनिकेशन स्किल होना क्यों जरूरी है? (Why communication skill is necessary?)
दोस्तों, व्यक्तिगत जीवन (individual life) में कम्युनिकेशन स्किल (communication skill) बहुत काम आता है। इससे मित्रों, परिचितों के साथ बातचीत के दौरान आपकी अंडरस्टैंडिंग बढ़ती है। लोग आपसे बात करना पसंद करते हैं। आप कम से कम शब्दों से जुड़ी किसी प्रकार की गलतफहमी का शिकार नहीं होते।
वहीं, प्रोफेशनल लाइफ (professional life) में कम्युनिकेशन स्किल होना बहुत आवश्यक है। बहुत से फील्ड ऐसे हैं, जहां आपकी सफलता आपके कम्युनिकेशन स्किल पर ही निर्भर करती है।
जैसे-यदि आप सेल्स एंड मार्केटिंग के क्षेत्र में हैं, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं, टेली काॅलिंग करते हैं या फिर रेडियो जाॅकी आदि हैं आपको बातचीत की कला आनी ही चाहिए।
कम्युनिकेशन स्किल को कैसे सुधारा जा सकता है? (How communication skill is improved?)
कम्युनिकेशन स्किल (communication skill) कोई जन्म के साथ आने वाला गुण नहीं है। कोई भी व्यक्ति थोड़े से अभ्यास से अपनी कम्युनिकेशन स्किल सुधार सकता है। इसके कई तरीके हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार से हैं-
1. अपनी आवाज की टोन सही रखें-
अच्छे कम्युनिकेशन स्किल के लिए यह बेहद जरूरी है कि आपकी आवाज की टोन सही हो। न तो ज्यादा चीख कर बोलें और न ही शब्दों को चबाएं। अपनी आवाज की टोन ऐसी रखें कि आपकी बात दूसरे व्यक्ति को सही से सुनाई दे।
2. सामने वाले व्यक्ति की बात को ध्यान से सुनें-
बेहतर कम्युनिकेशन स्किल का एक पार्ट यह भी है कि आप सामने वाले व्यक्ति की बात को ध्यान से सुनें। तभी आप समझ पाएंगे कि वह आपसे क्या चाहता है। बहुत सी गलतफहमी इसी से शुरू होती है कि आप दूसरे व्यक्ति की बात न समझकर केवल अपनी ही बात कहने की कोशिश करते रहते हैं।
3. टू द प्वाइंट बात करें-
यह एक अच्छे कम्युनिकेशन स्किल का बेस है। जिस मुद्रदे पर बात हो रही हो आप अपनी बात उसी पर केंद्रित रखें। इधर उधर न भटकें। टू द प्वाइंट बात करें। इससे आपका समय और श्रम भी बचेगा।
4. बात करते समय दूसरे व्यक्ति की आंखों में देखें-
दोस्तों, बात करते वक्त दूसरे व्यक्ति से आई कांटेक्ट (eye contact) बनाए रखें। इससे उसे महसूस होगा कि आप उसकी बात गौर एवं ईमानदारी से सुन रहे हैं। ऐसे में उसकी आपसे संवाद में दिलचस्पी बढ़ेगी।
5. कम्युनिकेशन के दौरान आत्मविश्वास बनाए रखें-
जब भी आप किसी से बात करें तो आत्मविश्वास बनाए रखें। यदि आपको कोई बात या किसी सवाल का जवाब नहीं पता तो बजाए आत्मविश्वास खोने के सहजता के साथ मना कर दें। इससे यह कम्युनिकेशन बेहतर नोड पर संपन्न होगा।
6. अपनी बाॅडी लैंग्वेज ठीक रखें-
बाॅडी लैंग्वेज (body language) का आपके कम्युनिकेशन (communication) में बहुत योगदान हैं। जैसे-बात करते हुए आप कैसे खड़े/बैठे हैं, हाथ बांधकर बैठे हैं या अपने हाथों को बहुत चला रहे हैं, जैसी बातें बहुत मायने रखती हैं।
मसलन यदि आप किसी से बात करते वक्त बहुत ज्यादा इधर उधर देखते हैं तो इसका अर्थ है कि आपका इस संवाद में बहुत ध्यान नहीं है। इसलिए अपनी बाॅडी लैंग्वेज को ऐसा बनाए रखें कि दूसरे को आक्वर्ड (awkward) महसूस न हो।
7. बातचीत में सही शब्दों का इस्तेमाल करें-
आप जब भी किसी से बातचीत करें तो सही शब्दों का इस्तेमाल करें। किसी के पीठ पीछे कभी उसके लिए अवांछनीय/बुरे शब्दों का प्रयोग न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी छवि भी सामने वाले की नजर में अच्छी नहीं बनती। इस आदत से यथासंभव बचें।
8. नए नए शब्द सीखने की कोशिश करें-
यदि आप अपनी बातचीत को समृद्ध करना चाहते हैं तो नए नए शब्द सीखने की कोशिश करें या कोई नई भाशा सीखें। आप जिस व्यक्ति से मिल रहे हैं यदि उसी की भाशा में बात करते हैं अथवा उससे जुड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो वह आपको बहुत नजदीक महसूस करता है। इससे यह संदेश भी जाता है कि आप संवाद के लिए कितने उत्सुक हैं और कितनी तैयारी के साथ आए हैं।
क्या कम्युनिकेशन स्किल का आपकी डिग्री से कोई वास्ता है? (Is your degree has any link with your communication skill?)
बहुत से लोग यह मानकर चलते हैं कि यदि किसी व्यक्ति ने अच्छी खासी पढ़ाई लिखाई की है या डिग्री हासिल की है तो उसका कम्युनिकेशन स्किल अच्छा होगा ही।
लेकिन दोस्तों अधिकांशतः ऐसा नहीं होता। कम्युनिकेशन स्किल का आपकी डिग्री से कोई लेना देना नहीं होता। इसे आप एक कला भी कह सकते हैं, जो सतत अभ्यास (constant practice) से ही आपको हासिल होती है।
बेहतर कम्युनिकेशन स्किल के लिए क्या क्या न करें? (What not to do for better communication skill?)
मित्रों, अब हम आपको उन बातों की जानकारी देंगे, जिनका इस्तेमाल न करके आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर बना सकते हैं। ये इस प्रकार से हैं-
- -अपनी बातचीत में द्विअर्थी शब्दों का प्रयोग न करें।
- -आम श्रोता के लिए तकनीकी भाशा का इस्तेमाल न करें।
- -उन शब्दों का प्रयोग न करें, जिनके अर्थ से आप भलीभांति परिचित न हों।
- -संवाद करते वक्त अपने हाथों को अधिक हिलाएं डुलाएं नहीं।
- -किसी से कम्युनिकेशन करते हुए पैरों को क्रास करके न बैठें।
- -किसी के प्रति नकारात्मक रवैया (negative approach) अपनाने से बचें।
क्या कम्युनिकेशन स्किल इंप्रूव करने की ट्रेनिंग भी कराई जाती है? (Is there any training for improving communication skills?)
साथियों, इस सवाल का जवाब हां है। अच्छे कम्युनिकेशन स्किल्स की महत्ता को देखते हुए तमाम छोटे बड़े शहरों में कम्युनिकेशन स्किल की ट्रेनिंग देने वाले संस्थान भी खुल गए हैं। यह आपको बातचीत का तरीका सिखाते हैं। वाइस माॅड्यूलेशन (voice modulation) सिखाते हैं।
किस तरह के मौके पर किस अंदाज में बातचीत करनी चाहिए, इन सब चीजों की ट्रेनिंग देते हैं। बातचीत के दौरान सही बाॅडी लैंग्वेज (right body language) और सही पाॅश्चर (right posture) क्या हो, इसकी ट्रेनिंग देते हैं। जहां तक फीस की बात है तो शहर एवं संस्थान की प्रतिष्ठा के नजरिये से इनकी फीस अलग अलग हो सकती है।
बहुत सी जाब ऐसी हैं, जहां काम शुरू करने से पहले इस स्किल को इंप्रूव कराया जाता है। जैसे-एयर होस्टेस की जाॅब, सेल्स एंड मार्केटिंग की जाॅब आदि। ऐसा इसलिए क्योंकि इन क्षेत्रों में करियर के लिए सफलता की कुंजी बेहतर कम्युनिकेशन स्किल ही है।
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कम्युनिकेशन का क्या अर्थ है?
कम्युनिकेशन लैटिन भाषा के शब्द कम्युनिस से लिया गया है। इसका अर्थ सूचना का आदान प्रदान होता है।
कम्युनिकेशन स्किल क्या होता है?
कम्युनिकेशन स्किल का अर्थ संवाद करने का कौशल अथवा बातचीत करने की कला है।
कम्युनिकेशन कितने प्रकार का होता है?
कम्युनिकेशन मुख्यतः चार प्रकार का होता है-मौखिक, लिखित, गैर मौखिक एवं दृश्य संचार।
बाॅडी लैंग्वेज किस कम्युनिकेशन के अंतर्गत आती है?
यह गैर मौखिक यानी नाॅन वर्बल कम्युनिकेशन के अंतर्गत आती है।
क्या कम्युनिकेशन स्किल को इंप्रूव भी किया जा सकता है?
जी हां, इसके तरीके हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताए हैं, आप वहां से देख सकते हैं।
यदि किसी से संवाद के दौरान आप इधर उधर ज्यादा देखते हैं तो इस बाॅडी लैंग्वेज से क्या संदेश जाता है?
आपकी इस बाॅडी लैंग्वेज से संदेश जाता है कि आपका बातचीत में अधिक ध्यान नहीं है।
किसी से बातचीत के दौरान आई कांटेक्ट क्यों जरूरी है?
यह बातचीत में आपकी ईमानदारी एवं आपकी दिलचस्पी को प्रदर्शित करता है।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट में कम्युनिकेशन स्किल क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों है? इसे कैसे इंप्रूव किया जा सकता है? जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो विषय का नाम नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं की हमें प्रतीक्षा है।।।धन्यवाद।।
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