आईएनएस मोरमुगाओ क्या है? What is INS Mormugao?

जय हिंद ! जय हिंद की सेना !! यह नारा आपने बहुत बार सुना होगा। अब तक हुए सभी युद्धों में हमारे देश की सेनाएं हर परीक्षा में खरी उतरी हैं। हमारी सेनाओं एवं सैनिकों को विभिन्न प्रकार के आधुनिक आयुध एवं हथियारों से मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार समय-समय पर तमाम तरह के कदम उठाती हैं। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना (Indian Navy) को अब आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) की सौगात मिली है। आज इस पोस्ट में आपको आईएनएस मोरमुगाओ के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आपको बस यह पोस्ट शुरू से अंत तक पढ़नी होगी, ताकि आईएनएस मोरमुगाओ से जुड़ी कोई भी जानकारी आपसे मिस न हो। आइए, शुरू करते हैं-

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आईएनएस का क्या अर्थ है? (What is the meaning of INS?)

साथियों, इससे पूर्व कि हम आपको आईएनएस मोरमुगाओ के बारे में जानकारी दें, हमारे लिए आईएनएस (INS) का अर्थ समझना आवश्यक है। मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि आईएनएस (INS) का अर्थ इंडियन नेवल शिप (Indian Naval Ship) है। इससे पूर्व इन्हें एचएमएस (HMIS) एवं हिज मैजेस्टीज इंडियन शिप (His Majesties Indian Ship) पुकारा जाता था। इसकी वजह यह थी कि भारतीय सैन्य बल ब्रिटिश क्राउन (British crown) के अधीन थे।

26 जनवरी, 1950 को भारत का अपना संविधान (constitution) लागू होने यानी भारतीय संघ यानी रिपब्लिक ऑफ इंडिया (republic of India) बनने के बाद यह इंडियन नेवल शिप यानी आईएनएस (INS) पुकारा गया। आईएनएस के पास वर्तमान में करीब 150 शिप (ship) एवं सब-मरीन (sub-marine) है।

आईएनएस मोरमुगाओ क्या है? What is INS Mormugao?

आईएनएस मोरमुगाओ क्या है? (What is INS Mormugao?)

मित्रों, आइए अब बात आईएनएस मोरमुगाओ की करते हैं। आपको जानकारी दे दें कि आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) भारतीय नौसेना (Indian Navy) का एक शक्तिशाली युद्धपोत है, जो विध्वंसक मिसाइल (destroyer missile) एवं रॉकेट लांचर (rocket launcher) से लैस है। भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15B स्टील्थ गाइडेड मिसाइल (stealth guided missile) लैस विध्वंसक युद्धपोत को 18 दिसंबर, 2022 को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया है।

इस युद्धपोत की कमीशनिंग (commissioning) भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence minister Rajnath Singh) द्वारा मुंबई (Mumbai) स्थित नौसेना के डॉकयार्ड (Dockyard) में की गई। आपको बता दें दोस्तों कि इस युद्धपोत को पिछले वर्ष यानी 2021 में 19 दिसंबर के दिन टेस्टिंग एवं ट्रायल (testing and trial) के लिए समुद्र में उतारा गया था।

आईएनएस मोरमुगाओ का निर्माण किसने किया है? (Who has made INS Mormugao?)

दोस्तों, अब आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि भारतीय नौसेना को शक्तिशाली बनाने वाली इस युद्धपोत को किसने बनाया है? तो आपको बता दें कि दोस्तों कि इस पोत का निर्माण मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई (Majhgaon dock ship builders limited, Mumbai) द्वारा किया गया है। इसका डिजाइन (design) भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन (indeginious organization) द्वारा तैयार किया गया है। यह आणविक, जैविक एवं रासायनिक युद्ध परिस्थितियों (atomic, biological and chemical war conditions) से निपटने में भी सक्षम है।

आपको बता दें दोस्तों कि प्रोजेक्ट 15 बी के अंतर्गत आज से करीब 11 वर्ष पूर्व 28 जनवरी, सन् 2011 को मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड के साथ चार जहाजों के लिए अनुबंध यानी करार (contract) किया गया था। इस प्रोजेक्ट का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम INS (vishakhapatnam) को पिछले वर्ष यानी 2021 में 21 नवंबर के दिन भारतीय नौसेना में कमीशन किया जा चुका है। यह इस प्रोजेक्ट का दूसरा स्वदेशी जहाज है।

आईएनएस मोरमुगाओ कितने समय में बनकर तैयार हुआ? (How much time INS Mormugao took for completion?)

दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं कि युद्धपोत का निर्माण कोई एक दो महीने या साल-दो साल की बात नहीं, इसमें लंबा समय लगता है। आज हम आईएनएस मोरमुगाओ की बात कर रहे हैं तो आपको बता दें कि इसके निर्माण में कुल पांच वर्ष का समय लगा है। इस युद्धपोत का निर्माण सितंबर, सन् 2016 में प्रारंभ हुआ था। इसे समुद्र में ट्रायल के लिए जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं, 19 दिसंबर, सन् 2021 को उतारा गया था।

आईएनएस मोरमुगाओ की क्या क्या विशेषताएं हैं? (What are the specialities of INS Mormugao?)

अब आते हैं आईएनएस मोरमुगाओ की खासियत पर। मित्रों, आपको बता देते हैं कि इस स्टील्थ गाइडेड विध्वंसक मिसाइल युद्धपोत का 75 प्रतिशत भाग पूरी तरह से स्वदेशी है। इसे आत्मनिर्भर भारत (atmanirbhar bharat) के तहत निर्मित किया गया है। इस युद्धपोत की अन्य खासियतें इस प्रकार से हैं-

  • यह भारत द्वारा निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोत में गिना जा रहा है।
  • यह पलक झपकते ही 48 समुद्री मील तक की स्पीड पकड़ सकता है।
  • यह युद्धपोत 30 नाट्स यानी 55 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड ले सकता है।
  • इस युद्धपोत की बाहरी परत स्टील की बनी है, ऐसे में दुश्मन का कोई भी रडार (Radar) पोत को आसानी से नहीं पकड सकता।
  • इस युद्धपोत में ब्रहमोस (brahmos) एवं बराक-8 (barak-8) जैसी जमीन से जमीन एवं जमीन से हवा में मारने में सक्षम मिसाइलें लगी हैं।
  • यह शक्तिशाली रॉकेट लांचर, तारपीडो लांचर, एवं एसएडब्ल्यू हेलीकाप्टर से भी लैस है।
  • इस युद्धपोत का वजन 7400 टन है।
  • इस युद्धपोत की लंबाई 163 एवं चौड़ाई 17 मीटर है।
  • इस युद्धपोत में लगी गाइडेड मिसाइल को सीओजीएजी (CGOAG) पैमाने की चार गैस टरबाइनों (Gas turbines) से ताकत मिलती हे।
  • इस युद्धपोत में इजराइल (Israel) का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट (multi function servilliance threat alert) एमएफ स्टार (MF Star) नाम का रडार भी लगा है।
  • इसमें इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम (integrated platform management system), फोल्डेबल हैंगर डोर (foldable hanger door) भी लगा है।

इस विध्वंसक युद्धपोत को मोरमुगाओ का नाम क्यों दिया गया है? (Why this destroyer warships has been given the name Mormugao?)

अब आप सोच रहे होंगे युद्धपोत का मोरमुगाओ भी क्या नाम हुआ भला? इसका क्या अर्थ होता होगा? तो दोस्तों आपको बता दें कि इस युद्धपोत का नाम गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम मोरमुगाओ के नाम पर रखा गया है। आपको बता दें कि 19 दिसंबर, 2021 को गोवा के पुर्तगाली शासन से आजाद हुए 60 साल पूरे हुए थे। इसी यादगार दिन की पूर्व संध्या पर इस साल इस पोत की कमीशनिंग की गई है, जिसे बेहद अहम माना जा रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा कहा गया कि यह युद्धपोत रक्षा उपकरण तैयार करने में देश की क्षमता का सबसे बड़ा उदाहरण है। आने वाले समय में हम केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया भर की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी युद्धपोत का निर्माण करेंगे। युद्धपोत को भारतीय नौसेना प्रमुख आर हरिकुमार भी बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं।

मोरमुगाओ को नौसेना में शामिल करना अहम क्यों माना जा रहा है? (Why commissioning of Mormugao is being assumed so important?

दोस्तों, अब जान लेते हैं कि मोरमुगाओ युद्धपोत की नौसेना में कमीशनिंग को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है? दरअसल, हिंद महासागर क्षेत्र (Hind mahasagar) में चीन का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना बेहद अहम माना जा रहा है। क्योंकि युद्धपोत के नौसेना में शामिल होने के बाद हमारी सेना की ताकत में खासा इजाफा हो जाएगा।

हिंद महासागर में हमारे देश की पहुंच बढ़ेगी, इसके साथ ही देश की समुद्री सीमाओं (sea borders) की सुरक्षा भी मजबूत होगी। हमारे देश की सीमाओं तक चीन में अपनी सड़कें पहुंचा दी हैं। तवांग को लेकर मामला गरमाया हुआ ही है। ऐसे में नौसेना की शक्ति को बढ़ाया जाना भारत या कह लीजिए कि केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है।

विध्वंसक युद्धपोत का नाम एक शहर के पीछे रखने की क्या वजह है? (What is the reason behind war ship given the name of a city?)

मित्रों, आपको बता दें कि भारतीय सेना के विध्वंसक युद्धपोतों के नाम महत्वपूर्ण शहरों अथवा ऐतिहासिक भारतीय योद्धाओं अथवा नदियों के नाम पर रखे जाते हैं। जैसे कि आईएनएस राजपूत, आईएनएस रणवीर, आईएनएस रणविजय, आईएनएस राणा, आईएनएस गोदावरी, आईएनएस गोमती, आईएनएस गंगा, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि, आईएनएस चेन्नई, आईएनएस दिल्ली, आईएनएस मैसूर, आईएनएस मुंबई आदि।

नौसेना के मामले में भारत दुनिया में किस स्थान पर है? (Indian Navy is in which place in the world?)

साथियों, आपको जानकारी दे दें कि नौसेना के मामले में हमारा देश भारत दुनिया भर में पांचवे स्थान पर है। चीन (china) की नौसेना दुनिया में सबसे बड़ी है। इसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (Peoples liberation Army Navy) यानी प्लान (PLAN) पुकारा जाता है। इसके बेड़े में आज से सात वर्ष पूर्व सन् 2015 में 255 बैटलफोर्स शिप (battle force ship) शामिल थे। महज पांच साल के अंतराल में यानी कि साल 2020 तक उसकी नौसेना के पास कुल बैटलफोर्स शिप की संख्या बढ़कर 360 पहुंच गई।

आपको बता दें दोस्तों कि यह अमेरिकी नौसेना (American Navy) की कुल शिप से 60 ज्यादा थी। उसके पास कुल 296 वारशिप हैं। आपको बता दें कि चीन में इस वर्ष 2022 की शुरूआत में TYPE-003 पोत को शामिल किया गया है। जिन देशों की नौसेना को दुनिया में मजबूत माना जाता है, उनमें चीन, अमेरिका के साथ ही रूस (Russia), जापान (Japan), ब्रिटेन (Britain) एवं भारत (India) शामिल हैं।

आईएनएस युद्धपोत क्या है?

आईएनएस युद्धपोत एक स्टील्थ गाइडेड मिसाइल एवं राकेट लांचर लैस युद्धपोत है।

इसे भारतीय नौसेना में कब शामिल किया गया है?

इसे भारतीय नौसेना में 18 दिसंबर, 2022 को शामिल किया गया है।

इस युद्धपोत को मोरमुगाओ का नाम कहां से मिला है?

मोरमुगाओ गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर का नाम है, इसी नाम पर युद्धपोत का नाम दिया गया है।

इस युद्धपोत का कितना वजन है?

इस युद्धपोत का वजन 7400 टन है।

युद्धपोत का निर्माण किस अभियान के अंतर्गत हुआ है?

इसका निर्माण आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत हुआ है।

क्या यह युद्धपोत पूरी तरह स्वदेशी है?

इस युद्धपोत का 75 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है।

युद्धपोत पलक झपके ही कितनी स्पीड पकड़ सकता है?

यह युद्धपोत पलक झपकते ही 48 मील तक की स्पीड पकड सकता है।

इस युद्धपोत के नौसेना में शामिल होने को महत्वपूर्ण क्यों माना जा रहा है?

चीन के हिंद महासागर में हस्तक्षेप को देखते हुए इस युद्धपोत के नौसेना में शामिल होने को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

युद्धपोत मोरमुगाओ की कमीशनिंग किसके द्वारा हुई है?

इस युद्धपोत की कमीशनिंग भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा की गई है।

मोरमुगाओ युद्धपोत का निर्माण किसके द्वारा किया गया है?

मोरमुगाओ युद्धपोत का निर्माणमझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा किया गया है।

मोरमुगाओ युद्धपोत का निर्माण कब शुरू हुआ था?

इस युद्धपोत का निर्माण सितंबर, सन् 2016 में प्रारंभ हुआ था।

मोरमुगाओ युद्धपोत का ट्रायल कब हुआ?

पिछले वर्ष यानी सन् 2021 को 19 दिसंबर के दिन इस युद्धपोत को पहली बार ट्रायल के लिए समुद्र में उतारा गया।

भारतीय नौसेना दुनिया में किस स्थान पर है?

इस वक्त भारतीय नौसेना दुनिया में पांचवें स्थान पर है।

दोस्तों, हमने अभी आपको बताया कि आईएनएस मोरमुगाओ क्या है? उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में इजाफा हुआ होगा। यदि इस पोस्ट पर आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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