आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा, जमानत, जुरमाना एंव बचाव | Section 302 IPC In Hindi
आईपीसी की धारा 302 – इन दिनों आदमी की जिंदगी का कोई भी मोल नहीं रहा है। मामूली सी बात पर भी लोग एक-दूसरे से उलझने, एक-दूसरे की जान लेने से नहीं चूकते। आदमी को
आईपीसी की धारा 302 – इन दिनों आदमी की जिंदगी का कोई भी मोल नहीं रहा है। मामूली सी बात पर भी लोग एक-दूसरे से उलझने, एक-दूसरे की जान लेने से नहीं चूकते। आदमी को
हमारे देश में कानून एवं व्यवस्था यानी लॉ एंड ऑर्डर (law and order) बनाए रखने के लिए भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी (IPC) के तहत कई प्रावधान किए गए हैं। इसमें कई प्रावधान अपराधों पर
जब भी कोई दो लोग आपस में लड़ते हैं तो कई बार बात सिर फोड़ देने तक पर पहुंच जाती है। यह आप और हम सभी जानते हैं कि सिर मानव शरीर का एक बेहद
किरायानामा फॉर्म इन हिंदी – भारत एक विशालकाय देश है। जहां पर विभिन्न धर्म, भाषा, जाति के लोग रहकर अपना जीवन यापन करते हैं।जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा राष्ट्र है। दिनोंदिन भारत
पॉक्सो एक्ट की धारा क्या है? समाज में एकता और भाईचारा बनाए रखने के लिए सभी लोगों का योगदान होना जरूरी है। समाज में एक ओर जागरूकता बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे कुकर्म
कोर्ट से बेल या जमानत कैसे ले? समाज में कई प्रकार के लोग रहते हैं। हर इंसान का स्वभाव, प्रकृति एक सी नहीं होती है। हर इंसान का अलग अलग सोचने का तरीका होता है।
झूठी FIR के खिलाफ क्या करें? हमारे देश में लगभग हर साल जनसंख्या बढ़ती ही जा रही है। यह संख्या बढ़कर करोड़ों तक पहुंच चुकी है। हर बार हम किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे
मानव का व्यक्तित्व बहुत ही विशाल है। मानव जीवन में नित नए चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ना पड़ता है। रास्ते में कई सारे रुकावटें आती है। इन रुकावट की तरफ ध्यान ना देकर