इंकजेट प्रिंटर क्या है? | इंकजेट प्रिंटर के प्रकार, विशेषताएं, फायदे व नुकसान |

|| इंकजेट प्रिंटर क्या है? | Inkjet printer kya hai | इंकजेट प्रिंटर कैसे काम करता है? | इंकजेट प्रिंटर की विशेषताएं | इंकजेट प्रिंटर के फायदे | Inkjet printer ke fayde | इंकजेट प्रिंटर कैसे काम करता है? ||

Inkjet printer kya hai :- हमें किसी भी चीज़ की फोटोकॉपी या प्रिंट निकलवाना होता है तो हम उसे लेकर फोटोकॉपी की दुकान पर जाते हैं। अब हम उसे वह कागज सॉफ्ट कॉपी में या हार्ड कॉपी में प्रिंट निकलवाने के लिए देते हैं। इसके बाद वह दुकानदार उस कॉपी की कितनी भी कॉपी प्रिंट करके निकाल सकता है। पहले के समय में हमें एक से अधिक कॉपी बनाने के लिए उसे अपने हाथ से लिखना पड़ता था और यह बहुत ही मुश्किल काम होता था क्योंकि एक ही चीज़ को बार बार लिखना उबाऊ और कठिन काम (Explain inkjet printer in Hindi) है।

अब समय के साथ साथ बहुत कुछ बदल रहा है और इसमें एक प्रिंट मशीन भी है। इस प्रिंट मशीन की सहायता से हम किसी भी डॉक्यूमेंट या कागज की कितनी भी फोटोकॉपी प्रिंट करवा सकते है। फिर चाहे वह कितनी भी जटिल क्यों ना हो, हमें बस मशीन को एक कमांड देनी होती है और वह चीज़ हुबहू प्रिंट होकर बाहर निकल आती है। ऐसे में आपने प्रिंटर का तो नाम सुना होगा लेकिन क्या आपने इसमें इंकजेट प्रिंटर का नाम सुन रखा है?

अब पहले के समय में जब प्रिंटर आये ही थे तब हर जगह लेजर प्रिंटर का ही इस्तेमाल किया जाता था जिसमें स्याही के रूप में पाउडर का इस्तेमाल किया जाता था। किन्तु समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है और आज के समय में लगभग हर प्रिंट वाली दुकान पर लेजर प्रिंटर की बजाये इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल प्रमुखता के साथ किया जाता है। आज हम आपके साथ इसी विषय पर ही बातचीत करने वाले हैं और आपको बताने वाले हैं कि यह इंकजेट प्रिंटर क्या होता है।

इंकजेट प्रिंटर क्या है? (Inkjet printer kya hai)

इंकजेट प्रिंटर को समझने से पहले आपको यह समझना जरूरी है कि यह प्रिंटर क्या होता है और कैसे काम करता है। तो प्रिंटर एक ऐसी मशीन होती है जो किसी भी डॉक्यूमेंट या कागज पर छपे अक्षर, शब्द व चित्र को उसी तरह ही दूसरे कागज पर उतारने में सक्षम होती है। वह उस पहले वाले कागज की कॉपी करती है और उसे कितने भी अलग अलग कागजों पर वैसा का वैसा उतारने या प्रिंट करने में सक्षम होती है। इसी कारण ही उसे प्रिंटर मशीन कहा जाता (Inkjet printer kya hota hai) है।

Inkjet printer kya hai

तो इसके लिए उस प्रिंटर मशीन में कई तरह के यंत्र लगे होते हैं जो पहले तो उस कागज की नकल करते हैं और यह देखते हैं कि उस कागज में कहाँ पर क्या छपा हुआ है और किस तरह से और किस रंग में छपा हुआ है। यह देखकर अब प्रिंटर मशीन अपने यहाँ छपाई वाले उपकरणों को दूसरे कागज पर उसी तरह की नकल उतारने को कहती है जिसके बाद वह अपने अंदर स्थित स्याही का इस्तेमाल कर उसकी नकल करते हैं। इस तरह से उस कागज का हुबहू प्रिंट निकल कर तैयार हो जाता है जो आप उपयोग में ले सकते हैं।

अब प्रिंटर के कई तरह के प्रकार होते हैं जिसमें से आज के समय में सबसे ज्यादा प्रचलन में इंकजेट प्रिंटर ही है। इस तरह के प्रिंटर में कागज को प्रिंट करने के लिए स्याही के रूप में गीली इंक का उपयोग किया जाता है। अब जिस तरह से हम पेन की सहायता से कागज पर लिखते हैं तो उसमें गीली स्याही ही होती है। ठीक उसी तरह की गीली स्याही इस इंकजेट प्रिंटर में डाली जाती है जो कागज का प्रिंट निकालने का काम कर रही होती (Inkjet printer kya hai in Hindi) है।

इस तरह का प्रिंटर इस्तेमाल में तो बहुत लिया जाता है लेकिन लेजर प्रिंटर की तुलना में इसका रखरखाव किया जाना और उसमे लगने वाला खर्चा अधिक होता है। हालाँकि लेजर प्रिंटर का महत्व आज के समय में बहुत कम हो चला है और उसकी जगह इंकजेट प्रिंटर का ही उपयोग किया जा रहा है। इसी कारण आपको हर जगह इंकजेट प्रिंटर ही उपयोग में आते हुए (Inkjet printer details in Hindi) दिखेंगे।

इंकजेट प्रिंटर कैसे काम करता है? 

इंकजेट प्रिंटर क्या होता है, यह जानने के बाद इसके काम करने के तरीके के बारे में भी जानना जरुरी हो जाता है। तो इंकजेट प्रिंटर एक ऐसा प्रिंटर होता है जहाँ पर प्रिंट करने के लिए गीली स्याही का इस्तेमाल किया जाता है और उसके अनुसार ही यह कार्य करता है। हालाँकि इसमें कई तरह के रंगों की स्याही होती है जिसमें लाल, पीली, नीली इत्यादि कुछ भी हो सकती है। लेजर प्रिंटर में केवल ब्लैक एंड वाइट ही प्रिंट निकल सकता है जबकि इंकजेट प्रिंटर में सभी तरह की स्याही होने के कारण इसमें कलर्ड प्रिंट भी निकल सकता है।

तो हम यहाँ इंकजेट प्रिंटर की कार्यप्रणाली या फिर यह कैसे काम करता है, इसके बारे में जानना चाह रहे हैं। तो आइये चरणबद्ध तरीके से आपको बताते हैं कि आखिरकार यह इंकजेट प्रिंटर काम कैसे करता है।

  • सबसे पहले तो हमें इंकजेट प्रिंटर को अपने कंप्यूटर या लैपटॉप की डिवाइस से कनेक्ट करना होता है। इसे हम USB केबल से कनेक्ट कर सकते हैं ताकि वह कंप्यूटर से मिली जानकारी पर काम कर सके।
  • अब हमें कंप्यूटर में उस फाइल या डॉक्यूमेंट को खोलना है जिसे हम प्रिंट करवाना चाहते हैं। उस फाइल को खोलने के बाद वहीं पर उसे प्रिंट करने का विकल्प होगा जिस पर आपको क्लिक करना है।
  • अब आपको यह सेलेक्ट करना है कि आप किस रूप में उस डॉक्यूमेंट का प्रिंट निकलवाना चाहते हैं। उदाहरण के तौर पर ब्लैक एंड वाइट या कलर्ड, एक प्रिंट या कई प्रिंट, किस फॉर्मेट का प्रिंट इत्यादि।
  • जैसे ही आप उसे प्रिंट करने का ऑर्डर देते हैं तो कंप्यूटर यह जानकारी अपने साथ जुड़े इंकजेट प्रिंटर को दे देता है।
  • इंकजेट प्रिंटर को जैसे ही उस दस्तावेज को प्रिंट करने की जानकारी मिलती है तो वह एक्टिवेट हो जाता है। एक्टिवेट होते ही उसके अंदर के सभी फंक्शन कार्य करना शुरू कर देते हैं।
  • सबसे पहले तो वह उस दस्तावेज़ की एक नकल उठा लेता है और उसमें कौन सा अक्षर, शब्द व चित्र कहाँ पर और किस रंग व फॉर्मेट में छपा हुआ है, उसे देख लेता है।
  • अब इंकजेट प्रिंटर में दो तरह के कार्टेज लगे होते हैं जिसमें से ऊपर वाले कार्टेज में काले रंग की स्याही लगी होती है जबकि नीचे वाले कार्टेज में अलग अलग रंग की स्याही होती है।
  • इसी के नीचे ही एक हैड लगा होता है जिस पर एक बारीक नोजिल लगी होती है जो दूसरे कागज पर प्रिंट करने के लिए उपयोग में लायी जाती है।
  • अब इस नोजिल के ऊपर ही रंग गिरता है और वह उस कागज पर डॉक्यूमेंट की भांति ही उतारी गयी नकल को प्रिंट करने लगती है।
  • इसमें उसी तरह का रंग गिरता है जिस तरह का डॉक्यूमेंट में दिखाया गया है ताकि वह हुबहू प्रिंट हो।
  • यह नोजिल हर तरह के फॉर्मेट वाले शब्द लिखने और चित्र का प्रिंट निकालने में माहिर होती है क्योंकि उसे बस वैसा का वैसा कॉपी ही करना होता है।

तो इस तरह से हम इंकजेट प्रिंटर में जो भी डॉक्यूमेंट प्रिंट करवाने के लिए डालते हैं, वह वैसा का वैसा ही प्रिंट होकर हमारे सामने निकल आता है। इसमें किसी भी तरह का अंतर देखने को नहीं मिलता है और उसका भी हम वैसे ही इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे हम पहले वाले का कर रहे थे।

इंकजेट प्रिंटर के प्रकार (Inkjet printer ke prakar)

अब आपने इंकजेट प्रिंटर क्या होता है सहित उसकी कार्यप्रणाली के बारे में भी जान लिया है। तो अब आपको यह भी पता होना चाहिए कि इंकजेट प्रिंटर के कौन कौन से प्रकार या श्रेणियां होती (Inkjet printer types in Hindi) है। दरअसल इंकजेट प्रिंटर को उसके काम करने की प्रणाली के आधार पर तीन तरह की श्रेणियों या यूँ कहें कि प्रकारों में बांटा गया है। ऐसे में अब हम आपके सामने इंकजेट प्रिंटर के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी रखने जा रहे हैं।

सिंगल फंक्शन इंकजेट प्रिंटर (Single Function Inkjet Printers)

इस तरह के इंकजेट प्रिंटर को इस्तेमाल में लाना बहुत ही सरल व प्रभावी होता है। हालाँकि यह कुछ कुछ लेजर प्रिंटर के जैसे ही होते हैं क्योंकि इनमें काले और सफेद रंग की स्याही का ही उपयोग प्रमुखता के साथ किया जाता है। इस तरह के प्रिंटर का इस्तेमाल मुख्य तौर पर निजी रूप में किया जाता (Types of Inkjet printer in Hindi) है। हालाँकि इसमें काले और सफेद रंग की स्याही के अलावा अन्य स्याही का भी उपयोग किया जा सकता है। इस तरह के इंकजेट प्रिंटर आपको मुख्य तौर पर घरों और दुकानों पर मिल जाएंगे।

मल्टी फंक्शन इंकजेट प्रिंटर (Multifunction Inkjet Printers)

इस तरह के प्रिंटर को हम ऑल इन वन प्रिंटर भी कह सकते हैं जिसमें कई तरह के फंक्शन इस्तेमाल में लाये जाते हैं। यहाँ पर आप केवल प्रिंट करने का काम ही नहीं करते हैं बल्कि डाक्यूमेंट्स को स्कैन करना, उनकी फोटोकॉपी निकालना इत्यादि काम भी सरलता से किये जा सकते हैं। इस तरह के इंकजेट प्रिंटर का उपयोग मुख्य तौर पर बड़े ऑफिस या दुकानों में किया जाता है।

फोटो इंकजेट प्रिंटर (Photo Inkjet Printer)

अब इस तरह के इंकजेट प्रिंटर मुख्य तौर पर थोड़े महंगे होते हैं जिनका ज्यादा ध्यान रखे जाने की आवश्यकता होती है। इस तरह के इंकजेट प्रिंटर को उच्च गुणवत्ता की फोटोज को निकालने और वो भी उन्हीं रंगों में प्रिंट करवाने के लिए किया जाता है। आज के समय में फोटोज और तरह तरह की इमेजेज का प्रचलन बहुत ही तेजी के साथ बढ़ रहा है। ऐसे में उन्हें देखते हुए हमें फोटो इंकजेट प्रिंटर की आवश्यकता भी महसूस होती है और इसी कारण यह बिक भी रहे हैं।

इंकजेट प्रिंटर की विशेषताएं

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि प्रिंटर के कई तरह के प्रकार होते हैं लेकिन उनमे से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और प्रचलन में लेजर प्रिंटर व इंकजेट प्रिंटर ही होते हैं। साथ ही यह भी बताया कि लेजर प्रिंटर का उपयोग पहले के समय में ज्यादा किया जाता था लेकिन वर्तमान में इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन ऐसा क्यों? इसका उत्तर आपको इंकजेट प्रिंटर की विशेषताओं को पढ़ कर मिल जाएगा। तो आइये जाने क्यों आज के समय में इंकजेट प्रिंटर का उपयोग इतनी तेजी के साथ बढ़ रहा है।

  • इंकजेट प्रिंटर के द्वारा जो छपाई की जाती है उसमें गीली स्याही का उपयोग किया जाता है जो पाउडर की तुलना में टिकाऊ होती है। इसमें की गयी छपाई कई दिनों की बजाये वर्षों तक टिकी रहती है।
  • पाउडर वाली स्याही की तुलना में गीली स्याही कुछ वैसी ही होती है जैसे हम हाथ से लिखते हैं। हाथ से लिखते समय हम पेन का उपयोग करते हैं जिसमें गीली स्याही होती है तो कुछ उसी तरह का काम इंकजेट प्रिंटर की सहायता से भी हो जाता है।
  • इंकजेट प्रिंटर की सहायता से हम ब्लैक एंड वाइट के साथ साथ कलर्ड प्रिंट भी निकलवा सकते हैं जो आज के समय में बहुत ज्यादा आवश्यक भी है और टिकाऊ भी।
  • इसके द्वारा ऐसे ऐसे चित्रों का प्रिंट निकलवाया जा सकता है जो बहुत ही जटिल होते हैं और जिनमें बारीक चित्रकारी की गयी होती है। इंकजेट प्रिंटर उन्हें भी एकदम वैसा का वैसा प्रिंट कर निकलवाने में सक्षम होता है।
  • इसमें कई तरह के प्रकार आते हैं और आप अपने इस्तेमाल के अनुसार उन प्रकारों में से किसी एक को चुन सकते हैं।

इस तरह से इंकजेट प्रिंटर की कई तरह की विशेषताएं होती है जो उसे बाकियों से भिन्न बनाती है। ऐसे में इंकजेट प्रिंटर का उपयोग तेजी के साथ बढ़ रहा है और लोग इसी को ही महत्व दे रहे हैं।

इंकजेट प्रिंटर के फायदे (Inkjet printer ke fayde)

अब आपको साथ के साथ इंकजेट प्रिंटर से मिलने वाले फायदों के बारे में भी जान लेना चाहिए। तो ऊपर आपने इंकजेट प्रिंटर का उपयोग किये जाने पर उसकी विशेषताओं के बारे में तो जान ही लिया है लेकिन उससे हमें क्या कुछ फायदे देखने को मिल सकते हैं, इसके बारे में भी जानकारी ली जानी आवश्यक हो जाती है। ऐसे में इंकजेट प्रिंटर की सहायता से आपको जो कुछ भी फायदे होते हैं, उनकी जानकारी इस प्रकार (Benefits of Inkjet printer in Hindi) है:

इसमें आपको लम्बे समय तक छपाई के टिके रहने, हाथ के जैसा लिखे जाने और कलर्ड वाले फायदे तो मिलते ही हैं बल्कि इनके अलावा भी कई तरह के लाभ होते हैं जो देखने को मिलते हैं। इंकजेट प्रिंटर की सहायता से आप एक बारी में बहुत तरह के और वो भी अलग अलग तरह की कमांड दे सकते हैं। इसके जो मल्टी फंक्शन और फोटो वाले प्रकार हैं वो बहुत ही मुश्किल सरंचनाओं को प्रिंट करने में सक्षम होते हैं। साथ ही इसमें हर तरह के निर्देशों को एक साथ दिया जा सकता है जो इसके ज्यादा फंक्शनल होने में काम करता है।

इंकजेट प्रिंटर के नुकसान (Inkjet printer ke nuksan)

अब जिस चीज़ के कुछ फायदे होते हैं तो अवश्य ही उसके कुछ नुकसान भी होते होंगे। ऐसे में इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल करने के भी अपने कुछ कुछ नुकसान देखने को मिलते हैं। ऐसे ही कुछ नुकसानों में इसका महंगा होना और साथ ही रखरखाव में लेजर प्रिंटर की तुलना में ज्यादा खर्चा मांगना भी शामिल है। तो इंकजेट प्रिंटर लेजर प्रिंटर की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं और इनके रखरखाव में भी बहुत ध्यान रखना पड़ता है।

साथ ही लेजर प्रिंटर में तो स्याही के रूप में पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है जबकि इंकजेट प्रिंटर में गीली स्याही का इस्तेमाल किया जाता है जो समय के साथ साथ सूख जाती है। इंकजेट प्रिंटर में निर्देश तो कई लिए जाते हैं लेकिन उन पर काम लेजर प्रिंटर की तुलना में धीमी गति से होता है और इनके ख़राब होने की संभावना भी ज्यादा बनी रहती है। कुल मिलाकर इंकजेट प्रिंटर काम तो बढ़िया करके देते हैं लेकिन इन्हें संभालना थोड़ा जटिल होता है।

इंकजेट प्रिंटर क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: इंकजेट प्रिंटर क्या होता है?

उत्तर: इस तरह के प्रिंटर में कागज को प्रिंट करने के लिए स्याही के रूप में गीली इंक का उपयोग किया जाता है

प्रश्न: इंकजेट प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: इंकजेट प्रिंटर के तीन मुख्य प्रकार के बारे में जानकारी हमने ऊपर के लेख के माध्यम से दी है।

प्रश्न: इंकजेट प्रिंटर कैसे काम करता है?

उत्तर: इंकजेट प्रिंटर के काम करने के तरीके के बारे में हमने ऊपर के लेख में विस्तार से बताया है।

प्रश्न: इंकजेट प्रिंटर के फायदे क्या है?

उत्तर: इंकजेट प्रिंटर के विभिन्न फायदे हमने ऊपर के लेख में बताए हैं जो आपको पढ़ने चाहिए।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने इंकजेट प्रिंटर क्या है इसके बारे में जानकारी हासिल कर ली है। साथ ही आपने जाना कि इंकजेट प्रिंटर काम कैसे करता है इसके प्रकार क्या हैं इसकी विशेषताएं, फायदे और नुकसान क्या हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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