चाहे नौकरी पेशा हो या व्यवसायी, हर किसी की नजर फरवरी के शुरू में देश के आम बजट पर लगी रहती है। यह बजट ही उन्हें बताता है कि अब उन्हें किस चीज के लिए महंगा भुगतान करना पड़ेगा और कहां उनकी जेब को थोड़ी राहत मिलेगी। खास तौर पर नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा इनकम टैक्स से राहत का होता है। इस बार का बजट आ चुका है।
केंद्र सरकार द्वारा इसमें नए टैक्स स्लैब की घोषणा की गई है। यदि आप भी वित्तीय वर्ष समाप्ति के मद्देनजर टैक्स कैलकुलेशन में लगे हैं तो आपके लिए इनकम टैक्स स्लैब के बारे में जानना बेहद आवश्यक है। आज हम आपको इस स्लैब के संबंध में ही अहम जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –
वर्तमान बजट में इनकम टैक्स स्लैब में क्या तब्दीली हुई है? (What changes have been made in income tax slab in present budget?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इस बार के बजट (budget) में इनकम टैक्स को लेकर जो सबसे बड़ी बात है, वो ये है कि इनकम टैक्स स्लैब (income tax slab) में बदलाव कर दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा यह बदलाव करीब आठ साल बाद किया गया है। टैक्स पेयर्स पर ये सभी बदलाव नए टैक्स रिजीम में लागू होंगे।हालांकि टैक्स पेयर (tax payer) को यह सुविधा दी गई है कि वह पुराने टैक्स रिजीम (tax regime) के अनुसार भी अपने टैक्स का भुगतान (tax payment) कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें old tax regime का विकल्प चुनना होगा।
नए टैक्स स्लैब में कर की दरें क्या होंगी? (What will be tax rate in new tax slab?)
मित्रों, नए बदलाव के तहत अब टैक्स छूट लिमिट (tax rebate limit) बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए से लेकर 3 लाख रुपए कर दी गई है. जबकि, 7 लाख रुपए तक की आय पर से टैक्स रेट हटा दिया गया है. इससे मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी। साथियों, आइए अब आपको बताते हैं कि नया टैक्स स्लैब क्या है –
आय | टैक्स दर (प्रतिशत में) |
3 लाख तक | 0 |
3 से 6 लाख तक | 5 |
6 से 9 लाख तक | 10 |
9 से 12 लाख | 15 |
12 से लेकर 15 लाख | 20 |
15 लाख से अधिक | 30 |
अब कितनी आय पर टैक्स की छूट दी गई है? (Now how much income is tax free?)
मित्रों, आपको बता दें कि नए टैक्स रिजीम (new tax regime) में करदाताओं (tax payers) को 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट देने की घोषणा की गई है। यद्यपि एलआईसी आदि कराने पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म कर दिया गया है। ऐसे में कई लोग इसे राहत के बजाय ‘इधर दिया -उधर लिया’ की संज्ञा दी गई है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर क्या प्रावधान किया गया है? (What provision has been made for standard deduction in budget?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax Regime) यानी पुरानी कर व्यवस्था के तहत टैक्स भरने वाले कर्मचारियों और पेशनर्स को पहले ही स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिल रहा था। अब इस बजट में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister Nirmala sitaraman) मंत्री ने नई कर व्यवस्था (new tax regime) अपनाने वाले कर्मचारियों और पारिवारिक पेंशन (family pension) पाने वालों को भी इसका लाभ देने का ऐलान किया है। कर्मचारियों का 50,000 रुपए तक की कटौती (rebate) मिलेगी, वहीं फैमिली पेंशनर्स को 15,000 रुपए की कर कटौती (tax rebate) स्टैंडर्ड डिडक्शन (standard deduction) के रूप में दी जाएगी।
टैक्स छूट क्लेम न करने पर नए टैक्स रिजीम में कितना टैक्स भरना होगा? (If one don’t claim tax rebate how much he has to pay as tax?)
साथियों, अब आपको यह भी बता दें कि यदि करदाता किसी प्रकार की कोई छूट क्लेम (rebate claim) नहीं करता है तो नए टैक्स रिजीम के तहत उसे कितना टैक्स भरना पड़ेगा? दोस्तों, आपको बता दें कि नई टैक्स रिजीम के अंतर्गत 58 हजार रुपए तक की माहवार आमदनी (monthly income) पर टैक्सपेयर को किसी टैक्स का भुगतान (tax payment) नहीं करना पड़ेगा।
आपकी साल भर की आमदनी पर कितना इनकम टैक्स बनता है, इसकी गणना कैसे करेंगे? (How much income tax will be due on annual income? How to calculate it?)
मित्रों, अब हम आपको बताएंगे कि आप अपनी सालाना आय पर इनकम टैक्स की गणना कैसे कर सकते हैं? इसे समझने के लिए हम आपको एक उदाहरण पेश करेंगे –
मान लीजिए कि शशि शेखर की सालाना आय 24 लाख रुपए है। अब इस 24 लाख रुपए को हम ऊपर दिए गए 6 टैक्स स्लैब (tax slab) में रखेंगे। इसके हिसाब से, इनकम टैक्स की गणना इस प्रकार होगी –
आय | टैक्स गणना टैक्स मात्रा |
0 से 3 लाख तक पर टैक्स | 0 रुपए |
3 से 6 लाख रुपए के हिस्से पर टैक्स 3,00,000 का 5% | 15 हजार रुपए |
6 लाख से 9 लाख के बीच वाले हिस्से पर टैक्स 3,00,000 का 10% | 30 हजार रुपए |
9 लाख से लेकर 12 लाख रुपए तक पर टैक्स 3,00,000 का 15% | 45 हजार रुपए |
12 लाख से 15 लाख के बीच वाले हिस्से पर टैक्स 3,00,000 का 20% | 60 हजार रुपए |
15 लाख से अधिक वाले पूरे हिस्से (9 लाख) पर टैक्स 3,00,000 का 30% | 2 लाख 70 हजार रुपए |
इस प्रकार कुल टैक्स देनदारी (Total Tax Liability) 3 लाख 75 हजार रुपए होगी।
मित्रों लेकिन, उसको सिर्फ इतना ही टैक्स नहीं लगेगा। बल्कि, इस इनकम टैक्स पर उसे अलग हेल्थ एंड एजुकेशन सेस (Health And Education Cess) एवं सरचार्ज (Surcharge) भी लगेगा। इस प्रकार शशि शेखर की अंतिम टैक्स देनदारी (Final Tax Liability) तय हो सकेगी।
इनकम टैक्स के साथ हेल्थ एंड एजुकेशन सेस कितना चुकाना होगा? (How much health and education cess will be paid with income tax?)
मित्रों, यदि ऊपर दिए उदाहरण (example) की बात करें तो इनकम टैक्स स्लैब (income tax slab) के हिसाब से जो भी टोटल टैक्स (total tax) बनता है, उस पर 4% हेल्थ एंड एजुकेशन सेस (Health & Education Cess) अलग से लगेगा। यहां आपको साफ कर दें कि इस सेस (Cess) की गणना (calculation) आपकी आमदनी के हिसाब से नही होती, बल्कि सिर्फ इनकम टैक्स के हिसाब से होती हैं। मान लीजिए कि आप पर 1,000 रुपए का बनता है, तो इस पर Health and Education Cess इस राशि का 4% यानी 40 रुपए होगा।
मान लीजिए कि यदि किसी व्यक्ति का इनकम टैक्स 10 हजार रुपए बनता है तो उस पर इसका 4% यानी कि 400 रुपए Health and Education Tax भी लगेगा, जो उसे इसके साथ ही जमा करना होगा। यदि किसी व्यक्ति पर 1 लाख रुपए का इनकम टैक्स बनता है तो उसे सेस 4,000 रुपए भी जोड़कर चुकाना होगा।
बजट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरचार्ज की दर क्या तय की गई है? (How much surcharge rate is fixed for financial year 2023-24 in the budget?)
दोस्तों, आपको बता दें कि यदि किसी करदाता की सालाना आय 50 लाख से अधिक है तो उसे इनकम टैक्स के साथ ही सरचार्ज (Surcharge) भी जोड़कर देना होगा। आपको बता दें कि वित्त वर्ष (financial year) 2023-24 के लिए, सरकार (government) की ओर से निर्धारित सरचार्ज (fixed surcharge) की दरें (rates) इस प्रकार हैं –
इनकम लेवल सरचार्ज रेट
50 लाख से 1 करोड़ के बीच वार्षिक आय पर | इनकम टैक्स का 10% सरचार्ज। |
1 करोड़ से 2 करोड़ के बीच वार्षिक आमदनी पर | इनकम टैक्स का 15% सरचार्ज। |
1 करोड़ से 2 करोड़ के बीच सालाना आय पर | इनकम टैक्स का 25% सरचार्ज। |
5 करोड़ से अधिक सालाना आमदनी आय पर | इनकम टैक्स का 37% सरचार्ज। |
आप इनकम टैक्स कैसे बचा सकते हैं? (How can you save income tax?)
दोस्तों, हम आपको बता ही चुके हैं कि एक फरवरी, 2024 को आए केंद्रीय बजट में सरकार ने मध्यम वर्ग यानी मिडिल क्लास (middle class) के लिए बड़ी राहत दी थी। घोषणा की थी कि लोगों को 7 लाख रुपए तक कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा। हालांकि इससे ज्यादा की सालाना कमाई करने पर आपको 3 लाख रुपए से अधिक की कुल आय पर टैक्स चुकाना होगा। ऐसे में यदि आपकी सालाना आय 9 लाख रुपए से लेकर 12 लाख रुपए के बीच है तो आइए जानते हैं आप कितने रुपए तक की टैक्स छूट के हकदार होंगे।
दोस्तों, यदि आप 7 लाख रुपए से अधिक की वार्षिक कमाई करते हैं तो आपके लिए ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर रहेगा। दोस्तों, आपको बता दें कि यदि आप ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) के तहत टैक्स छूट (tax rebate) का दावा करते हैं तो आप अफोर्डेबल मकान के लिए इनकम टैक्स की धारा 80EEA, इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए लोन पर सेक्शन 80EEB, एजुकेशन लोन (education loan) पर इनकम टैक्स छूट 80E, हाउस रेंट अलाउंस (House rent allowance) के लिए सेक्शन 10 (13A), सेक्शन 80DDB एवं सेक्शन 80G के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
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बजट में टैक्स स्लैब में किस तरह के बदलाव किए गए हैं?
बजट में 7 टैक्स स्लैब की व्यवस्था बदलकर 5 टैक्स स्लैब की नई व्यवस्था लागू की गई है।
इनकम टैक्स स्लैब में यह बदलाव कितने साल बाद हुआ है?
इनकम टैक्स स्लैब में यह बदलाव करीब 8 साल बाद हुआ है।
नए टैक्स स्लैब में कितनी आय को करमुक्त रखा गया है?
नए टैक्स स्लैब में 3 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
नए टैक्स स्लैब की क्या दरें तय की गई हैं?
इन दरों की सूची हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
क्या नए टैक्स रिजीम के साथ ही पुराना टैक्स रिजीम लागू रहेगा?
जी हां, टैक्स पेयर टैक्स का भुगतान ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प चुनकर पुरानी व्यवस्था के अनुसार कर सकते हैं।
बजट में कितनी आय को कर छूट के दायरे में रखा गया है?
बजट में सालाना सात लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स छूट के दायरे में रखा गया है।
50 लाख रुपए सालाना से अधिक आय वाले टैक्सपेयर्स को क्या चुकाना होगा?
50 लाख से अधिक वाले टैक्सपेयर्स को सरचार्ज चुकाना होगा।
सरचार्ज के ये रेट कितने होंगे?
इस संबंध में हमने आपको ऊपर पोस्ट में सारी जानकारी उदाहरण के साथ दी है। आप वहां से पढ़ सकते हैं।
दोस्तों, आपको हमने इस पोस्ट (post) में जानकारी दी कि इनकम टैक्स स्लैब-2023-24 क्या है? उम्मीद है कि इस पोस्ट से आपको नए टैक्स रिजीम (New tax regime) को समझने में मदद मिलेगी। यदि आपका इस पोस्ट को लेकर कोई भी सुझाव अथवा सवाल है तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) कर हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।
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Whether the 10% surcharge is applicable on gross income or taxable income more than 50 lacs. Please clarify.
Regards.
Dr Rohtas Kanwar Yadava
rohtaskryadav@gmail.com
Mobile: 9416052691.
50 लाख से अधिक सालाना आय पर आप पर जो इन्कम टैक्स बनता है, आपको उसका 10% सरचार्ज के तौर पर चुकाना होगा।