|| कृषि आय पर टैक्स छूट के नियम क्या हैं? | Income tax on agriculture income in Hindi | Tax rules on agriculture income in Hindi | Income tax on farmers in Hindi | कृषि आय में क्या शामिल नहीं है? | क्या कृषि भूमि आय पर देना होगा टैक्स? ||
Income tax on agriculture income in Hindi :- भारत हमेशा से ही एक कृषि प्रधान देश रहा है। आज के समय में भी देश की अधिकांश जनता कृषि से होने वाली आय पर ही निर्भर करती है। अब इसमें किसान सहित वे लोग भी आ जाते हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से कृषि के जरिये आय करते हैं। हालाँकि देश में कई तरह के अन्य काम भी किये जाते हैं जो समय के साथ बढ़ते ही जा रहे हैं। अब इस देश में हर नागरिक अपनी कमाई का पूरा ब्यौरा आयकर विभाग को देता है और यदि उसकी आय टैक्स के दायरे में आती है तो वह उसे चुकाता भी (Income tax on farmers in Hindi) है।
ऐसे में बहुत से लोगों और साथ ही किसानों के मन में भी यह प्रश्न होता है कि क्या उनके द्वारा खेती करके जो कमाई की जा रही है या कृषि से जो आय हो रही है, वह टैक्स के दायरे में आती है या नहीं। यदि नहीं आती है तो फिर उसके तहत क्या कुछ नियम होते हैं और यदि आती है तो उसमें कितना टैक्स देना पड़ता है इत्यादि। अब हर वित्त वर्ष की शुरुआत में भारत के वित्त मंत्री के द्वारा आय कर को संशोधित कर दिया जाता है और फिर उसे संसद के पटल पर रखा जाता (Tax on income from agriculture in Hindi) है।
ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको कृषि पर लगने वाले टैक्स के बारे में ही विस्तार से बताने वाले हैं। आज के लेख को पढ़ कर आपको यह जानने में सहायता मिलेगी कि कृषि से हो रही आय पर टैक्स छूट का क्या नियम होता है। साथ ही किस तरह की आय को कृषि आय नहीं माना जाता है। आइये जाने कृषि आय पर लगने वाले इनकम टैक्स के बारे (Tax rules on agriculture income in Hindi) में।
कृषि आय पर टैक्स छूट के नियम क्या हैं? (Income tax on agriculture income in Hindi)
भारत देश में रहने वाला हर कमाऊ नागरिक भारत सरकार को हर वित्त वर्ष के अंत में अपना इनकम टैक्स देता है या फिर उसके बारे में जानकारी देता है। नए नियमों के अनुसार देश के लोगों को वार्षिक 7 लाख तक की आय पर कोई आय कर नहीं चुकाना होता है किन्तु यदि आय इससे अधिक होती है तो वह विभिन्न टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स को चुकाता (Income tax agricultural income section) है। यदि उसके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो उस पर विधिक कार्यवाही की जाती है। यह नियम तभी से लागू है जब से देश के संविधान व कानून का निर्माण किया गया है।
हालाँकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश में करोड़ों किसान खेती करके या कृषि के जरिये जो आय करते हैं, उस पर आज तक एक भी रूपया टैक्स के रूप में नहीं लिया गया है। कहने का अर्थ यह हुआ कि देश के किसी भी किसान को खेती के जरिये होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता (Income tax rate on agricultural income in Hindi) है। अब चाहे उसकी आय वार्षिक तौर पर एक लाख रुपये हो या 10 लाख। उसे भारत सरकार को या फिर अपने यहाँ की राज्य सरकार को आय कर के रूप में कुछ भी नहीं देना होता है।
इस तरह से भारत देश में कृषि कर रहा हर एक किसान इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाता है। अब कृषि के अलावा अन्य सभी तरह के काम करने पर भारत सरकार नागरिकों से टैक्स लेती है और इसमें किसी तरह की छूट नहीं रखी गयी है। तो किसानों को टैक्स में मिलने वाली यह छूट आय कर की धारा 1961 के सेक्शन 10 (1) के तहत आती है जहाँ इसके बारे में स्पष्ट शब्दों में बताया गया है। आइये इस धारा के बारे में जान लेते हैं ताकि आपके मन की सभी शंकाओं पर विराम लग (Income tax for agricultural income in India in Hindi) जाए।
इनकम टैक्स का एक्ट 1961 का सेक्शन 10(1) क्या है?
भारत के लाखों करोड़ों किसानों को कृषि से होने वाली आय पर जो टैक्स छूट का प्रावधान है वह इनकम टैक्स की इसी धारा 1961 के सेक्शन 10(1) में जोड़ा गया है। इसके अनुसार:
- भारत देश का कोई भी नागरिक जो कृषि से होने वाली आय पर निर्भर है, उससे किसी भी तरह का आय कर नहीं लिया जाएगा।
- यदि वह उस जमीन पर खुद खेती ना करके उसे किसी अन्य को लीज या ठेके पर देता है तो भी उससे उस जमीन पर होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा।
- यदि वह उस जमीन पर फार्म हाउस, स्टोर या अपना घर बनता है तो उससे होने वाली आय पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं लिया जाएगा।
इस तरह से भारत देश में खेती या कृषि से जुड़ी जमीन पर फसल उगाकर बेचना, किसी अन्य के द्वारा फसल उगाकर बेचना या उसे लीज पर देना या किसी अन्य कॉन्ट्रैक्टर को ठेके पर देना या उस पर फार्म हाउस या स्टोर रूम या घर बनाकर कार्य करना इत्यादि सभी तरह के कार्य इनकम टैक्स के दायरे से बाहर कर दिए जाते (Agriculture income tax free in Hindi) हैं।
हालाँकि कृषि से जुड़ी कुछ आय को कृषि आय में नहीं जोड़ा जाता है और वह इनकम टैक्स के दायरे में आती है। ऐसे में यदि आप सोच रहे हैं कि आप कृषि से जुड़ा कोई भी काम कर सकते हैं और उससे होने वाली आय पर टैक्स नहीं भरना होगा तो आप गलत हैं। कुछ तरह के कार्य या कृषि को इसके दायरे से बाहर रखा गया है और उसके तहत आपसे भारत सरकार टैक्स लिया करेगी। आइये उसके बारे में भी जान लेते हैं।
किस आय को कृषि आय से बाहर रखा जाएगा?
बहुत से लोग सोचते हैं कि वे अपनी खेती से जुड़ी जमीन पर कुछ भी काम कर लेंगे और फसल का किसी भी तरह से उपयोग कर लेंगे तो भी उनके द्वारा की जाने ली आय को कृषि आय में ही माना जाएगा जिस पर उन्हें किसी तरह का टैक्स या आय कर नहीं देना होगा, तो यह गलत है। यदि आप भी ऐसा ही सोच रहे हैं तो हम आपको नीचे कुछ ऐसे कृषि कार्य के बारे में बताने वाले हैं जो कृषि आय के अंतर्गत नहीं गिने जाते हैं।
ऐसे में आप अपनी खेती की जमीन पर इससे जुड़ा कोई कार्य करते हैं तो वह इनकम टैक्स के दायरे में आती है और उसे कृषि आय नहीं माना जाता है। आइये जाने उनके बारे में।
कृषि उत्पाद से प्रोसेस्ड फूड तैयार कर बेचना
अब यदि किसानों के द्वारा खेती तो सामान्य रूप से ही की जाती है और उनके दारा कृषि उत्पाद बनाये जाते हैं लेकिन यदि इसके द्वारा प्राप्त उत्पादों को वह किसी अन्य उत्पाद में बदल कर बेचता है तो फिर उसे कृषि से होने वाली आय में नहीं गिना जाता है। अब यदि वह उन कृषि उत्पादों को ज्यों का त्यों ही बेच देता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है लेकिन यदि वह इसे प्रोसेस्ड करके या अल्ट्रा प्रोसेस करके बेचता है तो उस पर आय कर लगता है।
इसे हम उदाहरण से आपको समझा देते हैं। यदि कोई किसान गन्ने की खेती करता है और वह गन्ने को सीधा यूँ ही बेच देता है तो उस पर आय कर के नियमों के तहत कोई कर नही लगेगा। वहीं यदि वह उस गन्ने से चीनी या गुड़ का निर्माण कर उसे बेचता है तो उसको बेचने से होने वाली आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है। इसी तरह रबड़ की खेती करने वाला किसान उसे सीधा बेच देता है तो कोई टैक्स नहीं लगेगा लेकिन उससे यदि टायर या अन्य कोई उत्पाद बनाकर बेचा जा रहा है तो उस पर टैक्स लगेगा।
यह प्रश्न बहुत से किसानों के मन में होता है क्योंकि बदलते जमाने में वे भी अपनी आय के स्त्रोत बढ़ाना चाहते हैं। आज के समय में एक ही व्यक्ति सभी तरह के कार्य करना चाहता है। ऐसे में उसके द्वारा खेती से जो उगाया जा रहा है, उस पर तो कोई टैक्स नहीं लगेगा लेकिन यदि वह उससे कुछ अन्य उत्पाद बनाकर बेच रहा है तो उससे होने वाली आय पर उसे इनकम टैक्स देना होगा। हालाँकि वह आय भी वार्षिक तौर पर 7 लाख से अधिक होनी चाहिए अन्यथा उस पर कोई टैक्स नहीं बनेगा।
पेड़ों की कटाई कर कमर्शियल रूप में बेचना
बहुत से किसान अपने खेत या कृषि भूमि पर उगाये गए पेड़ों की कटाई कर उन्हें कमर्शियल रूप में कंपनियों और उद्योगों को बेचते हैं। ऐसे में सरकार ने पेड़ों की कटाई कर उन्हें बेचने पर होने वाली आय को भी कृषि आय से बाहर रखा है। ऐसे में यदि कोई किसान पेड़ों को काट कर उन्हें कमर्शियल रूप में बेचता है और यदि उसकी कमाई सालाना 7 लाख से अधिक हो जाती है तो फिर उसे सरकार को आय कर चुकाना होगा।
कृषि की जमीन पर कोई अन्य काम करना
अब जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि यदि कोई किसान अपनी खेती की जमीन पर फार्म हाउस बनाता है या खुद मकान बनाकर रहता है तो उस पर उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा। किन्तु यदि वह उसी जमीन पर हॉस्टल या अन्य कोई बिल्डिंग खड़ी करता है और उसे किराये पर चढ़ाकर उससे आय करता है, तो वह आय भी कृषि से होने वाली आय से बाहर कर दी जाती है।
ऐसे में किसान को अपनी कृषि भूमि का अन्यत्र उपयोग करने पर जो आय होती है और यदि वह आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है तो बेशक उसे उतना आय कर भारत सरकार को चुकाना होगा। इसमें किसी भी तरह की राहत भारत सरकार नहीं प्रदान करती है।
कृषि आय पर टैक्स छूट के नियम क्या है – Related FAQs
प्रश्न: क्या कृषि भूमि आय पर देना होगा टैक्स?
उत्तर: देश के किसी भी किसान को खेती के जरिये होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
प्रश्न: क्या कृषि आय कर मुक्त है?
उत्तर: भारत देश का कोई भी नागरिक जो कृषि से होने वाली आय पर निर्भर है, उससे किसी भी तरह का आय कर नहीं लिया जाएगा।
प्रश्न: क्या किसान को इनकम टैक्स देना पड़ता है?
उत्तर: देश के किसी भी किसान को खेती के जरिये होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन अगर वह इसके अलावा कहीं और से आय प्राप्त करता है और वह टैक्स के दायरे में आती है तो फिर उसे टैक्स देना होगा।
प्रश्न: कृषि आय में क्या शामिल नहीं है?
उत्तर: इसके बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने ऊपर के लेख के माध्यम से देने का प्रयास किया है जो आपको पढ़ना चाहिए।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने कृषि आय पर टैक्स छूट के क्या नियम हैं इसके बारे में जानकारी हासिल कर ली है। और साथ ही आपने जाना कि किस आय को कृषि आय से बाहर रखा जाता है। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।